Raibareli

Nov 18 2023, 20:35

घर में घुसकर युवती से दुष्कर्म, पिता ने गांव के ही युवक पर लगाया आरोप

रायबरेली- शिवगढ़ थाना क्षेत्र के एक गांव में एक युवती के साथ दुष्कर्म किए जाने का मामला प्रकाश में आया है।नाराज पीड़िता के परिजनों ने शनिवार को थाने मे जमकर हंगामा काटा और पुलिस पर गंभीर आरोप लगाये। पीड़िता के पिता ने थाने में प्रार्थना पत्र देकर कहा है कि शुक्रवार को जब वह धान पीटने गया था घर पर उसकी बेटी अकेली थी उसी बीच गांव का ही एक युवक उसके घर में घुस आया और उसकी बेटी की अस्मत लूट ली। चद्दर लेने जब मैं घर पहुंचा तो सारा नज़ारा खुद देखा। विरोध पर आरोपी से उसकी कहासुनी होने लगी। इसी बीच मौका पाकर आरोपी भाग गया। 

पीड़ित ने सूचना थाने को दी किंतु आरोप है कि पुलिस आरोपी को पकड़ने के बजाय उल्टे उसे ही धमकाने लगी और पीड़िता व उसके परिजनों को पैसा लेकर सुलह करने के लिए सुझाव भी दे डाला। आक्रोशित परिजनों ने थाने पर हंगामा काट दिया किंतु शनिवार देर शाम तक मुकदमा दर्ज नहीं हुआ था। पीड़ित को आशंका है कि कहीं मुकदमे की सिर्फ खानापूर्ति न कर दी जाए। 

थानाध्यक्ष अरविंद सिंह ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है। जिले पर मीटिंग में हूं थाने पर पहुंचने के बाद ही घटना के विषय में जानकारी दे पाऊंगा। कहा प्रथम दृष्टया मामला प्रेम प्रसंग का लग रहा है। किसी प्रकार का कोई घेराव नहीं हुआ है।पीड़िता का मुकदमा लिखा जाएगा।

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Nov 17 2023, 17:39

उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए अखिल श्रीवास्तव का हुआ सम्मान

रायबरेली।अद्वितीय चित्रांश महासभा ने कलम पूजन का आयोजन स्थानीय चित्रगुप्त मन्दिर निकट कैपिटल उत्सव लान में किया।कई वर्षों से यह कार्यक्रम चला आ रहा है जिसमें बड़े-बड़े पदों उदीयमान रहे कायस्थ समुदाय के लोगो को सम्मान मिलता है।उन्ही में एक चेहरा पत्रकार अखिल श्रीवास्तव का रहा है आपको बता दे कि अखिल वर्तमान में शमशेर सिंह के नए हिंदी नेशनल चैनेल इंडिया डेली लाइव के लिए जिला संवाददाता की कमान संभाल रहे है।

कम उम्र में अपनी अलग पहचान बनाने वाले अखिल लगभग सात सालों से जिले में पत्रकारिता की अलख जगाए हुए है और वही अलग अलग मंचो पर सम्मान के हकदार भी रहे है और मंचासीन भी हुए है कम उम्र में इस ओहदे की जिम्मेदारी का निर्वहन करने में ना कभी पीछे हटे ना ही छवि दाव पर लगाये शायद यही कारण है कि अखिल को अलग अलग नज़रिए से लोग देखते है ।

इस कार्यक्रम में भाजपा से सदर विधायक अदिति सिंह सहित कई बड़े चेहरे सम्मानित हुए।इस मौके पर सदर विधायक अदिति सिंह और अरविंद श्रीवास्तव व कमल श्रीवास्तव,मोहित श्रीवास्तव, पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष पूर्णिमा श्रीवास्तव उनके पति मुकेश श्रीवास्तव, सहित कायस्थ समुदाय से जुड़े लोग हज़ारों की संख्या में मौजूद रहे।

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Nov 16 2023, 21:19

आज छठ पूजा नहाय खाय से होगी शुरु

रायबरेली।इस साल चार दिवसीय छठ पूजा आज से शुरू होगी। इस दिन भक्त स्नान, ध्यान करते हैं और सूर्य की पूजा करते हैं। साथ ही सूर्य देव की पूजा करने के बाद भोजन ग्रहण करते है।

