*प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत नि:शुल्क रसोई गैस सिलेंडर वितरण अभियान का माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया शुभारंभ*


भदोही । प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना में रू0 2312 करोड़ के व्ययभार से प्रदेश में 1.75 करोड़ पात्र परिवारों को निःशुल्क रसोई गैस सिलेण्डर रिफिल वितरण का शुभारम्भ प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में किया ।

मुख्यमंत्री ने अपने उद्बोधन में कहा कि धनतेरस एवं दीपावली पर्व पर लोक कल्याण में निःशुल्क गैस सिलेण्डर सभी पात्र लाभार्थियों में वितरित किया जा रहा है। उन्होने बताया कि उज्ज्वला योजना से गम्भीर बीमारी से बचाने का कार्य भी किया जा रहा है, क्योकि पहले के समय में लकड़ी के धुॅए से फेफडों को बहुत नुकसान पहॅुचता था। मुख्यमंत्री आज प्रस्तावित उज्ज्वला लाभार्थियों को निःशुल्क सिलेण्डर रिफिल वितरण कार्यक्रम का सजीव प्रसारण कलेक्ट्रेट सभागार में 11 बजे दिखाया गया ।

जनपद में प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के अन्तर्गत कुल लगभग 167996 लाभार्थी की संख्या हैं। इस कार्यक्रम में उज्ज्वला योजना के 110 लाभार्थियों को आमंत्रित किया गया।उज्ज्वला योजना कार्यक्रम में सांसद डॉo रमेश चंद्र बिंद जिला पंचायत अध्यक्ष अनिरुद्ध त्रिपाठी, माननीय विधायक औराई दीनानाथ भास्कर, जिलाध्यक्ष दीपक मिश्रा जनप्रतिनिधिगण के कर कमलों से 110 उज्ज्वला लाभार्थियों को प्रदेश सरकार द्वारा दी जा रही सब्सिडी का प्रतीकात्मक चेक वितरण कराया गया।

मुख्यमंत्री आज प्रस्तावित उज्ज्वला लाभार्थियों को निःशुल्क सिलेण्डर रिफिल वितरण कार्यक्रम का जनपद में समय 11:00 बजे से सजीव प्रसारण दिखाया गया सांसद रमेश चंद्र बिंद ने कहा कि जहां एक समय लोग लकड़ियों पर खाना बनाते थे, तो वहीं अब लोग एलपीजी सिलेंडर की मदद से चूल्हे पर खाना बनाते हैं।

इसमें मेहनत कम लगती है और खाना जल्दी तैयार भी हो जाता है। हालांकि, इसके लिए सिलेंडर खत्म होने पर फिर से नया सिलेंडर लेना पड़ता है। इसके लिए आपको एजेंसी पर संपर्क करना पड़ता है। केंद्र सरकार ने 1 मई 2016 को प्रधानमंत्री उज्जवला योजना की शुरुआत की ।

विधायक औराई दीनानाथ भास्कर ने कहा कि इस योजना के तहत गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों की महिला को मुफ्त गैस कनेक्शन दिया जाता है,वहीं, अब सरकार ने इस योजना से जुड़े लाभार्थियों को एक और बड़ा तोहफा दिया है। उज्ज्वला योजना के तहत 1.75 करोड़ पात्र परिवारों में से अभी तक लगभग 54 लाख लोगों ने अपने बैंक खाते को आधार से लिंक किया है।

उन्होने सभी गैस सिलेण्डर प्राप्त करने वाले पात्र परिवारों से अपील किया है कि छूटे हुए पात्र परिवार तत्काल अपने बैंक खातों को आधार से लिंक करा ले, जिससे सब्सिडी उनके खाते में भेजी जा सकें।

इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी वित्त राजस्व कुँवर वीरेंद्र मौर्य, जिला पूर्ति अधिकारी सीमा सिंह, संबंधित अधिकारी सहित लाभार्थीगण आदि उपस्थित रहें।

