सात महीने से जिला चिकित्सालय में त्वचा रोग विशेषज्ञ नहीं, मरीज हो रहे हलकान

भदोही- महाराजा चेतसिंह जिला चिकित्सालय के स्कीन रोग विशेषज्ञ सात महीनों से नदारद है। चिकित्सक न होने के कारण स्कीन के मरीजों को वापस लौटना पड़ता है। चिकित्सालय में प्रतिदिन तकरीबन 50 स्कीन के मरीजों की ओपीडी होती है। अब ठंड का मौसम बढ़ रहा है तो स्कीन की बीमारी और तेजी से बढ़ेगी। ऐसे में यहां आने वाले मरीजों की परेशानी और बढ़ने वाली है।

पिछले सात महीने यानी मई से जिला चिकित्सालय के स्कीन रोग विशेषज्ञ के डाक्टर नदारद है। अस्पताल न आने का सही कारण किसी को पता नहीं है। अस्पताल आने वाले त्वचा के मरीजों को वापस जाना पड़ता है। चिकित्सालय में हर दिन एक हजार से 1100 की ओपीडी होती है। जिसमें से तकरीबन 50 मरीज स्कीन बीमारी के रहते हैं। दाद, खाज, खुजली आदि सहित विभिन्न स्कीन के बीमारी के मरीज पहुंचते हैं, लेकिन विशेषज्ञ न होने के कारण मरीजों को अन्य चिकित्सक या निजी अस्पतालों का सहारा लेना पड़ता है। जहां पर उनका अतरिक्त पैसा खर्च होता है।

बताया जा रहा है कि चिकित्सालय की स्कीन रोग विशेषज्ञ बीते सात महीने से पिता की बीमारी का प्रार्थना पत्र देकर अवकाश पर हैं। चिकित्सालय के सीएमएस डॉ राजेंद्र कुमार ने बताया कि स्कीन रोग विशेषज्ञ डॉ आरजू मिश्रा बीते मई माह से ही अवकाश पर हैं। उन्होंने अस्पताल को सौंपे पत्रक में पिता के स्वास्थ्य ठीक न होने का उल्लेख किया है। जब तक पिता के तबीयत ठीक नहीं होगी, छुट्टी पर रहने का हवाला दिया है।

चिकित्सालय में रही मरीजों की भीड़, इमरजेंसी में मुस्तैद है चिकित्सक


भदोही- त्यौहारी सीजन को लेकर महाराजा चेतसिंह जिला चिकित्सालय में मरीजों की संख्या बढ़ी है, लेकिन अन्य दिनों की अपेक्षा यह संख्या कम है। 717 मरीजों की ओपीडी रही। जिन्हें जांच पड़ताल कर दवाई उपलब्ध कराई गई। इसके अलावा इमरजेंसी में भी मरीजों को देखा गया। इमरजेंसी में अतिरिक्त चिकित्सकों की ड्यूटी नहीं लगाई गई है।

मौसम में बदलाव होने के कारण जिला चिकित्सालय में जहां मरीजों की होती है। अमूमन हर दिन एक हजार 1100 की ओपीडी होती है। जिसमें विभिन्न बीमारियों से ग्रसित मरीजों को जांच पड़ताल कर दवाई उपलब्ध कराई जाती है। जिला अस्पताल में अधिकांश चिकित्सक मौजूद रहे। सर्दी, जुकाम, वायरल फीवर मरीजों की जांच पड़ताल कर दवाई उपलब्ध कराई गई। साथ ही बदलते मौसम के बीच चिकित्सकों ने मरीज व तीमरदार को सतर्क रहने की सलाह दिया।

ठंड बढ़ी तो ऊनी कपड़ों का बाजार हुआ गर्म

भदोही। ठंड बढ़ने के साथ ऊनी कपड़ों का बाजार गर्म हो गया है। दुकानों में ऊनी कपड़े टग गए हैं। ग्राहकों की भीड़ भी उमड़ी रही है। पटरी पर भी दुकानों को लगाकर ऊंनी कपड़े बेचे जा रहे हैं। सुबह शाम की हल्की ठंड से बचने के लिए गर्म कपड़ों की जरूरत पड़ने लगी है। ऐसे में बक्शो, पेटियों में रखे गए मफलर समेत हल्के गर्म कपड़े बाहर निकाल लिए हैं।

