*नैमिष के संतों को मिला रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का आमंत्रण पत्र*
सीतापुर- अयोध्या में 22 जनवरी को प्रभु श्रीराम के भव्य मंदिर के उद्घाटन समारोह में नैमिषारण्य तीर्थ से शामिल होने वाले सन्त महंतों को के लिए आमंत्रण पत्र का वितरण आज से प्रारम्भ किया गया। इस उद्घाटन समारोह में तीर्थ के संत महंतो को आमंत्रण विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं ने दिया। ज्ञात हो कि श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने नैमिषारण्य के संतो को 18 जनवरी को ही बुलाया है।
संतों को निमंत्रण देने भाजपा के वरिष्ठ नेता मुनींद्र अवस्थी, विहिप नेता विपुल प्रताप सिंह, भाजपा नेता नीरज त्रिपाठी के साथ ही प्रांतीय धर्माचार्य सम्पर्क प्रमुख अवध प्रान्त बजरंगी विमल मिश्र आये, उन्होंने नैमिष व्यासपीठाधीश्वर जगदाचार्य स्वामी देवेंद्रानंद सरस्वती, 84 कोसीय परिक्रमा अध्यक्ष महंत नारायण दास, व्यासपीठाधीश अनिल शास्त्री, स्वामी विद्यानंद सरस्वती, स्वामी शाश्वतानंद सरस्वती जी, चक्रतीर्थ प्रधान पुजारी राजनारायण पांडेय, सनातनी संत आत्मप्रकाश, राम चरणदास त्यागी, सरोज दीदी, मुमुक्षा दीदी, स्वामी सुरेशानंद, राम अटल दास साहेब को आमंत्रण पत्र देकर उपरोक्त कार्यक्रम में उपस्थित रहने का निवेदन किया।
अयोध्या में कार्यक्रम के लिए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने सभी संतो के निवास तथा भोजन की व्यवस्था की है। इस अवसर पर नैमिष व्यासपीठाधीश्वर श्रीमज्जगदाचार्य स्वामी देवेंद्रानंद सरस्वती ने बेहद प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि ये हिंदू समाज के लिए गौरव का विषय है। ये भारत ही नहीं सबके लिए हर्ष का विषय होना चाहिए। 84 कोसीय परिक्रमा समिति के अध्यक्ष महंत नारायण दास जी ने कहा कि राम मंदिर राष्ट्रीय गौरव की पुनर्स्थापना है। भारतमाता के माथे पर लगा कलंक आज धुल गया। हम सभी अयोध्या प्रभु की प्राण प्रतिष्ठा में जायेंगे।
व्यासपीठाधीश अनिल शास्त्री ने कहा कि ये अद्भुत समय का अनुपम उदाहरण हमारे प्रभु श्री राम की मंदिर में प्रतिष्ठा होना है। स्वामी विद्यानंद सरस्वती ने कहा कि जीते जी राम मंदिर का निर्माण देखना ही हमारे जीवन का लक्ष्य था, आज वह पूर्ण हुआ। इस अवसर पर सभी संत बहुत खुश थे और राममंदिर उद्घाटन सत्र के साक्षी बनने के लिए उत्साहित दिखे।
Jan 06 2024, 16:28