बिहार राज्य के मुख्य सचिव आमिर सुबहानी से पूर्व मध्य रेल के महाप्रबंधक अनिल कुमार खंडेलवाल ने आज पटना में की मुलाकात


हाजीपुर-02.11.2023

बिहार राज्य के मुख्य सचिव श्री आमिर सुबहानी से पूर्व मध्य रेल के महाप्रबंधक श्री अनिल कुमार खंडेलवाल ने आज पटना में औपचारिक मुलाकात की । इस दौरान उन्होंने बिहार राज्य में चल रहे निर्माण परियोजनाओं से जुड़े जमीन अधिग्रहण से जुड़ी समस्याओं पर चर्चा की तथा आगामी छठ पर्व की तैयारियों के बारे में जानकारी दीं ।  

इसके साथ ही बिहार राज्य के पुलिस महानिदेशक श्री राजविंदर सिंह भट्टी से भी महाप्रबंधक महोदय ने पटना में औपचारिक मुलाकात की और रेल सुरक्षा से संबंधित कुछ पारस्परिक बिंदुओं तथा फेस्टिवल के दौरान ट्रेनों एवं स्टेशनों पर क्राउड मैनेजमेंट पर चर्चा की । 

छपरा मे बड़ा हादसा : नदी मे पलटी नाव, बचाए गए 9 लोग दो शव बरामद, 7 सात लोग अभी भी लापता
छपरा : जिले से एक बड़ी खबर सामने आई है. जहां मांझी थाना क्षेत्र के मटियार गांव के समीप सरयु नदी में नाव पलटने से उसपर सवार नाविक व तीन महिला समेत 09 लोग किसी तरह बचकर बाहर निकल गये. जबकि रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान दो महिलाओं के शव को बरामद कर लिया गया है. हालांकि अभी भी सात लोग लापता बताए जाते हैं. मृतक समेत बचे हुए सभी लोग मजदूर हैं. जो सरयु के पार परवल के डंठल की रोपनी करके नाव से अपने गांव मटियार लौट रहे थे. नाव पर 18 मजदूरों के सवार होने की बात बतायी जा रही है. प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रतिदिन की तरह नाव पर सवार होकर सभी मजदूर सरयु नदी के पार परवल के खेत में मजदूरी करने गए थे. खेत में काम करके देर शाम वे सभी नाव से अपने गांव लौट रहे थे. तभी नाव में सुराख होने के कारण पानी भरने लगा. उसके बाद नाविक के कहने पर सभी मजदूर नाव से पानी बाहर निकालने का प्रयास करने लगे. हालांकि तेजी से नाव के अंदर पानी भरने तथा लोड अधिक होने के कारण नाव किनारे पहुंचने के पहले हीं बीच नदी में डूब गई. उस दौरान नाविक समेत शत्रुघ्न बीन की पत्नी तारा देवी, धनजी प्रसाद की पुत्री रमिता कुमारी एवं मनजी प्रसाद की पुत्री पिंकी कुमारी सहित 09 लोग किसी तरह बच गये. जबकि सात लोग अभी भी लापता बताए जा रहे हैं. सूचना के बाद डीएम, एसपी और थाना अध्यक्ष भारी संख्या में पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और एनडीआरएफ टीम एवं गोताखोरों की मदद से दो महिला के शव को नदी से निकला गया. जबकि 7 शव अभी भी लापता बताए जा रहे हैं. मृतका मुन्ना प्रसाद की पत्नी छठिया देवी एवं शिव वचन प्रसाद की पत्नी फूल कुमारो देवी बताई गई हैं. इस मामले में घटना स्थल पर मौजूद सारा नियम अमन समीर ने बताया कि प्राप्त सूचना के अनुसार 18 लोग नाव पर तैनात थे. जिसमें 9 लोग किसी तरह बचकर निकल चुके हैं. जबकि दो महिला का शव नदी से बरामद किया गया है और सात लोग लापता है. छपरा से अभिषेक सिंह

