*मच्छरों से बचाव कर हम लोग फाइलेरिया से बच सकते हैं: ओम प्रकाश*
सीके सिंह(रूपम)
सीतापुर। राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत बिसवां ब्लॉक के मानपुर हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर फाइलेरिया मरीजों को रोग प्रबंधन पर एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया। इस मौके पर मरीजों को रुग्णता प्रबन्धन व दिव्यांगता निवारण (एमएमडीपी) किट के जरिए फाइलेरियाग्रस्त अंग की नियमित सफाई के तरीके बताए गए, जिससे कि फाइलेरिया रोगी प्रभावित अंग की उचित देखभाल कर सकें। साथ ही फाइलेरिया ग्रसित अंगों की सूजन कम करने के लिए कुछ हल्के और आसान व्यायाम की भी जानकारी दी गई। प्रशिक्षण में 25 फाइलेरिया मरीजों को एमएमडीपी किट प्रदान की गईं।
फाइलेरिया निरीक्षक ओम प्रकाश भारद्वाज ने बताया कि फाइलेरिया रोग क्यूलेक्स मच्छर काटने से होता है। इस मच्छर के काटने से फाइलेरिया के छोटे-छोटे परजीवी (माइक्रोफाइलेरिया) शरीर में प्रवेश कर जाते हैं, जिससे यह रोग होता है। मच्छरों से बचाव कर हम लोग फाइलेरिया से बच सकते हैं। क्यूलेक्स मच्छर फाइलेरिया संक्रमित व्यक्ति को काटने के बाद किसी स्वस्थ्य व्यक्ति को काटता है तो उसे भी संक्रमित कर देता है लेकिन संक्रमण के लक्षण पांच से 15 वर्ष में उभरकर सामने आते हैं। इसमें हाथ-पैर में सूजन की शिकायत होती है । पुरुषों के अंडकोष में और महिलाओं के स्तन के में भी सूजन आ जाती है।
मलेरिया निरीक्षक आर्यन शुक्ला ने बताया कि मच्छरों से बचने के लिए सभी को साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए। खुली नालियों के होने से जल भराव होता है, जिससे उसमें मच्छर पनपते हैं। ऐसे में मच्छरों को नष्ट करने के लिए जल भराव वाले स्थानों में प्रयोग हुआ मोबिल ऑयल डाल दें। पाथ संस्था की प्रतिनिधि डॉ. आएशा आलम ने बताया कि फाइलेरिया बीमारी कभी खत्म नहीं होती है, बस इसका रोकथाम और प्रबंधन किया जा सकता है। इसलिए फाइलेरिया प्रभावित अंगों की साफ-सफाई रखना जरूरी होता है। इस बीमारी में दवा के साथ-साथ हल्के व्यायाम भी बहुत आवश्यक है। नियमित व्यायाम करने से सूजन को सूजन को कम किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि फाइलेरिया रोगी यदि नियमित साफ सफाई रखें और व्यायाम करें तो बीमारी नियंत्रण में रहती है। स्वयंसेवी संस्था सेंटर फार एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार) के जिला समंवयक भूपेंद्र सिंह ने एमएमडीपी किट का प्रदर्शन करते हुए उसके प्रयोग और फाइलेरिया ग्रस्त अंगों की साफ-सफाई के तरीकों की जानकारी दी। इस मौके पर सीएचओ पुष्पा मिंझ, ग्राम प्रधान चंद्रिका प्रसाद, एएनएम चंद्रिका पांडेय आदि मौजूद रहे।
क्या कहते हैं सीएचसी अधीक्षक
बिसवां सीएचसी के अधीक्षक डॉ. अमित कपूर ने बताया कि सीफार संस्था ब्लॉक क्षेत्र के विभिन्न गांवों में फाइलेरिया रोगियों का समूह बनाकर फाइलेरिया से बचाव के बारे में जागरूकता फैला रही हैं। अगस्त में आयोजित हुए आईडीए अभियान में लोगों को फाइलेरियारोधी दवा का सेवन करने में अहम भूमिका निभाई थी। उन्होंने बताया कि फाइलेरिया मरीजों को प्रभावित अंगों को देखभाल के लिए किट दी जा रही है। किट में प्रभावित अंगों की अच्छी तरह से साफ-सफाई को लेकर टब, मग, तौलिया, साबुन, क्रीम दिया जा रहा है। फाइलेरिया ग्रसित अंगों की साफ-सफाई रखने से संक्रमण का डर नहीं रहता है और सूजन में भी कमी रहती है।
Jan 07 2024, 17:49