भारत में किसी अल्पसंख्यक के साथ भेदभाव नहीं होता..', पीएम मोदी ने पारसी कम्युनिटी का उदाहरण देकर समझाया

 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज गुरुवार को ब्रिटेन स्थित एक मीडिया चैनल से बात करते हुए भारत में अल्पसंख्यकों की स्थिति पर विस्तार से अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि, भारतीय समाज में देश में किसी भी धार्मिक अल्पसंख्यक के प्रति भेदभाव की भावना नहीं है। इसके लिए प्रधान मंत्री मोदी ने पारसी समुदाय का उदाहरण दिया और कहा कि “दुनिया में कहीं और उत्पीड़न का सामना करने के बावजूद, पारसियों ने भारत में एक सुरक्षित ठिकाना पाया है।'

प्रधान मंत्री ने अपने तीसरा कार्यकाल का विश्वास व्यक्त किया और कहा कि भारत की वैश्विक मान्यता से पता चलता है कि यह "उतार-चढ़ाव के शिखर" पर है। भारत में मुस्लिम आबादी और भाजपा आलोचकों के "मुस्लिम विरोधी" दावे के बारे में सवालों का जवाब देते हुए, पीएम मोदी ने भारत में पारसियों की आर्थिक समृद्धि का जिक्र किया, जिनके बारे में उन्होंने कहा कि वे भारत में रहने वाले "धार्मिक सूक्ष्म-अल्पसंख्यक" हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि, 'दुनिया में कहीं और उत्पीड़न का सामना करने के बावजूद, पारसी जैसी वैश्विक अल्पसंख्यक आबादी को भारत में एक सुरक्षित आश्रय मिल गया है, वे खुशी से और समृद्ध होकर रह रहे हैं। इससे पता चलता है कि भारतीय समाज में किसी भी धार्मिक अल्पसंख्यक के प्रति भेदभाव की कोई भावना नहीं है।'

विपक्षी दलों और आलोचकों के उनकी सरकार द्वारा असहमति को कुचलने के दावों पर एक सवाल का जवाब देते हुए, प्रधान मंत्री मोदी ने कहा कि एक पूरा पारिस्थितिकी तंत्र है जो आरोप लगाने के लिए अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अपने अधिकार का प्रयोग करता है, लेकिन लोगों को तथ्यों के साथ उनका मुकाबला करने का भी अधिकार है। उन्होंने कहा है कि, 'एक पूरा इकोसिस्टम है, जो हमारे देश में उपलब्ध स्वतंत्रता का उपयोग संपादकीय, टीवी चैनलों, सोशल मीडिया, वीडियो, ट्वीट्स आदि के माध्यम से हर दिन हम पर ये आरोप लगाने के लिए कर रहा है। उन्हें ऐसा करने का अधिकार है। लेकिन दूसरों को तथ्यों के साथ जवाब देने का समान अधिकार है।'

पीएम मोदी ने कहा कि भारत के लोगों ने पिछले दशक के दौरान अपनी उम्मीदों में बदलाव देखा है और उन्हें एहसास है कि भाजपा में उनके विश्वास के कारण हमारा देश "उन्नति के शिखर" पर है, जो देश की आकांक्षाओं को पूरा करने और प्रगति में तेजी लाने के लिए काम कर रही है। 

इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने इजराइल-हमास युद्ध पर भी बयान दिया। उन्होंने क्षेत्र में शांति प्राप्त करने के तरीके के रूप में "दो-राज्य" समाधान का आह्वान करते हुए कहा कि, भारत इज़राइल के साथ घनिष्ठ संबंध बनाए रखते हुए फिलिस्तीनी मुद्दे के प्रति प्रतिबद्ध है। उन्होंने गाजा पट्टी में मानवीय सहायता की आपूर्ति का भी समर्थन किया और बताया नई दिल्ली ने क्षेत्र में युद्ध के परिणामों से जूझ रहे लोगों के लिए शिपमेंट भी भेजा है। उन्होंने कहा कि, 'मैं क्षेत्र के नेताओं के संपर्क में हूं। अगर शांति की दिशा में प्रयासों को आगे बढ़ाने के लिए भारत कुछ भी कर सकता है, तो हम निश्चित रूप से ऐसा करेंगे।'

