प्रधानमंत्री मोदी का नाम लेकर बिहार के अधिकारियों को केंद्रीय मंत्री ने दी धमकी, बोले- 'जो कार्यक्रम में नहीं आ रहे उन्हें देख लेंगे...'

 बिहार के बक्सर के सांसद तथा केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। बताया जा रहा है कि केंद्रीय मंत्री ने अफसरों को धमकी दी है। वह बक्सर में आम सभा को संबोधित करने एवं केंद्र सरकार की योजनाओं को आम जनता तक पहुंचाने के लिए कार्यक्रम में पहुंचे थे। 

दरअसल, गुरुवार को केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे विकसित भारत के तहत होने वाले कार्यक्रम के सम्मिलित होने के लिए बक्सर पहुंचे थे। यहां उनके द्वारा आम जनता की परेशानियों को भी सुना गया। इस के चलते कई विभाग के ऐसे अफसर अनुपस्थित रहे, जिनकी कार्यक्रम में आवश्यकता थी। कार्यक्रम में आए लोगों को संबोधित करते हुए अश्विनी कुमार चौबे ने कहा ''बिहार में इस वक़्त हमारी सरकार नहीं है, इसलिए आप (सरकारी अफसर, कर्मचारी) इन कार्यक्रमों में नहीं आ रहे हैं, मगर यह भूलिए मत कि आगामी 24 में जब नरेंद्र मोदी की सरकार बिहार के सत्ता पर काबिज होगी तो आप जैसे अफसरों को मोदी की सरकार देख लेने का काम करेगी।''

 कहा कि यदि 2024 में बिहार की सत्ता पर NDA गठबंधन काबिज होता है तो उन अफसरों को नरेंद्र मोदी देख लेंगे, सभी की छुट्टी में कटौती कर दी जाएगी। 2024 में नरेंद्र मोदी की सरकार बिहार की सत्ता पर काबिज होने वाली है। इस के चलते जब हमारी सरकार बिहार में नहीं है तो कुछ अफसर केंद्र सरकार के कार्यक्रमों में नहीं आने के लिए छुट्टियां ले रहे हैं। मैं उन अफसरों को सचेत करना चाहता हूं कि 2024 में हमारी सरकार बनने वाली है। अगर, बन गई तो उन अफसरों को नरेंद्र मोदी देख लेंगे। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी ऐसे अफसरों को नहीं छोड़ने वाले हैं जो इस के चलते केंद्र सरकार की योजनाओं में रुचि नहीं दे रहे हैं।

नवजात की मौत हो गई...' बोलकर डॉक्टरों ने बेच दिया महिला का बच्चा, पुलिस ने सभासद के घर से किया मासूम को बरामद, यूपी के बलरामपुर की घटना

यूपी के बलरामपुर से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई यहां मिशन हॉस्पिटल व जच्चा बच्चा केंद्र के नाम पर एक चिकित्सालय चल रहा था। इसमें एक प्रसूता ने नवजात को जन्म दिया तो चिकित्सकों ने उसे मृत बताकर एक व्यक्ति को बेच दिया। यह मामला सामने आने के पश्चात् पुलिस ने डॉ. अकरम व डॉ. हफीजुर्रहमान को गिरफ्तार कर लिया। वहीं स्वास्थ्य विभाग ने फर्जी तरीके से चल रहे चिकित्सालय को सीज कर दिया।

मिली जानकारी के मुताबिक, गौरा चौराहा थाना क्षेत्र के झौव्वा गांव की रहने वाली महिला ने 26 नवंबर को पचपेड़वा थाने में शिकायत की थी। इसमें आरोप लगाया था कि 29 अक्टूबर को मिशन हॉस्पिटल एवं जच्चा बच्चा सर्जिकल केंद्र पचपेड़वा में उसका प्रसव हुआ था। प्रसव के पश्चात् डॉक्टर ने उसके नवजात को मृत बताकर बेच दिया है। इस शिकायत पर पुलिस ने FIR दर्ज की तथा तहकीकात आरम्भ की। तहकीकात में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। पुलिस का कहना है कि मिशन अस्पताल पचपेड़वा में सिद्धार्थ नगर के बढ़नी स्थित रूबी हेल्थ केयर के डॉक्टर हाफिजुर्रहमान ने महिला का ऑपरेशन किया था।

