*मानक पूरे किए बिना दौड़ निजी एंबुलेंस,जिले में 160 निजी अस्पताल ,केवल 20 के पास अपनी एंबुलेंस*

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। जिले की संकड़ों पर तमाम एंबुलेंस बिना मानक के ही दौड़ रही है। इसमें कोई भी सुविधा नहीं है। सरकारी को छोड़ दें तो निजी एंबुलेंस भी मानकों को पूरा नहीं कर रहे हैं।

बिना मानक पूरा किए ही यह रोगियों को ले जा रही है। स्वास्थ्य विभाग ने अब तक इन पर कोई कार्रवाई नहीं की है। जिले में सरकारी एंबुलेंसों की संख्या लगभग 41 है। वहीं लगभग 60 से 70 के करीब प्राइवेट एंबुलेंसों का संचालन हो रहा है। जिले में स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर अक्सर सवाल उठते रहे हैं।

खासकर निजी चिकित्सालयों में अक्सर मानकों की अनदेखी के मामले सामने आते रहते हैं। वहीं सरकारी अस्पतालों में भी स्वास्थ्य सुविधाओं का कोई विशेष ध्यान नहीं रखा जा रहा है। हालांकि एंबुलेंसों के संचालकों पर गौर करें तो जिले में सरकारी एंबुलेंस तो दुरुस्त है, लेकिन प्राइवेट एंबुलेंसों में मानकों की अनदेखी के मामले सामने आते रहे हैं। हालांकि कुछ सरकारी एंबुलेंस भी मानकों की पूरा नहीं करती, लेकर अधिकतर एंबुलेंसों में पर्याप्त सुविधाएं हैं।

सीएमओ कार्यालय में तकरीबन 160 निजी अस्पतालों का पंजीकरण है। मजे की बात यह कि 20 बड़े अस्पताल को छोड़कर 140 अस्पताल के संचालकों के पास खुद का एंबुलेंस भी नहीं है। ऐसे अस्पताल संचालक जब मरीज की जान पर बनती है तो भाड़े के एंबुलेंस के लिए फोन करते हैं। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार जिले में कितनी निजी एंबुलेंस दौड़ रही है, इसका वास्तविक आंकड़ा नहीं है।

एंबुलेंस का कोई किराया निर्धारित नहीं है। निजी एंबुलेंस संचालन मरीज व परिजनों की स्थिति को भांपते हुए किराया निर्धारित करते हैं।

*दमा के मरीज बढ़ रही ठंड में बरते सावधानी*

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। सर्द हवा संग बढ़ रही ठंड दमा रोगियों के लिए घातक साबित हो रहा है। बढ़ती ठंड के बीच दमा रोगियों को खास सावधानी बरतने की जरूरत है।

ठंड की शुरुआत होने के साथ ही अस्पताल में मरीजों की तादाद में इजाफा हो गया है। सांस लेने वाली नलिकाएं फेफड़ों से हवा को अंदर - बाहर करती है। ठंड में वृद्धि होते ही गर्म कपड़ा की दुकानों पर ग्राहकों की बढ़ने लगी है।‌

महाराजा चेतसिंह जिला चिकित्सालय डॉ प्रदीप कुमार ने बताया कि दमा होने पर नालिकाओं की भीतरी दीवार में सूजन होती है। सूजन नालिकाओं को बेहद संवेदनशील बना देती है।

कार्तिक पूर्णिमा पर लाखों श्रद्धालुओं ने लगाई गंगा में डुबकी


नितेश श्रीवास्तव

भदोही। पूर्णिमा कई प्रकार के होते हैं लेकिन उसमें भी कार्तिक पूर्णिमा का विशेष महत्व माना गया है. इस पूर्णिमा को लोग व्रत भी करते हैं और इस दिन स्नान का विशेष महत्व माना गया है. कई सारे लोग तो कार्तिक महीने में पूरे माह सूर्योदय कल में ही जो अरुणोदय कल होता है।

उस वक्त ही स्नान आदि करते हैं. लेकिन पूर्णिमा के दिन जिसे कार्तिक पूर्णिमा भी कहते हैं. इस दिन खासकर विशेष तौर पर स्नान का महत्व है. जितने भी महत्वपूर्ण नदियां होती है गंगा, जमुना, कावेरी, सरस्वती, कमल, जीवछ तमाम नदियों में इस दिन श्रद्धालु अपने श्रद्धा की डुबकी लगाते है।कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा में डुबकी लगाने के लिए आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। सोमवार को गंगा घाट की ओर जाने वाले हर मार्ग पर नर-नारियो का समूह दिखाई पड़ रहा था।

