अब तक 52 मीटर तक मैन्युअल ड्रिलिंग का काम पूरा, रेस्क्यू ऑपरेशन पर मंडराया खराब मौसम का खतरा

#uttarkashi_tunnel_rescue_operation

उत्तराखंड सुरंग हादसे का आज 17वां दिन है।इस सुरंग हादसे में कुल मिलाकर 41 मजदूर फंसे हुए हैं, जिन्हें बाहर निकालने का काम जारी है।टनल में फंसी अमेरिकन ऑगर मशीन के मलबे को पूरी तरह बाहर निकालने के बाद अब मैन्युअल तरीके से सुरंग खोदकर मजदूरों के पास पहुंचने की तैयारी है। स्क्यू ऑपरेशन में तमाम तरह की मुश्किलें भी सामने पेश आ रही हैं। जैसे मौसम का संकट है, इसके साथ ही ऑगर मशीन जो उम्मीद की किरण थी उसमें भी तकनीकी खामी आ गई थी। मौजूदा समय में रैट माइनर्स के जरिए मजदूरों तक पहुंचने की कोशिश हो रही है। इसके साथ ही वर्टिकल ड्रिलिंग का भी काम किया जा रहा है।दिवाली के पर्व वाले दिन हुए हादसे में 41 मजदूर टनल के अंदर ही फंसे रह गए थे। सुरंग के भीतर फंसे मजदूरों ने अब तक हार नहीं मानी है और सरकार की ओर से उन्हें सकुशल बाहर निकालने के लिए लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है। 

सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को बचाने के लिए अंदर की जा रही मैन्युअल ड्रिलिंग का पहला वीडियो सामने आया है। मंगलवार सुबह न्यूज एजेंसी एएनआई द्वारा जारी किया गया। जबकि मैनुअल ड्रिलिंग चल रही है, पाइप को धकेलने के लिए बरमा मशीन का उपयोग किया जा रहा है।एएनआई ने बताया कि अब तक लगभग दो मीटर की मैनुअल ड्रिलिंग पूरी हो चुकी है। 41 मजदूरों को बचाने में मदद के लिए बुलाए गए रैट-होल खनन विशेषज्ञों ने सोमवार को मलबे के माध्यम से मैन्युअल ड्रिलिंग शुरू की।

अगले 24 घंटे में मिल सकती है कामयाबी

भारी भरकम मशीनों के फेल हो जाने के बाद अब सुरंग के अंदर फंसे मजदूरों को बाहर निकालने के लिए रैट माइनर्स को लगाया गया है जो चूहे की तरह कम जगह में तेज खुदाई करने वाले विशेषज्ञों की एक टीम है। अब इन्हीं के भरोसे सुरंग के 41 मजदूरों की जिंदगी है। ये लोग आगे की खुदाई हाथ से कर रहे हैं जिसके लिए इनके पास हथौड़ा, साबल और खुदाई करने वाले कई टूल्स हैं।टनल में रैट माइनर्स टीम ने रात भर किया। मैनुअल ड्रिलिंग 3 मीटर पाइप आगे डाला गया लेकिन कुछ लोहे की रॉड आने से अभी अवरोध लोहे की रोड काटने का काम जारी रैट माइनर्स को लगभग 7 मीटर और मैनुअल ड्रिल करना है अगले 24 घंटे या उससे कम समय में कामयाबी मिल सकती है।

मजदूर अब सिर्फ 5-6 मीटर दूर

माइक्रो टनलिंग के एक्सपर्ट क्रिस कूपर ने बड़ी जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि बीती रात हमने सफलता के साथ रेस्क्यू ऑपरेशन को आगे बढ़ाया है। हम 50 मीटर की दूरी तक पहुंच चुके हैं। अब 5 से 6 मीटर आगे जाना है, बीती रात किसी तरह की परेशानी नहीं आई। अभी तक की प्रगति पूरी तरह संतोषजनक है।

22 लाख दीप से देव दीपावली पर जगमग हुई महादेव की नगरी काशी, अद्भुत पल के साक्षी बने कई देशों के राजदूत भी, देवलोक जैसा दिखा नजारा

 देवाधिदेव महादेव की काशी के घाटों पर सोमवार की शाम की बेला में कार्तिक पूर्णिमा पर जब करीब 22 लाख दीप एक साथ जले तो यहां भी देवलोक सा दृश्य लगा। कार्तिक मास की आखिरी सांझ में अद्भुत, अलौकिक, अनुपम छटा देख इस पल के साक्षी बने लोगों का रोम-रोम पुलकित हो उठा। मान्यता है कि काशी भगवान शंकर के त्रिशूल पर बसी है। ऐसी ही शिव की काशी के आंगन में देवताओं ने सोमवार को देव दीपावली मनाई। इसके साक्षी देश विदेश के आम नागरिकों के साथ ही 70 देशों के राजदूत, 150 डेलीगेट्स और उनके परिवारीजन बने। 

22 लाख दीपों से जगमग काशी

 काशी नगरी में लगभग 22 लाख दीप प्रज्ज्वलित किए गए। काशी के अर्धचंद्राकार घाटों पर ही 12 लाख से अधिक दीप जलाए गए। इनमें एक लाख दीप गाय के गोबर से बने थे। दीप पश्चिमी तट घाटों पर और पूर्वी तट की रेत पर जलाये गए थे। काशी के कुंडों, सरोवरों, गंगा-गोमती तट पर स्थित मार्कण्डेय महादेव, वरुणा नदी के शास्त्री घाट आदि स्थानों को लाखों दीयों से जगमग किया गया। देव दीपावली पर सरकार की ओर से 12 लाख ( एक लाख गोबर के दीप), स्वयंसेवी संस्था और जन सहभागिता से कुल 22 लाख से अधिक दीपों से काशी रोशन हुई।

