मुजफ्फरपुर एवं दानापुर से आनंद विहार के लिए चलेगी छठ पूजा स्पेशल

हाजीपुर : दीपावली एवं छठ पूजा के अवसर यात्रियों की अतिरिक्त भीड़ के मद्देनजर उनको सुगम आवागमन की सुविधा मुहैया कराने के लिए रेलवे द्वारा मुजफ्फरपुर एवं दानापुर से आनंद विहार के लिए स्पेशल ट्रेन का परिचालन करने का निर्णय लिया गया है जिनका विवरण निम्नानुसार  है:- 

1. गाड़ी सं. 05283/05284 मुजफ्फरपुर-आनंद विहार- मुजफ्फरपुर एसी एक्सप्रेस स्पेशल (सप्ताह में दो दिन): 

गाड़ी संख्या 05283 मुजफ्फरपुर-आनंद विहार एसी एक्सप्रेस स्पेशल दिनांक 11.11.2023 से 18.11.2023 तक प्रत्येक बुधवार एवं शनिवार को मुजफ्फरपुर से 18.00 बजे खुलकर 19.15 बजे हाजीपुर, 19.30 बजे सोनपुर, 20.05 बजे पाटलिपुत्र, 20.30 बजे दानापुर, 21.05 बजे आरा, 21.50 बजे बक्सर एवं 23.45 बजे डीडीयू रूकते हुए अगले दिन 11.00 बजे आनंद विहार पहुंचेगी । वापसी में गाड़ी संख्या 05284 आनंद विहार-मुजफ्फरपुर एसी एक्सप्रेस स्पेशल दिनांक 12.11.2023 से 19.11.2023 तक प्रत्येक गुरूवार एवं रविवार को 13.25 बजे आनंद विहार से खुलकर अगले दिन 00.35 बजे डीडीयू, 01.52 बजे बक्सर, 02.44 बजे आरा, 03.15 बजे दानापुर, 03.35 बजे पाटलिपुत्र, 04.30 बजे सोनपुर एवं 04.45 बजे हाजीपुर रुकते हुए 07.00 बजे मुजफ्फरपुर पहुंचेगी । इस स्पेशल में 1AC का 01, 2 AC के 04, 3AC के 10 एवं 3E के 04 कोच होंगे । 

2. गाड़ी सं. 05273/05274 मुजफ्फरपुर-आनंद विहार- मुजफ्फरपुर एसी एक्सप्रेस स्पेशल (सप्ताह में दो दिन)

गाड़ी संख्या 05273 मुजफ्फरपुर-आनंद विहार एसी एक्सप्रेस स्पेशल दिनांक 22.11.2023 से 09.12.2023 तक प्रत्येक बुधवार एवं शनिवार को मुजफ्फरपुर से 18.00 बजे खुलकर 19.15 बजे हाजीपुर, 19.30 बजे सोनपुर, 20.05 बजे पाटलिपुत्र, 20.30 बजे दानापुर, 21.05 बजे आरा, 21.50 बजे बक्सर एवं 23.45 बजे डीडीयू रूकते हुए अगले दिन 11.00 बजे आनंद विहार पहुंचेगी । 

वापसी में गाड़ी संख्या 05274 आनंद विहार-मुजफ्फरपुर एसी एक्सप्रेस स्पेशल दिनांक 23.11.2023 से 10.12.2023 तक प्रत्येक गुरूवार एवं रविवार को 13.25 बजे आनंद विहार से खुलकर अगले दिन 00.35 बजे डीडीयू, 01.52 बजे बक्सर, 02.44 बजे आरा, 03.15 बजे दानापुर, 03.35 बजे पाटलिपुत्र, 04.30 बजे सोनपुर एवं 04.45 बजे हाजीपुर रुकते हुए 07.00 बजे मुजफ्फरपुर पहुंचेगी । इस स्पेशल में 1AC का 01, 2 AC के 04, 3AC के 10 एवं 3E के 04 कोच होंगे । 

