प्रदूषण बढ़ना स्वास्थ्य के लिए हो रहा खतरनाक, राजधानी दिल्ली के बाद जनपद में आफत आती देख बढ़ी चिंता


भदोही। गलीचों का शहर भदोही जनपद प्रदूषण की मार से कराह रहा है। वायु, ध्वनि,जल प्रदूषण का स्तर यहां पर रिकार्ड तोड़ रहा है। परिणामस्वरूप लोग संक्रामक बीमारियों की जद में आ रहे हैं। इस बीच, बृहस्पतिवार को पूरे दिन आसमान में प्रदूषण रुपी चादर से ढका रहने के बाद आम आदमी की धड़कनें बढ़ गई। लोगों में पूरे दिन इसी की चर्चा रही।

चाय, पान की दुकानों से लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों पर लोग राय व्यक्त करते देखे ग‌ए। जनपद में इधर चार दिनों से धुंध से दस्तक दी थी। फलस्वरूप बृहस्पतिवार की सुबह आठ बजे के बाद भगवान भाष्कर के दर्शन लोगों को हुए। पहरे तो लोगों ने सोचा कि कोहरे का आगमन हो गया है। लेकिन बाद में सच्चाई पता चलने पर पैरों तले जमीन खिसक गई।

दिल्ली में पिछले कई दिनों से डेरा डाले स्माग और गहरे वायु प्रदूषण के बारे में मीडिया से जानकारी होने के बाद चिताएं बढ़ गई है।

धनतेरस पर चमका बर्तनों का बाजार,बीते साल की अपेक्षा 10 से 15 फीसदी गिरे बर्तनों के दाम

भदोही। दीपावली पर्व को लेकर बाजार में रौनक बढ़ गई है। धनतेरस के त्योहार को लेकर बर्तनों के बाजार में रौनक देखी जा रही है। बर्तन कारोबारी की उम्मीद लगाए हुए हैं और इस बार लोगों की पंसद को ध्यान में रखकर बाजार में न‌ए- न‌ए आइटम आए हैं। जिसमें लोग स्टील से लेकर पीतल के बर्तनों को खूब पसंद कर रहे हैं। धन, धान्य और ऐश्वर्य का त्योहार धनतेरस शुक्रवार को मनाया जाएगा।

इसको लेकर बाजार सज चुके हैं। धनतेरस पर अधिकांश लोग स्टील, पीतल, तांबे के बर्तनों की खरीदारी करना शुभ मानते हैं। इसके चलते बर्तन बाजार में खासी रौनक बनी हुई है। अच्छी बात यह है कि पिछले वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष बर्तनों के दामों में 5 से 10 फीसदी गिरावट आई है। स्टील, बर्तनों में क्रिस्टल गैस चूल्हा, इंडक्शन चूल्हा और इंक्शन कुकर की मांग हैं। वहीं स्टील के आकर्षक पूजन,थाल, सिल्वर टच डिजाइन के बर्तनों की भरमार है। इसके अलावा पीतल के बर्तन भी लोगों को खूब भा रहे हैं। जिसमें थाली सेट,पूजा आइटम और अन्य सामान शामिल हैं। त्योहार पर महिलाएं अपनी सामर्थ्य के अनुसार कुछ न कुछ जरूर खरीदती है।

इसलिए पहले ही दुकानदारों ने तांबे का लोटा, गिलास, थाली , बाल्टी, भगोना, कुकर,पूजा थाली , कटोरी आदि बर्तनों का स्टाॅक कर दुकानों को सजा दिया गया है। जिले में ज्ञानपुर, गोपीगंज, भदोही, सुरियावां, घोसिया, खमरिया, न‌ई बाजार, महराजगंज, बाबूसराय, मोढ़ अभोली सहित अन्य बाजारों में बर्तनों की दुकानें सज चुकी है।

अस्पताल सील संचालन पर होगी कार्रवाई


भदोही। गलत इंजेक्शन लगाने के मामले में स्वास्थ्य विभाग की ओर से कड़ी कार्रवाई की गई है। सुंदरपुर- उमरपुर में संचालित प्राइवेट अस्पताल को सील किया गया है। चिकित्सक पर भी कार्रवाई की जाएगी।

मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ संतोष कुमार चक ने कहा कि जांच में अस्पताल पर इंजेक्शन लगाने वाले के पास कोई डिग्री ही नहीं है। अस्पताल भी दूसरे के नाम से पंजीकृत है। कसिदहां गांव निवासी एक व्यक्ति की 25 अक्टूबर को इंजेक्शन लगाने के बाद तबीयत बिगड़ी गई और उसकी मौत हो गई।

