*यूपी का दूसरा प्रयाग, जहां माघ में गंगा की गोद में 29 साल से बस रही है तम्बुओं की नगरी*

नितेश श्रीवास्तव

भदोही काशी-प्रयाग के मध्य स्थित भदोही जिले के सेमराध में कल्पवास मेले का शुभारंभ हो गया है। मकर माघ कल्पवास मेले का यह 29वां वर्ष है। 01 जनवरी 2024 को मां गंगा व बाबा सेमराधनाथ के पूजन व धर्म ध्वजारोहण, भूमिपूजन के साथ सेमराध में मां गंगा की गोद में रेती पर तैयारियां शुरू हुईं थीं। 14 जनवरी से कल्पवासियों का मेले में आना शुरू हो गया है। मेला समिति के अध्यक्ष महंथ करुणा शंकर दास ने बताया कि 25 जनवरी से मेले की भव्यता बढ़ेगी, कल्पवासियों की संख्या में भी वृद्धि हो जाएगी।

अध्यात्म और सनातन धर्म का प्रतीक यह 'कल्पवास' 24 फरवरी तक चलेगा। गंगा की रेती में तम्बुओं की नगरी बस चुकी है। कल्पवासियों का आना यहां शुरू है। 15 जनवरी मकर संक्रांति के अवसर पर हजारों श्रद्धालुओं ने सेमराध के पवित्र घाट पर गंगा में आस्था की डुबकी लगाई और घाट पर बसे बाबा सेमराध नाथ के दरबार में मत्था टेका। प्रशासन व मेला समिति के ओर से कल्पवास परिक्षेत्र में आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की गईं हैं। कल्पवास मेले में बिजली, पानी, टॉयलेट आदि की उपलब्धता कराई गई है। जाने आने हेतु रास्ते बनाएं गए हैं एवं रेती में चकरप्लेट बिछाई गई है। आग जलाने हेतु लकड़ियां आदि भी मंगाईं गईं हैं।

पूरे कल्पवास मेले के दौरान भंडारा भी संचालित होगा। खास बात यह है कि कल्पवासियों के लिए रहने के लिए लगाई जाने वाली छावनी (तंबू) का फिलहाल कोई शुल्क नही है। मेला अध्यक्ष बताते हैं कि बेहद कम पैसे में यहां कल्पवास का पुण्य कमाया जा सकता है। मेले में लगातार अखंड हरिकीर्तन चलेगा, साथ ही विद्वतजनों द्वारा प्रवचन व राम कथा भी की जाएगी। बसंत पंचमी से नौ दिनी शतचंडी महायज्ञ भी होगा। धार्मिक अनुष्ठानों से समूचा इलाका भक्ति भाव से सराबोर रहेगा। 22 जनवरी को अयोध्या में होने वाले श्रीराम की प्राण-प्रतिष्ठा के दिन भी कल्पवास क्षेत्र में विशेष पूजा-पाठ के कार्यक्रम होंगें।

स्वप्न प्रेरणा (संदेश) के बाद हुई थी कल्पवास की शुरुआत

महंथ करुणा शंकर दास ने बताया कि मेरे गुरु ब्रह्मलीन स्वामी रामशंकर दास महाराज, जो मिथिला के मधुबनी से सेमराध साल 1990 में आए। उन्हें दिसंबर 1995 में स्वप्नवत संदेश मिला, कि सेमराध नाथ धाम महातीर्थ है। सेमराध नाथ धाम पंचवटी धाम नगरदह गांव से उत्तर वाहिनी इब्राहिमपुर घाट तक लगभग 5 किलोमीटर लंबा और 2 किलोमीटर चौड़ा क्षेत्र है। स्वप्नवत आदेश हुआ कि तुम प्रयाग नही सेमराध में कल्पवास शुरू करो। उसके बाद 14 जनवरी 1996 में महाराज ने 15 से 20 लोगों के साथ सेमराध गंगा घाट पर कल्पवास की शुरुआत की। पूरे माह तक अखंड दीप वहां जला। मेले की समाप्ति के बाद दीप खुली आसमान और ओस के नीचे पूरी रात जलता रहा, तो लोग आश्चर्यचकित हुए। फिर महाराज ने दीप को लाकर सेमराध नाथ धाम के गर्भ गृह में रखवा दिया जो अब भी अखंड रूप से जल रहा है। 02 साल तक मेला वैसे ही चला फिर धीरे-धीरे प्रशासनिक सहयोग व हस्तक्षेप बढ़ता गया।

