राँची: कल तक जमा होगा मैट्रिक का पंजीयन फॉर्म

राँची : मैट्रिक परीक्षा-2025 के लिए विद्यार्थियों का पंजीयन व वर्ष 2024 की नौवीं बोर्ड का परीक्षा फॉर्म बिना विलंब शुल्क के 28 अक्तूबर तक जमा लिया जायेगा. 

विलंब शुल्क के साथ एक से 10 नवंबर तक आवेदन जमा होगा. जिला जिला शिक्षा पदाधिकारी बिना विलंब शुल्क के साथ जमा आवेदन को 31 अक्तूबर तक व विलंब शुल्क के साथ जमा आवेदन को 14 नवंबर तक अग्रसारित कर सकेंगे. आवेदन जैक की वेबसाइट

 www.jac.jharkhand.gov.in/jac/ के माध्यम से जमा लिया जा रहा है.

सोशल मीडिया पर एक घंटे का ''प्राउड ऑफ माइ बीएलओ'' अभियान आज

राँची: 27 अक्तूबर को सभी बूथों पर मतदाता सूची का प्रकाशन होगा. ऐसे में चुनाव आयोग के निर्देश पर फेसबुक, ट्विटर आदि पर एक घंटे का हैश टैग अभियान चलेगा.

 आप सभी अपने अपने बूथों पर 11 से 12 बजे के बीच जायें और मौजूद बीएलओ के साथ सेल्फी या फोटो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट करें. 

इसके लिए विशेष हैश टैग अभियान संचालित रहेगा. यह अपील राज्य के सभी जिलों के वोटरों से की गई है. कहा गया है कि पूरी निर्वाचन प्रणाली में हमारे बीएलओ की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है. 

उनके कार्य को समुचित सम्मान देने व उनका उत्साहवर्धन करने के लिए सोशल मीडिया पर हैश टैग अभियान का हिस्सा जरूर बनें. डीसी ने सभी पदाधिकारियों, सभी कर्मियों, समाज के सभी वर्गों के प्रतिनिधियों को भी कार्यक्रम से जोड़ने का निर्देश संबंधित विभाग के अधिकारियों को दिया है.

ऑल इंडिया यूनिवर्सिटी कुश्ती प्रतियोगिता के लिए सिमडेगा की दो महिला पहलवान चुनी गई

सिमडेगा : रांची के मोराबादी स्थित बिरसा मुंडा स्टेडियम के कुश्ती हॉल में रांची यूनिवर्सिटी के अंतर महाविद्यालय कुश्ती चयन ट्रायल प्रतियोगिता में सिमडेगा जिले की दो महिला पहलवान अंशु लकड़ा और सरस्वती कुमारी ने अपने सभी प्रतिद्वंदियों को मात देकर प्रथम स्थान प्राप्त करते हुए ऑल इंडिया यूनिवर्सिटी कुश्ती प्रतियोगिता के लिए रांची यूनिवर्सिटी टीम में चुनी गईं. 

यह जिला के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है. सरस्वती कुमारी कुरडेग प्रखंड के कदम टोली की रहने वाली हैं और सिमडेगा कॉलेज में बीए मानव शास्त्र विभाग में अध्यन कर रहीं हैं. वहीं अंशु लकड़ा भी कुरडेग प्रखंड के नवापारा की है और वह गोस्नर कॉलेज रांची में हिंदी ओनर्स से बीए कर रहीं हैं.

 सरस्वती कुमारी 55 किलोग्राम वजन भार वाले फ्री स्टाइल कुश्ती में व अंशु लकड़ा 53 किलोग्राम वजन भार के फ्री स्टाइल कुश्ती में रांची विश्वविद्यालय टीम का प्रतिनिधित्व करेंगी. 

दोनों ही पहलवानों की सफलता पर सिमडेगा जिला कुश्ती संघ के अध्यक्ष मनोज कोणबेगी, सचिव कमलेश्वर मांझी, कोषाध्यक्ष प्रतिमा तिर्की, वेद प्रकाश, पंखरासियुस टोप्पो, बलबीर प्रसाद, सोनू ठाकुर, करिश्मा परवार, जैनेंद्र सिंह एवं अन्य पदाधिकारियों ने बधाई दी है.