जब महिला बेहोश थी, उसी वक़्त उसके बच्चे को बढ़नी के सभासद निसार के हाथों बेच दिया। प्रसूता को जब होश आया तो उसे बताया गया कि उसका बच्चा मृत था, मगर महिला को यकीन था कि उसके बच्चे को गायब कर दिया गया है। पुलिस की तहकीकात में इस पूरे मामले का खुलासा हो गया। तत्पश्चात, ऑपरेशन करने वाले डॉ. हाफिजुर्रहमान और मिशन अस्पताल के संचालक डॉ. अकरम जमाल को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस टीम ने नवजात को बढ़नी नगर पंचायत क्षेत्र के सभासद निसार के घर से जब्त कर लिया। वहीं मौके से सभासद निसार फरार हो गया. सिद्धार्थनगर एवं बलरामपुर के स्वास्थ्य विभाग की टीम ने पचपेड़वा स्थित मिशन अस्पताल और बढ़नी स्थित रूबी हेल्थ केयर नर्सिंग होम को सीज कर दिया है। पुलिस सभासद निसार की तलाश में जुटी हुई है। अपर मुख्य चिकित्सा अफसर डॉ. जयप्रकाश के नेतृत्व में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने अवैध तौर पर चल रहे जच्चा बच्चा केंद्र एवं अवैध चिकित्सालय को सीज कर दिया है।

एमपी के दंदरौआ धाम में उमड़ा जनसैलाब! भंडारे में JCB की मदद से बन रही सब्जी, 2 शिफ्ट में काम कर रहे 800 हलवाई, सीमेंट मिक्सचर से मालपूए

मध्य प्रदेश के भिंड जिले स्थित दंदरौआ धाम में धार्मिक आयोजन का आनंद लेने के लिए भारी संख्या में कई लोग पहुंच रहे हैं। एक ओर JCB की सहायता से सब्जी तैयार की जा रही है, दूसरी ओर सीमेंट कंक्रीट मिक्सर से मालपुआ का गोल बनाया जा रहा है। 40 भट्टियां एक लाइन में धधक रही हैं तथा इन भट्टियों पर 800 हलवाई विशाल भंडारा बना रहे हैं। यह दृश्य देखकर आप भी दंग रह जाएंगे, क्योंकि यह विशाल भंडारा लाखों लोगों के लिए हर दिन तैयार किया जा रहा है।

'डॉक्टर हनुमान' के नाम से लोकप्रिय दंदरौआ धाम मंदिर पर 'सिय-पिय मिलन' महोत्सव का आयोजन हो रहा है। प्रत्येक वर्ष होने वाले इस महोत्सव में इस बार कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा भी आए हुए हैं। पंडित प्रदीप मिश्रा के मुख से शिव महापुराण कथा को सुनने के लिए हर दिन यहां 2 लाख से ज्यादा भक्त पहुंच रहे हैं। इन भक्तों के लिए विशेष प्रसादी की व्यवस्था भी दंदरौआ धाम में की गई है। प्रतिदिन यहां 2 लाख से ज्यादा भक्तों के लिए भंडारे का आयोजन किया जा रहा है। इतने बड़े आंकड़े में लोगों के लिए भंडारा तैयार करने के लिए यहां 800 हलवाइयों को काम पर लगाया गया है। भंडारा तैयार करने के लिए दंदरौआ धाम में 40 भट्टियों को बनाया गया है। इन भट्टियों पर दिनभर 800 हलवाई दो शिफ्ट में भोजन बनाने का काम कर रहे हैं। इन हलवाइयों में 500 पुरुष हलवाई एवं 300 महिला हलवाई सम्मिलित हैं। भंडारे में प्रतिदिन खीर, पूरी, बूंदी, सब्जी और मालपुआ तैयार किए जाते हैं। 

