एशिया का सबसे बड़ा विश्व प्रसिद्ध सोनपुर मेला 2023 का आगाज : जानिए मेले से जुड़ी कुछ रोचक बातें
यहां सूई से लेकर हाथी तक की खरीदारी कर सकते हैं आप
बिहार की राजधानी पटना से 25 किलोमीटर और वैशाली के हाजीपुर शहर से 3 किलोमीटर दूर है। हर साल कार्तिक पूर्णिमा में लगने वाला यह मेला एशिया का सबसे बड़ा पशु मेला है। यह मेला भले ही पशु मेला के नाम से विख्यात है, लेकिन इस मेले की खासियत यह है कि यहां सूई से लेकर हाथी तक की खरीदारी आप कर सकते हैं। 32 दिनो तक चलने वाले इस मेले का उदघाटन बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने किया। हालाकि कार्तिक पूर्णिमा का स्नान 27 नवंबर को होगा।
5-6 किलोमीटर के वृहद क्षेत्रफल में फैला यह मेला हरिहरक्षेत्र मेला और छत्तर मेला के नाम से भी जाना जाता है।सोनपुर मेला पवित्र गंगा और गंडक नदी के संगम स्थल पर आयोजित कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु नदी में डुबकी लगाने भी आते हैं। यहां हरिहरनाथ नामक मंदिर है जहां भगवान हरिहरनाथ यानी विष्णु और शिव की एक साथ पूजा से शुरू किया जाता है। चूँकि यह पूरे एशिया का सबसे बड़ा पशु मेला है इसलिए यह कई लोगों को आकर्षित करता है। इस मेले का मुख्य उद्देश्य जानवरों का व्यापार करना है।
संबोधन,, तेजस्वी यादव उपमुख्यमंत्री बिहार
हर साल कार्तिक पूर्णिमा के स्नान से शुरू होने वाले मेले से तमाम आयोजन होते हैं।यहां लोक-संस्कृति से जुड़े कार्यक्रम, मैजिक शो और लाइव म्यूजिक इवेंट भी आयोजित होता है। सोनपुर मेले के प्रति विदेशी पर्यटकों में भी खास आकर्षण देखा जाता है। मेले के दौरान लगने वाले स्टॉल्स में देश के अलग-अलग हिस्सों और राज्यों से आए लोग हैंडीक्राफ्ट्स, जूलरी, पेंटिग्स जैसी चीजों का प्रदर्शन करते हैं। इस मेले में थियेटर का भी अपना अलग आकर्षण है।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस स्थल पर भगवान के दो भक्त हाथी और मगरमच्छ का युद्ध है। कोणाहारा घाट पर जब गज पानी पीने आया तो उसे मगरमच्छ ने अपने मुंह में जकड़ लिया और दोनों में युद्ध कई दिनों तक चला। जब हाथी कमजोर पड़ने लगा तो उसने भगवान विष्णु की प्रार्थना की। भगवान विष्णु ने कार्तिक पूर्णिमा के दिन आकर अपना सुदर्शन चक्र चलाकर दोनों के युद्ध को समाप्त कराया। इस स्थान पर दो जानवरों का युद्ध हुआ था, इस कारण यहां पशु की खरीदारी को शुभ माना जाता है। 1857 की लड़ाई के लिए बाबू वीर कुंवर सिंह ने भी यहीं से अरबी घोड़े, हाथी और हथियारों का संग्रह किया था।इस मेले में कभी अफगान, इरान, इराक जैसे देशों के लोग पशुओं की खरीदारी करने आया करते थे।
Nov 26 2023, 17:58