सारंडा में चलाए जा रहे नक्सल विरोधी अभियान अंतिम चरण में, 40 से 50 हथियारबंद नक्सली को टारगेट कर चलाया जा रहा है अभियान
(झारखंड डेस्क)
झारखंड में नक्सली संगठन के खिलाफ सारंडा में चलाये जा रहे अभियान अंतिम चरण में है।
नक्सली के प्रभाव वाले क्षेत्र सारंडा में 40-50 हथियारबंद माओवादियों के दस्ते को चिन्हित कर अभियान चलाया जा रहा है। झारखंड पुलिस के साथ सीआरपीएफ, कोबरा बटालियन, जगुआर की टीमें भी इस अभियान में शामिल है।
पिछले 10 नवंबर से माओवादियों के खिलाफ शुरू हुए विशेष अभियान के दौरान केंद्रीय गृह मंत्रालय हर दिन का अपडेट ले रहा है। कोल्हान इलाके में सरायकेला के कुचाई ट्राइजंक्शन पर लंबे समय तक एक करोड़ के इनामी माओवादी पतिराम मांझी ने डेरा डाल रखा था। चार-पांच सालों तक ट्राइजंक्शन पर माओवादियों का वर्चस्व रहा। लेकिन इस साल की शुरुआत में अभियान चलाने के बाद ट्राइजंक्शन खाली हुआ।
डीजीपी के निर्देश पर रणनीतिक अभियान चल रहा है। संयुक्त बलों की टीम अभियान में जुटी हुई है। आईईडी के कारण इस बीच सुरक्षाबलों के साथ ग्रामीणों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। संयुक्त टीम डिमाइनिंग को लेकर अलग से अभियान चला रही है, ताकि विस्फोट पर लगाम लगे।'
इन नक्सल प्रभावित क्षेत्र में चल रही है अभियान
कुइडा, छोटा कुइडा, मारादिरी, मेरालगड़ा, कटंबा, बायहातु, हाथीबुरू, तियालबेड़ा, बोयपाईससांग, बोरो, लेमसाडीह, टोन्टो के हुसिपी, राजाहासा, तु्म्बाहाका, रेगड़ा, पाटातोरब, गोबुरू, लुईया।
नक्सलियों पर लगाम लगाम लगाने के लिए सरकार की है ये पॉलिसी
● झारखंड सरकार ने माओवादी सरेंडर पॉलिसी बदली है।
● सरेंडर करने वाले माओवादियों को सीधे ओपन जेल भेजने का नियम बनाया गया है।
● माओवादी ओपन जेल में परिवार के साथ रह सकते हैं।
● पुलिस ने साइ-ऑप्स के तहत माओवादियों के पोस्टर उनके सक्रिय इलाकों में जारी किया है।
जानिए नक्सल विरोधी अभियान में अब तक कितनी मिली सफलता..?
● सितंबर 2022 में केंद्र व राज्य की सरकार ने बूढ़ापहाड़ को नक्सलमुक्त घोषित किया।यहां सक्रिय माओवादियों ने बाद में लातेहार, चतरा जैसे इलाकों में शरण ली। अधिकांश ने सरेंडर किया और गिरफ्तारी भी हुई।
● कभी मजबूत माओवादी गढ़ रहे पारसनाथ-पीरटांड़ इलाके में अब चार-पांच हथियारबंद माओवादियों का दस्ता सक्रिय है।
● बोकारो के लुगू पहाड़, ललपनिया, झुमरा के इलाके में भी चार-पांच माओवादियों का दस्ता सक्रिय है।
● चतरा, पलामू, सरायकेला, खूंटी जैसे जिलों में भाकपा माओवादियों की गतिविधि नगण्य हो चुकी है।
● लातेहार में सिर्फ छोटू खेरवार का दस्ता एक्टिव है। लोहरदगा में भी रवींद्र गंझू के नेतृत्व में महज चार-पांच माओवादी एक्टिव हैं।
सारंडा में कर रहे थे कई नक्सली कैंप
ट्राइजंक्शन खाली होने के बाद माओवादियों के पोलित ब्यूरो मेंबर मिसिर बेसरा, पतिराम मांझी, अनमोल, करमचंद उर्फ मोछू, चमन, कांडे, अजय महतो, सागेन अंगरिया, अश्विन जैसे माओवादी करीब 100 की संख्या में हथियारबंद दस्ते के साथ सारंडा में कैंप कर रहे थे। 10 नवंबर से शुरू हुए अभियान के बाद दस्ता बिखर चुका है।
जानकारी के मुताबिक, अब 50 हथियारबंद माओवादियों का दस्ता झारखंड- ओडिशा सीमा पर गोईलकेरा के समीप जुटा हुआ है। इन्हें सुरक्षाबलों ने चारों तरफ से घेरे रखा है। ऐसे में माओवादी आईईडी की घेराबंदी कर रहे हैं।
Nov 28 2023, 12:39