दंदरौआ धाम से मिली खबर के मुताबिक, प्रतिदिन दंदरौआ धाम पर भंडारे के लिए 100 क्विंटल आटे के मालपुए बनाए जा रहे हैं। मालपुआ बनाने के लिए पहले आटे का घोल तैयार किया जाता है तथा इसके लिए सीमेंट कंक्रीट मिक्सर मशीन का इस्तेमाल किया जा रहा है। यहां सेवा कर रहे सेवक आटे से भरी बोरी को सीमेंट कंक्रीट मिक्सर में उड़ेल देते हैं तथा फिर सीमेंट कंक्रीट मिक्सर की सहायता से मालपुआ के लिए घोल तैयार किया जाता है। इसके साथ ही यहां खीर बनाने के लिए प्रतिदिन 4000 लीटर दूध का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। आसपास के गांव से इस दूध की व्यवस्था हो रही है। सब्जी बनाने के लिए तीन बड़ी कढ़ाई में JCB की सहायता से भंडारे के लिए सब्जी तैयार हो रही है। यहां दो कढ़ाई में 2000 किलो और तीसरी कढ़ाई में 1200 किलो सब्जी एक बार में तैयार हो जाती है। जब कढ़ाई में सब्जी तैयार हो जाती है तो JCB की सहायता से तैयार हुई सब्जी को कढ़ाई से निकलने का काम किया जाता है। एक बार में लगभग 30000 लोगों के लिए तीन कढ़ाई में सब्जी तैयार की जाती है। 28 नवंबर से शुरू हुआ यह 'सिय पिय मिलन' महोत्सव 2 दिसंबर तक जारी रहेगा। इस महोत्सव में सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए 600 से ज्यादा पुलिस कर्मी भी तैनात हैं। इसके अतिरिक्त दंदरौआ धाम पर एंबुलेंस और दमकल विभाग के वाहन भी किसी भी स्थिति के निपटने के लिए तैयार हैं।

चरमपंथी होते हैं LGBT..' , रूस के सुप्रीम कोर्ट ने समलैंगिकों और ट्रांसजेंडरों के मूवमेंट पर लगाया बैन ! लोगों ने दी अलग अलग प्रतिक्रिया

रूस के सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया कि LGBT कार्यकर्ताओं को "चरमपंथी" के रूप में नामित किया जाना चाहिए, इस कदम से समलैंगिक और ट्रांसजेंडर लोगों के प्रतिनिधियों को डर है कि इससे गिरफ्तारी और मुकदमा चलाया जा सकता है। पीठासीन न्यायाधीश ने ऐलान किया कि उन्होंने न्याय मंत्रालय के "अंतर्राष्ट्रीय एलजीबीटी सामाजिक आंदोलन" पर प्रतिबंध लगाने के अनुरोध का समर्थन किया है।

यह कदम रूस में यौन रुझान और लिंग पहचान की अभिव्यक्ति पर बढ़ते प्रतिबंधों के एक पैटर्न का हिस्सा है, जिसमें "गैर-पारंपरिक" यौन संबंधों को बढ़ावा देने और लिंग के कानूनी या चिकित्सा परिवर्तनों पर प्रतिबंध लगाने वाले कानून शामिल हैं। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख वोल्कर तुर्क ने रूसी अधिकारियों से "मानवाधिकार रक्षकों के काम पर अनुचित प्रतिबंध लगाने वाले या एलजीबीटी लोगों के खिलाफ भेदभाव करने वाले कानूनों को तुरंत निरस्त करने" का आग्रह किया। उम्मीद है कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन जल्द ही घोषणा करेंगे कि वह मार्च में छह साल का नया कार्यकाल लेंगे, लेकिन उन्होंने लंबे समय से पतनशील पश्चिम के विपरीत पारंपरिक नैतिक मूल्यों के संरक्षक के रूप में रूस की छवि को बढ़ावा देने की मांग की है।

पिछले साल एक भाषण में, उन्होंने कहा था कि पश्चिम का "मेरे विचार से, दर्जनों लिंग और समलैंगिक परेड जैसे नए-नए चलन" को अपनाने के लिए स्वागत है, लेकिन उन्हें अन्य देशों पर थोपने का कोई अधिकार नहीं है। राष्ट्रपति पुतिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने अदालत के फैसले की घोषणा से पहले संवाददाताओं से कहा कि क्रेमलिन मामले का "पालन नहीं कर रहा" था और इस पर उनकी कोई टिप्पणी नहीं थी। अदालत को अपना फैसला सुनाने में कार्यवाही शुरू होने से लगभग पांच घंटे लग गए। सुनवाई मीडिया के लिए बंद थी, लेकिन पत्रकारों को फैसला सुनने की अनुमति दी गई।

