देश में खत्म नहीं हुआ कोरोना! सामने आए 88 नए मामले, करीब 400 मरीजों का चल रहा इलाज

डेस्क: कोरोना वायरस का प्रकोप पूरा देश झेल चुका है। लाखों लोग कोरोना की वजह से मौत के गाल में समा गए। हालांकि वैक्सीनेशन के बाद कुछ राहत भी मिली और कोरोना के केस कम भी हुए लेकिन ये महामारी पूरी तरह खत्म नहीं हुई है। भारत में कोरोना के 88 नए मामले सामने आए हैं। 

स्वास्थ्य मंत्रालय ने जारी किया आंकड़ा 

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया है कि देश में 396 कोरोना के मरीजों का इलाज चल रहा है। कोरोना की वजह से जान गंवाने वाले कुल लोगों की संख्या 5,33,300 है, जबकि कोरोना से संक्रमित होने वालों की कुल संख्या 4,50,02,103 है। मंत्रालय की वेबसाइट के मुताबिक, संक्रमण से उबरने वाले लोगों की कुल संख्या बढ़कर 4,44,68,407 हो गई है।

वहीं, देश में संक्रमण से ठीक होने की दर 98.81 प्रतिशत, जबकि मृत्यु दर 1.19 प्रतिशत है। वेबसाइट के अनुसार, भारत में अब तक कोविड-19 वैक्सीन की कुल 220.67 करोड़ से अधिक खुराक दी जा चुकी हैं।

गुरुवार को शिमला में हुई थी महिला की मौत 

हालही में शिमला के इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (आईजीएमसी) में गुरुवार को कोरोना पॉजिटिव महिला की मौत हो गई थी। महिला के शव को परिजनों को दे दिया गया था। आईजीएमसी में 42 दिन बाद कोरोना पॉजिटिव मरीज की मौत हुई थी।

दिल्ली तक पहुंची मणिपुर हिंसा की आंच! मणिपुरी महिला पर 8-10 लोगों ने झुंड बनाकर किया हमला, सोशल मीडिया पर वीडियो भी आया सामने

 दक्षिणपूर्वी दिल्ली की सनलाइट कॉलोनी में रात के समय सड़क पर आठ-नौ लोगों के एक समूह ने मणिपुर के दो पुरुषों और दो महिलाओं पर हमला कर दिया। गुरुवार को हुई यह घटना सड़क के पार एक बालकनी से मोबाइल में कैद हो गई। वीडियो को सोशल मीडिया पर खूब शेयर किया गया है। सनलाइट कॉलोनी के एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि कई अज्ञात आरोपियों के खिलाफ शुक्रवार रात को पहली सूचना रिपोर्ट (FIR) दर्ज की गई। आरोपों में यौन उत्पीड़न भी शामिल है।

शिकायतकर्ता ने शुक्रवार देर रात FIR दर्ज करने के बाद सनलाइट कॉलोनी पुलिस स्टेशन के बाहर संवाददाताओं से कहा कि दो आरोपियों के चेहरे CCTV फुटेज में साफ नजर आ रहे हैं। मोबाइल फुटेज में चार लोगों - एक आदमी, उसकी पत्नी, उसकी बहन और एक पारिवारिक मित्र - को एक समूह द्वारा संकीर्ण सड़क पर मुक्का मारते, लातें मारते और घसीटते हुए दिखाया गया है। पीड़ित में से एक आदमी ने कहा कि, "मैं, मेरी पत्नी और मेरी बहन रात 11 बजे खाना खाने के बाद एक दोस्त को घर छोड़ रहे थे, तभी दो पुरुष और एक महिला हमारे पास आए और कहा कि उनके मोबाइल की बैटरी खत्म हो गई है और उन्हें मुनिरका (दक्षिणी दिल्ली में) के लिए कैब बुक करने में मदद चाहिए।" पीड़ित आदमी की आंख मारपीट से काली हो गई थी और गाल सूजे हुए थे।

