*बिजली चोरी में तीन साल कारावास, सात लाख अर्थदंड*
नितेश श्रीवास्तव
भदोही। अपर विशेष न्यायाधीश शैलोज चंद्रा की अदालत ने बिजली चोरी के दोषी को तीन साल कारावास और सात लाख के अर्थदंड की सजा सुनाई। तीन साल पूर्व भदोही नगर में दर्ज मुकदमे में कोर्ट ने यह फैसला सुनाया। अर्थदंड न देने पर दोषी को एक साल अतिरिक्त कारावास भुगतना पड़ेगा।
प्रवर्तन दल के उप निरीक्षक बृजेश राय ने भदोही कोतवाली में तहरीर दी कि आठ फरवरी 2020 को सुबह आठ बजकर 35 मिनट पर अधिशासी अभियंता रामकुमार टीम के साथ रिलायंस पेट्रोल पंप के सामने जांच करने पहुंचे। अजय दूबे निवासी कंसापुर को कटिया डालकर रेस्टोरेंट चलाते पाया गया। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर आरोपपत्र न्यायालय में भेजा। अभियुक्त के अधिवक्ता ने तर्क दिया कि उसका यह प्रथम अपराध है। वह एक सम्मानित सभ्रांत व्यक्ति है। कम से कम दंड एवं अर्थदंड दिया जाए।
एडीजीसी क्रिमिनल विकास नारायण सिंह और अजीत कुमार सिंह ने तर्क दिया कि 10 एसी लगे होटल को सात साल तक बिना कनेक्शन लिए संचालित करना गंभीर अपराध है। प्रतिष्ठान में 35 किलोवोट का लोड पाया गया था। लाखों रुपये की बिजली चोरी की गई।। ऐसे में कठोर से कठाेर सजा मिलनी चाहिए। बिजली विभाग की तरफ से 58 लाख 87 हजार 831 रुपया जुर्मान निर्धारित किया गया है। दोनों पक्ष के तर्क सुनने के बाद न्यायाधीश ने अजय दूबे को धारा 135 विद्युत अधिनियम के तहत बिजली चोरी का दोषी मानते हुए तीन साल कारावास और सात लाख अर्थदंड की सजा सुनाई।
Jan 02 2024, 14:34