पटाखा फोड़ते वक्त बच्चों पर विशेष निगरानी


भदोही। आंख,हाथ व चेहरा को सुरक्षित रखकर ही दीपावली का पर्व मनाएं। पटाखा फोड़ते वक्त बच्चों की विशेष निगरानी रखें। वैध दुकान से ही पटाखा की खरीदारी करें। हंसी-खुशी के पर्व पर पटाखा फोड़ते में थोड़ी सी घातक हो सकता है।

बच्चों को ऐसा पटाखा दें जिसमें विस्फोट कम हो। तेज आवाज का पटाखा बच्चों का कान खराब कर सकता है। मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ संतोष कुमार चक ने बताया कि आतिशबाजी करते समय शरीर का अंग जलता है। तो तत्काल इलाज कराएं। जले हुए स्थान पर ठंडा पानी व बर्फ नहीं लगाना है। आतिशबाजी का प्रदूषण आंख, नाक व गले के अलावा फेफड़ों को भी प्रभावित करता है।

प्रदूषण से सांस व एलर्जी की समस्या होती है। बच्चों को पटाखा से दूरी ही रखें। वैध दुकान से ही पटाखा की खरीदारी करें। पटाखा फोड़ते वाले स्थान पर पानी व उपचार कीट रखना जरूरी है।

एक समय में एक ही व्यक्ति एक पटाखा फोड़े। जला हुआ पटाखा कदापि न छूएं। हवा में उड़ने वाले पटाखा को जलाने से पूर्व सीधा कर लें।

घर को रोशन करने के लिए दीया बनाने का काम तेज,दीपावली पर्व पर बढ़ा दियली व पर‌ई की मांग


भदोही। दीपावली पर्व की तैयारी हर तरफ तीव्र वेग से चल रही है। त्योहार पर घरों में रोशन करने को मिट्टी से दीया बनाने का काम तेज हो गया है। कुम्हार बस्ती के लोग दिन-रात मिट्टी के दियली,पर‌ई व घड़ा बनाने का काम कर रहे हैं। ग्रामीण अंचलों में मिट्टी के बर्तन की मांग काफी बढ़ गई है।

दीपावली पर्व के लोग बेहतर ढंग से मानने का प्रयास कर रहे हैं। कुम्हारों की मानें तो सात दिन की मेहनत से मिट्टी का दिया तैयार होता है। मिट्टी की मूर्ति व दियली बनाने को कुम्हार सात दिन तक मेहनत करते हैं। कुम्हार संतोष कुमार ने बताया कि क‌ई पीढ़ी से हम मिट्टी की दिया बनाने का काम कर रहे हैं। इधर क‌ई वर्ष से चाइनीज निर्मित लाइटों की मांग काफी मंदा चला रहा है।

कड़ी मेहनत कर हम मिट्टी का बर्तन का दियली तैयार करते हैं। लेकिन मुनाफा नाम मात्र ही होता है। मिट्टी की दीया 50 रुपया प्रति सैकड़े ही बिकता है।

सुविधाओं की कमी से जूझ रहा कंबल कारखान

भदोही। सत्तर के दशक में सेना और रेलवे को कंबल उपलब्ध कराने वाला गोपीगंज पड़ाव स्थित कंबल कारखाना अपनी पहचान खो दिया है। कर्मचारियों और कच्चेमाल की कमी व बेहतर मार्केटिंग न होने कारण कारखाने की उत्पादन क्षमता घट चुकी है। कारखाने में साल भर में पांच हजार कंबल ही तैयार हो पाते हैं। इससे सलाना 33 लाख की आमदनी होती है।

मनैजर के मुताबिक यहां के कंबल का एकलौता बड़ा खरीदार खादी ग्रामोद्योग ही रह गया है।

