*जिले में पहुंचे प्रभारी मंत्री दानिश आजाद अंसारी, कलेक्ट्रेट में पत्रकारों से की बातचीत*

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। जिले में आज 12 बजे पहुंचे जिले के प्रभारी मंत्री एवं उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री दानिश आजाद ने सर्वप्रथम सेमराधनाथ कल्पवास मेले में साफ सफाई की और गरीबों को कंबल वितरण किया। इसके बाद कलेक्ट में 4 बजे पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि 14 जनवरी से विशेष सफाई अभियान चलाया गया है जिसको शत-प्रतिशत सफल बनाने में हम आपका अहम योगदान होगा।

उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि 22 जनवरी को अयोध्या में हो रहे श्री राम लाल स्थापना का देश व प्रदेश के सभी वर्ग के लोग राष्ट्रवादी सोच के साथ स्वागत करेंगे। अयोध्या में कांग्रेस नेता के साथ हुए हतापाई के सवाल पर कहा कि मेरे संज्ञान में नहीं है।बता दें कि उत्तर प्रदेश सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण बोर्ड के मंत्री एवं जिले के प्रभारी मंत्री दानिश आजाद ने जिले में पहुंचकर विशेष स्वच्छता अभियान पर बल दिया और स्वयं साफ सफाई कर लोगों को स्वच्छता का संदेश दिया।

उन्होंने कलेक्ट्रेट में अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की एवं ईबीएम का निरीक्षण भी किया।निरीक्षण व बैठक के बाद 4 बजे पत्रकारों से बातचीत के दौरान प्रभारी मंत्री दानिश आजाद ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री एवं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के नेतृत्व में देश व प्रदेश तेजी के साथ आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर उत्तर प्रदेश को सशक्त व क्षमतावान बनाने के लिए हम सभी जनप्रतिनिधि व अधिकारीगण काम कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में 24 जनवरी तक विशेष कार्यक्रम चलाया गया है जिसमें मतदाता जागरूकता एवं विशेष प्रदर्शनी के साथ ही स्वच्छता अभियान चलाया जा रहा है। जिसमें सभी जनप्रतिनिधिगण व अधिकारी गण एक साथ मिलकर काम कर रहे हैं। जिससे देश व प्रदेश को विकास के कड़ी से जोड़ने के साथ ही हर क्षेत्र में आगे बढ़ाया जा सके।

22 जनवरी को अयोध्या में हो रहे भगवान श्री रामलला की स्थापना को लेकर अल्पसंख्यक को संदेश के सवाल पर प्रभारी मंत्री ने कहा कि अयोध्या में प्रधानमंत्री ने एयरपोर्ट का उद्घाटन किया वहां पर भी अल्पसंख्यक समाज ने प्रधानमंत्री का उत्साह पूर्वक स्वागत किया था और 22 जनवरी को प्रदेश ही नहीं देश के समस्त वर्ग के लोग स्वागत करेंगे और राष्ट्रवादी सोच के साथ आगे बढ़ना चाहिए।

देश संस्कृति विरासत को लेकर आगे बढ़ रहा है जिसमें हम सभी लोग एक साथ होकर देश को मजबूती प्रदान करें। उन्होंने अयोध्या में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय के साथ हाथापाई के सवाल पर संज्ञान में न होने की बात बताई।

*सब्जियों की नियमित रुप से देखभाल करें किसान*

नितेश श्रीवास्तव

भदोही।ठंड से फसलों पर असर पड़ रहा है। लापरवाही किसानों को चपत लगा सकता है। नियमित देखभाल, दवाओं का छिड़काव व निराई - गुड़ाई बचाव हो सकता है। जिला कृषि मौसम वैज्ञानिक सर्वेश कुमार बरनवाल ने बताया कि बैगन फसल के मुरझाने की अवस्था में कार्बन्डाजिम 1.0 ग्राम प्रतिलीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें। कहा कि यदि पूरा पौधा सूख रहा है तो इसी घोल जे जुड़ों की सिंचाई करें ताकि फसल को बचाया जा सके।