सेमराध कल्पवास करने का विशेष पुण्य और महत्व

करुणा दास महाराज ने कहा कि यहां कल्पवास करने पर भगवान श्री हरि विष्णु के साथ-साथ भगवान शिव की भी कृपा भक्त पर बनती है। अवगत हो कि हरिद्वार, नासिक, उज्जैन और प्रयागराज के बाद सेमराध ही ऐसा पवित्र स्थल हैं, जहां कल्पवास का मेला लगता है।

सेमराध को लेकर क्या बताए थे ब्रह्मलीन प्रयाग पीठाधीश्वर

ब्रह्मलीन प्रयाग पीठाधीश्वर रंग रामानुजाचार्य दंडी स्वामी ने कथा सुनाते हुए कहा था कि द्वापर युग की एक पौराणिक कथा के अनुसार भगवान श्री कृष्ण और पौंड्रक में युद्ध हुआ। पौंड्रक एक ऐसा राजा था जो भगवान श्री कृष्ण की नकल करता था और स्वयं को वासुदेव कृष्ण कहता था। युद्ध में पौंड्रक मारा गया। काशीराज जो कि पौंड्रक के मित्र थे। उसकी तरफ से युद्ध लड़ने आए, वह भी मारा गया। बाद में काशीराज के पुत्र ने कृत्या नाम की एक राक्षसी को यज्ञ द्वारा पैदा किया, वह भगवान श्री कृष्ण से युद्ध लड़ी। भगवान श्री कृष्ण ने सुदर्शन चक्र को उसके वध हेतु छोड़ा। सुदर्शन चक्र ने कृत्या का वध किया साथ में ही पूरे काशी को नष्ट कर दिया जला दिया।

इस पूरी घटना से भगवान शिव श्री कृष्ण से नाराज हुए और उनसे कहा कि मेरा काशी संपूर्ण रूप से नष्ट हो गया है, अब मैं कहां रहूं। तो भगवान श्री कृष्ण ने उनसे कहा कि आप अपना त्रिशूल काशी से छोड़े और मैं अपना सुदर्शन छोड़ता हूं। जहां इन दोनों का मिलन होगा, आप काशी का पुनः निर्माण होने तक वहीं विराजमान हो जाए। जहां पर त्रिशूल और सुदर्शन का मिलन हुआ, उस जगह को समर-अधि कहा गया। जिसे अब अपभ्रंश से सेमराध कहा जाने लगा है।

*गेंहू में पीलापन, टमाटर में झुलसा रोग का बढ़ा खतरा*

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। लागातार ठंड का असर फसलों पर दिखने लगा है। गेंहू की फसल में पीलापन आलू और टमाटर में झुलसा रोग का खतरा बढ़ गया है। इससे किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खिंच गई है। कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि समय से उपचार नहीं करने पर उपज प्रभावित हो सकती है।

जिले में गेहूं की खेती 47000 हेक्टेयर और टमाटर की 25 हेक्टेयर में खेती होती है। कड़ाके की ठंड पड़ रही है। कोहरा और धुंध रह रही है। सूरज के दर्शन दिन में एक - दो घंटे हो रहे हैं। इसका असर अब फसलों पर पड़ने टमाटर और आलू फसलों में ठंड के असर के कारण रोग लगने की आशंका है। कृषि विज्ञान केन्द्र बेजवां के डाॅ आरपी चौधरी ने बताया कि गेहूं में पीलापन रोग का खतरा बढ़ा है।

इसका समय से उपचार न हो तो इसका असर पैदावार पर पड़ता है।

*मौसम के तल्ख तेवर का असर, मरीजों से पटे अस्पताल*

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। जनपद में पिछले क‌ई दिनों से जारी कड़ाके की ठंड से आम आदमी व मध्यम वर्गीय तबका बेहाल है। राहत व बचाव के समुचित साधन न होने से कारण ठंडजनित रोगों की बाढ़ आ गई है।

