श्रद्धा भावना के साथ मनाया गया गुरु तेग बहादुर साहिब का शहीदी पर्व
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ललितपुर। श्रीगुरु सिंह सभा के पूर्व महामंत्री स्व.सरदार अवतार सिंह के निवास सिविल पर लाइन पर गत वर्षो की भाती इस वर्ष भी गुरुतेग बहादुर साहिब का शहीदी दिवस श्रद्धा भावना के साथ मनाया गया।
स्व.अवतार सिंह द्वारा रखाए गए श्रीअखंड पाठ साहिब की समाप्ति हुई। मुख्य ग्रंथि ज्ञानी अरविंदर सिंह ने कहा की 1675 को दिल्ली में मुगल बादशाह औरंगजेब के आदेश पर सिख धर्म के नौवें गुरु गुरु तेग बहादुर का सिर कलम कर दिया गया।
हिंदू धर्म की रक्षा के लिए कश्मीरी पंडित जब औरंगजेब की यातनाओं से परेशान हो गये, उन्हें जबरन इस्लाम धर्म स्वीकार करने के लिए कहा गया तब कश्मीरी पंडितो ने किरपाराम के नेतृत्व में गुरु तेगबहादु की शरण में पहुंचे। उन्होंने औरंगजेब की जबरन धर्म परिवर्तन की दस्ता गुरुजी के आगे रखी, तब गुरु ने कहा कि औरंगजेब से कहा कि हमारा गुरु अगर इस्लाम स्वीकार कर लेगा तो हम भी इस्लाम स्वीकार कर लेगे आज, गुरु तेग बहादुर की पुण्यतिथि है।
इसी दिन उनकी शहादत हुई थी। सिखों के 9वें गुरु तेग बहादुर ने धर्म की रक्षा के लिए अपने जीवन को कुर्बान कर दिया था। वे अपनी आखिरी सांस तक धर्मांतरण के खिलाफ लड़ते रहे। इस्लाम नहीं कबूलने की वजह से औरंगजेब ने गुरु तेग बहादुर जी का सिर कटवा दिया था।
तेग बहादुरजी की शौर्य गाथा आज भी सिख समुदाय और अन्य धर्म के लोगों को काफी प्रेरित करती है। वे सदैव अन्याय, जुल्म, अंधविश्वास के खिलाफ और मानव अधिकारों के लिए लड़ते रहे थे। आज दिल्ली का गुरुद्वारा शीश गंज गुरु तेग बहादुर शहादत के लिए ही जाना जाता है। तेग बहादुरजी को हिंद की चादर के नाम से भी जाना जाता है।
उन्होंने अपना सारा जीवन मानवीय मूल्यों और सिद्धांतों की रक्षा के लिए समर्पित कर दिया था। कहा जाता है कि मुगल बादशाह औरंगजेब ने तेग बहादुर जी पर इस्लाम धर्म को कबूलने के लिए काफी मजबूर किया था लेकिन इसके बावजूद उन्होंने इस्लाम को स्वीकार नहीं किया।
गुरु तेग बहादुर के साहस को देख कर औरंगजेब तिलमिला गया और गुरु तेग बहादुर से कहा कि वह इस्लाम और मौत में से किसी एक का चुनाव कर लें। लेकिन उन्होंने मौत को स्वीकार करना मंजूर किया लेकिन इस्लाम को नहीं अपनाया। तब औरंगजेब ने गुरु तेग बहादुर जी का सिर धड़ से अलग करवा दिया।
उन्होंने हिंदू धर्म की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहूति दे दी लेकिन औरंगजेब के सामने अपना सिर नहीं झुकाया। गुरु तेग बहादुर की शहादत की याद में ही आज के दिन शहीदी दिन मनाया जाता है। इस दिन गुरु तेग बहादुर की वीरता की गाथा सुनी और सुनाई जाती है। इस अवसर पर गुरुजी के लंगर की सेवा स्व अवतार सिंह परिवार की ओर से हुई।
इस अवसर पर गुरु सिंह सभा के अध्यक्ष ओंकार सिंह सलूजा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष हरविंदर सिंह सलूजा, उपाध्यक्ष डा सुरिंदर कोर वालिया, परमजीत सिंह छतवाल, मंजीत सिंह एड., पर्सन सिंह, नरेंद्र सिंह खालसा, चरणजीत सिंह, बलजीत सिंह सलूजा, दलजीत सिंह, डा.जे.एस.बक्शी, स्वामी प्रसाद यादव, गुणबीर सिंह, हरजोत सिंह, गोपीचंद डोडवानी, कांहिया लाल चंदानी, डा.सौरभ देवलिया, डा.अनिल त्रिपाठी, हरिनारायण चौबे, ऋषिमोहन दुबे, भगवत नारायण अग्रवाल, राजीव अग्रवाल, विकास गुप्ता, छोटे राजा, अनिल सोनी, रामगुलाम पांडिया, सन्तोष शर्मा, अनिल शर्मा, आनंद सोनी, बिहारीलाल राठौर, पूनम मालिक, बिंदु कालरा, नीतू कालरा, बंटी बजाज, नीरज मोदी एड., जिनेन्द्र जैन एड. आदि उपस्थित थे।
संचालन महामंत्री सुरजीत सिंह सलूजा ने व आभार हरजीत सिंह ने व्यक्त किया।
Dec 18 2023, 20:21