*सुब्रमण्यम भारती ने भारत को भाषा के माध्यम से एक सूत्र में पिरोने का कार्य किया - डॉक्टर विजय प्रताप निषाद*
गोरखपुर। सरस्वती शिशु मंदिर (10+2) पक्कीबाग गोरखपुर में भारतीय भाषा महोत्सव कार्यक्रम संपन्न हुआ। जिसमें मुख्य अतिथि डॉक्टर विजय प्रताप निषाद (असिस्टेंट प्रोफेसर हिंदी विभाग उदित नारायण स्नातकोत्तर महाविद्यालय पडरौना कुशीनगर) ने कहा कि सुब्रमण्यम भारती ने दक्षिण भारत से लेकर समूचे उत्तर भारत में राष्ट्रभाषा हिंदी के प्रचार प्रसार में अपना योगदान दिया है।
हिंदी साहित्य भाषा से लेकर अन्य भारतीय भाषा में उनका योगदान सराहनीय रहा। भाषा से लेकर सामाजिक सरोकार राष्ट्रीय आंदोलन में भी उनकी भागीदारी रही। क्रांतिकारी कवि ने काशी में भी कुछ समय व्यतीत करके अपनी सामाजिक समरसता के द्वारा पूरे राष्ट्र को एक धागे में बांधने का कार्य किया। साथ ही उन्होंने कहा कि विभिन्न कार्यक्रमों और परियोजनाओं के द्वारा भाषा सीखने को सरल बनाया जा सकता है।
राष्ट्रीय विकास और एक भारत, श्रेष्ठ भारत के लक्ष्य को साकार करने के लिए इस प्रकार से बढ़ावा देना होगा। इनका जन्म 11 दिसंबर 1882 तमिलनाडु में हुआ था। एक प्रसिद्ध लेखक ,कवि, पत्रकार, स्वतंत्रता सेनानी और तमिलनाडु के समाज सुधारक थे। आप महाकवि भारती के रूप में प्रसिद्ध है।
आधुनिक तमिल कविता के अग्रदूत हैं, भारती जी के साहित्य में लगभग सब कुछ समाहित था। जैसे धार्मिक, राजनीतिक, सामाजिक पहलू आदि।
विद्यालय की प्रथम सहायक रुक्मिणी उपाध्याय जी ने अतिथि परिचय कराया एवं कार्यक्रम की प्रस्तावकी प्रस्तुत करते हुए कहा कि आज जो भारतीय भाषा महोत्सव हम सभी यहां मनाने के लिए एकत्रित हुए हैं इसका उद्देश्य देश को, छात्रों को एक भारत श्रेष्ठ भारत पहल के अंतर्गत भारत में बोली जाने वाली विभिन्न भाषाओं पर विभिन्न गतिविधियों अथवा परियोजनाओं द्वारा उत्साहित करना है।
इस अवसर पर भजन ‘नाथों के नाथ’, भैया संदेश ने कहानी के माध्यम से, भाषण बहन आराध्या पाण्डेय, रजत पाण्डेय, कविता अमरेंद्र पाण्डेय, रिया, चुटकुला देवांश, सुमित तथा दहेज प्रथा पर एकादश की बहनों द्वारा भावनात्मक नाटक प्रस्तुत किया गया।
आभार ज्ञापन विद्यालय के वरिष्ठ आचार्य अमर सिंह जी द्वारा, शांति मंत्र निर्मल यादव जी द्वारा संपन्न हुआ। इस अवसर पर समस्त विद्यालय परिवार उपस्थित रहा।
Dec 11 2023, 18:46