घाट पर सुरक्षा व्यवस्था के लिए जल पुलिस के साथ मौजूद अधिकारी सतर्कता पूर्वक निगरानी मे लगे रहे।कार्तिक में पूरे माह तक चले स्नान दान के साथ जनपद के सबसे बडे़ स्नान पर्व कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा मे डुबकी लगाने के लिए वैसे तो रविवार को शाम से ही दूरदराज के लोगो का पहुंचने का सिलसिला शुरु हो गया था।

सोमवार को भोर से ही पूण्य की डुबकी लगाने के लिए निकली आस्थावानो की भीड़ बढती गयी। समय की गति के साथ बढी भीड़ से गंगा घाट की ओर जाने वाला हर मार्ग भर गया। भीड़ का दबाव देखते हुए राजमार्ग बडा चौराहा पर लगे बैरिकेडिग को अंततह खोलना पड़ गया। शाम तक चले स्नान दान में लाखो की संख्या मे लोगों ने डुबकी लगाकर पुण्य लाभ अर्जित किया।

कार्तिक मास की पूर्णिमा पर गंगा स्नान फलदायी माना जाता है। कई श्रद्धालु कातिक महीने भर गंगा स्नान के अनुष्ठान का इस दिन डुबकी लगाकर समापन करते हैं। छोटे-बड़े सभी घाटों पर श्रद्धालुओं का रेला लगा रहा। सुरक्षा के लिए घाटों पर जल पुलिस तैनात की गई थी। स्नान के चलते गोपीगंज नगर से लेकर रामपुर घाट तक मेले जैसा नजारा दिखा।

जिलाधिकारी ने कार्तिक पूर्णिमा के दृष्टिगत रामपुर घाट पहुॅचकर,बैठक कर घाटों पर की जा रही व्यवस्थ्याओं का किया निरीक्षण

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। कार्तिक पूर्णिमा पर्व के दृष्टिगत जिलाधिकारी गौरांग राठी ने प्रशासनिक टीम के साथ रामपुर घाट पर पहुॅचकर,बैठक कर व्यवस्थाओ का निरीक्षण किया। इस दौरान जिलाधिकारी ने नगर पालिका एवं जिला पंचायत के अधिकारियों को निर्देशित करते हुये कहा कि व्रती महिलाए/पुरुषों द्वारा गंगा के विभिन्न घाटों पर स्नान कर पूजन अर्चन किया जाता है।जिसके दृष्टिगत सभी घाटों पर अधिकारियों को मुस्तैदी से ड्यूटी लगाकर सुरक्षा व्यवस्था व अन्य इंतजाम सुनिश्चित किया जाए।

जिलाधिकारी ने महिलाओं को कपड़ा बदलने के लिए चेंजिंग रूम, घाट को कीचड़/स्लिप मुक्त बनाने के लिए पुआल बिछावन,विद्युत व्यवस्था, पीने हेतु स्वच्छ पेयजल, फॉगिंग ,पुलिस वैरीकेटिंग व अन्य आधारभूत व्यवस्थाओं हेतु संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया।

बैठक व निरीक्षण में मुख्य विकास अधिकारी यशवंत कुमार सिंह, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ.संतोष कुमार चक, उप जिलाधिकारी ज्ञानपुर भान सिंह, पुलिस क्षेत्राधिकारी ज्ञानपुर प्रभात राय,थाना अध्यक्ष गोपीगंज सहित अन्य संबंधित अधिकारीगण उपस्थित रहे।

अब डेंगू मलेरिया की दिन - रात जांच

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। जिला अस्पताल में अब 24 घंटे डेंगू, मलेरिया समेत तमाम जांच की सुविधा उपलब्ध हो जाएगी। अस्पताल की इमरजेंसी में लैब कर्मचारियों की तैनाती व किट की व्यवस्था की जाएगी। लैब का समय बढ़ाया जाएगा।

इमरजेंसी में 24 घंटे ब्लड जांच की व्यवस्था होने पर देर से आने वाले मरीजों को निजी चिकित्सालयों में नहीं जाना पड़ेगा। महाराजा चेतसिंह जिला चिकित्सालय में हर दिन 800 से 900 लोगों की ओपीडी में पहुंचते हैं। पहले दर से आने वाले मरीजों की जांच नहीं हो पाती थी।

