मिजोरम वो पहला पूर्वोत्तर राज्य होगा, जहां 2014 के बाद कांग्रेस जीतेगी,शशि थरूर का दावा

'

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद शशि थरूर ने कहा कि उनकी पार्टी मिजोरम में अगली सरकार बनाएगी। आइजोल में एक प्रेस वार्ता में केरल के तिरुवनंतपुरम से लोकसभा सांसद ने कहा कि मिजोरम पूर्वोत्तर का पहला राज्य होगा जहां 2014 के बाद भाजपा की केंद्र में सरकार बनने के बाद कांग्रेस सत्ता में लौटेगी।

बता दें कि, 2018 के विधानसभा चुनावों में मिजो नेशनल फ्रंट (MNF) के हाथों सत्ता गंवाने से पहले मिजोरम पूर्वोत्तर में आखिरी कांग्रेस शासित राज्य था। उन्होंने कहा कि कांग्रेस भारत की विविधता और ताकत का जश्न मनाती है, कमजोरियों का नहीं। 'कांग्रेस एक राष्ट्र, एक भाषा, एक कोड और एक संस्कृति का विरोध करेगी। हम एकरूपता के खिलाफ हैं। हमारा मानना है कि हम अपनी विविधता बनाए रखते हुए भी एकजुट रह सकते हैं।'

भाजपा के बारे में बोलते हुए, शशि थरूर ने कहा कि, 'भाजपा 2014 के बाद से अपने वादों को पूरा करने में कुख्यात रूप से विफल रही है - चाहे वह बैंक खातों में 15 लाख रुपये हो या 2 करोड़ नौकरियां।" बाद में, युवा पेशेवरों के साथ बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि बेरोजगारी वर्तमान में राज्य के सामने सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है। उन्होंने दावा किया कि नौकरी की तलाश कर रहे मिजोरम के 23 प्रतिशत से अधिक युवा बेरोजगार हैं।

शशि थरूर ने MNF सरकार पर निशाना साधते हुए उस पर रोजगार पैदा करने के अपने चुनाव पूर्व वादे को पूरा करने में विफल रहने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, एमएनएफ सरकार ने पिछले पांच वर्षों में केवल 2,200 नौकरियां पैदा की हैं। कांग्रेस सांसद ने दावा किया कि अकेले राज्य पुलिस में 4,100 से अधिक रिक्तियां हैं। 40 सदस्यीय मिजोरम विधानसभा के लिए चुनाव 7 नवंबर को एक ही चरण में होंगे और डाले गए वोटों की गिनती 3 दिसंबर को होगी।

छापेमारी से डरकर कांग्रेस कार्यकर्ता घर में नहीं बैठेंगे..', एमपी के बालाघाट से केंद्र सरकार पर बरसे मल्लिकार्जुन खड़गे

'

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि छत्तीसगढ़ में केंद्रीय एजेंसियों की हालिया छापेमारी कार्यकर्ताओं को हतोत्साहित नहीं कर सकती। उन्होंने कहा कि कांग्रेस छत्तीसगढ़ के साथ भाजपा शासित मध्य प्रदेश में भी विधानसभा चुनाव जीतेगी।

बता दें कि, खड़गे मध्य प्रदेश के नक्सल प्रभावित बालाघाट जिले के कटंगी कस्बे में एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि, 'मैं कल (शुक्रवार) छत्तीसगढ़ में था और मोदी (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी) और शाह (केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह) की फोर्स भी वहां थी। ED, CBI और IT छापों के माध्यम से वे हमारी पार्टी के कार्यकर्ताओं को आतंकित करना चाहते हैं ताकि वे अपने घरों में बैठ जाएं।' कांग्रेस सुप्रीमो ने कहा कि, 'वे सोच रहे हैं कि इन छापों के कारण कांग्रेस कार्यकर्ता घर बैठ जाएंगे और हतोत्साहित हो जाएंगे, लेकिन ऐसा नहीं होगा। कांग्रेस निश्चित रूप से छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में जीतेगी।'

