ठंड में भी नहीं थमा डेंगू,रोज मिल रहे चार मरीज

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। चिकित्सकों का दावा था कि ठंड बढ़ने पर मच्छरों की तादाद घटेगी और डेंगू थम जाएगा। मगर ठंड बढ़ने के बाद भी डेंगू नियंत्रण नहीं हो रहा है। अक्टूबर माह में 125 मरीज मिले थे जबकि नवंबर माह में भी हर दिन चार लोग संक्रमित हो रहे हैं। अब तक 279 मरीज मिल चुके हैं। स्वास्थ्य विभाग डेंगू पर नियंत्रण के तापमान उपाय करने का दावा करता रहा। इसके बावजूद बीमारी पर रोक नहीं लग रही थी तो चिकित्सकों ने कहा कि ठंड बढ़ने पर डेंगू मच्छर के लार्वा नष्ट हो जाएंगे और संक्रमण रुक जाएगा। मगर ऐसा हुआ नहीं इस साल रिकाॅर्ड डेंगू मरीज मिले रहे हैं।

ठंड बढ़ने के बाद भी रोजाना डेंगू के मरीजों का मिलना जारी है। अक्टूबर व नवंबर माह में औसतन हर दिन चार डेंगू के संक्रमित मिले हैं जो विभाग के लिए चिंता का सबब बना हुआ है ‌ विभाग का दावा था इस इस साल डेंगू के संक्रमण रोकने के लिए भरपूर प्रयास किए गए। मगर ये दावे बेमानी साबित हुए हैं। सितंबर माह में जिले में केवल 24 डेंगू के मरीज मिले थे। अक्टूबर में 125 और नवंबर में उससे भी ज्यादा मरीज मिले। जुलाई और अगस्त माह की बात करें तो एक -एक मरीज पाए गए थे।

फिलहाल जिले में डेंगू मरीजों की संख्या 279 पहुंच गई है।संक्रामक बीमारियों की रोकथाम के लिए संचालित योजनाओं पर लाखों रुपए खर्च हो रहे हैं। इसमें सबसे ज्यादा खर्च प्रचार- प्रसार होता है। पिछले साल डेंगू के 101 मामले सामने आए थे। इस साल इससे दुगने से ज्यादा लोग बीमार पड़े हैं। रोगियों के मिलने के बाद विभाग इलाके में सफाई और मच्छरमार दवाओं का छिड़काव कराता लेकिन डेंगू के लार्वा को नष्ट कराने की मुहिम नहीं चलाई गई। निगरानी के लिए रैपिड रेस्पांस टीम को लगाया गया है। लेकिन ज्ञानपुर,भदोही, ब्लॉक में लगातार रोगी मिल रहे हैं।

2018 में मलेरिया 596 , डेंगू 29

2019 में मलेरिया,400 डेंगू 11

2020 में मलेरिया 73 , डेंगू 00

2021 में मलेरिया 58 , डेंगू 39

2022 में मलेरिया 22 डेंगू 101

2023 में मलेरिया 18, डेंगू 279 मिल चुके हैं।

16.5 करोड़ खाते में, 546 ग्राम पंचायतों में विकास का रोना

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। गांव में प्रधान विकास के लिए धन के अभाव का रोना रोते रहते हैं जबकि केंद्रीय वित्त के अनटाइड फंड में मिले 16.5 करोड़ रुपये ग्राम पंचायतों के खाते में डंप हैं। इस साल की किस्त में मिले आठ करोड़ 12 लाख खर्च नहीं होने पर डीएम ने नाराजगी जताई है। खर्च नहीं होने पर दूसरी किस्त रोक दी जाएगी।जिले में 546 ग्राम पंचायतें है। इसमें केंद्रीय और राज्य वित्त के अलावा मनरेगा, स्वच्छ भारत मिशन आदि मद से हर साल करोड़ों रुपये ग्राम पंचायतों को जारी होते हैं। इससे गांव में नाली, खड़ंजा, स्ट्रीटलाइट आदि के काम कराए जाते हैं।

