आज का राशिफल,21 अक्टूबर 2023:जानिए राशिफल के अनुसार आज कैसा रहेगा आप का दिन...?

मेष : अपनी गतिविधियों पर पुनर्विचार करें। वैचारिक द्वन्द्व और असंतोष बना रहेगा। किसी सूचना से पूर्ण निर्णय सम्भव। सुख आरोग्य प्रभावित होगा। शत्रुभय, चिंता, संतान को कष्ट, अपव्यय के कारण बनेंगे। आय-व्यय की स्थिति समान रहेगी। किसी नजदीकी शुभचिंतक सलाह उपयोगी सिद्ध होगी।

 शुभांक-5-6-7

वृष : संतोष रखने से सफलता मिलेगी। नौकरी में स्थिति सामान्य ही रहेगी। बुद्धि, बल व पराक्रम सफल होगा। व्यापार में वृद्धि व उत्तम लाभ मिलेगा। मित्रों की उपेक्षा करना ठीक नहीं रहेगा। आत्मचिंतन करें। पुराने मित्र से मिलन होगा। पुरुषार्थ का सहारा लें। यात्रा का योग बनेगा। विद्यार्थियों को लाभ।

 शुभांक-5-7-8

मिथुन : शिक्षा में परेशानी आ सकती है। स्वास्थ्य की ओर विशेष ध्यान रहें। व्यापार में वृद्धि होगी। नौकरी में सहयोगियों का सहयोग प्राप्त होगा। शत्रुपक्ष पर आप हावी रहेंगे। पारिवारिक परेशानी बढ़ेगी। कुछ प्रतिकूल गोचर का क्षोभ दिन-भर रहेगा। स्वविवेक से कार्य कर। दाम्पत्य जीवन सुखद रहेगा।

 शुभांक-4-6-7

कर्क : कहीं रुका हुआ पैसा वसूलने में मदद मिल जाएगी। व्यर्थ प्रपंच में समय नहीं गंवाकर अपने काम पर ध्यान दीजिए। अच्छे कार्य के लिए रास्ते बना लेंगे। पूर्व नियोजित कार्यक्रम सरलता से संपन्न हो जाएंगे। व्यापार व व्यवसाय में स्थिति उत्तम रहेगी। कामकाज की अधिकता रहेगी। 

शुभांक-4-6-7

सिंह : प्रसन्नता के साथ सभी जरूरी कार्य बनते नजर आएंगे। मनोरथ सिद्धि का योग है। सभा-गोष्ठियों में सम्मान मिलेगा। प्रतिष्ठा बढ़ाने के लिए कुछ सामाजिक कार्य संपन्न होंगे। कई प्रकार के हर्ष उल्लास के बीच आनन्ददायक दिन रहेगा। आमोद-प्रमोद का दिन होगा। व्यावसायिक प्रगति भी होगी। 

शुभांक-6-7-9

कन्या : स्वास्थ्य और जीवन स्तर में सुधार की अपेक्षा रहेगी। ज्ञान-विज्ञान की वृद्धि होगी और सज्जनों का साथ भी रहेगा। कुछ कार्य भी सिद्ध होंगे। व्यर्थ की भाग-दौड़ से यदि बचा जाए तो अच्छा है। प्रियजनों से समागम का अवसर मिलेगा। अवरुद्ध कार्य संपन्न हो जाएंगे। उन्नति के योग हैं। 

शुभांक-4-5-7

तुला : नवीन उद्योगों के अवसर बढ़ेंगे व अभिलाषाएं पूर्ण होंगी। कार्य साधक दिन है व्यर्थ न गंवाऐ। विश्वस्त लोगों के कहे अनुसार चलें। राजकीय कार्यों में सतर्कता बरतें। जोश से कम व होश में रहकर कार्य करें। नये आगंतुकों से लाभ होगा। जो चल रहा हैं उसे सावधानीपूर्वक संभालें।

 शुभांक-7-8-9

वृश्चिक : जमीन जायदाद का लाभ भी हो सकता है। आवास, मकान तथा वाहन की सुविधाएं मिलेंगी। कर्ज तथा रोगों से मुक्ति भी संभव है। मान-सम्मान में वृद्धि होगी। अच्छे कार्य के लिए रास्ते बना लेंगे। अपने हित के काम सुबह-सवेरे ही निपटा लें। रुपये पैसों की सुविधा नहीं मिल पाएगी।

 शुभांक-4-6-8

धनु : कामकाज सीमित तौर पर ही बन पाएंगे। स्वास्थ्य का पाया कमजोर बना रहेगा। यात्रा प्रवास का सार्थक परिणाम मिलेगा। मेल-मिलाप से काम बनाने की कोशिश लाभ देगी। कुछ आर्थिक चिंताएं भी कम होगी। नियोजित धन से लाभ होने लगेगा। घर वाले मदद करेंगे। 