पहला मौका रहा, जब 70 देशों के राजदूत व डेलीगेट्स बने साक्षी

यह पहला मौका है, जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुआई में बड़ी संख्या में कई देशों के राजनायिकों ने इस अलौकिक, अद्भुत और अविस्मरणीय क्षण को अपनी आंखों के सामने देख खुद को गौरवान्वित महसूस किया। योगी सरकार इस वर्ष से देव दीपावली को प्रांतीय मेले का दर्जा दे चुकी है। इससे देव दीपावली की आभा पूरी दुनिया में फ़ैल रही है। गोरक्षपीठाधीश्वर और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के करकमलों से देव दीपावली पर पहला दीपक जलाकर न सिर्फ इसका शुभारंभ किया गया, बल्कि देवताओं का स्वागत भी किया गया। 

धार्मिक,आध्यात्मिक और सांस्कृतिक नगरी काशी में सोमवार की गोधूलि बेला में भव्य देव दीपावली मनाई गई। सूर्यास्त के साथ ही उत्तरवाहिनी जाह्नवी के तट पर लाखों दीपों ने अद्भुत और अलौकिक छटा बिखेरी। काशी के धनुषाकार 85 घाटों पर मानो आकाशगंगा के सितारे उतर आए हों। पूरी काशी दीपों की रोशनी में नहाई दिख रही थी। सभी घाटों पर शंखनाद, भव्य महाआरती और घंट-घड़ियालों की ध्वनि से काशी की धरती पर देवताओं का स्वागत हुआ। काशी के चेत सिंह घाट पर लेजर शो और गंगा पार क्रैकर्स शो का अद्भुत नजारा दिखा। योगी सरकार देव दीपावली को दिव्य और भव्य बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मेहमानों का स्वागत किया और इनके साथ क्रूज़ पर सवार होकर देव दीपावली की अद्भुत छटा भी देखी। 

 

धर्म व अध्यात्म के साथ राष्ट्रीयता

देव दीपावली पर काशी के घाटों की श्रृंखला अलग-अलग रंग बिखेरती दिखी। कहीं लेज़र शो का आयोजन हुआ, तो गंगा पार रेत पर ग्रीन एरियल फायर क्रैकर्स शो का देशी और विदेशी सैलानियों ने आनंद लिया। दशाश्वमेध घाट की महाआरती में राम भक्ति और राष्ट्रवाद के साथ आध्यात्मिकता व सामाजिकता की भी झलक दिखी। दशाश्वमेध घाट की महाआरती रामलला को समर्पित रही। भक्तों को यहां रामलला व राम मंदिर की झलक देखने को मिली। दशाश्वमेध घाट पर अमर जवान ज्योति की अनुकृति बनाकर देश के वीर जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की गयी। भारत के अमर वीर योद्धाओं को 'भगीरथ शौर्य सम्मान' से सम्मानित भी किया गया। 21 अर्चक व 51 देव कन्याएं ऋधि सिद्धि के रूप में दशाश्वमेध घाट पर मां गंगा की पूजा और आरती की, यह नारी शक्ति का संदेश भी देती रही। 

परंपरा 

काशी के घाटों पर एक साथ 12 लाख (जन सहभागिता से 21 लाख) दीयों के प्रज्जवलित होने से अलौकिक समा तो बंधा ही साथ ही चेत सिंह घाट पर साउंड एंड लाइट शो विद प्रोजेक्शन शो के माध्यम से पौराणिक काशी और भगवान शिव के चित्रात्मक जानकारी सुनकर दर्शक मंत्रमुग्ध हो उठे। देव दीपावली पर काशी के सभी मंदिरों, घाटों पर फसाड लाइट, सड़क के विद्युत खंभों को भी आकर्षक तिरंगे स्पाइरल झालरों से सजाया गया। काशी विश्वनाथ धाम के सामने गंगा पार रेत पर ग्रीन आतिशबाजी का भी लोगों ने जमकर आनंद लिया। इसके अलावा शहर के छह प्रमुख स्थानों पर घाटों पर महाआरती का सजीव प्रसारण किया गया।

 

काशी विश्वनाथ धाम के गंगा द्वार पर लेज़र शो, 11 क्विंटल फूलों से सजा काशी विश्वनाथ धाम

काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर को जिस तरह उद्घाटन के समय सजाया गया था, वैसे ही देव दीपावली पर 11क्विंटल फूलों से सजाया गया। गंगा द्वार पर लेज़र शो के माध्यम से श्री काशी विश्वनाथ धाम पर आधरित काशी का महत्व और कॉरिडोर के निर्माण संबंधी जानकारी लेज़र शो के माध्यम से दिखाई गई। 