मगर ग्राम पंचायतें विकास के मद की धनराशि का उपयोग करने में तत्पर नहीं हैं। ज्यादातर गांव में केंद्रीय वित्त से मिली रकम भी नहीं खर्च हो पा रही है।अनटाइड फंड में साल 2022-23 में मिले 22 करोड़ 94 लाख रूपये अवमुक्त हुए। जिसमें 14 करोड़ 54 लाख खर्च हो सके जबकि आठ करोड़ 39 लाख अब तक पंचायतों के खाते में पड़ा है। 2023-24 की पहली किस्त के रूप में आठ करोड़ 12 लाख रूपये भी जारी हुए लेकिन वह भी अभी तक डंप है। जिससे गांव में विकास कार्य की रफ्तार तेज नहीं हो पा रही है। पिछले दिनों डीएम गौरांग राठी ने बैठक में फंड में मिली रकम को खर्च करने का निर्देश भी दिया, लेकिन अब तक पंचायतों की तरफ से न तो कार्ययोजना आई और न ही अन्य कदम उठाए गए। इसको लेकर पंचायत राज विभाग ने साल की दूसरी किस्त रोकने की तैयारी में जुट गया है।

15वें वित्त से दो साल में 30 करोड़ रुपये मिले हैं। इसमें से 14 करोड़ ही खर्च हो पाए हैं। पुरानी और नई किस्त मिलाकर 16.50 करोड़ ग्राम पंचायतों के खाते में हैं। इसको खर्च में ग्राम पंचायतें रूचि नहीं दिखा रही है। ऐसे में दूसरी किस्त रुकने की आशंका पैदा हो गई है। - राकेश कुमार यादव, डीपीअरओ

अनटाइड फंड से क्या-क्या होंगे काम

ज्ञानपुर। ग्राम पंचायतों के अनटाइड फंड में मिली धनराशि को प्रधानों के मानदेय, बैठक भत्ता, सफाई व्यवस्था, बिजली के बिलों का भुगतान, पेयजल योजना, पंचायतों में फर्नीचर, राजकीय एवं सार्वजनिक संपतियों के रख्रखाव और अतिक्रमण से बचाने पर खर्च की जा सकती है।

ब्लॉकवार मिली धनराशि

ब्लॉक 2023- 24 के लिए मिला फंड 2022-23 में मिला फंड खर्च अवशेष

अभोली 83.87 213.75 79.72 79.72

औराई 197.35 616.29 377.87 238.41

भदोही 150.76 510.22 308.76 201.45

डीघ 155.48 393.21 251.97 141.23

ज्ञानपुर 148.30 357.92 223.74 134.18

अभोली 76.80 202. 74 157.721 45.02

कुल योग 812.56 2294.11 1454. 11 839.99

नोट- सभी धनराशि लाख में दर्ज है।

*14 लाख लोगों को खिलाई जाएगी फाइलेरिया की दवा*

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। जिले में इस साल 14 लाख लोगों को फाइलेरिया की दवा पिलाई जाएगी। स्वास्थ्य विभाग इसकी तैयारियों में जुट गया है। जिले में आगामी फरवरी माह से फाइलेरिया अभियान चलेगा।

जिसे सफल बनाने के लिए 1346 आशाकर्मी व अन्य स्वास्थ्यकर्मी तैनात होंगे। जनवरी ने सभी लोगों को प्रशिक्षित किया जाएगा। डीएमओ राम आसरे पाल ने बताया कि स्वास्थ्यकर्मी घर-घर पहुंच कर फाइलेरिया की दवा लोगों को अपने सामने खिलाएंगे।