शुभांक-5-7-9

मकर : बचते-बचते कलह विवाद का डर रहेगा। हित के काम में आ रही बाधा मध्याह्न पश्चात दूर हो जाएगी। अपने काम आसानी से बनते चले जाएंगे, साथ ही आगे के लिए रास्ता भी बन जाएगा। कहीं रुका हुआ पैसा वसूलने में मदद मिल जाएगी। व्यर्थ प्रपंच में समय नहीं गंवाकर अपने काम पर ध्यान दे

 शुभांक-2-4-6

कुंभ : सुखद समय की अनुभूतियां प्रबल होगी। व्ययाधिक्य का अवसर आ सकता है। शुभ कार्यों का लाभदायक परिणाम होगा। कामकाज की अधिकता रहेगी। लाभ भी होगा और पुराने मित्रों से समागम। व्यवसायिक अभ्युदय होगा और प्रसन्नताएं बढ़ेगी। ज्ञानार्जन का वातावरण बनेगा। धार्मिक यात्रा का योग हैं। 

शुभांक-5-6-7

मीन : धर्म-कर्म के प्रति रुचि जागृत होगी। लाभ में आशातीत वृद्धि तय है मगर नकारात्मक रुख न अपनाएं। किसी पुराने संकल्प को पुरा कर लेने का दिन है। ‘आगे-आगे गौरख जागे’ वाली कहावत चरितार्थ होगी। निष्ठा से किया गया कार्य पराक्रम व आत्मविश्वास बढ़ाने वाला होगा। इच्छित कार्य सफल होंगे। 

शुभांक-4-6-8

आज का पंचांग- 21 अक्टूबर 2023:पंचांग के अनुसार जानिए आज का तिथि,मुहूर्त और ग्रह योग

विक्रम संवत - 2080, अनला

शक सम्वत - 1945, शोभकृत

पूर्णिमांत - आश्विन

अमांत - आश्विन

तिथि

शुक्ल पक्ष सप्तमी - 09:53 पी एम तक

नक्षत्र

पूर्वाषाढा - 07:54 पी एम तक

योग

सुकर्मा - 12:37 ए एम, अक्टूबर 22 तक

सूर्य और चंद्रमा का समय

सूर्योदय - 6:25 AM

सूर्यास्त - 5:44 PM

चन्द्रोदय - 12:45 पी एम

चन्द्रास्त - 10:59 पी एम

अशुभ काल

राहू - 9:15 ए एम से 10:40 ए एम

यम गण्ड - 1:31 पी एम से 02:56 पी एम

गुलिक - 06:25 ए एम से 07:50 ए एम

दुर्मुहूर्त - 06:25 ए एम से 07:11 ए एम, 7:11 ए एम से 07:56 ए एम

वर्ज्यम् - 03:30 ए एम से 05:02 ए एम

शुभ काल

अभिजीत मुहूर्त - 11:43 ए एम से 12:28 पी एम   

अमृत काल - 02:23 पी एम से 03:58 पी एम   

ब्रह्म मुहूर्त - 04:44 ए एम से 05:34 ए एम

शुभ योग

त्रिपुष्कर योग- 07:54 पी एम से 09:53 पी एम

आज होती है मां दुर्गा के 7 वें स्वरूप कालरात्रि की पूजा,इस रूप की स्मरण से हीं दानव, दैत्य, राक्षस भूत प्रेत डर कर भाग जाते हैं.

मां दुर्गा का 7 वां स्वरूप मां कालरात्रि आसुरी शक्तियों और दुष्टों का विनाश करने वाली हैं. दानव, दैत्य, राक्षस भूत प्रेत मां के स्मरण से ही डर कर भाग जाते हैं. मां कालरात्रि का रूप देखने में बहुत ही भयानक है.मां कालरात्रि के बाल बड़े और बिखरे हुए हैं. मां दुर्गा की सातवीं शक्ति कालरात्रि चमकीले भूषण पहनती हैं. माता रानी की तीन आंखें हैं. मां कालरात्रि का रूप उग्र है, उनका रंग सांवला है और वे गधे की सवारी करती हैं. 

वह अपने गले में खोपड़ियों की माला भी पहनती हैं और उनके चार हाथ हैं. उसके दाहिने हाथ अभय (रक्षा) और वरदा (आशीर्वाद) मुद्रा में हैं, और वह अपने दो हाथों में वज्र और उस्तरा रखती है.

मां कालरात्रि की जानिए कथा :


 मां कालरात्रि का जन्म मां चंडी के मस्तक से हुआ था, जो चंड, मुंड और रक्तबीज की दुष्ट त्रिमूर्ति को मारने के लिए बनाई गई थी. जबकि देवी चंडी शुंभ और निशुंभ को मारने में सक्षम थीं, चंड, मुंड और रक्तबीज को रोकना पड़ा क्योंकि उन्होंने तबाही मचाई थी. देवी कालरात्रि चंड और मुंड का वध करने में सक्षम थीं, लेकिन पहले तो उन्हें रक्तबीज को हराना मुश्किल हो गया क्योंकि भगवान ब्रह्मा के एक वरदान के कारण रक्तबीज के रक्त की एक भी बूंद उसका कई रूप बना सकती थी और उसे रोकने के लिए मां कालरात्रि ने रक्तबीज के प्रत्येक कॉपी का खून पीना शुरू कर दिया और एक समय ऐसा आया जब वह अंततः उसे मारने में सक्षम हो गई.