एलजीबीटी कार्यकर्ताओं को न्याय मंत्रालय के अनुरोध के बाद 17 नवंबर को आए इस फैसले की आशंका तो पहले से थी। दरअसल, मंत्रालय ने विशिष्ट उदाहरण दिए बिना दावा था कि रूस में LGBT आंदोलन की गतिविधियों में चरमपंथ के लक्षण दिखाई देते हैं, जिसमें सामाजिक और धार्मिक संघर्षों को बढ़ावा देना भी शामिल है। अदालत के बाहर, LGBT कार्यकर्ता एडा ब्लेकवेल ने कहा कि फैसले ने आधिकारिक बयानों को खारिज कर दिया है कि रूस LGBT लोगों के खिलाफ भेदभाव नहीं करता है और उन्हें समान अधिकार प्रदान करता है।

उन्होंने कहा कि उसे यह समझाने के लिए कि वह एक ट्रांसजेंडर महिला नहीं है, उसकी इच्छा के विरुद्ध एक साल तक "रूपांतरण चिकित्सा" का सहारा लिया गया। उन्होंने कहा कि, "व्यवहार में, इस मुकदमे को अपनाने के बाद, मैं रूपांतरण चिकित्सा के बारे में बात नहीं कर पाऊंगी।" मॉस्को की सड़कों पर लोगों के विचार अलग-अलग थे। लेरा नाम की एक युवा महिला ने कहा कि, "मैं चाहती हूं कि यह दुनिया एक स्वतंत्र जगह हो, जहां लोग जिसे चाहें उससे प्यार कर सकें, हालांकि इन सबके प्रति मेरा रवैया तटस्थ है, क्योंकि मैं उनकी जगह नहीं हूं।" लेकिन अगर मुझे प्यार करने से मना किया गया तो यह बहुत दर्दनाक होगा।"

20 वर्षीय डेनियल ने कहा कि समलैंगिक संबंध "सामान्य नहीं" हैं। उन्होंने कहा, "मेरा मानना है कि कम से कम जिन्हें मैं जानता हूं, उनमें से ज्यादातर लोग, मेरे दोस्त और परिचित, समलैंगिकता के प्रति नकारात्मक रवैया रखते हैं। इसलिए यह हमारे देश के लिए सही फैसला है।" बता दें कि, रूस में पहले से ही 100 से अधिक समूहों को "चरमपंथी" के रूप में प्रतिबंधित किया गया है। पिछली सूचियाँ, उदाहरण के लिए यहोवा के साक्षियों के धार्मिक आंदोलन और विपक्षी राजनेता अलेक्सी नवलनी से जुड़े संगठनों ने गिरफ्तारी की प्रस्तावना के रूप में काम किया है।

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय की प्रवक्ता रवीना शामदासानी ने कहा कि रूस में एलबीजीटी समुदाय की स्थिति " बदतर होती जा रही है", और "एलजीबीटी आंदोलन" की अदालत की परिभाषा के बारे में स्पष्टता की कमी ने कानून को दुरुपयोग के लिए खुला छोड़ दिया है। उन्होंने कहा, "एलजीबीटी समुदाय के लिए इसका मतलब उनके मौलिक अधिकारों का और अधिक दमन है।"

उत्तराखंड में बदला मौसम का मिजाज, बद्रीनाथ-केदारनाथ समेत ज्यादातर ऊंची चोटियों पर बादल छाए रहने के साथ हो रही बूंदाबांदी और बर्फबारी, बढ़ी ठंड

उत्तराखंड में मौसम का मिजाज बदल गया है। पर्वतीय क्षेत्रों में बादल मंडरा रहे हैं। हेमकुंड साहिब, बद्रीनाथ, केदारनाथ समेत ज्यादातरसमेत ज्यादातर ऊंची चोटियों पर हुआ है। जबकि, आसपास के क्षेत्रों में कहीं-कहीं हल्की वर्षा भी हुई। दून में दोपहर बाद मौसम ने करवट बदली और आसमान में बादलों ने डेरा डाल लिया।

मौसम विभाग के अनुसार, आज यानी शुक्रवार को भी पर्वतीय क्षेत्रों में आंशिक बादल छाए रह सकते हैं। चोटियों पर हिमपात और हल्की वर्षा के आसार हैं। मैदानी क्षेत्रों में मौसम शुष्क रहने के साथ कहीं-कहीं उथला कोहरा परेशानी बढ़ा सकता है। बीते एक सप्ताह से प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों में धूप और बादलों की आंख-मिचौनी जारी है।