*हड्डियों पर भारी पड़ रही ठंड, 20 फीसदी अस्थि रोगी बढ़े*

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। ठंड का सितम जारी है। इसका असर सेहत पर पड़ रहा है। ठंड के बढ़ते असर के बीच जिला चिकित्सालय में हड्डी के मरीजों की संख्या करीब 20 फीसदी तक बढ़ी है। जोड़ों के दर्द की समस्या के 70-75 मरीज रोजाना ओपीडी में पहुंचते हैं।

सौ शैय्या अस्पताल में रोजना 30 से 35 मरीज फिजियोथेरेपी कराने पहुंच रहे हैं।महाराजा चेतसिंह जिला चिकित्सालय के ओपीडी हर दिन औसतन 700 से 800 मरीजों की भीड़ होती है। इन दिनों जोड़ों के दर्द के ज्यादा मरीज पहुंच रहे हैं। आम दिनों में इस तरह की समस्या के बीच 40 से 45 के बीच पहुंचते थे। ऐसे मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है।

घुटनों और कमर दर्द समस्याएं लेकर लोग अस्पताल पहुंच रहे हैं। सीएमएस डाॅ. राजेंद्र कुमार ने बताया कि अस्थि रोग विभाग में इन दिनों में हर दिन 70 से 75 के करीब मरीज पहुंच रहे हैं। ठंड के मौसम में हड्डी से जुड़ी समस्याएं बढ़ जाती हैं।

सर्दियों में धूप कम निकलती है और शरीर में विटामिन डी की कमी हो जाती है।

कैसे करें बचाव

आर्थोपेडिक सर्जन सीएमएस डाॅ. राजेंद्र कुमार ने बताया कि जोड़ों में दर्द की समस्या के मरीज दवा लेना न भूलें। गर्म कपड़ा पहनने के साथ ही सुबह बिस्तर में उठने से पहले हाथ, पैर और गर्दन को हिला लें। इससे हड्डियों कसरत हो जाती है।

इसके अलावा अपनी दिनचर्या में योगाभ्यास को शामिल करेंगे तो इससे भी राहत मिलेगा। फिजियोथेरेपिस्ट जावेद अंसारी ने बताया कि फिजियोथेरपी कराने वाले लोगों की संख्या बढ़ी है। अधिकतर लोगों में कमर दर्द, घुटनों में दर्द, मसल में दर्द जैसी समस्या देखने को मिल रही है।

*आयुर्वेदिक अस्पतालों में बनेंगे हेल्थ वेलनेस सेंटर, नौ का चयन*

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। जिले में स्वास्थ्य सुविधाओं को लगातार सुदृढ़ करने का प्रयास किया जा रहा है। इसी कड़ी में जिले के 26 आयुर्वेदिक अस्पतालों को आयुष हेल्थ एवं वेलनेस सेंटर के रूप में विकसित किया जायेगा। प्रथम चरण में फिलहाल नौ सेंटरों को हेल्थ वेलनेस सेंटर के रूप में विकसित किए जाने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है।

इससे ग्रामीण इलाकों के स्वास्थ्य सुविधाओं में विस्तार हो सकेगा। सेंटरों पर चिकित्सकों की तैनाती के साथ हर्बल गार्डन की सुविधा होगी।जनपद में कुल 26 आयुर्वेदिक अस्पताल है। यहां सिमित संसाधन में ही मरीजों का उपचार होता है।

जिले के ज्यादातर आयुर्वेदिक अस्पताल बदहाली का दंश झेल रहे हैं। हालांकि प्रचार-प्रसार न होने के कारण लोगों में आयुर्वेद को लेकर जागरुकता का भी अभाव है। इस कारण इन सेंटरों पर मरीजाें की अधिक भीड़ नहीं होती। पूरे दिन में केवल एक्का-दुक्का मरीज ही मरीज पहुंचते हैं।

हालांकि अब इन अस्पतालों को हेल्थ वेलनेस सेंटर के रूप में विकसित किया जाएगा। जिसको लेकर स्वास्थ्य विभाग की ओर से तैयारी शुरू कर दी गई है। प्रथम चरण में जिले के नौ आयुर्वेदिक अस्पतालों को हेल्थ वेलनेस सेंटर के रूप में विकसित किया जाएगा। इसको लेकर शासन को प्रस्ताव भी भेज दिया गया है।