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मीटिंग के बाद शिवराज सिंह चौहान ने CM मोहन यादव को लेकर कही ये बात

 मध्य प्रदेश में मोहन यादव की ताजपोशी के बात पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान को लेकर कई प्रकार की अटकलें लगाई जा रहीं थीं, मगर अब इन पर ब्रेक लगता नजर आ रहा है। शिवराज सिंह चौहान ने दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात के पश्चात् मुख्यमंत्री मोहन यादव की जमकर प्रशंसा की।

शिवराज सिंह चौहान ने मोहन यादव की प्रशंसा के बात कई और बातें कहीं। उन्होंने कहा कि "डॉ। मोहन यादव प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं तथा मैं एक विधायक हूं। ऐसे में वह मेरे भी नेता हैं। मेरी दिल से इच्छा यही है कि मैं जिन कामों को मध्य प्रदेश में आगे बढ़ाया, उसे वह और आगे ले जाएं। मध्य प्रदेश को बिमारू राज्य से विकासशील राज्य तक ले जाने का जो काम मैंने किया, उसे मोहन यादव नई ऊंचाइयों पर ले जाएं।" आगे शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि, "मुझे पूरा भरोसा है कि मोहन यादव इन कामों को मुझसे बेहतर तरीके से कर पाएंगे तथा राज्य को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे। इस काम के लिए जो भी हो सकेगा मैं उनका पूरा सहयोग करूंगा। इसके अतिरिक्त मैं चाहूंगा कि वह जनकल्याण की योजनाएं भी चलाएं जिससे लोगों का भला हो सके। शिवराज सिंह ने मोहन यादव के लिए कहा कि, मुख्यमंत्री का दायित्व निभाने के लिए उन्हें मुझसे जो भी सहयोग चाहिए होगा, वह मैं करता रहूंगा।"

आपको बता दें कि इससे पहले शिवराज सिंह चौहान ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की थी। इस मुलाकात को लेकर बताया जा रहा है कि पार्टी ने उन्हें जल्द नई जिम्मेदारी के लिए तैयार रहने को कहा है। उन्हें अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र में बड़ा रोल प्राप्त हो सकता है। दरअसल, शिवराज सिंह चौहान मध्य प्रदेश में बहुत लोकप्रिय हैं।

जब तक श्रीराम मंदिर नहीं बनेगा तब तक शादी नहीं करूँगा', 32 साल बाद पूरा हुआ 'भोजपाली बाबा' का प्रण, अयोध्या से आया निमंत्रण

मध्य प्रदेश के बैतूल में हिन्दू धर्म का प्रचार कर रहे भोजपाली बाबा को अयोध्या श्रीराम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का निमंत्रण आया है। निमंत्रण आने से बाबा खुश हैं तथा उनके भक्तों में भी खुशी है। बाबा ने संकल्प लिया था कि जब तक भव्य राम मंदिर नहीं बनेगा तब तक अविवाहित रहेंगे। बाबा का संकल्प पूरा हो गया तथा ग्रामीण उन्हें अयोध्या भेजने की तैयारी कर रहे हैं। उन्होंने कहा- 'मुझे भरोसा नहीं था कि रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह का निमंत्रण आएगा तथा जब आया तो मेरी खुशी का ठिकाना नहीं रहा।' ये शब्द हैं रविन्द्र गुप्ता उर्फ भोजपाली बाबा के।  