3. गाड़ी सं. 03257/03258 दानापुर-आनंद विहार-दानापुर सुपरफास्ट स्पेशल (साप्ताहिक)

गाड़ी संख्या 03257 दानापुर-आनंद विहार सुपरफास्ट एक्सप्रेस स्पेशल दिनांक 26.11.2023 से 10.12.2023 तक प्रत्येक रविवार को दानापुर से 07.30 बजे खुलकर 08.10 बजे आरा, 09.05 बजे बक्सर एवं 10.30 बजे डीडीयू रूकते हुए अगले दिन 00.30 बजे आनंद विहार पहुंचेगी । 

वापसी में गाड़ी संख्या 03258 आनंद विहार-दानापुर सुपरफास्ट एक्सप्रेस स्पेशल दिनांक 27.11.2023 से 11.12.2023 तक प्रत्येक सोमवार को 05.00 बजे आनंद विहार से खुलकर उसी दिन 17.10 बजे डीडीयू, 18.30 बजे बक्सर, 19.30 बजे आरा रुकते हुए 20.45 बजे दानापुर पहुंचेगी । 

इस स्पेशल में साधारण श्रेणी के 20 कोच होंगे । इस स्पेशल में 2AC का 01, 3AC के 03 एवं Sleeper के 11 एवं General के 03 कोच होंगे।

जदयू से इस्तीफा देने वाले ललन पासवान ने थामा बीजेपी का दामन, सीएम नीतीश पर बोला जमकर हमला

डेस्क : लोकसभा और विधानसभा का चुनाव नजदीक आते ही नेताओं के दल-बदल का सिलसिला शुरु हो गया है। इसी कड़ी में पिछले दिनों जदयू से इस्तीफा देने वाले सीएम नीतीश कुमार के करीबी रहे नेता ललन पासवान आज शुक्रवार को बीजेपी में शामिल हो गए। 

बीजेपी की सदस्यता ग्रहण करने के बाद ललन पासवान ने नीतीश कुमार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि जदयू के नेताओं में नाराजगी काफी हद तक बढ़ गई है। जदयू नेता एक-एक करके पार्टी को छोड़ रहे है। कयाश लगाया जा रहा कि जल्द ही कई और नेता जदयू का साथ छोड़ सकते हैं। 

वहीं इस दौरान बीजेपी के राज्यसभा सासंद सुशील मोदी ने कहा कि, ललन पासवान जब छात्र थे तभी से वह राजनीति में सक्रिय है।12 महीने से ज्यादा का वक्त हो चुका है और राजद और जेडीयू में कोई भी बड़े नेता शामिल नहीं हुए है। बल्कि लगातार कई नेता ने महागठबंधन को छोड़ा है। लगातार बड़े नेता बीजेपी में शामिल हो रहे है। लोकसभा चुनाव से पहले जेडीयू को टूटने से कोई नहीं बचा सकता है। जब से नीतीश कुमार ने तेजस्वी को आगे करने की बात कही है, उसके बाद नेता उनके साथ रहने को तैयार नहीं है। जदयू के नेताओं को नीतीश की नेतृत्व तो पसंद करते है लेकिन तेजस्वी का नेतृत्व उन्होंने पसंद नहीं है।

बीजेपी सांसद रामकृपाल यादव ने कहा कि, आजकल कुछ पार्टियां समाज को तोड़ने में लगा रहता है, लेकिन बीजेपी समाज को जोड़ने में लगी रहती है। बीजेपी ग़रीबों के लिए काम करती है। आजकल मुख्यमंत्री के रामलीला के मंडली और चट्टे बट्टे लोग क्या करते है सभी जानते है। उन्होंने कहा कि, दोनों भाईओं ने बिहार में 30 साल तक सता की मलाई खाई है। दोनों भाईओं के कारण ओबीसी समाज के लोग परेशान है। इसके लिए ज़िम्मेवार नीतीश कुमार है।