स्वास्थ्य विभाग ने मामले की जांच के लिए दो टीमें गठित की। मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ संतोष कुमार चक ने पहली जांच में क्लीन चिट देने वाले जांच अधिकारी एसीएमओ वेतन रोककर उन्हें जांच टीम से हटा दिया। बाद में दो सदस्यीय टीम गठित की गई। जांच टीम ने 13 दिन बाद अपनी रिपोर्ट दी।

टीम ने कहा कि क्लीनिक संचालन कोई मानक ही नहीं है। जो क्लीनिक चल रही है। इसका लाइसेंस धारक दूसरा चिकित्सक है। क्लीनिक के नाम पर एक मेडिकल स्टोर है। उसी में मरीजों को भर्ती किया जाता है।

डाकिए भी बनाएंगे जीवन प्रमाणपत्र,70 रुपए शुल्क देकर भाग - दौड़ से बचेंगे पेंशचर


भदोही। पेंशनरों को जीवन प्रमाणपत्र जमा करने के लिए कोषागार या बैंक जाने की जरूरत नहीं है। डाकघर के पोस्टमैन या ग्रामीण डाक सेवक ले लाइफ सर्टिफिकेट 70 रुपए देकर बनवाया जा सकता है। यह प्रमाणपत्र सीधे संबंधित विभाग को पहुंच जाएगा।

डाक विभाग ने पेंशन भोगियों को बड़ी राहत दी है। पेंशनर घर बैठे अपना जीवित प्रमाणपत्र बनवा सकेंगे। जिले में 14 उपडाकघर और 89 शाखा डाकघर है। इनमें जाकर या डाकिया के माध्यम से प्रमाणपत्र बनवाया जा सकता है। ज्ञानपुर डाकघर के मंडलीय प्रभारी विकास वर्मा कहा कि डाक विभाग के माध्यम से सभी विभागों के पेंशनरों को घर बैठे डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट प्रदान करने की सुविधा प्रदान की जा रही है। पेंशनर इस सुविधा के लिए अपने क्षेत्र के डाकिए से संपर्क कर सकते हैं।

पोस्ट इंफो मोबाइल एप पर भी अनुरोध कर सकते हैं। पेंशनर को आधार नंबर, मोबाइल नंबर, बैंक या डाकघर खाता संख्या और पीपीओ नंबर देना होगा। पेंशनरों को प्रत्येक वर्ष सामान्यतया नवंबर और दिसंबर माह में कोषागार, बैंक या संबंधित विभाग में जीवन प्रमाणपत्र प्रस्तुत करना होता है। इसके लिए दूरदराज इलाके के पेंशनरों को कोषागार आने में क‌ई बार कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में डाक विभाग की इस पहल से पेंशनरों को काफी सहूलियत मिलेगी।

इसके साथ-साथ पेंशनर डाकिया के माध्यम से घर बैठे पेंशन की धनराशि आधार पर आधारित पेमेंट सिस्टम से बैंक खाते से निकाल सकते हैं।

स्वदेशी झालरों और मिट्टी के दीयों की बढ़ी मांग


भदोही। दीपावली में कुछ ही दिन शेष रह गए हैं। ऐसे में बाजारों में दिवाली स्पेशल सजावटी सामनों की जमकर बिक्री हो रही है। खासकर से झालरों और डिजाइनर दीये की मांग सबसे अधिक है। इसके अलावा बाजार में झरने वाली लडियां और अन्य आकर्षण सामान लोगों को भा रहे हैं।

चाइनीज झालरों की अपेक्षा लोग झालरों की अपेक्षा लोग स्वदेशी झालरों की खरीदना पसंद कर रहे हैं। दीपावली को लेकर बाजार सज चुके हैं। बाजारों में रंग-बिरंगे झालरे जगमगा रही है। जिसमें हरे, पीले, नीले, गुलाबी, मल्टी कलर अपनी ओर लोगों को आकर्षित कर रही है। जिन्हें रिमोट से भी कंट्रोल किया जा सकता है।

जिले में गोपीगंज और भदोही के बाजारों में एक से बढ़कर आकर्षक झालरें दिख रही है। वहीं ज्ञानपुर, सुरियावां, जंगीगंज और चौरी जैसे बाजारों में भी इलेक्ट्रॉनिक आइटमों की दुकानों पर अच्छी - खासी भीड़ देखी जा रही है। हर तरफ रंग-बिरंगे झालर , झूमर,स्टील कैंडल,मक्खी लाइट, मोमबत्ती लाइट छाई हुई है।

