पटाखा फोड़ते वक्त बच्चों पर विशेष निगरानी
भदोही। आंख,हाथ व चेहरा को सुरक्षित रखकर ही दीपावली का पर्व मनाएं। पटाखा फोड़ते वक्त बच्चों की विशेष निगरानी रखें। वैध दुकान से ही पटाखा की खरीदारी करें। हंसी-खुशी के पर्व पर पटाखा फोड़ते में थोड़ी सी घातक हो सकता है।
बच्चों को ऐसा पटाखा दें जिसमें विस्फोट कम हो। तेज आवाज का पटाखा बच्चों का कान खराब कर सकता है। मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ संतोष कुमार चक ने बताया कि आतिशबाजी करते समय शरीर का अंग जलता है। तो तत्काल इलाज कराएं। जले हुए स्थान पर ठंडा पानी व बर्फ नहीं लगाना है। आतिशबाजी का प्रदूषण आंख, नाक व गले के अलावा फेफड़ों को भी प्रभावित करता है।
प्रदूषण से सांस व एलर्जी की समस्या होती है। बच्चों को पटाखा से दूरी ही रखें। वैध दुकान से ही पटाखा की खरीदारी करें। पटाखा फोड़ते वाले स्थान पर पानी व उपचार कीट रखना जरूरी है।
एक समय में एक ही व्यक्ति एक पटाखा फोड़े। जला हुआ पटाखा कदापि न छूएं। हवा में उड़ने वाले पटाखा को जलाने से पूर्व सीधा कर लें।
Nov 10 2023, 17:48