*रेफरल सेंटर बने जिले के स्वास्थ केंद्र, रोजाना 35 फीसदी मरीज हो रहे रेफर*
नितेश श्रीवास्तव
भदोही। जिले के अस्पताल रेफरल सेंटर बन गए हैं। संसाधनों के अभाव और चिकित्सकों की कमी से जूझ रहे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर हर दिन बड़ी संख्या में इमरजेंसी केस पहुंचते हैं, लेकिन अधिकतर मरीजों को रेफर कर दिया जाता है। यहीं हाल जिले के बड़े अस्पतालाें की है। सीएचसी की अपेक्षा यहां संसाधन तो हैं, लेकिन विशेषज्ञों की कमी भारी पड़ती है।
विभाग के अनुसार जिले में हर दिन पांच से साढ़े पांच हजार लोगों की ओपीडी होती है। वहीं सभी सीएचसी पर हर दिन 90 से 95 के बीच इमरजेंसी केस पहुंचते हैं। इसमें 35 फीसदी से अधिक केस रेफर कर दिए जाते हैं।जिले में महाराजा चेतसिंह जिला चिकित्सालय और महाराजा बलवंत सिंह राजकीय चिकित्सालय दो बड़े चिकित्सालयों के साथ ही सुरियावां, भदोही, दुर्गागंज, डीघ, गोपीगंज और औराई सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र हैं। जनपद के इन आठों स्वास्थ्य केन्द्रों में दोनों बड़े चिकित्सालयों को छोड़ दिया जाए तो सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर सुविधाओं का घोर अभाव है।
यहां पर्याप्त मात्रा में विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती है न ही पर्याप्त संसाधन। अधिकांश सीएचसी में सर्जन, हड्डी विशेषज्ञ, फिजिशियन, महिला चिकित्सकों का टोटा है। इसके कारण यहां पहुंचने वाले अधिकांश इमरजेंसी केसों को जिला चिकित्सालय या फिर भदोही के महाराजा बलवंत सिंह राजकीय चिकित्सालय रेफर कर दिया जाता है। विभाग के मुताबिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर 5000-5500 की मरीजों की हर दिन ओपीडी होती है। इसके अलावा तकरीबन 100 से 125 मरीज इमरजेंसी केस भी पहुंचते हैं। इसमें ज्यादातर केस रेफर कर दिए जाते हैं।
हालांकि सीएचसी पर तैनात अधीक्षक का दावा है कि सेंटर से केवल दो से चार की संख्या में केस रेफर किए जाते हैं, लेकिन हकीकत है कि संसाधन और विशेषज्ञ चिकित्सक न होने से बड़ी संख्या में मरीजों को रेफर कर दिए जाते हैं। वहीं जिला चिकित्सालय में सबसे अधिक केस रेफर होकर आते हैं। वहां भी बड़ी संख्या में चिकित्सकों की कमी है। जिला चिकित्सालय में कुल 32 पद हैं, लेकिन फिलहाल केवल 18 चिकित्सक ही तैनात है। जिला अस्पताल में कार्डियोलॉजिस्ट, न्यूरोलॉजिस्ट, ईएनटी विशेषज्ञ, सर्जन विशेषज्ञ के साथ बाल रोग विशेषज्ञ के चिकित्सकों की तैनाती नहीं है। इससे मरीजों को परेशानी होती है।
जिला चिकित्सालय में विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी, मरीजों पर भारी
जिला चिकित्सालय में हर दिन 50-60 मरीज पहुंचते हैं। विभाग के अनुसार रोजाना चार से पांच मरीज रेफर किए जाते हैं। सीएचसी की अपेक्षा यहां संसाधन व चिकित्सकों की तैनाती होने से कम मरीज रेफर होते हैं, लेकिन दुर्घटनाग्रस्त मरीजों को रेफर कर दिया जाता है। यहां पर वेंटिलेटर, आसीयू सहित अन्य व्यवस्थाएं नहीं हैं। न्यूरोलॉजिस्ट, कॉडियोलाजिस्ट, इएनटी सर्जन, सर्जन नहीं हैं। इससे समस्याएं बढ़ती हैं। एमबीएस अस्पताल के सीएमएस डॉ. संजय तिवारी ने बताया कि अक्तूबर माह के 27 दिनों में यहां से कुल 19 मरीज रेफर हुए हैं। इसमें 10 सड़क दुर्घटना के मामले हैं। बाकी 9 मरीज तीमारदोरों की मांग करने पर रेफर किए गए।
रात में नहीं रुकती महिला डाक्टर
जिला चिकित्सालय में रात में महिला चिकित्सक नहीं रुकती हैं। प्रसूता के आने पर चिकित्सक से ऑनकाल होने के बाद नर्स उन्हें दवाएं देती हैं। सीरियस केस होने पर उन्हें मंडलीय अस्पताल मिर्जापुर, वाराणसी या स्वरुप रानी रेफर कर दिया जाता है। महिला चिकितसकों को ठहरने के लिए रात में व्यवस्था नहीं हैं।
किस सीएचसी पर हर दिन पहुंच रहे कितने मरीज
सीएचसी - इमरजेंसी मरीज - रेफर
दुर्गागंज - 05-06 - 02-03
सुरियावां - 20-25 - 08-09
औराई - 10-12 - 04-06
गोपीगंज - 30-35 - 10-12
डीघ - 14-15 - 06-07
भदोही - 0-02 - 0-01
(नोट-भदोही में एबीएस सहित प्राइवेट अस्पताल अधिक होने से सीएचसी में इमरजेंसी केस कम पहुंचते हैं )
सीएचसी में सुविधाओं को दुरूस्त करने का कार्य किया जा रहा है। कुछ कमियां हैं उसे दुरूस्त किया जा रहा है। हालांकि जिला चिकित्सालय व एमबीएस में पर्याप्त संसाधन हैं। इमरजेंसी में आने वाले मरीजों केा पर्याप्त इलाज किया जाता है।
- डॉ. एसके चक, सीएमओ।
Nov 01 2023, 14:47