समाज के बनाए नियम गलत हो सकते हैं, भगवान के नियम ना गलत हो सकते हैं और ना ही बदले जा सकते हैं : सत्यदेव महाराज
सीके सिंह(रूपम)
सीतापुर। नैमिषारण्य के हनुमान गढ़ी में महंत बजरंगदास व पवन दास के सानिध्य में श्रीमद्भागवत कथा के द्वितीय दिवस पर हरिद्वार से पधारे कथा व्यास सत्यदेव महाराज ने कहा कि भगवान मानव को जन्म देने से पहले कहते हैं, ऐसा कर्म करना जिससे दोबारा जन्म ना लेना पड़े।
मानव मुट्ठी बंद करके यह संकल्प दोहराते हुए इस पृथ्वी पर जन्म लेता है। प्रभु भागवत कथा के माध्यम से मानव का यह संकल्प याद दिलाते रहते हैं। राजा परीक्षित के कारण भागवत कथा पृथ्वी के लोगों को सुनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।
समाज द्वारा बनाए गए नियम गलत हो सकते हैं, किंतु भगवान के नियम ना तो गलत हो सकते हैं और नहीं बदले जा सकते हैं। शुकदेव जी के जन्म के बारे में यह कहा जाता है कि ये महर्षि वेद व्यास के अयोनिज पुत्र थे और यह बारह वर्ष तक माता के गर्भ में रहे।
भगवान शिव, पार्वती को अमर कथा सुना रहे थे। पार्वती जी को कथा सुनते-सुनते नींद आ गयी और उनकी जगह पर वहां बैठे सुकदेव जी ने हुंकारी भरना प्रारम्भ कर दिया। जब भगवान शिव को यह बात ज्ञात हुई, तब वह शुकदेव को मारने के लिये दौड़े और उनके पीछे अपना त्रिशूल छोड़ा।
शुकदेव जान बचाने के लिए तीनों लोकों में भागते रहे भागते-भागते वह व्यास जी के आश्रम में आये और सूक्ष्मरूप बनाकर उनकी पत्नी के मुख में घुस गए। वह उनके गर्भ में रह गए। ऐसा कहा जाता है कि ये बारह वर्ष तक गर्भ के बाहर ही नहीं निकले। जब भगवान श्रीकृष्ण ने स्वयं आकर इन्हें आश्वासन दिया कि बाहर निकलने पर तुम्हारे ऊपर माया का प्रभाव नहीं पड़ेगा, तभी ये गर्भ से बाहर निकले और व्यासजी के पुत्र कहलाये।
गर्भ में ही इन्हें वेद, उपनिषद, दर्शन और पुराण आदि का सम्यक ज्ञान हो गया था। जन्म लेते ही ये बाल्य अवस्था में ही तप हेतु वन की ओर भागे, ऐसी उनकी संसार से विरक्त भावनाएं थी। परंतु वात्सल्य भाव से रोते हुए व्यास भी उनके पीछे भागे। मार्ग में एक जलाशय में कुछ कन्याएं स्नान कर रही थीं, उन्होंने जब शुकदेव महाराज को देखा तो अपनी अवस्था का ध्यान न रख कर शुकदेव का आशीर्वाद लिया।
लेकिन जब शुकदेव के पीछे मोह में पड़े व्यास वहां पहुंचे तो सारी कन्याएं छुप गयीं। ऐसी सांसारिक विरक्ति से शुकदेव महाराज ने तप प्रारम्भ किया। कथा में मुख्य यजमान पवन गुप्ता , सुमन गुप्ता , रामबिलास गोयल , संदीप , रोहतास , ब्रह्म सिंह , बृज मोहन गोयल , राजेंद्र गर्ग , कांता पूरी , अलोका, सरोज , सीमा , अनीता कालिया ,आशा , ललिता , नीरू व अल्का सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।
Dec 22 2023, 20:18