नहाय खाय के दिन पूजा करने से सुख-सौभाग्य में वृद्धि होती है।

नहाय खाय के दिन कई काम न करने की सलाह दी गई है।

नहाय खाय के दिन केवल एक बार ही भोजन किया जाता है।

सनातन धर्म में सूर्य पूजा का विशेष महत्व है। सूर्य देव की पूजा करने से शारीरिक और मानसिक परेशानियां दूर होती हैं। इसके अलावा कुंडली में सूर्य मजबूत होता है। कुंडली में सूर्य मजबूत हो, तो करियर और बिजनेस में मनचाही सफलता मिलती है।

प्राचीन काल से ही सूर्य देव की विधि-विधान से पूजा की जाती रही है। छठ पूजा, वैदिक काल से लोक आस्था का एक प्रमुख त्योहार है, जिसे बिहार में सूर्य की पूजा के रूप में मनाया जाता है। यह त्योहार सूर्य देव को समर्पित है। इसमें सूर्य देव की पूजा की जाती है। इस चार दिवसीय त्योहार की शुरुआत नहाय खाय दिन से होती है।

पंचांग के अनुसार, इस साल चार दिवसीय छठ पूजा आज से शुरू होगी। इस दिन भक्त स्नान, ध्यान करते हैं और सूर्य की पूजा करते हैं। साथ ही सूर्य देव की पूजा करने के बाद भोजन ग्रहण किया जाता है। इसमें चावल, दाल और लौकी की सब्जी खाई जाती है।

नहाय खाय के दिन पूजा करने से व्रती के सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। नहाय खाय के दिन कई काम न करने की सलाह दी गई है।

नहाय खाय के दिन के व्रत के यह है नियम

नहाय खाय के दिन पवित्र नदी में स्नान करें। यदि संभव न हो, तो गंगाजल युक्त जल से स्नान करें। इस समय आचमन करके स्वयं को शुद्ध कर लें।

नहाय खाय वाले दिन नए कपड़े पहनें। व्रती लाल, भूरे या पीले रंग की साड़ी पहन सकती हैं।

नहाय खाय के दिन व्रती को अपने बाल अवश्य धोने चाहिए। इसके लिए व्रती मुल्तानी मिट्टी शैम्पू का उपयोग कर सकती हैं।

नहाय खाय के दिन केवल एक बार ही भोजन किया जाता है। इसलिए केवल एक समय ही भोजन करें। इसके अलावा चाय या कॉफी भी सीमित मात्रा में पिएं।

व्रती नहाय खाय के दिन साफ चूल्हे पर ही खाना बनाएं। मिट्टी के चूल्हे पर खाना पकाना शुभ होता है। भोजन में चावल, मूंग या चने की दाल और कद्दू की सब्जी का सेवन करना चाहिए।

नहीं करें ये काम

नहाय खाय के दिन न तो झूठ बोलें और न ही किसी से अशब्द कहें। ऐसा करने से व्रत का पुण्य फल नहीं मिलता है।इस दिन तामसिक भोजन का ही सेवन न करें। साबुत अनाज या तले हुए खाद्य पदार्थ न खाएं। सात्विक भोजन ही करें।

नहाय खाय के दिन व्रती काले रंग की साड़ी न पहनें। शुभ और मांगलिक कार्यों में काले रंग की कपड़े नहीं पहनना चाहिए।

लोगों ने की खरीददारी

लोगो ने अपनी पूजा को ले कर पर्याप्त खरीददारी कर ली है आज से सभी भक्त पूजा करेंगे।

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Nov 15 2023, 19:29

भाई दूज पर भाइयों के माथे पर सजे टीके,बहनों ने मांगी भाई की सलामती की दुवा, त्योहार में छलका भाई बहन का प्यार

रायबरेली। भाईबहन के प्यार का प्रतीक भैया दूज का पर्व बुधवार को उत्साह के साथ मनाया गया। बहनों ने भाईयो के माथे पर टीका लगाया। इस दौरान भाइयों के माथे टीको से सजे दिखाई दिए। दिन भर बहनों का अपने भाइयों के यहां टीका लगाने के लिए पहुंचने का सिलसिला भी जारी रहा। माथे पर टीका लगाते हुए बहनों ने अपने भाइयों की सलामती दीर्घायु की दुआ मांगी।

वहीं सुबह से ही दुकानों पर खरीदारी करने के लिए महिलाओं और युवतियों का तांता लगा रहा। मिठाइयों से लेकर आकर्षक तोहफों की खरीदारी की गई। बहन भाई के प्रेम को दर्शाता भैया दूज का त्योहार शहर के साथ-साथ जिले भर में धूमधाम से मनाया गया।