पलामू जिले के पाटन थाना क्षेत्र के सूंठा गांव में पांच वर्षीय बच्चे का शव कुंए से बरामद


पलामू में एक पांच वर्षीय बच्चे का शव कुंए से बरामद हुआ है, जिससे पूरे इलाके में खलबली मच गई है. 

घटना पलामू जिले के पाटन थाना क्षेत्र के सूंठा गांव का है. बताया जाता है कि अकबर अंसारी के पुत्र जुनैद आलम (पांच वर्ष) की कुंए में डूबने से मौत हो गयी है. सूत्रों के अनुसार कल शाम पांच बजे से जुनैद लापता था. ग्रामीणों ने पुलिस को इसकी सूचना दी जिसके बाद खोजबीन शुरू हुई. किशनपुर ओपी प्रभारी नीरज कुमार ने शव को पोस्टमार्टम के लिए एमएमसीएच मेदिनीनगर भेजा है.

 पुलिस का कहना है कि बच्चे की हत्या कर शव को कुएं में फेंका गया या वो खुद ही गिर गया यह कहना अभी मुश्किल है. खोजबीन की जा रही है, उसके बाद पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद पूरी जानकारी दी जा सकती है.

आज देर से खुलेगी हटिया-पुरी तपस्विनी एक्सप्रेस ट्रेन


राँची: ट्रेन संख्या 18451 हटिया-पुरी तपस्विनी एक्सप्रेस ट्रेन आज देर से खुलेगी. यह ट्रेन अपने निर्धारित समय से करीब डेढ़ घंटे देर रहेगी. यानी कि हटिया से 15:40 बजे खुलने वाली हटिया-पुरी तपस्विनी एक्सप्रेस आज 17:10 बजे रवाना होगी.

सीसीएल के प्रबंधक एम कोटेश्वर राव का चयन इंडीविजुअल एक्सीलेंस अवार्ड के लिए हुआ


(झा.डेस्क)

राँची: सीसीएल बीएंडके महाप्रबंधक एम कोटेश्वर राव को उनकी कार्यदक्षता को देखते हुए कोल इंडिया ने इंडीविजुअल एक्सीलेंस अवार्ड के लिए चयनित किया है. 

यह पुरस्कार कोटेश्वर राव को आगामी 1 नवंबर को कोल इंडिया के स्थापना दिवस समारोह के अवसर पर कोल इंडिया मुख्यालय में पुरस्कृत किया जायेगा. जानकारी के अनुसार सीसीएल से कुल चार अधिकारी को कोल इंडिया के स्थापना दिवस समारोह में पुरस्कृत किया जायेगा. 

जिसमें एमके राव के अलावा सीसीएल के जीएम (माकेर्टिंग एंड सेल्स) निलय प्रकाश को भी इंडीविजुअल एक्सीलेंस अवार्ड से सम्मानित किया जायेगा. इसके अलावा जीएम (एसडी एवं सीएसआर) लाडी बालकृष्णा को बेस्ट एचओडी तथा अरगड्डा के जीएम एसके पांडेय को बेस्ट एरिया जीएम के लिए नामित किया गया. 

इसके अलावा कोल इंडिया की अनुषांगिक इकाई सीसीएल को भी दो पुरस्कार के लिए नामित किया गया है.जिसमें कॉरपोरेट अवार्ड फॉर सेफ्टी तथा दूसरा कॉरपोरेट अवार्ड फॉर इनभारयमेंट मैनमेंट शामिल है.

वीमेंस एशियन हॉकी चैंपियनशिप 2023 का झारखंड में आज से महासंग्राम की होगी शुरुआत

रांची:- 27 अक्टूबर से रांची में शुरू होने वाला वीमेंस एशियन हॉकी चैंपियनशिप 2023 का बिगुल आज बजेगा। इस चैंपियनशिप का आयोजन रांची के मरांग गोमके जयपाल सिंह एस्ट्रोटर्फ हॉकी स्टेडियम में होगा। इसमें भारत सहित कुल छह देशों जापान, साउथ कोरिया, चीन, मलेशिया और थाईलैंड की टीमें भाग ले रही हैं। 