कांग्रेस, भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर विभिन्न छापों के माध्यम से छत्तीसगढ़ में अपनी सरकार को निशाना बनाने के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ED), केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) और आयकर (IT) को हथियार बनाने का आरोप लगा रही है। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि मोदी ने एक बार ग्रामीण नौकरी गारंटी पहल "नरेगा योजना" की कड़ी आलोचना की थी, लेकिन उसी कार्यक्रम ने सरकार को COVID-19 महामारी के दौरान रोजगार प्रदान करने में मदद की। खड़गे ने कहा कि उनकी पार्टी 'हरित क्रांति' लेकर आई, जिसने देश को खाद्यान्न उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने के लिए कृषि उत्पादकता को बढ़ाया, और दावा किया कि वर्तमान सरकार उसी के कारण लाखों लोगों को मुफ्त राशन प्रदान करने में सक्षम है। 

उन्होंने कहा कि आज देश के करोड़ों लोग जिस मोबाइल फोन और कंप्यूटर का उपयोग कर रहे हैं, वह तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी की दूरदर्शिता के कारण संभव हुआ। खड़गे ने देश के विकास में पूर्व प्रधानमंत्रियों जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री के योगदान को भी याद किया और इस मुद्दे पर कांग्रेस पर सवाल उठाने के लिए मोदी की आलोचना की।

केरल में हादसे का शिकार हुआ भारतीय नौसेना का हेलीकॉप्टर, एक अफसर का दुखद निधन

केरल में शनिवार को दुखद हादसा हो गया। राज्य के कोच्ची में शनिवार दोपहर चेतक हेलीकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त हो जाने से नौसेना के एक अधिकारी की मौत हो गई। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, रनवे पर मौजूद नौसेना अधिकारी की हेलिकॉप्टर के रोटर ब्लेड की चपेट में आने से मौत हो गई।

जानकारी के अनुसार, यह दुर्घटना यहां नौसेना मुख्यालय में INS गरुड़ रनवे पर हुई। शुरुआती रिपोर्टों में दावा किया गया है कि दुर्घटना में हेलिकॉप्टर के पायलट समेत दो लोग घायल हो गए। दोनों का नौसेना मुख्यालय के संजीवनी अस्पताल में इलाज चल रहा है।

रिपोर्ट के अनुसार, शनिवार दोपहर करीब 2.30 बजे नियमित प्रशिक्षण के दौरान हेलिकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। भारतीय नौसेना की ओर से आधिकारिक पुष्टि का इंतजार है। हादसे के बाद कोच्चि हार्बर पुलिस मौके पर पहुंच गई है।

कांग्रेस मतलब- भ्रष्टाचार, कमीशन और सांप्रदायिक दंगे..', मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले अमित शाह ने साधा निशाना

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विधानसभा चुनाव से पहले मध्य प्रदेश में एक सार्वजनिक बैठक को संबोधित किया। अपने भाषण के दौरान, उन्होंने कांग्रेस पार्टी की कड़ी आलोचना की और उस पर भ्रष्टाचार, कमीशन, सांप्रदायिक दंगों और आपराधिक राजनीति वाले "4-सी फॉर्मूला" का पालन करने का आरोप लगाया। उन्होंने "डबल इंजन सरकार" की उपलब्धियों पर जोर देते हुए मतदाताओं से भाजपा का समर्थन करने का आग्रह किया, जिसने मध्य प्रदेश को बीमारू राज्य (अविकसित राज्यों को दर्शाने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला शब्द) से एक समृद्ध राज्य में बदल दिया।

अमित शाह ने कमल नाथ पर भी निशाना साधा और सुझाव दिया कि अगर कांग्रेस सत्ता में आई तो वह लाडली बहना और किसान सम्मान निधि जैसी योजनाओं को बंद करके लोक कल्याण पर स्व-हित को प्राथमिकता देगी। उन्होंने विकास और सुशासन के प्रति भाजपा की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला। शाह ने कमल नाथ को 2002 में अपने कार्यकाल के दौरान राज्य के बजट की तुलना वर्तमान बजट से करने की चुनौती दी, जो भाजपा सरकार के तहत महत्वपूर्ण प्रगति को दर्शाता है। उन्होंने डॉ. भीमराव अंबेडकर की विरासत की सराहना की और ऐतिहासिक रूप से उनकी उपेक्षा करने के लिए कांग्रेस की आलोचना की, उन्होंने बताया कि नरेंद्र मोदी सरकार ने दलितों और आदिवासियों के लिए बजट में लगातार वृद्धि की है।

