एम्स में पांच करोड़ के घपले की थाने में हुई शिकायत, आमानाका पुलिस ने मांगे दस्तावेज, दर्ज होगा अपराध

रायपुर-  राजधानी के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के वित्त विभाग में पांच करोड़ घपले का मामला अब आमानाका थाने तक पहुंच गया है। एम्स प्रबंधन की नामजद शिकायत पर पुलिस ने घपले के सारे दस्तावेज मांगे हैं। एम्स प्रबंधन की ओर से दस्तावेज उपलब्ध कराए जाने के बाद पुलिस अपराध दर्ज करेगी। एम्स ने वित्त विभाग में पदस्थ जूनियर एकाउंट आफिसर योगेंद्र पटेल के खिलाफ शिकायत सौंपी गई है।

केंद्रीय मंत्रालय की ओर से भी इस मामले को संज्ञान में लेकर लगातार वित्त विभाग के एक उच्च अधिकारी को नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया जा रहा है। एम्स के कर्मचारियों का कहना है कि उच्च अधिकारी के संरक्षण पर ही जूनियर एकाउंट आफिसर ने घपले को अंजाम दिया है। आफिसर का तीन बार तबादला हुआ था, लेकिन अधिकारी ने विभागीय जरूरत बताकर हर बार टाल दिया।

दरअसल मामला यह है कि एम्स में नौकरी छोड़ने से पहले डाक्टरों को नियमानुसार तीन महीने पहले आवेदन के माध्यम से प्रबंधन को इसकी सूचना देनी पड़ती है, जो डाक्टर इस अवधि को पूरा किए बिना यदि बीच में नौकरी छोड़ देते हैं तो नोटिस पीरियड के बचे दिनों में बनने वाले वेतन की राशि का भुगतान करना पड़ता है।

एम्स के बहुत से डाक्टरों ने नोटिस पीरियड में नौकरी छोड़ी है। डाक्टरों से राशि लेकर नई रसीद के बदले तीन-चार वर्ष पुरानी रसीद दे दी गई और उस राशि को एम्स के खाते में जमा ही नहीं किया गया। ऐसे ही जिन डाक्टरों ने डिमांड ड्राफ्ट जमा किया था, उन्हें कुछ समय बाद लेन-देन करके डिमांड ड्राफ्ट लौटा दिया गया।

जांच में 30 लाख गबन की हो चुकी है पुष्टि

एम्स प्रबंधन ने राशि में गबन की जानकारी मिलने पर तीन सदस्यीय टीम गठित कर जांच करा रही है। शुरुआती जांच में ही 30 लाख का घपला पाया गया है। जांच अभी भी जारी है। एम्स के अधिकारियों का कहना है कि घपले का खेल काफी दिनों से चल रहा था, इसलिए चार से पांच वर्ष के रिकार्ड की जांच की जाएगी। जरूरत पड़ने पर एम्स स्थापना से लेकर अब तक के रिकार्ड को खंगाला जाएगा।

भोपाल एम्स के हाथों में कमान

वर्तमान में एम्स में न तो स्थायी रूप से डायरेक्टर और न ही डीडीए की नियुक्ति हुई है। डा. नितिन एम. नागरकर की सेवानिवृत्ति के बाद भोपाल एम्स के निदेशक डा अजय सिंह और डिप्टी डायरेक्टर (डीडीए) प्रशासनिक अंशुमान गुप्ता का कार्यकाल पूर्ण होने के बाद जिम्मेदारी भोपाल एम्स के डीडीए कर्नल अजीत सिंह को दी गई है। एम्स को दिसंबर तक नए डायरेक्टर और डीडीए मिलने की उम्मीद है। पांच अक्टूबर को अंशुमान गुप्ता के जाने के बाद डीडीए की अतिरिक्त जिम्मेदारी वित्त अधिकारी बीके अग्रवाल को दी गई थी। बीके अग्रवाल ने इस पद के लिए आवेदन दिया था, जिसे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने अस्वीकार कर दिया था।

एम्स प्रबंधन ने थाने में शिकायत दर्ज कराई है। दस्तावेज मांगें गए हैं, जिनके मिलने के बाद अपराध दर्ज कर जांच शुरू की जाएगी।

-एसआर सोनी, थाना प्रभारी, आमानाका

राजनांदगांव में कांग्रेस पर बरसे अमित शाह, कहा- ये कटकी और बटकी की सरकार है, यदि कोई खुशहाल है तो केवल गांधी परिवार

राजनांदगांव-   प्रदेश में 7 नवंबर को 20 सीटों पर पहले चरण का चुनाव होना है. भाजपा चुनावी तैयारी में जुट गई है. इसी कड़ी में आज पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह समेत 4 अन्य प्रत्याशियों के नामांकन रैली में गृहमंत्री अमित शाह राजनांदगांव पहुंचे हैं. इस दौरान उन्होंने अपने संबोधन में कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा.

