राजस्थान के रुझानों में बीजेपी को बहुमत, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत बोले- 'जादूगर का जादू खत्म हो गया'

#rajasthan_assembly_election_result_2023

राजस्थान में 196 सीटों का रुझान आ गया है। रूझानों में बीजेपी ने बहुमत का आंकड़ा छू लिया है। यहां बीजेपी 101 सीट और कांग्रेस 77 सीटों पर आगे है। अन्य ने 17 सीटों पर बढ़त बना रखी है

जादूगर का जादू खत्म हो गया है-शेखावत

राजस्थान के रुझानों पर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत का कहना है कि 'जादूगर का जादू खत्म हो गया है। भाजपा इस चुनाव में प्रचंड बहुमत के साथ जीतेगी....राजस्थान की जनता ने हकीकत पर वोट दिया है..मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार बनाएगी।'

Party Won Leading Total

Bharatiya Janata Party - BJP 0 101

101

Indian National Congress - INC 0 77

77

Bahujan Samaj Party - BSP 0 3

3

Bharat Adivasi Party - BHRTADVSIP 0 3

3

Communist Party of India (Marxist) - CPI(M) 0 1

1

Rashtriya Lok Dal - RLD 0 1

1

Rashtriya Loktantrik Party - RLTP 0 1

1

Bhartiya Tribal Party - BTP 0 1

1

Independent - IND 0 8

8

Total 0 196 196

तेलंगाना में बहुमत की ओर कांग्रेस, रूझानों के बाद हैदराबाद में जश्न शुरू

#telangana_assembly_election_result

तेलंगाना विधानसभा चुनाव को लेकर वोटों की गिनती जारी है। 119 सीटों के लिए 30 नवंबर को तेलंगाना में वोटिंग हुई थी। आज सुबह से वोटों की गिनती का काम जारी है। राज्य में विधानसभा की कुल 119 सीटें है और सरकार बनाने के लिए 60 सीटों की जरूरत है। जिस दल को भी 60 सीटों हासिल हो जाएगी वह प्रदेश में बहुमत हासिल कर सरकार बनाने का दावा पेश करेगी। 

चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक राज्य में कांग्रेस ने बढ़त बनाई है। 119 सीटों में से 90 सीटों के रूझान आ गए हैं। जिसमें कांग्रेस 53 सीटों पर आगे है। वहीं केसीआर की बीआरएस 30 सीटों पर बढ़त बनाए हुए हैं। बीजेपी के हाथों अब तक 6 सीटें मिलती दिख रही हैं। 

Party Won Leading Total

Indian National Congress - INC 0 53

53

Bharat Rashtra Samithi - BHRS 0 30

30

Bharatiya Janata Party - BJP 0 6

6

Communist Party of India - CPI 0 1

1

Total 0 90 90

रुझानों में छत्तीसगढ़ में कांटे की टक्कर, पल-पल बदल रहे आंकड़े

#chhattisgarh_election_result

छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के लिए मतगणना 8 बजे से शुरू हो चुकी है। सभी 90 विधानसभा सीटों पर मतगणना हो रही है। छत्तीसगढ़ में पल-पल रुझान बदल रहे हैं। यहां, बीजेपी और कांग्रेस में कांटे की टक्कर देखी जा रही है।

चुनाव आयोग के मुताबाकि अब तक 64 सीटों पर वोटों की गिनती पूरी हो चुकी है। आंकड़ो के मुताबिक बीजेपी 34 सीटों पर बढ़ बनाए हुए हैं। वहीं कांग्रेस 28 सीटों पर आगे है। इसके अलावा एचआरपी और सीपीआई 1-1 सीटों पर आगे चल रही है।बता दें कि छत्तीसगढ़ में कुल 90 सीटें हैं, यहां सरकार बनाने के लिए 60 सीटों पर जीत जरूरी है। 

Party Won Leading Total

Bharatiya Janata Party - BJP 0 34

34

Indian National Congress - INC 0 28

28

Hamar Raj Party - HMR 0 1

1

Communist Party of India - CPI 0 1

1

Total 0 64 64

राजस्थान के रुझानों में खिला “कमल”, बीजेपी निकल रही आगे

#ajasthan_election_result

राजस्थान की 199 विधानसभा सीटों पर हुए चुनाव के नतीजे आज घोषित हो रहे हैं। सुबह 8 बजे से वोटों की गिनती जारी है। इस चुनाव में अशोक गहलोत से लेकर वसुंधरा राजे तक, कांग्रेस और बीजेपी के कई दिग्गजों की साख दांव पर लगी है।