बताया कि फाइलेरिया एक जटिल बीमारी है। इसके शुरुआती लक्षण पता नहीं चलते हैं। बताया कि फाइलेरिया की दवा खाने के बाद इसका कोई साइड इंफेक्ट नहीं होता। साल में एक बार फरवरी में अभियान चलाकर दवा खिलाई जाती है। इसके लिए जनवरी में स्वास्थ्यकर्मियों को ट्रेंनिग दी जाती है।

इस दरिम्यान 14 लाख व्यक्तियों को फाइलेरिया की दवा खिलाने का लक्ष्य है। बताया कि लक्ष्य के सापेक्ष में शत-प्रतिशत दवा खिलाई जाती है।

*तीन न‌ए मिले डेंगू पीड़ित, कुल 275*

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। डेंगू केस में वृद्धि होता जा रहा है। बुखार होते ही लोग डेंगू की आंशका से बैचेन हो जा रहे हैं।

स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट में तीन न‌ए केस मिले हैं। अब तक कुल 554 मरीजों की जांच हो चुकी है और कुल मरीजों की संख्या 275 हो गई है। जिला मलेरिया अधिकारी रामआसरे पाल ने बताया कि अब तक कुल 554 संभावित मरीजों का जांच हो चुकी है। जिसमें कुल 275 मरीजों की संख्या हो गई है।

डेंगू बीमारी से बचाव को खास एहतियात बरतने की जरूरत है। शाम को घर में है तो भी परी बांही का कपड़ा पहनें। रात्रि में मच्छरदानी का प्रयोग जरूर करें।

*सर्द हवा के साथ मेघ की दस्तक ने बढ़ाई गलन*

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। कालीन नगरी में मौसम का रुख एक बार फिर बदला है। दो दिन धूप से ठंड का असर कम हो गया था। लेकिन सुबह सुबह सर्द हवा संग मेघ की दस्तक से गलन में इजाफा हो गया है।

मौसम ठंड होते ही लोग गर्म कपड़ों में लिपट नजर आए। महाराजा चेतसिंह जिला चिकित्सालय अस्पताल में मरीजों की भीड़ उमड़ पड़ी। ओपीडी के बाहर की लंबी कतार देख डॉक्टर हलकान नजर आए। जिला अस्पताल के डाॅक्टर प्रदीप कुमार ने बताया कि मौसम में आ रहा बदलाव लोगों को बीमार कर दे रहे हैं। ठंड में इजाफा होने से हड्डी रोगियों की परेशानी बढ़ गई है। बच्चे सर्दी- बुखार की चपेट में आ रहे हैं।

*अम्बेडकर परिनिर्वाण दिवस पर कानरा महाविद्यालय में हुआ आयोजन*

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। बुधवार को केएनपीजी कालेज ज्ञानपुर में संविधान शिल्पी भारत रत्न डाक्टर भीमराव अम्बेडकर का परिनिर्वाण दिवस मनाया गया। बाबा साहब की प्रतिमा पर माल्यार्पण और पुष्पांजलि अर्पित कर कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुये प्राचार्य प्रोफेसर रमेश चन्द यादव ने कहा कि वह एक व्यक्ति नहीं अपितु समग्रता से परिपूर्ण एक महामानव के समान थे।

इस कार्यक्रम की मुख्य वक्ता प्रोफेसर किरण शर्मा ने अपने सम्बोधन में कहा कि हम सभी को बाबा साहब के बताये विचारों को अपने जीवन में आत्मसात करने की जरूरत है। पत्रकारिता से जुड़े अम्बेडकर के योगदान पर उन्होंने बताया कि इसका ज्यादा उपयोग बाबा साहब अपने विचारों को जन सामान्य तक पहुँचाने के लिए किया करते थे।कार्यक्रम के विशिष्ट वक्ता डॉक्टर मोहम्मद अजहरुद्दीन अंसारी ने बाबा साहब को एक प्रणेता बताते हुए बताया कि वह एक समाज सुधारक ही नहीं क्रांतिकारी भी थे।