बिहार बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने इस दौरान कहा कि, ललन पासवान का हम सभी स्वागत करते है। बीजेपी ने कर्पूरी ठाकुर और लालू यादव के साथ साथ नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठाया। सुशील मोदी ने आंदोलन किया और फ़ायदा नीतीश कुमार को मिला। एक भी फ़ोटो उनके आंदोलन का नहीं है। नीतीश कुमार को हेलीकॉप्टर से दिल्ली से भेजा गया और वह सीएम बने। 1995 में भी समता पार्टी ने 6 सीट जीत हासिल की और बीजेपी उनसे तीन गुना सीट जीत हासिल की थी। अब नीतीश कुमार की क्या हालत है सभी जानते है।

बीपीएससी द्वारा आयोजित शिक्षक नियुक्ति परीक्षा में पद से कम अभ्यर्थियों के पास होने पर पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने कसा तंज, बिहार सरकार ने शिक्षा को बर्बाद कर दिया


डेस्क : बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम व बीजेपी के राज्यसभा भाजपा सुशील कुमार मोदी ने बीपीएससी द्वारा आयोजित शिक्षक नियुक्ति परीक्षा में पद से कम अभ्यर्थियों के पास होने पर तंज कसा है। 

उन्होंने आरोप लगाया है कि बिहार सरकार ने शिक्षा को बर्बाद कर दिया है। इसलिए अब राज्य को योग्य शिक्षक नहीं मिल रहे हैं। यह संभवत पहला राज्य है, जहां शिक्षकों का पुराना कैडर समाप्त कर दिया गया।

उन्होंने कहा कि बिहार लोकसेवा आयोग ने 1.70 लाख शिक्षकों की नियुक्ति-परीक्षा के जो परिणाम जारी किये, उसमें मात्र 1 लाख 22 हजार 324 अभ्यर्थी सफल हुए। इन सबकी नियुक्ति के बाद भी 47,676 शिक्षकों के पद खाली रह जाएंगे। उच्च माध्यमिक स्तर के 16 विषयों में सिर्फ 25.48 फीसदी उत्तीर्ण हुए। पिछले दिनों हेडमास्टर नियुक्ति परीक्षा में केवल 4 फीसदी पास हुए थे।

उन्होंने कहा कि शिक्षकों के रिक्त पद से कम आवेदन और परीक्षा में जरूरत से कम लोगों का सफल होना चिंताजनक है। आयोग यदि इसी तरह परीक्षाएं लेता रहेगा और टीईटी उत्तीर्ण लोगों की सीधी नियुक्ति नहीं की जाएगी तो 10 साल में भी शिक्षकों के सभी पदों पर नियुक्ति नहीं हो पाएगी।

जबतक जीवित है बीजेपी से रहेगी दोस्ती वाले बयान को लेकर मचे घमासान पर बोले सीएम नीतीश कुमार, निजी रिश्तों की बात का राजनीतिक मायने निकालना दुखद

डेस्क : बीते गुरुवार को मोतिहारी में केन्द्रीय विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में सीएम नीतीश कुमार ने कहा था कि जबतक वे जीवित है बीजेपी से दोस्ती बनी रहेगी। उनके इस बयान के बाद प्रदेश मे चर्चाओं का बाजार गरम हो गया। यह मायने निकाला जाने लगा कि नीतीश कुमार एकबार फिर बीजेपी के साथ जा सकते है। 

इधर इस चर्चा को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अफसोस जताया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना एम्स के कार्यक्रम में अफसोस जताते हुए कहा कि निजी रिश्तों की बात करने पर भी सियासी मायने निकाला जा रहा है यह दुखद है।

पटना एम्स के दीक्षांत समारोह में मुख्यमंत्री ने कहा कि मोतिहारी में पुराने साथियों के साथ मिलकर किए गए विकास कार्य की याद क्या दिलाई, अटकलबाजियों का दौर शुरू हो गया। उन्होंने कहा कि हम सबकी तारीफ करते रहते हैं। आज हम दूसरी जगह (मोतिहारी में) बोले हैं तो सब क्या-क्या चला दिया। पुराने साथियों के साथ मिलकर जो काम किए थे, वही कहे थे कि आप सबको तो याद है ही।