कंबल उत्पादन के क्षेत्र में अलग पहचान कायम रखने वाले कंबल कारखाना की स्थापना 1960 में हुई थी। उच्चकोटि के कंबल की आपूर्ति सेना के जवानों और रेलवे को की जाती थी। इसके अलावा स्वास्थ्य महकमा भी यहां के कंबल खरीदता था। धनाभाव के चलते 16 मार्च 2010 को अचानक कंबल कारखाना बंद कर दिया गया।

यहां कार्यरत 23 बुनकरों को भुगतान कर छुट्टी दे दी गई। दोबारा कंबल कारखाना शुरू कराने के लिए जिला खादी ग्राम उद्योग दशकों प्रयासरत रहा। शासन को लगातार प्रस्ताव भेजता रहा। 2017 में सूबे में भाजपा की सरकार बनने पर प्रयास पर रंग चढ़ा। 25 अगस्त 2017 को कारखाने को दोबारा चालू किया गया, हालांकि जो सुविधाएं मिलनी चाहिए वह आज तक नहीं मिल सकी हैं। कारखाने में कच्चे माल की कमी के कारण 2019 में कई महीने तक काम बंद रहा।

मामला आला अधिकारियों तक पहुंचा तो कारखाने में काम शुरू हुआ। यहां जरूरी सुविधाओं का टोटा है। आठ से 10 कर्मचारियों के पद होने के बाद भी मैनेजर एवं आंकिक के नाम पर मात्र दो कर्मचारी हैं। 10 ठेका कर्मियों के सहारे कारखाने का संचालन किया जा रहा है। कारखाने में सात लूम है। इनमें से चार ही लूम चल रहे हैं। 10 से 12 के बीच कंबल तैयार हो पा रहे हैं।कंबल कारखाने में उम्मीद के मुताबिक उत्पादन नहीं हो रहा है।

खाते से यहां कार्यरत कर्मियों के मानदेय एवं अन्य कर्मचारियों को प्रति माह एक लाख से अधिक वेतन और मानदेय भुगतान किया जाता है। इससे सरकार को हर महीने एक से डेढ़ लाख की हानि होती है।

बहपुरा प्रधान की हत्या में किशोर को आजीवन कारावास,डेढ़ साल में कोर्ट ने सुनाया फैसला

भदोही। विशेष न्यायाधीश चिल्ड्रेन कोर्ट अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम मधु डोगरा की अदालत ने ग्राम प्रधान बहपुरा की हत्या में एक किशोर दोषी को आजीवन कारावास एवं 25 हजार अर्थदंड की सजा सुनाई। डेढ़ साल के अंदर कोर्ट ने फैसला सुना दिया है।कोइरौना के बहपुरा में जनवरी 2022 में वारदात हुई थी।अभियोजन के मुताबिक छोटेलाल निषाद ने 26 जनवरी 2022 को थाना कोइरौना में तहरीर दी थी कि गांव के कुछ लोग चुनावी रंजिश में उनके भतीजे से द्वेष रखते थे।

25 जनवरी 2022 की शाम को पंचायत भवन निर्माण स्थल से उसका भतीजा ग्राम प्रधान कन्हैयालाल निषाद लौट रहा था। घर से 500 मीटर दूर पहले ही उनकी धारदार हथियार से हत्या कर दी गई। इसमें किशोर अपचारी सहित पांच अभियुक्तों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। चार अभियुक्तों की सुनवाई दूसरे कोर्ट में चल रही है।

एक किशोर आरोपी के मामले की सुनवाई चिल्ड्रेन कोर्ट में चल रही थी। जांच में किशोर के ही तलवार से प्रधान के गर्दन पर प्रहार करने की पुष्टि हुई थी। किशोर की निशानदेही पर विवेचक ने तलवार भी बरामद की थी।न्यायालय में अभियोजन ने साक्ष्य और बरामद तलवार से घटना को न्यायालय में साबित किया ।