अमित शाह ने कमल नाथ की संभावित वापसी के बारे में चिंता व्यक्त की, जिन पर अपने पिछले कार्यकाल के दौरान भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने और गरीबों के लिए शिवराज सिंह चौहान सरकार के कल्याण कार्यक्रमों में बाधा डालने का आरोप लगाया गया था। शाह ने चेतावनी दी कि अगर कमल नाथ सत्ता संभालते हैं तो लाडली बहना योजना और किसानों के लिए वित्तीय सहायता जैसी योजनाएं बंद की जा सकती हैं। गृह मंत्री ने मतदाताओं से भाजपा का समर्थन करने और मध्य प्रदेश में हासिल की गई विकास गति को बनाए रखने का आग्रह किया।

यह देश बाबर का नही, रघुवर का है, चादर और फादर के निकट न जाएं लोग, देहरादून में बोले धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री

बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर आचार्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री शनिवार को देहरादून पहुंचे। परेड ग्राउंड के खेल मैदान में उनका दिव्य दरबार लगा। उन्होंने एक बार फिर भारत को हिन्दू राष्ट्र की मांग दोहराई। हर बार की तरह ही उन्होंने लोगों के पर्चे खोले ओर उनकी समस्या के बारे में बात की। उनके दरबार को लेकर भक्तों में खासा उत्साह दिखा।

शनिवार को परेड ग्राउंड के खेल मैदान में पहली बार धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का दरबार लगा। रात 8:20 बजे धीरेंद्र शास्त्री मंच पर पहुंचे। धीरेंद्र शास्त्री ने मंच को प्रणाम करते हुए हनुमान जी के चरणों मे शीश नवाया। मंच पर सबसे पहले संतो ने सनातन की हुंकार भरी। धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि देवभूमि में कण कण में भगवान का वास है।

सौभाग्य है कि आप लोगों को देवभूमि में जन्म मिला। अब हर घर से एक बच्चा सनातन का कफ़न बांधकर निकलेगा। दुनिया की कोई भी शक्ति हनुमान जी के सामने टिक नहीं सकती। जब शरीर दूसरा खून स्वीकार नहीं कर सकता, तो हम दूसरे मजहब को क्यो स्वीकार करें। यह देश बाबर का नही, रघुवर का है।

पहले जमीनों पर कब्जा कर चादर डाल देते थे, अब जरूरत है बाबर को बेघर कर रघुवर का नाम बढ़ाया जाए। उत्तराखंड में यह काम होते दिख रहा है। जब उन्हें बागेश्वर नाम सुनाएंगे तो कोई चादर व फादर के निकट नहीं आएगा। यह उद्गार पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने व्यक्त किए।

श्री पशुपतिनाथ मंदिर भारत चैरिटेबल ट्रस्ट की ओर से आयोजित इस दिव्य दरबार को शाम चार बजे से शुरू होना था, लेकिन मुंबई से दून पहुंचने के दौरान पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के विमान को दो बार इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ी। लिहाजा वह रात आठ बजकर 21 मिनट पर परेड मैदान पहुंचे। इस दौरान उन्होंने देरी से आने का कारण बताया और इंतजार के लिए खेद भी व्यक्त किया।

यहां सनातन और सनातन राष्ट्र

धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि उत्तराखंड भारत का शीश है। जिस तरह से सनातन का सिर ऊंचा होगा, उसमें उत्तराखंड ऊपर रहेगा। हमें उत्तराखंड में आकर सिर्फ सनातन और सनातन राष्ट्र दिख रहा है। यहां जन्म लेने वाले सौभाग्शाली हैं कि उन्हें देवताओं की भूमि मिली है। उन्होंने उत्तराखंड के पहाड़ों पर मस्जिद नहीं, राम मंदिर निर्माण का आह्वान भी किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी दरबार में पहुंचकर आशीर्वाद लिया।