उन्होंने बताया कि, "हम मदद करने के लिए सहमत हुए। कैब बुक करते समय, मदद मांगने वाले व्यक्ति ने मेरी पत्नी और बहन के खिलाफ भद्दे कमेंट्स करना शुरू कर दिया। जब हमने उनके व्यवहार पर आपत्ति जताई, तो वे आक्रामक हो गए, अपने आठ-नौ दोस्तों को बुलाया और हमें पीटना शुरू कर दिया।“ पीड़ित ने कहा कि, उसने FIR में विवरण दिया है, जिसकी मोबाइल वीडियो और सीसीटीवी फुटेज से पुष्टि की गई है।

उनकी पत्नी ने आरोप लगाया कि समूह ने उनके बाल खींचे, उन्हें जमीन पर लात मारी और उन्हें खींचने की कोशिश की। महिला ने अपने घुटनों पर चोट के निशान दिखाते हुए कहा कि, "मुझे लगा कि मैं मरने जा रही हूं, हर कोई मरने वाला था क्योंकि उन्होंने हमें पीटना बंद नहीं किया, किसी ने उन्हें रोका भी नहीं।" उन्होंने कहा कि, "हम पैदल जा रहे थे जब उन्होंने कैब बुक करने के लिए मदद मांगी और उन्होंने हमारे साथ यही किया।' एक बयान में, पुलिस ने कहा कि वे उस व्यक्ति को अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने घुटनों पर खरोंच, आंखों में लाली और सूजन और माथे पर सूजन बताई, जो गंभीर हमले का संकेत देता है।

पुलिस ने कहा कि वे उन सभी को पकड़ने के लिए काम कर रहे हैं और इसकी शुरुआत CCTV फुटेज में दिख रहे दो लोगों से की जाएगी। कुछ रिपोर्ट्स में पीड़ित परिवार मैतई समुदाय से बताया जा रहा है, जबकि हमला करने वालों को कुकी समुदाय का बताया जा रहा है। हालाँकि, इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है। बता दें कि, मणिपुर में काफी समय से मैतई और कुकी समुदाय में संघर्ष चल रहा है, जिसके कारण पूर्वोत्तर राज्य में तनाव व्याप्त हो गया है। 

मणिपुर में हिंसा का मूल कारण 

बता दें कि, मणिपुर की आबादी में मैतेई लोगों की संख्या लगभग 53 प्रतिशत है और वे ज्यादातर इम्फाल घाटी में रहते हैं, जो कि पूरे मणिपुर का लगभग 10 फीसद क्षेत्र है। वहीं, जबकि आदिवासी, जिनमें नागा और कुकी शामिल हैं, की आबादी 40 प्रतिशत हैं और मुख्य रूप से पहाड़ी जिलों में रहते हैं। मणिपुर का 90 फीसद हिस्सा पहाड़ी है, जिसमे केवल कुकी-नागा जैसे आदिवासियों (ST) को ही रहने और संपत्ति खरीदने की अनुमति है, ऐसे में मेइती समुदाय के लोग महज 10 फीसद इलाके में रहने को मजबूर हैं। उन्होंने ST का दर्जा माँगा था, जिसे हाई कोर्ट ने मंजूरी भी दे दी थी, लेकिन इससे कुकी समुदाय भड़क उठा और विरोध प्रदर्शन शुरू हुए। यही हिंसा की जड़ रही। 

 

बताया जाता है कि, कुकी समुदाय के अधिकतर लोग धर्मान्तरित होकर ईसाई बन चुके हैं और वे घाटी पर अफीम की खेती करते हैं, इसलिए वे घाटी में अपना एकाधिकार रखना चाहते हैं और किसी को आने नहीं देना चाहते। विदेशी फंडिंग और मिशनरियों के इशारे पर चलने वाले अधिकतर NGO इन्ही कुकी-नागा लोगों को भड़का रहे हैं। इन कुकी समुदाय को खालिस्तानियों का भी साथ मिल रहा है, कुकी समुदाय का एक नेता कनाडा जाकर खालिस्तानी आतंकियों से मिल भी चुका है, जहाँ से उन्हें फंडिंग और हथियार मिले थे। वहीं, म्यांमार और चीन भी कुकी लोगों को मेइती से लड़ने के लिए हथियार दे रहे हैं।

