डिजिटल एक्सरे के लिए पांच किमी की दौड़ लगा रहे टीबी मरीज
भदोही। 2025 तक सरकार देश को टीबी मुक्त बनाने की मिशन में जुटी हुई है, लेकिन जिले में टीबी मरीजों को सुविधाओं के लिए पापड़ बेलने पड़ रहे हैं। चिकित्सक को दिखाने के बाद डिजिटल एक्सरे कराने के लिए पीड़ितों को पांच किमी दूर जाना पड़ता है। इससे उन्हें परेशान होती है।
करीब एक दशक पूर्व सरकार ने देश को टीबी मुक्त बनाने का अभियान शुरू किया। 2025 तक उसे पूर्ण करना है। सरकार टीबी की रोकथाम, जागरूकता संग अन्य व्यवस्थाओं पर हर साल करोड़ो रूपये भी खर्च करती है। इसके बावजूद मरीजों को सुविधाएं नहीं मिल पाती है। विभाग के मुताबिक जिले में 1350 टीबी मरीज है। महाराजा चेतसिंह जिला चिकित्सालय में स्थित टीबी अस्पताल में मरीजों की जांच होती है।
यहां पर मैनुअल एक्सरे की व्यवस्था है, जबकि डिजिटल एक्सरे की व्यवस्था नहीं है। इसके लिए मरीजाें को पांच किमी दूर सरपतहां के सौ शैय्या अस्पताल जाना पड़ता है। शनिवार को अस्पताल आए मरीजों ने बताया कि डिजिटल एक्सरे के लिए मशक्कत करनी पड़ती है। विभाग की ओर से टीबी के मरीजों के लिए हर अस्पताल में संपूर्ण इलाज की व्यवस्था नहीं है। इससे मरीजों को परेशानी होती है। 100 शैय्या अस्पताल में ही टीबी अस्पताल है, लेकिन इसमें दवा रखी जाती है।
क्योंकि स्वास्थ्य विभाग के ड्रग वेयर हाऊस नहीं है। इसके कारण टीबी अस्पताल सहित सौ शैय्या के विभिन्न बिल्डिंग में कार्पोरेशन की दवा रखी जाती है। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक आगामी छह महीने में ड्रग वेयर हाऊस बनकर तैयार हो जाएगा। कॉर्पोरेशन की सारी दवा वहां पर शिफ्ट कर दी जाएगी। जिला क्षय रोग अधिकारी डाॅ. विवेक श्रीवास्तव ने बताया कि डिजिटल एक्सरे की जरुरत 100 में से पांच मरीज को पड़ती है।
जरुरत पड़ने पर ही मरीज को एक्सरे कराया जाता है। जिले में 1350 टीबी मरीजों का उपचार चल रहा है।
Nov 06 2023, 14:05