दरअसल, भोजपाली बाबा ने 32 वर्ष पहले जब वे 21 के थे, तब श्री राम मंदिर के भव्य निर्माण को लेकर संकल्प लिया था कि जब तक मंदिर नहीं बनेगा तब तक भी अविवाहित रहेंगे। राम मंदिर निर्माण को लेकर उन्होंने अपना परिवार त्याग दिया तथा संत बन गए। अब हिन्दू धर्म का प्रचार कर रहे हैं तथा समाज सेवा कर रहे हैं। अब भोजपाली बाबा 52 वर्ष के हो गए हैं तथा अयोध्या जाने की तैयारी कर रहे हैं। 21 वर्ष की उम्र में कर सेवकों के साथ अयोध्या गए थे तभी से उन्होंने भव्य श्री राम मंदिर बनाने का संकल्प लिया था। दर्शन शास्त्र एवं एक अन्य विषय में MA करने के साथ ही उन्होंने वकालत की पढ़ाई की है। भोजपाली बाबा का परिवार संघ की पृष्ठभूमि का है। बचपन से ही उन्होंने देश भक्ति के लिए कार्य किए हैं। 1992 में भोजपाली बाबा राम मंदिर को लेकर कारसेवकों के साथ अयोध्या गए थे।

बाबा ने 21 वर्ष में भव्य राम मंदिर निर्माण को लेकर अविवाहित रहने का संकल्प लिया तथा हिन्दू धर्म के लिए संन्यासी बन गए। हालांकि, बाबा ने कुछ दिन वकालत भी की है। उनके परिवार में माता-पिता के 3 भाई और हैं। जब बाबा ने परिवार छोड़ा तो उनकी मां ने रोकने का प्रयास किया था, लेकिन बाबा नहीं रुके तथा घर से निकल गए। बाबा ने 3 बार नर्मदा परिक्रमा की है। परिक्रमा के चलते उनकी माता जी का निधन हो गया था, लेकिन वे अंतिम संस्कार में इसलिए सम्मिलित नहीं हुए कि परिक्रमा अधूरी रह जाती। भोजपाली बाबा बीते 10 वर्षों से बैतूल के मिलानपुर गांव में हैं तथा मंदिर में पूजा अर्चना कर रहे हैं। बाबा विश्व हिंदू परिषद के संगठन मंत्री हैं तथा हिन्दू धर्म का प्रचार कर रहे हैं। उनका मानना है कि देश मे हिन्दू धर्म को स्थापित करने ही अयोध्या में राम मंदिर की नींव रखी गई है।

रामलला की प्राण प्रतिष्ठा देखने का सपना साकार होते देखा बाबा भोजपाली की आंखों में भी चमक नजर आ रही है। कार्यक्रम में सम्मिलित होने को लेकर उनमें उत्साह भी नजर आ रहा है। उनके साथ ही ग्रामीणों में भी खुशी है। गांव के कृष्ण कांत गावंडे ने बताया कि बाबा को गाजे-बाजे के साथ अयोध्या के लिए रवाना किया जाएगा। साथ रहने वाले मोनू ने बताया कि बाबा ने अपना पूरा जीवन प्रभु श्री राम एवं समाज को समर्पित कर दिया है।

पाकिस्तान के पूर्व पीएम नवाज शरीफ का छलका दर्द, बोले- हमारे पड़ोसी चांद पर पहुंच गए और हम...

#nawaz_sharif_praises_india_and_targeted_pakistani_army 

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने भारत की सराहना करते हुए अपना दुख जाहिर किया है। नवाज शरीफ ने अपने देश के आर्थिक संकट की ओर इशारा करते हुए भारत की प्रगति की सराहना की है। उन्होंने कहा कि हमारे पड़ोसी चांद पर पहुंच गए जबकि हम जमीन पर भी खड़े नहीं हुए हैं।

पाकिस्तान के पूर्व पीएम बुधवार को इस्लामाबाद में पीएमएल-एन कैडर को संबोधित कर रहे थे। देश की गंभीर आर्थिक स्थिति की ओर इशारा करते हुए, पाकिस्तान मुस्लिम लीग_नवाज (पीएमएल-एन) सुप्रीमो ने कहा कि पाकिस्तान अपने पतन के लिए खुद जिम्मेदार है। शरीफ ने कहा, हमारे पड़ोसी चांद पर पहुंच गए हैं लेकिन हम अभी तक जमीन से ऊपर भी नहीं उठ पाए हैं। यह ऐसे ही जारी नहीं रह सकता।