राजस्थान में 193 सीटों का रुझान आ गया है। यहां बीजेपी 99 सीट और कांग्रेस 73 सीटों पर आगे है।राजस्थान की टोंक सीट से कांग्रेस के दिग्गज नेता सचिन पायलट पीछे चल रहे हैं। वहीं सरदारपुरा से सीएम अशोक गहलोत आगे चल रहे हैं। 

Bharatiya Janata Party - BJP 0 99

99

Indian National Congress - INC 0 73

73

Bharat Adivasi Party - BHRTADVSIP 0 4

4

Bahujan Samaj Party - BSP 0 3

3

Communist Party of India (Marxist) - CPI(M) 0 2

2

Rashtriya Lok Dal - RLD 0 1

1

Rashtriya Loktantrik Party - RLTP 0 1

1

Bhartiya Tribal Party - BTP 0 1

1

Independent – IND 0 9

9

Total 0 193 193

राजस्थान के रुझानों में खिला “कमल”, बीजेपी निकल रही आगे

#rajasthan_election_result

राजस्थान की 199 विधानसभा सीटों पर हुए चुनाव के नतीजे आज घोषित हो रहे हैं। सुबह 8 बजे से वोटों की गिनती जारी है। इस चुनाव में अशोक गहलोत से लेकर वसुंधरा राजे तक, कांग्रेस और बीजेपी के कई दिग्गजों की साख दांव पर लगी है।

राजस्थान में 193 सीटों का रुझान आ गया है। यहां बीजेपी 99 सीट और कांग्रेस 73 सीटों पर आगे है।राजस्थान की टोंक सीट से कांग्रेस के दिग्गज नेता सचिन पायलट पीछे चल रहे हैं। वहीं सरदारपुरा से सीएम अशोक गहलोत आगे चल रहे हैं। 

Bharatiya Janata Party - BJP 0 99

99

Indian National Congress - INC 0 73

73

Bharat Adivasi Party - BHRTADVSIP 0 4

4

Bahujan Samaj Party - BSP 0 3

3

Communist Party of India (Marxist) - CPI(M) 0 2

2

Rashtriya Lok Dal - RLD 0 1

1

Rashtriya Loktantrik Party - RLTP 0 1

1

Bhartiya Tribal Party - BTP 0 1

1

Independent – IND 0 9

9

Total 0 193 193

देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद की 139वीं जयंती आज, राष्ट्र कर रहा नमन

डेस्क : देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद की आज 139वीं जयंती है। इस मौके पर आज पूरा राष्ट्र उन्हें नमन कर रहा है। देशरत्न डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लेकर आजादी की लड़ाई में अहम भूमिका निभाई थी। उन्होंने संविधान के निर्माण में भी अहम भूमिका निभाई थी।  

राजेंद्र प्रसाद महात्मा गांधी के सबसे प्रिय थे। बापू ने एक बार कहा था कि अगर राजेंद्र बाबू को विष का प्याला भी पीने के लिए दें तो वो बिना हिचकिचाहट के पी लेंगे। चंपारण सत्याग्रह के दौरान भी राजेन्द्र प्रसाद की काफी अहम भूमिका थी। इस आंदोलन के दौरान वो बापू के काफी निकट रहें। इस दौरान महात्मा गांधी राजेंद्र बाबू से इतने प्रभावित हुए कि वो उन्हें अपना दायां हाथ मानने लगे थे। 

देशरत्न डॉ. राजेन्द्र प्रसाद का जन्म बिहार के जिरादेई में तीन दिसंबर 1984 को एक कायस्थ परिवार में हुआ था। पढ़ने लिखने में काफी तेज राजेंद्र बाबू किसी भी जाति या धर्म के लोगों के साथ आसानी से घुल-मिल जाते थे। जब वो 13 वर्ष के थे तो राजवंशी देवी से उनकी शादी करा दी गई। न्होंने 18 वर्ष की आयु में कलकत्ता विश्वविद्यालय की परीक्षा पास की थी। इतना ही नहीं उन्होंने प्रथम स्थान हासिल किया था जिसके लिए उन्हें 30 रुपये की स्कॉलरशिप भी दी गई थी। इसके बाद साल 1902 में उन्होंने कलकत्ता प्रेसिडेंसी कॉलेज में दाखिला लिया। यहां से उन्होंने लॉ में डॉक्टरेट किया। 

