ढाई लाख बच्चों के इलाज लिए केवल पांच चिकित्सक,बालरोग विशेषज्ञ के सृजित नौ में से चार पद हैं खाली
भदोही। मौसम बदलते पर बच्चे सर्दी-जुकाम और वायरल बुखार की चपेट में आ जाते हैं। जनपद में नैनिहालों के उपचार लिए पर्याप्त बाल रोग विशेषज्ञ नहीं है।
स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक जनपद में बाल रोग विशेषज्ञ के नौ पद सृजित हैं। जिसमें से मात्र पांच चिकित्सक तैनात हैं। गोपीगंज, सुरियावां, दुर्गागंज और जिला चिकित्सालय में बच्चों के एक भी डॉक्टर नहीं है। यहां इलाज के लिए पहुंचने वाले बच्चे को दिक्कत होती है। जिले की आबादी करीब 28 लाख है।
इसमें पांच साल तक के करीब ढाई लाख बच्चे हैं। हर महीने लगभग 1200 नवजात शिशु जन्म लेते हैं। सृजित पद में बाल रोग विशेषज्ञ के आधे खाली है। स्वास्थ्य विभाग की तरफ से चिकित्सकों की तैयारी के लिए पत्र लिखे जाने का दावा किया जाता है। लेकिन कई साल में पद रिक्त हैं। इससे अस्पतालों में आने वाले बच्चों को समुचित उपचार नहीं मिल पाता। सौ शैय्या अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ कई माह छुट्टी पर हैं।
वहीं जिला चिकित्सालय में नवनियुक्त बाल रोग विशेषज्ञ पांच महीने बाद भी ज्वाइंन नहीं किए हैं। सुरियावां सीएचसी और दुर्गागंज में बच्चों के डाॅक्टर का पद सृजित नहीं है। जबकि बाल रोग विशेषज्ञ के दो पद सृजित हैं। लेकिन एक भी डॉक्टर न होने के कारण परिजनों को निजी अस्पतालों का रुख करना पड़ता है। दूसरे फिजिशियन ही उनको देखकर दवाएं देते हैं। वहीं महाराजा चेतसिंह जिला चिकित्सालय में हर रोज लगभग 1100 की ओपीडी होती है।
स्वास्थ्य व्यवस्था को बेहतर करने का प्रयास किया जा रहा है। जनपद में बाल रोग विशेषज्ञ के कुल नौ पद सृजित हैं, पांच की तैनाती है। जिला अस्पताल में बाल रोग विशेषज्ञ ने अभी तक ज्वाइन नहीं किया है। नए चिकित्सकों की तैनाती के लिए शासन को पत्र लिखा गया है।
डॉ संतोष कुमार चक मुख्य चिकित्साधिकारी
Nov 06 2023, 14:04