*65.66 लाख से तीन राजकीय स्कूलों की सुधरेगी सेहत*

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। जिले में राजकीय मॉडल इंटर कॉलेज समेत तीन राजकीय विद्यालयों का प्रोजेक्ट अलंकार से कायाकल्प किया जाएगा। स्वच्छ पेयजल, भवन मरम्मत एवं मूलभूत समस्याओं को दुरूस्त किया जाएगा। इसके लिए 65 लाख 66 हजार रूपये स्वीकृत हो गया है।

कार्यदायी संस्था का चयन कर शिक्षा विभाग काम को पूर्ण कराने में जुट गया है। सरकार शिक्षा के क्षेत्र में सुधार लाने लिए लगातार प्रयासरत है।माध्यमिक स्कूलों की दशा सुधारने के लिए प्रोजेक्ट अलंकार योजना लागू की गई है। जिससे सरकारी स्कूलों की दशा तो सुधरेगी इसके अलावा शिक्षा के स्तर में गुणवत्ता आएगी।

सरकारी स्कूलों में प्राइवेट स्कूलों जैसी सुविधाएं न होने से बच्चों के पेरेंट्स का मोह भंग होने लगा है, लेकिन शासन इस प्रोजेक्ट से अब सरकारी स्कूलों में प्राइवेट स्कूलों जैसी सुविधा मिलनी शुरू हो जाएगी।

इस योजना के तहत जहां स्कूलों की मरम्मत के कार्य कराए जा सकते हैं। वहीं स्कूलों में जो सुविधाएं उपल्ब्ध नहीं हैं। उनको योजना के माध्यम से कराया जाएगा। इसमें पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय बालिका इंटर कॉलेज महराजगंज, पंडित दीनदयाल उपाध्याय मॉडल इंटर कॉलेज गिर्दबड़गांव और राजकीय बालिका हाईस्कूल सदौपुर को शामिल किया गया है। राजकीय बालिका इंटर कॉलेज को 29 लाख, मॉडल इंटर कॉलेज को 32 लाख और राजकीय सदौपुर को चार लाख 66 हजार रूपये स्वीकृत हुए हैं।

तीनों स्कूलों में भवन मरम्मत, मूलभूत सुविधाओं, रंगरोगन, स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था दुरूस्त की जाएगी।

वित्तपोषित स्कूलों का नहीं हो सका चयन

प्रोजेक्ट अलंकार योजना के माध्यम से वित्तपोषित विद्यालयों का भी कायाकल्प होना है, लेकिन प्रबंधकों के दावपेंच के कारण अब तक उनका चयन नहीं हो सका। पूर्व में शासन ने 50 प्रतिशत अनुदान और शेष खर्च स्कूल से खर्च करने का प्राविधान किया था, लेकिन बाद में उसे घटाकर 75 फीसदी तक अनुदान कर दिया, लेकिन प्रबंधक सिर्फ 10 से 15 फीसदी तक अनुदान देने की बात कह रहे हैं, जिससे वित्तपोषित विद्यालय अब तक योजना में चयनित नहीं हो सके।

प्राेजेक्ट अलंकार के तहत तीन स्कूलों का चयन हुआ है। जिसमें काम कराने के लिए 65.66 लाख रूपये अवमुक्त हो चुके हैं। कार्यदायी संस्था का चयन कर काम शुरू कराया जाएगा।- विकायल भारती, जिला विद्यालय निरीक्षक।

*सेमराध में 14 को पहला स्नान, कल्पवास की व्यवस्था अधूरी,बिजली विभाग ने दिखाई तेजी,लोक निर्माण विभाग सुस्त*

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। सेमराध में कल्पवास शुरू होगा। मकर संक्रांति का स्नान 14 जनवरी को है। तब तक कल्पवासी आने लगेंगे। इसमें हफ्ते भर से भी कम समय है पर अब तक व्यवस्था दुरुस्त नहीं हुई है।

एक जनवरी को अपर जिलाधिकारी कुंवर वीरेंद्र मौर्य ने गंगा पूजन कर मेले की तैयारियों का शुभारंभ किया। उन्होंने सभी विभागों को हिदायत भी दी थी कि मेला क्षेत्र में जरूरी सुविधाएं समय पर मुहैया करा दी जाएं। बिजली विभाग ने एक सप्ताह के अंदर ही मेला स्थल पर खंभे आदि लगवा दिए।

