*नहीं हुआ उपचार तो पैदावार प्रभावित करेंगे खरपतवार, जानें कैसे मिलेगा समाधान?*
भदोही- गेंहू की फसल को खरपतवार से बचाना बहुत जरूरी होता है। अगर समय रहते फसल को खरपतवार से नहीं बचाया गया तो यह पूरे फसल में फैल जाती है। जिससे गेंहू उत्पादन पर 20 फीसदी तक असर पड़ने की संभावना बनी रहती है। कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक फसल को खरपतवार से बचाने के लिए समय-समय पर दवाओं का छिड़काव बहुत जरूरी होता है। जिले में इस साल 47 हजार हेक्टेयर में गेंहू की खेती की गई। जनपद में गेंहू की किसानों की प्रमुख फसल है। गेंहू की सिंचाई के बाद संकरी पत्ती वाले खरपतवार तेजी से बढ़ने लगते हैं। जिसमें जंगली जई, गेहूंसा, चौड़ी पत्ती, खरतुवा, हिरनखुरी, कंतेली, बथुआ, कृष्णनील, चटरी, मटरी आदि खरपतवार उग आते है। यह खरपतवार तेजी से फैसते हैं। शुरूआत में ही इनका उपचार नहीं किया गया तो खरपतवार पूरे फसल में फैल जाती है। जिससे फसल के नुकसान होने की संभावना बन आती है।
कृषि विज्ञान केंद्र बेंजवा के कृषि विशेषज्ञ डॉ. आरपी चौधरी ने बताया कि गेहूं की फसल में खरपतवार आ जाते हैं, जो खेत के पोषक तत्वों को नष्ट करते हैं। पोषक तत्वों की कमी से पैदावार प्रभावित होता है। इन खरपतवारों से फसल को बचाने के लिए हमें दवाओं का उपयोग करना चाहिए। जिसमें फसल की बुआई के बाद सेल्फोसल्फ्यूरान 75 फीसदी, मैटसल्यूरान मिथाइल 5 फीसदी, 40 ग्राम क्लोडिना कॉप, एक फीसदी वेस्ट उब्लयू पी की मात्रा 500-600 लीटर पानी में घोल बनाकर पहली सिंचाई के बाद और 30 दिन के अंदर छिड़काव करना चाहिए। खेत में चौड़ी पत्ती वाले खरपतवार को रोकने के लिए 2.4 डी, सोडियम साल्ट, 625 ग्राम या 1.5 लीटर में 2.4 डि एस्टर प्रति हेक्टयेर की दर से 600 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव 35 दिन के अंदर कर दे। बताया कि गेहूं की सिंचाई 21 दिन बाद की जाती है।
किसान खरपतवार को कम करके गेहूं की फसल की पैदावार बढ़ा सकते हैं। बताया कि मौसम भी अब गेहूं की फसल के लिए अच्छा हो रहा है, क्योंकि पिछले कुछ दिनों से कोहरे का असर है। जिससे ठंड बढ़ी है। यह मौसम गेंहू की फसल के लिए उत्तम है।
Jan 02 2024, 14:32