देवी कालरात्रि की पूजा विधि 

देवी कालरात्रि को कुमकुम का पहले तिलक करें. इसके बाद लाल मौली, गुड़हल या रातरानी के पुष्प चढ़ाएं. अंत में मां कालरात्रि की आरती करें. फिर भोग में माता राजी को गुड़ के भोग लगाएं. इस विधि विधान से पूजा करने से मां कालरात्रि बेहद प्रसन्न प्रसन्न होती हैं. 

भक्त सप्तमी के दिन देवी को श्रृंगार भी चढ़ाते हैं जिसमें सिंदूर, काजल, कंघी, बालों का तेल, शैम्पू, नेल पेंट, लिपस्टिक शामिल हैं. देवी की पूजा करने से ग्रहों के दुष्प्रभाव खत्म होते हैं और सभी के जीवन में खुशियां आती हैं. देवी अपने भक्तों की मुराद पूरी करती है और उनके सभी बाधाओं को दूर करती हैं.

माँ कालरात्रि का भोग


देवी कालरात्रि को गुड़ का भोग लगाकर उसे ब्राह्मण को दान करने से सभी शोकों से मुक्ति मिलती है और सभी प्रकार के संकटों से रक्षा भी होती है.

इन मंत्र के जाप करने से माता रानी बेहद खुश होती हैं.

मां कालरात्रि मंत्र ॐ कालरात्र्यै नम:।

ॐ फट् शत्रून साघय घातय ॐ।

क्लीं ऐं श्रीं कालिकायै नमः

ॐ फट् शत्रून साघय घातय ॐ।

ॐ कालरात्र्यै नम:

माँ दुर्गा की सातवीं शक्ति माँ कालरात्रि मंत्र


या देवी सर्वभू‍तेषु माँ कालरात्रि रूपेण संस्थिता।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।

एक वेधी जपाकर्णपूरा नग्ना खरास्थिता।

लम्बोष्ठी कर्णिकाकणी तैलाभ्यक्तशरीरिणी।।

वामपदोल्लसल्लोहलताकण्टक भूषणा।

वर्धनमूर्धध्वजा कृष्णा कालरात्रिर्भयंकरी।।

आज नवरात्रि का छठवां दिन,आज मां कात्यायनी की होती है पूजा,इस पूजा से अर्थ, धर्म, काम और मोक्ष चारों फलों की होती है प्राप्ति

रूप:- सरस, सौम्य और मोहक

भुजाएं: - चार

वाहन:- सिंह

नवरात्र विशेष: नवदुर्गा का छठवां स्वरूप मां कात्यायनी

नवरात्रि में छठे दिन मां 'कात्यायनी' की पूजा की जाती है। इनकी उपासना और आराधना से भक्तों को बड़ी आसानी से अर्थ, धर्म, काम और मोक्ष चारों फलों की प्राप्ति होती है। उनके रोग, शोक, संताप और भय नष्ट हो जाते हैं।

मां का यह रूप बेहद सरस, सौम्य और मोहक

मां का यह रूप बेहद सरस, सौम्य और मोहक है। नवरात्र के दिनों में मां की सच्चे मन से पूजा की जानी चाहिए। लोग घट स्थापित करके मां की उपासना करते हैं जिससे खुश होकर मां हमेशा अपने बच्चों की झोली भर देती है।इनका ध्यान गोधुली बेला में करना होता है। मां की भक्ति पाने के लिए जातक को निम्नलिखित जाप से पूजा शुरू करनी चाहिए।

या देवी सर्वभू‍तेषु माँ कात्यायनी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।

कथा


कहते हैं कि कत नामक एक प्रसिद्ध महर्षि थे। उनके पुत्र ऋषि कात्य हुए। इन्हीं कात्य के गोत्र में विश्वप्रसिद्ध महर्षि कात्यायन उत्पन्न हुए थे। इन्होंने भगवती की उपासना करते हुए बहुत वर्षों तक बड़ी कठिन तपस्या की थी। उनकी इच्छा थी मां भगवती उनके घर पुत्री के रूप में जन्म लें। मां भगवती ने उनकी यह प्रार्थना स्वीकार कर ली। जिसके बाद से मां का नाम 'कात्यायनी' पड़ा। यही नहीं कहा जाता है कि भगवान कृष्ण को पति रूप में पाने के लिए ब्रज की गोपियों ने इन्हीं की पूजा की थी। यह पूजा कालिंदी यमुना के तट पर की गई थी।

अधिष्ठात्री देवी के रूप में प्रतिष्ठित

इसी कारण यह ब्रजमंडल की अधिष्ठात्री देवी के रूप में प्रतिष्ठित हैं। इनका स्वरूप अत्यंत भव्य और दिव्य है। यह स्वर्ण के समान चमकीली हैं और भास्वर हैं। इनकी चार भुजाएं हैं। दायीं तरफ का ऊपर वाला हाथ अभयमुद्रा में है तथा नीचे वाला हाथ वर मुद्रा में। मां के बांयी तरफ के ऊपर वाले हाथ में तलवार है और नीचे वाले हाथ में कमल का फूल सुशोभित है। इनका वाहन सिंह है।