तार खींचने का कार्य 50 फीसदी तक हो चुका है। लेकिन चेकरप्लेट में कम होने से श्रद्धालुओं की दिक्कत बढ़ने के आसार हैं। जल निगम को हैंडपंप, लगाने, नगर पंचायत शौचालय आदि की सुविधाएं मुहैया करानी है। लोक निर्माण विभाग और वन विभाग अभी सक्रिय नहीं दिख रहा है।

एक साल पूर्व तक मेले में 180 चेकरप्लेट आती थी लेकिन इस बार 135 ही भेजी गई थी। ऐसे में मेला स्थल तक जाने वाले मार्ग पर आने - जाने में परेशानी हो सकती है। अब तक मेलास्थल में पेजयल और शौचालय की सुविधा नहीं हो सकी है। हालांकि 14 से पूर्व पूर्ण होने का दावा किया जा रहा है।

गुरुपद उत्तराधिकारी स्वामी करुणाशंकर दास ने कहा कि लोक निर्माण की तरफ से कम चकरप्लेट आया है, जिससे दिक्कत होगी। वन विभाग ने अभी तक लकड़ी की व्यवस्था नहीं की है। पेजयल की व्यवस्था न होने से मेला क्षेत्र में काम करने वाले पदाधिकारियों को परेशानी उठानी पड़ी रही है।

उन्होंने कहा कि सभी विभागों ने 14 जनवरी से पहले ही व्यवस्थाएं करने का दावा किया है।

सभी विभागों को व्यवस्था पूर्ण कराने के निर्देश दिए गए हैं। 14 जनवरी तक जिन विभागों की ओर से व्यवस्था पूरी नहीं होंगी उन पर कार्रवाई होगी।

कुंवर वीरेंद्र मौर्य अपर जिलाधिकारी

*भदोही के सीतामढ़ी में माता सीता ने धरती की गोद में ली थी समाधि,आध्यात्मिक ऊर्जा से ओतप्रोत, त्रेतायुग गाथाओं की साक्षी है यह स्थल*

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। मां गंगा के पावन तट पर विद्यमान जिले का प्रमुख धार्मिक, पौराणिक और पर्यटन स्थल सीतामढ़ी पूर्वांचल में खास पहचान रखता है। यह दिव्य व पावन भूमि अनेक धार्मिक एवं पौराणिक मान्यताओं की साक्षी है।

महर्षि वाल्मीकि की तपोस्थली सीतामढ़ी की पालन भूमि श्रद्धालुओं की आस्था और विश्वास का केंद्र है। असीम शांति और दिव्यता की अनुभूति कराने वाली इस पावन भूमि के कण - कण में माता सीता जी मंढ़ी हुई है। भूलत के प्रथम महाकाव्य, रामायण,की रचनास्थली,जगत जननी माता सीता के द्वितीय निर्वासन काल आश्रयस्थली, महर्षि वाल्मीकि, भगवान श्रीराम व जगत जननी माता सीता के सुपुत्रों लव और कुश कुमारों की जन्मस्थली सीतामढ़ी त्रेतायुग गाथाओं की जीवंत साक्षी है।

लवकुश कुमारों का जन्म आषाढ़ शुक्ल पक्ष नवमी को हुआ था। कुमारों का लालन-पालन, शिक्षा - दीक्षा, महर्षि वाल्मीकि के सानिध्य में सीतामढ़ी स्थित आश्रम में प्राप्त हुआ था। यहां की धरती पर लवकुश कुमारों ने श्री राम के अश्वमेध यज्ञ के घोड़े को पकड़ कर उनकी चतुरंगिनी सेना को पराजित किया था। इसी स्थान पर माता सीता रानी का भव्य मंदिर बना है।