जिन बहनों के भाई दूर थे या नही पहुंच पाए उन्होंने पूजा कर टीका सुरक्षित रख लिया और वीडियो काल तथा फोन से बात कर भाई के लिए दुवा की और न आने का उलाहना भी दिया।

मंदिरों में भी हुई पूजा: भाईबहन के अटूट प्रेम को सूत्र में पिरोते इस त्योहार को जितना उत्साह बहनों में दिखा उतने ही भाई भी उत्साहित दिखे। भाइयों ने भी अपनी बहनों को स्नेह स्वरूप उपहार दिए।

बाजार में महिलाओं और युवतियों ने जमकर खरीदारी की। मंदिरों में इस मौके पर सुबह से ही पूजा-अर्चना के लिए तांता लगा रहा। धनतेरस, छोटी दीपावली, लक्ष्मी पूजन, गोवर्धन पूजा और भैया दूज के साथ ही दीपावली का पर्व हर्षोल्लास के साथ संपन्न हो गया।

जिले के कई स्कूल में भी भाई दूज पर्व धूमधाम से मनाया गया। इसमें बच्चों समस्त स्टाफ की सदस्याओं ने बढ़ चढ़ कर भाग लिया। रक्षाबंधन के बाद, भाईदूज ऐसा दूसरा त्योहार है, जो भाई बहन के अगाध प्रेम को समर्पित है। भाई दूज का पर्व दीपावली के तीसरे दिन मनाया जाता है।

इस दिन भाई को तिलक लगाकर प्रेमपूर्वक भोजन कराने से परस्पर तो प्रेम बढ़ता ही है, भाई की उम्र भी लंबी होती है।

यह है भाईदूज की मान्यता

भाईदूज के रूप में मनाए जाने वाले त्योहार के लिए ऐसा माना जाता है कि दीपावली के बाद भाई दूज के दिन ही यमराज ने अपने बहन यमी के घर का रुख किया था, यमराज की बहन यमी ने उनके माथे पर तिलक लगाकर सलामती की दुआ मांगी थी।

इस पर यमराज ने अपनी बहन को हमेशा इस दिन उसके पास आने का वचन दिया। मान्यता है कि इस दिन जो भी भाई अपनी बहन से माथे पर तिलक लगाता है उसकी लंबी आयु होती है। एक अन्य कथा के अनुसार भगवान कृष्ण ने नरकासुर का वध करने के बाद अपनी बहन सुभद्रा के घर का रुख किया था।

कृष्ण की बहन सुभद्रा ने दिए जलाकर भाई का स्वागत किया था और तिलक लगाकर लंबी उम्र की दुआ मांगी थी।

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Nov 15 2023, 18:57

मृत बच्चो का शव रख परिजनों ने लगाया जाम

रायबरेली।बीते शुक्रवार को पटाखा बनाते समय हुए विस्फोट में मृत बच्चों के शव को सड़क पर रखकर परिजनों व ग्रामीणों ने मांगों को लेकर सरायबैरिया खेड़ा पूरेपांडे मार्ग जाम कर दिया। इससे प्रशासन के हाथ पांव फूल गए तहसीलदार और भारी संख्या में तैनात फोर्स ने परिजनों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन ग्रामीण व परिजन टससे मस नहीं हुये।

हालांकि पुलिस ने रूट डाइवरजन कर आवागमन चालू किया बीते शुक्रवार को मल्केगांव की रहने वाली नसरीन बानो पत्नी कलाम मोहम्मद की पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट हो गया था। इससे सौरभ मनीष कुमार शीजा व गोविंद चार बच्चे गंभीर रूप से झुलस गए थे परिजनों ने जिला अस्पताल से बच्चों को ट्रामा सेंटर लखनऊ में भर्ती कराया।जहां बीती रात करीब 11 बजे इलाज के दौरान मनीष कुमार व सौरभ की मौत हो गई।

पोस्टमार्टम के बाद दोनों के शव जैसे ही मल्केगांव पहुंचे तो कोहराम मच गया परिजनों व ग्रामीणों ने प्रशासन से मुआवजा व नसरीनबानो के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग करते हुए सरायबैरिया खेड़ा पूरेपांडे मार्ग जाम कर दिया।