शासन की स्वीकृति मिलने के बाद चयनित अस्पतालों को हेल्थ वेलनेस सेंटर बनाया जाएगा। इन सेंटरों पर बकायदा चिकित्सकों की तैनाती होने के साथ-साथ वहां हर्बल गार्डेन बनाए जायेंगे। हर सेंटर पर दो चिकित्सक, एक फार्मासिस्ट, एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी और एक स्वीपर तैनात होंगे। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ेंगी।

ये अस्पताल होंगे एचडब्ल्यूसी

ब्लाक - अस्पताल

भदोही - पल्हैंयां, बरवां व चौरी

औराई - महाराजगंज व खमरिया

डीघ - सुधवैं व सोनइचा

सुरियावां - सुरियावां नगर

ज्ञानपुर - पाली

जिले के नौ राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालयों को हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के लिए चयनित किया गया है। इन अस्पतालों पर संसाधनों को बढाने के लिए प्रस्ताव भेजा गया। केंद्रों के भवनों की जरुरत के अनुसार रंग, रोगन सहित सुविधाएं बढ़ाई जाएगी। - डाॅ. सरोज शंकर राम, क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी वाराणसी।

*आलू व सरसों के लिए धूप फायदेमंद, जानिये कैसे*

नितेश श्रीवास्तव

भदोही ‌। कालीन नगरी में कम बारिश के बाद भी ठंड की आमद भी जबरदस्त हुई है। ऐसे में खरीफ में हुए नुकसान की भरपाई की रबी फसलों से बेहतर मुनाफे से किसान आस लगाए बैठे है। हालांकि इधर कुछ दिनों से चल रही पछुआ बयार के कारण सुबह व शाम कोहरा संग पाले का असर देखा जा रहा है। आलू सरसों व कुछ सब्जियों के लिए नुकसानदेह है। इसे लेकर अन्नदाताओं को सतर्क रहना होगा।

जिला कृषि वैज्ञानिक सर्वेश कुमार बरनवाल ने बताया कि अच्छी ठंड गेहूं समेत सभी रबी फसलों के लिए जरूरी होती है। लेकिन क‌ई दिनों तक कोहरा व पाला पड़ने पर नुकसान हो सकता है। पाला सुबह व शाम को देखा जा रहा है। आलू व सरसों मटर की निगरानी सुबह व शाम करने की बात कही। कहा कि पाला से आलू की पर्ती में धब्बे लगने से वह सूखने लगते हैं।

सरसों में माहो का खतरा अधिक हो जाता है। जिससे दाना नहीं पड़ता और उत्पादन प्रभावित हो जाएगा। कहा कि पाल का असर आलू में नजर आने पर काबेडाजिम दवा, हाइथेनेम -45 कापर आक्सीक्लोरइड में से कोई एक दवा ढ़ाई ग्राम व कीटनाशक से बचाव को मोनोक्रोटोफास या रोगार दवा ढ़ाई मिली प्रति लीटर पानी की दर से घोल बनाकर छिड़काव करें। फसलों पर सल्फर का छिड़काव फायदेमंद है।

*आलू, मटर में पाले का डर*

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। मटर,आलू की फसलों में पाले लगने का डर किसानों को सताने लगा है। मौसम इसी तरह बना रहा तो आलू और मटर को काफी नुकसान होगा।

यह मौसम गेहूं के लिए फायदेमंद है लेकिन अन्य फसलों के लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है। कृषि विज्ञान केन्द्र बेजवां के सब्जी व उद्यान विशेषज्ञ एके चतुर्वेदी ने कहा कि इस मौसम में आलू व मटर में पाला लगने को आशंका बढ़ गई है।‌ पर किसानों को चिंता करने की जरूरत नहीं है। फसल की सिंचाई करके पाला से बचाया जा सकता है।

ध्यान रहे कि मटर की सिंचाई नहीं करनी है। उसे पाले से बचानेवाली के लिए साफ दवा को दो ग्राम प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें फसल में जरासा रोगों का लक्षण दिखने पर विशेषज्ञ की सलाह दें।

*12 करोड़ से जिले में बनेगी डिजिटल लाइब्रेरी*

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। जिले में करीब 12 करोड़ की लागत से डिजिटल लाईब्रेरी बनाई जाएगी। विभूति नारायण राजकीय इंटर कॉलेज या डीआईओएस कार्यालय के समीप इसका निर्माण होगा। इसके लिए दो से तीन जगह जमीन चिन्हित की गई है। यहां पर छात्र-छात्राओं संग आम लोग भी अपना ज्ञान बढ़ा सकेंगे। वातानुकूलित लाइब्रेरी में एक साथ 500 से अधिक छात्र-छात्राएं पढ़ सकेंगे।