अर्थ, धर्म, काम और मोक्ष चारों फलों की प्राप्ति

इनकी उपासना और आराधना से भक्तों को बड़ी आसानी से अर्थ, धर्म, काम और मोक्ष चारों फलों की प्राप्ति होती है। उसके रोग, शोक, संताप और भय नष्ट हो जाते हैं। जन्मों के समस्त पाप भी नष्ट हो जाते हैं। इसलिए कहा जाता है कि इस देवी की उपासना करने से परम पद की प्राप्ति होती है।

आज कस रशिफल,20 अक्टूबर 2023: जानिए आप के राशि के अनुसार आज एस्प का दिन कैसा रहेगा...?

मेष दैनिक राशिफल 

आज उद्यमी और व्यवसायी व्यस्त रहेंगे और सफल भी होंगे। आप दोस्तों के साथ एक नया उद्यम शुरू कर सकते हैं और आपको उनका पूरा समर्थन मिलेगा।

भाग्यशाली संख्या : 5

वृषभ दैनिक राशिफल 

आपका कोई सोचा हुआ काम पूरा हो जायेगा। जो उनके भविष्य के लिए फायदेमंद होगा। आपकी सेहत बेहतर बनी रहेगी। 

भाग्यशाली संख्या : 8

मिथुन दैनिक राशिफल 

 आज के दिन अपनी सेहत का खास ख्याल रखें और भोजन भी सही समय पर सही मात्रा में और सही तरीके का करें। आपकी योजनाएं फलीभूत हो कर आप के हक में फैसला सुनाएंगी।

भाग्यशाली संख्या : 6

कर्क दैनिक राशिफल 

 आपको अपने वरिष्ठों और आधिकारिक से सहायता और पुरस्कार प्राप्त हो सकते हैं। आप अपने कार्य स्थल पर प्रशंसा के पात्र रहेंगें, जो आपकी संतुष्टि को बढ़ाएगा।

भाग्यशाली संख्या : 5

सिंह दैनिक राशिफल 

 आपको कुछ काम में किसी अनुभवी व्यक्ति से मदद मिल सकती है। पैसों के लेन- देन करने से आपको बचना चाहिए।

भाग्यशाली संख्या : 7

कन्या दैनिक राशिफल 

 मन के विजेता बनकर आप अपने काम को समय रहते पूरा कर लेंगे जिससे आपके बॉस भी आपसे खुश होंगे। प्रेम जीवन बिता रहे लोग अपने रिश्ते के भविष्य को लेकर बहुत सोचेंगे।

भाग्यशाली संख्या : 3

तुला दैनिक राशिफल 

 व्यावसायिक और आर्थिक सन्दर्भ में आज आप कुछ निराशा का अनुभव कर सकतें है। आपके दुश्मन आपके लिए मुसीबतें खड़ी कर सकते हैं।

भाग्यशाली संख्या : 4

वृश्चिक दैनिक राशिफल 

 आज आपका दिन बेहतरीन रहेगा। पारिवारिक रिश्ते मजबूत होंगे। थोड़ी-सी मेहनत करके आप अपने उद्देश्यों को आसानी से प्राप्त कर सकते हैं। 

भाग्यशाली संख्या : 8

धनु दैनिक राशिफल 

 आपके लिए आज का दिन मान थोड़ा सा कमजोर है, इसलिए शांति और समझदारी से ही दिन गुजारना सही रहेगा। काम के मामले में आपकी सोच आपके काम आएगी। 

भाग्यशाली संख्या : 3

मकर दैनिक राशिफल 

 आज आप कुछ धार्मिक कार्यों में संलग्न हो सकतें है, जिसके कारण आपकी सामाजिक लोकप्रियता में बढ़ोत्तरी संभव है। आपका बहुत सम्मान करेंगे।  

भाग्यशाली संख्या : 2

कुंभ दैनिक राशिफल  

 आज आपका दिन शानदार रहेगा। कामकाज से जुड़ी कोई बड़ी चुनौती आपके सामने आयेगी। साथ ही आप इसमें सफल भी होंगे।

भाग्यशाली संख्या : 9

मीन दैनिक राशिफल 

 कामों में सफलता मिलेगी जिससे आपका आत्मबल बढ़ेगा। थोड़ा गुस्सा तो दिखाएंगे लेकिन जिद पकड़ना अच्छा नहीं।

भाग्यशाली संख्या : 1

आज का पंचांग- 20 अक्टूबर 2023:जानिए पंचांग के अनुसार आज के तिथि,ग्रहयोग और मुहूर्त