नवाज शरीफ ने आगे कहा कि आज पाकिस्तान इकोनॉमी के मामले में जहां पहुंच गया है, वह भारत, अमेरिका या यहां तक कि अफगानिस्तान ने भी नहीं किया है। वास्तव में हमने अपने ही पैरों पर कुल्हाड़ी मार ली। 2018 के चुनावों में धांधली करके इस देश पर एक सरकार थोप दी गई। जिससे लोगों को परेशानी हुई और इकोनॉमी गिर गई।

ये पहली बार नहीं है जब शरीफ ने भारत की सराहना की आड़ में अपना देश का दुखड़ा रोया था। भारत ने चंद्रमा के दक्षिणी हिस्से में चंद्रयान-3 मिशन को सफलतापूर्वक लॉन्च किया, तो शरीफ ने दोनों देशों के बीच इसी तरह की तुलना की थी। उस वक्त नवाज शरीफ ने कहा था कि ‘आज पाकिस्तान के प्रधानमंत्री भीख मांगने के लिए देश-देश घूम रहे हैं, जबकि भारत चांद पर पहुंच गया है और जी-20 बैठकें कर रहा है। भारत ने जो उपलब्धि हासिल की, वह पाकिस्तान क्यों हासिल नहीं कर सका। यहां इसके लिए कौन जिम्मेदार है?’

भ्रष्टाचार के मामले में स्टालिन सरकार के मंत्री पोनमुडी को तीन साल की सजा, 50 लाख का जुर्माना भी लगा

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आय से अधिक संपत्ति के एक मामले में मद्रास हाई कोर्ट ने गुरुवार को तमिलनाडु के उच्च शिक्षा मंत्री के पोनमुडी को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत तीन साल की जेल की सजा सुनाई। उच्च न्यायालय ने निचली अदालत की तरफ से पोनमुडी को बरी करने के फैसले को पलटते हुए ये सजा सुनाई। न्यायमूर्ति जी जयचंद्रन ने पोनमुडी की पत्नी पी विशालाक्षी को भी तीन साल जेल की सजा सुनाई। जज ने पोनमुडी और उनकी पत्नी पर 50-50 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया। इससे पहले तमिलनाडु के ही सेंथिल बालाजी को 14 जून को ईडी ने ‘नौकरी के बदले नकदी’ घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में गिरफ्तार किया था, जब वह पूर्ववर्ती अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (एआईएडीएमके) शासन के दौरान परिवहन मंत्री थे।

पोनमुडी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की 13 (2)(धारा 13 (1) (ई) के साथ पढ़ी जाए) के तहत दंडनीय अपराध के संबंध में आरोप साबित हुए हैं। ऐसी धाराएं एक लोक सेवक द्वारा आपराधिक कदाचार और अवैध कमाई से संबंधित हैं। इसी साल जुलाई में पोनमुडी और उनके बेटे गौतम सिगामणि से प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कथित अवैध रेत खनन से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के 2011 के एक मामले में पोनमुडी और उनके बेटे से पूछताछ की थी। ईडी ने आरोप लगाया है कि पोनमुडी ने 2006 और 2011 के बीच खान और खनिज मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान तमिलनाडु लघु खनिज रियायत अधिनियम का उल्लंघन किया था। इसने पोनमुडी पर वनूर ब्लॉक के पूथुराई में लगभग 28.37 करोड़ रुपये की अवैध लाल रेत खदान आवंटित करने का भी आरोप लगाया है।

