सभी कष्टों से मुक्ति दिलाती है श्रीमद्भागवत कथा-बालक दास
खजनी गोरखपुर।बच्चे के जन्म लेते ही दुनिया के संबंधों से उसका परिचय कराया जाता है। बड़े होने पर अपनी देंह और रूप का अभिमान फिर पैसे कमाने यश समृद्धि बढ़ाने की चिंता, वृद्ध होने पर परिवार मोह माया का जंजाल, दुनियां में जीवन भर जीव को ईश्वर से दूर रखने के बहुतेरे उपाय है। किंतु अंत में जब शरीर से राम निकल जाते हैं तब उसे याद दिलाया जाता है कि 'राम नाम सत्य है।'
जबकि इस संसार में सिर्फ राम नाम अर्थात ईश्वर ही सत्य है इसका एहसास हमें हमेशा बनाए रखना चाहिए।उक्त विचार खजनी कस्बे के निकट बरीबंदुआरी गांव के काली मंदिर परिसर में श्रीमद्भागवत कथा महापुराण के दूसरे दिन व्यास पीठ से संत बालक दास ने जी ने श्रद्धालु श्रोताओं के समक्ष व्यक्त किए।
इस दौरान उन्होंने द्वापर युग में भगवान श्री कृष्ण के इस संसार को छोड़कर स्वधाम जाने और एक बहेलिए के द्वारा भगवान श्रीकृष्ण के श्री चरणों में तीर मारने की कथा का विस्तार पूर्वक वर्णन किया। उन्होंने बताया कि इस संसार में नेक और पुण्य कर्मों से ही मनुष्यता की पहचान होती है। हमारे सत्कर्म ही लोगों को युगों-युगों तक याद रहते हैं।
अतः लोकहित के पावन पुनीत कार्यों को करने का कोई भी अवसर हमें नहीं चूकना चाहिए। कथा में मुख्य यजमान रामप्रताप राम तिवारी, कैलाश तिवारी,राम समुझ तिवारी, संतोष तिवारी ,वशिष्ठ तिवारी, अर्पित,अभिषेक,राममणि समेत दर्जनों महिलाएं और श्रद्धालु श्रोता मौजूद रहे।
Nov 22 2023, 16:52