विक्रम संवत - 2080, अनला

शक सम्वत - 1945, शोभकृत

पूर्णिमांत - आश्विन

अमांत - आश्विन

तिथि

शुक्ल पक्ष षष्ठी- अक्टूबर 20 12:32 AM- अक्टूबर 20 11:25 PM

नक्षत्र

मूल - अक्टूबर 19 09:03 PM- अक्टूबर 20 08:41 PM

योग

अतिगण्ड - अक्टूबर 20 05:08 AM- अक्टूबर 21 03:02 AM

सूर्य और चंद्रमा का समय

सूर्योदय - 6:25 AM

सूर्यास्त - 5:44 PM

चन्द्रोदय - 11:47 AM

चन्द्रास्त - 9:55 PM

अशुभ काल

राहू - 10:40 ए एम से 12:06 पी एम

यम गण्ड - 2:56 पी एम से 04:22 पी एम

गुलिक - 7:50 ए एम से 09:15 ए एम   

दुर्मुहूर्त - 8:41 ए एम से 09:27 ए एम, 12:28 पी एम से 01:14 पी एम

वर्ज्यम् - 07:06 पी एम से 08:41 पी एम, 5:58 ए एम से 07:31 ए एम

शुभ काल

अभिजीत मुहूर्त - 11:43 ए एम से 12:28 पी एम   

अमृत काल - 02:23 पी एम से 03:58 पी एम   

ब्रह्म मुहूर्त - 04:44 ए एम से 05:34 ए एम

शुभ योग

रवि योग- 06:25 ए एम से 08:41 पी एम

आज नवरात्रि का पांचवा दिन ,आज मां स्कंदमाता की होती है पूजा,इस पूजा से होती है मोक्ष की प्राप्ति

रूप: सरस, सौम्य और मोहक

भुजाएं: चार

वाहन: सिंह

पूजा करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है

नवदुर्गा का पांचवा स्वरूप स्कंदमाता

नवरात्र का पांचवा दिन मां स्कंदमाता के नाम होता है। मां के हर रूप की तरह यह रूप भी बेहद सरस और मोहक है। स्कंदमाता अपने भक्त को मोक्ष प्रदान करती है। चाहे जितनाभी बड़ा पापी क्यों ना हो अगर वह मां के शरण में पहुंचता है तो मां उसे भी अपने प्रेम के आंचल से ढ़क लेती है। मां स्कंदमाता की पूजा नीचे लिखे मंत्र से आरंभ करनी चाहिए।

या देवी सर्वभू‍तेषु मां स्कंदमाता रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।

इस देवी की चार भुजाएं हैं। यह दायीं तरफ की ऊपर वाली भुजा से स्कंद को गोद में पकड़े हुए हैं। नीचे वाली भुजा में कमल का पुष्प है। बायीं तरफ ऊपर वाली भुजा में वरदमुद्रा में हैं और नीचे वाली भुजा में कमल पुष्प है। कहते हैं कि इनकी कृपा से मूढ़ भी ज्ञानी हो जाता है। स्कंद कुमार कार्तिकेय की माता के कारण इन्हें स्कंदमाता नाम से अभिहित किया गया है। यह कमल के आसन पर विराजमान रहती हैं। इसीलिए इन्हें पद्मासना भी कहा जाता है। सिंह इनका वाहन है।

पुष्कल महत्व

शास्त्रों में इसका पुष्कल महत्व बताया गया है। इनकी उपासना से भक्त की सारी इच्छाएं पूरी हो जाती हैं। भक्त को मोक्ष मिलता है। सूर्यमंडल की अधिष्ठात्री देवी होने के कारण इनका उपासक अलौकिक तेज और कांतिमय हो जाता है।

आज काl 19 अक्टूबर 2023 राशियों पर ग्रहों और नक्षत्रों के प्रभाव के आधार पर आज आप का दिन कैसा रहेगा जानने के लिए पढिये आज का राशिफल...?

भारतीय वैदिक ज्योतिष शास्त्र में 12 राशियों का वर्णन है। सभी राशियों का मालिक ग्रह है। राशियों पर ग्रहों और नक्षत्रों के प्रभाव के आधार पर जीवन में उतार-चढ़ाव का आकलन ज्योतिष शास्त्र में किया जाता है। आज 19 अक्टूबर को गुरुवार है। आज का मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु को समर्पित होता है। उनकी पूजा से जीवन की बाधाएं दूर होती हैं। 

19 अक्टूबर 2023 का राशिफल

♈ मेष : चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ 

आज का दिन आपके लिए अक्समात लाभ दिलाने वाला रहेगा। परिजनों की सलाह आपके बहुत काम आएगी। स्वास्थ्य में चल रही समस्याओं के लिए बिल्कुल ढील ना दिखाएं, नहीं तो कोई बड़ी समस्या खड़ी हो सकती है। कोई कानूनी मामला यदि लंबे समय से दबा हुआ था, तो वह आज फिर से उभर सकता है और आपके लिए कोई समस्या लेकर आएगा। कार्यक्षेत्र में अधिकारियों से किसी बहसबाजी में ना पड़े, नहीं तो आपका प्रमोशन भी रुक सकता है, लेकिन यदि आपने शेयर मार्केट में पहले धन का निवेश किया था, तो वह आपके लिए अच्छा रहेगा।