उन्होंने सामाजिक सुधार एवं धार्मिक सुधार से आगे बढ़कर वैधानिक सुधार हेतु अम्बेडकर जी के योगदान की बात की।कार्यक्रम में उपस्थित विशिष्ट अतिथि डॉक्टर विरेन्द्र कुमार ने डॉक्टर अम्बेडकर के आर्थिक योगदान विशेष रूप से रूपये का अवमूल्यन, श्रम की समस्या, लोक कल्याणकारी समाजवाद और राज्य के हस्तक्षेप की चर्चा की।

प्राचीन इतिहास के प्रोफेसर धीरेंद्र कुमार ने ऐतिहासिक सन्दर्भों में डॉक्टर अम्बेडकर के विचारों की चर्चा महात्मा गांधी और वीर सावरकर के सापेक्ष करते हुए अम्बेडकर जी के व्यक्तिगत जीवन से जुड़े कुछ रोचक पहलुओं को साझा किया।

समाजशास्त्र के विभाग प्रभारी प्रोफेसर आर.पी.यादव ने बाबा साहब के सामाजिक व्यवस्था के सुधारक के रूप में उनके योगदान पर अपनी बात रखी। इसके पूर्व कार्यक्रम के संयोजक प्रोफेसर बालकेश्वर ने कार्यक्रम मे उपस्थित सभी प्रबुद्धजनों,विद्यार्थियों व मीडिया कर्मियों का स्वागत करते हुए बताया कि अम्बेडकर द्वारा प्रदत्त -शिक्षित बनो,संगठित रहो और संघर्ष करो का नारा आज भी प्रासंगिक बना हुआ है।

समारोह का संचालन डॉक्टर ऋचा एवं धन्यवाद ज्ञापन प्रोफेसर बालकेश्वर द्वारा किया गया।इस कार्यक्रम में डॉक्टर अवधेश आर्य,डॉक्टर संजय चौबे,डॉक्टर दीप नारायण, डॉक्कर विकास,डॉक्टर धीरेन्द्र कुमार,डॉक्टर महेन्द्र यादव,डॉक्टर ब्रजेश श्रीवास्तव, डॉक्टर ईरा त्रिपाठी,डॉक्टर महेन्द्र कुमार, डॉक्टर जैस कुमार, डॉक्टर श्रीश उपाध्याय सहित सभी प्राध्यापक व बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

बाहुबली पूर्व विधायक विजय मिश्रा की कोर्ट में पेशी के दौरान बिगड़ी तबीयत* मचा हड़कंप* जिला अस्पताल में कराया गया भर्ती

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। बाहुबली पूर्व विधायक विजय मिश्रा की कोर्ट में पेशी के दौरान अचानक उनकी तबीयत सिंहपुर नहर पुलिया के पास बिगड़ गई। जिसे इलाज के लिए जिला अस्पताल महाराजा चेत सिंह में भर्ती कराया गया। पूर्व विधायक के जिला अस्पताल में पहुंचते ही अफरा तफरी का माहौल रहा। अस्पताल में काफी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई थी हर किसी को आने जाने से रोका जा रहा था

।बता दें कि ज्ञानपुर विधानसभा क्षेत्र से लगातार चार बार विधायक रहे पूर्व बाहुबली विधायक विजय मिश्रा की आज जिला सत्र न्यायालय के साधना गिरी की अदालत में 2009 के आबकारी मामले में पेशी थी । जिसे आगरा जेल से सुरक्षा व्यवस्था के साथ पेशी के लिए ले जाया रहा था। जैसे ही ज्ञानपुर थाना क्षेत्र के सिहपुर नहर पुलिया के पास पूर्व विधायक पहुंचे थे कि उनकी अचानक तबियत बिगड़ गई। जिसे तत्काल जिला अस्पताल ज्ञानपुर में इलाज के लिए भर्ती कराया गया ।

