अपने साथ हुई भयावह घटना से सदमे में है, दुष्कर्म पीड़िता छात्रा
खजनी गोरखपुर।छठ पूजा के दिन देर शाम बांसगांव थाना क्षेत्र के बदरां गांव में हाईस्कूल की छात्रा के साथ हुई गैंगरेप की घटना से पीड़ित छात्रा की हालत में सुधार नहीं हो रहा है।
हादसे को याद करते हुए सदमे में पड़ी छात्र रहरह कर चीख उठती है। रोने लगती है कहीं आत्महत्या न करे यह सोच कर परिवारिजन लगातार उसके समीप बने हुए हैं।
हादसे के बाद अत्यधिक रक्तस्राव के कारण बेहोश हो जा रही गैंगरेप पीड़िता छात्रा को गंभीर हालत में जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया था। अस्पताल में मीडिया वालों के हस्तक्षेप और पीड़िता को मानसिक पीड़ा से बचाने के लिए उसके स्वास्थ्य में सुधार होता देख कर उसे दवाएं और चिकित्सकीय परामर्श देकर घर भेज दिया गया था। बता दें कि हाईस्कूल में पढ़ने वाली किशोरी छात्रा के साथ गांव के ही सगे चचेरे भाइयों ने उसे एक सुनसान खाली पड़े मकान में ले जाकर जबरन सामूहिक दुष्कर्म किया था।
छात्रा चीखती चिल्लाती रही और अपने बचाव में छटपटाती हुई हवस के दरिंदों से छोड़ने के लिए हांथ जोड़ कर गुहार लगाती रही। इस बीच अपनी बहन को तलाश करता हुआ उसका छोटा नाबालिग भाई भी घटना स्थल पर पहुंच गया था। जिसे मारपीट कर दोनों दरिंदे घटना स्थल से फरार हो गए थे। गांव में चीख पुकार मची तो कुछ लोग लोकलाज और रेप पीड़िता बिटिया की शादी में आने वाली समस्याओं का हवाला देते हुए उसे मुआवजा दिलाने और घटना को दबाने में जुट गए।
इस बीच जब दर्द से कराहती छात्रा बेहोश हो गई तो उसकी चाची ने आगे बढ़कर पुलिस को सूचना देने और इलाज के लिए निकट स्थित हरनहीं सीएचसी पर ले जाने की सलाह दी थी। घटना की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचे बांसगांव के क्षेत्राधिकारी, थानाध्यक्ष और हरनहीं के चौकी इंचार्ज ने पीड़िता को उपचार के लिए भेजा जहां से उसे जिले पर रेफर कर दिया गया था।
मामले में बांसगांव पुलिस ने सूझबूझ का परिचय देते हुए पूरी तत्परता दिखाई और संगीन धाराओं में केस दर्ज कर दोनों अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया।मिली जानकारी के अनुसार पीड़िता छात्रा के सर से पिता का साया पहले ही उठ चुका था। वक्त से पहले छात्रा ने विधवा मां की परेशानियों को देखते हुए अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी पहचान लिया था।
घर और बाहर मां के काम में हांथ बंटाना और छोटे भाई की जरूरतों का ध्यान रखने के साथ ही अपनी हाईस्कूल की पढ़ाई के लिए वक्त निकालना। समय से पहले ही छात्रा ने जीवन की कठिनाईयों से लड़ने का हौसला बढ़ा लिया था। जवानी की दहलीज पर पहुंचते ही उसने अपने कर्तव्यों का एहसास कर लिया था।
गांव के लोग भी छात्रा के स्वभाव और उसकी मेहनत लगन की तारीफ करते हैं। मेहनत मजदूरी करके विधवा मां अपनी होनहार बिटिया और बेटे की परवरिश कर रही थी।गरीबी के बावजूद उन्हें अपने परिवार के सम्मान और स्वाभिमान की चिंता हमेशा लगी रहती थी।
घर आने के बाद छात्रा की तबीयत आज एक बार फिर बिगड़ने लगी। पीड़िता ने जिला अस्पताल में अपने बयान में बताया था कि दीपक और उपेंद्र ने उसकी जिंदगी बर्बाद कर दी है। दरिंदों के चंगुल से मुक्त होने के लिए छात्रा परकटे पंक्षी की तरह छटपटाती रही लेकिन हवस के अंधे दोनों दरिंदों ने उसे कसकर दबोच रखा था।
छात्रा अब तक सदमे से उबर नहीं पाई है परिवारीजन उसे दिलासा देने में लगे हुए हैं। बिलखती मां अस्पताल में बिटिया को दिलाशा देती नजर आई, किंतु अपनी लाड़ली से कुछ दूर हटते ही फफक-फफक कर रो पड़ी पीड़िता की मां की जुबान पर ताला लगा हुआ है। उसे अपने बच्चों के भविष्य और उनकी परवरिश की चिंताएं भी सता रही हैं।
Nov 22 2023, 16:52