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शिकायतकर्ता ने शुक्रवार देर रात FIR दर्ज करने के बाद सनलाइट कॉलोनी पुलिस स्टेशन के बाहर संवाददाताओं से कहा कि दो आरोपियों के चेहरे CCTV फुटेज में साफ नजर आ रहे हैं। मोबाइल फुटेज में चार लोगों - एक आदमी, उसकी पत्नी, उसकी बहन और एक पारिवारिक मित्र - को एक समूह द्वारा संकीर्ण सड़क पर मुक्का मारते, लातें मारते और घसीटते हुए दिखाया गया है। पीड़ित में से एक आदमी ने कहा कि, "मैं, मेरी पत्नी और मेरी बहन रात 11 बजे खाना खाने के बाद एक दोस्त को घर छोड़ रहे थे, तभी दो पुरुष और एक महिला हमारे पास आए और कहा कि उनके मोबाइल की बैटरी खत्म हो गई है और उन्हें मुनिरका (दक्षिणी दिल्ली में) के लिए कैब बुक करने में मदद चाहिए।" पीड़ित आदमी की आंख मारपीट से काली हो गई थी और गाल सूजे हुए थे।

उन्होंने बताया कि, "हम मदद करने के लिए सहमत हुए। कैब बुक करते समय, मदद मांगने वाले व्यक्ति ने मेरी पत्नी और बहन के खिलाफ भद्दे कमेंट्स करना शुरू कर दिया। जब हमने उनके व्यवहार पर आपत्ति जताई, तो वे आक्रामक हो गए, अपने आठ-नौ दोस्तों को बुलाया और हमें पीटना शुरू कर दिया।“ पीड़ित ने कहा कि, उसने FIR में विवरण दिया है, जिसकी मोबाइल वीडियो और सीसीटीवी फुटेज से पुष्टि की गई है।

उनकी पत्नी ने आरोप लगाया कि समूह ने उनके बाल खींचे, उन्हें जमीन पर लात मारी और उन्हें खींचने की कोशिश की। महिला ने अपने घुटनों पर चोट के निशान दिखाते हुए कहा कि, "मुझे लगा कि मैं मरने जा रही हूं, हर कोई मरने वाला था क्योंकि उन्होंने हमें पीटना बंद नहीं किया, किसी ने उन्हें रोका भी नहीं।" उन्होंने कहा कि, "हम पैदल जा रहे थे जब उन्होंने कैब बुक करने के लिए मदद मांगी और उन्होंने हमारे साथ यही किया।' एक बयान में, पुलिस ने कहा कि वे उस व्यक्ति को अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने घुटनों पर खरोंच, आंखों में लाली और सूजन और माथे पर सूजन बताई, जो गंभीर हमले का संकेत देता है।

पुलिस ने कहा कि वे उन सभी को पकड़ने के लिए काम कर रहे हैं और इसकी शुरुआत CCTV फुटेज में दिख रहे दो लोगों से की जाएगी। कुछ रिपोर्ट्स में पीड़ित परिवार मैतई समुदाय से बताया जा रहा है, जबकि हमला करने वालों को कुकी समुदाय का बताया जा रहा है। हालाँकि, इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है। बता दें कि, मणिपुर में काफी समय से मैतई और कुकी समुदाय में संघर्ष चल रहा है, जिसके कारण पूर्वोत्तर राज्य में तनाव व्याप्त हो गया है। 

मणिपुर में हिंसा का मूल कारण 

बता दें कि, मणिपुर की आबादी में मैतेई लोगों की संख्या लगभग 53 प्रतिशत है और वे ज्यादातर इम्फाल घाटी में रहते हैं, जो कि पूरे मणिपुर का लगभग 10 फीसद क्षेत्र है। वहीं, जबकि आदिवासी, जिनमें नागा और कुकी शामिल हैं, की आबादी 40 प्रतिशत हैं और मुख्य रूप से पहाड़ी जिलों में रहते हैं। मणिपुर का 90 फीसद हिस्सा पहाड़ी है, जिसमे केवल कुकी-नागा जैसे आदिवासियों (ST) को ही रहने और संपत्ति खरीदने की अनुमति है, ऐसे में मेइती समुदाय के लोग महज 10 फीसद इलाके में रहने को मजबूर हैं। उन्होंने ST का दर्जा माँगा था, जिसे हाई कोर्ट ने मंजूरी भी दे दी थी, लेकिन इससे कुकी समुदाय भड़क उठा और विरोध प्रदर्शन शुरू हुए। यही हिंसा की जड़ रही। 