समारोह के दौरान एम्स ऑडिटोरियम में मौजूद भाजपा सांसद रामकृपाल यादव और छेदी पासवान की ओर मुखातिब होकर कहा कि ये लोग भी यहीं बैठे हैं। इसी तरह वहां भी पुराने साथी लोग बैठे थे। वहां कहा था कि याद है न भाई, यहां पर क्या-क्या किए थे जब हम साथ थे, तो वे लोग ताली बजाने लगे। इसी पर सब क्या-क्या समझ लिया।

बता दें मोतिहारी केन्द्रीय विवि के पहले दीक्षांत समारोह में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वहां मौजूद भाजपा नेताओं का नाम लिये बगैर कहा कि यहां सामने जो लोग बैठे हुए हैं, ये 2005 से हमारे साथ रहे हैं। हम इधर हैं, आप उधर हैं, इसे छोड़िए। दोस्ती थोड़े खत्म होगी। हम सबकी इज्जत करते हैं और हम जब तक जीवित रहेंगे हमारे मन में आप सब के प्रति आदर का भाव रहेगा। हम आगे भी आप सबकी सेवा और सम्मान करते रहेंगे।

गोपालगंज के थावे मंदिर पहुंचे डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव : माता का किया दर्शन, मंदिर परिसर में सौंदर्यीकरण एवं विकासात्मक कार्यों का किया शिलान्यास

डेस्क : डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने आज गुरुवार को गोपालगंज स्थित थावे मंदिर पहुंचे। जहां उन्होंने सबसे पहले माता का दर्शन कर पूजा-अर्चना की। मंदिर के पुजारियों ने उन्हें विधि-विधान से पूजा कराई।  

इस दौरान तेजस्वी यादव को चुनड़ी भेंटकर स्वागत किया गया। वहीं पूजा अर्चना के बाद डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने थावे माता मंदिर परिसर में सौंदर्यीकरण एवं विकासात्मक कार्यों का शिलान्यास किया। 

तेजस्वी यादव के गोपालगंज आगमन पर राजद नेताओं ने उनका भव्य स्वागत किया। जगह जगह राजद कार्यकर्ताओं ने जोरदार नारेबाजी की।

मोतिहारी में MGCU के प्रथम दीक्षांत समारोह में शामिल हुई राष्ट्रपति,जब तक जिंदा हैं, दोस्ती खत्म नहीं होगी; मोतिहारी में बीजेपी नेताओं से बोले नीतीश कुमार

एबिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बीजेपी को लेकर बड़ा बयान दिया है। महात्मा गांधी सेंट्रल यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह के दौरान भाषण में उन्होंने कहा कि बीजेपी से उनकी दोस्ती तब तक खत्म नहीं होगी जब तक वह जिंदा हैं। अलग हैं तो क्या हुआ लेकिन दोस्ती हमेशा बरकरार रहेगी। नीतीश कुमार ने खुले मंच से यह बात कही तो हॉल में मौजूद भाजपा कार्यकर्ताओं की ओर से जमकर तालियां बजाई गई।