जल, थल और नभ में अभेद्य सुरक्षा व्यवस्था

देव दीपावली पर पर्यटकों और श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए घाटों को 8 जोन, 11 सेक्टर और 32 सब सेक्टर में बांटा गया था। कई चक्र में सुरक्षा के इंतजाम भी किए गए थे। घाटों, नदियों और सड़क पर सुरक्षा, यातायात व्यवस्था, पार्किंग, इमरजेंसी प्रबंधन, क्यूआरटी, इंट्री एंड एग्जिट को लेकर पूरी तैयारी का खाका पहले से ही तैयार किया गया था। महिलाओं की सुरक्षा के लिए पिंक बूथ, एंटी रोमियो स्कवॉयड आदि की तैनाती की गई थी। गंगा में नावों से चलने के लिए दोनों दिशाओं से लेन निर्धारण किया गया था। नावों पर सुरक्षा के उपकरण, नाविकों को अधिक सवारी और नशा न करके नाव चलने की हिदायत दी गई थी। एनडीआरएफ और जल पुलिस के जवान बोट, अत्याधुनिक उपकरणों और चिकित्सकों की टीम के साथ वाटर एम्बुलेंस लेकर तैनात थे।

केंद्र व प्रदेश सरकार के कई मंत्री भी रहे मौजूद 

केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी, प्रदेश सरकार के पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह, मंत्री अनिल राजभर, दयाशंकर मिश्र 'दयालु', रवींद्र जायसवाल आदि भी श्रद्धा निवेदित करने पहुंचे।

अब बिना वीजा के घूम सकेंगे मलेशिया, 1 दिसंबर से शुरू होगी सुविधा, 30 दिनों तक रह सकेंगे

# malaysia_to_allow_visa_free_entry_to_indian_nationals

क्या आप विदेश घूमने की प्लानिंग कर रहे हैं। तो खुश होने वाली ये खबर आपके लिए ही है।दरअसल, मलेशिया ने भारतीय नागरिकों को एक महीने देश में बिना वीजा के एंट्री की सुविधा दी है। इस बात की घोषणा रविवार को मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम ने की। उन्होंने कहा कि मलेशिया में 1 दिसंबर से भारत और चीन के नागरिकों को वीजा-फ्री एंट्री मिलेगी।तो है ना भारतीय पर्यटकों के लिए ये खुशखबरी ?

मलेशिया इकोनॉमिक ग्रोथ को सपोर्ट देने के लिए ऐसा कर रहा है। मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम ने कहा कि वर्तमान में खाड़ी देशों और तुर्किये एवं जॉर्डन सहित अन्य पश्चिम एशियाई देशों को यह सुविधा प्राप्त है तथा अब यह भारत और चीन को भी दी जाएगी। देश की आधिकारिक समाचार एजेंसी 'बरनामा' के अनुसार, इब्राहिम ने साथ ही कहा कि वीजा छूट के दौरान कड़ी सुरक्षा जांच की जाएगी। इब्राहिम देश के वित्त मंत्री भी हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, 'मलेशिया आने वाले सभी पर्यटकों और आगंतुकों की प्रारंभिक जांच की जाएगी। सुरक्षा एक अलग मामला है। यदि किसी व्यक्ति का आपराधिक रिकॉर्ड है या किसी से आतंकवाद का खतरा है तो उसे प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी।

अभी मलयेशिया में सऊदी अरब, बहरीन, कुवैत, संयुक्त अरब अमीरात, ईरान, तुर्की, जॉर्डन के नागरिकों को यह सुविधा मिलती है। अब भारत भी इसमें शामिल हो गया है। मलेशिया ने भारतीय नागरिकों को 30 दिनों के लिए मुफ्त वीजा देने की बात कही है।इससे पहले श्रीलंका और थाईलैंड ने भी भरतीयों के लिए वीजा फ्री कर दिया था। श्रीलंका ने भारत, चीन, रूस, मलेशिया, जापान, इंडोनेशिया और थाईलैंड के लिए वीजा-मुक्त प्रवेश पहल शुरू की है, जो 31 मार्च 2024 तक लागू करेगी। थाईलैंड ने भी भारत एवं ताइवान के लोगों को यह छूट दी है, जो 10 मई, 2024 तक जारी रहेगी।

इससे पहले भी कई देशों ने भारत के लिए मुफ्त वीजा की व्यवस्था की है। मलेशिया की घोषणा से पहले ही 57 देशों में भारतीय लोगों के लिए या तो वीजा फ्री एंट्री है या फिर वीजा ऑन अरइवल की सुविधा है। जिसमें फिजी, ईरान, जॉर्डन,ओमान, कतर, कंबोडिया, इंडोनेशिया, भूटान, मकाओ,मालदीव, म्यांमार, नेपाल समेत अन्य देश हैं।

चीन में फैल रही नई महामारी या कोरोना का नया वेरिएंट? एक बार फिर दहशत में दुनिया

#pneumonia_cases_are_spreading_in_china 

कोविड महामारी के बाद अब एक बार फिर चीन में फैल रही एक नई बीमारी ने दुनिया की चिंता बढ़ा दी है। पिछले कुछ हफ्तों में वहां निमोनिया के मामले तेजी से बढ़े हैं। खासकर बच्चों में, बड़ी संख्या में वहां बच्चे अस्पताल में भर्ती हो रहे हैं। एहतियात के तौर पर स्कूल बंद कर दिए गए हैं। इस रहस्यमयी बीमारी के प्रकोप का केंद्र बीजिंग और लियाओनिंग प्रांत हैं, जहां अस्पतालों को भारी संख्या में बीमार बच्चों को एडमिट करना पड़ रहा है।यह स्थिति चीन में कोविड-19 के शुरुआती दिनों की याद दिलाती है।ऐसे में सवाल ये भी उठ रहे हैं कि कहीं यह वुहान वायरस का प्रकोप तो नहीं है? यानी कहीं इस महामारी की वजह कोरोना का कोई नया वेरिएंट तो नहीं है?