सीतामढ़ी की पावन भूमि पर महर्षि वाल्मीकि को सप्त‌ऋषियों का उपदेश प्राप्त हुआ था। भविष्य में यह तकनीक न केवल प्रदूषण किए बिना अंतरिक्ष प्रक्षेपणों की राह खोलेगी, बल्कि इससे लंबी अवधि के अंतरिक्ष अभियान और गहरे अंतरिक्ष की खोज के अभियानों में मदद मिलेगी।

*पुराण और महाकाव्य देते हैं सीतामढ़ी स्थल की पौराणिकता की गवाही*

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। जिले में पौराणिक स्थलों सीतामढ़ी धाम महर्षि वाल्मीकि की तपोस्थली होने के साथ- साथ लव- कुश कुमारों की जन्मस्थली ने यहीं पर रामायण महाकाव्य की रचना की थी। गोस्वामी तुलसीदास की कवितावली के कवित्त संख्या-138 इसके प्रणाण मिलते हैं। इसके अलावा अन्य कई महाकाव्यों में इसकी प्रामाणिकता भी सिद्ध होती है।

महर्षि वाल्मीकि आश्रम के महत पंडित हरिप्रसाद मिश्र शास्त्री कहते हैं कि गोस्वामी तुलसीदास जी अपनी कवितावली के कवित्त संख्या 138 में सीतामढ़ी की प्राथमिकता सिद्ध की है। जहां वाल्मीकि भयो व्याधि ते मुनींद्र मरा मरा जपे... सिय को निवास लवकुश को जनमथल यानी सीतामढ़ी में सप्तर्षियों का उपदेश सुनकर ( राम नाम का उलटा मरा मरा) हुए वाल्मीकि जी व्याध से महामुनि साधु हो ग‌ए। बताया कि यह स्थान माता सीता का निवास और लवकुश का जन्मस्थान है।

*मतदाता सूची में 35 हजार न‌ए वोटर जुड़े*

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। जिले में मतदाता पुनरीक्षण अभियान खत्म होने के बाद मतदाता सूची में 33 हजार नए नाम जुड़े हैं। बीएलओ की रिपोर्ट के आधार पर न‌ए वोटरों का नाम जोड़ने के साथ जो लंबे समय से बाहर रह रहे हैं, उनका नाम काटा जा गया है। विशेष अभियान के तहत 35 हजार न‌ए वोटरों का नाम मतदाता सूची में अंकित हुआ जबकि 27 हजार 600 लोगों का नाम काटा गया।

सहायक जिला निर्वाचन अधिकारी संजय कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि दो दिन की रिपोर्ट में मतदाता सूची में नाम चढ़ाने के लिए 36 हजार ने आवेदन किया। बीएलओ की जांच करने के बाद 35 हजार नाम दर्ज किया गया है।

*भदोही में एक ही रात में दो घरों को चोरों ने बनाया निशाना, लाखों के आभूषण व नकदी लेकर हुए फरार*

नितेश श्रीवास्तव

भदोही जिले के कोतवाली क्षेत्र के अलग-अलग गांवों में दो घरों में चोरों ने एक ही रात में करीब 20 लाख के माल पर हाथ साफ कर दिया। चोरों ने घरों से नकदी व आभूषण सहित लाखों के माल चुरा कर फरार हो गए। सूचना मिलते ही घटनास्थल पर पहुंची पुलिस ने डॉग स्क्वायड और विशेष टीम की मदद से जांच पड़ताल की।

यह है पूरा मामला

जानकारी के अनुसार चोरी की पहली घटना घनश्यामपुर गांव में हुई। जहां चोरों ने दिवानी न्यायालय जज के पेशकार के घर से लाखों का माल उड़ा दिया। पीड़ित अवधेश चन्द्र मौर्य ने बताया कि गांव में उनके दो मकान हैं। एक मकान में पत्नी सहित परिवार के साथ वह रहते हैं। वहीं दूसरा मकान बंद रहता है। रविवार की रात चोरों ने दूसरे मकान में घूसकर करीब 65 हजार रुपये नकदी और आठ लाख के आभूषण पर हाथ साफ कर दिया। सुबह परिजन जब नींद से जागे तो उन्हें घटना की जानकारी हुई।