तमिलनाडु के विल्लुपुरम जिले के रहने वाले पोनमुडी ने पीएचडी कर रखी है और उन्होंने कुछ समय तक प्रोफेसर के रूप में भी काम किया है। बाद में वह द्रमुक की ओर आकर्षित हुए और वह 1989 में विल्लुपुरम से पहली बार विधायक बने। वह छह बार के विधायक हैं। 72 वर्षीय पोनमुडी फिलहाल कल्लाकुरिची जिले के तिरुक्कोयिलुर निर्वाचन क्षेत्र से विधायक हैं और विल्लुपुरम-कल्लाकुरिची बेल्ट में काफी प्रभाव रखते हैं।उन्हें अल्पसंख्यक वोटों को द्रमुक की ओर लाने में भी प्रमुख व्यक्ति माना जाता है।

“भारत की धरती मुस्लिमों के लिए जन्नत”, विदेशी अखबार को दिए इंटरव्यू में बोले पीएम मोदी

#pm_modi_says_india_is_safe_haven_for_muslims 

देश में भारतीय जनता पार्टी की नरेन्द्र मोदी सरकार पर मुसलमानों को लेकर तरह-तरह के सवाल उठते रहे हैं। गुजरात में 2002 के दंगों के दौरान नरेंद्र मोदी मुख्यमंत्री थे. दंगों के बाद मोदी की छवि मुस्लिम विरोधी बनी थी। जिसका असर नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने पर भी देखा गया। हालांकि मोदी सरकार ने अपने लगातार प्रयास से इस छवि से निकलने की कोशिश की है। इस बीच विदेशी अखबार ‘फाइनेंशियल टाइम्स’ को दिए इंटरव्यू में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत में मुसलमानों के भविष्य को लेकर बड़ी बात कही है। एक सवाल के जवाब में पीएम मोदी ने कहा कि भारत की धरती मुस्लिमों के लिए जन्नत है।

फाइनेंशियल टाइम्स’ को दिए इंटरव्यू में एक सवाल के जवाब में पीएम मोदी ने कहा कि भारत की धरती मुस्लिमों के लिए जन्नत है। इंटरव्यू के दौरान जब पीएम मोदी से पूछा गया कि भारत में मुस्लिम अल्पसंख्यक का क्या भविष्य है, इस पर पीएम मोदी ने इसके बजाय भारत के पारसियों की आर्थिक सफलता की ओर इशारा किया, जिन्हें वह ‘भारत में रहने वाले धार्मिक माइक्रो माइनॉरिटी’ मानते हैं। उन्होंने कहा, ‘दुनिया में अन्य जगहों पर उत्पीड़न का सामना करने के बावजूद, उन्हें (मुस्लिम अल्पसंख्यक) भारत में एक सेफ हैवन मिल गया है। वे खुशी से रह रहे हैं और समृद्ध हो रहे हैं।

वहीं, अमेरिका में सिख अलगाववादी नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साज़िश के आरोपों पर पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी प्रतिक्रिया दी। फाइनेंशियल टाइम्स को दिए इंटरव्यू में पीएम मोदी ने कहा कि वो सबूतों को देखेंगे लेकिन कुछ वाकयों से भारत और अमेरिका के संबंधों पर असर नहीं होगा। कुछ वक़्त पहले अमेरिका ने ये दावा किया था कि भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता ने न्यूयॉर्क में पन्नू की हत्या के लिए एक शख़्स को क़रीब 83 लाख रुपये की सुपारी दी थी। अमेरिकी कोर्ट में पेश दस्तावेज़ों में दावा किया गया, निखिल गुप्ता को भारत सरकार के एक कर्मचारी से निर्देश मिले थे।इस मामले में भारत ने उच्च स्तरीय कमेटी बनाकर जांच शुरू की थी। अमेरिका ने भारत के इस कदम का स्वागत किया था।

कोरोना ने तेजी से पांव पसार रहा कोरोना, 24 घंटे में कोविड के 358 नए केस सामने आए

#india_covid_19_cases 

देश में कोरोना वायरस की रफ्तार एक बार फिर से डराने लगी है। भारत समेत पूरी दुनिया में कोरोना फिर सिर उठाने लगा है ।स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, देश में पिछले 24 घंटे में कोविड के 358 नए केस सामने आए हैं। इस तरह देश में कोविड-19 के एक्टिव केस की संख्या 2669 हो गई है। कोविड-19 के बढ़ रहे केस ने एक बार फिर से लोगों को चिंतित कर दिया है।