अगस्त 2023, चीन ने कोरोना लॉकडाउन में 3 साल रहने के बाद सारी पाबंदियां हटा लीं। एक महीने बाद यानी अक्टूबर में ही यहां एक रहस्यमयी बीमारी फैलने लगी। तेज बुखार के साथ फेफड़े फुला देने वाली इस बीमारी की वजह से हर रोज 7000 बच्चे अस्पताल पहुंच रहे हैं।एक्सपर्ट का कहना है कि कोरोना की तरह ये बीमारी भी संक्रामक है। ये चीन के एक शहर से दूसरे शहर में फैल रही है। डब्ल्यूएचओ जवाब मांग रहा है, लेकिन चीन शांत है।

चीन कोरोना की तरह ही इस बीमारी को लेकर भी डेटा रिलीज नहीं कर रहा है। डब्ल्यूएचओ कई बार चीन सरकार से इस बीमारी के बारे में पूछ चुका है। चीनी ऑफिशियल अथॉरिटी इस बीमारी को मिस्टीरियस निमोनिया बता रही है।कुछ लोग इसे वॉकिंग निमोनिया भी कह रहे हैं। एक तरह से चीन में फैल रही बीमारी को निमोनिया बताया जा रहा है। ये बीमारी बैक्टीरियल इन्फेक्शन के जरिए फैलती है। इस बैक्टीरिया को माइको प्लाज्मा निमोनिया बैक्टीरिया कहते हैं।

डब्ल्यूएचओ की सख्ती के बाद चीनी स्वास्थ्य अधिकारियों ने गुरुवार को एक टेलीकॉन्फ्रेंस के दौरान अनुरोधित डेटा प्रदान किया। इससे अक्टूबर के बाद से जीवाणु संक्रमण, आरएसवी, इन्फ्लूएंजा और सामान्य सर्दी वायरस सहित बीमारियों के कारण बच्चों के अस्पताल में प्रवेश में वृद्धि देखी गई। इन सबके बीच डब्लूएचओ को चीन से जो जानकारी मिली है उसके आधार पर फिलहाल कुछ भी डब्लूएचओ कहने की स्थिति में नहीं है। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि बच्चों में सांस की बीमारी के इन रिपोर्ट किए गए मामलों के जोखिम का सही आकलन करने के लिए फिलहाल बहुत कम जानकारी है।

सभी बंधकों की वापसी और आतंकियों का विनाश, युद्ध नहीं रुकेगा..', इजराइल का स्पष्ट रुख, इधर, संघर्षविराम बढ़ाने के लिए गिड़गिड़ा रहा 'हमास'

करीब डेढ़ महीने तक चले इजराइल-हमास संघर्ष पर कुछ दिनों का विराम लगा है, जिसमे दोनों तरफ से बंधक रिहा किए जा रहे हैं। इस दौरान इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हमास के शासन वाली गाजा पट्टी का दौरा किया और इस बात पर जोर दिया कि संघर्ष विराम के बावजूद आतंकवाद के खिलाफ युद्ध जारी रहेगा। बता दें कि, इज़राइल और फिलिस्तीनी आतंकी संगठन हमास के बीच युद्धविराम समझौता 24 नवंबर, 2023 को शुरू हुआ। पहले दिन, हमास ने 24 बंधकों को रिहा कर दिया, जिनमें 13 इज़राइली, 10 थाईलैंड से और एक फिलीपींस से था।

तीसरे दिन, अतिरिक्त 17 लोगों को हमास द्वारा रिहा किया गया, जिनमें 14 इज़रायली और 3 थाई नागरिक थे। बंधकों को गाजा अस्पताल में रेड क्रॉस इंटरनेशनल सोसाइटी के स्वयंसेवकों को सौंप दिया गया, जिन्होंने फिर उन्हें इजरायली सुरक्षा बलों (IDF) को सौंप दिया। कतर ने इस युद्धविराम में मध्यस्थता की अहम भूमिका निभाई है, जिसके परिणामस्वरूप हमास द्वारा 50 बंधकों को रिहा किया गया, वहीं इजराइल की तरफ से 150 फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा किया गया। कुछ लोगों के घर लौटने के बावजूद, रिपोर्टों से संकेत मिलता है कि 183 व्यक्तियों को अभी भी हमास ने बंदी बना रखा है, जिनमें 18 बच्चे और 43 महिलाएं शामिल हैं।

बता दें कि, फिलिस्तीनी आतंकी संगठन हमास ने 26 नवंबर, 2023 को युद्धविराम आगे बढ़ाने की मांग की थी, मगर इज़राइल ने हमास पर 10 बंधकों की दैनिक रिहाई पर स्वीकृति की शर्त रखी। इस बीच, प्रधान मंत्री नेतन्याहू ने गाजा पट्टी का दौरा किया और इजरायल के नियंत्रण पर जोर दिया और कहा कि जब तक आतंकवाद खत्म नहीं हो जाता तब तक युद्ध जारी रहेगा। सैनिकों को संबोधित करते हुए, नेतन्याहू ने युद्ध में तीन लक्ष्यों को रेखांकित किया, उन्होंने कहा कि, सभी बंधकों की सुरक्षित वापसी, हमास का विनाश, और यह सुनिश्चित करना कि गाजा से इज़राइल को कोई और खतरा न हो। उन्होंने इज़राइल के दृढ़ संकल्प पर जोर देते हुए कहा कि, "हमें कोई नहीं रोक सकता। हमारे पास ताकत है, और हम अपने लक्ष्य हासिल करेंगे।" चार दिवसीय युद्धविराम के बाद, ऐसा प्रतीत होता है कि इज़राइल हमास के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखेगा, जैसा कि नेतन्याहू की आतंकवादी संगठन के खिलाफ चल रहे संघर्ष के प्रति प्रतिबद्धता से संकेत मिलता है।