राजेंद्र बाबू की बुद्धिमता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि एक बार परीक्षा कॉपी चेक करने वाले अध्यापक ने उनकी शीट पर लिख दिया था कि 'परीक्षा देने वाला परीक्षा लेने वाले से ज्यादा बेहतर है।

एमपी में फिर होगा शिवराज का राज, शुरूआती रूझानों में बीजेपी बहुमत की ओर

#madhya_pradesh_assembly_election_result

मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनावों के लिए मतगणना जारी है। रुझानों में बीजेपी आगे चल रही है। चुनाव आयोग ने मध्य प्रदेश की 115 विधानसभा सीटों पर रुझान बता दिए हैं। इनमें 80 सीटों पर भारतीय जनता पार्टी तो 33 सीटों पर कांग्रेस पार्टी ने बढ़त बनाई हुई है।वहीं एक सीट पर भारत आदिवासी पार्टी ने बढ़त बनाते हुए लीडर बोर्ड पर अपना नाम ला दिया है। जबकि एक सीटच पर अन्य आगे हैं। मध्य प्रदेश की बात की जाए तो यहां की 230 सीटें है और बहुमत का जादुई आंकड़ा 116 है।

मध्य प्रदेश की हॉट सीट राऊ से कांग्रेस को चौंकाने वाली खबर मिल रही है। इस सीट पर पार्टी के स्टार चेहरे जीतू पटवारी चुनाव मैदान में हैं। हालांकि जीतू पटवारी शुरुआती रुझानों में राऊ सीट पर काफी पीछे चल रहे हैं। यहां बीजेपी प्रत्याशी मधु वर्मा ने बढ़त बनाई हुई है।

दमोह से जयंत मलैया, खंडवा विधानसभा में भाजपा की कंचन तनवे, नर्मदापुरम विधानसभा, 138 सोहागपुर से भाजपा विजयपाल सिंह, मुड़वारा से बीजेपी संदीप जायसवाल, बड़वारा से बीजेपी के धीरेन्द्र सिंह, विजय राघवगढ़ से बीजेपी के संजय पाठक, बहोरीबंद में बीजेपी के प्रणय पांडे आगे चल रह हैं।

दोस्तों से मिलना..', पढ़िए, इतालवी प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी की #Melodi पोस्ट पर पीएम मोदी ने क्या दिया मजेदार जवाब

 प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने इतालवी समकक्ष जियोर्जिया मेलोनी के वायरल एक्स पोस्ट का जवाब दिया, जहां उन्होंने हैशटैग 'Melodi' के साथ अपनी एक सेल्फी साझा की थी। पीएम मोदी ने पोस्ट को रीट्वीट करते हुए लिखा, 'दोस्तों से मिलना हमेशा सुखद होता है।' बता दें कि, सोशल मीडिया पर इटालियन पीएम की पोस्ट जमकर वायरल हो गई थी और कुछ ही मिनटों में टॉप ट्रेंड में आ गया। इस रिपोर्ट को लिखे जाने तक, पोस्ट को एक्स पर 22.2 मिलियन बार देखा गया था। इतालवी प्रधान मंत्री द्वारा शुक्रवार को साझा की गई सेल्फी दुबई में COP28 बैठक के मौके पर ली गई थी। 

बता दें कि, Melodi सितंबर से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रसारित हो रहा है, जब भारत ने इस साल के G20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी की थी। दोनों प्रधानमंत्रियों के बीच सौहार्द्र ने लोगों का ध्यान खींचा था। जब पीएम मोदी ने उनका स्वागत किया तो उन्होंने उनसे हाथ मिलाया। एक संक्षिप्त बातचीत के बाद दोनों नेता हंसी-मजाक का आदान-प्रदान करते हुए जोर-जोर से हंसने लगे। शुक्रवार को दुबई में COP28 मीटिंग के दौरान पीएम मोदी और जॉर्जिया मेलोनी के बीच एक ऐसा ही पल कैद हुआ। बैठक में दोनों नेताओं के बीच कुछ बातें हुईं और इतालवी पीएम जोर-जोर से हंसने लगे। 