छपरा : जिले से एक बड़ी खबर सामने आई है. जहां मांझी थाना क्षेत्र के मटियार गांव के समीप सरयु नदी में नाव पलटने से उसपर सवार नाविक व तीन महिला समेत 09 लोग किसी तरह बचकर बाहर निकल गये. जबकि रेस्क्यू ऑपरे

कुलाधिपति राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर का विश्वविद्यालयों को सख्त निर्देश, परीक्षा कैलेंडर का पालन हर हाल में करें सुनिश्चित

डेस्क : बिहार के राज्यपाल सह कुलाधिपति राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने मंगलवार को राजभवन में सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की बैठक बुलाई थी। बैठक में राज्यपाल ने स्नातक एवं स्नातकोत्तर के लंबित परीक्षाफल का प्रकाशन एवं प्रमाण-पत्र का वितरण तथा सीबीसीएस व सेमेस्टर सिस्टम पर आधारित स्नातक पाठ्यक्रम के कार्यान्वयन की समीक्षा की। कुलाधिपति ने विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को कई निर्देश दिए।

कुलाधिपति ने विश्वविद्यालयों को परीक्षा कैलेंडर का पालन हर हाल में सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। साथ ही उन विश्वविद्यालयों को उन्होंने हिदायद दी है, जहां शैक्षणिक सत्र विलंब चल रहे हैं। खासकर मगध विश्वविद्यालय बोधगया तथा जेपी विश्वविद्यालय, छपरा को टास्क सौंपा है कि कार्ययोजना बनाकर शैक्षणिक कैलेंडर को अद्यतन करें।

उन्होंने शिक्षकों और कर्मचारियों को सेवांत लाभ शीघ्र देने का निर्देश दिया। अंतरविद्यालय सांस्कृतिक कार्यक्रम ‘तरंग’ एवं अन्तर विश्वविद्यालय खेलकूद कार्यक्रम ‘एकलव्य’ को पुन शुरू कराने का आदेश दिया। वहीं, राज्यपाल ने तिलका मांझी भागलपुर विश्वविद्यालय द्वारा छात्र दरबार लगाकर विद्यार्थियों की समस्याओं के निदान करने की पहल की प्रशंसा की। 

बैठक में पटना और एनओयू के कुलपति डॉ. केसी सिन्हा, मगध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एसपी शाही समेत विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति, राज्यपाल के प्रधान सचिव रॉबर्ट एल चोंग्थू समेत अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

सीएम नीतीश कुमार आज 14 हजार करोड़ की योजनाओं की राज्यवासियों को देंगे सौगात, मुख्यमंत्री कृषि विद्युत संबंध योजना फेज टू समेत इन योजनाओं का करें

डेस्क : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बुधवार को ऊर्जा प्रक्षेत्र की करीब 14 हजार करोड़ की योजनाओं की राज्यवासियों को सौगात देंगे। इसके तहत ग्रामीण क्षेत्रों में करीब 1.12 करोड़ स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाये जाने के साथ ही मुख्यमंत्री कृषि विद्युत संबंध योजना फेज टू की शुरुआत होगी। 

इस फेज में करीब 4000 करोड़ की लागत से कृषि विद्युत संबंध के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित किया जायेगा।

बिजली कंपनी के स्थापना दिवस पर आयोजित समारोह में साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन क्षेत्र में 4013 करोड़ की लागत से ग्रामीण क्षेत्रों में 35.1 लाख स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने का काम शुरू होगा। साथ ही 12.53 करोड़ की लागत से कौआकोल के पाली में पावर सब स्टेशन निर्माण का शिलान्यास करेंगे। 

वहीं 33.96 करोड़ की लागत से फुलवारीशरीफ (पटना) के जगनपुरा, अगमकुआं (पटना), एकंगरसराय (नालंदा) के कोशियावां, सासाराम (रोहतास) के दहियार और हरनौत (नालंदा) के तेलमर में नवनिर्मित पांच पावर सब स्टेशन का लोकार्पण करेंगे।

*जदयू के वरिष्ठ नेता व सांसद वशिष्ट नारायण सिंह का बड़ा बयान, नीतीश कुमार ने बनाया नया बिहार*

