आदिवासी और वनों पर निर्भर रहने वाले लोगों को व्यक्तिगत, सामुदायिक और सामुदायिक वन संसाधन वनाधिकार पट्टा मुहैया कराया जाएगा
रांची: मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के निदेश पर अबुआ बीर दिशोम अभियान का शुभारंभ 06 नवंबर 2023 से होगा। इसके तहत राज्य में पहली बार एक व्यापक अभियान के अन्तर्गत आदिवासी और वनों पर निर्भर रहने वाले लोगों को व्यक्तिगत, सामुदायिक और सामुदायिक वन संसाधन वनाधिकार पट्टा मुहैया कराया जाएगा। ज्ञात हो कि माहात्मा गाँधी की जयंती के अवसर पर राज्य के 30 हजार से अधिक ग्राम सभाओं ने भाग लिया जल, जंगल और जमीन तथा इसके संसाधनों की रक्षा के लिए समर्पित और संगठित प्रयास करने हेतु शपथ लिया।
वन अधिकार अधिनियम, 2006 के द्वारा दिये गये अधिकार का उपयोग करते हुए 03 अक्टूबर 2023 से 18 अक्टूबर 2023 तक ग्राम, अनुमण्डल एवं जिला स्तर पर वनाधिकार समिति का गठन/पुनर्गठन किया गया है। यह समिति वन पर निर्भर लोगों और समुदायों को वनाधिकार पट्टा दिये जाने हेतु उनके दावा पर नियमानुसार अनुशंसा करेगी। साथ ही, अबुआ बीर दिशोम आभियान के सफल क्रियान्वयन हेतु मोबाईल एप्लीकेशन एवं वेबसाईट भी तैयार की गयी है जिसके आदिवासी और वनों पर निर्भर रहने वाले लोगों को व्यक्तिगत, सामुदायिक और सामुदायिक वन संसाधन वनाधिकार पट्टा मुहैया कराया जा सके। वन अधिकार समिति द्वारा चिन्हित लोगों को सरकार द्वारा वन पट्टा मुहैया कराने हेतु अभियान प्रथम चरण में दिसंबर, 2023 तक संचालित किया जायेगा।
अबुआ बीर दिशोम अभियान की शुरुआत 06 नवम्बर को एक राज्यस्तरीय प्रशिक्षण सह कार्यशाला से होगी। इसके तहत झारखण्ड राज्यान्तर्गत सभी जिलों के उपायुक्तों और वन प्रमण्डल पदाधिकारियों प्रशिक्षण दिया जायेगा। साथ ही, ग्राम स्तर पर वन अधिकार समिति, अनुमंडल स्तरीय समिति एवं जिला स्तरीय वनाधिकार समिति के सदस्यों को अभियान के सफल निष्पादन हेतु प्रशिक्षण प्रदान किया जायेगा। इस अभियान का लाभ अधिक से अधिक लोगों को मिले, इस निमित विभिन्न माध्यमों से प्रचार-प्रसार को गति प्रदान की जायेगी।
Nov 02 2023, 20:33