♉ वृष : ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो-  

 आज का दिन आपके लिए निसंकोच आगे बढ़ने के लिए रहेगा। घर परिवार में सदस्य एक दूसरे के करीब आएंगे और संबंधों में घनिष्ठता आएगी। किसी भूमि, भवन आदि के मामलों में समस्या आएगी। आप अपने कामकाज पर पूरा फोकस बनाएं रखें, नहीं तो कोई गलती हो सकती है। दांपत्य जीवन में यदि कुछ समस्या आपको लंबे समय से परेशान कर रही थी, तो वह भी दूर होंगी। आप यदि किसी लंबी दूरी की यात्रा पर जाने की तैयारी कर रहे थे, तो आपको उसमें कुछ समय रुकना बेहतर रहेगा। आपके कुछ विरोधी आप पर हावी होने की कोशिश करेंगे।

♊ मिथुन : क, छ व घ 

 आज का दिन आपके लिए बजट बनाकर चलने के लिए रहेगा। आपको एक बजट बनाकर चलना होगा और आपको अपने किसी परिजन की ओर से कोई आवश्यक सूचना सुनने को मिल सकती है। आपको अपनी डेली रूटीन में बदलाव नहीं लाना है, नहीं तो समस्या हो सकती है। यदि आपने किसी को धन उधार देने का सोचा है, तो आप उसे उधर ना दें, नहीं तो समस्या हो सकती है। सबको साथ लेकर चलने की कोशिश में आप कामयाब रहेंगे। विपक्ष के सक्रियता बनी रहेगी। आप मेहनत और लगन से आगे बढ़ेंगे। कामकाज में आप कोई अहम जिम्मेदारी किसी को ना दें। राजनीति में कार्यरत लोगों को उनके कामों से एक नई पहचान मिलेगी। 

♋ कर्क : ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो, वे 

 

आज का दिन आपके लिए कला कौशल में सुधार लेकर आएगा। विभिन्न क्षेत्रों में आप अच्छा प्रदर्शन करेंगे और आपके कामों में तेजी आएगी। आपको किसी संपत्ति का सौदा करते समय उसके चल अचल पहलुओं को स्वाधीनता से जांचना होगा और किसी विपरीत परिस्थिति में आप धैर्य बनाए रखें। विद्यार्थियों ने यदि किसी परीक्षा को दिया था, तो आज उसके परिणाम आ सकते हैं और आप अपने गुरुजनों की मदद से आगे बढ़ेंगे। किसी सरकारी योजना का आप पूरा लाभ उठाएंगे। माता-पिता को आप धार्मिक यात्रा पर लेकर जा सकते हैं।

♌ सिंह : मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे  

 आज का दिन आपके लिए किसी नए मकान, वाहन और दुकान आदि की खरीदारी के लिए अच्छा रहेगा। निजी जीवन में आपको आगे बढ़ने का मौका मिलेगा। आप अपने सहयोगियों की बातों में ना आएं। किसी पुराने मित्र से आपको लंबे समय तक मिलने का मौका मिल सकता है। वरिष्ठ सदस्यों की सलाह आपके बिजनेस के लिए कारगर सिद्ध होगी। घरेलू मामलों में ढील ना दें और यदि किसी से धन उधार लिया था, तो आपको उसे वापस लौटना पड़ सकता है। आप धन संबंधित समस्याओं को लेकर यदि परेशान थे, उन समस्याओं से आपको छुटकारा मिलेगा। 

♍ कन्या : ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे और पो  

आज का दिन कारोबार कर रहे लोगों के लिए कुछ समस्याएं लेकर आएगा, लेकिन आप फिर भी अपने कामों से पीछे नहीं हटेंगे। आपके साहस और पराक्रम में भी वृद्धि होगी। किसी अजनबी की सलाह पर ना चले। यदि किसी लंबी दूरी की यात्रा पर जाने की तैयारी कर रहे थे, तो कुछ समय के लिए स्थगित कर दें। भाईचारे की भावना बढ़ेगी और बड़ों का सहयोग और साथ आपको भरपूर मात्रा में मिलेगा। आपको अपने मन में नकारात्मक सोच को नहीं रखना है, नहीं तो समस्या हो सकती है।

♎ तुला : रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू या ते 

 आज का दिन आपके लिए आनंदमय रहने वाला है। आपको गृहस्थ जीवन में चल रही समस्याओं से छुटकारा मिलेगा। आप घर या बाहर वाणी और व्यवहार से लोगों का दिल जीतने में कामयाब रहेंगे। कार्यक्षेत्र में आप अच्छा प्रदर्शन करेंगे। आपके मान सम्मान में वृद्धि होगी। कुछ निजी मामलों में आपको धैर्य बनाए रखना होगा। अपनी सोच में सकारात्मकता बनाए रखें। ससुराल पक्ष के किसी व्यक्ति से आपको धन लाभ मिलता दिख रहा है। विद्यार्थियों ने यदि किसी प्रतियोगिता में भाग लिया था, तो उसके परिणाम आ सकते हैं।