अब जिला चिकित्सालय में 24 घंटे डेंगू - मलेरिया की जांच सुलभ हो सकेगी। ओपीडी दो बजे चलती है लेकिन लैब की पर्ची 11 बजे तक ही काटी जाती है। इससे 11 बजे के बाद अस्पताल में पहुंचने वाले मरीजों की ब्लड जांच सुलभ नहीं हो पाती थी। लैब बंद होने के बाद मरीजों को मजबूरी में निजी अस्पताल में जांच कराना पड़ता है।

अब यह व्यवस्था अस्पताल की इमरजेंसी में भी होगी। दिसंबर माह से 24 घंटे जांच की सुविधा शुरू करने की तैयारी है। सामान्य लैब की पर्ची काटने का समय भी 11 की बजाय 12 किया जाएगा। सीएम‌एम डॉ राजेंद्र कुमार ने बताया कि ब्लड जांच करने की प्रक्रिया चल रही है। जिसे लेकर व्यवस्थाएं सृदृढ़ की जा रही है। इसी तरह लैब में ब्लड कलेस्ट करने लिए एक घंटे समय और बड़ा दिया गया है।

पांच दिनों में गिरा 5 डिग्री पारा अलाव पर जमने लगी चौपाल,पश्चिम विक्षोभ का असर, बारिश की संभावना

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। पांच दिनों पांच डिग्री सेल्सियस पारा गिरने से अचानक ठंड बढ़ गई है। लोगों ने गर्म कपड़े निकाल लिए हैं। गांवों में अलाव जलनें लगे हैं और वहां पर चौपाल लगने लगी है, जिन पर दुनिया जहान की चर्चा होने लगी है। मौसम विभाग ने बारिश की भी संभावना जताई है। पांच दिनों से अचानक मौसम का मिजाज बदला है। चार से पांच दिन पहले सुबह और शाम गुलाबी ठंड पड़ रही थी। मगर उसमें इजाफा हुआ है। लोग ठंड से बचने के लिए अलाव का सहारा लेना शुरू कर दिए हैं। मौसम विभाग के अनुसार पश्चिमी विक्षोभ के चलते हवाओं की दिशा में परिवर्तन हुआ है। इसके चलते आने वाले दिनों में उत्तर भारत में बारिश हो सकती हैं।

बारिश के बाद और गिरेगा तापमान

पांच दिनों में पांच डिग्री सेल्सियस पारा गिरने से अचानक ठंड बढ़ गई है। मौसम विभाग ने बताया कि पश्चिमोत्तर में पिछले दिनों बारिश हुई। इससे हवा की दिशा बदली थी। इसका असर भी देखा गया। तापमान में गिरावट आई पश्चिमी विक्षोभ के कारण एक दो दिन में उत्तर भारत में हल्की बारिश होने की उम्मीद है। 26-28 नवंबर के बीच बादल छाए रहेंगे। इससे दो से तीन डिग्री तापमान और गिरेगा।

केएनपीजी में चार से कौशल विकास परीक्षा

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। काशी नरेश राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में स्नातक द्वितीय व चतुर्थ सेमेस्टर की कौशल विकास पाठ्यक्रम की परीक्षा चार दिसंबर से शुरू होगी। कौशल विकास की परीक्षा चार - पांच व छह दिसंबर को सुबह 11 से एक बजे तक होगी। काशी प्रशासन स्तर से परीक्षा की तैयारी तीव्र वेग से चल रही है। महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर डॉक्टर रमेश चंद्र यादव ने ये जानकारी दी।

दोनों लेन पर आवागमन बंद जाम

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। नगर स्थित जीटी रोड पर बने फ्लाईओवर के संस्पेंशन में आई खराबी को दूर किया जा रहा है। इसके लिए कार्यदाई संस्था की ओर से दक्षिण लेन के साथ ही एक बार फिर उत्तरी लेन पर आवागमन को बंद कर दिया गया। इसके कारण नगर में जाम के झाम स्थिति बनी रही।

बता दें कि फ्लाईओवर के पिलर पर लगे संस्पेंशन में तकनीकी गड़बड़ी के कारण आधा दर्जन से अधिक पिलरों से वाहनों के आवागमन करते समय धमाके जैसी आवाज आती है। मामले से नगर के लोगों व दुकानदारों ने डीएम को अवगत कराया था। उनके आदेश के बाद एन‌एनच‌एआई के अफसरों की तंद्रा टूटी। करीब एक पखवारे से खामी को दुरुस्त करने का काम किया जा रहा है। काम के लिए फ्लाईओवर पर आवागमन पूरी तरह से बंद कर दिया गया है।