एमपी के शहडोल में रेत माफिया के पटवारी को रौंद कर मारने की घटना पर भड़कीं उमा भारती, अपनी ही सरकार पर उठाए सवाल

मध्य प्रदेश के शहडोल में रेत माफियाओं द्वारा पटवारी की हत्या पर मध्य प्रदेश की राजनीति गरमा गई है। पूर्व सीएम कमलनाथ के निशाने के पश्चात् भाजपा की वरिष्ठ नेता और पूर्व सीएम उमा भारती ने अपनी ही पार्टी की सरकार की आलोचना की है। उमा ने राज्य की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए इस घटना को शर्मनाक बताया है। उन्होंने रेत माफियाओं के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की मांग की।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए उमा भारती ने लिखा, "शहडोल के ब्योहारी में खनन माफिया द्वारा अवैध खनन रोकने की वजह से एक सरकारी कर्मचारी की हत्या, मध्य प्रदेश की सारी व्यवस्था समाज, शासन, प्रशासन सबके लिए कलंक एवं शर्मनाक है, अपराधियों पर कठोरतम कार्रवाई हो।" वही इससे पहले पूर्व सीएम कमलनाथ ने रविवार को शिवराज सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने इस घटना के पीछे भ्रष्टाचार और घोटाले को जिम्मेदार ठहराया।

उन्होंने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, "शहडोल में रेत माफिया द्वारा अवैध खनन रोकने गए पटवारी श्री प्रसन्न सिंह को ट्रैक्टर से कुचलकर मार देने की जघन्य वारदात सामने आई है। यह पहला अवसर नहीं है जब मध्य प्रदेश में रेत माफिया ने इस प्रकार से किसी सरकारी अफसर को कुचल कर मार दिया हो। मध्य प्रदेश में शिवराज सरकार के चलते पनपा भ्रष्टाचार और घोटालों की वजह से यह हालात बने है। मैं दिवंगत आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना करता हूं। ईश्वर उनके परिजनों को यह दुख सहन करने की शक्ति प्रदान करे। मैं प्रशासन से मांग करता हूं कि दिवंगत पटवारी के परिवार को समुचित आर्थिक सहायता प्रदान की जाए। ओम शांति।"

एमपी विधानसभा चुनाव में हार-जीत के बाद न उठे सवाल इसलिए प्रशासन ने उठाया बड़ा कदम, EVM की पहरेदारी कर रहे कांग्रेस कार्यकर्ता

मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव परिणामों की तिथि जैसे-जैसे पास आ रही है, वैसे-वैसे उम्मीदवारों की धड़कने बढ़ती जा रही हैं। इंदौर की सबसे हॉट सीट मानी जा रही विधनासभा क्रमांक 1 के कांग्रेस उम्मीदवार ने पार्टी कार्यकर्ताओं EVM की पहरेदारी में स्ट्रांग रूम के बहार तैनात कर दिया है। कांग्रेस कार्यकर्ता तीन शिफ्ट में EVM की पहरेदारी कर रहे हैं। सभी कार्यकर्ताओं के खाने पीने तथा रुकने की व्यवस्था प्रत्याशी की तरफ से ही की गई है। 

वही पहले भी देखा जाता रहा है कि प्रत्येक विधानसभा चुनाव में हार-जीत के पश्चात् EVM पर ऊंगली उठाई जाती रही है। इस बार कांग्रेस उम्मीदवारों EVM की निगरानी के लिए अपने कार्यकर्ताओं को लगाया है। प्रशासन ने इसकी अनुमति सिर्फ इसलिए दी है ताकि बाद में कोई प्रत्याशी EVM में सेंध लगने का आरोप ना लगाने पाए। स्ट्रांग रूम के बाहर कांग्रेसी कार्यकर्ता पहरेदारी कर रहे हैं। इस बार विधानसभा क्रमांक 1 से कांग्रेस उम्मीदवार संजय शुक्ला ने अपने कार्यकर्ताओं को पहरेदारी पर बिठाया है। कांग्रेस कार्यकर्ता 3 शिफ्ट में ड्यूटी कर रहे हैं। रात 10 से प्रातः 6 बजे तक एक शिफ्ट काम करती है तो दोपहर 1 से रात 10 बजे तक 2-2 कार्यकर्ता पहरेदारी कर रहे हैं। रात में एक कांग्रेस कार्यकर्ता सोता है तो दूसरा स्ट्रांग रूम की पहरेदारी करता है। स्ट्रांग रूम के बाहर लगी एलईडी स्क्रीन पर भी कार्यकर्ता नजर गढ़ाए हुए हैं। तीसरी शिफ्ट प्रातः 6 से दोपहर एक बजे तक करती है। 