सुबह शाम के समय पहनकर या फिर दिन के सफर में बैग में रखकर चलने लगे हैं। जिससे ठंड लगने की नौबत न आ सके। जिनके पास हल्के गर्म कपड़े नहीं है, बाजार का रुख कर रहे हैं। पिछले महीने हुई बारिश के चलते ठंड का मौसम इस बार अपने समय पर चल रहा है। कोहरे भी पड़ने के साथ ही ठंड का असर भी तेज हो जाने की संभावना है।

फूलबाग के घनी बस्ती मे पकड़ा गया लाखों अवैध पटाखा,पेटियों में भरकर रखा गया था पटाखा


भदोही। गोपीगंज नगर के फूलबाग मे घनी बस्ती के बीच एक भवन में बनाए गए अस्थाई गोदाम में कई दर्जन पेटी मे लाखों का अवैध पटाखा पकड़ा गया।पटाखे को कब्जे में लेकर पुलिस थाने ले आई हैl

मुखबिर की सूचना के आधार पर गोपीगंज प्रभारी निरीक्षक संतोष कुमार श्रीवास्तव पुलिस बल के साथ गोपीगंज सोनखरी मार्ग पर स्थित एक भवन पर पहुंचे जहां भवन के अंदर तीन कमरों में रखें कई दर्जन पेटी अवैध पटाखा को कब्जे में ले लिया।

पकड़े गए पटाखों की कीमत लगभग 10 लाख से अधिक बताई जा रही है।पकड़े गए पटाखे को भरे पेटी को थाने ले आया गया। वही पटाखों का कारोबारी प्रभारी निरीक्षक से पटाखे को छोड़ने के लिए गिड़गिड़ाता नजर आया।

नगर के घनी बस्ती के बीच बड़ी मात्रा में पटाखों का जखीरा पकड़े जाने के बाद लोगों में तरह-तरह की चर्चा व्याप्त रही।

*प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत नि:शुल्क रसोई गैस सिलेंडर वितरण अभियान का माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया शुभारंभ*


भदोही । प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना में रू0 2312 करोड़ के व्ययभार से प्रदेश में 1.75 करोड़ पात्र परिवारों को निःशुल्क रसोई गैस सिलेण्डर रिफिल वितरण का शुभारम्भ प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में किया ।

मुख्यमंत्री ने अपने उद्बोधन में कहा कि धनतेरस एवं दीपावली पर्व पर लोक कल्याण में निःशुल्क गैस सिलेण्डर सभी पात्र लाभार्थियों में वितरित किया जा रहा है। उन्होने बताया कि उज्ज्वला योजना से गम्भीर बीमारी से बचाने का कार्य भी किया जा रहा है, क्योकि पहले के समय में लकड़ी के धुॅए से फेफडों को बहुत नुकसान पहॅुचता था। मुख्यमंत्री आज प्रस्तावित उज्ज्वला लाभार्थियों को निःशुल्क सिलेण्डर रिफिल वितरण कार्यक्रम का सजीव प्रसारण कलेक्ट्रेट सभागार में 11 बजे दिखाया गया ।

जनपद में प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के अन्तर्गत कुल लगभग 167996 लाभार्थी की संख्या हैं। इस कार्यक्रम में उज्ज्वला योजना के 110 लाभार्थियों को आमंत्रित किया गया।उज्ज्वला योजना कार्यक्रम में सांसद डॉo रमेश चंद्र बिंद जिला पंचायत अध्यक्ष अनिरुद्ध त्रिपाठी, माननीय विधायक औराई दीनानाथ भास्कर, जिलाध्यक्ष दीपक मिश्रा जनप्रतिनिधिगण के कर कमलों से 110 उज्ज्वला लाभार्थियों को प्रदेश सरकार द्वारा दी जा रही सब्सिडी का प्रतीकात्मक चेक वितरण कराया गया।

मुख्यमंत्री आज प्रस्तावित उज्ज्वला लाभार्थियों को निःशुल्क सिलेण्डर रिफिल वितरण कार्यक्रम का जनपद में समय 11:00 बजे से सजीव प्रसारण दिखाया गया सांसद रमेश चंद्र बिंद ने कहा कि जहां एक समय लोग लकड़ियों पर खाना बनाते थे, तो वहीं अब लोग एलपीजी सिलेंडर की मदद से चूल्हे पर खाना बनाते हैं।