शहर के महाराजा बलवंत सिंह राजकीय चिकित्सालय समेत निजी अस्पतालों में मरीजों की भरमार है। उधर, सरकारी अस्पतालों में भर्ती होने के बाद भी राहत नहीं मिल पा रहा है। कारण, टूटी खिड़कियां व दरवाजे से आने वाली ठंडी हवा। एक पखवारे से ठंड अपने पूरी रौ में है।

*पुलिस लाइन में जवानों की परेड का अभ्यास शुरू*

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। राष्ट्रीय पर्व गणतंत्र दिवस को लेकर पुलिस लाइन मैदान में तैयारी शुरू हो गई है। घना कोहरा व कड़ाके की ठंड के बावजूद जवान परेड में खूब पसीना बहा रहे हैं। राष्ट्रीय पर्व पर हुनर दिखाने वाले जवान विशेष अभ्यास कर रहे हैं।

अपर पुलिस अधीक्षक राजेश भारती ने बताया कि गणतंत्र दिवस पर्व को लेकर तैयारी हर स्तर से शुरू हो गई है। जवानों को परेड आदि का अभ्यास कराया जा रहा है। मैदान में साफ - सफाई संग रंगाई-पुताई का भी काम चल रहा है।

कारसेवक ने बताई 30 अक्टूबर 1990 का जुल्म, कार सेवकों को डाला जा रहा था जेल में,पूरे प्रदेश में रहा कर्फ्यू,

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। गोपीगंज नगर निवासी एवं बड़े मंदिर के सचिव रामकृष्ण खट्टू ने कहा कि 500 वर्षों का इंतजार 22 जनवरी को अब समाप्त हो जाएगी । देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में अयोध्या में 22 जनवरी को भगवान श्री राम का प्राण प्रतिष्ठा होगा । उन्होंने कहा कि भगवान श्री राम के प्राण प्रतिष्ठा के लिए अनेक लोगों ने बलिदान दिया था और अनेक कार सेवकों को अतताई सरकार ने जेल में बंद कर दिया था ।

उन्होंने कहा कि कार सेवक के दौरान हम भी नगर के ज्ञानेश्वर अग्रवाल के साथ अयोध्या किसी तरह पहुंचे थे और गोपीगंज से हम लोगों को गिरफ्तार कर गाजीपुर जेल में बंद कर दिया गया था। उन्होंने 30 अक्टूबर 1990 के जुल्म को एक-एक करके बताया।बता दें की गोपीगंज नगर निवासी एवं बड़े शिव मंदिर के सचिव पुजारी रामकृष्ण खट्टू ने आज दैनिक भास्कर टीम से बातचीत के दौरान बताया कि अयोध्या जाने के लिए सपा सरकार लोगों को रोक रही थी उस समय हम सभी कार सेवक दिन में कहीं गांव में रुका करते थे और गांव के लोगों द्वारा हम लोगों को खाना पीना भी दे दिया जाता था ।

जैसे ही शाम ढलती थी हम सभी कार सेवक गांव के पगडंडी, गंगा टटीय एवं सुनसान स्थान से धीरे-धीरे अयोध्या की तरफ बढ़ते गए और मुलायम सिंह के नेतृत्व में सपा की सरकार कर सेवकों पर बर्बरता पूर्वक लाठी चार्ज किया और अयोध्या में गोली भी चलवाई पूरे प्रदेश में कर्फ्यू लगवा दिया। सरकार अपने शासन तंत्र का प्रयोग करते हुए कार सेवकों की गिरफ्तारी कर कर जगह-जगह जेल में भी बंद किया।

राम मंदिर निर्माण को लेकर लोगों में इतना ज्यादा उत्साह रहा कि उस समय जेल में भी कारसेवकों को बंद करने की जगह नहीं रह गई। आज हमें अपार खुशी मिल रही है कि उस राम आंदोलन के हिस्सा रहे और हमारे सामने भगवान श्री राम लला विराजमान हो रहे हैं मानो जैसे दिल में एक अलग सा ऊर्जा प्रतीत हो रहा है ।