बहस सुनने और साक्ष्यों का अवलोकन करने के बाद न्यायाधीश मधु डोगरा ने किशोर को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इसी प्रकरण में चार अन्य अभियुक्तों का मामला दूसरे न्यायालय में चल रहा है। अभियोजन की तरफ से बहस-पैरवी विशेष लोक अभियोजक डॉ. अश्वनी कुमार मिश्रा ने किया।

परदेश में रहने वाले किसानों की रुकेगी सम्मान निधि

भदोही । महानगरों में नौकरी करने वाले 12 हजार परदेशी किसानों की सम्मान निधि पर संकट मंडराने लगा है। कृषि विभाग की तरफ से सत्यापन में सहयोग न करने से इनकी सूची को विभाग ने अलग कर दिया है। इससे 15वीं किस्त के दो-दो हजार रुपये इन्हें नहीं मिल पाएंगे।

एक लाख 41 हजार किसानों का डाटा अब तक फीड हो चुका है। नवंबर में ही किस्त जारी होने की उम्मीद जताई जा रही है।किसानों के लिए केंद्रीय सरकार की ओर से दिसंबर 2018 में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की शुरूआत की गई थी। इस योजना में प्रत्येक किसान को दो हजार रुपये प्रति वर्ष देने का प्रावधान है।

जिले में शुरुआती दौर में 1.78 लाख किसान ही पंजीकृत हुए थे, लेकिन बाद में यह संख्या बढ़कर दो लाख 26 हजार तक पहुंच गई। केंद्रीय और प्रांतीय स्तर से फिल्टर होने के बाद 2021 में संख्या 1.91 लाख तक पहुंची। 2022 में जमीन का सत्यापन और ई-केवाईसी कराने के बाद बड़ी संख्या में अपात्र मिले।

इससे लाभार्थियों की संख्या घटकर एक लाख 84 हजार पहुंच गई। योजना का लाभ लेने के लिए बड़ी संख्या में ऐसे लोगों ने आवेदन किया है। जिनके पास खेत है, लेकिन वह गांव में नहीं रहते। आवेदन करने के बाद वह नौकरी आदि के सिलसिले में मुंबई, सूरत, कानपुर, वाराणसी, लखनऊ समेत अन्य शहरों में रहते हैं।

एक साल से सरकार के निर्देश पर ईकेवाईसी और आधार फीडिंग कराया जा रहा है, लेकिन अब भी 25 हजार से अधिक किसान जरूरी अभिलेख दुरूस्त नहीं कराए हैं। एक पखवारे से 546 गांव में शिविर लगाकर सुधार की कवायद चल रही है। गवईं किसान तो सुधार करा रहे हैं, लेकिन मुंबई, सूरत सहित अन्य महानगरों में रहने वाले लोग विभाग की ओर से मांगी जा रही ओटीपी देने से कतरा रहे हैं। जिससे विभागीय इनकी सूची को अलग कर दिया है।

उप निदेशक डॉ. अश्वनी कुमार सिंह ने बताया कि 12 हजार 625 ऐसे लाभार्थी हैं, जो जनपद में नहीं है। गांव-गांव लगे शिविर में फोन कर ओटीपी मांगा गया, लेकिन वह सुरक्षा के मद्देनजर नहीं दे रहे है। ऐसे में 15वीं किस्त की रकम उन्हें नहीं मिल सकती। 30 अक्तूबर तक ईकेवाईसी कराने का समय मिला है। नवंबर में 15वीं किस्त जारी करने से पूर्व तकनीकी कमियों को दूर किया जा रहा है।

कृषि विभाग की तरफ से 546 गांव में कैंप लगाया जाएगा। 50 गांव में कैंप लग चुका है। उन्होंने बताया कि एक लाख 31 हजार किसानों को 14वीं किस्त मिली थी। करीब 50 हजार किसानों में 40 हजार की ईकेवाईसी और 10 हजार की आधार फीडिंग नहीं हो पाई है। नवंबर में 15वीं किस्त जारी होने की संभावना है। सुधार न होने पर लाभ से वंचित रह जाएंगे।