स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, भारत में पिछले 24 घंटो में कोरोना वायरस के 358 मामले सामने आए हैं, जिनमें से 300 केवल केरल में ही दर्ज किए गए हैं। इसी दौरान देश में कोरोना वायरस से 6 लोगों की मौत हो गई है, जिसमें कर्नाटक में 2, पंजाब में एक और केरल से 3 मौत हुई है। फिलहाल, देश में एक्टिव केसों की संख्या 2669 है।

कोविड वैरिएंट JN.1 के लक्षण

बुखार आना

थकान महसूस होना

नाक बहना 

गले में खराश

सिर में दर्द रहना

खांसी और कंजेशन

कुछ लोगों को स्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्या हो रही है

दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने ईडी के समन का दिया जवाब, बोल -मेरे पास छिपाने को कुछ नहीं, ये गैरकानूनी

#cm_kejriwal_responded_to_ed_summons_in_delhi_liquor_scam

दिल्ली शराब घोटाले में ईडी की जांच का दायरा बढ़ता जा रहा है। इसी क्रम में जांच एजेंसी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को दूसरा समन भेजकर पेश होने को कहा। ईडी की ओर से जारी किए गए समन पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जवाब दिया है। अरविंद केजरीवाल ने इस समन को भी गैरकानूनी बताया है और इसे वापस लेने की बात कही है। केजरीवाल ने कहा है कि मैंने अपना जीवन ईमानदारी और पारदर्शिता से जिया है।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ईडी के समन को गैरकानूनी और राजनीतिक करार दिया है। प्रवर्तन निदेशालय के समन का जवाब देते हुए केजरीवाल ने कहा कि उनके पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है। उन्होंने कहा कि मैं हर कानूनी समन मानने को तैयार हूं। ईडी का ये समन भी पिछले समन की तरह गैरकानूनी है। दिल्ली के सीएम ने कहा कि ईडी का समन राजनीति से प्रेरित है। इसे ईडी को वापस लेना चाहिए। साथ ही कहा कि मेरे पास छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है। 

बता दें कि केजरीवाल को आज प्रवर्तन निदेशालय के सामने पेश होना था। मगर वो 10 दिवसीय विपश्यना ध्यान सत्र के लिए रवाना हो गए।अरविंद केजरीवाल 20 दिसंबर को 10 दिन की छुट्‌टी लेकर विपश्यना केंद्र के लिए चले गए।हालांकि, यह जानकारी नहीं दी गई है कि वह विपश्यना के लिए किस शहर में गए हैं। उन्हें विपश्यना पर मंगलवार को जाना था, लेकिन इंडिया गठबंधन की बैठक के कारण एक दिन के लिए टल गया था।

ऐसा दूसरी बार है जब केजरीवाल ईडी का समन मिलने के बाद भी जांच एजेंसी के सामने पेश नहीं होंगे। इससे पहले एजेंसी ने उन्हें 2 नवंबर को पेश होने के लिए कहा था, लेकिन वो पेश नहीं हुए। उन्होंने लेटर भेजकर एजेंसी से पूछा था- मैं संदिग्ध हूं या गवाह।

दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने ईडी के समन का दिया जवाब, बोल -मेरे पास छिपाने को कुछ नहीं, ये गैरकानूनी

#cm_kejriwal_responded_to_ed_summons_in_delhi_liquor_scam

दिल्ली शराब घोटाले में ईडी की जांच का दायरा बढ़ता जा रहा है। इसी क्रम में जांच एजेंसी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को दूसरा समन भेजकर पेश होने को कहा। ईडी की ओर से जारी किए गए समन पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जवाब दिया है। अरविंद केजरीवाल ने इस समन को भी गैरकानूनी बताया है और इसे वापस लेने की बात कही है। केजरीवाल ने कहा है कि मैंने अपना जीवन ईमानदारी और पारदर्शिता से जिया है।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ईडी के समन को गैरकानूनी और राजनीतिक करार दिया है। प्रवर्तन निदेशालय के समन का जवाब देते हुए केजरीवाल ने कहा कि उनके पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है। उन्होंने कहा कि मैं हर कानूनी समन मानने को तैयार हूं। ईडी का ये समन भी पिछले समन की तरह गैरकानूनी है। दिल्ली के सीएम ने कहा कि ईडी का समन राजनीति से प्रेरित है। इसे ईडी को वापस लेना चाहिए। साथ ही कहा कि मेरे पास छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है। 