हालांकि तहसीलदार मंजुला मिश्रा ने परिजनों से कहा कि एक प्रार्थना पत्र दीजिए मुआवजा दिलाया जाएगा,लेकिन परिजनों ने अभी तक कोई प्रार्थना पत्र नहीं दिया है।परिजनों का कहना है की मुवावजे के साथ आरोपी नशरीन बनो के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए और बस्ती के अंदर पटाखे बनाने के लाइसेंस न दिए जाएं।जिससे भविष्य मे किसी और के साथ ऐसी घटना की पुनरावृति ना हो सके।प्रशासन बार-बार ग्रामीणों को समझाने का प्रयास कर करता रहा,लेकिन ग्रामीण प्रशासन की बात नहीं समझ रहे है। समाचार लिखे जाने तक सड़क जाम नहीं खुल सका है।

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Nov 14 2023, 19:26

जिले में रही दीवाली की धूम घर-घर हुई गणेश लक्ष्मी की पूजा

रायबरेली।दीपावली का उत्साह सुबह से ही दिखने लगा। बच्चे पटाखे फोड़कर त्योहार की याद दिलाते। शाम होते ही शहर से गांव तक दीये टिमटिमाने लगे। देखते ही देखते गलियां दीयों से जगमगा उठीं। बिजली की छालरें भी घरों की शोभा बढ़ा रही थीं।

हर घर में प्रतिमा के रूप में गणेश और लक्ष्मी विराजे। पूजा-अर्चना के बाद आतिशबाजी की परंपरा शुरू हो गई। धरती पर धमाके और आसमान पर रंगीली रोशनी ने दीपावली की रात को रंग-बिरंगा बना दिया।

रविवार को दीपावली की धूम सुबह से ही शुरू हो गई। बाजार में खरीदारों का रेला रहा। मिठाइयां खूब बिकीं। ड्योढ़ी से लेकर घर का कोना-कोना साफ-सुथरा सजाया और संवारा गया था। दरवाजों पर रंगोली बनाई गई। सूरज ढलते ही गणेश-लक्ष्मी की पूजा की गई। खील, बताशे और मिठाई का भोग लगाया गया। पूरे घर में दीपक लगाए गए।

पूजा के बाद आतिशबाजी के नजारे और बम के धमाकों से शहर का कोना-कोना गूंज उठा। बच्चों ने हर्षोल्लास के साथ आतिशबाजी का लुत्फ उठाया, महताब, फुलझड़ी, अनार, चकरी आदि छुटाकर उछलते कूदते रहे। गांवों के घरों में छोटे घरघूले (घरौंदे) बनाकर उनमें भी पूजा हुई। ग्रामीणों ने देवालयों में दीपदान के साथ घरों और खेत, खलिहान में दीप जलाए।

मुस्तैद रहा पुलिस बल

पर्व के दौरान कोई अप्रिय घटना न घटे, इसके लिए प्रत्येक चौराहों, बाजार व सार्वजनिक स्थलों पर पर्याप्त संख्या में पुलिस बल तैनात रहा। पुलिस के उच्चाधिकारी सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेने के लिए गश्त भी करते रहे।

एटीएम पर लगी रही लाइन

दिवाली के चलते एटीएम पर पैसा निकालने के लिए लोगों की खासी भीड़ रही। ग्राहकों की ज्यादा भीड़ के चलते एटीएम केंद्रों पर लाइन लगानी पड़ी। शाम होते होते अधिकांश एटीएम खाली हो गए और मशीनें पैसा न होने के संदेश देनी लगी। सबसे ज्यादा भीड़ स्टेट बैंक के एटीएम केंद्रों पर रही।

50 से 100 रुपए तक बिके कमल के फूल

पूजन कार्य मे फूलों का विशेष महत्व होता है।दीपावली त्योहार के चलते फूलों का बाजार भी गर्म रहा।कमल के फूल की बकायदा बोली लग रही थी।जो रेट शुक्रवार को 20 से 40 रुपए तक था वह शनिवार व रविवार को 50 से 100 रुपए तक पहुंच गया।वहीं गेंदे की लड़ी भी 40 से 50 रुपए मीटर तक बिकी थी।

दीवाली पर एक करोड़ के पटाखे हो गए धुंआ

दिवाली पर आतिशबाजी चलाने की लोगों में होड़ रही। आतिशबाजी में जमीन पर आग लगाई तो आसमान में रंग-बिरंगी रोशनी होती रही। दिवाली की रात को जिले भर में एक करोड़ के पटाखे धुआं हो गए। देर शाम तक आतिशबाजी खरीदने के लिए युवा दुकानों पर पहुंचते रहे।