बर्फबारी और बूंदाबांदी होती रही

गुरुवार को भी दून समेत ज्यादातर मैदानी क्षेत्रों में सुबह से धूप खिली रही। हालांकि, दोपहर बाद बादल मंडराने लगे। कहीं-कहीं बूंदाबांदी भी दर्ज की गई। उधर, पर्वतीय क्षेत्रों में बादलों का डेरा रहा और शाम तक ऊंची चोटियों पर हिमपात का एक दौर हुआ। इसके अलावा निचले क्षेत्रों में बौछार की भी सूचना है। जिससे तापमान में गिरावट आ गई है। आने वाले दिनों में पारे में तेजी से गिरावट आने के साथ सुबह-शाम कड़ाके की ठंड पड़ने के आसार हैं।

इन क्षेत्रों में हल्की वर्षा के आसार

मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार, शुक्रवार को बागेश्वर, पिथौरागढ़ समेत आसपास के क्षेत्रों में हल्की वर्षा के आसार हैं। प्रदेश के 3500 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हिमपात हो सकता है। ज्यादातर मैदानी क्षेत्रों में मौसम शुष्क रहने का अनुमान है। हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर में उथला कोहरा छाया रह सकता है।

ऋषिकेश एम्स में भर्ती 41 मजदूरों का हालचाल जानने पहुंचे राज्यपाल गुरमीत सिंह, बोले-परीक्षा में सभी हुए सफल

उत्तराखंड के राज्यपाल ले.ज. गुरमीत सिंह ऋषिकेश एम्स में भर्ती 41 मजदूरों का हालचाल जानने पहुंचे। इस दौरान उन्होंने कहा कि सुरंग में फंसे 41 लोगों की यह परीक्षा थी, जिसमें वह सफल हुए हैं। उन्होंने हमें एक सबक सिखाया है कि किस प्रकार मुश्किल घड़ी में एक साथ रहना है। मजदूरों को उनके घर पहुंचाने के लिए एम्स परिसर में बसें पहुंच गई हैं।

17 दिन तक सिलक्यारा सुरंग में जिंदगी गुजारने वाले मजदूरों के हौसले फिर भी बुलंद हैं। उनका कहना है कि सुरंग निर्माण के दौरान इस तरह की घटना सामान्य होती है। हालांकि इस बार मलबा ज्यादा गिर गया था। मजदूरों ने छुट्टी के बाद फिर काम पर लौटने का संकल्प लिया है तो कुछ मजदूरों के परिजन वेतन बढ़ाने की मांग कर रहे हैं।

दूसरी तरफ उत्तरकाशी की सिलक्यारा टनल से श्रमिकों की सुरक्षित वापसी के बाद देहरादून स्थित सीएम आवास में ईगास यानी बूढ़ी दीपावली का उत्सव मनाया गया। वैसे तो दिवाली के 11वें दिन यानी एकादशी को उत्तराखंड में ईगास मनाने का रिवाज है, लेकिन मजदूरों के सुरंग में फंसे होने के चलते सीएम धामी ने आवास पर आयोजित कार्यक्रम स्थगित कर दिया था।

वहीं, जब मजदूर सुरक्षित वापस आए हैं तो उन्होंने बुधवार को ही उत्सव मनाया। सीएम धामी भैलो खेलकर लोकगीतों पर जमकर थिरके। इस अवसर पर सीएम आवास में श्रमिकों के परिजन भी मौजूद थे। सीएम ने इन सभी का माल्यार्पण कर और शॉल ओढ़ाकर स्वागत किया। कार्यक्रम में सांस्कृतिक दलों द्वारा मनमोहक प्रस्तुतियां दी गईं।

जलवायु शिखर सम्मेलन में शामिल होने दुबई पहुंचे पीएम मोदी, प्रवासी भारतियों ने किया जोरदार स्वागत

#pmmodiindubaitoattendworldclimateactionsummitofcop28

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28वें कॉन्फ्रेंस ऑफ पार्टीज (COP28) शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए गुरुवार रात दुबई पहुंचे। वह 1 दिसंबर को होने वाले COP28 के वर्ल्ड क्लाइमेट एक्शन शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे।पीएम मोदी के दुबई पहुंचने पर भारतीय समुदाय के लोगों ने उनका जोरदार स्वागत किया। प्रधानमंत्री के दुबई आने की खुशी में लोगों ने वंदे मातरम और भारत माता की जय के नारे लगाए। 