बता दें कि केजरीवाल को आज प्रवर्तन निदेशालय के सामने पेश होना था। मगर वो 10 दिवसीय विपश्यना ध्यान सत्र के लिए रवाना हो गए।अरविंद केजरीवाल 20 दिसंबर को 10 दिन की छुट्‌टी लेकर विपश्यना केंद्र के लिए चले गए।हालांकि, यह जानकारी नहीं दी गई है कि वह विपश्यना के लिए किस शहर में गए हैं। उन्हें विपश्यना पर मंगलवार को जाना था, लेकिन इंडिया गठबंधन की बैठक के कारण एक दिन के लिए टल गया था।

ऐसा दूसरी बार है जब केजरीवाल ईडी का समन मिलने के बाद भी जांच एजेंसी के सामने पेश नहीं होंगे। इससे पहले एजेंसी ने उन्हें 2 नवंबर को पेश होने के लिए कहा था, लेकिन वो पेश नहीं हुए। उन्होंने लेटर भेजकर एजेंसी से पूछा था- मैं संदिग्ध हूं या गवाह।

तीनों आपराधिक कानून संशोधन विधेयक लोकसभा से पारित, देश के खिलाफ बोलने पर जेल, मॉब लिंचिंग पर फांसी, नए कानून में और क्या

#homeministeramitshahoncriminalcode_bills

लोकसभा में भारतीय न्याय (द्वितीय) संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा (द्वितीय) संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य (द्वितीय) विधेयक 2023 को ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। लोकसभा में तीन क्रिमिनल लॉ बिल पर चर्चा हुई और इस चर्चा का जवाब देते हुए लोकसभा में गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार कहा कि मोदी सरकार अंग्रेजों के कानूनों में बदलाव करने जा रही है। अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार पहली बार आतंकवाद की व्याख्या करने जा रही है। इसके साथ ही राजद्रोह को देशद्रोह में बदला जा रहा है। अमित शाह ने कहा कि व्यक्ति की स्वतंत्रंता, मानव के अधिकार और सबके साथ समान व्यवहार रूपी तीन सिद्धांत के आधार पर ये प्रस्तावित कानून लाए गए हैं। गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में कहा है कि इस ऐतिहासिक सदन में करीब 150 साल पुराने तीन कानून, जिनसे हमारी आपराधिक न्याय प्रणाली चलती है, उन तीनों कानूनों में पहली बार मोदी जी के नेतृत्व में भारतीयता, भारतीय संविधान और भारत की जनता की चिंता करने वाले बहुत आमूल-चूल परिवर्तन लेकर मैं आया हूं।

CrPC में पहले 484 धाराएं थीं, अब इसमें 531 धाराएं होंगी

गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि Indian Penal Code जो 1860 में बना था, उसका उद्देश्य न्याय देना नहीं बल्कि दंड देना ही था। उसकी जगह भारतीय न्याय संहिता 2023 इस सदन की मान्यता के बाद पूरे देश में अमल में आएगी। CrPc की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 इस सदन के अनुमोदन के बाद अमल में आएगी, और Indian Evidence Act 1872 की जगह भारतीय साक्ष्य विधेयक 2023 अमल में आएगा। उन्होंने कहा कि मैंने तीनों विधेयकों को गहनता से पढ़ा है और इन्हें बनाने से पहले 158 परामर्श सत्रों में भाग लिया है। अमित शाह ने कहा कि CrPC में पहले 484 धाराएं थीं, अब इसमें 531 धाराएं होंगी। 177 धाराओं में बदलाव किए गए हैं और 9 नई धाराएं जोड़ी गई हैं। 39 नई उप-धाराएं जोड़ी गई हैं। 44 नए प्रावधान जोड़े गए हैं। 