इसमें मेहनत कम लगती है और खाना जल्दी तैयार भी हो जाता है। हालांकि, इसके लिए सिलेंडर खत्म होने पर फिर से नया सिलेंडर लेना पड़ता है। इसके लिए आपको एजेंसी पर संपर्क करना पड़ता है। केंद्र सरकार ने 1 मई 2016 को प्रधानमंत्री उज्जवला योजना की शुरुआत की ।

विधायक औराई दीनानाथ भास्कर ने कहा कि इस योजना के तहत गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों की महिला को मुफ्त गैस कनेक्शन दिया जाता है,वहीं, अब सरकार ने इस योजना से जुड़े लाभार्थियों को एक और बड़ा तोहफा दिया है। उज्ज्वला योजना के तहत 1.75 करोड़ पात्र परिवारों में से अभी तक लगभग 54 लाख लोगों ने अपने बैंक खाते को आधार से लिंक किया है।

उन्होने सभी गैस सिलेण्डर प्राप्त करने वाले पात्र परिवारों से अपील किया है कि छूटे हुए पात्र परिवार तत्काल अपने बैंक खातों को आधार से लिंक करा ले, जिससे सब्सिडी उनके खाते में भेजी जा सकें।

इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी वित्त राजस्व कुँवर वीरेंद्र मौर्य, जिला पूर्ति अधिकारी सीमा सिंह, संबंधित अधिकारी सहित लाभार्थीगण आदि उपस्थित रहें।

पटाखा फोड़ते वक्त बच्चों पर विशेष निगरानी


भदोही। आंख,हाथ व चेहरा को सुरक्षित रखकर ही दीपावली का पर्व मनाएं। पटाखा फोड़ते वक्त बच्चों की विशेष निगरानी रखें। वैध दुकान से ही पटाखा की खरीदारी करें। हंसी-खुशी के पर्व पर पटाखा फोड़ते में थोड़ी सी घातक हो सकता है।

बच्चों को ऐसा पटाखा दें जिसमें विस्फोट कम हो। तेज आवाज का पटाखा बच्चों का कान खराब कर सकता है। मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ संतोष कुमार चक ने बताया कि आतिशबाजी करते समय शरीर का अंग जलता है। तो तत्काल इलाज कराएं। जले हुए स्थान पर ठंडा पानी व बर्फ नहीं लगाना है। आतिशबाजी का प्रदूषण आंख, नाक व गले के अलावा फेफड़ों को भी प्रभावित करता है।

प्रदूषण से सांस व एलर्जी की समस्या होती है। बच्चों को पटाखा से दूरी ही रखें। वैध दुकान से ही पटाखा की खरीदारी करें। पटाखा फोड़ते वाले स्थान पर पानी व उपचार कीट रखना जरूरी है।

एक समय में एक ही व्यक्ति एक पटाखा फोड़े। जला हुआ पटाखा कदापि न छूएं। हवा में उड़ने वाले पटाखा को जलाने से पूर्व सीधा कर लें।

घर को रोशन करने के लिए दीया बनाने का काम तेज,दीपावली पर्व पर बढ़ा दियली व पर‌ई की मांग


भदोही। दीपावली पर्व की तैयारी हर तरफ तीव्र वेग से चल रही है। त्योहार पर घरों में रोशन करने को मिट्टी से दीया बनाने का काम तेज हो गया है। कुम्हार बस्ती के लोग दिन-रात मिट्टी के दियली,पर‌ई व घड़ा बनाने का काम कर रहे हैं। ग्रामीण अंचलों में मिट्टी के बर्तन की मांग काफी बढ़ गई है।

दीपावली पर्व के लोग बेहतर ढंग से मानने का प्रयास कर रहे हैं। कुम्हारों की मानें तो सात दिन की मेहनत से मिट्टी का दिया तैयार होता है। मिट्टी की मूर्ति व दियली बनाने को कुम्हार सात दिन तक मेहनत करते हैं। कुम्हार संतोष कुमार ने बताया कि क‌ई पीढ़ी से हम मिट्टी की दिया बनाने का काम कर रहे हैं। इधर क‌ई वर्ष से चाइनीज निर्मित लाइटों की मांग काफी मंदा चला रहा है।

कड़ी मेहनत कर हम मिट्टी का बर्तन का दियली तैयार करते हैं। लेकिन मुनाफा नाम मात्र ही होता है। मिट्टी की दीया 50 रुपया प्रति सैकड़े ही बिकता है।

