फोन हैकिंग विवाद पर केन्द्रीय मंत्री चंद्रशेखर का बड़ा बयान, बोले-पीयूष गोयल के फोन पर भी आया नोटिफिकेशन, एप्पल को देना होगा जवाब
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विपक्ष ने सरकार पर फोन हैकिंग का आरोप लगाया है। विपक्ष के इन आरोपों को केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने खारिज कर दिया है। केंद्रीय मंत्री ने एप्पल के फोन हैकिंग नोटिफिकेशन के बाद विपक्ष के आरोपों पर कहा कि यह चुनाव का मौसम है और लोग हर तरह की चीजें निकालेंगे। उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल को भी ऐसा एक मैसेज मिला है। एप्पल को सरकार के सवालों का जवाब देना होगा।
राजीव चंद्रशेखर ने ट्वीट कर कहा, सांसदों और भू-राजनीति से जुड़े लोगों सहित कई लोगों द्वारा इस खतरे की सूचनाएं दर्ज किए जाने के बाद, हमें उम्मीद है कि एप्पल इन बातों को स्पष्ट करेगा।केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हमारी सरकार अपने नागरिकों की गोपनीयता की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध और कर्तव्यबद्ध है और हम इस जिम्मेदारी को बहुत गंभीरता से लेते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार इन खतरे की सूचनाओं की जांच करेगी और ऐप्पल के सुरक्षित और गोपनीयता के अनुरूप डिवाइस होने के दावों की भी जांच करेगी।
इससे पहले अश्विन वैष्णव ने कहा कि कुछ साथियों ने एप्पल अलर्ट के बारे में संदेश दिए हैं, ऐसे में हम मामले की तह तक जाएंगे। उन्होंने विपक्ष के आरोपों पर कहा, कुछ हमारे आलोचक हैं जो झूठे आरोप हमेशा लगाते रहते हैं। ये देश की प्रगति नहीं चाहते। एपल ने 150 देशों में एडवाइजरी जारी की है। एपल ने अनुमान के आधार पर मैसेज भेजा है। एपल ने अपना स्पष्टीकरण जारी कर दिया है। वैष्णव ने कहा कि इनकी (विपक्षी दलों) आदत है कि जब भी कोई अहम मुद्दा नहीं होता तो कहते हैं कि निगरानी हुई है। इन्होंने ये आरोप कुछ साल पहले भी लगाने की कोशिश की थी। इसकी जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में हुई, लेकिन कुछ नहीं निकला।प्रियंका गांधी ने भी दावा किया था कि उनके दो बच्चों का फोन हैक हुआ था, लेकिन कुछ नहीं हुआ।
वहीं कंपनी ने इस पूरे विवाद पर अपना बयान जारी कर दिया है।कंपनी ने अपने बयान में कहा, सरकार प्रायोजित हैकर बहुत अच्छी तरह से वित्त पोषित और परिष्कृत होते हैं। उनके हमले समय के साथ विकसित होते रहे हैं। ऐसे हमलों का पता लगाना खतरे के खुफिया संकेतों पर निर्भर करता है जो अक्सर अपूर्ण होते हैं।इसके अलावा कंपनी ने कहा, यह संभव है कि खतरे की कुछ सूचनाएं फॉल्स अलार्म हो सकती हैं, या कुछ हमलों का पता नहीं चल पाता है। हम इस बारे में जानकारी देने में असमर्थ हैं कि किस कारण से हमें खतरे की सूचनाएं जारी करनी पड़ रही हैं, क्योंकि इससे सरकार प्रायोजित हमलावरों को भविष्य में पहचान से बचने के लिए अपने व्यवहार को अनुकूलित करने में मदद मिल सकती है।







Nov 01 2023, 10:01
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