आतंकी गतिविधि करने वालों को जेल से बाहर आने का रास्ता बंद

गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि आतंकवाद की व्याख्या अब तक किसी भी कानून में नहीं थी। पहली बार अब मोदी सरकार आतंकवाद को व्याख्यायित करने जा रही है। जिससे इसकी कमी का कोई फायदा न उठा पाए।उन्होंने कहा कि आतंकवादी कृत्यों में एक लाख से ज्यादा लोगों की जान जाने जाने के बाद पहली बार मोदी सरकार ने इसे आपराधिक न्याय कानूनों में जगह देने का काम किया। कुछ सांसद कह रहे हैं कि यूएपीए में सजा होती है, लेकिन (विपक्ष) की प्रभाव वाली जगह में यूएपीए (UAPA) नहीं लगाते थे। इस कारण आतंकवादी बच जाते थे। ऐसे में हमने मूल कानून में ही बदलाव करके आतंकी गतिविधि करने वालों लोगों को जेल से बाहर आने का रास्ता ही बंद कर दिया। शाह ने कहा कि कोई कहता है कि सशस्त्र विद्रोह, अलगाववादी गतिविधियां, बम धमाके और गोलीबारी के बाद भी कोई जेल में नहीं जाना चाहिए है तो मैं इससे इत्तेफाक नहीं रखता। देश के खिलाफ जो भी कोई कुछ कहेगा उसे जरूर सजा होगी।

मॉब लिंचिंग के लिए फांसी की सजा

गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि मॉब लिंचिंग घृणित अपराध है और हम इस कानून में मॉब लिंचिंग अपराध के लिए फांसी की सजा का प्रावधान कर रहे हैं। लेकिन मैं विपक्ष से पूछना चाहता हूं कि आपने भी वर्षों देश में शासन किया है, आपने मॉब लिंचिंग के खिलाफ कानून क्यों नहीं बनाया? आपने मॉब लिंचिंग शब्द का इस्तेमाल सिर्फ हमें गाली देने के लिए किया, लेकिन सत्ता में रहे तो कानून बनाना भूल गए।

तीन दिन के अंदर एफआईआर दर्ज करनी होगी

गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि 3 से 7 साल की सजा के मामले में 14 दिन के अंदर प्रारंभिक जांच की आरोप सही है या नहीं है। 14 दिन के अंदर प्रारंभिक जांच करके एफआईआर दर्ज करनी होगी। ज्यादा से ज्यादा 14 दिन तक आप प्रारंभिक जांच कर सकते हो अगर छोटी सजा है तो तीन दिन के अंदर की एफआईआर दर्ज करनी होगी। सबसे पहले न्याय में समय की कटोती यहा होगा। जिला मजिस्ट्रेट को जो जांच रिपोर्ट देनी होती तो पहले उसमें कोई समय सीमा का प्रावधान नहीं था।

मानव अधिकारों से जुड़े कानूनों को प्राथमिकता

गृह मंत्री शाह ने लोकसभा में यह भी कहा कि नये कानूनों में महिलाओं और बच्चों को प्रभावित करने वाले कानूनों को प्राथमिकता दी गई है, उसके बाद मानव अधिकारों से जुड़े कानूनों और देश की सुरक्षा से संबंधित कानूनों को प्राथमिकता दी गई है। उन्होंने कहा मैंने तीनों विधेयकों को गहनता से पढ़ा है और इन्हें बनाने से पहले 158 परामर्श सत्रों में भाग लिया है। शाह ने कहा कि लंबे समय बाद देश की जनता ने एक ऐसी सरकार चुनी है जिसने अपने घोषणापत्र में किए वादों को अक्षरश: लागू किया है