संजय कुमार गुप्ता ने बताया कि इस बार पानी के दिये की मांग अधिक है। लोग पहले से आर्डर दे रहे हैं। बताया कि झरने वाली लड़िया इस बार बाजार में कुछ खास आइटम तो नहीं आया है, लेकिन जो आया है। उसे लोग पसंद कर रहे हैं। बताया कि सभी रंग-बिरंगी लड़ियों में एल‌ईडी बल्ब लगे हुए हैं। इस कारण बिजली की खपत कम होती है और रोशनी भी ज्यादा देती है।

दीपावली पर घरों को आकर्षक दिखने के लिए लाइट बनाईं गई है। सभी लाइट में एल‌ईडी बल्ब का प्रयोग किया गया है, जो घरों की सुंदरता में चार चांद लगाएगी। बताया कि बीते साल के मुकाबले इस साल दाम 25 से 30 फीसदी तक कम हुए हैं। स्वदेशी लाइटों की मांग अधिक है। यह टिकाऊ भी है और इसे काफी पसंद भी कर रहे हैं।

ज्ञानपुर के वेडिंग जोन में नहीं लग रही दुकानें

भदोही। विभुति नारायण राजकीय इंटर कॉलेज गेट के पास वेडिंग जोन बनकर तैयार है लेकिन वहां दुकानें नहीं लग रही है। नगर पंचायत प्रशासन द्वारा इसमें दुकान चलाने को 19 दुकानदारों को प्रणामपत्र दिया जा चुका है।

विडंबना ही है कि एक वर्ष बाद भी यहां दुकान नहीं लग रही है। नगरीय इलाका में जाम की समस्या नहीं उत्पन्न हो इसलिए नगर पंचायत प्रशासन द्वारा वेडिंग जोन बनवाया गया था। एक वर्ष पूर्व इसका उद्घाटन भी कर दिया गया था। उस समय दो चार दुकानें खोली गई थी।

यहां दुकान न लगने से लगने में क‌ई स्थानों पर जमा की विकट समस्या आए दिन खड़ी हो जाती है।

65 लाख की अंग्रेजी शराब बरामद, ट्रक से झारखंड ले जा रहे दो अंतरराज्यीय तस्कर भी गिरफ्तार

भदोही। थाना भदोही व स्वाट की संयुक्त टीम ने नेशनल तिराहे पर रात्रि चेकिंग के दौरान ट्रक पर लदे 740 पेटी अवैध अंग्रेजी व्हिस्की शराब संग 02 अंतरराज्यीय तस्करों को दबोचने में कामयाबी हासिल की है। तस्कर पकड़ी गई 6602 लीटर इम्पीरियल ब्लू व्हिस्की अंग्रेजी शराब हरियाणा से ट्रक पर लादकर खपाने हेतु झारखंड ले जा रहे थे। बरामद अंग्रेजी शराब की कीमत 65 लाख, तो ट्रक वाहन की कीमत करीब 25 लाख रुपये बताई गई है। 

पुलिस मुकदमा दर्ज कर वैधानिक कार्रवाई में जुटी गई है। पुलिस सोनीपत निवासी ट्रक मालिक की तलाश करने व गिरफ्तार तस्करों के आपराधिक इतिहास खंगालने में भी जुटी हुई है।

एडीजी जोन वाराणसी के द्वारा अवैध मादक पदार्थों की अवैध तस्करी के विरुद्ध विशेष अभियान चलाया जा रहा है। इसी क्रम में पुलिस अधीक्षक डॉ. मीनाक्षी कात्यायन के कुशल निर्देशन में भदोही पुलिस जनपद के रास्ते हो रही अवैध मादक पदार्थों की तस्करी को लेकर बेहद सक्रिय है। रात्रि गस्त व चेकिंग के दौरान भदोही नेशनल तिराहे के पास थाना भदोही पुलिस व क्राइम ब्रांच की टीम ने एक संदिग्ध ट्रक को पकड़ा।