सुविधाओं की कमी से जूझ रहा कंबल कारखान

भदोही। सत्तर के दशक में सेना और रेलवे को कंबल उपलब्ध कराने वाला गोपीगंज पड़ाव स्थित कंबल कारखाना अपनी पहचान खो दिया है। कर्मचारियों और कच्चेमाल की कमी व बेहतर मार्केटिंग न होने कारण कारखाने की उत्पादन क्षमता घट चुकी है। कारखाने में साल भर में पांच हजार कंबल ही तैयार हो पाते हैं। इससे सलाना 33 लाख की आमदनी होती है।

मनैजर के मुताबिक यहां के कंबल का एकलौता बड़ा खरीदार खादी ग्रामोद्योग ही रह गया है।

कंबल उत्पादन के क्षेत्र में अलग पहचान कायम रखने वाले कंबल कारखाना की स्थापना 1960 में हुई थी। उच्चकोटि के कंबल की आपूर्ति सेना के जवानों और रेलवे को की जाती थी। इसके अलावा स्वास्थ्य महकमा भी यहां के कंबल खरीदता था। धनाभाव के चलते 16 मार्च 2010 को अचानक कंबल कारखाना बंद कर दिया गया।

यहां कार्यरत 23 बुनकरों को भुगतान कर छुट्टी दे दी गई। दोबारा कंबल कारखाना शुरू कराने के लिए जिला खादी ग्राम उद्योग दशकों प्रयासरत रहा। शासन को लगातार प्रस्ताव भेजता रहा। 2017 में सूबे में भाजपा की सरकार बनने पर प्रयास पर रंग चढ़ा। 25 अगस्त 2017 को कारखाने को दोबारा चालू किया गया, हालांकि जो सुविधाएं मिलनी चाहिए वह आज तक नहीं मिल सकी हैं। कारखाने में कच्चे माल की कमी के कारण 2019 में कई महीने तक काम बंद रहा।

मामला आला अधिकारियों तक पहुंचा तो कारखाने में काम शुरू हुआ। यहां जरूरी सुविधाओं का टोटा है। आठ से 10 कर्मचारियों के पद होने के बाद भी मैनेजर एवं आंकिक के नाम पर मात्र दो कर्मचारी हैं। 10 ठेका कर्मियों के सहारे कारखाने का संचालन किया जा रहा है। कारखाने में सात लूम है। इनमें से चार ही लूम चल रहे हैं। 10 से 12 के बीच कंबल तैयार हो पा रहे हैं।कंबल कारखाने में उम्मीद के मुताबिक उत्पादन नहीं हो रहा है।

खाते से यहां कार्यरत कर्मियों के मानदेय एवं अन्य कर्मचारियों को प्रति माह एक लाख से अधिक वेतन और मानदेय भुगतान किया जाता है। इससे सरकार को हर महीने एक से डेढ़ लाख की हानि होती है।

बहपुरा प्रधान की हत्या में किशोर को आजीवन कारावास,डेढ़ साल में कोर्ट ने सुनाया फैसला

भदोही। विशेष न्यायाधीश चिल्ड्रेन कोर्ट अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम मधु डोगरा की अदालत ने ग्राम प्रधान बहपुरा की हत्या में एक किशोर दोषी को आजीवन कारावास एवं 25 हजार अर्थदंड की सजा सुनाई। डेढ़ साल के अंदर कोर्ट ने फैसला सुना दिया है।कोइरौना के बहपुरा में जनवरी 2022 में वारदात हुई थी।अभियोजन के मुताबिक छोटेलाल निषाद ने 26 जनवरी 2022 को थाना कोइरौना में तहरीर दी थी कि गांव के कुछ लोग चुनावी रंजिश में उनके भतीजे से द्वेष रखते थे।

25 जनवरी 2022 की शाम को पंचायत भवन निर्माण स्थल से उसका भतीजा ग्राम प्रधान कन्हैयालाल निषाद लौट रहा था। घर से 500 मीटर दूर पहले ही उनकी धारदार हथियार से हत्या कर दी गई। इसमें किशोर अपचारी सहित पांच अभियुक्तों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। चार अभियुक्तों की सुनवाई दूसरे कोर्ट में चल रही है।