दीपोत्सव पर्व पर दिवाली केे दिन आतिशबाजी चलाने की परंपरा है। बच्चे और युवा आतिशबाजी की जमकर खरीदारी करते हैं। इस बार दिवाली पर जिले में 175 आतिशबाजी की दुकानें लगाई गईं। दिवाली के एक दिन पहले लगी दुकानों पर युवा और बच्चे देर शाम तक आतिशबाजी की खरीदारी करते रहे।

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Nov 13 2023, 12:59

*रायबरेली: सड़क हादसे में दो की मौत, परिवार में मचा कोहराम*

रायबरेली जिले में बड़ा सड़क हादसा हुआ है। हादसे में दो लोगों की मौत हो गई, जबकि तीन घायल हो गए। घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मौके पर पहुंची पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। उधर मौत की जानकारी मिलते ही परिजनों में कोहराम मच गया। 

रायबरेली के जगतपुर कोतवाली इलाके में लखनऊ-प्रयागराज राजमार्ग पर नवाबगंज कोल्ड स्टोर मोड़ के पास दो बाइकों की आमने-सामने भिड़ंत हो गई, जिसमें एक युवक की मौके पर मौत हो गई, जबकि दूसरे ने जिला अस्पताल ले जाते रास्ते में दम तोड़ दिया। हादसे में तीन लोग घायल हो गए।

 घायलों को जगतपुर सीएचसी में भर्ती कराया गया, जहां पर प्राथमिक उपचार के बाद जिला चिकित्सालय भेजा गया। पूरे रघुराज मजरे जिंगना गांव निवासी अजय कुमार रविवार की देर शाम अपने बेटे अर्पित ( 5) व मौसेरे भाई संजय (28) के साथ बाइक से क्षेत्र के बनिया का पुरवा स्थित आस्तिक मंदिर दीपावली पर दीपक जलाने गए थे। वापस लौटते समय नवाबगंज के पास प्रयागराज की तरफ से आ रहे बाइक ने जोरदार टक्कर मार दी।

 इसमें बाइक पर बैठे संजय (28) निवासी खालेहार थाना जगतपुर की मौके पर मौत हो गई। अजय कुमार व उनके बेटे अर्पित व दूसरी बाइक में सवार गौरव कुमार (20) निवासी लखनऊ, अमन (35) निवासी लखनऊ गंभीर रूप से घायल हो गए। सभी घायलों को स्थानीय लोगों की मदद से एंबुलेंस द्वारा जगतपुर सीएचसी में भर्ती कराया गया, जहां पर प्राथमिक उपचार के बाद घायलों की स्थिति गंभीर होने पर जिला चिकित्सालय भेजा गया। रास्ते में अजय ने भी दम तोड़ दिया।

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Nov 11 2023, 20:07

उपजिलाधिकारी ने पटाखें की दुकानों का किया निरीक्षण, दिए निर्देश

रायबरेली- क्षेत्र में डलमऊ उपजिलाधिकारी अभिषेक वर्मा ने पटाखें की दुकानों का निरीक्षण किया। निरीक्षण कर दुकानदारों को सख़्त निर्देश दिए।पटाखें के दुकानदार अपनी दुकान पर बालू और पानी जरूर रखें। आपत्तिजनक स्थिति में अपनी-अपनी दुकानों के उचित रखरखाव के लिए आगजनी जैसी समस्या से निपटा जा सके। पटाखें व्यवसायी बिना पंजीकरण के पटाखें की दुकान न रखें। जानकारी आने पर सम्बंधित के विरुद्ध उचित कार्यवाही की जाएगी।

गदागंज थाना क्षेत्र में थाना समाधान दिवस के बाद डलमऊ एसडीएम अभिषेक वर्मा व गदागंज थाना प्रभारी संतोष कुमार सिंह ने धमधमा,दीनशाह गौरा,गदागंज व बरारा बुजुर्ग में पटाखें की दुकानों का निरीक्षण कर आवश्यक दिशा निर्देश दिए। एसडीएम ने कहा कोई भी पटाखा व्यवसायी बिना पंजीकरण के पटाखें की दुकान नहीं लगायेंगे।गदागंज थाना प्रभारी को निर्देश देते हुए कहा क्षेत्र में बिना पंजीकरण के पटाखें की दुकानदारों के विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी।