 जांच पड़ताल में ट्रक से व्यापक मात्रा में करीब 740 पेटी इंपीरियल ब्लू व्हिस्की अंग्रेजी शराब बरामद हुई। पुलिस ने ट्रक पर मौजूद दो अंतर्राज्यीय तस्करों को भी दबोचने में सफलता हासिल की। तस्करों ने पूछताछ में बताया कि वह उक्त अंग्रेजी शराब हरियाणा से क्रय कर 10 चक्का ट्रक पर लादकर झारखंड राज्य में महंगे दामों पर खपाने हेतु ले जा रहे थे। बरामद 6602 लीटर अवैध अंग्रेजी शराब की कीमत 65 लाख रुपए, जबकि 10 चक्का ट्रक वाहन की कीमत करीब 25 लाख रुपए सहित कुल बरामदगी 90 लाख की बताई जा रही है।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में जानकारी देते हुए अपर पुलिस अधीक्षक राजेश भारती ने बताया कि गिरफ्तार अंतरराज्यीय तस्कर रोहित गालयान एवं जोगिंदर सिंह पानीपत, राज्य-हरियाणा के रहने वाले हैं। मुकदमा दर्ज कर तस्करों के विरुद्ध वैधानिक कार्रवाई की जा रही है। बरामद ट्रक के मालिक गुरुजी उर्फ विजय निवासी सोनीपत, हरियाणा की तलाश की जा रही है। साथ ही तस्करों के आपराधिक इतिहास भी खंगाले जा रहे हैं। एसपी डॉ. मीनाक्षी कात्यायन ने गिरफ्तारी व बरामदगी करने वाली सफल पुलिसकर्मियों को 25 हजार रुपये इनाम देने की घोषणा की है।

जिले में घटे चार हजार परीक्षार्थी,यूपी बोर्ड की परीक्षाएं चुनाव से पहले कराने की तैयारियों में जुटे विभागीय अधिकारी

भदोही। यूपी बोर्ड परीक्षा में इस साल करीब चार हजार विद्यार्थियों की संख्या कम हो गई है। इसके कारण करीब 10 परीक्षा केंद्रों की संख्या भी घटेगी। जिला प्रशासन की ओर से इसे लेकर तैयारियों को अंतिम रूप देने का काम किया जा रहा है। बता दें कि आगामी साल मार्च-अप्रैल में लोकसभा के चुनाव होने हैं।

ऐसे में यूपी बोर्ड की परीक्षाओं को पहले कराने की तैयारियां विभागीय अधिकारियों की ओर से की जारी रही है। जिसे में भी माध्यमिक शिक्षा विभाग के अफसरों को इस दिशा निर्देश मिल चुके हैं। जिसके बाद से बोर्ड परीक्षा को लेकर सितंबर माह से ही तैयारियां शुरू कर दी गई थी।

बोर्ड फाॅर्म जमा होने के बाद करीब एक माह पहले परीक्षार्थियों की तस्वीर साफ हो गई है।विभागीय आंकड़ों पर गौर करें तो 2022-2023 की बोर्ड परीक्षा में हाईस्कूल में 16 हजार 380 छात्र 15 हजार 68 छात्राएं शामिल रही। जबकि इंटरमीडिएट में 14 हजार 114 छात्र और 12 हजार 300 छात्राएं पंजीकृत थी। हाईस्कूल और इंटरमीडिएट को मिलाकर 59 हजार 898 परीक्षार्थी में शामिल हुए।

जिला विद्यालय निरीक्षक विकालय भारती ने बताया कि सत्र 2023-2024 में बोर्ड परीक्षा के लिए 55 हजार 965 परीक्षार्थी पंजीकृत हैं। इसमें हाईस्कूल में 30 हजार 153 और इंटरमीडिएट में 25 हजार 812 परीक्षार्थी पंजीकृत कराए हैं।

कहा कि पिछले साल की अपेक्षा इस साल करीब चार हजार परीक्षार्थी कम हो ग‌ए है। पिछले साल 105 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे। विद्याथिर्यों की संख्या कम होने पर यह 10 कम यानी 95 तक हो सकती है।

डिजिटल एक्सरे के लिए पांच किमी की दौड़ लगा रहे टीबी मरीज

भदोही। 2025 तक सरकार देश को टीबी मुक्त बनाने की मिशन में जुटी हुई है, लेकिन जिले में टीबी मरीजों को सुविधाओं के लिए पापड़ बेलने पड़ रहे हैं। चिकित्सक को दिखाने के बाद डिजिटल एक्सरे कराने के लिए पीड़ितों को पांच किमी दूर जाना पड़ता है। इससे उन्हें परेशान होती है।

करीब एक दशक पूर्व सरकार ने देश को टीबी मुक्त बनाने का अभियान शुरू किया। 2025 तक उसे पूर्ण करना है। सरकार टीबी की रोकथाम, जागरूकता संग अन्य व्यवस्थाओं पर हर साल करोड़ो रूपये भी खर्च करती है। इसके बावजूद मरीजों को सुविधाएं नहीं मिल पाती है। विभाग के मुताबिक जिले में 1350 टीबी मरीज है। महाराजा चेतसिंह जिला चिकित्सालय में स्थित टीबी अस्पताल में मरीजों की जांच होती है।