जहां पर चिकित्सा अधीक्षक राजेंद्र प्रसाद एवं फिजिशियन प्रदीप यादव सहित अन्य चिकित्सकों ने जांच करने के पश्चात इलाज किया और जहां से पूर्व में उनकी इलाज चल रही है वहां पर इलाज कराने को कहा गया । पूर्व विधायक के अचानक तबियत बिगड़ने से जहां प्रशासन के हाथ पांव फूल गए तो वही जिला अस्पताल में पहुंचे अफरा तफरी का माहौल बना रहा । अस्पताल में क्षेत्राधिकार एवं कई थानों के थाना अध्यक्ष सहित भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई थी । हर आने जाने वाले को रोका जा रहा था।

पूर्व विधायक को दुष्कर्म के मामले में 15 साल सजा की हुई थी सजा, आगरा जेल में है बंद

ज्ञानपुर के पूर्व बाहुबली विधायक विजय मिश्रा को पिछले महीनो दुष्कर्म के मामले में 15 साल की सजा हुई थी और वह आगरा जेल में बंद है । आज जिला सत्र न्यायालय भदोही के साधना गिरी की अदालत में आबकारी के मामले में पेशी थी। पूर्व विधायक के खिलाफ रिश्तेदार की जमीन हड़पने समेत कुल 83 मुकदमे दर्ज है ।

सीतामढ़ी के पर्यटन विकास को पंख लगाने की तैयारी

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। जिले में सीतामढ़ी प्रमुख धार्मिक एवं पर्यटन स्थल है। यहां 108 फिट ऊंची विश्व प्रसिद्ध भगवान हनुमान प्रतिमा को देखने के लिए दूर-दूर से आते हैं। महत्व को देखते हुए पर्यटन विभाग क‌ई विकास परक काम करने जा रहा है। इससे सीतामढ़ी की सुंदरता बढ़ेगी। पर्यटन विकास को पंख लग जाएंगे।

जानकारी के मुताबिक पहले चरण में यहां तीन द्वार बनाए जाएंगे। सीतामढ़ी चौराहा के पास मुख्य गेट का निर्माण शुरू हो गया है। मुख्य गेट साढ़े सात मीटर ऊंचा और 15 मीटर चौड़ा का होगा। मुख्य गेट पर पांच शिखर बनाएं जाएंगे। इसमें तीन शिखर सेंटर होंगे। जबकि दो शिखर अगल बगल बनाएं जाएंगे।

आरसीसी से बने पिलर को चारों ओर से ईंट से चौड़ाई के साथ नक्शा बनाया जा रहा है। इसके बाद पूरे गेट को लाल पत्थर पत्थरों से बनाया जाएगा। जिससे गेट काफी सुंदर और आकर्षक होगा। इसके अलावा श्री हनुमान जी मंदिर और श्री सीता समाहित स्थल मंदिर के सामने पांच मीटर चौड़ाई और चार मीटर ऊंचाई वाले दो आकर्षक गेटों का निर्माण शुरू होगा। इसके अलावा विकास कार्य जो होने है। उनमें दो हाई मास्ट लाइट, छह मीटर ब्यास के चार यात्री शेड,जो दो हनुमान जी मंदिर के पास और दो श्री सीता समाहित स्थल परिसर में प्रस्तावित है।

सड़कों के सुंदरी करण के लिए इंटर लाॅकिंग,101 मीटर रिटेनिंग वाल 110 स्ट्रीट लाइटें 160, बुलार्ड लाइटें, साथ ही 5 रिफ्लेक्टर साइन बोर्ड आकर्षक के केंद्र होंगे। प्रथम चरण में इन विकास कार्यों पर लगभग तीन करोड़ रुपए खर्च होंगे। मुख्य गेट का निर्माण कार्य करा रहे ठेकेदार योगेन्द्र चौधरी ने बताया कि मुख्य गेट का निर्माण तेजी से चल ‌रहा है।