जिले में 193 माध्यमिक एवं इंटर कॉलेज संग 25 से अधिक महाविद्यालय संचालित हैं। वैसे तो काशी नरेश राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में ई- डिजिटल लाइब्रेरी है, लेकिन इसका लाभ सिर्फ कॉलेज के छात्र-छात्राओं को मिल पाता है। शासन के निर्देश पर अब माध्यमिक शिक्षा विभाग की तरफ से डिजिटल लाइब्रेरी का निर्माण कराया जाएगा। करीब 10 से 12 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली इस लाइब्रेरी के लिए जमीन की तलाश की जा रही है।

विभूति नारायण राजकीय इंटर कॉलेज, डीआईओएस कार्यालय और गोपीगंज में जमीन चिन्हित की गई है। इन्हीं तीन स्थानों में किसी एक स्थान पर लाइब्रेरी का निर्माण किया जाएगा। इसमें 500 छात्र-छात्राएं एक साथ बैठकर अध्ययन कर सकेंगे। इसमें कंप्यूटर एवं एसी लगे होने के साथ कई अन्य सुविधाएं भी होंगी।

जिला विद्यालय निरीक्षक विकायल भारती ने बताया कि शासन के निर्देश पर जमीन का चयन किया जा रहा है। 26 जनवरी से पूर्व ही जमीन को फाइनल कर लिया जाएगा। उसके बाद कार्ययोजना बनाकर भेजा जाएगा। अनुमान जताया कि 10 से 12 करोड़ रूपये खर्च होंगे।

लाईब्रेरी में विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं को ध्यान में रखकर डिजिटल फार्म में किताबें होंगे। अन्य कई तरह की भी किताबें होंगी। इसके अलावा प्रतियोगी परीक्षाओं की प्रिंटेड किताबें, पत्रिकाएं भी होंगी। उनका कहना है कि छात्र-छात्राओं से मामूली शुल्क लिया जाएगा।

मॉडल या जीजीआईसी में बनेगी राजकीय लाइब्रेरी जिले में डिजिटल लाइब्रेरी संग एक राजकीय लाइब्रेरी का निर्माण किया जाएगा। इसके लिए पंडित दीनदयाल उपाध्याय मॉडल इंटर कॉलेज गिर्दबड़गांव और राजकीय बालिका इंटर कॉलेज महराजगंज को चयनित किया गया है। इन्हीं दो में किसी एक विद्यालय में लाइब्रेरी बनाई जाएगी।

*टमाटर की खेती के लिए समय माकूल होगा बेहतर उत्पादन,जिले में 25 हेक्टेयर में टमाटर की खेती का लक्ष्य*

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। जनपद में किसानों का एक तबका तकनीकी खेती की ओर आकर्षित है‌ किसान तकनीकी खेती को बढ़ावा दे रहे हैं।

इसी कड़ी में जिले के तमाम किसानों ने सब्जियों की खेती कर रहे हैं। जिले के तमाम किसानों ने नवंबर माह में टमाटर की नर्सरी डाली थी। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार नवंबर महीने में डाली गई टमाटर की नर्सरी की रोपाई के लिए यह समय माकूल है।

इन दिनों रोपे गए ग‌ए फसल की पैदावार बेहतर होती है और किसानों की आमदनी डेढ़ गुना बढ़ने की उम्मीद है। जिले में इस साल 25 हेक्टेयर में टमाटर की खेती करने का लक्ष्य है। आमतौर किसान टमाटर की खेती साल में तीन से चार बार करते है।

जिसमें मार्च, सितंब और नवंबर का महीना माकूल माना जाता है। कृषि विज्ञान केंद्र बेजवां के फल व सब्जी विशेषज्ञ डॉ एके चतुर्वेदी ने बताया कि नवंबर महीने में डाली गई टमाटर की नर्सरी के रोपाई के लिए जनवरी महीना उत्तम है।