डेस्क : जदयू के वरिष्ठ नेता व सांसद वशिष्ठ नारायण सिंह ने पार्टी की 20 वें स्थापना दिवस पर राज्य और देशवासियों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी है। इस मौके पर उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने नया बिहार बनाया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में विभिन्न क्षेत्रों में व्यापक विकास के कार्य हुए। 

वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा है कि चाहे महिला सशक्तीकरण का मामला हो, आधारभूत संरचना का हो अथवा बिहार को नए रूप में खङा करने का, नीतीश कुमार ने हर क्षेत्र में बड़ा और सकारात्मक बदलाव लाया है। आज किसानों, छात्रों, दलितों, पिछड़ों, अतिपिछड़ों समेत सभी के लिए बिहार में सारी सहूलियतें मौजूद हैं। 

कहा कि पहले बिहार के छात्रों, मजदूरों, डॉक्टरो, इंजीनियरों एवं अन्य मेहनतकश लोगों को बेहतर रोजगार के लिए बाहर जाना पड़ता था। लेकिन, अब नीतीश कुमार की अगुवाई वाली सरकार में किसी को बिहार से बाहर जाने की विवशता नहीं रह गई है।

उन्होंने कहा है कि नीतीश कुमार के मुख्यमंत्री बनने के पहले और अब के बिहार का आकलन करने पर यह साफ झलकता है। पार्टी के 20 वें स्थापनी दिवस पर इस बात को पुरजोर तरीके से बोलने की जरूरत है।

महापर्व छठ की तैयारी में जुटा जिला प्रशासन, छठ के दिन घाटों पर एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के साथ-साथ 80 निजी नावों पर तैनात रहेंगे गोताखोर

डेस्क : लोक आस्था के महापर्व छठ को लेकर पटना में प्रशासन की ओर से तैयारी शुरु कर दी गई है। पटना सिटी में छठ को लेकर गंगा घाटों को दुरुस्त करने का काम शुरू किया गया है। रविवार को अजीमाबाद अंचल के कार्यपालक पदाधिकारी नुरूल हक शिवानी ने वार्ड संख्या 53 की पार्षद किरण मेहता के साथ करनालगंज घाट, गायघाट व कंटाही घाट का निरीक्षण कर घाटों की स्थिति को देखा। इसमें कई निर्देश दिए गए।

80 निजी नावों पर तैनात किए जाएंगे गोताखोर

छठ के दिन 80 निजी नाव भी जिला प्रशासन की ओर से घाटों पर तैनात रहेंगी ताकि किसी प्रकार का हादसा होने पर लोगों को बचाया जा सके। प्रत्येक नाव पर एक नाविक, नागरिक सुरक्षा के कर्मी और गोताखोर रहेंगे। नाव पर जिला प्रशासन का बैनर लगा रहेगा ताकि लोग उसे पहचान सकें। नाविकों को अपने घाटों की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। प्रत्येक गोताखोर, जिला प्रशासन, मेडिकल टीम और नागरिक सुरक्षा के कर्मी के संपर्क में रहेंगे।

वहीं एनडीआरएफ और एसडीआरएफ ने भी तैयारी शुरू कर दी है। पटना में गंगा घाटों पर 18 टीमें तैनात रहेंगी। इनमें 12 एनडीआरएफ और छह टीमें एसडीआरएफ की होंगी। आपदा प्रबंधन के अधिकारियों के मुताबिक इस बार छठ पर पिछले साल की तुलना में अधिक भीड़ होने का संभावना है। इसे देखते हुए एनडीआरएफ दीघा और गांधी घाट पर बेस कैंप बनाएगा। अधिकारियों का कहना है कि एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के 130 जवान छठ के दिन गंगा में 90 नावों से भ्रमण करेंगे।

निजी नावों के परिचालन पर रहेगी रोक

छठ के दिन निजी नावों के संचालन पर रोक रहेगी। सरकारी कार्य में लगीं नाव चलेंगी। दानापुर, पटना सदर और पटना सिटी अनुमंडल के एसडीएम की ओर से छठ के दिन नावों के परिचालन पर रोक लगाए जाने से संबंधित पत्र जारी कर दिया गया है। सदर एसडीएम श्रीकांत कुंडलिक खंडेकर ने बताया कि 19 और 20 नवंबर को निजी नाव के संचालन पर रोक रहेगी। आदेश का उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई होगी।