उन्होंने बताया कि 500 वर्षों से लोग भगवान श्री राम लाल को स्थापित होते देखना चाह रहे हैं जो 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में भगवान श्री राम का प्राण प्रतिष्ठा किया जा रहा है। जिसको लेकर बड़े शिव मंदिर परिसर में 22 जनवरी को विशेष पूजन के साथ एक भव्य शोभायात्रा निकाला जाएगा जो पूरे नगर को भ्रमण करते हुए पुनः मंदिर परिसर पहुंचकर समाप्त होगा।

जहां पर हर्षोल्लास पूर्वक दीपावली मनाई जाएगी। उन्होंने कहा कि 30 अक्टूबर 1990 को मुलायम सिंह की आत्याचारी सरकार ने श्री राम के भक्तों पर जिस तरह बर्बरता पूर्वक गोली चलवाई थी आज उन्हें प्रदेश में सत्ता नसीब नहीं हो रहा है और आने वाले समय में भी इन्हें सत्ता मिलने वाले नहीं है। अब देश में प्रदेश में राम राज्य की स्थापना होने जा रही है । जिसको लेकर देश व प्रदेश की जनता काफी उत्साहित है।

*जिले में पहुंचे प्रभारी मंत्री दानिश आजाद अंसारी, कलेक्ट्रेट में पत्रकारों से की बातचीत*

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। जिले में आज 12 बजे पहुंचे जिले के प्रभारी मंत्री एवं उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री दानिश आजाद ने सर्वप्रथम सेमराधनाथ कल्पवास मेले में साफ सफाई की और गरीबों को कंबल वितरण किया। इसके बाद कलेक्ट में 4 बजे पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि 14 जनवरी से विशेष सफाई अभियान चलाया गया है जिसको शत-प्रतिशत सफल बनाने में हम आपका अहम योगदान होगा।

उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि 22 जनवरी को अयोध्या में हो रहे श्री राम लाल स्थापना का देश व प्रदेश के सभी वर्ग के लोग राष्ट्रवादी सोच के साथ स्वागत करेंगे। अयोध्या में कांग्रेस नेता के साथ हुए हतापाई के सवाल पर कहा कि मेरे संज्ञान में नहीं है।बता दें कि उत्तर प्रदेश सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण बोर्ड के मंत्री एवं जिले के प्रभारी मंत्री दानिश आजाद ने जिले में पहुंचकर विशेष स्वच्छता अभियान पर बल दिया और स्वयं साफ सफाई कर लोगों को स्वच्छता का संदेश दिया।

उन्होंने कलेक्ट्रेट में अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की एवं ईबीएम का निरीक्षण भी किया।निरीक्षण व बैठक के बाद 4 बजे पत्रकारों से बातचीत के दौरान प्रभारी मंत्री दानिश आजाद ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री एवं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के नेतृत्व में देश व प्रदेश तेजी के साथ आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर उत्तर प्रदेश को सशक्त व क्षमतावान बनाने के लिए हम सभी जनप्रतिनिधि व अधिकारीगण काम कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में 24 जनवरी तक विशेष कार्यक्रम चलाया गया है जिसमें मतदाता जागरूकता एवं विशेष प्रदर्शनी के साथ ही स्वच्छता अभियान चलाया जा रहा है। जिसमें सभी जनप्रतिनिधिगण व अधिकारी गण एक साथ मिलकर काम कर रहे हैं। जिससे देश व प्रदेश को विकास के कड़ी से जोड़ने के साथ ही हर क्षेत्र में आगे बढ़ाया जा सके।

22 जनवरी को अयोध्या में हो रहे भगवान श्री रामलला की स्थापना को लेकर अल्पसंख्यक को संदेश के सवाल पर प्रभारी मंत्री ने कहा कि अयोध्या में प्रधानमंत्री ने एयरपोर्ट का उद्घाटन किया वहां पर भी अल्पसंख्यक समाज ने प्रधानमंत्री का उत्साह पूर्वक स्वागत किया था और 22 जनवरी को प्रदेश ही नहीं देश के समस्त वर्ग के लोग स्वागत करेंगे और राष्ट्रवादी सोच के साथ आगे बढ़ना चाहिए।