इसी तरह दूसरी चोरी की घटना तिलंगा गांव में हुई। जहां गांव निवासी आत्मा राम मिश्र घर में अपनी पत्नी के साथ रहते हैं। उनके दो बेटे अपने परिवार के साथ बाहर रहते हैं। देर रात चोर पीछे के रास्ते से घर में घूसे और कई कमरों को खंगालते हुए अटैची इत्यादि उठा ले गए। पीड़ित के अनुसार दोनों बहूओं और पत्नी की आठ लाख रुपये की आभूषण चोरों ने चुरा लिया है। सुबह घटना की जानकारी होने के बाद परिजनों ने पुलिस को सूचना दी।

उधर, दो गांवों में चोरी की घटना की जानकारी मिलने बाद पुलिस डॉग स्क्वायड और विशेष टीम के साथ मौके पर पहुंची और जांच पड़ताल की। लोगों के अनुसार चोरों के एक ही गैंग ने दोनों घटना को अंजाम दिया है, क्योंकि दोनों गांव आसपास ही हैं।

*दो नगर ओडीएफ प्लस, पांच को मिली मायूसी*

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। स्वच्छ भारत मिशन फेज दो के स्वच्छता सर्वेक्षण में जिले की दो नगर पंचायत घोसिया, खमरिया को ओडीएफ डबल प्लस में शामिल किया गया है जबकि पांच निकाय को झटका लगा है। पाचों नगर पंचायतें स्वच्छता की गतिविधियों में सरकारी गाइडलाइन को पूरी नहीं कर सकी।

स्वच्छ भारत मिशन शासन की प्राथमिकता में शामिल है। केंद्र और प्रदेश सरकार इसको लेकर करोड़ो रूपये भी खर्च कर रही हैं। हर साल शासन स्तर से निकायों का सर्वे कराया जाता है। जिसमें साफ-सफाई, खुले में शौच, पेयजल की सुविधाओं आदि की रिपोर्ट ली जाती है। पिछले महीने शासन स्तर से आयी टीम ने जिले की सात निकाय में सर्वे कर जमीनी हकीकत देखी। शनिवार को शासन ने स्वच्छता सर्वेक्षण की सूची जारी की। जिसमें खमरिया और घोसिया नगर पंचायत को ओडीएफ प्लस-प्लस में शामिल है। इसमें शामिल होने के लिए कुल 20 से अधिक मानक को पूरा करना पड़ता है।

जनपद में दो नगर पालिका भदोही, गोपीगंज है। पांच नगर पंचायत है ज्ञानपुर, खमरियां, सुरियावां, घोसिया और नई बाजार है। इन सभी निकायों में करीब 128 वार्ड है और तीन लाख के करीब यहां की जनसंख्या है। लखनऊ से आई टीम ने निकायों की सर्वे किया था। टीमें ने शौचालयों में हवा, पानी, बिजली, सेप्टि टैंक, साफ-सफाई, वाल पेंटिंग, दरवाजा, कुंडी, शौचालय पर गमले की स्थित, इंडिकेटर आदि सहित विभिन्न बिदुओं की जांच हुई थी। ये सब मानक पूरा करने के बाद खमरिया, घोसिया नगर पंचाायत को ओडीएफ प्लस में शामिल किया गया। ओडीएफ प्लस प्लस में शामिल होने के लिए सामुदायिक शौचालय को विशेष प्राथमिकता दी जाती है।

*2.54 करोड़ से भदोही नगर का होगा विकास*

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। बुनियादी और ढांचागत समस्याओं से जूझ रही भदोही नगर की जनता को अगले कुछ महीनों में राहत मिल सकती है। नगर पालिका के विभिन्न वार्डों के विकास के लिए बने 12.54 करोड़ के 51 प्रस्तावों को जिलाधिकारी गौरांग राठी से अनुमोदन मिल चुका है। अब नगर पालिका ने टेंडर की तैयारी शुरू कर दी है। एक महीने के बाद सभी वार्डों में सड़क, नाली, सीवर, पेयजल आदि के काम शुरू होने के आसार हैं।