हरित और समृद्ध भविष्य को आकार देने के लिए खड़े-पीएम मोदी

अब से थोड़ी देर में पीएम मोदी कई अलग-अलग कार्यक्रमों में शामिल होंगे। इससे पहले पीएम मोदी ने शुक्रवार को संयुक्त अरब अमीरात के एक अखबार को इंटरव्यू दिया। इसमें पीएम मोदी ने कई मुद्दों पर बातचीत की। पीएम मोदी ने कहा, ‘भारत को उम्मीद है कि संयुक्त अरब अमीरात की मेजबानी में आयोजित COP28 प्रभावी जलवायु कार्रवाई में नई गति लाएगा। भारत और संयुक्त अरब अमीरात हरित और अधिक समृद्ध भविष्य को आकार देने के लिए साथ खड़े हैं।हम जलवायु कार्रवाई पर वैश्विक चर्चा को आगे बढ़ाने और उसपर अमल करने के अपने संयुक्त प्रयासों में दृढ़ हैं।

पीएम मोदी ने संयुक्त अरब अमीरात के अखबार अल-इत्तिहाद से बातचीत में कहा, यह पहचानना आवश्यक है कि विकासशील देशों ने समस्या के निर्माण में योगदान नहीं दिया है। फिर भी विकासशील देश इसके समाधान के लिए इसका हिस्सा बनने के इच्छुक हैं। वे आवश्यक वित्तपोषण और प्रौद्योगिकी तक पहुंच के बिना योगदान नहीं कर सकते। इसलिए मैंने अपेक्षित जलवायु वित्तपोषण और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण सुनिश्चित करने के लिए वैश्विक सहयोग की पुरजोर वकालत की है।

इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा कि सीओपी-28 शिखर सम्मलेन में भाग लेने के लिए दुबई पहुंचा। अब शिखर सम्मेलन की कार्यवाही का इंतजार है। कार्यवाही का उद्देश्य एक बेहतर ग्रह बनाना है।हमारे सभ्यतागत लोकाचार को ध्यान में रखते हुए, भारत ने हमेशा सामाजिक और आर्थिक विकास के साथ-साथ जलवायु कार्रवाई पर भी जोर दिया है। हमारे जी-20 की अध्यक्षता के दौरान, जलवायु हमारी प्राथमिकता में सबसे ऊपर थी। दिल्ली घोषणापत्र में जलवायु कार्रवाई और सतत विकास पर कई ठोस कदम शामिल हैं। मुझे उम्मीद है कि कॉप-28 इन मुद्दों पर आम सहमति को आगे बढ़ाएगा।

सीओपी क्या है?

दुबई में होने जा रहा यह वैश्विक सम्मेलन COP का मतलब है कॉन्फ्रेंस ऑफ द पार्टीज। ये उन देशों से संबंधित है, जिन्होंने साल 1992 में संयुक्त राष्ट्र के जलवायु समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। इसके 198 देश सदस्य हैं जिनमें से 160 वैश्विक नेताओं के शामिल होने की उम्मीद है। यह सीओपी की 28वीं बैठक है। इस वजह से इसे COP28 नाम दिया गया है। ऐसी उम्मीद है कि इसमें धरती के तापमान में बढ़ोतरी को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित रखने के दीर्घकालिक लक्ष्य की योजना बनाई जाएगी। 2015 में पेरिस में हुए समझौते में लगभग 200 देशों के बीच इसे लेकर सहमति बनी थी। इसमें दुनियाभर के 70 हजार से अधिक लोग शामिल हो सकते हैं।

चुनाव खत्म होते ही बढ़े गैस सिलेंडर के दाम, जानें कीमतों में कितने रुपये का हुआ इजाफा

#lpgcylinderprice_hike

आम आदमी को महंगाई का एक जोरदार झटका लगा है। साल के आखिरी महीने की पहली तारीख यानी आज 1 दिसंबर से एलपीजी गैस सिलेंडर के दाम बड़ गए हैं। देश के 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव खत्म होने के बाद गैस सिलेंडर के दाम बढ़ गए हैं। कल यानी गुरूवार को ही देश के पांच राज्यों में चुनाव पूरा हो गया और आज से एलपीजी सिलेंडर के दाम बढ़ गए हैं।

ये बढ़ोतरी 19 किलोग्राम वाले कमर्शियल गैस सिलेंडर पर हुई है और इसके रेट में 21 रुपये प्रति सिलेंडर का इजाफा किया गया है।सब्सिडी वाले 14.2 किलोग्राम वाले घरेलू रसोई गैस के दाम में कोई इजाफा नहीं किया गया है। आम रसोई गैस सिलेंडर उपभोक्ताओं को ना तो राहत मिली है और ना ही कोई बदलाव इनके गैस सिलेंडर के रेट पर किया गया है।