देहरादून में जल्द पांच दिन लगाएंगे दरबार

धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि आज एक दिन का दरबार लगा। यह समय देहरादून के लिए कम है। हम जल्द ही देहरादून में पांच दिन का दिव्य दरबार लगाएंगे और देहरादून के पागलों का दम पिएंगे। इसके लिए बात हो गई है जल्द ही दरबार लगाया जाएगा। इस अवसर पर आयोजक निवृति यादव, अमित त्यागी मौजूद रहे।

पहले मेरी शादी कराओ तब चुनाव ड्यूटी में भेजो, मध्यप्रदेश विधानसभा के लिए ड्यूटी में भेजने से पहले एक शिक्षक ने रखी ये शर्त

मध्य प्रदेश में सियासी घमासान के बीच 17 नवंबर को वोटिंग होनी है। चुनाव के मद्देनजर सरकारी कर्मचारियों की भी ड्यूटी लगाई जाएगी। इसे लेकर सरकार की तरफ से उन्हें ट्रेनिंग दी जा रही है। लेकिन एक संस्कृत के टीचर ट्रेनिंग में नहीं गए। जब उनसे इसका जवाब मांगा गया तब वो शादी कराने की मांग करने लगे। जी हां... टीचर ने पत्र लिखकर शादी कराने और दहेज की मांग की है।

टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक, टीचर का नाम अखिलेश कुमार मिश्रा (35) है। वो सतना जिले के अमरपाटन में एक सरकारी स्कूल में संस्कृत के टीचर हैं। उन्हें 16-17 अक्टूबर को चुनाव में ड्यूटी के ट्रेनिंग के लिए बुलाया गया था। उनके ट्रेनिंग में शामिल नहीं होने पर 27 अक्टूबर को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया गया। नोटिस में टीचर से पूछा गया कि इस लापरवाही के लिए उन्हें सस्पेंड क्यों न किया जाए?

और कर दी शादी की मांग

नोटिस का जवाब देते हुए टीचर अखिलेश कुमार मिश्रा ने लिखा, 'मेरी पूरी जिंदगी पत्नी के बगैर कटी है। अब तक की सारी रातें बर्बाद हो गई हैं। सबसे पहले मेरी शादी कराओ।' लेटर में अखिलेश ने साढ़े तीन लाख रुपए दहेज की भी मांग की है। साथ ही एक फ्लैट खरीदने के लिए लोन की मंजूरी कराने की भी बात कही है। लेटर के अंत में उन्होंने लिखा कि 'मैं क्या करूं? मेरे पास शब्द नहीं हैं। आप ज्ञान के सागर हैं।'

टीचर अखिलेश कुमार मिश्रा के इस जवाब के बाद जिला कलेक्टर ने उन्हें सस्पेंड कर दिया। रिपोर्ट के मुताबिक, अखिलेश फोन का इस्तेमाल नहीं करते हैं। उनके साथ काम करने वाले कुछ लोगों ने बताया कि वो कुछ सालों से तनाव में हैं, नहीं तो इस तरह का लेटर कौन लिखता है। उनके सहकर्मियों ने बताया कि पिछले एक साल से वो फोन का इस्तेमाल भी नहीं कर रहे हैं।

अब मुझे संन्यास ले लेना चाहिए..', वसुंधरा राजे के बयान से चढ़ा राजस्थान का सियासी पारा, क्या CM बदलेगी भाजपा

राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा की दिग्गज नेत्री वसुंधरा राजे ने कहा है कि उन्हें लगता है कि वह अब संन्यास ले सकती हैं। राजे की टिप्पणी तब आई जब उनके बेटे, दुष्यंत सिंह, जो लोकसभा में झालावाड़-बारां का प्रतिनिधित्व करते हैं, पहले से ही एक जन प्रतिनिधि के रूप में प्रगति कर रहे हैं। झालावाड़ में एक सार्वजनिक बैठक में बोलते हुए, जहां उनका बेटा भी मौजूद था, राजे ने कहा कि, "अपने बेटे की बात सुनने के बाद, मुझे लगता है कि मुझे संन्यास ले लेना चाहिए क्योंकि आप सभी ने उसे इतनी अच्छी तरह से प्रशिक्षित किया है कि मुझे उस पर दबाव डालने की जरूरत नहीं है।"

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि, "सभी विधायक यहां हैं और मुझे लगता है कि उन पर नजर रखने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि वे अपने दम पर लोगों के लिए काम करेंगे। यह झालावाड़ है।" राजे ने सड़कों, जल आपूर्ति परियोजनाओं और हवाई और रेल कनेक्टिविटी का उल्लेख करते हुए पिछले तीन दशकों में क्षेत्र में विकास कार्यों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि, "आज लोग पूछते हैं कि झालावाड़ कहां है। लोग यहां निवेश करना चाहते हैं।"

वसुंधरा राजे ने सरकारी भर्ती प्रश्नपत्र लीक की घटनाओं और बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर राज्य में कांग्रेस सरकार पर हमला करते हुए कहा कि, राजस्थान तभी फिर से नंबर एक राज्य बनेगा, जब लोग भाजपा को आगे ले जाने के लिए काम करेंगे। राजे 25 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए शनिवार को झालावाड़ विधानसभा क्षेत्र से अपना नामांकन पत्र दाखिल करने के लिए तैयार हैं। बता दें कि, पिछले कई महीनों से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के चुनाव जीतने पर पांच बार के सांसद और चार बार के विधायक की भूमिका को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं। माना जा रहा है कि, चुनाव जीतने पर इस बार भाजपा राज्य में मुख्यमंत्री बदल सकती है, इस बीच वसुंधरा राजे के इस बयान ने सियासी पारे को और बढ़ा दिया है। 200 सदस्यीय विधानसभा के चुनाव के लिए वोटों की गिनती 3 दिसंबर को होगी।

'अब मुझे संन्यास ले लेना चाहिए..', वसुंधरा राजे के बयान से चढ़ा राजस्थान का सियासी पारा, क्या CM बदलेगी भाजपा

राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा की दिग्गज नेत्री वसुंधरा राजे ने कहा है कि उन्हें लगता है कि वह अब संन्यास ले सकती हैं। राजे की टिप्पणी तब आई जब उनके बेटे, दुष्यंत सिंह, जो लोकसभा में झालावाड़-बारां का प्रतिनिधित्व करते हैं, पहले से ही एक जन प्रतिनिधि के रूप में प्रगति कर रहे हैं। झालावाड़ में एक सार्वजनिक बैठक में बोलते हुए, जहां उनका बेटा भी मौजूद था, राजे ने कहा कि, "अपने बेटे की बात सुनने के बाद, मुझे लगता है कि मुझे संन्यास ले लेना चाहिए क्योंकि आप सभी ने उसे इतनी अच्छी तरह से प्रशिक्षित किया है कि मुझे उस पर दबाव डालने की जरूरत नहीं है।"

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि, "सभी विधायक यहां हैं और मुझे लगता है कि उन पर नजर रखने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि वे अपने दम पर लोगों के लिए काम करेंगे। यह झालावाड़ है।" राजे ने सड़कों, जल आपूर्ति परियोजनाओं और हवाई और रेल कनेक्टिविटी का उल्लेख करते हुए पिछले तीन दशकों में क्षेत्र में विकास कार्यों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि, "आज लोग पूछते हैं कि झालावाड़ कहां है। लोग यहां निवेश करना चाहते हैं।"