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Nov 11 2023, 18:44

बिन सुरक्षा घेरे में रखे गए ट्रांसफार्मर दे रहे हैं हादसों को दावत, जिले में कई जगहों पर ऐसे ही हालात

रायबरेली- जिले में कई स्थानों पर बिना वैरीकेटिंग के ट्रांसफार्मर रखे हुए है जो हादसों को दावत दे रहें हैं। किसी भी समय कोई दुर्घटना घट सकती है। इस संबंध में विभाग की ओर से जो प्रयास किए जाते हैं वह न काफी हैं।

लालगंज रेलवे स्टेशन के कालोनी में बिना बैरिकेडिंग वाले ट्रांसफार्मर रखें है जो हादसों को दावत दे रहे हैं।ट्रांसफार्मरों के केबल भी ट्रांसफार्मर के अगल बगल फैले हैं। इनकी चपेट में आकर करंट से किसी की भी जान जा सकती है। हर मौसम में खुले में रखे ट्रांसफार्मर और जमीन पर पड़े केबल यमराज बन सकते हैं। शिकायतों के बावजूद बिजली विभाग खुले ट्रांसफार्मरों की बैरिकेडिंग कराने की जहमत नहीं उठा रहा है। जहां ट्रांसफार्मर रखा है वहां से लोगों का आवागमन ही नहीं रहता बल्कि मवेशियों का भी कभी कभी झुंड वहां पर मौजूद रहते हैं। विभाग ध्यान ही नहीं दे रहा है। लगता है कि बिजली विभाग को किसी बड़े हादसे का इंतजार है।

रेलवे स्टेशन कॉलोनी के पास जमीन से तीन फीट की ऊंचाई पर इंटों के चबूतरे पर लगा दो सौ किलोमीटर वाट का ट्रांसफार्मर है। इसके केबल जमीन पर पड़े हैं। सबसे ज्यादा समस्या मवेशियों के लिए यह समस्या बन सकती है इसका कारण है कि इस स्थान पर मवेशियों का विचरण अत्यधिक रहता है। ट्रांसफार्मर केबलों के समीप से लोग आते-जाते हैं। कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।

अतिक्रमण का शिकार है ट्रांसफार्मर

शिवगढ़ नगर पंचायत शिवगढ़ के बांदा बहराइच मार्ग पर स्थित मुख्य भवानीगढ़ चौराहे पर रखा बिजली का ट्रांसफार्मर अतिक्रमण का शिकार है। ट्रांसफार्मर के ठीक नीचे जहां एक होटल संचालित है जिसमे पूरे दिन में सैकड़ों लोगों का आना जाना लगा रहता है।वहीं दूसरी ओर रखी लकड़ी की गुमटी में किसी भी समय कोई बड़ा हादसा हो सकता है और जिम्मेदार आंखे मूंदे बैठे किसी बड़ी घटना के इंतजार में हैं l लोगों का कहना है कि या तो यहां से ट्रांसफार्मर हटा दिया जाए या होटल l इस बाबत जेई रवि कुमार गौतम का कहना है कि होटल संचालक को इस बाबत नोटिस भी दी गई। किंतु प्रबल संरक्षण के चलते उसे नही हटाया गया है। जल्द ही ऊपर लिखापढ़ी कर समस्या समाधान किया जायेगा l

खुले में रखा ट्रांसफार्मर दे रहा हादसे को दावत

जगतपुर विभाग की लापरवाही की वजह से खुले में रखे ट्रांसफार्मर किसी भी बड़े हादसे की दावत दे रहे हैं। जगतपुर चौराहा, ब्लॉक मुख्यालय के पास, लक्ष्मणपुर बाजार,सराय श्री बख्श गांव के मोड पर खुले में रखे ट्रांसफार्मर किसी भी समय बड़े हादसे को दावत दे रहे है।बिजली विभाग ने इस पर वेरी कटिंग भी नहीं की है। ट्रांसफार्मर के बगल में फलों की ठेलिया लगाकर दर्जनों दुकानदार रोज फल बेचते हैं। किसी भी समय बड़ी अनहोनी हो सकती है। विभाग की लापरवाही की वजह से लोगों की जान की जहमत बना हुआ है। अवर अभियंता चंद्रेश कुमार ने बताया कि बेरी कटिंग कराई गई है। शरारती तत्वों द्वारा तोड़ दी गई है बहुत जल्द इसकी बेरी कटिंग कराई जाएगी।

