*शहीदों की दास्तान सुनाएंगे नगर के चौराहे*
नितेश श्रीवास्तव
भदोही। जिले के प्रमुख तिराहे और चौराहों की पहचान अब शहीदों नाम से होगी। इन शहीद चौक पर संबंधित क्रांतिकारी की मूर्ति लगेगी और उनका संक्षिप्त विवरण लिखा होगा।
जिला प्रशासन की ओर से शहीदों को सम्मान देने और युवाओं को उनकी गाथा से परिचित कराने के उद्देश्य से यह पहल की है।आजादी की लड़ाई और देश के मान सम्मान के लिए जिले के तमाम लोगों ने अपने प्राणों की आहुति दी है। शहीद सुलभ उपाध्याय, शहीद शीतल पाल और शहीद झूरी सिंह जैसे तमाम लोग आजादी के लिए हंसते-हंसते न्योछावर हो गए।
इनमें से कुछ को लोग जानते हैं लेकिन तमाम ऐसे भी हैं, जिनसे युवा पीढ़ी परिचित नहीं है। गोपीगंज का मिर्जापुर तिराहा शहीदों की दास्तां को बताता है। शहीद और उनके वंशजों को उचित सम्मान देने के लिए जिलाधिकारी ने तिराहे और चौक को उनके नाम करने की योजना बनाई है।
जिलाधिकारी गौरांग राठी ने बताया कि शहीदों को सम्मान देने और उनके स्मृतियों को सहेजने के लिए जिला प्रशासन की ओर से यह पहल की गई है। आजादी के अमृत महोत्सव के तहत गुमनाम शहीदों के नाम पर शहीद चौक का निर्माण होगा। जिससे हमारी आने वाली पीढ़ी उनके बारे में भलीभांति परिचित हो सके।
मिर्जापुर तिराहे पर बन रहा ‘फांसी इमली’ स्मारक
प्रथम स्वतंत्रता संग्राम (1857) में मिर्जापुर तिराहे पर काली मंदिर के पास अंग्रेजों ने पुराने इमली के पेड़ पर जिले के तीन क्रांतिकारियों को फांसी पर लटका दिया। उदवन सिंह, रामबख्श सिंह, भोला सिंह को फांसी दी गई थी।
वाराणसी-प्रयागराज हाईवे निर्माण के दौरान इमली का पेड़ ढह गया। अब इस जगह की महत्ता को बताने के लिए स्मारक बनाया जा रहा है। यह ‘फांसी इमली’ शहीद स्मारक होगा।
शहीद स्मारकों का भी कराएंगे जीर्णोद्धार
जिले में शहीद झूरी सिंह, शहीद सुलभ उपाध्याय, शहीद शीतल पाल जैसे अनेक वीर योद्धा हुए हैं।
उनकी मूर्तियां चौराहे और तिराहों पर लगाई गई हैं। वहां स्मारक बनाया गया है। मगर उचित देखभाल के अभाव में उनमें से कई स्मारक जीर्ण हो गए हैं। उनका जीर्णोद्धार भी जिला प्रशासन की ओर से किया जाएगा।
Jan 17 2024, 17:06