कमर्शियल गैस सिलेंडर के दाम में देश के चारों महानगरों में मामूली इजाफा देखने को मिला है। देश की राजधानी दिल्ली और मुंबई में 21 रुपए की बढ़त की गई है। दिल्ली में गैस सिलेंडर के दाम 1775.50 21 रुपए से बढ़कर 1796.50 रुपए पर आ गए हैं।जबकि मुंबई में कमर्शियल गैस सिलेंडर की कीमत 1728 रुपए से बढ़कर 1749 रुपए हो गई है। वहीं कोलकाता में कमर्शियल गैस सिलेंडर की कीमत में 22.5 रुपए इजाफा हुआ है और कीमतें 1885.50 रुपए से बढ़कर 1908 रुपए पर आ गए हैं। चेन्नई में कमर्शियल गैस सिलेंडर की कीमत में सबसे ज्यादा 26.5 रुपए का इजाफा हुआ है और दाम 1942 रुपए से बढ़कर 1968.50 रुपए पर आ गए हैं।

पिछले महीने 100 रुपये महंगा हुआ था कमर्शियल गैस सिलेंडर

पिछले महीने की पहली तारीख यानी 1 नवंबर को भी एलपीजी सिलेंडर के दाम में 100 रुपये से ज्यादा का इजाफा किया गया था। एलपीजी के ये दाम 19 किलोग्राम वाले कमर्शियल गैस सिलेंडर पर बढ़े थे। एक अक्टूबर को एलपीजी 1731.50 रुपये पर थी जबकि 1 नवंबर को इसके रेट 101.50 रुपये महंगे हुए थे और ये 1833 रुपये प्रति सिलेंडर हो गया था। इसके बाद 16 नवंबर को कमर्शियल गैस के दाम कम हुए थे और ये 57.05 रुपये सस्ता होकर 1775.50 रुपये पर आ गया था।

यूपी के क‌ई जिलों में बारिश से छह डिग्री तक गिरा पारा दिनभर छाए रहे बादल कोहरा भी बढ़ाने लगा है मुश्किल आज से और पारा गिरने के आसार

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

प्रदेश के क‌ई जिलों में बादल - बारिश और सर्द हवाओं ने ठंड अचानक बढ़ा दी। बारिश का सिलसिला बुधवार रात को शुरू हुआ। बृहस्पतिवार को भी कहीं तेज तो कहीं धीमी बारिश होती रही। इससे क‌ई जगहों पर पारा छह डिग्री तक नीचे चला गया है। मौसम का कहना है आज रात से ही पारे में गिरावट शुरू हो जाएगी।

दो दिन बारिश के आसार

आंचलिक मौसम विज्ञान केन्द्र के मुताबिक राज्य में आज और कल गरज - चमक के साथ बौछारें पड़ने के आसार हैं। आज पूरे प्रदेश में असर दिखेगा जबकि 2 दिसंबर से पश्चिमी उत्तर प्रदेश मौसम शुष्क होगा। बारिश से गेहुं की बुआई पर असर पड़ेगा। लेकिन अगेती गेहूं, आलू, सरसों, मटर आदि के लिए इसे फायदेमंद माना जा रहा। आने वाले दिनों में तेज बारिश होने पर फसलों को भारी नुकसान पहुंचने की आंशका भी है। बताया जा रहा है कि दिसंबर के पहले सप्ताह से सर्दी पड़नी शुरू हो जाएगी और इस बार पूरे फरवरी माह में ठंड पड़ने का अनुमान लगाया जा रहा है।

अब अमेरिकी कंपनी Walmart ने भी चीन को दिया झटका, बीते 5 साल में भारत से और मजबूत हुए संबंध, खरीद रहा 10 गुना अधिक उत्पाद

अमेरिकी रिटेल दिग्गज वॉलमार्ट (Wallmart) चीन पर अपनी निर्भरता कम करके और भारत से आयात बढ़ाकर अपनी सोर्सिंग रणनीति में महत्वपूर्ण बदलाव कर रही है। यह बदलाव अपनी आपूर्ति श्रृंखलाओं में विविधता लाने का लक्ष्य रखने वाली बहुराष्ट्रीय कंपनियों के बीच एक व्यापक प्रवृत्ति के अनुरूप है। इस रणनीतिक कदम से न केवल वॉलमार्ट को फायदा होता है बल्कि भारत में स्थानीय उद्योग को भी मजबूती मिलती है।