♏ वृश्चिक : तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू 

आज का दिन आपके लिए सकारात्मक परिणाम लेकर आएगा और कार्यक्षेत्र में आप अपनी प्रतिभा का अच्छा प्रदर्शन करेंगे और रचनात्मक गतिविधियों में भाग लेंगे। किसी से कोई वादा किया है, तो उसे समय रहते पूरा करने की पूरी कोशिश करें। कार्यक्षेत्र में आपको कोई जिम्मेदारी भरा काम मिलने से आप थोड़ा परेशान रहेंगे। आप माताजी के लिए कोई उपहार लेकर आ सकते हैं। यदि आपकी किसी योजना को लेकर आप लंबे समय से परेशान चल रहे थे, तो आपकी वह योजना पूरी हो सकती है। सबका साथ और समर्थन बना रहेगा। अपने करीबियों का आप आसानी से भरोसा जीत पाएंगे।

♐ धनु : ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे  

आज का दिन आपके लिए बहुत ही सूझ-बूझ दिखाकर आगे बढ़ाने के लिए रहेगा। आप संतान से किसी किसी किए हुए वादे को पूरा कर सकते हैं। लेनदेन के मामलों में आपको किसी को धन उधार देते समय अपनी बात स्पष्ट रखनी होगी और अपने कामों में आगे बढ़ेंगे, तो आपके लिए बेहतर रहेगा। किसी विदेश में रह रहे परिजनों से आज आप मेल मुलाकात करने जा सकते हैं। आपको कुछ ठगी और सफेदपोश लोगों से सावधान रहना होगा। आप किसी काम में अपनी बात को अवश्य रखें, नहीं तो समस्या हो सकती है। कामकाज कर रहे लोगों के लिए दिन सामान्य रहेगा।

♑ मकर : भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी, है 

 आज का दिन आपके लिए लेनदेन के मामले में अच्छा रहने वाला है। आप किसी बड़े लक्ष्य को करने के लिए अग्रसर रहेंगे। प्रतिस्पर्धा का भाव आपके मन में बना रहेगा। आपकी किसी बड़े अधिकारी से मुलाकात हो सकती है। आपके चारों ओर का वातावरण खुशनुमा रहेगा। किसी नई संपत्ति को खरीदने का सपना आपका पूरा होगा। कार्यक्षेत्र में आप अपनी योजना को पूरा करने में अधिक समय ना लगाये ताकि उनसे कोई गलती ना हो। 

♒ कुंभ : गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा 

 आज का दिन आपके लिए कामकाज के मामले में अच्छा रहने वाला है। आप किसी के मामले में बेवजह ना उलझे, नहीं तो आपको इससे समस्या सकती है। अपनी जिम्मेदारियां को बखूबी निभाएं। वरिष्ठ सदस्यों से आप किसी चीज को लेकर बहसबाजी ना करें। रक्त संबन्धी रिश्तों को लेकर आपका जुड़ाव रहेगा और पैतृक संपत्ति संबंधित मामले में आपको सावधान रहना होगा। भावनात्मक मामलों में आप बेहतर रहेंगे। आपके घर आज किसी अतिथि का आगमन होने से आपका धन खर्च बढ़ सकता है।

♓ मीन : दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची 

आज का दिन तीव्र भावनाओं के नाम रहेगा। विद्यार्थियों को बौद्धिक और मानसिक बोझ से छुटकारा प्राप्‍त हो सकता है। वह खुलकर अपने मन से पढ़ाई कर सकेंगे। शाम के वक्‍त परिवार के साथ समय अच्‍छा कटेगा। खर्चों में इजाफा होगा, लेकिन साथ ही आमदनी में हुई बढ़ोत्तरी इसको संतुलित कर देगी। बोलचाल में हल्के शब्दों के प्रयोग से बचें। पुराना रोग उभर सकता है। नौकरीपेशा लोगों के लिए समय ठीक नहीं है। व्यापार में हानि हो सकती है।

आज का पंचांग, 19 अक्टूबर 2023,जानिए आज के पंचांग के अनुसार आज का तिथि, मुहूर्त और ग्रहयोग

राष्ट्रीय मिति आश्विन 27, शक संवत 1945, आश्विन, शुक्ल, पंचमी, बृहस्पतिवार, विक्रम संवत 2080। सौर कार्तिक मास प्रविष्टे 03, रबी-उल्सानी-03, हिजरी 1445 (मुस्लिम) तदनुसार अंग्रेजी तारीख 19 अक्टूबर सन् 2023 ई। सूर्य दक्षिणायन, दक्षिण गोल, शरद ऋतु। राहुकाल अपराह्न 01 बजकर 30 मिनट से 03 बजे तक। पंचमी तिथि अर्धरात्रोत्तर 12 बजकर 32 मिनट तक उपरांत षष्ठी तिथि का आरंभ।

ज्येष्ठा नक्षत्र रात्रि 09 बजकर 04 मिनट तक उपरांत मूल नक्षत्र का आरंभ। सौभाग्य योग प्रातः 06 बजकर 54 मिनट तक उपरांत शोभन योग का आरंभ। बव करण मध्याह्न 12 बजकर 53 मिनट तक उपरांत कौलव करण का आरंभ। चन्द्रमा रात्रि 09 बजकर 04 मिनट तक वृश्चिक उपरांत धनु राशि पर संचार करेगा। आज के व्रत त्योहार उपांग ललिता व्रत, गण्डमूल विचार।