प्रदूषण बढ़ना स्वास्थ्य के लिए हो रहा खतरनाक, राजधानी दिल्ली के बाद जनपद में आफत आती देख बढ़ी चिंता


भदोही। गलीचों का शहर भदोही जनपद प्रदूषण की मार से कराह रहा है। वायु, ध्वनि,जल प्रदूषण का स्तर यहां पर रिकार्ड तोड़ रहा है। परिणामस्वरूप लोग संक्रामक बीमारियों की जद में आ रहे हैं। इस बीच, बृहस्पतिवार को पूरे दिन आसमान में प्रदूषण रुपी चादर से ढका रहने के बाद आम आदमी की धड़कनें बढ़ गई। लोगों में पूरे दिन इसी की चर्चा रही।

चाय, पान की दुकानों से लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों पर लोग राय व्यक्त करते देखे ग‌ए। जनपद में इधर चार दिनों से धुंध से दस्तक दी थी। फलस्वरूप बृहस्पतिवार की सुबह आठ बजे के बाद भगवान भाष्कर के दर्शन लोगों को हुए। पहरे तो लोगों ने सोचा कि कोहरे का आगमन हो गया है। लेकिन बाद में सच्चाई पता चलने पर पैरों तले जमीन खिसक गई।

दिल्ली में पिछले कई दिनों से डेरा डाले स्माग और गहरे वायु प्रदूषण के बारे में मीडिया से जानकारी होने के बाद चिताएं बढ़ गई है।

धनतेरस पर चमका बर्तनों का बाजार,बीते साल की अपेक्षा 10 से 15 फीसदी गिरे बर्तनों के दाम

भदोही। दीपावली पर्व को लेकर बाजार में रौनक बढ़ गई है। धनतेरस के त्योहार को लेकर बर्तनों के बाजार में रौनक देखी जा रही है। बर्तन कारोबारी की उम्मीद लगाए हुए हैं और इस बार लोगों की पंसद को ध्यान में रखकर बाजार में न‌ए- न‌ए आइटम आए हैं। जिसमें लोग स्टील से लेकर पीतल के बर्तनों को खूब पसंद कर रहे हैं। धन, धान्य और ऐश्वर्य का त्योहार धनतेरस शुक्रवार को मनाया जाएगा।

इसको लेकर बाजार सज चुके हैं। धनतेरस पर अधिकांश लोग स्टील, पीतल, तांबे के बर्तनों की खरीदारी करना शुभ मानते हैं। इसके चलते बर्तन बाजार में खासी रौनक बनी हुई है। अच्छी बात यह है कि पिछले वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष बर्तनों के दामों में 5 से 10 फीसदी गिरावट आई है। स्टील, बर्तनों में क्रिस्टल गैस चूल्हा, इंडक्शन चूल्हा और इंक्शन कुकर की मांग हैं। वहीं स्टील के आकर्षक पूजन,थाल, सिल्वर टच डिजाइन के बर्तनों की भरमार है। इसके अलावा पीतल के बर्तन भी लोगों को खूब भा रहे हैं। जिसमें थाली सेट,पूजा आइटम और अन्य सामान शामिल हैं। त्योहार पर महिलाएं अपनी सामर्थ्य के अनुसार कुछ न कुछ जरूर खरीदती है।

इसलिए पहले ही दुकानदारों ने तांबे का लोटा, गिलास, थाली , बाल्टी, भगोना, कुकर,पूजा थाली , कटोरी आदि बर्तनों का स्टाॅक कर दुकानों को सजा दिया गया है। जिले में ज्ञानपुर, गोपीगंज, भदोही, सुरियावां, घोसिया, खमरिया, न‌ई बाजार, महराजगंज, बाबूसराय, मोढ़ अभोली सहित अन्य बाजारों में बर्तनों की दुकानें सज चुकी है।