सरकारी शिक्षकों के लिए बड़ी खबर, राज्य सरकार उपलब्ध कराएगी आवास की सुविधा

डेस्क : बिहार के सरकारी स्कूलों के शिक्षकों के लिए एक बड़ी खबर है। प्रदेश के सभी शिक्षकों को शिक्षा विभाग आवास की सुविधा मुहैया कराएगा। करीब पांच लाख शिक्षकों के लिए जिला से लेकर अनुमंडल, प्रखंड और पंचायत स्तर तक मकान की तलाश भी विभाग ने शुरू की दी है। आवास शिक्षकों को स्कूल के नजदीक उपलब्ध कराया जाएगा। इसके लिए विभाग ने रविवार को विज्ञापन जारी कर मकान मालिकों व रियल एस्टेट कंपनियों से चार नवंबर तक विभागीय वेबसाइट पर प्रस्ताव मांगा है।

विभाग ने इच्छुक व्यक्तियों-मकान मालिकों-रियल एस्टेट कंपनियों से पूछा है कि कि वे कितने फ्लैट और मकान तत्काल उपलब्ध करा सकते हैं और कितने अगले एक-दो सालों में अतिरिक्त बना सकते हैं।

विभाग ने कहा है कि एक लाख से अधिक शिक्षकों की नियुक्ति हुई है, जिन्हें जल्द ही दूरस्थ प्रखंडों व गांवों में पदस्थापित किया जाएगा। इनके लिए आवास की व्यवस्था का विभाग प्रयास कर रहा है। इसके अलावा करीब चार लाख शिक्षक पूर्व से कार्यरत हैं, जो दूरस्थ स्थानों के स्कूलों में जाकार बच्चों को पढ़ाते हैं।

इस वजह से लिया गया निर्णय 

राज्य में दूर-दराज के क्षेत्रों में मकानों और आवासन की अनुपलब्धता के कारण कई शिक्षकों को जिला मुख्यालयों में रहना पड़ता है। जिला मुख्यालय से दूर के स्कूल आने-जाने में उनका काफी समय और पैसा खर्च होता है। इसलिए, शिक्षक स्कूल के नजदीक रहेंगे तो उन्हें काफी सुविधा होगी। स्कूलों में पठन-पाठन स्तर भी सुधरेगा।

दो मॉडल पर चल रहा काम, 2500 करोड़ रुपये होंगे खर्च

निदेशक प्रशासन द्वारा जारी विज्ञापन में यह भी कहा गया है कि शिक्षा विभाग शिक्षकों के वेतन पर 33 हजार करोड़ रुपये खर्च करता है। इसका औसतन आठ प्रतिशत मकान किराया भत्ता के रूप में दिया जाता है। यह राशि लगभग 2500 करोड़ होती है। इसी से ही मकान/भवन लीज और किराये पर लिए जाएंगे। प्रस्ताव देने वालों के साथ शिक्षा विभाग आठ नवंबर को पटना में दोपहर 12 बजे से गोष्ठी करेगा।

मकान और बहुमंजिली इमारतों के मालिकों से प्रस्ताव मांगा गया है कि वे कितने मकान किस जिले के किस प्रखंड और ग्राम पंचायत में उपलब्ध करा सकते हैं, जो पहले से बने हुए हैं। शिक्षा विभाग इन्हें किराये और लीज पर तुरंत ले सकता है।

रियल एस्टेट कंपनियों और अन्य फार्मों-व्यक्तियों से जिला, अनुमंडल और प्रखंड मुख्यालय में ऐसी बहुमंजिली इमारतों का निर्माण कराने के लिए प्रस्ताव मांग गया है, जहां केवल विभाग के शिक्षक रहेंगे। ये इमारतें निजी कंपनियां अपने खर्च पर बनाएंगी और शिक्षा विभाग उन्हें दीर्घकालिक लीज पर लेगा और हर माह किराए का भुगतान करेगा। इसके अलावा भी कोई मॉडल और सुझाव आता है तो उसका भी विभाग स्वागत करेगा।