पीएम मोदी गुरुवार रात दुबई पहुंचे और संयुक्त राष्ट्र के जलवायु परिवर्तन सम्मेलन में चार सत्रों को संबोधित करते हुए उनका दिन भर का व्यस्त कार्यक्रम था। उन्होंने विश्व जलवायु कार्रवाई शिखर सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया, राज्य और सरकार के प्रमुखों के लिए उच्च स्तरीय खंड का औपचारिक उद्घाटन किया, जलवायु वित्त परिवर्तन पर प्रेसीडेंसी सत्र में भाग लिया, ग्रीन क्रेडिट कार्यक्रम पर एक और उच्च स्तरीय कार्यक्रम और एक नेतृत्व ग्रुप फॉर इंडस्ट्री ट्रांज़िशन (लीडआईटी) कार्यक्रम में भी हिस्सा लिया। उन्होंने विश्व जलवायु कार्रवाई शिखर सम्मेलन में एक ग्रीन क्रेडिट पहल भी शुरू की।

सिडनी में पाकिस्तानी टीम की 'इंटरनेशनल बेइज्जती', एयरपोर्ट पर नहीं पहुंचा कोई रिसीव करने तो खुद ट्रक में लादा सामान, गुस्से में पीसीबी

तीन टेस्ट मैचों की सीरीज के लिए पाकिस्तानी टीम ऑस्ट्रेलिया पहुंच गई। लेकिन सिडनी एयरपोर्ट पर टीम की बेइज्जती हुई। खिलाड़ियों को रिसीव करने कोई नहीं पहुंचा। बता दें कि विश्व कप के शर्मनाक प्रदर्शन को भुलाकर पाकिस्तानी टीम ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज का आगाज 14 दिसंबर से करेगी। पाकिस्तानी खिलाड़ी रविवार को सिडनी एयरपोर्ट पहुंचे, लेकिन वहां लैंड होते ही पाकिस्तानी खिलाड़ियों की 'इंटरनेशनल बेइज्जती' हो गई है। दरअसल, एयरपोर्ट पर खिलाड़ियों को कोई रिसीव करने नहीं पहुंचा और फिर मजबूरन खिलाड़ियों को खुद अपना सामान ट्रक में लादना पड़ा।

एयरपोर्ट पर खिलाड़ियों का नहीं हुआ स्वागत

पाकिस्तानी खिलाड़ियों का यह अपमान तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वायरल हो रहे वीडियो में पाकिस्तानी प्लेयर्स अपने-अपने सामान को खुद ट्रक में लादते हुए दिख रहे हैं। सिडनी एयरपोर्ट पर न तो टीम का स्वागत करने कोई पहुंचा और ना ही उन्हें रिसीव करने के लिए पाकिस्तानी दूतावास को कोई अधिकारी मौजूद था। इस घटना के बाद पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड भी गुस्से में है।

बता दें कि आमतौर पर जब कोई क्रिकेट टीम विदेशी दौरे पर जाती है तो वहां स्थित दूतावास के अधिकारी टीम के खिलाड़ियों को रिसीव करने एयरपोर्ट जाते हैं, लेकिन पाकिस्तानी टीम को लेने के लिए एयरपोर्ट पर कोई नहीं आया। यहां तक कि खिलाड़ियों के लिए बस भी नहीं थी। उन्हें ट्रक में ही अपना सामान खुद लादना पड़ा। इस दौरान सामान को ट्रक में लोड करने के लिए खिलाड़ियों को बस 2 विदेशी लोगों का साथ मिला।

शान मसूद की कप्तानी में खेलेगी टीम

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीन टेस्ट मैचों की सीरीज के लिए पाकिस्तानी टीम नए कप्तान के अंडर खेलेगी। बाबर आजम इस टीम के कप्तान नहीं हैं। बाबर ने विश्व कप की हार के बाद कप्तानी से इस्तीफा दे दिया, जिसके बाद शान मसूद को टेस्ट का और शाहीन अफरीदी को टी20 का कप्तान बनाया गया है। शान मसूद की कप्तानी में 18 सदस्यीय पाकिस्तानी टीम ऑस्ट्रेलिया पहुंची है।