 

बताया जाता है कि, कुकी समुदाय के अधिकतर लोग धर्मान्तरित होकर ईसाई बन चुके हैं और वे घाटी पर अफीम की खेती करते हैं, इसलिए वे घाटी में अपना एकाधिकार रखना चाहते हैं और किसी को आने नहीं देना चाहते। विदेशी फंडिंग और मिशनरियों के इशारे पर चलने वाले अधिकतर NGO इन्ही कुकी-नागा लोगों को भड़का रहे हैं। इन कुकी समुदाय को खालिस्तानियों का भी साथ मिल रहा है, कुकी समुदाय का एक नेता कनाडा जाकर खालिस्तानी आतंकियों से मिल भी चुका है, जहाँ से उन्हें फंडिंग और हथियार मिले थे। वहीं, म्यांमार और चीन भी कुकी लोगों को मेइती से लड़ने के लिए हथियार दे रहे हैं।

देहरादून पहुंचे भारत के चीफ जस्टिस चंद्रचूड़, एफआरआई में बोले- भारत सौभाग्यशाली देश…यहां की पवित्र पुस्तक है संविधान

 भारत के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ आज शनिवार सुबह देहरादून पहुंचे। यहां एफआरआई में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि जो देश हमारे साथ आजाद हुए थे वो आज इतने सौभाग्यशाली नहीं हैं जितना की अपना देश भारत है।

मुख्य न्यायाधीश, न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति केशव चंद्र धूलिया मेमोरियल व्याख्यान और कर्मभूमि फाउंडेशन द्वारा आयोजित निबंध और वाद-विवाद प्रतियोगिता के पुरस्कार समारोह में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे। इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत सौभाग्यशाली देश है और यहां के लोग भी।

उन्होंने भारत के सौभाग्यशाली होने के पीछे कहा कि हमारी पवित्र पुस्तक संविधान है। यहां की भाषा यहां के लोग इसे सबसे अलग बनाते हैं। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ सुबह जौलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंचे थे। इस दौरान एयरपोर्ट पर सुरक्षा व्यवस्थाएं चाक-चौबंद रही।

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मुख्य न्यायाधीश, न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति केशव चंद्र धूलिया मेमोरियल व्याख्यान और कर्मभूमि फाउंडेशन द्वारा आयोजित निबंध और वाद-विवाद प्रतियोगिता के पुरस्कार समारोह में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे। इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत सौभाग्यशाली देश है और यहां के लोग भी।

उन्होंने भारत के सौभाग्यशाली होने के पीछे कहा कि हमारी पवित्र पुस्तक संविधान है। यहां की भाषा यहां के लोग इसे सबसे अलग बनाते हैं। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ सुबह जौलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंचे थे। इस दौरान एयरपोर्ट पर सुरक्षा व्यवस्थाएं चाक-चौबंद रही।

एनिमल’ फिल्म के मेकर्स को लगा तगड़ा झटका, रिलीज के कुछ घंटों बाद ही लीक हो गई रणबीर कपूर की फिल्म

 रणबीर कपूर और रश्मिका मंदाना स्टारर फिल्म ‘एनिमल’ बीते शुक्रवार को सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है। रिलीज के पहले दिन ही फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर अच्छा कलेक्शन किया। क्रिट्क्स से लेकर ऑडियंस तक को फिल्म काफी पसंद आई। अब मेकर्स के लिए एक बुरी खबर आ रही है। दरअसल, ऐसा बताया जा रहा है कि ‘एनिमल’ ऑनलाइन लीक हो गई है।

ई-टाइम्स की एक खबर के अनुसार, संदीप रेड्डी वांगा के निर्देशन में बनी फिल्म ‘एनिमल’ 24 घंटों के अंदर ही ऑनलाइन लीक हो गई है। ऐसे में अब इसकी कमाई पर भी असर पड़ सकता है।