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Nov 11 2023, 17:56

अब कुम्हारों की चाक से नहीं चल पा रही रोजी, दूसरे रोजगार की तलाश, मिट्टी के खिलौने और बर्तन का घटा व्यापार

रायबरेली- मिट्टी के खिलौने-बर्तन लगभग गायब होते जा रहे है। अब चाक से रोजी-रोटी नही चल पा रही है।कुम्हार कहते हैं कि चाक के सहारे परिवार का गुजारा करना मुश्किल है। अब तो दीये और कुल्हड़ ही बिक रहे हैं। बाकी बर्तन और खिलौनों की अब मांग नहीं रही तो जीवन यापन करना कठिन हो गया है।

मिट्टी के बर्तनों का चलन खत्म

कभी मिट्टी के बर्तनों का प्रयोग प्रमुखता से किया जाता था। लेकिन आज इनका प्रचलन बहुत कम हो गया है। एक वक्त था जब हाट मेला में बच्चों को मिट्टी के खिलौने ही मिलते थे। उन मिट्टी के खिलौनों से ही बच्चों को बहलाया जाता था। घरों में मटकों समेत तमाम बर्तन भी मिट्टी के ही प्रयोग किए जाते रहे हैं। मगर मार्डन होते जमाने में अब मिट्टी के बर्तन और खिलौने गायब होते जा रहे हैं। आधुनिकता ने मिट्टी के खिलौने तो एकदम से गायब ही कर दिए हैं और बर्तन भी अब नहीं प्रयोग हो रहे हैं। दीपावली पर मिट्टी के दीए और कुछ खास पर्व पर एक-दो मिट्टी की वस्तुएं बिकती दिखती हैं बस। ऐसे में कुम्हार लाचार और निराश हैं।

कुम्हार परिवार के युवा जुड़े दूसरी रोजगार से

ज्यादा नहीं, करीब एक दशक पहले तक भी धार्मिक व अन्य कार्यक्रमों में भी मिट्टी के बर्तनों का प्रयोग प्रमुखता से किया जाता था, लेकिन आज इनका प्रचलन बहुत कम हो गया है। इससे बहुतायत कुम्हारों का रोजगार समाप्त हो गया। कुम्हारी कला के माहिर कुम्हारों की मिट्टी के बर्तन बनाने की कला धीरे धीरे फीकी पड़ती गई और आज बहुत कम लोग इस कला को जीवित रखे हैं। अब अधिक उम्र वाले ही चाक और आवां से जुड़े हैं। इनके परिवार के युवक इस पुश्तैनी व्यवसाय से खुद को अलग रख रहे हैं। वह रोजी रोटी के लिए अन्य व्यवसाय में लगे हैं।

चाक के सहारे जीवन यापन नहीं रहा संभव

कुम्हारी से जुड़े लोग कहते हैं कि चाक के सहारे परिवार का गुजारा करना अब बहुत मुश्किल हो गया है। अब तो दीये और कुल्हड़ ही बिक रहे हैं। बाकी बर्तन और खिलौनों की अब मांग नहीं रही तो जीवन यापन करना कठिन हो गया है। आधुनिकता के दौर में मिट्टी के बर्तन की मांग कम हो ही गई है। सरकार ने कहा था कि कुम्हारों को मिट्टी के लिए पट्टे पर जमीन दी जाएगी, लेकिन आज तक किसी को भी जमीन नहीं मिली। हम लोगों को मिट्टी के बर्तन बनाने के लिए बाहर से मिट्टी लानी पड़ती है, जो 2500 रुपये प्रति ट्राली होती है। ऊपर से पुलिस भी अवैध खनन के नाम पर सुविधा शुल्क चाहती है। आज मिट्टी के सामान महज कुछ कार्यक्रम तक ही सीमित हो गए हैं।