नीतीश कुमार ने तत्कालीन मनमोहन सरकार की आलोचना भी की।

दरअसल गुरुवार को महात्मा गांधी के कर्मभूमि पूर्वी चंपारण के मोतिहारी में स्थित महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय का दीक्षांत समारोह आयोजित किया गया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू बतौर मुख्य अतिथि समारोह में शामिल हुईं। उनके साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भाजपा नेता व मोतिहारी सांसद राधा मोहन सिंह समेत कई नेता दीक्षांत समारोह के मंच पर तो हॉल में बड़ी संख्या में भाजपा के कार्यकर्ता भी मौजूद थे।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दीक्षांत समारोह में शामिल छात्र-छात्राओं और अन्य अतिथियों को संबोधित किया। इस दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा- जितने लोग हमारे हैं, सब साथी हैं, छोड़िए ना हम अलग हैं, आप अगल हैं तो इससे क्या हुआ, लेकिन हमारा दोस्तिया थोड़े खत्म होगा। जबतक हम जीवित रहेंगे आप लोगों के साथ ही हमारा संबंध रहेगा। चिंता मत करिए। आपके साथ इतना दिन हम रहे हैं और आगे भी हमारा संबंध बना रहेगा। यह कहते हुए नीतीश कुमार हंसने लगे और दर्शक दीर्घा में बैठे लोगों ने जमकर ताली बजाई। नीतीश कुमार ने कहा कि आप सभी हमारे मित्र हैं, सहयोगी हैं, साथी हैं। सब लोग मिलकर साथ बैठकर तेजी से काम सब करवा दीजिए तो बहुत अच्छा रहेगा तो मुझे बहुत खुशी होगी।

सेंट्रल यूनिवर्सिटी की जरूरत बताते हुए उन्होंने कहा कि 2006 और 2007 में ही हम उस समय की सरकार से महात्मा गांधी की धरती पर सेंट्रल यूनिवर्सिटी की मांग करते रहे। लकिन बात नहीं सुनी गई और उन्होंने नहीं दिया। पर 2014 में जब नई सरकार बनी तो मैनें मांग किया। मेरे विशेष अनुरोध को मानते हुए इस सरकार ने दे दिया तो अच्छा हुआ।

नीतीश जब बोल रहे थे उस समय मंच पर राष्ट्रपति और राधा मोहन सिंह मौजूद थे। नीतीश कुमार के इस बयान से बिहार के सियासी गलियारे में हलचल मच गई है।

        

 इससे पहले बुधवार को नीतीश कुमार के करीबी रहे चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने बड़ा दावा किया था। पीके ने कहा था कि नीतीश कुमार कहीं भी रहे लेकिन, वह हमेशा एक रोशनदान खोल कर रखते हैं और उससे हवा बयार लेते रहते हैं। जब कभी मन होता है तो अंतरात्मा की आवाज सुनकर रोशनदान से निकल जाते हैं

और दूसरी ओर चले जाते हैं । पीके ने स्पष्ट किया महागठबंधन उनके लिए दरवाजा है तो राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश रोशनदान हैं। यही वजह है कि बीजेपी और जेडीयू के अलग होने के बाद भी हरिवंश राज्यसभा के सभापति बने हुए हैं। मोतीहारी सेंट्रल यूनिवर्सिटी में नीतीश कुमार द्वारा दिए गए बयान को इसी संदर्भ में देखा जा रहा है।

बड़ी खबर : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का बड़ा बयान, जबतक जिंदा रहूंगा भाजपा से बनी रहेगी दोस्ती

डेस्क : बिहार की राजनीति मे एकबार फिर से बड़ा सियासी तूफान मच सकता है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज गुरुवार को कहा है कि वे जब तक जीवित रहेंगे तब तक बीजेपी के लोगों से उनकी दोस्ती रहेगी। 

सीएम नीतीश कुमार ने ये बातें मोतिहारी में महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय (एमजीसीयू) के प्रथम दीक्षांत समारोह के दौरान कही। सीएम नीतीश ने वहां बैठे भाजपा के नेताओं की ओर इशारा करते हुए कहा कि वे जब तक जीवित रहेंगे तब तक उनलोगों (‘बीजेपी’) से दोस्ती रहेगी। 

मुख्यमंत्री ने एमजीसीयू की स्थापना का इतिहास बताते हुए सीएम नीतीश ने कांग्रेस को भी निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि वर्ष 2007 में केंद्र ने कई राज्यों में केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना करने की योजना बनाई। उस समय केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी। तब बिहार में एनडीए की सरकार थी। नीतीश ने कहा कि उस समय बिहार में केंद्रीय विश्वविद्यालय स्थापित करने की बात हुई। 