ऑनलाइन लीक हुई ‘एनिमल’

ई-टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, रणबीर कपूर स्टारर ‘एनिमल’ को टेलीग्राम सहित टोरेंट साइटों पर ऑनलाइन लीक कर दिया गया है। एंटरटेनमेंट पोर्टल का दावा है कि फिल्म को नियमित फॉरवर्ड की तरह व्हाट्सएप पर शेयर किया जा रहा है। सिर्फ ‘एनिमल’ ही नहीं, बल्कि विक्की कौशल की ‘सैम बहादुर’ भी ऑनलाइन लीक हो गई है।’सैम बहादुर’ ने भी ‘एनिमल’ के साथ 1 दिसंबर को बड़े पर्दे पर एंट्री मारी है। ऑनलाइन लीक होने के बाद इस फिल्म के कलेक्शन पर भी असर देखने को मिल सकता है।

ओपनिंग डे पर शानदार कलेक्शन

क्राइम थ्रिलर फिल्म ‘एनिमल’ ने अपने ओपनिंग डे पर दमदार कलेक्शन किया है। फिल्म क्रिटिक तरण आदर्श के अनुसार, रणबीर और रश्मिका मंदाना स्टारर फिल्म ने पहले दिन घरेलू बॉक्स ऑफिस पर सभी भाषाओं में कुल 63.80 करोड़ का कलेक्शन किया है। वहीं, अगर सिर्फ हिंदी में फिल्म के कलेक्शन की बात करें, तो फिल्म ने 54.75 करोड़ का कारोबार किया। बता दें कि यह रणबीर कपूर के करियर की सबसे बड़ी ओपनर फिल्म बन गई है।

इस फिल्म में रणबीर कपूर और रश्मिका मंदाना के अलावा बॉबी देओल, अनिल कपूर और तृप्ति डिमरी सहित स्टार्स ने अहम रोल प्ले किया है।

छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में नक्सलियों ने फिर किया IED ब्लास्ट, चपेट में आए 2 CRPF जवान, एक पत्रकार भी घायल

छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में आज शनिवार (2 दिसंबर) को नक्सलियों द्वारा लगाए गए इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) में विस्फोट होने से केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के दो जवान और एक पत्रकार घायल हो गए। यह घटना तब हुई जब सुरक्षाकर्मी जिले के बालासुर पल्ली मार्ग इलाके में चल रहे पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (PLGA) सप्ताह के बीच नक्सलियों द्वारा लगाए गए पोस्टर हटा रहे थे।

बता दें कि नक्सली उन 54 नक्सलियों की याद में PLGA सप्ताह मना रहे हैं, जिन्होंने पिछले साल कई कारणों से अपनी जान गंवाई है। घटना के बाद घायल कर्मियों को इलाज के लिए नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी हालत खतरे से बाहर है। इससे पहले, छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के दौरान, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) का एक जवान बलिदान हो गया था, जब नक्सलियों ने राज्य के बिंद्रानवागढ़ इलाके में एक इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) विस्फोट करके एक मतदान दल को निशाना बनाया था।

उल्लेखनीय है कि, मतदान से एक दिन पहले, नक्सलियों ने छत्तीसगढ़ के धमतरी क्षेत्र में कम तीव्रता वाले दो IED विस्फोट किए थे। हालांकि किसी को चोट नहीं आई, बाद में अधिकारियों ने इलाके से 5 किलोग्राम का इम्प्रोवाइज्ड विस्फोटक उपकरण बरामद किया था।

शराब नीति में ED ने संजय सिंह और अन्य आरोपियों के खिलाफ दाखिल की चार्जशीट, मंत्री आतिशी का भी बयान सामने आया

डेस्क: शराब नीति मामले में ED ने संजय सिंह और अन्य आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। ED ने राउज एवेन्यू कोर्ट में संजय सिंह के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है, जोकि पूरे 60 पेज की है। 

दिल्ली की मंत्री का बयान सामने आया 

दिल्ली की मंत्री और आप नेता आतिशी का भी बयान सामने आया है। उन्होंने कहा, 'दिल्ली के लोग अरविंद केजरीवाल से प्यार करते हैं और उन पर भरोसा करते हैं और चाहते हैं कि वह सीएम बने रहें, भले ही उन्हें फर्जी मामले में जेल भेज दिया जाए।'

क्या है मामला?