रामलीला मैदान में होगी अखिल भारतीय मुस्लिम महापंचायत ! आतंकी ISIS की पत्रिका में छपे महमूद प्राचा ने किया आयोजन, अनुमति भी मिली

 'मिशन सेव कॉन्स्टिट्यूशन' (MSC) नामक एक संगठन दिल्ली के रामलीला मैदान में 'अखिल भारतीय मुस्लिम महापंचायत' आयोजित करने की योजना बना रहा है। इसी साल 12 अक्टूबर को उसने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ऐलान किया था कि 29 अक्टूबर को मुसलमानों की एक बड़ी सभा होगी। यह घोषणा MSC के 'राष्ट्रीय संयोजक' महमूद प्राचा ने की थी, जिन्होंने दावा किया था कि भारत में मुसलमानों के खिलाफ कथित 'अत्याचार' को लेकर 'अखिल भारतीय मुस्लिम महापंचायत' की जा रही है। 23 अक्टूबर को, प्राचा ने एक और वीडियो बनाया, जिसमें मुस्लिम समुदाय से बड़ी संख्या में महापंचायत में शामिल होने की अपील की गई। इसी महमूद प्राचा का कुछ दिनों पहले एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमे वे मुस्लिमों से अपने गहने-जेवर बेचकर हथियार खरीदने के लिए कहते नज़र आ रहे थे। 

दिल्ली उच्च न्यायालय के समक्ष दायर एक याचिका में परचा ने दावा किया है कि उन्हें पुलिस उपायुक्त (मध्य जिला, दिल्ली) से रामलीला मैदान में कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति मिल गई है। प्राचा ने 'उन्हें उनके संवैधानिक अधिकारों के बारे में शिक्षित करने' के लिए 10,000 लोगों की सभा की अनुमति मांगी थी। 'मिशन सेव कॉन्स्टिट्यूशन' (MSC) के राष्ट्रीय संयोजक ने बैंक से 'अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) प्राप्त करने के बाद कथित तौर पर 'अखिल भारतीय मुस्लिम महापंचायत' आयोजित करने के लिए 50000 रुपए भी जमा किए हैं। कार्यक्रम की सांप्रदायिक प्रकृति के बारे में जानने के बाद, दिल्ली पुलिस ने इस साल 16 अक्टूबर को MSC को शुरू में दी गई अनुमति रद्द कर दी। साथ ही रामलीला मैदान की बुकिंग अगले दिन रद्द कर दी गई। इसके बाद महमूद प्राचा ने कार्यक्रम रद्द करने के दिल्ली पुलिस के फैसले के खिलाफ 19 अक्टूबर को दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख किया। 

हाई कोर्ट ने इस मामले में कहा है कि, 'यह सामने आया है कि आयोजन का विषय अनुमति मांगते वक़्त आयोजकों द्वारा प्रस्तुत की गई थीम से अलग है। पत्र में आगे कहा गया है कि पुनर्मूल्यांकन में यह खुलासा हुआ है कि सोशल मीडिया पर कार्यक्रम को लेकर उपलब्ध पोस्टरों पर लिखी भाषा से पता चलता है कि कार्यक्रम का एजेंडा सांप्रदायिक प्रतीत होता है और इस बात की प्रबल आशंका है कि ऐसा आयोजन भी किया गया तो त्योहारों के मौसम के दौरान और ऐसे संवेदनशील स्थान पर सांप्रदायिक नफरत फैल सकती है और क्षेत्र की शांति को नुकसान पहुंच सकता है। पत्र में यह भी कहा गया है कि इजराइल और (फिलिस्तीनी आतंकी संगठन) हमास के बीच चल रहे युद्ध के कारण अरब देशों में तनाव के बीच, अधिकारियों को आशंका है कि इस तरह की घटनाओं से कानून-व्यवस्था की स्थिति खराब हो सकती है और पुरानी दिल्ली का माहौल खराब हो सकता है, जहां सभी धर्मों के लोग आते हैं। इसलिए, दिनांक 06.10.2023 के पत्र के माध्यम से याचिकाकर्ता को दी गई NOC रद्द की जाती है।