उन्होंने केंद्र की तत्कालीन कांग्रेस सरकार को सुझाव दिया कि मोतिहारी में इसकी स्थापना की जाए क्योंकि यह महत्मा गांधी की कर्मभूमि रही है। यहीं से उन्होंने भारत में स्वतंत्रता संग्राम की लड़ाई की शुरुआत की। सीएम नीतीश ने कहा कि उस सरकार के केंद्र सरकार के शिक्षा मंत्री से उन्होंने कई बार मुलाकात की। उनके घर में खाना तक खाया। लेकिन शिक्षा मंत्री ने गया में केंद्रीय विश्वविद्यालय स्थापना को मंजूरी दी। नीतीश की मोतिहारी में केंद्रीय विश्वविद्यालय की मांग को लगातार टाला गया। 

नीतीश ने बताया कि जब केंद्र में वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार बनी तब मोतिहारी में केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना को मंजूरी दी गई। फिर 2016 से यहां अन्य कार्य आरम्भ हुआ। उन्होंने कहा कि वे चंपारण को लेकर हमेशा प्राथमिकता देते आए हैं। महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय नाम भी उन्हीं का सुझाया हुआ था जिसे स्वीकार किया गया। उन्होंने कहा कि वे जब तक जीवित रहेंगे तब चंपारण की इज्जत करेंगे। 

साथ ही उन्होंने महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के लिए 300 एकड़ भूखंड जल्द से जल्द उपलब्ध कराने को लेकर अधिकारियों को त्वरित निष्पादन करने का निर्देश दिया। वहीं दीक्षांत समारोह में उपस्थित राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से अनुरोध किया कि वे पुनः बिहार आएं। विशेषकर महात्मा गांधी की कर्मस्थली पूर्वी और पश्चिमी चंपारण में उन तमाम जगहों को देखें जहाँ गांधी ने काम किया था।

तेजस्वी के बिहार बीजेपी में कई गुट पर प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी का पलटवार, राजद की तरह एक व्यक्ति की पार्टी नहीं है भाजपा

डेस्क : बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने बीजेपी पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि बिहार भाजपा में गुटबाजी चरम पर है। बिहार प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी का अलग गुट है, नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा का अलग गुट है और राज्यसभा सांसद सुशील मोदी का अलग गुट है। इस तरह कई गुटों में बंटी बिहार भाजपा के नेताओं में आपस में ही खींचतान बनी रहती है।

इधर तेजस्वी यादव के दावों पर बिहार प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि भाजपा में सबका साथ सबका विकास है। यहां मल्टी पर्पस नेता हैं। सबको अपनी बात रखने की आजादी है। बीजेपी राजद की तरह एक मलिक है और सब उसके नौकर है वाली पार्टी नहीं है। 

सम्राट चौधरी ने राजद सुप्रीमो लालू यादव को अपराधी करार देते हुए कहा कि लालू जी कल भी अपराधी थे और आज भी वह अपराधी ही हैं। कोर्ट ने उनको क्लीन चिट नहीं दिया है. लालू यादव को कोई भी क्लीन चिट नहीं दे सकता है। उन्होंने तेजस्वी यादव पर कटाक्ष करते हुए कहा कि अब तेजस्वी भी पिता की राह पर चल दिए हैं। सम्राट चौधरी ने कहा कि लालू यादव को मुख्यमंत्री भी पहले पहल भाजपा ने ही बनाया था।  

गौरतलब है कि वर्ष 1990 में लालू यादव ने जब सीएम पद की शपथ ली थी तब उस सरकार को भाजपा का समर्थन प्राप्त था। हालांकि बाद में भाजपा उस सरकार से अलग हो गई थी।

सीएम नीतीश कुमार ने जिला स्तरीय 20 सूत्री कार्यक्रम कार्यान्वयन समिति को लेकर नई टीम का किया ऐलान, जानिए किसे मिली कहां की कमान