देश संस्कृति विरासत को लेकर आगे बढ़ रहा है जिसमें हम सभी लोग एक साथ होकर देश को मजबूती प्रदान करें। उन्होंने अयोध्या में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय के साथ हाथापाई के सवाल पर संज्ञान में न होने की बात बताई।

*सब्जियों की नियमित रुप से देखभाल करें किसान*

नितेश श्रीवास्तव

भदोही।ठंड से फसलों पर असर पड़ रहा है। लापरवाही किसानों को चपत लगा सकता है। नियमित देखभाल, दवाओं का छिड़काव व निराई - गुड़ाई बचाव हो सकता है। जिला कृषि मौसम वैज्ञानिक सर्वेश कुमार बरनवाल ने बताया कि बैगन फसल के मुरझाने की अवस्था में कार्बन्डाजिम 1.0 ग्राम प्रतिलीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें। कहा कि यदि पूरा पौधा सूख रहा है तो इसी घोल जे जुड़ों की सिंचाई करें ताकि फसल को बचाया जा सके।

*हड्डियों पर भारी पड़ रही ठंड, 20 फीसदी अस्थि रोगी बढ़े*

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। ठंड का सितम जारी है। इसका असर सेहत पर पड़ रहा है। ठंड के बढ़ते असर के बीच जिला चिकित्सालय में हड्डी के मरीजों की संख्या करीब 20 फीसदी तक बढ़ी है। जोड़ों के दर्द की समस्या के 70-75 मरीज रोजाना ओपीडी में पहुंचते हैं।

सौ शैय्या अस्पताल में रोजना 30 से 35 मरीज फिजियोथेरेपी कराने पहुंच रहे हैं।महाराजा चेतसिंह जिला चिकित्सालय के ओपीडी हर दिन औसतन 700 से 800 मरीजों की भीड़ होती है। इन दिनों जोड़ों के दर्द के ज्यादा मरीज पहुंच रहे हैं। आम दिनों में इस तरह की समस्या के बीच 40 से 45 के बीच पहुंचते थे। ऐसे मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है।

घुटनों और कमर दर्द समस्याएं लेकर लोग अस्पताल पहुंच रहे हैं। सीएमएस डाॅ. राजेंद्र कुमार ने बताया कि अस्थि रोग विभाग में इन दिनों में हर दिन 70 से 75 के करीब मरीज पहुंच रहे हैं। ठंड के मौसम में हड्डी से जुड़ी समस्याएं बढ़ जाती हैं।

सर्दियों में धूप कम निकलती है और शरीर में विटामिन डी की कमी हो जाती है।

कैसे करें बचाव

आर्थोपेडिक सर्जन सीएमएस डाॅ. राजेंद्र कुमार ने बताया कि जोड़ों में दर्द की समस्या के मरीज दवा लेना न भूलें। गर्म कपड़ा पहनने के साथ ही सुबह बिस्तर में उठने से पहले हाथ, पैर और गर्दन को हिला लें। इससे हड्डियों कसरत हो जाती है।

इसके अलावा अपनी दिनचर्या में योगाभ्यास को शामिल करेंगे तो इससे भी राहत मिलेगा। फिजियोथेरेपिस्ट जावेद अंसारी ने बताया कि फिजियोथेरपी कराने वाले लोगों की संख्या बढ़ी है। अधिकतर लोगों में कमर दर्द, घुटनों में दर्द, मसल में दर्द जैसी समस्या देखने को मिल रही है।

*आयुर्वेदिक अस्पतालों में बनेंगे हेल्थ वेलनेस सेंटर, नौ का चयन*

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। जिले में स्वास्थ्य सुविधाओं को लगातार सुदृढ़ करने का प्रयास किया जा रहा है। इसी कड़ी में जिले के 26 आयुर्वेदिक अस्पतालों को आयुष हेल्थ एवं वेलनेस सेंटर के रूप में विकसित किया जायेगा। प्रथम चरण में फिलहाल नौ सेंटरों को हेल्थ वेलनेस सेंटर के रूप में विकसित किए जाने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है।

इससे ग्रामीण इलाकों के स्वास्थ्य सुविधाओं में विस्तार हो सकेगा। सेंटरों पर चिकित्सकों की तैनाती के साथ हर्बल गार्डन की सुविधा होगी।जनपद में कुल 26 आयुर्वेदिक अस्पताल है। यहां सिमित संसाधन में ही मरीजों का उपचार होता है।