यहां पर मैनुअल एक्सरे की व्यवस्था है, जबकि डिजिटल एक्सरे की व्यवस्था नहीं है। इसके लिए मरीजाें को पांच किमी दूर सरपतहां के सौ शैय्या अस्पताल जाना पड़ता है। शनिवार को अस्पताल आए मरीजों ने बताया कि डिजिटल एक्सरे के लिए मशक्कत करनी पड़ती है। विभाग की ओर से टीबी के मरीजों के लिए हर अस्पताल में संपूर्ण इलाज की व्यवस्था नहीं है। इससे मरीजों को परेशानी होती है। 100 शैय्या अस्पताल में ही टीबी अस्पताल है, लेकिन इसमें दवा रखी जाती है।

क्योंकि स्वास्थ्य विभाग के ड्रग वेयर हाऊस नहीं है। इसके कारण टीबी अस्पताल सहित सौ शैय्या के विभिन्न बिल्डिंग में कार्पोरेशन की दवा रखी जाती है। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक आगामी छह महीने में ड्रग वेयर हाऊस बनकर तैयार हो जाएगा। कॉर्पोरेशन की सारी दवा वहां पर शिफ्ट कर दी जाएगी। जिला क्षय रोग अधिकारी डाॅ. विवेक श्रीवास्तव ने बताया कि डिजिटल एक्सरे की जरुरत 100 में से पांच मरीज को पड़ती है।

जरुरत पड़ने पर ही मरीज को एक्सरे कराया जाता है। जिले में 1350 टीबी मरीजों का उपचार चल रहा है।

ढाई लाख बच्चों के इलाज लिए केवल पांच चिकित्सक,बालरोग विशेषज्ञ के सृजित नौ में से चार पद हैं खाली

भदोही। मौसम बदलते पर बच्चे सर्दी-जुकाम और वायरल बुखार की चपेट में आ जाते हैं। जनपद में नैनिहालों के उपचार लिए पर्याप्त बाल रोग विशेषज्ञ नहीं है।

स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक जनपद में बाल रोग विशेषज्ञ के नौ पद सृजित हैं। जिसमें से मात्र पांच चिकित्सक तैनात हैं। गोपीगंज, सुरियावां, दुर्गागंज और जिला चिकित्सालय में बच्चों के एक भी डॉक्टर नहीं है। यहां इलाज के लिए पहुंचने वाले बच्चे को दिक्कत होती है। जिले की आबादी करीब 28 लाख है।

इसमें पांच साल तक के करीब ढाई लाख बच्चे हैं। हर महीने लगभग 1200 नवजात शिशु जन्म लेते हैं। सृजित पद में बाल रोग विशेषज्ञ के आधे खाली है। स्वास्थ्य विभाग की तरफ से चिकित्सकों की तैयारी के लिए पत्र लिखे जाने का दावा किया जाता है। लेकिन क‌ई साल में पद रिक्त हैं। इससे अस्पतालों में आने वाले बच्चों को समुचित उपचार नहीं मिल पाता। सौ शैय्या अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ क‌ई माह छुट्टी पर हैं।

वहीं जिला चिकित्सालय में नवनियुक्त बाल रोग विशेषज्ञ पांच महीने बाद भी ज्वाइंन नहीं किए हैं। सुरियावां सीएचसी और दुर्गागंज में बच्चों के डाॅक्टर का पद सृजित नहीं है। जबकि बाल रोग विशेषज्ञ के दो पद सृजित हैं। लेकिन एक भी डॉक्टर न होने के कारण परिजनों को निजी अस्पतालों का रुख करना पड़ता है। दूसरे फिजिशियन ही उनको देखकर दवाएं देते हैं। वहीं महाराजा चेतसिंह जिला चिकित्सालय में हर रोज लगभग 1100 की ओपीडी होती है।

स्वास्थ्य व्यवस्था को बेहतर करने का प्रयास किया जा रहा है। जनपद में बाल रोग विशेषज्ञ के कुल नौ पद सृजित हैं, पांच की तैनाती है‌। जिला अस्पताल में बाल रोग विशेषज्ञ ने अभी तक ज्वाइन नहीं किया है। न‌ए चिकित्सकों की तैनाती के लिए शासन को पत्र लिखा गया है।

डॉ संतोष कुमार चक मुख्य चिकित्साधिकारी