महापर्व छठ की तैयारी में जुटा प्रशासन, इसबार छठ घाटों पर सुरक्षा को लेकर होगी यह खास व्यवस्था

बिहार के सबसे बड़े लोक आस्था के महापर्व छठ को लेकर प्रशासन द्वारा तैयारी शुरु कर दी गई है। इसबार छठ घाटों पर सुरक्षा को लेकर व्यापक प्रबंध किये जायेंगे। एनडीआरएफ टीम की तैनाती के साथ-साथ ड्रोन से निगरानी की जायेगी। 

डेस्क : बिहार के लोक आस्था के महापर्व छठ को लेकर प्रशासन अभी से तैयारी में जुट गया है। इसे लेकर शनिवार को प्रमंडलीय आयुक्त कुमार रवि की अध्यक्षता में अधिकारियों की बैठक हुई। इसमें कई निर्णय लिए गए। महापर्व पर गंगा के बडे घाटों पर ड्रोन से निगरानी की जाएगी। दीघा से दीदारगंज तक गंगा में एनडीआरएफ की टीम पेट्रोलिंग करेगी। इसके अलावा सीसीटीवी से भी नजर रखी जाएगी। प्रत्येक वाच टावर को नंबर दिया जाएगा ताकि भीड़ में कोई बच्चा-बुजुर्ग परिवार से बिछड़ जाए तो वाच टावर के आधार पर अपना लोकेशन बता सके।

आयुक्त ने कहा कि जेपी गंगा पथ के नीचे स्थित अंडरपास से छठ घाटों की ओर जाने वाले रास्ते को पूर्णत सुगम एवं अवरोधमुक्त रखें। पटना स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा लगाए गए स्थायी सीसीटीवी कैमरों के अतिरिक्त पटना नगर निगम की ओर से रिवर फ्रंट एवं घाटों पर अस्थायी सीसीटीवी कैमरे को लगाएं। बड़े-बड़े घाटों पर ड्रोन से निगरानी की जाए। छठ पूजा में रेलवे स्टेशन पर काफी भीड़ होती है, इसीलिए सभी एसडीएम और डीएसपी अपने क्षेत्र में निरीक्षण कर व्यवस्था को ठीक रखें। फ्लैक्स, बैनर एवं साइनेज द्वारा प्रमुख सूचनाओं को लोगों में प्रचारित करें। बता दें कि छठ महापर्व 18-19 नवंबर को है। 16 को नहाय-खाय, 17 को खरना, 18 नवम्बर को संध्या अर्घ्य एवं 19 नवम्बर को सुबह का अर्घ्य दिया जाएगा।

पटना जिलाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने बताया कि छठ महापर्व को देखते हुए अधिकारियों की 21 टीमें बनाई गई हैं। अधिकारियों की टीम पटना के 108 घाटों की वस्तुस्थिति की रिपोर्ट देगी। उसके बाद तय किया जाएगा कि किस घाट पर छठ का आयोजन होगा तथा कौन-कौन घाट खतरनाक घोषित किए जाएंगे। डीडीसी की अध्यक्षता में टीम गठित है तथा कुछ अधिकारियों ने तो छठ घाटों का मुआयना भी शुरू कर दिया है। जल्द ही रिपोर्ट दी जाएगी।

दिवाली के पूर्व राज्यकर्मियों व पेंशनधारकों को सरकार दे सकती है बड़ा तोहफा, डीए में इतने प्रतिशत की सकती है बढ़ोत्तरी

दिवाली के पूर्व राज्यकर्मियों व पेंशनधारकों को बिहार सरकार केन्द्र सरकार की तर्ज पर महंगाई भत्ता में चार फीसदी वृद्धि का तोहफा दे सकती है। महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी व भुगतान के प्रस्ताव को मंजूरी को लेकर तैयारियां चल रही हैं।