25 अक्टूबर को, अदालत ने NOC रद्द करने के फैसले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया और 'मिशन सेव संविधान' (MSC) को अपने कार्यक्रम को पुनर्निर्धारित करने और हिंदू त्योहारों का मौसम खत्म होने के बाद दिल्ली पुलिस से नई अनुमति लेने का निर्देश दिया। इसमें आगे कहा गया है कि, 'यद्यपि यह कार्यक्रम लोगों को उनके संवैधानिक अधिकारों के बारे में शिक्षित करने के उद्देश्य से आयोजित किया गया है, लेकिन प्रतिवादी नंबर 2 के विद्वान वकील द्वारा तैयार किए गए पोस्टरों के भाव से संकेत मिलता है कि विचाराधीन घटना सांप्रदायिक रूप ले सकती है, जिसके परिणामस्वरूप पुरानी दिल्ली क्षेत्र में सांप्रदायिक तनाव बढ़ सकता है, जो एक "संवेदनशील" क्षेत्र है क्योंकि यहां विभिन्न धर्मों के लोग रहते हैं और क्षेत्र में सांप्रदायिक हिंसा अज्ञात नहीं है। जमीनी हकीकत से वाकिफ उस इलाके के SHO द्वारा जताई गई आशंका को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।'

अखिल भारतीय मुस्लिम महापंचायत 18 दिसंबर तक के लिए स्थगित

दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा उनकी रिट याचिका पर विचार करने से इनकार करने के बाद, महमूद प्राचा ने विवादास्पद कार्यक्रम को 4 दिसंबर 2023 तक पुनर्निर्धारित किया था। हालाँकि, दिल्ली पुलिस ने उनके अनुरोध को यह कहते हुए ठुकरा दिया कि उसने पहले ही 'महा त्यागी सेवा संस्थान' नामक संगठन को इस साल 3 से 5 दिसंबर के बीच अपना कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति दे दी है। 'मिशन सेव संविधान' ने दावा किया है कि दिल्ली नगर निगम (MCD) ने उन्हें सूचित किया कि 4 दिसंबर, 2023 को रामलीला मैदान में कोई कार्यक्रम नहीं है और दिल्ली पुलिस किसी तरह विरोधाभासी बयान दे रही है।

बता दें कि 'महा त्यागी सेवा संस्थान' ने 8 नवंबर को दिल्ली पुलिस से अनुमति मांगी थी, जबकि MSC ने दो दिन बाद यानी 10 नवंबर को अनुरोध दायर किया था। 25 नवंबर को, दिल्ली उच्च न्यायालय ने एमसीडी और दिल्ली पुलिस को 'अखिल भारतीय मुस्लिम महापंचायत' के आयोजन के लिए सुविधाजनक तारीख प्रदान करने का निर्देश दिया। अदालत ने कहा कि, “याचिकाकर्ता के वकील ने कहा है कि MCD और पुलिस अधिकारियों द्वारा दी गई तारीखों में से, 18.12.2023 की तारीख महापंचायत आयोजित करने के लिए सबसे सुविधाजनक है।”

ऐसे में, इस कार्यक्रम को अब इस साल 18 दिसंबर को फिर से निर्धारित किया गया है। दिल्ली उच्च न्यायालय ने पुलिस को उस तारीख पर महापंचायत आयोजित करने की व्यवहार्यता पर विचार करने का निर्देश दिया है। 28 नवंबर को अदालत ने 'मिशन सेव कॉन्स्टिट्यूशन' (MSC) को सभी मेहमानों/वक्ताओं का विवरण पुलिस को सौंपने का निर्देश दिया। इसके बाद महापंचायत के आयोजकों, स्थानीय पुलिस और यातायात पुलिस के बीच एक बैठक आयोजित की गई।