पहले से घटी है मिट्टी के दीपकों की बिक्री

फैशन की दौड़ में मोमबत्तियां व झालरों से घरों को सजाया जा रहा है। मिट्टी के दीप की बिक्री कम होने से कामगारों को परिवार चलाना मुश्किल हो रहा है। शास्त्रों में मिट्टी के दीप जलाकर दीपावली के दिन घरों को सजाने के लिए लिखा गया है। इस फैशन के दौर में झालर और मोमबत्तियां का प्रचलन बढ़ गया है। मिट्टी के बर्तन बनाने वाले कामगारों की बड़ी मुश्किलें फैशन के दौर में ग्रामीण मिट्टी के दीप को छोड़कर बिजली की झालर व मोमबत्तियां के सहारे घरों को सजा रहे हैं। मिट्टी के बर्तन बनाने वाले कामगारों के जीविका पर ग्रहण लगता नजर आ रहा है। प्रजापति समाज के लोग मिट्टी के बर्तन बनाकर पूरे वर्ष परिवार की जीविका चलाते थे। आज के परवेश में लोग शहरों में पलायन करके परिवार चलाने को मजबूर है। दौलतपुर,भटपुरवा,उडवा,कूड, बरगदहा,ककोरन आदि गांवो में सैकड़ो की संख्या में इस समाज के लोग दीपावली के 15 दिन पहले से दीपक बनाते थे। गांव के ग्रामीण खरीद कर दीपावली में मिट्टी के दीप जलाकर घरों को जगमग करते थे। इन परिवारों को मिट्टी के दीप बनाकर घर-घर बेेचते थे। जिससे अच्छी आमदनी हो जाती थी। उसी से उनका परिवार चलता था। दौलतपुर निवासी छिटई, शिव भजन,विजय शंकर, अमरचंद,दिनेश कुमार, जमुना,देशराज ने बताया कि मोमबत्तियां के जमाने में मिट्टी के दीपों की संख्या कम हो गई है। जिससे परिवार चलाना मुश्किल हो रहा है।

अब भी मिट्टी के दीपो से ही होता है शगुन

दीपावली पर्व जैसे जैसे नजदीक आ रही है कुम्हारी-कला का व्यवसाय भी बढ़ रहा है। वर्तमान समय में दीपों को लेकर लोगों में बदलाव देखने को मिल रहा है। बदलते माहौल में दीपावली त्योहार पर मिट्टी के दीपों की मांग बढ़ गई है। कुम्हारों के चाक भी रफ्तार पकड़ चुके हैं। रात-दिन मिट्टी के दीप और कलश बनाए जा रहे हैं। लालगंज क्षेत्र के पहाड़ी पुर गांव निवासी भोला प्रजापति बताते हैं कि पिछले वर्ष कुम्हारी कला योजना के तहत इलेक्ट्रॉनिक चाक मिलना था, लेकिन अभी तक नहीं मिला है। उन्होंने बताया कि अगर इलेक्ट्रॉनिक चाक मिल जाए तो कार्य भी करना आसान हो जाएगा। पिछले वर्ष भोला को उम्मीद था कि चाक इलेक्ट्रॉनिक मिल जायेगा तो उनके लिए राहत की सांस लेने वाला कार्य साबित हो जायेगा। भोला कुम्हार कहते हैं कि हाथ वाले चाक का महत्व अभी कम नहीं हुआ है। कुम्हारी कला से जुड़े छह परिवारों के सदस्य इस वक्त रात-दिन मिट्टी के दीप बनाने में लगे हैं। उन्होंने बताया कि लगभग 10 वर्ष पूर्व कुम्हारी कला के लिए जमीन मिट्टी के लिए आवंटित हुआ था लेकिन अभी तक राजस्व विभाग ने जमीन की पैमाइश कर उन्हें नहीं दिया है जिसके कारण मिट्टी मिलना भारी कठिनाई झेलने को पड़ रहा है। निराला नगर निवासी मनोज कुमार प्रजापति का कहना है कि दीप बनाने की मिट्टी ट्रैक्टर ट्रालियों से मंगाई जाती है। प्रति ट्रॉली 1000 से 1500 रुपए का खर्च आता है। सुबह से शाम तक में एक हजार दीप बना लेते हैं। इसके अलावा मिट्टी के कलश भी दीपावली के दिन पूजा-पाठ में काम आता है। इसकी भी डिमांड ज्यादा है। इसे भी बनाने में लगे हैं। धांधू प्रजापति का कहना है कि साल में यही मौका है जब काम बढ़ जाता है। दीपावली के बाद उनकी कला सिर्फ चाय और लस्सी के कुल्हड़ बनाने के काम आती है। दीपों, कलशों की इतनी मांग नहीं होती है। इलेक्ट्रॉनिक झालर और दूसरे सजावटी सामान के बाजार में आने के बावत पूछे जाने पर कहते हैं कि दीपावली का त्योहार बगैर मिट्टी के दीपों के हो ही नहीं सकता। इसका अपना महत्व है। इसलिए इसकी डिमांड कभी कम नहीं होती।