सोर्सिंग पैटर्न बदलना

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, वॉलमार्ट ने 2023 में जनवरी और अगस्त के बीच अमेरिकी बाजार के लिए अपना 60% सामान चीन से खरीदा, जो 2018 में 80% से उल्लेखनीय गिरावट है। इसके विपरीत, खुदरा दिग्गज ने अपना लगभग 25% सामान भारत से आयात किया इसी अवधि के दौरान, 2018 में मात्र 2% से पर्याप्त वृद्धि प्रदर्शित हुई। जैसे ही वॉलमार्ट और अन्य बहुराष्ट्रीय निगम चीन का विकल्प तलाश रहे हैं, भारत एक पसंदीदा विकल्प के रूप में उभर रहा है। देश का लागत प्रभावी श्रम बाजार इसके निर्यात को अधिक प्रतिस्पर्धी मूल्य बनाता है, जिससे प्रमुख खुदरा विक्रेता आकर्षित होते हैं। यह बदलाव न केवल वॉलमार्ट के लिए बल्कि चीन से दूर विविधीकरण की समग्र प्रवृत्ति के लिए महत्वपूर्ण है।

भारत से बढ़ता आयात

वॉलमार्ट वर्तमान में भारत से सालाना 3 बिलियन डॉलर का सामान आयात करता है, जो देश के कुल सामान आयात का 0.6% है। खुदरा क्षेत्र की दिग्गज कंपनी की भारत से अपने वार्षिक आयात को 10 बिलियन डॉलर तक बढ़ाने की महत्वाकांक्षी योजना है, जो भारत के निर्यात क्षेत्र के लिए पर्याप्त बढ़ावा को दर्शाता है। वॉलमार्ट की सोर्सिंग रणनीति में यह बदलाव भारत के स्थानीय उद्योग को मजबूत करने में योगदान देता है। भारत से वस्तुओं की बढ़ती मांग देश के विनिर्माण क्षेत्र और रोजगार के अवसरों के लिए सकारात्मक दृष्टिकोण प्रदान करती है। भारत से वॉलमार्ट ने तक़रीबन 25% सामान आयातित किया है। जो वर्ष 2018 में महज 2% दर्ज किया गया था, यानी ये बीते 5 सालों में लगभग 10 गुना की वृद्धि है।

व्यापक रुझान: अमेज़ॅन, Apple, और बहुत कुछ

बता दें कि, वॉलमार्ट एकलौती कंपनी नहीं है, जिसने चीन से अपना रुख भारत की तरफ शिफ्ट किया हो। अमेज़ॅन और Apple भी भारत में अधिक से अधिक विनिर्माण का लक्ष्य रख रहे हैं। विशेष रूप से, Apple ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के पहले 6-7 महीनों में ही 5 बिलियन डॉलर के स्मार्टफोन निर्यात करके सफलता देखी है। 

सरकार का 'मेक इन इंडिया' पर जोर

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की 'मेक इन इंडिया' पहल इस प्रवृत्ति के अनुरूप है, जो कंपनियों को भारत में अधिक उत्पादन करने के लिए प्रोत्साहित करती है। प्रधानमंत्री एक वैश्विक आपूर्तिकर्ता के रूप में भारत की क्षमता पर जोर देते हैं, जिसका लक्ष्य बढ़े हुए निर्यात के माध्यम से आर्थिक विकास करना है। वॉलमार्ट की सोर्सिंग रणनीति का पुनर्गठन वैश्विक बाजार में भारत के बढ़ते प्रभाव का प्रमाण है। विदेशी कंपनियां देश की आर्थिक क्षमता और विनिर्माण क्षेत्र में चीन के लिए एक व्यवहार्य विकल्प के रूप में इसकी भूमिका को पहचान रही हैं।

जैसे-जैसे वॉलमार्ट चीन से अपनी सोर्सिंग दूर कर रहा है, भारत वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में उभर रहा है। यह बदलाव न केवल भारत के निर्यात को लाभ पहुंचाता है बल्कि अंतरराष्ट्रीय आर्थिक परिदृश्य में देश के बढ़ते महत्व को भी उजागर करता है।