एक किशोर आरोपी के मामले की सुनवाई चिल्ड्रेन कोर्ट में चल रही थी। जांच में किशोर के ही तलवार से प्रधान के गर्दन पर प्रहार करने की पुष्टि हुई थी। किशोर की निशानदेही पर विवेचक ने तलवार भी बरामद की थी।न्यायालय में अभियोजन ने साक्ष्य और बरामद तलवार से घटना को न्यायालय में साबित किया ।

बहस सुनने और साक्ष्यों का अवलोकन करने के बाद न्यायाधीश मधु डोगरा ने किशोर को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इसी प्रकरण में चार अन्य अभियुक्तों का मामला दूसरे न्यायालय में चल रहा है। अभियोजन की तरफ से बहस-पैरवी विशेष लोक अभियोजक डॉ. अश्वनी कुमार मिश्रा ने किया।

परदेश में रहने वाले किसानों की रुकेगी सम्मान निधि

भदोही । महानगरों में नौकरी करने वाले 12 हजार परदेशी किसानों की सम्मान निधि पर संकट मंडराने लगा है। कृषि विभाग की तरफ से सत्यापन में सहयोग न करने से इनकी सूची को विभाग ने अलग कर दिया है। इससे 15वीं किस्त के दो-दो हजार रुपये इन्हें नहीं मिल पाएंगे।

एक लाख 41 हजार किसानों का डाटा अब तक फीड हो चुका है। नवंबर में ही किस्त जारी होने की उम्मीद जताई जा रही है।किसानों के लिए केंद्रीय सरकार की ओर से दिसंबर 2018 में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की शुरूआत की गई थी। इस योजना में प्रत्येक किसान को दो हजार रुपये प्रति वर्ष देने का प्रावधान है।

जिले में शुरुआती दौर में 1.78 लाख किसान ही पंजीकृत हुए थे, लेकिन बाद में यह संख्या बढ़कर दो लाख 26 हजार तक पहुंच गई। केंद्रीय और प्रांतीय स्तर से फिल्टर होने के बाद 2021 में संख्या 1.91 लाख तक पहुंची। 2022 में जमीन का सत्यापन और ई-केवाईसी कराने के बाद बड़ी संख्या में अपात्र मिले।

इससे लाभार्थियों की संख्या घटकर एक लाख 84 हजार पहुंच गई। योजना का लाभ लेने के लिए बड़ी संख्या में ऐसे लोगों ने आवेदन किया है। जिनके पास खेत है, लेकिन वह गांव में नहीं रहते। आवेदन करने के बाद वह नौकरी आदि के सिलसिले में मुंबई, सूरत, कानपुर, वाराणसी, लखनऊ समेत अन्य शहरों में रहते हैं।

एक साल से सरकार के निर्देश पर ईकेवाईसी और आधार फीडिंग कराया जा रहा है, लेकिन अब भी 25 हजार से अधिक किसान जरूरी अभिलेख दुरूस्त नहीं कराए हैं। एक पखवारे से 546 गांव में शिविर लगाकर सुधार की कवायद चल रही है। गवईं किसान तो सुधार करा रहे हैं, लेकिन मुंबई, सूरत सहित अन्य महानगरों में रहने वाले लोग विभाग की ओर से मांगी जा रही ओटीपी देने से कतरा रहे हैं। जिससे विभागीय इनकी सूची को अलग कर दिया है।

उप निदेशक डॉ. अश्वनी कुमार सिंह ने बताया कि 12 हजार 625 ऐसे लाभार्थी हैं, जो जनपद में नहीं है। गांव-गांव लगे शिविर में फोन कर ओटीपी मांगा गया, लेकिन वह सुरक्षा के मद्देनजर नहीं दे रहे है। ऐसे में 15वीं किस्त की रकम उन्हें नहीं मिल सकती। 30 अक्तूबर तक ईकेवाईसी कराने का समय मिला है। नवंबर में 15वीं किस्त जारी करने से पूर्व तकनीकी कमियों को दूर किया जा रहा है।

कृषि विभाग की तरफ से 546 गांव में कैंप लगाया जाएगा। 50 गांव में कैंप लग चुका है। उन्होंने बताया कि एक लाख 31 हजार किसानों को 14वीं किस्त मिली थी। करीब 50 हजार किसानों में 40 हजार की ईकेवाईसी और 10 हजार की आधार फीडिंग नहीं हो पाई है। नवंबर में 15वीं किस्त जारी होने की संभावना है। सुधार न होने पर लाभ से वंचित रह जाएंगे।