मुख्यमंत्री के शिक्षा सलाहकार प्रो डीपी सिंह ने किया अयोध्या भ्रमण
अयोध्या।उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री के शिक्षा सलाहकार एवं काशी हिन्दू विश्वविद्यालय सहित अन्य तीन विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति एवं विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के पूर्व अध्यक्ष प्रो डीपी सिंह द्वारा मण्डलायुक्त सभागार में मण्डल के बेसिक, माध्यमिक, उच्च शिक्षा, प्राविधिक शिक्षा, व्यवसायिक शिक्षा, कौशल विकास आदि से जुड़े शिक्षा विभाग के मण्डलीय, जनपदीय एवं क्षेत्रीय अधिकारियों के साथ बैठक की।

प्रो सिंह ने कहा कि वर्ष 2020 में कोविड काल में नई शिक्षा नीत प्रधानमंत्री के निर्देशन में अनेक शिक्षाविद् आदि से परार्मश लेकर जारी किया गया था इसके पूर्व शिक्षा नीति वर्ष 1986 में बनायी गयी थी।
इस शिक्षा नीति का स्थानीय संस्कृति एवं भारतीय दर्शन के तथा सांस्कृतिक विरासत को मजबूत करने के उद्देश्य से बनाया गया था जिसमें सभी को अपने-अपने क्षेत्र में शिक्षा प्राप्त करने में कठिनाई न हो तथा अपने क्षेत्र की जड़ों से एवं परम्पराओं से जुड़ने का मौका मिले तथा सभी के लिए शिक्षा सुगम, प्रेरक एवं रोजगार देने वाली हो तथा मनुष्य के अंदर प्रारम्भिक काल से ही मानवीय संवेदना एवं मौलिक ज्ञान की आधारभूत तथ्य हो जिससे कि प्रारम्भिक शिक्षा प्राप्त करने पर वह व्यक्ति जहां भी हो राष्ट्र निर्माण में अपनी भूमिका निभा सकें साथ ही साथ यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति किसी व्यक्ति या केवल सरकार की नही यह राष्ट्र की मूल शिक्षा को आगे बढ़ाने के लिए सभी से सहयोग एवं उनके क्षमताओं को विकास देने वाली हो इसलिए शिक्षा विभाग के अधिकारी पूरे राष्ट्रीय शिक्षा नीति का अध्ययन करें और अध्ययन के उपरांत उसका मनन और चिन्तन कर स्थानीय स्तर पर इसको किस प्रकार से बेहतर ढंग से लागू करेंगे इसके लिए कार्यवाही करें।
विभागीय स्तर पर प्रो सिंह ने बेहतर समन्वय बनाने के लिए जिलाधिकारी एवं मण्डलायुक्त की अध्यक्षता में विभिन्न शिक्षा विभाग से जुड़े अधिकारियों के लिए एक समिति बनाने का भी सुझाव दिया जो शासन स्तर पर विचाराधीन है इस पर शीघ्र कार्यवाही होने वाली है।
प्रो सिंह ने यह भी कहा कि हमारे मुख्यमंत्री जी द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन के प्रति संकल्पबद्वता उनके द्वारा समय समय पर विभिन्न विभागों के साथ समीक्षा की जाती है जिससे कि इसको और बेहतर ढंग से क्रियान्वयन किया जा सके आम जनमानस को लाभान्वित किया जा सकें।
शिक्षा के अलावा खेलकूद तथा पर्यावरण के प्रति जागरूकता एक्स्ट्राकरिकूलर एक्टिविटी बढ़ाने पर भी जोर दिया। प्रो सिंह ने यह भी किया कि मुख्यमंत्री द्वारा उत्तर प्रदेश की वन ट्रिलियन इकानाॅमिक करने का लक्ष्य है इसमें 9 सेक्टर है इसमें शिक्षा का भी सेक्टर महत्वपूर्ण है इसलिए हम सभी को शिक्षा को रोजगार दिलाने वाली और आत्मनिर्भर बनाने वाली भावना से काम करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का उद्देश्य शिक्षार्थी को इमोशनल इंटेलिजेंट बनाना है जिससे किसी भी क्षेत्र में चाहे वह प्रशासन हो चाहे वह बिजनेस हो व्यापार हो या शिक्षा हो उस क्षेत्र में वहां के नियम और कानून को लागू करने के साथ-साथ व्यावहारिक स्तर पर उसके उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए उसमें भावनाओं को सम्मिलित किया जा सके ताकि बुद्धिमत्ता के साथ भावनाओं का बेहतर ताल मिले स्थापित करके किसी भी परिस्थिति में सर्वोत्तम निर्णय लिया जाना संभव हो सके।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत विशिष्टता के साथ समता पर भी बल दिया गया ताकि विशिष्ट प्रकार के योग्यता को विकसित करने के साथ-साथ उसको समान रूप से सभी के लिए सुगम बनाया जाना संभव हो सके। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत संख्या के साथ गुणवत्ता पर बल दिया गया ताकि न केवल सभी को शिक्षा की व्यवस्था में सम्मिलित किया जा सके बल्कि शिक्षा के विभिन्न उद्देश्यों के अंतर्गत गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को बढ़ावा दिया जा सके और वह व्यक्ति अपना सर्वागीण विकास करते हुए क्षेत्र, समाज और राष्ट्र के निर्माण में योगदान दे सके।
शिक्षा नीति में दृढ़ता के साथ लचीलेपन पर भी बोल दिया गया ताकि कोई भी व्यक्ति किसी भी क्षेत्र में काम करते समय वहां के मूल्य और मानकों को लागू करने के साथ-साथ शिक्षा प्राप्त करने के विभिन्न आयामों में चयन को भी अपना सके और उनमें अपने लिए बेहतर माध्यमों का चयन कर सके।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति का एक उद्देश्य यह भी है कि 2040 तक शिक्षा की ऐसे ढांचे को, एक ऐसी संस्कृति को, एक ऐसे परिवेश को विकसित करने पर जो बल दिया जाना चाहिए ताकि किसी भी प्रकार के सामाजिक और आर्थिक पृष्ठभूमि का शिक्षार्थी शिक्षा को ग्रहण कर सके।
इस बैठक में बेसिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा, उच्च शिक्षा आदि के अधिकारियों द्वारा विभागीय प्रस्तुतीकरण भी किया गया।
बैठक में प्रो वीपी सिंह, अपर आयुक्त प्रशासन अजयकान्त सैनी, संयुक्त निदेशक शिक्षा सतीश सिंह, प्राचार्य साकेत महाविद्यालय प्रो अभय कुमार सिंह, उपनिदेशक सूचना डा मुरलीधर सिंह आदि मण्डल के एवं शिक्षा विभाग के अधिकारी द्वारा स्वागत किया तथा उन्हें अयोध्या के बारे में संक्षिप्त जानकारी दी गयी।
इस बैठक में शिक्षा विभाग के मण्डलीय और अयोध्या मण्डल के विभिन्न जनपदों के बेसिक शिक्षा अधिकारी, जिला विद्यालय निरीक्षक, उच्च शिक्षा अधिकारी तथा लोहिया विवि के रजिस्टार एवं अन्य शिक्षाविद् उपस्थित थे तथा साकेत महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो अभय कुमार सिंह, सहायक निदेशक बेसिक शिक्षा, उपनिदेशक माध्यमिक शिक्षा, उच्च शिक्षा अधिकारी आदि के अलावा अन्य प्रोफेसर, गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
अन्त में मण्डलायुक्त की तरफ से अपर आयुक्त प्रशासन द्वारा उनको भावभीनी विदाई दी गयी ।
Dec 13 2023, 19:02