जिले की तीन विधानसभा क्षेत्रों में घटे 1947 मतदाता

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। भारत निर्वाचन आयोग मतदाताओं की संख्या बढ़ाने के लिए गंभीर है। वहीं जिले की तीनों विधानसभा क्षेत्रों में वोटरों की संख्या करीब दो हजार तक घट गई है। जनवरी 2023 में मतदाताओं की संख्या 12 लाख 1668 थी। वहीं अक्तूबर मे प्रकाशित अनंतिम मतदाता सूची में मतदाताओं की संख्या 11 लाख 99 हजार 715 पहुंच गई।

 प्रशासन का दावा है कि अमान्य वोटरों की छंटनी की गई है। इसलिए वोटराें की संख्या में कमी हुई है। आम चुनाव से पहले प्रकाशित होने वाली मतदाता सूची में मतदाताओं की संख्या बढ़ेगी।

आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर आयोग की तरफ से एक जनवरी 2024 तक 18 साल की उम्र पूर्ण करने वाले युवाओं का नाम मतदाता सूची में शामिल करने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। सभी बूथों पर जिला निर्वाचन अधिकारी गौरांग राठी की निगरानी में नाम जोड़ने, काटने और संशोधन के लिए फाॅर्म भरवाए जा रहे हैं। इसके बावजूद संख्या बढ़ने के बजाय घट गई है।

 निर्वाचन विभाग के मुताबिक जनवरी 2023 में भदोही विधानसभा क्षेत्र में चार लाख 31 हजार 476 मतदाता थे जबकि अक्तूबर में मतदाओं की संख्या घटकर चार लाख 30 हजार 777 पहुंच गई। ज्ञानपुर में तीन लाख 91 हजार 491 से तीन लाख 91 हजार 516 और औराई में तीन लाख 78 हजार 701 से तीन लाख 66 हजार 458 मतदाता रह गए हैं। 

तीनों विधानसभा क्षेत्र में मतदाताओं की संख्या 12 लाख 1668 से घटकर 11 लाख 99 हजार 751 हो गई। करीब 1975 मतदाता घट गए हैं। आयोग के मुताबिक तीनों विधानसभा क्षेत्र में 720 मतदाता केंद्रो में 1253 बूथ बनाए गए हैं।

एक महीने में आए 17 हजारज्ञ

नए मतदाताओं को जोड़ने के लिए पिछले एक महीने से चल रहे विशेष मतदाता पुनरीक्षण अभियान के दौरान कुल 17 हजार आवेदन निर्वाचन आयोग को मिले। इसमें नाम जोड़ने के लिए फाॅर्म नंबर छह के कुल नौ हजार 895, फाॅर्म नंबर सात नाम काटने के लिए छह हजार 109 और संशोधन के लिए फार्म आठ के एक हजार 58 आवेदन शामिल हैं। आयोग के मुताबिक मतदाता सूची में नाम दर्ज करवाने के लिए सबसे अधिक आवेदन ज्ञानपुर विधानसभा क्षेत्र से आया है। क्षेत्र के 3912 लोगों ने फाॅर्म नंबर छह भरा है।

 मतदाता पुनरीक्षण अभियान में फर्जी मतदाताओं का नाम भी तेजी से घटा है। प्रशासन का दावा है कि गलत तरीके से मतदाता बने लोगों का नाम कटने से भी संख्या में कमी आई है।

18 साल की उम्र पूर्ण करने वाले युवाओं का नाम मतदाता सूची में जोड़ा जा रहा है। विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण अभियान में काफी संख्या में आवेदन आए हैं। आम चुनाव से पहले अनंतिम प्रकाशन में संख्या में बढोत्तरी होगी।-

कुंवर वीरेंद्र मौर्य, एडीएम

जिले की मिट्टी बीमार, चेते किसान

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। जिले की मिट्टी में लगातार पोषक तत्वों की मात्रा कम हो रही है। इसका असर फसलों के उत्पादन और लोगाें की सेहत पर पड़ रहा है। चिंतित करने वाली रिपोर्ट घरांव स्थित मृदा प्रयोगशाला से आई है। यहां वैज्ञानिकों ने मिट्टी के नमूनों के परीक्षण दौरान मिट्टी में जीवांश कार्बन के साथ सल्फर सहित कई अन्य महत्वपूर्ण पोषक तत्वों की मात्रा कम पाई।

