*शहरी दर पर विद्युत दर पर वसूली के मामले में विद्युत नियामक आयोग ने सुनाया बड़ा फैसला, पावर कॉरपोरेशन एक सप्ताह में सौंपे रिपोर्ट*
लखनऊ। पूरे उत्तर प्रदेश के सभी बिजली कंपनियों में 636 आईपीडीएस टाउन सहित प्रदेश के अनेकों जनपदों मैनपुरी नोएडा बुलंदशहर उरई जालौन आगरा में बिजली आपूर्ति अधिक दिए जाने के नाम पर लाखों ग्रामीण विद्युत उपभोक्ताओं जिनकी ग्रामीण दर से हो रही बिलिंग को सप्लाई टाइप चेंज करके शहरी बिलिंग में परिवर्तित किए जाने के मामले पर आज एक बार फिर उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने विद्युत नियामक आयोग के चेयरमैन अरविंद कुमार व सदस्य संजय कुमार सिंह से मुलाकात कर प्रदेश के लाखों विद्युत उपभोक्ताओं को अभिलंब न्याय दिलाने की मांग उठाई और कहा यह मामला बहुत गंभीर है।
प्रदेश की विद्युत उपभोक्ताओं में इस मुद्दे को लेकर काफी आक्रोश है।
वहीं दूसरी ओर विद्युत नियामक आयोग के निर्देश पर आयोग के सचिव की तरफ से पावर कारपोरेशन के प्रबंध निदेशक को यह निर्देश जारी किए गए हैं कि अगस्त 2023 में उपभोक्ता परिषद की याचिका पर पावर कारपोरेशन को 10 दिन में रिपोर्ट सौंपने का निर्देश जारी किया गया था इसके बाद पावर कारपोरेशन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए विस्तृत जांच करने में लगने वाले समय के दृष्टिगत 4 सप्ताह का अतिरिक्त समय विद्युत नियामक आयात से मांगा था ।
इसके बावजूद भी पावर कारपोरेशन ने रिपोर्ट नहीं सौपा जिस पर विद्युत नियामक आयोग ने कहा कि दो माह से ज्यादा का समय व्यतीत हो जाने के बाद भी प्रकरण पर विस्तृत रिपोर्ट आयोग को नहीं प्रेषित की गई जिसे विद्युत नियामक आयोग ने बहुत ही गंभीरता से लिया है और पुनः विद्युत नियामक आयोग ने पावर कारपोरेशन को एक सप्ताह में रिपोर्ट सौंपने का निर्देश जारी करते हुए यह भी चेतावनी दी है की रिपोर्ट न सौपे जाने पर विद्युत नियामक आयोग स्वत अवमानना की कार्यवाही शुरू कर देगा।
गौरतलब है कि 18 अगस्त को उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने सभी बिजली कंपनियों व पावर कारपोरेशन के खिलाफ विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी आदेश व टैरिफ आदेश का उल्लंघन किए जाने के लिए विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 142 के तहत अवमानना याचिका दाखिल की गयी थी और सबूत के तौर पर सभी व दस्तावेज भी पेश किए जो स्वत सिद्ध कर रहे हैं कि बिजली कंपनियों में अनेकों क्षेत्र में राजस्व बढाने के लिए ग्रामीण विद्युत उपभोक्ताओं की ग्रामीण दरों को परिवर्तित कर शहरी दरों में उनसे करोडों रुपए अधिक वसूले गए ।
जिसकी तत्काल वापसी कराई जाए उपभोक्ता परिषद ने विद्युत नियामक आयोग के सामने यह भी मुद्दा रखा कि इस पूरे मामले की जांच कराई जाए तभी सही मामले में स्थिति साफ हो पाएगी कि पूरे उत्तर प्रदेश में किन किन जनपदों में विद्युत उपभोक्ताओं से अधिक वसूली की गई। यह बात तो साफ हो गई कि दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के तहत मैनपुरी जालौन उरई आगरा हाथरस बांदा इटावा सहित अनेको जनपदों नोएडा बुलंदशहर में उपभोक्ताओं से ग्रामीण दर के बजाय शहरी दर पर वसूली की गई है इस प्रकार उत्तर प्रदेश के दूसरी बिजली कंपनियों मे भी आई स्थिति सामने आ रही है।
Dec 19 2023, 16:58