'मिशन संविधान बचाओ' और इसकी विवादित मांग

बता दें कि, इस संगठन की स्थापना 15 अगस्त, 2020 यानी भारत के 74वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर 'वकील' महमूद प्राचा द्वारा की गई थी। जबकि प्राचा 'मिशन सेव संविधान' के 'राष्ट्रीय संयोजक' के रूप में कार्य करते हैं, सेवानिवृत्त IAS अधिकारी वजाहत हबीबुल्लाह संगठन के 'प्रमुख सलाहकार' हैं। हिंदू विरोधी टिप्पणियों के लिए जाने जाने वाले सेवानिवृत्त बॉम्बे हाई कोर्ट के न्यायाधीश कोलसे पाटिल MSC के 'सलाहकार' हैं। संगठन की घोषित मांगों में शामिल हैं - भारत में अवैध अप्रवासियों की पहचान करने के लिए NRC और NPR (राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर) प्रस्ताव को रद्द करना, CAA/NRC/NPR विरोधी दंगाइयों की गिरफ्तारी को रोकना और CAA तथा कृषि कानूनों को निरस्त करना।

'मिशन सेव संविधान' दिल्ली विश्वविद्यालय के दौलत राम कॉलेज में तदर्थ प्रोफेसर रितु सिंह के लिए पिछले 96 दिनों से धरना प्रदर्शन आयोजित कर रहा है, जिनका रोजगार 2020 में समाप्त कर दिया गया था। सिंह ने दावा किया है कि उन्हें उनकी 'दलित' जाति की पहचान के कारण हटाया गया था और उन्होंने जातिगत भेदभाव के आधार पर कॉलेज प्रिंसिपल डॉ. सविता रॉय को हटाने की मांग की थी। MSC ने दौलत राम कॉलेज के पूर्व प्रोफेसर के समर्थन में अपनी आवाज़ उठाई है और 'इस उद्देश्य' के लिए एक समर्पित फेसबुक पेज बनाया है। 

'मिशन सेव कॉन्स्टिट्यूशन' के यूट्यूब पेज पर महमूद प्राचा और विवादित इस्लामी उपदेशक मौलाना तौकीर रज़ा को प्रमुखता से दिखाया गया है, जो गाजा में चल रहे युद्ध के बीच (फिलिस्तीनी आतंकी संगठन) हमास समर्थक प्रचार कर रहे हैं और इज़राइल का विरोध कर रहे हैं।

MSC के 'राष्ट्रीय संयोजक' महमूद प्राचा इस्लामिक स्टेट (ISIS) की पत्रिका में छपे

बता दें कि, महमूद प्राचा, जो एक वकील और 'मिशन सेव कॉन्स्टिट्यूशन' के राष्ट्रीय संयोजक के रूप में काम करते हैं, पर एक फर्जी शपथ पत्र बनाने और हिंदू विरोधी दिल्ली दंगा पीड़ितों को झूठी गवाही देने के लिए प्रशिक्षित करने का आरोप लगाया गया था। उनकी हरकतें 2002 के गुजरात दंगों के पीड़ितों को पढ़ाने की आरोपी 'एक्टिविस्ट' तीस्ता सीतलवाड़ से काफी मिलती-जुलती हैं। दिसंबर 2020 में दिल्ली पुलिस की एक स्पेशल सेल ने महमूद प्राचा के दफ्तर पर तलाशी ली थी. उन पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 182, 193, 420, 468, 471, 472, 473 और 120बी के तहत भी मामला दर्ज किया गया था।

महमूद प्राचा को 2020 के दिल्ली दंगों के दौरान हिंदू पीड़ित आलोक तिवारी की हत्या के आरोपी दंगाई आरिफ का प्रतिनिधित्व करते देखा गया था। उन्होंने दिल्ली पुलिस की ईमानदारी पर सवाल उठाए थे और झूठा दावा किया था कि राष्ट्रीय राजधानी में दंगों के दौरान केवल मुसलमानों को निशाना बनाया गया था। 'मिशन सेव कॉन्स्टिट्यूशन' के राष्ट्रीय संयोजक महमूद प्राचा को फरवरी 2020 में आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (ISIS) पत्रिका 'वॉयस ऑफ हिंद' के कवर पर छपने का गौरव भी हासिल है।