डेस्क : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार में जिला स्तरीय 20 सूत्री कार्यक्रम कार्यान्वयन समिति को लेकर नई टीम का ऐलान कर दिया है। नई टीम में जहां 20 जिलों के प्रभारी मंत्री की नियुक्ति भी कर दी गई है। वहीं मुंगेर को छोड़ बाकि 37 जिलों में कमेटी का भी गठन कर दिया गया है। बुधवार देर रात मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग ने जिला स्तरीय कार्यक्रम कार्यान्वयन समिति के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सदस्यों के नामों से संबंधित अधिसूचना जारी की गई है। 20 सूत्री जिला स्तरीय समिति में जिला प्रभारी मंत्री को अध्यक्ष बनाया गया है। मुंगेर को छोड़ बाकी 37 जिलों में कमेटी बनी है।

नई समिति में बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को पटना जिले का अध्यक्ष बनाया गया है, जबकि उपाध्यक्ष अशोक चौधरी हैं। वहीं सीएम नीतीश कुमार के गृह जिला नालंदा में 20 सूत्रीय कमेटी के अध्यक्ष वित्त मंत्री विजय चौधरी हैं। यहां अशोक कुमार हिमांशु एवं मो. मशरुर अहमद जुबैरी को जिला उपाध्यक्ष बनाया गया है। जबकि रोहतास जिले के अध्यक्ष लघु जल संसाधन मंत्री जयंत राज और उपाध्यक्ष रामचन्द्र ठाकुर एवं अजय कुमार सिंह को बनाया गया है।

जिला स्तरीय 20 सूत्री कार्यक्रम कार्यान्वयन समिति में पीएचडी मंत्री ललित यादव पश्चिमी चंपारण के अध्यक्ष जबकि शत्रुघ्न कुशवाहा हुसैन अंसारी उपाध्यक्ष होंगे, सीतामढ़ी जिले के अध्यक्ष भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी और उपाध्यक्ष सुनील कुमार कुशवाहा और सत्येंद्र सिंह कुशवाहा होंगे। वैशाली के अध्यक्ष विजेंद्र प्रसाद यादव उपाध्यक्ष वैद्यनाथ चंद्रवंशी और सुभाष चंद्र सिंह होंगे। सुपौल जिला के अध्यक्ष जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा और उपाध्यक्ष संतोष कुमार होंगे।

इसी तरह नवादा जिले के अध्यक्ष उद्योग मंत्री समीर कुमार महासेठ और उपाध्यक्ष सलमान रागीब एवं उदय कुमार यादव हैं। पूर्णिया जिला के अध्यक्ष पद का जिम्मा वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी और उपाध्यक्ष मिथिलेश कुमार दास एवं राकेश कुमार को सौंपा गया है। मुजफ्फरपुर जिले के अध्यक्ष कला संस्कृति मंत्री जितेन्द्र राय और उपाध्यक्ष राम बाबू सिंह व रमेश गुप्ता बनाए गए हैं। वहीं खाद्य उपभोक्ता मंत्री लेसी सिंह मधुबनी जिले की अध्यक्ष व उपाध्यक्ष बीर बहादुर सिंह एवं सत्येन्द्र कामत बने हैं।

वहीं मधेपुरा जिला के अध्यक्ष आईपीआरडी मंत्री संजय कुमार झा और उपाध्यक्ष जयकांत यादव एवं रमेश ऋषिदेव हैं। लखीसराय की अध्यक्ष परिवहन मंत्री शीला कुमारी और उपाध्यक्ष कालीचरण दास एवं अमरेश कुमार हैं। किशनगंज जिला के अध्यक्ष अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मो. जमा खान और उपाध्यक्ष असगर अली पीटर हैं।

जहानाबाद का अध्यक्ष एससी-एसटी मंत्री रत्नेश सादा जबकि महेश ठाकुर और शशि भूषण कुमार शर्मा को उपाध्यक्ष बनाया गया है। कैमूर के लिए श्रम संसाधन मंत्री सुरेंद्र राम अध्यक्ष जबकि अकलू राम और प्रमोद कुमार सिंह उपाध्यक्ष मनोनीत हुए।