विधानसभा 3 और सांवेर विधानसभा के कांग्रेस उम्मीदवारों ने भी अपने कार्यकर्ताओं को ईवीएम की पहरेदारी के लिए तैनात किया है। कार्यकर्ताओं के सोने का इंतजाम प्रशासन ने जबकि खाने-पीने की व्यवस्था उम्मीदवारों की तरफ से की गई है। उम्मीदवारों ने कार्यकर्ता को कोई भी आशंका होने पर सीधे फोन लगाने की बात कही। वहीं बीजेपी ने अपने किसी भी कार्यकर्ता को स्ट्रांग रूम के बाहर तैनात नहीं किया है। बीजेपी नेताओं का कहना है कि उनको प्रशासन पर पूरा विश्वास है। इंदौर क्षेत्र क्रमांक 1 में 3,63805 मतदाता है। भाजपा ने यहां से कैलाश विजयवर्गीय को उतारा है। कांग्रेस नेता संजय शुक्ला पिछली बार यहां से चुनाव जीते थे।

भाजपा ने आम आदमी पार्टी पर फिर लगाया 1500 करोड़ रुपए के घोटाले का आरोप, भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने प्रेस कांफ्रेंस कर बोला हमला

भारतीय जनता पार्टी और दिल्ली सरकार के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है। इसी कड़ी में भाजपा के प्रवक्ता गौरव भाटिया ने सोमवार को प्रेस कांफ्रेंस कर दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार पर हमला बोला और जल बोर्ड में घोटाले का आरोप लगाया। इसको लेकर उन्हों मीडिया को ब्रीफिंग भी दी। गौरव भाटिया ने आरोप लगाया है कि सीएम अरविंद केजरीवाल सरकार में घोटाला एक गारंटी की तरह है। जबकि भाजपा ईमानदारी ने जनता का मुद्दा उठाती है।

प्रेस कांफ्रेंस के दौरान बीजेपी प्रवक्ता गौरव भाटिया ने दावा किया कि दिल्ली सरकार में चाहे किसी भी विभाग का काम क्यों ना हो कट्टर बेईमान क्राइम मास्टर गोगो को अपना कमीशन चाहिए होता है। गौरव भाटिया ने कहा कि 10 सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट निर्माण में घोटाला हुआ, इनमें कुछ का अपग्रेडेशन होना था और कुछ की क्षमता बढ़ाने की योजना था। इसके लिए ठेकेदारों को ठेके दिए गए। एस्टीमेटेड कॉस्ट गलत लगाई गई और यह करीब 1500 करोड़ का घोटाला है।

दिल्ली जल बोर्ड (डीजीबी) ठेकेदार संघ के महासचिव विनय मंगला ने कहा कि बकाए का भुगतान न होने के कारण ठेकेदार सोमवार से हड़ताल पर हैं। उन्होंने दावा किया कि लगभग 1,150 ठेकेदार तब तक अपना काम बंद रखेंगे, जब तक सभी को भुगतान नहीं किया जाता। उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘यह एक खुली हड़ताल है और हम उम्मीद कर रहे हैं कि यह एक सप्ताह तक चलेगी।

प्रेस कांफ्रेंस के दौरान बीजेपी प्रवक्ता गौरव भाटिया ने दावा किया कि दिल्ली सरकार में चाहे किसी भी विभाग का काम क्यों ना हो कट्टर बेईमान क्राइम मास्टर गोगो को अपना कमीशन चाहिए होता है। गौरव भाटिया ने कहा कि 10 सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट निर्माण में घोटाला हुआ, इनमें कुछ का अपग्रेडेशन होना था और कुछ की क्षमता बढ़ाने की योजना था। इसके लिए ठेकेदारों को ठेके दिए गए। एस्टीमेटेड कॉस्ट गलत लगाई गई और यह करीब 1500 करोड़ का घोटाला है।

दिल्ली जल बोर्ड (डीजीबी) ठेकेदार संघ के महासचिव विनय मंगला ने कहा कि बकाए का भुगतान न होने के कारण ठेकेदार सोमवार से हड़ताल पर हैं। उन्होंने दावा किया कि लगभग 1,150 ठेकेदार तब तक अपना काम बंद रखेंगे, जब तक सभी को भुगतान नहीं किया जाता। उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘यह एक खुली हड़ताल है और हम उम्मीद कर रहे हैं कि यह एक सप्ताह तक चलेगी।

प्रेस कांफ्रेंस के दौरान बीजेपी प्रवक्ता गौरव भाटिया ने दावा किया कि दिल्ली सरकार में चाहे किसी भी विभाग का काम क्यों ना हो कट्टर बेईमान क्राइम मास्टर गोगो को अपना कमीशन चाहिए होता है। गौरव भाटिया ने कहा कि 10 सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट निर्माण में घोटाला हुआ। इनमें कुछ का अपग्रेडेशन होना था और कुछ की क्षमता बढ़ाने की योजना था। इसके लिए ठेकेदारों को ठेके दिए गए। एस्टीमेटेड कॉस्ट गलत लगाई गई और यह करीब 1500 करोड़ का घोटाला है।

दिल्ली जल बोर्ड (डीजीबी) ठेकेदार संघ के महासचिव विनय मंगला ने कहा कि बकाए का भुगतान न होने के कारण ठेकेदार सोमवार से हड़ताल पर हैं। उन्होंने दावा किया कि लगभग 1,150 ठेकेदार तब तक अपना काम बंद रखेंगे, जब तक सभी को भुगतान नहीं किया जाता। उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘यह एक खुली हड़ताल है और हम उम्मीद कर रहे हैं कि यह एक सप्ताह तक चलेगी।