मई 2022 में, महमूद प्राचा ने दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर रतन लाल का भी बचाव किया, जिन्होंने काशी में ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर पाए गए शिवलिंग के बारे में अपमानजनक टिप्पणी की थी। वह 2020 के दिल्ली हिंदू विरोधी दंगों में बड़ी साजिश के मामले में दिल्ली पुलिस का प्रतिनिधित्व करने वाले विशेष लोक अभियोजक (एसपीपी) अमित प्रसाद के चरित्र हनन में भी शामिल था।

वजाहत हबीबुल्लाह की हरकत

वजाहत हबीबुल्लाह, एक पूर्व IAS अधिकारी, जिन्होंने राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया, 'मिशन सेव संविधान' के लिए 'सिद्धांत सलाहकार' के रूप में काम करते हैं। वह पहले याचिकाकर्ताओं में से एक थे, जिन्होंने सुप्रीम कोर्ट से 2020 के हिंदू विरोधी दिल्ली दंगों के दौरान दिल्ली पुलिस को प्रथम सूचना रिपोर्ट (FIR) दर्ज करने का निर्देश देने की मांग की थी। हबीबुल्लाह शाहीन बाग में CAA विरोधी प्रदर्शनकारियों के बचाव में भी आए थे, जिन्होंने सड़क नाकाबंदी करके राष्ट्रीय राजधानी को ठप कर दिया था।

सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर करते हुए उन्होंने दावा किया था कि, ''ऐसी कई सड़कें हैं जिनका विरोध प्रदर्शन से कोई संबंध नहीं है, जिन्हें पुलिस ने अनावश्यक रूप से रोक दिया है, अपनी जिम्मेदारियों और कर्तव्यों का पालन कर रहे हैं और गलत तरीके से विरोध प्रदर्शन पर दोष मढ़ रहे हैं।'' वजाहत हबीबुल्लाह भी 'अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता' का मुद्दा उठाकर अदालत की अवमानना मामले में वकील से कार्यकर्ता बने प्रशांत भूषण के बचाव में आए।

MSC के 'सलाहकार' बीजी कोलसे पाटिल से जुड़े विवाद

बॉम्बे हाई कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश, बीजी कोलसे पाटिल, 'मिशन सेव संविधान' के सलाहकार के रूप में कार्य करते हैं। जनवरी 2020 में, उन्होंने जमात इस्लामिक हिंद द्वारा आयोजित सीएए विरोधी विरोध प्रदर्शन के दौरान मुस्लिम समुदाय को उकसाया था। बीजी कोलसे पाटिल को ये कहते हुए सुना गया था कि, 'हमने एक आंदोलन शुरू किया है। अब आपको (मुसलमानों को) पहल करनी चाहिए. आपकी आबादी 20-25 करोड़ है और अगर आप एक बार भी सड़कों पर उतरेंगे तो पूरा देश हिल जाएगा।' उन्होंने झूठा दावा किया कि नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) हिंदुओं को नागरिकता देने के लिए बनाया गया था। 

'पाटिल' पर 2018 में आंदोलन के दौरान एक गुमनाम महिला पत्रकार द्वारा यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया गया था। बीजी कोलसे पाटिल 2018 में महाराष्ट्र में आयोजित एल्गार परिषद के आयोजकों में से एक थे, जिसकी परिणति भीमा कोरेगांव दंगों में हुई थी। वह समय-समय पर हिंदू विरोधी भाषण देने के लिए जाने जाते हैं। 2016 में ऐसे ही एक भाषण में उन्होंने आरोप लगाया था कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) देश में 'हिंदू आतंक' फैला रहा है।

एक अन्य भाषण में, पाटिल ने दावा किया कि 'RSS भारत का सबसे बड़ा दुश्मन है' और इसे 'वैचारिक स्तर' पर हराने की कसम खाई थी। उन्होंने खुले तौर पर 'हिंदुस्तान' शब्द के प्रति अपना तिरस्कार व्यक्त किया है और आरोप लगाया है कि इसका इस्तेमाल केवल हिंदुओं के लिए किया जाता है, सभी भारतीयों के लिए नहीं। नवंबर 2017 में, सेवानिवृत्त बॉम्बे हाई कोर्ट के न्यायाधीश पाटिल ने दावा किया कि RSS ने प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी, ISI से पैसे लिए थे। उन्होंने आरोप लगाया कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को भारत को अस्थिर करने के लिए 24 लाख रुपए मिले थे।