जरूरतमंद बच्चों का भविष्य संवारने को योगी सरकार की विशेष पहल
गोरखपुर। किन्हीं परिस्थितियों के चलते निराश्रित या आर्थिक रूप से कमजोर एकल अभिभावक वाले बच्चों को भी सामान्य बच्चों जैसा भविष्य संवारने का उचित अवसर देना योगी सरकार की प्राथमिकता में शामिल है। इसी प्राथमिकता के मद्देनजर प्रदेश के सभी जिलों में जरूरतमंद बच्चों को 'स्पॉन्सरशिप योजना' के तहत कवर किया जा रहा है।
गोरखपुर में 225 जरूरतमंद बच्चों को इस योजना का लक्ष्य दिया जाना निर्धारित किया गया है। इसमें बच्चों के पालन-पोषण और उनकी बेहतर शिक्षा के लिए प्रति माह चार हजार रुपये दिए जाएंगे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की बच्चों के प्रति संवेदनशीलता जग जाहिर है। कोरोना के अभूतपूर्व संकटकाल में उन्होंने कोरोना संक्रमण के चलते माता-पिता को खोने वाले बच्चों के लिए मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना शुरू की।
इस योजना में लाभार्थी बच्चे को प्रतिमाह चार हजार रुपये दिए जाते हैं ताकि उनका पालन-पोषण और पढ़ाई बाधित न हो। इसके साथ ही गैर कोरोना संक्रमण से निराश्रित हुए बच्चों को दो हजार पांच सौ रुपये प्रतिमाह दिए जाते हैं। गोरखपुर में मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना (कोविड) से 564 और मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना (सामान्य) से 284 बच्चे लाभान्वित हो रहे हैं।
अब सरकार उन जरूरतमंद बच्चों को स्पॉन्सरशिप योजना से भरपूर आर्थिक सहायता देने की ओर कदम बढ़ा चुकी है जो अब तक किसी तरह की योजना के दायरे में नहीं आ सके हैं।
स्पॉन्सरशिप योजना महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से संचालित है। इसमें चयनित लाभार्थियों की पढ़ाई तथा पालन-पोषण के लिए हर महीने चार हजार रुपये की आर्थिक सहायता मिलेगी। जिला प्रोबेशन अधिकारी समर बहादुर सरोज बताते हैं कि गोरखपुर जिले में दिसंबर माह तक 225 जरूरतमंद बच्चों को इस योजना का लाभ दिलाया जाना लक्षित है।
उनका कहना है कि लक्ष्य से अधिक आवेदन आने पर भी सभी जरूरतमंद बच्चों को इस योजना के दायरे में लाने का प्रयास होगा।
योजना के लिए ये होंगे पात्र
डीपीओ के अनुसार योजना के लिए एक से अठारह साल तक के वे बच्चे पात्र होंगे जिनके पिता की मृत्यु हो गई हो, मां तलाकशुदा हैं या परिवार द्वारा परित्यक्त हैं। माता-पिता या उनमें से कोई गंभीर, जानलेवा रोग से ग्रसित है। बेघर, अनाथ या या विस्तारित परिवार के साथ रहने वाले बच्चे भी पात्र होंगे।
इसके अलावा कानून से संघर्षरत मसलन बाल तस्करी, बाल विवाह, बाल वैश्यावृत्ति, बाल श्रम, बाल भिक्षावृत्ति में शामिल बच्चे, किसी प्राकृतिक आपदा के शिकार, दिव्यांग, लापता या घर से भागे हुए, ऐसे बच्चे जिनके माता-पिता या उनमें से कोई एक जेल में हैं, एचआइवी या एड्स प्रभावित, ऐसे बच्चे जिनके माता-पिता आर्थिक, शारीरिक या मानसिक रूप से देखभाल के लिए असमर्थ हैं।
सहायता और पुनर्वास की आवश्यकता वाले बच्चे, फुटपाथ पर जीवनयापन करने वाले, प्रताड़ित, उत्पीड़ित या शोषित बच्चे भी पात्रता की श्रेणी में होंगे।
माता-पिता दोनों की मृत्यु पर आय सीमा की बाध्यता नहीं
पात्र आवेदक की पारिवारिक आय को लेकर डीपीओ ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में परिवार की अधिकतम आय 72 हजार रुपये वार्षिक तथा अन्य क्षेत्रों में अधिकतम आय 96 हजार रुपये वार्षिक होनी चाहिए। पुनर्वास स्पांसरशिप तथा माता-पिता दोनों अथवा वैध संरक्षक की मृत्यु होने पर परिवार की अधिकतम आय सीमा की जरूरत नहीं है।
आवेदन के लिए आधार कार्ड, आय प्रमाण पत्र, आयु प्रमाण पत्र, अभिभावक का मृत्यु प्रमाण पत्र, शिक्षण संस्थान में पंजीयन के प्रमाण पत्र की जरूरत होगी।
आसपास के जरूरतमंद बच्चों को दिलाएं योजना का लाभ
योजना के लिए बच्चों की आर्थिक मदद के लिए जिला प्रोबेशन अधिकारी कार्यालय में आवेदन किया या कराया जा सकता है। जिला प्रोबेशन अधिकारी समर बहादुर का कहना है कि सरकार की यह योजना जरुरतमंद बच्चों का भविष्य उज्ज्वल करेगी। सभी नागरिक अपने आसपास के जरूरतमंद बच्चों की मदद के लिए उनके अभिभावकों या संरक्षकों को योजना की जानकारी देकर, आवेदन के लिए प्रेरित कर सकते हैं।
नागरिकों की यह पहल किसी जरूरतमंद बच्चे का भविष्य संवार सकती है।
Nov 23 2023, 13:27