गौरतलब है कि रांची पहुंचने के बाद सभी टीमों ने बुधवार और गुरुवार को प्रैक्टिस सेशन में जमकर पसीना बहाया। इस प्रतियोगिता में कुल 20 मैच खेले जाएंगे।टूर्नामेंट के शेड्यूल के अनुसार, प्रत्येक टीम को राउंड-रॉबिन स्टेज में पांच मैचों में शामिल होना होगा, फिर सेमी-फाइनल में पहुंचने के लिए चार सबसे ऊपर की टीमें आगे बढ़ेंगी।

27अक्टूबर से 5 नवम्बर तक चलने वाले इस वीमेंस एशियन हॉकी चैंपियनशिप में दर्शकों के प्रवेश के लिए कोई शुल्क नहीं रखा गया है। बता दे कि आज पहला मुकाबला जापान और मलेशिया के बीच शाम चार बजे से शुरू होगा। हालांकि टूर्नामेंट का आधिकारिक उद्घाटन दो मैच के बाद रात 8:30 बजे होगा। जिसके बाद भारत और थाईलैंड के बीच मुकाबला होगा। फिर टीम इंडिया का मुकाबला मलेशिया के साथ 28 अक्टूबर को होगा। 

हालाकि इस मुकाबले में चीन और जापान की टीम के साथ साथ भारतीय महिला हॉकी टीम भी इस खिताब के लिए प्रमुख दावेदार मानी जा रही हैं। टीम के सभी खिलाड़ियों के हौसले बुलंद है। भारतीय महिला हॉकी टीम की कप्तान सविता पुनिया ने गुरुवार को कहा था कि टीम इंडिया हर हाल में यहां अच्छा प्रदर्शन करना चाहेगी, ताकि वर्ष 2024 में पेरिस में होने वाले ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर सके।

झारखंड की आयरन लेडी दयामनी बारला जिन्होंने संघर्ष और लोगों के हक के लिए उठाती रही आवाज,दुनियां के कई देशों ने किया उन्हें सम्मानित

रांची : दयामनी बारला जिन्होंने अपने 4 दशक के संघर्ष के दौरान कई ऐसे लोगों का सामना किया जो न सिर्फ दयामनी बारला के रास्ते में बल्कि हजारों लाखों ग्रामीणों के जिंदा रहने के रास्ते में पहाड़ बनकर खड़े थे। उनके जल, जंगल और जमीन को निगल जाने के लिए खड़े थे।

गांव में साहूकारों ने उनकी जमीन हड़प ली। घर के मवेशी तक नहीं बचे। 2 वक्त की रोटी का कोई ठिकाना नहीं था। एक परिवार विस्थापित होकर गांव से 70-80 किलोमीटर दूर रांची आ जाता है। फिर शुरू होती है संघर्ष की ऐसी कहानी जो सिर्फ इस परिवार की न होकर झारखंड के हजारों लाखों परिवारों की कहानी बन जाती है।

उनके अस्तित्व को बचाने की लड़ाई बन जाती है। इस लड़ाई से जन्म होता है एक ऐसी महिला से, जिसे आज दुनिया झारखंड की आयरन लेडी के नाम से जानती है। महिला, जिनको नेशनल फाउंडेशन फॉर इंडिया फेलोशिप और काउंटर मीडिया अवार्ड, अमेरिका के 2 सम्मान लुत्ज इनडेजिनियस अवार्ड और लोवेल ग्रीली पीस स्कॉलर सम्मान से नवाजा जाता है।

गोहाल में सोईं और कई बार जूठन तक खाया

सच कहें तो, दयामनी बारला की कहानी किसी समतल जमीन से न शुरू होकर पथरीली पगडंडी और उन खतरनाक रास्तों की दास्तां है जिसमें एक तरफ मौत की धमकियां हैं तो दूसरी तरफ जेल जाने का खौफ। लेकिन दयामनी कभी झुकी नहीं। अपने लक्ष्य से हिली नहीं। वो जेल गयीं। परिवार से अलग रहीं। बीमार पड़ीं लेकिन जल, जंगल और जमीन को बचाने की उनकी लड़ाई लगातार चलती रही। दयामनी बताती हैं कि खूंटी जिला स्थित अपने गांव अरहारा से विस्थापित होने के बाद उनका परिवार रांची आ गया। तब उनको पढ़ाई जारी रखने के लिए अपनी मां के साथ घरों में नौकरानी का काम करना पड़ा, उन्होंने बरतन धोये, गोहाल में सोईं और कई बार जूठन तक खाया। लेकिन विस्थापन के जिस दंश को उनका परिवार झेल रहा था, वही दंश बाद में उनकी ताकत बना।