वसुंधरा राजे ने सरकारी भर्ती प्रश्नपत्र लीक की घटनाओं और बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर राज्य में कांग्रेस सरकार पर हमला करते हुए कहा कि, राजस्थान तभी फिर से नंबर एक राज्य बनेगा, जब लोग भाजपा को आगे ले जाने के लिए काम करेंगे। राजे 25 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए शनिवार को झालावाड़ विधानसभा क्षेत्र से अपना नामांकन पत्र दाखिल करने के लिए तैयार हैं। बता दें कि, पिछले कई महीनों से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के चुनाव जीतने पर पांच बार के सांसद और चार बार के विधायक की भूमिका को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं। माना जा रहा है कि, चुनाव जीतने पर इस बार भाजपा राज्य में मुख्यमंत्री बदल सकती है, इस बीच वसुंधरा राजे के इस बयान ने सियासी पारे को और बढ़ा दिया है। 200 सदस्यीय विधानसभा के चुनाव के लिए वोटों की गिनती 3 दिसंबर को होगी।

जानिए, पूरी कहानी, चुनाव से पहले सत्ता में रहकर सट्टे का खेल..! 500 करोड़ के फेर में कैसे फंसे सीएम भूपेश बघेल

छत्तीसगढ़ में आगामी विधानसभा चुनावों से पहले, केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को लेकर बड़ा दावा किया है, जिससे भाजपा को हमला शुरू करने का मौका मिल गया है। ED ने बघेल पर महादेव सट्टेबाजी ऐप के प्रमोटरों से हवाला के जरिए धन प्राप्त करने का आरोप लगाया है। इसके जवाब में, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने राज्य में कांग्रेस के शासन के दौरान सट्टेबाजी गतिविधियों की व्यापकता पर प्रकाश डालते हुए कांग्रेस और बघेल के लिए कई सवाल दागे हैं।

 

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने सीएम बघेल को संबोधित करते हुए पूछा कि क्या यह सही है कि असीम दास द्वारा शुभम सोनी के माध्यम से छत्तीसगढ़ में कांग्रेस नेताओं को धन भेजा जा रहा था। उन्होंने यह भी सवाल किया कि क्या शुभम सोनी के वॉयस मैसेज के जरिए बघेल को चुनाव खर्च के लिए पैसे दिए गए थे, और क्या 2 नवंबर को होटल ट्राइटन में तलाशी के दौरान असीम दास के पास पैसे पाए गए थे। इसके अलावा, उन्होंने पूछा है कि क्या यह सच है कि धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत विभिन्न बैंक खातों से 15.5 करोड़ रुपये जब्त कर लिए गए। ईरानी के ये सवाल असीम दास से 5.3 करोड़ रुपये से अधिक की जब्ती के बाद हुई, जिस पर महादेव सट्टेबाजी ऐप से जुड़े होने का आरोप है। ईरानी ने दावा किया, 'सत्ता में रहकर सट्टा का खेल' मध्य प्रदेश कांग्रेस नेतृत्व का चेहरा बन चुका है।

इस बीच कांग्रेस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बीजेपी के आरोपों का जवाब दिया, जहां कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने दलील दी कि राजस्थान और छत्तीसगढ़ के आगामी विधानसभा चुनावों में बीजेपी की हार तय है। उन्होंने भाजपा पर ED और CBI जैसी केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया. वरिष्ठ कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने तर्क दिया कि बघेल के खिलाफ आरोप उनकी छवि खराब करने की साजिश का हिस्सा हैं, और दावा किया कि लोग आगामी चुनावों में भाजपा को उचित जवाब देंगे।

 

स्मृति ईरानी के आरोपों का जवाब देते हुए वेणुगोपाल ने कथित तौर पर दुबई से संचालित हो रहे महादेव सट्टेबाजी ऐप के खिलाफ केंद्र सरकार की ओर से कार्रवाई नहीं किए जाने पर सवाल उठाए। उन्होंने पूछा कि अधिकारी इस ऐप के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं कर रहे हैं, जो स्पष्ट रूप से उनके अधिकार क्षेत्र में आता है। उन्होंने भाजपा पर दुर्भावनापूर्ण अभियान में ईडी का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया और विश्वास जताया कि छत्तीसगढ़ के लोग इन प्रयासों का जोरदार जवाब देंगे।