वैज्ञानिक के मुताबिक समय रहते किसान बीमार मिट्टी की नहीं चेते तो खेत को बंजर होने में समय नहीं लगेगा।जिले में कृषि योग्य भूमि एक लाख 10 हजार हेक्टेयर है।

यहां के किसान रबी सीजन में गेहूं, जौ, मटर, खरीफ में मक्का, बाजरा और जायद में खरबूजा, ककड़ी, खीरा, करेला आदि की खेती करते हैं। मिट्टी में पोषक तत्वों की कमी के चलते फसलों की पैदावार के साथ उसकी गुणवत्ता भी घट रही है।

मृदा प्रयोगशाला के मुताबिक जिले की मिट्टी में जीवाश्म कार्बन की कमी हैै। मिट्टी में महज 0.2 पीपीएम ही जीवाश्म कार्बन है। मिट्टी में जीवाश्म कार्बन की कमी के चलते नाइट्रोजन, पोटैशियम, सल्फर, बोरान समेत 16 पोषक तत्व कम होने लगते हैं।

विशेषज्ञों ने बताया कि मिट्टी में जीवाश्म कार्बन 0.8 पीपीएम से अधिक होना चाहिए। बताया कि जीवाश्म कार्बन के अलावा फॉस्फेट, सल्फर एवं जिंक की मात्रा भी कम है। लोहा, मैगनीज और बोरान भी मानक से कम पाया गया। वहीं पोटाश की मात्रा अधिक है। इसके लिए किसानों की बेपरवाही जिम्मेदार है।

जिले में अधिकत्तर किसान पुरानी पद्धति से ही खेती करते हैं। बीमार मिट्टी का समुचित उपचार नहीं पर हालात भयावह हो सकता है। कृषि विभाग की ओर से एक लाख 87 हजार मृदा स्वास्थ्य कार्ड का वितरण किया जा चुका है।

किसान फसल चक्र अपनाएं तो बने बात उप निदेेशक कृषि डॉ.अश्वनी सिंह का कहना है कि किसान फसल चक्र अपनाएं। लगातार परंपरागत ढंग से गेहूं-धान की खेती करने से मिट्टी की उर्वरा शक्ति कम होती जाती है, यदि खेतों में मूंग, उड़द की फसल पलट दी जाए तो जीवाश्म कार्बन की उपलब्धता भरपूर हो जाएगी, लेकिन, ऐसा नहीं किया जा रहा है।

फसल चक्र के अभाव में नाइट्रोजन की उपलब्धता पर भी विपरीत असर पड़ रहा है। किसान सनई, ढैंचा की खेती भी नहीं कर रहे हैं। अब सरकार मोटे अनाज की खेती पर जोर दे रही है। इससे खेत की उर्वरा शक्ति बढ़ेगी।

मृदा परीक्षण के पैरामीटर इस प्रकार से हैं पैरामीटर, निर्धारित मानक, जनपद में स्थिति, प्रभाव

कॉपर, 0.21 से 0.40, कम है, रोगों से लड़ने की क्षमता प्रभावित

ऑयरन, 41 से 80, कम है, रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ती है

जिक, 0.61 से 1.02, कम है, फसल के विकास पर असर

सल्फर, 10 से 15, कम है, फफूंदी रोग लगता है

पीएच, 6.5 से 8.5, ज्यादा है, जमीन ऊसर होने लगती है

घुलनशील लवण ईसी, 1 से 2 तक, असामान्य है, बीज के अंकुरण पर असर

जैविक कार्बन ओसी, 0.50 से 0.80, कम है, पौधों की वृद्धि रुकती है।