सूर्योदय का समय 19 अक्टूबर 2023 : सुबह 6 बजकर 24 मिनट पर।

सूर्यास्त का समय 19 अक्टूबर 2023 : शाम में 5 बजकर 48 मिनट पर।

आज का शुभ मुहूर्त 19 अक्टूबर 2023 :

ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4 बजकर 43 मिनट से 5 बजकर 34 मिनट तक रहेगा। विजय मुहूर्त दोपहर 2 बजे मिनट से 2 बजकर 45 मिनट तक। निशिथ काल मध्‍यरात्रि 11 बजकर 41 मिनट से 12 बजकर 31 मिनट तक। गोधूलि बेला शाम में 5 बजकर 48 मिनट से 6 बजकर 13 मिनट तक। अमृत काल सुबह 5 बजकर 34 मिनट से 7 बजकर 1 मिनट तक।

आज का अशुभ मुहूर्त 19 अक्टूबर 2023 :

राहुकाल दोपहर 1 बजकर 30 मिनट से दोपहर 3 बजे तक। सुबह 9 बजे से 10 बजकर 30 मिनट तक गुलिक काल रहेगा। सुबह 6 बजे से 7 बजकर 30 मिनट तक यमगंड रहेगा। दुर्मुहूर्त काल सुबह 10 बजकर 12 मिनट से 10 बजकर 58 मिनट तक।

आज का उपाय : आज स्कंदमाता की पूजा अर्चना करें और किसी बच्चे को लाल फल दें।

नवरात्र के चौथे दिन मां कुष्मांडा की पूजा, भक्तों के कष्टों और संकटों से मुक्ति दिलाती हैं मां

नवरात्रि 9 दिनों तक मनाया जाने वाला त्योहार है। नवरात्रि में हर दिन मां दुर्गा के अलग अलग अवतारों की पूजा की जाती है। नवरात्रि के चौथे दिन कुष्मांडा देवी की पूजा का विधान है।

कष्टों और संकटों से मुक्ति दिलाती हैं मां कुष्मांडा

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार मां कुष्मांडा की पूजा करने से आयु, यश, बल और स्वास्थ्य में वृद्धि होती है। मां कुष्मांडा की विधि विधान से पूजा करने से मनोवांछित फल प्राप्त होते हैं। मान्यता है कि मां कुष्मांडा संसार को अनेक कष्टों और संकटों से मुक्ति दिलाती हैं। इस दिन लाल रंग के फूलों से पूजा करने की परंपरा है,क्योंकि मां कुष्मांडा को लाल रंग के फूल अधिक प्रिय बताए गए हैं। मां कुष्मांडा की पूजा विधि पूर्वक करने के बाद दुर्गा चालीसा और मां दुर्गा की आरती जरूर करनी चाहिए।

कुष्मांडा देवी को अष्टभुजा भी कहा जाता है। इनकी आठ भुजाएं हैं। मां ने अपने हाथों में धनुष-बाण, चक्र, गदा, अमृत कलश, कमल और कमंडल धारण किया है। वहीं मां के हाथों में सिद्धियों और निधियों से युक्त जप की माला भी है। इनकी सवारी सिंह है।

मां कुष्मांडा की कथा

पौराणिक कथा के अनुसार मां कुष्मांडा का अर्थ होता है कुम्हड़ा। मां दुर्गा ने असुरों के अत्याचार से संसार को मुक्त करने के लिए कुष्मांडा का अवतार लिया था। मान्यता है कि देवी कुष्मांडा ने पूरे ब्रह्माण्ड की रचना की थी। पूजा के दौरान कुम्हड़े की बलि देने की भी परंपरा है। इसके पीछे मान्यता है ऐसा करने से मां प्रसन्न होती हैं और पूजा सफल होती है।

मां कुष्मांडा की पूजा विधि

नवरात्रि के चौथे दिन सुबह स्नान करने के बाद मां कुष्मांडा स्वरूप की विधिवत पूजा करने से विशेष फल मिलता है। पूजा में मां को लाल रंग के फूल, गुड़हल या गुलाब का फूल भी प्रयोग में ला सकते हैं, इसके बाद सिंदूर, धूप, गंध, अक्षत् आदि अर्पित करें. सफेद कुम्हड़े की बलि माता को अर्पित करें। कुम्हड़ा भेंट करने के बाद मां को दही और हलवा का भोग लगाएं और प्रसाद में वितरित करें।

मां कूष्मांडा की पूजा का महत्व

शांत-संयत होकर, भक्‍ति‍-भाव से माता की पूजा करनी चाहिए। इनकी उपासना से भक्तों को सभी सिद्धियां व निधियां मिलती हैं। लोग नीरोग होते हैं और आयु-यश में बढ़ोतरी होती है। उनके आशीर्वाद से सभी कष्ट और दुख मिट जाते हैं।