15वें वित्त आयोग निधि से 12.54 करोड़ रुपये नगर पालिका के पास हैं। उसी के लिए लगभग सभी 28 वार्डों में नागरिक सुविधाएं बेहतर बनाने के कार्यों का प्रस्ताव बनाकर जिलाधिकारी के पास भेजा था। डीएम ने उस पर स्वीकृत दे दी है। अधिशासी अधिकारी रविशंकर शुक्ला ने बताया कि हर वार्ड में काम कराए जाएंगे। सीवर व्यवस्था, नाली, इंटरलाकिंग सड़कों का निर्माण का प्रस्ताव है। सफाई व्यवस्था सुदृढ़ करने के लिए उपकरणों और वाहनों की खरीद की जाएगी। जलापूर्ति के लिए सबमर्सिबल पंप और पाइप लाइन विस्तार का काम होने हैं। फिलहाल नगर पालिका के गठन के बाद 10 करोड़ के निर्माण कार्य कराए गए हैं।

12.54 करोड़ रुपयों से निर्माण कार्य हो जाने के बाद पुराने और नए नगरीय क्षेत्र में काफी परिवर्तन होगा।आनंद नगर ब्रिज के नीचे बिछेगा इंटरलाकिंगभदोही। नगर के आनंद नगर में रेलवे ओवर ब्रिज बनने के बाद से उसके नीचे का क्षेत्र वर्षों से उपेक्षित है। बारिश में कीचड़ और जलभराव होता है। दुकानों और पटरी व्यवसाइयों को दिक्कत तो होती है खरीदार आना पसंद नहीं करते हैं। इसको देखते हुए जिलाधिकारी ने बहुत पहले नगर पालिका से ब्रिज के नीचे के क्षेत्र में इंटरलाकिंग बिछाने का निर्देश दिया था। वह समय अब आ गया है। ईओ ने बताया कि 12.54 करोड़ से होने वाले कार्य में ओवर ब्रिज के नीचे भी इंटरलाकिंग बिछाए जाने का कार्य शामिल है।

ईओ का वर्जन

12.54 करोड़ के कुल 51 कार्यों के लिए टेंडर कराए जाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। जिसमे एक महीने का समय लग सकता है। इसके बाद शीघ्र काम शुरू कराने की तैयारी है। रविशंकर शुक्ला ईओ नगर पालिका परिषद भदोही।

*रायल्टी न जमा करने पर दो भट़्ठों पर खनन विभाग ने रोका ईंट निर्माण*

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। विनिमय शुल्क यानि रायल्टी जमा न करने पर ईंट-भट्ठों पर खनन विभाग ने कार्रवाई शुरू कर दी है।कोतवाली क्षेत्र के उमरी गांव में रायल्टी बकाए में खनन विभाग ने दो भट्ठों पर खनन एवं ईंट निर्माण का कार्य रोक दिया। विनिमय शुल्क जमा न होने पर विधिक कार्रवाई की चेतावनी दिया।जिले में वैसे तो 150 ईंट भट्ठा संचालित हैं। कुछ संचालक समय से जरूरी भुगतान को कर देते हैं, लेकिन कई लापरवाही बरतते हैं। मनमानी तरीके से बगैर प्रदूषण प्रमाण पत्र लिए संचालित किए जा रहे तमाम ईंट भट्ठे पर्यावरण में जहर तो घोल ही रहे हैं साथ ही संचालक राजस्व को भी चपत लगाने में पीछे नहीं हट रहे हैं।

बेधड़क मिट्टी का खनन कर ईंट बनाने का व्यवसाय किया जा रहा है, लेकिन रायल्टी जमा करने में रूचि नहीं ली जा रही है। वर्ष 2022-23 में 80 लाख रुपये की रायल्टी की अदायगी न करने पर खनन विभाग ने सितंबर-अक्तूबर में 72 ईंट भट्ठा संचालकों को नोटिस जारी किया। 31 दिसंबर तक विनिमय शुल्क जमा करने के लिए समय भी दिया गया, लेकिन अब भी 50 से अधिक भट्ठा संचालकों ने रायल्टी की रकम जमा नहीं की। रविवार को खनन अधिकारी अरविंद कुमार पुलिस बल एवं राजस्य टीम के साथ उमरी के राजपूत ब्रिक्स एवं प्रिंस ईंट उद्योग भट्ठे पर धमके।