अस्पताल सील संचालन पर होगी कार्रवाई


भदोही। गलत इंजेक्शन लगाने के मामले में स्वास्थ्य विभाग की ओर से कड़ी कार्रवाई की गई है। सुंदरपुर- उमरपुर में संचालित प्राइवेट अस्पताल को सील किया गया है। चिकित्सक पर भी कार्रवाई की जाएगी।

मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ संतोष कुमार चक ने कहा कि जांच में अस्पताल पर इंजेक्शन लगाने वाले के पास कोई डिग्री ही नहीं है। अस्पताल भी दूसरे के नाम से पंजीकृत है। कसिदहां गांव निवासी एक व्यक्ति की 25 अक्टूबर को इंजेक्शन लगाने के बाद तबीयत बिगड़ी गई और उसकी मौत हो गई।

स्वास्थ्य विभाग ने मामले की जांच के लिए दो टीमें गठित की। मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ संतोष कुमार चक ने पहली जांच में क्लीन चिट देने वाले जांच अधिकारी एसीएमओ वेतन रोककर उन्हें जांच टीम से हटा दिया। बाद में दो सदस्यीय टीम गठित की गई। जांच टीम ने 13 दिन बाद अपनी रिपोर्ट दी।

टीम ने कहा कि क्लीनिक संचालन कोई मानक ही नहीं है। जो क्लीनिक चल रही है। इसका लाइसेंस धारक दूसरा चिकित्सक है। क्लीनिक के नाम पर एक मेडिकल स्टोर है। उसी में मरीजों को भर्ती किया जाता है।

डाकिए भी बनाएंगे जीवन प्रमाणपत्र,70 रुपए शुल्क देकर भाग - दौड़ से बचेंगे पेंशचर


भदोही। पेंशनरों को जीवन प्रमाणपत्र जमा करने के लिए कोषागार या बैंक जाने की जरूरत नहीं है। डाकघर के पोस्टमैन या ग्रामीण डाक सेवक ले लाइफ सर्टिफिकेट 70 रुपए देकर बनवाया जा सकता है। यह प्रमाणपत्र सीधे संबंधित विभाग को पहुंच जाएगा।

डाक विभाग ने पेंशन भोगियों को बड़ी राहत दी है। पेंशनर घर बैठे अपना जीवित प्रमाणपत्र बनवा सकेंगे। जिले में 14 उपडाकघर और 89 शाखा डाकघर है। इनमें जाकर या डाकिया के माध्यम से प्रमाणपत्र बनवाया जा सकता है। ज्ञानपुर डाकघर के मंडलीय प्रभारी विकास वर्मा कहा कि डाक विभाग के माध्यम से सभी विभागों के पेंशनरों को घर बैठे डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट प्रदान करने की सुविधा प्रदान की जा रही है। पेंशनर इस सुविधा के लिए अपने क्षेत्र के डाकिए से संपर्क कर सकते हैं।

पोस्ट इंफो मोबाइल एप पर भी अनुरोध कर सकते हैं। पेंशनर को आधार नंबर, मोबाइल नंबर, बैंक या डाकघर खाता संख्या और पीपीओ नंबर देना होगा। पेंशनरों को प्रत्येक वर्ष सामान्यतया नवंबर और दिसंबर माह में कोषागार, बैंक या संबंधित विभाग में जीवन प्रमाणपत्र प्रस्तुत करना होता है। इसके लिए दूरदराज इलाके के पेंशनरों को कोषागार आने में क‌ई बार कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में डाक विभाग की इस पहल से पेंशनरों को काफी सहूलियत मिलेगी।

इसके साथ-साथ पेंशनर डाकिया के माध्यम से घर बैठे पेंशन की धनराशि आधार पर आधारित पेमेंट सिस्टम से बैंक खाते से निकाल सकते हैं।