 ED का दावा

ED के दावों से पता चलता है कि फोरेंसिक विश्लेषण और "कैश कूरियर" के बयानों से इन आरोपों का खुलासा हुआ है कि महादेव ऐप प्रमोटरों ने मुख्यमंत्री बघेल को लगभग 508 करोड़ रुपये का भुगतान किया था। इन आरोपों की अभी जांच चल रही है। भाजपा ने इसका लाभ उठाते हुए कांग्रेस पर छत्तीसगढ़ में अपने चुनाव अभियान के लिए अवैध सट्टेबाजों द्वारा लाए गए हवाला फंड का उपयोग करने का आरोप लगाया। उन्होंने कथित तौर पर 500 करोड़ रुपये से अधिक की रिश्वत लेने के लिए भी बघेल पर निशाना साधा।

अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा में देश के हस्तियों को दिया जा रहा है न्यौता।

राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी 2024 को दोपहर 12 बजे से अपराह्न 12 : 45 तक होगी जिसे वाराणसी के संत लक्ष्मी कांत दीक्षित कराएंगे। इसके अगले दिन से ही राम भक्त रामलला के दर्शन कर सकेंगे। यह जानकारी रामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय ने दी है। उन्होंने कहा कि 

रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की तिथि करीब आ रही है। नव निर्मित मंदिर में पूजा-पाठ से लेकर न्योते तक का कार्य प्रगति पर है। प्राण प्रतिष्ठा के अगले दिन यानी 23 जनवरी से राम भक्त रामलला के दर्शन कर सकेंगे। उम्मीद की जा रही है कि 16 जनवरी से प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम शुरू हो जाएगा।

 

महामंत्री चंपत राय ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने का निमंत्रण स्वीकार कर लिया है। राम मंदिर ट्रस्ट की तरफ से चार प्रतिनिधि मंडल के दलों ने पीएम से शिष्टाचार मुलाकात कर उन्हें आमंत्रण दिया था। वहीं आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत भी पूजन में शामिल होंगे। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल प्रोटोकाल शिष्टाचार के तहत प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में उपस्थित रहेंगे।

 

इधर राम मंदिर के उद्घाटन की तैयारी जोरों पर है। होटलों में बुकिंग फुल होने लगी है। प्रोजेक्ट को ग्रीनफील्ड टाउनशिप अयोध्या का नाम दिया गया है। चंपत राय ने बताया कि देश की सभी पूजा-पद्धतियों के 4000 संत प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होंगे। संत समाज से हटकर अलग-अलग क्षेत्रों से 2500 लोग जैसे वैज्ञानिक , कलाकर , परमवीर चक्र से सम्मानित परिवार , शहीद कार सेवकों के परिवारों को भी आमंत्रित किया जा रहा है। राम जन्मभूमि परिसर में अंदर में बैठने की सीमा तय है। प्राण प्रतिष्ठा में आमंत्रित मेहमानों को अनिवार्य रूप से आधार कार्ड लाना होगा।

इस दौरान सबसे पहले प्रधानमंत्री पूजन करेंगे। इसके बाद ही आमंत्रित मेहमान रामलला के दर्शन कर सकेंगे। पूजन के दौरान करीब तीन घंटे से ज्यादा समय तक राम जन्मभूमि परिसर में बैठना पड़ेगा। ट्रस्ट ने वयोवृद्ध और अस्वस्थ मेहमानों से अपील की है कि वह प्राण प्रतिष्ठा के बाद दर्शन के लिए आएं।

 ट्रस्ट की तरफ से बताया गया है कि राम मंदिर आंदोलन में अहम भूमिका निभाने वाले व्यक्तियों के परिजनों को भी प्राण प्रतिष्ठा के लिए आमंत्रित किया जा रहा है। इसके अलावा 100 से ज्यादा प्रिंट मीडिया और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के मालिकों को भी इसमें आमंत्रित किए जाने का कार्य प्रगति पर है। प्राण प्रतिष्ठा को लेकर अयोध्या में उत्सवी माहौल दिखने लगा है।