डेस्क : बिहार सरकार के कर्मचारियों और पेंशनधारियों को लिए खुशखबरी है। इसबार दिवाली से पहले सरकार उन्होंने बड़ा तोहफा दे सकती है। सरकार उन्हें महंगाई भत्ता में चार फीसदी वृद्धि का तोहफा दे सकती है। महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी व भुगतान के प्रस्ताव को मंजूरी को लेकर तैयारियां चल रही हैं

मिली जानकारी के मुताबिक वित्त विभाग ने महंगाई भत्ते में बढोतरी का प्रस्ताव तैयार किया है। जल्द ही इसे राज्य कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। वर्तमान में सरकारी कर्मियों एवं पेंशनधारकों को 42 प्रतिशत महंगाई भत्ता का भुगतान किया जा रहा है। 

चार प्रतिशत अतिरिक्त महंगाई भत्ते की मंजूरी मिलने के बाद यह बढ़कर 46 फीसदी हो जाएगा। इस वृद्धि का लाभ राज्य के करीब 11 लाख कार्यरत सरकारी कर्मी एवं पेंशनधारकों को होगा। राज्य में 4.5 लाख से अधिक कार्यरत और करीब 6 लाख पेंशनधारक हैं। 

गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने 18 अक्टूबर को ही महंगाई भत्ते में चार फीसदी बढोतरी करने का निर्णय लिया था। इसे एक जुलाई 2023 के प्रभाव से लागू किया गया है।

जन्म से ही हृदय में छेद वाले बच्चों का अब बिहार में ही इलाज होगा, सीएम नीतीश कुमार ने हर सुविधा उपलब्ध कराने का दिया भरोसा

जन्म से ही हृदय में छेद वाले बच्चों का अब बिहार में ही इलाज होगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस बात का भरोसा दिलाते हुए प्रदेश में इसकी समुचित व्यवस्था किये जाने की बात कही है। 

डेस्क : बिहार के लोगों के लिए एक बड़ी खबर है। उनके वैसे बच्चे जिनके ह्रदय में जन्म से ही छेद है। उसके इलाज के लिए कही बाहर जाने की जरुरत नहीं पड़ेगी। सरकार जल्द ही इसकी व्यवस्था करने जा रही है। 

बीते शनिवार को होटल मौर्या में कार्डियोलॉजिकल सोसायटी ऑफ इंडिया की बिहार इकाई के 29 वें वार्षिक सम्मेलन का शुभारंभ करने के बाद लोगों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि जन्म से ही हृदय में छेद वाले बच्चों का अब बिहार में ही इलाज होगा। बिहार में ही इसकी समुचित व्यवस्था की जाएगी, जिससे किसी को इलाज के लिए बाहर न जाना पड़े। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि सात निश्चय-2 में बाल हृदय योजना की शुरुआत की गयी। इसके तहत जन्म से हृदय में छेदवाले बच्चों का मुफ्त इलाज करवाया जाता है। अहमदाबाद स्थित सत्य साईं अस्पताल से करार किया गया है, जहां ऐसे बच्चों का इलाज होता है। अब तक 794 बच्चों का इलाज हो चुका है। पटना में भी अब इसके इलाज की व्यवस्था करायी गयी है। आईजीआईसी में 198 बच्चों का जबकि आईजीआईएमएस में 24 बच्चों का इलाज हो चुका है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी मेडिकल कालेज को बेहतर बनाया जा रहा है। इसके विस्तार की योजना पर भी काम हो रहा है। पीएमसीएच को भी बड़ा और अच्छा बनवाया जा रहा है। इसको 5462 बेड का अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस अस्पताल बनाया जा रहा है ताकि मरीजों का इलाज और बेहतर ढंग से हो सके। इसी तरह आईजीआईएमएस, एनएमसीएच, एसकेएमसीएच, एएनएमसीएच और डीएमसीएच 2500-2500 बेड का होगा। पहले राज्य में 6 मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल थे, जो अब बढ़कर 13 हो गए हैं। 

उन्होंने कहा कि पहले सरकारी अस्पतालों में इलाज के लिए नाममात्र के लोग आते थे, लेकिन अब प्रखंड स्तर पर भी इलाज की बेहतर व्यवस्था हो जाने से काफी लोग सरकारी अस्पतालों में अपना इलाज करवा रहे हैं।