रैन बसेरे में पसरी जिम्मेदारों की उदासीनता,स्थायी रैन बसेरे में 30 बेड हो गए है कबाड़,बाहर की लाइट खराब, खिड़कियों के टूटे कांच
नितेश श्रीवास्तव
भदोही। जिले में धीरे-धीरे ठंड बढ़ रही है। मुख्यालय स्थित स्थायी रैन बसेरे में जिम्मेदारों की उदासीनता पसरी हुई है। 50 बेड वाले रैन बसेरे में 30 बेड कबाड़ हो चुके हैं। महज 20 बेड पर ही बिछौना है। जिले में सर्दी बढ़ने पर बेघर और प्रवासी लोगों को असुविधा होना तय है।
जिला मुख्यालय के आस-पास होटल लॉज नहीं है। ठंड के दिनों में बेघरों के अलावा जिले में आने वाले प्रवासी भी रैन बसेरे में ठहरते हैं।कालीन नगरी में बीते एक सप्ताह से ठंडी का असर कुछ हद तक बढ़ा है। पहाड़ी राज्यों में बर्फबारी के कारण पूर्वांचल में लोग सुबह-शाम ठंडी महसूस कर रहे हैं। दूसरी तरफ जिले की रैन बसेरों में जिम्मेदारों की उदासीनता पसरी हुई है। ज्ञानपुर में जीआईसी के समीप स्थित स्थायी रैन बसेरा खस्ताहाल है।
यहां 50 बेड है, लेकिन इसमें से 20 बेड मौजूद है। इनमें 15 बेड पुरूष और 5 बेड महिलाओं के लिए आरक्षित है। वहीं रैन बसेरे में 30 बेड टूटकर कबाड़ हो गए हैं। मौजूद 20बेड की हालत की खस्ता है। वह कब टूटकर गिर जाए। इसका कोई भरोसा नहीं। दूसरी तरफ रैन बसेरे के बाहर लगी लाइट और उसकी खिड़की के कांच भी टूट चुके हैं। इससे ठंड बढ़ने पर यहां ठहरने वाले लोगों को ठंडी हवाएं सताएगी।
Nov 24 2023, 17:07