उन्होंने बताया कि दोनों संचालकों ने साल 2022 और 2023 की रायल्टी जमा नहीं किया है। जिसको लेकर दोनों भट्ठों पर ईंट पथाई और भट्ठा संचालन कार्य पर रोक लगाया गया है। खनन अधिकारी ने कहा कि 31 दिसंबर तक शुल्क जमा करने का समय दिया गया था। अब भट्ठा संचालकों से बकाया की धनराशि में 18 प्रतिशत वार्षिक ब्याज के साथ लिया जाएगा। उन्होंने अन्य बकाएदार संचालकों से तीन दिन में विनिमय शुल्क जमा करने के लिए कहा। हिदायत दिया कि ऐसा न करने पर विधिक कार्रवाई भी की जाएगी।

*अयोध्या में श्री रामलला के प्राण-प्रतिष्ठा का मुहूर्त का धार्मिक व राजनीतिक प्रभाव: डॉ. कुंदन ज्योतिषी*

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। राम जन्मभूमि अयोध्या में बना भव्य राम मंदिर देश-दुनिया में चर्चा में है. फिलहाल मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियों जोरों पर है. इसके लिए 22 जनवरी 2024 की तारीख निर्धारित की गई है।लेकिन खास बात यह है कि, रामलला की प्राण प्रतिष्ठा केवल 84 सेकंड के सूक्ष्म मुहूर्त में ही की जाएगी. बताया जा रहा है कि, 84 सेकंड का यह मुहूर्त बहुत ही शुभ है जोकि भारत के लिए संजीवनी का काम करेगा। 22 जनवरी 2024 में दोपहर लगभग 12.30 बजे के आसपास अभिजित मुहूर्त में अयोध्या में श्री राम लला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा होगी।

इस मुहूर्त का चमत्कारी प्रभाव धर्म - जगत व राजनीतिक जगत दोनों में देखने को मिलेगा। साथ ही पूरी दुनिया पर इस प्रभाव भविष्य में पड़ेगा। मुहूर्त कुंडली में मेष लग्न है जहां धर्म भाव का स्वामी गुरु अपनी मित्र राशि में बैठा है। और लग्न का स्वामी मंगल भाग्य भाव में बैठकर गुरु के साथ स्थान परिवर्तन योग बना रहा है। साथ ही गुरु से दृष्ट है एवं बुध एवं शुक्र जैसे शुभ ग्रहों से भाग्यभाव में ही युति कर रहा है। जिसके प्रभाव से यह मुहुर्त धर्म जगत के लिए संजीवनी का काम करेगा। पूरे विश्व में हिंदू धर्म में एक बार से आने वाले समय में अपने पुरानी ऊंचाईयों को प्राप्त करेगा।

भदोही जिले में गोपीगंज नगर के जोगिनका गांव के निवासी डॉ कुंदन ज्योतिषी ने कही उन्होंने बताया कि छठें भाव का केतु व बाहरवें भाव का राहु विरोधी व विपक्षियों परास्त करेगा। किंतु बारहवें भाव के राहु पर मंगल की दृष्टि विदेशी आतंकवादी घटनाएं बढ़ाएगी। साथ ही गुरू पर शनि की दृष्टि अपने ही देश में विरोध व संघर्ष बढ़ाएगी। अतः सावधानी सुरक्षा अनिवार्य है।

ग्रहों के शुभ प्रभाव से विरोधी व शत्रु अपने मनसूबे में कामयाब नहीं हो पाएंगे। धर्म भाव में चतुर्थेश चंद्रमा उच्च का होने से मंदिर प्रशासन को धन व भौतिक संसाधनों की कोई कमी नहीं रहेगी। लग्न उच्चेश व पंचमेश सूर्य दशम् भाव में सूर्यकृत राजयोग की सृष्टि कर रहा है। जिसकी वजह से सत्ताधारी राजनौतिक पार्टी जिसके द्वारा यह मुहुर्त जिस वर्ष संपन्न होगा उस वर्ष उस पार्टी को लोकसभा के चुनाव में भारी बढ़त मिलेगी व पुनः उसके हाथों में न‌ई सरकार की कमान आएंगी।