दिल्ली जल बोर्ड ठेकेदार कल्याण संघ ने अतिरिक्त मुख्य अभियंता को पत्र लिखकर कहा था कि ठेकेदार बकाए का भुगतान न किए जाने के कारण चल रहे सभी कार्यों को रोक देंगे. उन्होंने कहा, “विस्तृत विचार-विमर्श और कोई विकल्प न मिलने के बाद सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि जल रिसाव, जल संदूषण, जलापूर्ति के रखरखाव सहित अन्य कामों को 27 नवंबर से रोक दिया जाएगा। इस साल फरवरी से लंबित बकाये को लेकर 23 नवंबर को संघ की बैठक के बाद यह निर्णय लिया गया। संघ ने कहा कि बकाया राशि प्राप्त होने के बाद ही ठेकेदारों द्वारा काम शुरू किया जाएगा।

तेलंगाना में बीआरएस पर बरसे पीएम मोदी, बोले-केसीआर ने यहां के लोगों को धोखा दिया, बीजेपी करेगी सपनों को पूरा

#narendramodislamsoncongressandkcr

तेलंगाना में 30 नवंबर को विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग होनी है।इससे पहले सभी पार्टियों ने पूरा जोर लगाया है।इसी क्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी तेलंगाना दौरे पर थे। आज सोमवार को उनके तेलंगाना दौरे का तीसरा और आखिरी दिन है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को तेलंगाना के करीमनगर में एक चुनावी जनसभा को संबोधित किया। जहां उनके निशाने पर सूबे के मुख्यमंत्री केसीआर और कांग्रेस रही।

जिन्होंने लूटा है उन्हें लौटाना पड़ेगा-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने जनसभा में केसीआर पर हमला बोलते हुए कहा कि तेलंगाना में भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की नाव डूबने वाली है, उन्हें भी एहसास है कि 3 दिसंबर को उसका टिकट कट जाएगा।ये देखकर केसीआर के घर में बिखराव शुरू हो गया है, केसीआर पूरी ताकत लगा रहे हैं कि जनता का गुस्सा थोड़ा ठंडा हो जाए, दूसरी ओर केसीआर के रिश्तेदार बीआरएस को ही कोस रहे हैं। बीजेपी सरकार आने के बाद जब यहां शराब घोटाले की जांच तेज होगी तो और भगदड़ मचेगी। आपसे वादा है जिन्होंने लूटा है उन्हें लौटाना पड़ेगा।

तेलंगाना का भाजपा सीएम ओबीसी वर्ग से होगा-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि केसीआर को भाजपा की बढ़ती हुई ताकत का एहसास बहुत पहले हो गया था। इस वजह से केसीआर इस कोशिश में थे कि किसी तरह भाजपा से दोस्ती कर लें। एक बार केसीआर ने मुझसे ये विनती की थी लेकिन भाजपा तेलंगाना के लोगों की इच्छा के खिलाफ कोई काम नहीं कर सकती। तेलंगाना का अगली सीएम भाजपा से होगा। पीएम मोदी ने ये भी कहा कि भाजपा पहले ही कह चुकी है कि तेलंगाना का भाजपा सीएम ओबीसी वर्ग से होगा। 

कांग्रेस-केसीआर ने लोगों को धोखा देने का कोई मौका नहीं छोड़ा-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने केसीआर और कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि कांग्रेस और केसीआर ने लोगों को धोखा देने का कोई मौका नहीं छोड़ा। जब कोई परिवारवाद, भ्रष्टाचार और तुष्टिकरण का नाम लेता है, तो तुरंत बीआरएस और कांग्रेस जैसे दल ही दिखते हैं। कांग्रेस के विधायक कब बीआरएस में चले जाएं, इसकी कोई गारंटी नहीं है इसलिए तेलंगाना में कोई भी कांग्रेस को वोट नहीं देगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को वोट यानी फिर से केसीआर की सरकार आने की संभावना है। इनको सत्ता से बाहर करने का एक ही तरीका है, कमल का बटन दबाना और बीजेपी का सीएम बनाना।

धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकर बजाने के मामले यूपी पुलिस एक बार फिर एक्शन में, अभियान चलाकर उतरवाए लाउड स्पीकर

धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकर बजाने के मामले यूपी पुलिस एक बार फिर ऐक्शन में है। लखनऊ कानपुर समेत प्रदेशभर में स्पेशल डीजी प्रशांत कुमार के निर्देश पर सोमवार सुबह अभियान चलाकर पुलिस ने लाउडस्पीकर को उतरवाकर अपने कब्जे में ले लिया। हालांकि लाउडस्पीकर को उतरवाने के दौरान पुलिस को सहयोग मिला। शांति से कार्रवाई की गई। खबर के मुबातिक, पुलिस टीमें सोमवार सुबह पांच गश्त पर निकली। जानकारी करने के बाद पुलिस ने फिर एक्शन लिया।

