*टीए पर कार्यवाही के बजाय पुनः ग्राम पंचायत आवंटित*
सकरन( सीतापुर) । विकासखंड सकरन में कार्यरत तकनीकी सहायक प्रदीप कुमार की सकरन ब्लाक की जिन ग्राम पंचायतो में कार्यरत थे उन ग्राम पंचायत में फर्जी एम बी बनाकर बिना काम किये कई लाख रुपए निकालने का सनसनीखेज मामला सामने आया था जिसमे सरकारी धन के लाखों रुपए का बंदर बांट किया था।
मगर जांच में दोषी पाए जाने के बाद भी ब्लॉक में बैठे अधिकारी सब कुछ जानते हुए अंनजान बने हुए है। जबकि विधायक सेवता ज्ञान तिवारी द्वारा पत्र लिखकर ग्राम पंचायत कलिमापुर की जांच कराई गई थी ब्लॉक से जांच टीम में जेई आर एस शैलेश कुमार व अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी रवि सिंह के द्वारा ग्राम पंचायत कलिमापुर की जांच गई थी।
जिसमें लगभग 22 लाख रुपए का घोटाला तकनीकी सहायक प्रदीप कुमार का सामने आया था इसी तरह सांडा निवासी राजकुमार मिश्रा पुत्र गिरीश मिश्रा ने मुख्य विकास अधिकारी व जिला अधिकारी को प्रार्थना पत्र देकर ग्राम पंचायत सांडा की जांच करवाई थी उसमें भी टीए प्रदीप कुमार का लाखों रुपए का घोटाला सामने आया था लेकिन विभागीय अधिकारियों द्वारा टीए पर अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की गयी।
यह प्रश्न किसी के गले नही उतर रहा है की आखिर किस दबाव में प्रशासन कोई कार्यवाही नही कर रहा है। गौर तलब हो यही टीए जब दिसम्बर 2022में अपने घर लखनऊ गए हुए थे तब उनके द्वारा अपने पड़ोस में शादी समारोह था जिसमें अपने पुत्रों के साथ मौके पर जाकर बारातियों व घरवालों से मारपीट की थी जिसके संबंध में 8 /12 /2022 को थाना इंदिरा नगर लखनऊ की पुलिस ने 452/323/504/427 आपराधिक कानून अधिनियम 1932 के तहत 7 एक्ट के तहत मुकदमा पंजीकृत कर टीए प्रदीप कुमार को जेल भेज दिया गया था।
Jan 16 2024, 15:54