*मकर संक्रांति मकान की छतों पर गूजता रहा भक्काटा*

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। गोपीगंज नगर व ग्रामीण क्षेत्रो मे मकर संक्रांति का पर्व हर्षोल्लास पूर्वक मनाया गया परिवार के बड़े बुजुर्ग जहा स्नान ध्यान और दान के साथ खीचड़ी तिलवा ढूड़ी आदि का रसास्वादन करते रहे वही बच्चे और युवा वर्ग रंग विरंगे पंतग लटाई डोरी के साथ सुबह से छतो पर डेरा डाल रखा थाl सुबह से शुरु हुआ भक्काटा का शोर सायंकाल तक जारी रहाl

मकर संक्रांति पर जमकर पंतग उड़ाए गए सुबह से ही अपने अपने मकान की छतो पर जमे लोगो मे पतंग बाजी का जुनून लोगों के सर चढ़ कर बोलता रहाl नगर के गली मोहल्लो से लेकर गांव गिराव तक भक्काटा का शोर गूजता रहा, इस दौरान राह चलते लोगो की नजरे भी आसमान पर टिकी रही विशेष कर युवा बच्चों मे पतंग बाजी को लेकर भारी उत्साह रहाl

बच्चे पंतग की विभिन्न डिजाइनो पर काफी आकर्षित दिखेlजिम्मेदार विभाग की उदासीनता से प्रतिबंधित चाइनिज मंझा भी खूब बिकाl

*शहीदों की दास्तान सुनाएंगे नगर के चौराहे*

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। जिले के प्रमुख तिराहे और चौराहों की पहचान अब शहीदों नाम से होगी। इन शहीद चौक पर संबंधित क्रांतिकारी की मूर्ति लगेगी और उनका संक्षिप्त विवरण लिखा होगा।

जिला प्रशासन की ओर से शहीदों को सम्मान देने और युवाओं को उनकी गाथा से परिचित कराने के उद्देश्य से यह पहल की है।आजादी की लड़ाई और देश के मान सम्मान के लिए जिले के तमाम लोगों ने अपने प्राणों की आहुति दी है। शहीद सुलभ उपाध्याय, शहीद शीतल पाल और शहीद झूरी सिंह जैसे तमाम लोग आजादी के लिए हंसते-हंसते न्योछावर हो गए।

इनमें से कुछ को लोग जानते हैं लेकिन तमाम ऐसे भी हैं, जिनसे युवा पीढ़ी परिचित नहीं है। गोपीगंज का मिर्जापुर तिराहा शहीदों की दास्तां को बताता है। शहीद और उनके वंशजों को उचित सम्मान देने के लिए जिलाधिकारी ने तिराहे और चौक को उनके नाम करने की योजना बनाई है।

जिलाधिकारी गौरांग राठी ने बताया कि शहीदों को सम्मान देने और उनके स्मृतियों को सहेजने के लिए जिला प्रशासन की ओर से यह पहल की गई है। आजादी के अमृत महोत्सव के तहत गुमनाम शहीदों के नाम पर शहीद चौक का निर्माण होगा। जिससे हमारी आने वाली पीढ़ी उनके बारे में भलीभांति परिचित हो सके।

मिर्जापुर तिराहे पर बन रहा ‘फांसी इमली’ स्मारक

प्रथम स्वतंत्रता संग्राम (1857) में मिर्जापुर तिराहे पर काली मंदिर के पास अंग्रेजों ने पुराने इमली के पेड़ पर जिले के तीन क्रांतिकारियों को फांसी पर लटका दिया। उदवन सिंह, रामबख्श सिंह, भोला सिंह को फांसी दी गई थी।

वाराणसी-प्रयागराज हाईवे निर्माण के दौरान इमली का पेड़ ढह गया। अब इस जगह की महत्ता को बताने के लिए स्मारक बनाया जा रहा है। यह ‘फांसी इमली’ शहीद स्मारक होगा।

शहीद स्मारकों का भी कराएंगे जीर्णोद्धार

जिले में शहीद झूरी सिंह, शहीद सुलभ उपाध्याय, शहीद शीतल पाल जैसे अनेक वीर योद्धा हुए हैं।

उनकी मूर्तियां चौराहे और तिराहों पर लगाई गई हैं। वहां स्मारक बनाया गया है। मगर उचित देखभाल के अभाव में उनमें से कई स्मारक जीर्ण हो गए हैं। उनका जीर्णोद्धार भी जिला प्रशासन की ओर से किया जाएगा।