लखनऊ में तकिया वाली मस्जिद, गाजीपुर क्षेत्र समेत कई इलाकों में मस्जिदों से लाउडस्पीकर उतरे गए। वहीं फैजाबाद के उत्तर थाना दक्षिण थाना रसूलपुर और थाना रामगढ़ क्षेत्र से करीब एक दर्जन लाउडस्पीकर उतरवाए गए हैं। हमीरपुर में भी सुबह पांच बजे से पहले ही एसडीएम, सीओ पुलिस फोर्स के साथ के भ्रमण पर रहे। शहर की मस्जिदों के जिम्मेदारों से मिलकर उन्हें शासन द्वारा जारी निर्देशों की जानकारी दी। हालांकि किसी भी मस्जिद में बाहर कोई लाउड स्पीकर लगा नहीं मिला है। कानपुर में गोविद नगर, नई सड़क समेत कई मस्जिदों से भोर पहर लाउडस्पीकर हटाए गए। पुलिस आयुक्त आरके स्वर्णकार के नेतृत्व में धार्मिक स्थलों/ सार्वजनिक स्थानों पर लगे अवैध लाउस्पीकर/ध्वनि विस्तारक यंत्रों को विभिन्न थानाक्षेत्र के अन्तर्गत विशेष अभियान चलाकर हटवाए गए। बांदा में भी मस्जिदों और मंदिरों से लाउडस्पीकर हटाए गए हैं। चित्रकूट के एक मस्जिद से भी हटाया गया। फर्रुखाबाद में 37 स्थान पर आवाज कम कराई गई। 9 स्थान से लाउडस्पीकर हटवाए गए। ललितपुर में तीन मस्जिदों से लाउडस्पीकर उतरवाए गए। कई मस्जिदों में वॉल्यूम कम कराया गया। कन्नौज में करीब 20 मस्जिदों में कार्रवाई की गई। तेज लाउडस्पीकरों की आवाज घटवाई गई। फतेहपुर में 14 लाउडस्पीकर हटवाए गए। 21 स्थानों पर आवाज कम कराई गई। औरैया में 19 जगह पर लाउडस्पीकर की आवाज कम कराई गई। चार स्थानों पर लाउडस्पीकर उतरवाए गए।

बहराइच जिले के नवाबगंज के प्रभारी निरीक्षक राकेश कुमार पाण्डेय के नेतृत्व में पुलिस ने कस्बे मस्जिद, नवाबगंज बाजार वाली, नवाबगंज हज्जिन मस्जिद, मिर्जापुर तिलक, भटपुरवा, सतीजोर गांव के कई स्थानों पर मस्जिदों से बिना परमिशन के लगाए गए लाउडस्पीकर हटाए गए और चेतावनी दी गई कि बिना परमीशन के लाउडस्पीकर का प्रयोग न करें। वहीं जिन स्थानों पर परमीशन है वहां के जिम्मेदारों को मानक के अनुसार तीव्रता कम करने के निर्देश दिए गए हैं। अमेठी में जिले में सोमवार की सुबह पुलिस ने धार्मिक स्थलों पर लगे लाउडस्पीकरों का निरीक्षण किया। एसपी डॉक्टर इलामारन जी के नेतृत्व में चले अभियान में 26 लाउडस्पीकर हटवाए गए। वहीं 58 लाउडस्पीकर की आवाज कम कराकर मानक के अनुरूप करवाई गई। एसपी ने बताया कि यह अभियान मंगलवार को भी जारी रहेगा।

उरई में एसपी ने मस्जिदों के पेश इमामों को मानक के अनुसार लाउडस्पीकर बजने का दिया निर्देश 

 

पुलिस अधीक्षक द्वारा थाना कोतवाली उरई व जालौन कोतवाली क्षेत्र का भ्रमण कर धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकर चेक किया गया एवं धार्मिक स्थलों के धर्मगुरुओं को मानक के अनुसार लाउडस्पीकर बजने हेतु निर्देशित किया गया तथा ड्यूटीरत पुलिस बल को विशेष सतर्कता बरतने हेतु सम्बन्धित को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये गये। पुलिस अधीक्षक डॉक्टर ईरज राजा ने उरई कोतवाली की मुख्य मस्जिद करसान रोड स्थित कब्रिस्तान मस्जिद व मोहल्ला नया रामनगर की ईदगाह वाली मस्जिद जाकर वहां के पेश इमाम को मानक के हिसाब से लाउडस्पीकर चलने और बेवजह के लाउडस्पीकर हटाने का निर्देश दिया। इसके अलावा जालौन कोतवाली क्षेत्र में भी यह अभियान चलाया गया और सभी जगह धर्म गुरुओं व पेश इमामों को डीजीपी के आदेश का पालन करने का निर्देश दिया गया।

गोंडा में धर्मस्थलों से उतारे गए 38 लाउड स्पीकर, 176 की आवाज कम कराई 

गोंडा में धर्मस्थलों पर लगे 38 लाउड स्पीकर उतारे गए। इस अभियान की निगरानी के लिए एसपी अंकित मित्तल और एएसपी शिवराज खुद मौके पर पहुंचे। एएसपी ने बताया जिले में धर्मस्थलों और सार्वजनिक स्थानों पर 1351 लाउडस्पीकर लगे है। इनमें जांच के दौरान 214 जगहों पर लाउड स्पीकर मानक के मुताबिक बजते नही मिले। पुलिस ने धर्मगुरुओं से बात करके 176 जगहों पर आवाज कम कराई। जबकि 38 स्थानों पर लगे अतिरिक्त लाउडस्पीकर धर्मगुरुओं के सहयोग से उतरवा लिए। एएसपी ने बताया कि कोई भी बिना परमीशन के लाउडस्पीकर का प्रयोग न करे। जिन स्थानों पर परमीशन है वहां पर मानक के अनुसार ध्वनि तीव्रता कम करने के निर्देश दिए गए हैं।