एक घंटे टाइपिंग के लिए एक रुपया मिलता था

दयामनी बताती हैं कि उन्होंने रांची में एमकॉम की पढाई कंप्लीट कर ली। तब तक वे अंग्रेजी और हिंदी में टाइपिंग भी सीख चुकी थीं। उन दिनों उनको एक घंटे टाइपिंग के लिए एक रुपया मिलता था। उन्हीं दिनों 1995 में कोयल कारो परियाजना की शुरुआत हुई थी। इससे 40-50 गांव विस्थापित होने वाले थे। दयामनी ने आदिवासी मूलवासी अस्तित्व रक्षा मंच बनाकर इसका विरोध शुरू किया। शुरुआती चरण में परियोजना के खिलाफ मुंडा जनजाति को गोलबंद किया और परियोजना से होने वाले पर्यावरण और विस्थापन संकट से लोगों को परिचित कराया। अंतत: सरकार को झुकना पड़ा और 2003 में कोयल कारो परियोजना को बंद कर देना पड़ा।

‘जन हक’ पत्रिका का प्रकाशन शुरू किया

इसके बाद दयामनी बारला ने पर्यावरण, पेसा कानून के अधिकार, पत्थलगड़ी आंदोलन, स्टील कंपनी आर्सेलर मित्तल और टिनेंसी एक्ट को कमजोर करने की साजिश के खिलाफ राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर संघर्ष किया। इसी बीच ग्रामीण रिपोर्टिंग फेलोशिप और बैंक से 25,000 का कर्ज लेकर उन्होंने ‘जन हक’ पत्रिका का प्रकाशन शुरू किया। इस पैसे से 2 साल तक वो पत्रिका निकालती रहीं। हालांकि जल्द ही उनको समझ में आ गया कि हाशिये पर खड़े लोगों के लिए पत्रिका निकालना कितना मुश्किल काम है। पत्रिका का प्रकाशन बंद कर देना पड़ा लेकिन तब तक उन्होंने ‘प्रभात खबर’ में पत्रकारिता की शुरुआत की। इससे जल, जंगल और जमीन के लिए उठने वाले विरोध को बराबर आवाज मिलती रही। इसी के साथ दयामनी बारला को ये भी समझ में आ चुका था कि जनता की लड़ाई लड़ने के लिए खुद का एक आर्थिक आधार होना जरूरी है।

खर्च चलाने के लिए चाय की दुकान खोली।।

दयामनी ने खर्च चलाने के लिए चाय की दुकान खोली। आपको ये जानकर सुखद एहसास होगा कि रांची के सर्कुलर रोड स्थित उनकी चाय की दुकान में पत्रकार पी साईंनाथ और प्रभाष जोशी जैसी शख्सियतें आ चुकी हैं। दयामनी से आप कहीं भी मिलिये, कभी मिलिये उनकी विनम्रता और सादगी आपको अलग से मोहित करती है। इसीलिए जब उनको अमेरिका की मैसाचुसेट्स यूनिवर्सिटी में 2023 का लोवेल ग्रीली पीस स्कॉलर सम्मान दिया गया तब उन्होंने वहां के पत्रकारों से कहा था, यह सम्मान अकेले मेरा नहीं है, बल्कि ये उन सभी लोगों का है, जो बेजुबान हैं, जो हमारे बैकग्राउंट से आते हैं, जिनकी आवाज सत्ता के लंबे गलियारों में गुम हो जाती है। यह सम्मान हाशिये पर जी रहे लोगों का है। बहरहाल, दयमामनी बारला के अदम्य साहस को सलाम।