कार्तिक पूर्णिमा पर सवा लाख दीपकों से जगमग होगा ज्ञानसरोवर

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही- कार्तिक पूर्णिमा पर पूरे जिले के प्रमुख गंगा घाटों के अलावा सरोवरों पर देव दीपावली का आयोजन किया जाएगा। देव दीपावली को लेकर आयोजन समितियों की ओर से तैयारियां भी शुरू कर दी गई है। सिद्धपीठ हरिहरनाथ मंदिर के ज्ञानसरोवर सवा लाख और पावन पर्यटन स्थल सीतामढ़ी गंगा घाट 21 हजार दीयों से जगमग होगा। वहीं गंगा आरती की जाएगी और आतिशबाजी भी होगी।

देव दीपावली का आयोजन 27 नवंबर को प्रमुख धार्मिक स्थलों पर किया जाएगा। मंदिरों, सरोवर, तालाब और नदियों के घाटों को सजाया जाएगा। घाटों पर देव दीपावली को यादगार बनाने के लिए तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। सीतामढ़ी में उत्सव के संबंध में महर्षि बाल्मीकि आश्रम परिसर में बैठक हुई, जिसमें कार्यक्रम की भव्यता पर विचार किया गया। आयोजन समिति अध्यक्ष बसंत लाल गौड़ और प्रधान प्रतिनिधि धर्मेंद्र सिंह ने बताया कि गंगा तट और आसपास 21 हजार दीपक जलाए जाएंगे। गंगा मैया की भव्य आरती का भी आयोजन होगा। मुख्य अतिथि राहुल दुबे होंगे।

ज्ञानसरोवर पर आयोजित देव दीपावली उत्सव में सवा लाख दिए जलाए जाएंगे। जहां अद्भुत आतिशबाजी और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित होंगे। आयोजन के मुख्यअतिथि विधायक विपुल दुबे और जिलाध्यक्ष दीपक मिश्रा होंगे। इस दौरान ज्ञानपुर में चेयरमैन डॉ. घनश्याम दास गुप्ता, अशोक जायसवाल, रमेश पासी, रंजीत गुप्ता, सोहित रावत, शशिभूषण रावत और सीतामढ़ी में बसंत लाल गौड़, महेश्वर शास्त्री, धर्मेंद्र सिंह, संजय सिंह चौहान, दुर्गेश तिवारी, सरकार बहादुर शुक्ला सहित अन्य रहे।

बढ़ी ठंड, अस्पताल में मरीजों की लगी भीड़,सर्द मौसम से बचाव के लिए डॉक्टरों ने दी सलाह

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही- सर्दी का मौसम स्वास्थ्य के लिए अतिउत्तम माना जाता है। लेकिन बुजुर्गों, रोगियों,व चोट लगे मरीजों के लिए जाड़ा विलेन साबित हो रहा है। बदन,पीठ, एंढ़ी मांसपेशियों, कूल्हे समेत अन्य रोगों से पीड़ितों की संख्या अस्पतालों में काफी तादाद में देखी जा रही है। अस्पताल में भी मरीजों की भीड़ लग रही है। ‌डॉक्टर सर्द मौसम से बचाव के लिए पीड़ितों को सलाह दे रहे हैं। आलम यह है कि असहनीय दर्द के कारण कुछ लोगों की आंखों से रातों में नींद गायब हैं।

चिकित्सकों के अनुसार समय पर उपचार, बचाव, संतुलित,खान - पान, अभ्यास व योगासन के जरिए आराम पाया जा सकता है। बता दें कि भागदौड़ भरी जिंदगी, अनियमित खान-पान, अधिक समय तक कुर्सी पर बैठने की आदत देर रात जगाने का काम करना, सड़क हादसों व अन्य कारणों से शरीर में लगी चोटें मौसम परिवर्तन के बाद काफी कष्टकारी साबित होने लगती है। अधिक ठंड पड़ने पर ऑक्सीजन मानव को कम मिलता है। साथ ही नसों में खिंचाव आना, जोड़ों का दर्द उठना,खून की दौड़ भी शरीर में कमजोर पड़ने लगती है। इसके चलते पुराने दर्द अपना प्रभाव दिखाना शुरू कर देते हैं। समय पर सही उपचार न मिलने पर दिन में चैन व रातों की नींद गायब हो जाती है।

चिकित्सकों ने बताया कि उक्त बीमारियों का कारण अधिक भागदौड़,खाने व सोने का सही समय न होना, चोटों की अनदेखी करना, नसों के मामलों में लापरवाही बरतना आदि है। रोगों का लक्षण प्रतीत होने पर चिकित्सकों को दिखाने के साथ ही उनके बचाएं उपायों पर गंभीरता से पहल कर ही निजात पाई जा सकती है।