शहीद स्वतंत्रता सेनानी के वंशज नारकीय जीवन जीने को मजबूर,सड़क का नहीं हो रहा निर्माण
फरुर्खाबाद । शहीद स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रामरूपशर्मा के घर का रास्ता कच्चा होने के कारण घर के सामने सड़ा बदबूदार कीचड़ भरा रहता है।जिससे निकलना दूभर हो रहा है।सेनानी के वंशज रास्ता बनाने को कई बार अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों को लिखित प्रार्थना पत्र दे चुके हैं।,सरकार ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के वंशजों को मूलभूत सुविधाएं देने का ऐलान किया था।
स्वतंत्रता संग्राम की लड़ाई में शहीद हुए विकास खंड राजेपुर क्षेत्र के गांव अमृतपुर निवासी रामरूप शर्मा का परिवार आज बदहाल जीवन जीने को मजबूर है। इसका कारण हैं जनपद के अधिकारी।शासन ने भले ही आदेश दिए थे कि स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के वंशजों को मूलभूत सुविधाएं प्रदान की जाएं। इसको लेकर जनपद के अधिकारियों ने भी शहीद स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रामरूप शर्मा के गांव में कार्यक्रम तो किए, लेकिन उनके वंशजों को भूल गए।
अमृतपुर में हुए कार्यक्रम में क्षेत्रीय विधायक सुशील शाक्य, ब्लाक प्रमुख राजेपुर डा. पल्लव सोमवंशी, जिलाधिकारी संजय कुमार सिंह आदि जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों ने प्रतिभाग करते हुए शहीद स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रामरूप शर्मा की याद में कसीदे पढ़े थे। साथ ही उनके वंशजों को मूलभूत सुविधाएं प्रदान किए जाने का वादा भी किया था, लेकिन दोबारा फिर कोई गांव व उनके घर तक झांकने नहीं गया। शहीद स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रामरूप शर्मा के प्रपौत्र आशीष कुमार अवस्थी ने बताया कि घर तक आने-जाने वाला रास्ता कच्चा है, जिसमें कीचड़ भरा रहता है। इसके चलते आवागमन में दिक्कत होती है।उन्होंने रास्ता बनवाने के लिए तहसील में समाधान दिवस में प्रार्थना पत्र दिया, जिसमें कोई कार्रवाई नहीं हुई।
विकास खंड कार्यालय के अलावा जिला पंचायत अध्यक्ष मोनिका यादव से मिलकर रास्ता बनवाने की गुहार लगाई, लेकिन रास्ता आज तक नहीं बना। जिलाधिकारी संजय कुमार सिंह को भी प्रार्थना पत्र दे चुके हैं।मगर कोई सुनने वाला नहीं है। शहीद रामरूप शर्मा की 78 वर्षीय पुत्रवधू उर्मिला देवी ने बताया कि कीचड़ भरे रास्ते से गुजरने के दौरान कई बार वह फिसलकर गिर चुकी हैं।गौरतलब है कि उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने घोषणा की थी कि स्वतंत्रता आंदोलन के शहीदों के नाम से उनके घर तक पक्की सड़क बनेगी। इन मार्गों पर अमर शहीदों की फोटो तथा उनकी वीरगाथा का वर्णन करते हुए बोर्ड लगाए जाएंगे।मगर धरातल पर कुछ भी होते नहीं दिख रहा है।
Oct 31 2023, 18:59