एशियन वीमेंस हॉकी चैंपियनशिप को लेकर राँची में उत्साह, भारतीय टीम कड़ी संघर्ष के लिए तैयार,टीम की कप्तान और कोच ने दी जानकारी

राँची: झारखंड एशियन वीमेंस हॉकी चैंपियनशिप को लेकर रांची में जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है। इसी उत्साह के बीच भारतीय महिला हॉकी टीम के कप्तान सविता पूनिया और कोच जेनेक शॉपमैन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर टीम इंडिया की तैयारियों को लेकर जानकारी साझा की।

महिला हॉकी टीम की कप्तान सविता पूनिया ने कहा कि भारतीय महिला हॉकी टीम की तैयारी पूरी है। उन्होंने कहा कि हम अपनी पिछली गलतियों से ओलंपिक और एशियन गेम्स में भारतीय महिला हॉकी टीम फाइनल तक नहीं पहुंचने में असफल रही। उन गलतियों को देखते हुए इस बार एशियन चैंपियनशिप को लेकर भारतीय टीम की तैयारी पूरी तरह से है।

इस पर कप्तान ने कहा कि भारतीय टीम हर दूसरी टीम को बेहतर मानकर चल रही है। ऐसे में भारतीय टीम कोई कसर नहीं छोड़ेगी। हम पूरी कोशिश करेंगे कि ट्रॉफी जीते।

झारखंड की खिलाड़ियों को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने निक्की प्रधान, सलीमा टेट़े और संगीता कुमारी की जमकर तारीफ की। कप्तान ने बताया कि पेनल्टी कार्नर को लेकर टीम ने काफी मेहनत की है। वही कोच ने बताया कि हमारी कोशिश संतुलित टीम को उतारने की होगी जो टूर्नामेंट में बेहतर प्रदर्शन कर सके।

झारखंड में ट्रस्ट रजिस्ट्रेशन के लिए राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग ने जारी की नयी गाइडलाइन

रांची : झारखंड में ट्रस्ट का रजिस्ट्रेशन (निबंधन) कराने के लिए नयी गाइडलाइन जारी की गई है. राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग ने इस संबंध में निर्देश जारी किया है. इसके मुताबिक किसी भी ट्रस्ट में उन नामों का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा, जिससे यह प्रतीत हो कि वह संस्था सरकारी या अर्ध सरकारी है.

इसके साथ ही जिस ट्रस्ट में ब्यूरो, कमीशन, मिनिस्ट्री, सेंटर, अखिल भारत और नेशनल जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया जाएगा, उन्हें ट्रस्ट के रजिस्ट्रेशन से पहले केंद्र सरकार से क्लियरेंस लेना होगा.

वहीं विभाग ने एम्ब्लेमस एन्ड नेम्स प्रिवेंशन ऑफ इम्प्रॉपर यूज (प्रतीक एवं नाम का अनुचित इस्तेमाल की रोकथाम) के लिए बने एक्ट का पालन करने का निर्देश भी निबंधकों को दिया है, ताकि राष्ट्रीय प्रतीक और देश के महापुरुषों के नाम का इस्तेमाल कर ट्रस्ट का रजिस्ट्रेशन न हो.

…ताकि लोगों में किसी तरह की भ्रम की स्थिति न रहे।

दरअसल ऐसा देखा गया है कि पिछले कुछ वर्षों में राष्ट्रीय ध्वज, मिनिस्ट्री, नेशनल और आल इंडिया जैसे नाम का इस्तेमाल कर कई संस्था बनाई गई और उसका रजिस्ट्रेशन भी करवाया गया. ट्रस्ट या किसी अन्य संस्थान के निबंधन में लोग ऐसे नाम का इस्तेमाल करते हैं, जिससे यह प्रतीत होता है कि वह संस्था केंद्र या राज्य सरकार की संस्था है.

इससे लोगों के बीच भ्रम की स्थिति रहती है. लोगों में किसी तरह की भ्रम की स्थिति न रहे, इसलिए झारखंड सरकार ने यह गाइडलाइन जारी की है. राज्य सरकार की इस गाइडलाइन की कॉपी राज्य के सभी जिला निबंधकों और अवर जिला निबंधकों को दे दी गई है.