दिल्ली सरकार आबकारी नीति लागू होने में हुई गड़बड़ी होने आरोपों के बीच सितंबर 2022 में इसे वापस ले लिया था। प्रवर्तन निदेशालय (ED) का दावा है कि दिल्ली शराब नीति में कई डीलरों को फायदा पहुंचाने के लिए कथित तौर पर रिश्वत ली गई है। इस पैसे का इस्तेमाल पार्टी के लिए किया गया है। ईडी का आरोप है कि संजय सिंह आबकारी नीति को बनाने में उनकी भी अहम भूमिका थी और वह रिश्वत के लेन-देन से जुड़े हुए थे। 

इन आरोपों को आम आदमी पार्टी खारिज करते आ रही है। 'आप' का कहना है कि केंद्र सरकार सियासी फायदे के लिए केंद्रीय जांच एजेंसियों का इस्तेमाल कर रही है। वहीं, बीजेपी का कहना है कि जांच एजेंसी सबूत के आधार पर कार्रवाई करती है।

दिल्ली शराब घोटाला केस में इसी साल जनवरी में ईडी ने अपनी चार्जशीट में संजय सिंह का नाम जोड़ा था। इसको लेकर संजय सिंह ने काफी हंगामा मचाया था। इसके बाद मई में संजय सिंह ने दावा किया कि ईडी ने उनका नाम गलती से जोड़ दिया है। 

ईडी की चार्जशीट में संजय सिंह पर 82 लाख रुपये का चंदा लेने का जिक्र है। वहीं, दिल्ली शराब नीति केस में ईडी की दूसरी सप्लीमेंट्री चार्जशीट 2 मई को जारी की गई थी, जिसमें 'आप' के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा का भी नाम सामने आया था। हालांकि, उन्हें आरोपी नहीं बनाया गया है।

पढ़िए, खेल जगत की बड़ी खबर, क्या 2024 का T20 वर्ल्ड कप नहीं खेलेंगे विराट कोहली ? संशय में BCCI और चयनकर्ता

भारत के सुपरस्टार बल्लेबाज विराट कोहली की अगले साल के T20 विश्व कप में भागीदारी को लेकर कई तरह की चर्चा का बाजार गर्म है, क्योंकि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) और चयनकर्ता खेल के सबसे छोटे प्रारूप में उनके भविष्य पर चर्चा करेंगे। सूत्र ने बताया है कि अभी तक यह निश्चित नहीं है कि विराट कोहली T20 वर्ल्ड कप में खेलेंगे या नहीं।

सूत्र के अनुसार, 'अभी तक उनके लिए कट हासिल करना बहुत मुश्किल लग रहा है, लेकिन प्रबंधन उनसे बात करेगा और फिर अंतिम फैसला लिया जाएगा, क्योंकि प्रबंधन कोई भी कदम उठाना नहीं चाहता है। यही कारण है कि उनके साथ एक बैठक महत्वपूर्ण है उनके T20 प्रारूप और विश्व कप स्लॉट पर किसी निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले।' मामले से जुड़े सूत्रों का कहना है कि, 'देखिए हमने रोहित को सूचित कर दिया है कि अगर वह खेलेंगे तो वह टीम का नेतृत्व करेंगे और आप खिलाड़ी टीम में होंगे, इसलिए उन्हें (रोहित) और कोच को इसका ध्यान रखना होगा। मैं उन्हें अफगानिस्तान टी20 में भी खेलते हुए नहीं देखता, लेकिन आइए इंतजार करें और देखें कि चीजें कैसे विकसित होती हैं।'