जिले के ज्यादातर आयुर्वेदिक अस्पताल बदहाली का दंश झेल रहे हैं। हालांकि प्रचार-प्रसार न होने के कारण लोगों में आयुर्वेद को लेकर जागरुकता का भी अभाव है। इस कारण इन सेंटरों पर मरीजाें की अधिक भीड़ नहीं होती। पूरे दिन में केवल एक्का-दुक्का मरीज ही मरीज पहुंचते हैं।

हालांकि अब इन अस्पतालों को हेल्थ वेलनेस सेंटर के रूप में विकसित किया जाएगा। जिसको लेकर स्वास्थ्य विभाग की ओर से तैयारी शुरू कर दी गई है। प्रथम चरण में जिले के नौ आयुर्वेदिक अस्पतालों को हेल्थ वेलनेस सेंटर के रूप में विकसित किया जाएगा। इसको लेकर शासन को प्रस्ताव भी भेज दिया गया है।

शासन की स्वीकृति मिलने के बाद चयनित अस्पतालों को हेल्थ वेलनेस सेंटर बनाया जाएगा। इन सेंटरों पर बकायदा चिकित्सकों की तैनाती होने के साथ-साथ वहां हर्बल गार्डेन बनाए जायेंगे। हर सेंटर पर दो चिकित्सक, एक फार्मासिस्ट, एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी और एक स्वीपर तैनात होंगे। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ेंगी।

ये अस्पताल होंगे एचडब्ल्यूसी

ब्लाक - अस्पताल

भदोही - पल्हैंयां, बरवां व चौरी

औराई - महाराजगंज व खमरिया

डीघ - सुधवैं व सोनइचा

सुरियावां - सुरियावां नगर

ज्ञानपुर - पाली

जिले के नौ राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालयों को हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के लिए चयनित किया गया है। इन अस्पतालों पर संसाधनों को बढाने के लिए प्रस्ताव भेजा गया। केंद्रों के भवनों की जरुरत के अनुसार रंग, रोगन सहित सुविधाएं बढ़ाई जाएगी। - डाॅ. सरोज शंकर राम, क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी वाराणसी।

*आलू व सरसों के लिए धूप फायदेमंद, जानिये कैसे*

नितेश श्रीवास्तव

भदोही ‌। कालीन नगरी में कम बारिश के बाद भी ठंड की आमद भी जबरदस्त हुई है। ऐसे में खरीफ में हुए नुकसान की भरपाई की रबी फसलों से बेहतर मुनाफे से किसान आस लगाए बैठे है। हालांकि इधर कुछ दिनों से चल रही पछुआ बयार के कारण सुबह व शाम कोहरा संग पाले का असर देखा जा रहा है। आलू सरसों व कुछ सब्जियों के लिए नुकसानदेह है। इसे लेकर अन्नदाताओं को सतर्क रहना होगा।

जिला कृषि वैज्ञानिक सर्वेश कुमार बरनवाल ने बताया कि अच्छी ठंड गेहूं समेत सभी रबी फसलों के लिए जरूरी होती है। लेकिन क‌ई दिनों तक कोहरा व पाला पड़ने पर नुकसान हो सकता है। पाला सुबह व शाम को देखा जा रहा है। आलू व सरसों मटर की निगरानी सुबह व शाम करने की बात कही। कहा कि पाला से आलू की पर्ती में धब्बे लगने से वह सूखने लगते हैं।

सरसों में माहो का खतरा अधिक हो जाता है। जिससे दाना नहीं पड़ता और उत्पादन प्रभावित हो जाएगा। कहा कि पाल का असर आलू में नजर आने पर काबेडाजिम दवा, हाइथेनेम -45 कापर आक्सीक्लोरइड में से कोई एक दवा ढ़ाई ग्राम व कीटनाशक से बचाव को मोनोक्रोटोफास या रोगार दवा ढ़ाई मिली प्रति लीटर पानी की दर से घोल बनाकर छिड़काव करें। फसलों पर सल्फर का छिड़काव फायदेमंद है।