भागलपुर जिला के अध्यक्ष पर्यटन मंत्री कुमार सर्वजीत जबकि विपिन बिहारी सिंह और चंद्रशेखर प्रसाद यादव को उपाध्यक्ष बनाया गया है। बक्सर जिला के अध्यक्ष पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री आफाक अहमद होंगे। जबकि अशोक सिंह और शेषनाथ सिंह को उपाध्यक्ष बनाया गया है।

कृषि रोड मैप पर शुरु हुई सियासत : पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने सीएम से श्वेत पत्र जारी करने को कहा, नेता प्रतिपक्ष ने बताया 12 विभागों द्वारा लूट का जरिया


डेस्क : बिहार सरकार द्वारा आज चौथे कृषि रोड मैप की शुरुआत की गई। आज बुधवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के द्वारा इसका शुभारंभ किया गया। इधर इसके शुभारंभ के साथ ही इसपर सियासत शुरु हो गई है। प्रदेश की मुख्य विपक्षी पार्टी बीजेपी द्वारा इसपर सवाल खड़ा किया जाने लगा है।  

बीजेपी के राज्यसभा सांसद व बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने इसे लेकर सीएम नीतीश कुमार से कई सवाल पूछे हैं। उन्होंने कहा है कि नीतीश कुमार को श्वेत पत्र जारी कर बताना चाहिए कि तीन कृषि रोडमैप लागू होने के बाद भी बिहार के किसान आय के मामले में 28 वें स्थान पर क्यों हैं?

उन्होंने कहा कि तीसरे कृषि रोडमैप पर पांच साल में 1.54 लाख करोड़ खर्च करने का लक्ष्य था और जब सरकार एक लाख करोड़ भी खर्च नहीं कर पायी, तब चौथे कृषि रोडमैप पर 1.62 लाख करोड़ खर्च करने के लक्ष्य का कोई औचित्य नहीं था। तीसरे कृषि रोडमैप में जैविक कोरीडोर का निर्माण, हर खेत तक बिजली पहुँचाने, बंद नलकूप चालू कराने और अलग कृषि फीडर लगा कर 8 लाख नये सिंचाई कनेक्शन देने जैसे लक्ष्य क्यों नहीं पूरे हुए? 

सुशील मोदी ने कहा है कि महागठबंधन सरकार निहित स्वार्थों के इतने दबाव में है कि वह किसी योजना या रोडमैप को ईमानदारी से लागू करने की क्षमता खो चुकी है। 

वहीं बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने चतुर्थ कृषि रोड मैप के आरंभ पर कहा है कि पूर्व के तीनों कृषि रोड मैप योजना विफल साबित हुई है। सरकार को उसे पर श्वेत पत्र जारी करना चाहिए। सिन्हा ने कहा कि कृषि रोड मैप सरकार के 12 विभागों द्वारा धन उगाही का जरिया बन गया है। 

उन्होंने कहा की कृषि रोड मैप 2008 से शुरू हुआ। लेकिन अभी भी बिहार के किसान आमदनी में देश के सबसे निचले राज्यों में है। पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने खुलेआम कहा था कि विभाग में सभी चोर हैं। कृषि रोड मैप से किसानों को कोई फायदा नहीं हुआ है।

सिन्हा ने कहा कि कृषि रोड मैप के तहत कृषि कैबिनेट भी बनाई गई थी। लेकिन पिछले कई वर्षों में उसकी बैठक नहीं हुई है। सिन्हा ने मुख्यमंत्री के वक्तव्य का उल्लेख करते हुए कहा कि चौथ कृषि रोड मैप को उन्होंने अंतिम बताया है। 

सिन्हा ने कहा की जब योजनाएं कागज पर ही बनती है और कागज पर ही क्रियान्वयन होता है तो बाकी कृषि रोड मैप की तरह ही अंतिम कृषि रोड मैप का भी हश्र होगा। सिन्हा ने कहा कि सरकार चुनावी छलावा के रूप में कृषि रोड मैप का उपयोग कर रही है।