कृषि विज्ञान केन्द्रों की दो दिवसीय मध्यावधि समीक्षा कार्यशाला हुई सम्पन्न
कानपुर।भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद अटारी, जोन तृतीय, कानपुर द्वारा कृषि जलावायु क्षेत्र के 24 कृषि विज्ञान केन्द्रो के लिये आयोजित की जा रही दो दिवसीय मध्यावधि समीक्षा कार्यशाला के दूसरे एवं अंतिम दिन 11 कृषि विज्ञान केन्द्रों द्वारा अपने कृषि विज्ञान केन्द्र की 2024 की कार्ययोजना का प्रस्तुतिकरण दिया गया।
डा. ओ.पी. सिंह, पूर्व निदेशक प्रसार सरदार वल्लभभाई पटेल कृ.एवं. प्रौ. विवि., मेरठ, डा. पी.के. सिंह, निदेशक प्रसार, सरदार वल्लभभाई पटेल कृ.एवं. प्रौ. विवि., मेरठ,भाकृअनुप-अटारी कानपुर से डा. राघवेन्द्र सिंह, प्रधान वैज्ञानिक एवं डा. सीमा यादव, वैज्ञानिक तथा उत्तर प्रदेश के भाबर और तराई, पश्चिमी मैदानी और मध्य पश्चिमी मैदानी कृषि जलावायु क्षेत्र के 24 कृषि विज्ञान केन्द्रों के अध्यक्ष एवं विषय वस्तु विशेषज्ञों ने भी कार्यशाला में उपस्थित रह कर अपनी सक्रीय भागीदारी को सुनिश्चित किया।
डा. पी.के. सिंह, निदेशक प्रसार, सरदार वल्लभभाई पटेल कृ.एवं. प्रौ. विवि., मेरठ ने कहा कि किसानों फसल में बीमारी व कीट आदि क्षेत्रीय समस्याओं को देखते हुए कृषि विज्ञान केन्द्रों को परिस्थिती वाले जिलों के अनुसार अलग-अलग समूह में बांट कर प्रक्षेत्र परीक्षण का डिजाइन तैयार किये जायें जिससे किसानों की समस्याओं का समाधान हो सके। इस अवसर पर डा. शान्तनु कुमार दुबे, निदेशक, भाकृअनुप, अटारी, कानपुर ने समस्त कृषि विज्ञान केन्द्रों के अध्यक्ष एवं विषय वस्तु विशेषज्ञों के कार्यक्षेत्र की समस्याओं को सुना और समस्याओं के निराकरण हेतु सुझाव भी दिये। उन्होंने प्रक्षेत्र परीक्षण (आन फार्म ट्रायल) की परिकल्पना, उद्देश्य और विधियों की विस्तार से जानकारी समस्त उपस्थित कृषि विज्ञान केन्द्रों के अध्यक्षों एवं वैज्ञानिकों को दी। उन्होंने कहा कि किसानों की समस्याओं के समाधान हेतु सभी केवीके को आनफार्म ट्रायल विकसित करने और कार्यान्वित करने की विशेष आवश्यकता है।
डा. दुबे ने कहा कि कार्यशाला में किसानों की समस्याओं के अनुरूप कार्ययोजना बना कर प्रक्षेत्र पदर्शन निर्धारित किये जायें। कार्यशाला में कृषि विज्ञान केन्द्रों द्वारा आडिट यूटिलाइजेशन सार्टिफिकेट, एग्रीड्रोन, प्रत्येक परियोजना के खाते एवं वित्तीय स्थिति, फसल अवशेष प्रबंधन परियोजना, निकरा परियोजना एवं प्राकृतिक खेती आदि पर विस्तार कृषि विज्ञान केन्द्रों के अध्यक्षों/वैज्ञानिकों एवं अटारी कानपुर के वैज्ञानिकों तथा अतिथि विशेषज्ञों द्वारा विस्तार से चर्चा की गई।
कार्यशाला के अन्त में डा. सीमा यादव, वैज्ञानिक, अटारी कानपुर द्वारा धन्यवाद ज्ञापन दिया गया। इस अवसर पर डॉ. राम नरेश, डॉ. राजीव सिंह और मोहिल कुमार एवं अन्य लोग मोजूद रहे।
Nov 07 2023, 20:02