सूफ़ी—संतों का संदेश, इंसानियत और भलाई का करें काम
अयाज़ अहमद
सीतापुर। सुल्तानुल हिन्द ख़्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती अजमेरी हसन संजरी अलैहिर्रहमा के 812 वें उर्स के अवसर पर क़स्बा खैराबाद में विभिन्न दरगाहों पर क़ुरआन ख़्वानी, क़व्वाली तथा कुल शरीफ़ का आयोजन किया गया। सबसे पहले सुबह 10 बजे दरगाह हज़रत छोटे मख़्दूम साहब में सज्जादानशीन सैय्यद अज़ीज़ुल हसन रिज़वी मदनी मियां की सरपरस्ती में कुल शरीफ़ हुआ। उसके बाद दरगाह हज़रत बड़े मख़्दूम साहब में एक बजे सज्जादानशीन नजमुल हसन शोएब मियां की सरपरस्ती में कुल शरीफ़ सम्पन्न हुआ।
शाम पांच बजे दरगाह सैय्यद मक़बूल अनवर क़लन्दर अलैहिर्रहमा में सज्जादानशीन सैय्यद तरीक अहमद किरमानी एवं सैय्यद लईक अहमद किरमानी और हज़रत मख़्दूम सैय्यद अब्दुर्रहीम रहीमाबादी की दरगाह रहीमाबाद में मतवल्ली डॉ सैय्यद आसिफ़ अली की सरपरस्ती में भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
बड़े मख़्दूम साहब के सज्जादानशीन शोएब मियां ने कहा कि आज भारत में सूफ़ी संतों एवं ऋषि मुनियों की आराम गाह हम सबको इस बात का सन्देश देती हैं कि हमें अच्छे रास्ते पर चलकर इंसानियत और भलाई का काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि अपने पास—पड़ोस मोहल्ले वालों और रिश्तेदारों का भी ख्याल करें, अगर आपका कोई पड़ोसी भूखा है तो उसकी भूख का भी खयाल किया करें।
उन्होंने कहा कि आज मुसलमानों ने इस्लाम की शिक्षा को भुला दिया है। इस अवसरों पर सैय्यद ज़िया अल्वी, मखदूम खादिम शाह सफी सफीपुर शरीफ़ के सज्जादानशीन सैय्यद लायक़ मियां, हाफिज निजामुद्दीन खुसरो बाड़ी, सैय्यद वसीक अहमद किरमानी, सैय्यद लईक अहमद किरमानी, हाफिज सैय्यद शारिक किरमानी, सैय्यद इमरान किरमानी, काजिम हुसैन सिद्दीकी, क़ारी इस्लाम अहमद आरफ़ी, टीटू खान, हमज़ा सिद्दीकी, तशहीर सिद्दीकी आदि लोग मौजूद रहे।
Jan 19 2024, 09:56