बता दें कि, कोहली के पास खेल के सबसे छोटे फॉर्मेट में एक शानदार रिकॉर्ड है और वह T20I क्रिकेट के इतिहास में लीडिंग रन-स्कोरर हैं, जिन्होंने भारत के लिए 115 मैचों में 4,008 रन बनाए हैं। उनकी बल्लेबाजी की क्षमता उनके 52.74 के औसत और 137.97 के स्ट्राइक रेट से झलकती है, जो तेजी से और लगातार रन बनाने की उनकी क्षमता को दर्शाता है। कोहली ने इस प्रारूप में 37 अर्द्धशतक और एक शतक लगाया है, जिसमें उनका सर्वोच्च स्कोर नाबाद 122 रन है।

इसके साथ ही कोहली 50 कैच लेकर एक शानदार और विश्वसनीय फील्डर भी रहे हैं। उनका योगदान अक्सर महत्वपूर्ण रहा है, जैसा कि T20I में उनके 15 'मैन ऑफ द मैच' पुरस्कारों से संकेत मिलता है। अंशकालिक गेंदबाज होने के बावजूद, उन्होंने T20I में 4 विकेट लिए हैं। इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में, उन्होंने 237 मैच खेले हैं और 37.25 की औसत से 7,263 रन बनाए हैं। बल्ले के साथ उनका कौशल उनके सात शतकों और 50 अर्धशतकों से उजागर होता है, जिसमें उनका सर्वोच्च स्कोर 113 है। अकेले 2023 सीज़न में, कोहली ने 14 पारियों में 53.25 की प्रभावशाली औसत और 139.82 की स्ट्राइकिंग के साथ 639 रन बनाए थे। कोहली के लगातार प्रदर्शन ने उन्हें RCB की बल्लेबाजी लाइनअप की आधारशिला और लीग में एक मजबूत ताकत बना दिया है।

विधानसभा चुनाव में '150 से ज्यादा पर जीत को तैयार...' एग्जिट पोल आते ही भाजपा के कद्दावर नेता नरोत्तम मिश्रा ने किया बड़ा दावा


मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के बाद अब सबकी नजरे काउंटिंग पर टिकी हुई हैं। बृहस्पतिवार को एग्जिट पोल आने के बाद देश भर में राजनीतिक पारा हाई हो रहा है। मध्य प्रदेश में एग्जिट पोल के आंकड़ों के अनुसार, बीजेपी एवं कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर दिखाई दे रही है। दोनों पार्टियों के नेता जमकर दावा कर रहे हैं। राज्य के गृहमंत्री और बीजेपी के कद्दावर नेता नरोत्तम मिश्र ने एग्जिट पोल को धता बताते हुए दावा ठोंक दिया है। नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि बीजेपी राज्य विधानसभा चुनाव में 150 से ज्यादा सीटें जीतेगी।

सूबे के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा, ''मैंने शुरुआत में ही कहा था कि हम तकरीबन 150 सीटें जीतेंगे। पीएम नरेंद्र मोदी ने वह काम किया है, जहां गरीब लोगों को फायदा हुआ है, चाहे वह प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई), उज्ज्वला योजना या आयुष्मान भारत योजना हो। इसी प्रकार, सीएम शिवराज सिंह चौहान ने सत्ता में आते ही निर्धन लोगों के लिए कई लाभकारी योजनाएं आरम्भ कीं। हमें भरोसा है कि हम 150 से अधिक सीटें जीतेंगे।''

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की टिप्पणी -''देश टेलीविजन से नहीं विजन से चलता है'' मिश्रा ने कहा कि उनका विजन झूठ का विजन है। उन्होंने कहा, "हर कोई जानता है कि कमल नाथ ने प्रदेश में कैसा शासन किया था। उन्होंने किसी भी किसान का कृषि ऋण माफ नहीं किया था तथा किसी भी युवा को 4000 रुपये का बेरोजगारी भत्ता नहीं दिया था। उनका दृष्टिकोण झूठ का दृष्टिकोण है।" बता दे कि अधिकतर एग्जिट पोल में भाजपा के मध्य प्रदेश में सत्ता बरकरार रखने का अनुमान लगाया गया है। 230 सदस्यीय मध्य प्रदेश विधानसभा के लिए 17 नवंबर को मतदान हुआ, जिसमें 77.15 प्रतिशत मतदान हुआ। वोटों की गिनती 3 दिसंबर को होनी है।