शाह ने कहा कि तुष्टिकरण के लिए भूपेश सरकार ने लिंचिंग कराकर भुवनेश्वर साहू को मार दिया. हम भुवनेश्वर के हत्यारों को अंजाम तक पहुंचायेंगे. भुवनेश्वर साहू के हत्यारों को सजा दिलायेंगे. उनके प्रतीक के रूप में बीजेपी ने उनके पिता ईश्वर साहू को साजा से प्रत्याशी बनाया है. शाह ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को यहां से लौटकर बताऊंगा कि तीन दिसंबर को छत्तीसगढ़ में कमल खिलने वाला है.

अमित शाह ने कहा कि छत्तीसगढ़ बनाने का काम हमारे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने किया. डॉक्टर रमन सिंह ने मुख्यमंत्री बनने के बाद बीमारु राज्य छत्तीसगढ़ को विकसित छत्तीसगढ़ बनाने का काम किया. छत्तीसगढ़ी भाषा को राज्य की भाषा का दर्जा देने का काम बीजेपी ने किया. किसानों को 14 फीसदी ब्याज से मुक्त कराने का काम रमन सरकार ने किया था. पीडीएस सिस्टम छत्तीसगढ़ में लागू हुआ और रमन सिंह को चाउर वाले बाबा कहा गया. भूपेश बघेल से मैं पूछता हूं कि बीते पांच सालों में क्या किया? उन्हें हिसाब किताब देने में कोई दिलचस्पी नहीं है. भूपेश बघेल सिर्फ ताम्रध्वज साहू और टीएस सिंहदेव से हिसाब किताब करते हैं.

शाह ने कहा कि बीजेपी सरकार के कार्यकाल में छत्तीसगढ़ पोषण सुरक्षा देने वाला पहला राज्य बना. कौशल विकास देने वाला पहला राज्य बना. मनरेगा मजदूरों को डेढ़ सौ दिन रोजगार देने वाला पहला राज्य बना. पंचायतों में पचास फीसदी महिला आरक्षण देने वाला पहला राज्य बना. पिछले पांच साल में बीस टका देने वाला सरकार दिया.

अमित शाह ने आरोप लगाकर कहा कि बीस टका, भूपेश कका. घोटाले की इतनी बड़ी सूची मैंने अपने सार्वजनिक जीवन में कही नहीं देखी. सरकार में तो युवाओं की नौकरी को भी नहीं छोड़ा. भूपेश सरकार कटकी और बटकी की सरकार है. मुफ्त सिलेंडर देने थे, पचास हजार शिक्षकों की भर्ती होनी थी, संपत्ति शुल्क में पचास फीसदी की छूट देनी थी. भूपेश बाबू क्या हुआ?

अमित शाह ने कहा कि यदि कोई खुशहाल है तो केवल गांधी परिवार खुशहाल है. वोट बैंक की राजनीति के लिए भुवनेश्वर साहू की हत्या करा दी. क्या आप चाहते हैं कि छत्तीसगढ़ क़ौमी दंगों का केंद्र बने? कांग्रेस यदि फिर चुनकर आती है तो इसी तुष्टिकरण की राजनीति करेगी. मैं कहता हूं बीजेपी सरकार ला दो तो हम पाई पाई उनसे वसूलेंगे और उल्टा लटकाकर ठीक कर देंगे.

कांग्रेस की पहली सूची में गिरीश, हर्षिता और छविंद्र समेत इन पांच नए चेहरों को मिला मौका

रायपुर-   कांग्रेस की पहली सूची में 30 में से पांच नए चेहरे हैं जो कि पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। इनमें अंतागढ़ से रूपसिंह पोटाई, दंतेवाड़ा से के.छविंद्र महेंद्र कर्मा, राजनांदगांव से गिरीश देवांगन, पंडरिया से नीलकंठ चंद्रवंशी और डोंगरगढ़ से हर्षिता स्वामी बघेल का नाम शामिल है।

1: अंतागढ़ से मोर्चे पर सरपंच रूपसिंह पोटाई

अंतागढ़ सीट से वर्तमान विधायक अनूप नाग का टिकट काटकर कांग्रेस ने युवा नेता रूपसिंह पोटाई को प्रत्याशी बनाया है। 34 साल के पोटाई कोयलीबेड़ा जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत बारदा के दो बार सरपंच रहे हैं। वे सरपंच संघ के ब्लाक अध्यक्ष भी रह चुके हैं। क्षेत्र में कांग्रेस के आदिवासी युवा नेता के रूप में उन्होंने अपनी पहचान बनाई है। अनूप नाग की टिकट कटने की चर्चा चलने पर उन्होंने टिकट के लिए दावेदारी की थी। जिस पर कांग्रेस ने भरोसा जताते हुए उन्हें प्रत्याशी बनाया है। इस सीट पर उनका मुकाबला भाजपा के पूर्व मंत्री विक्रम उसेंडी से होगा।

2. दंतेवाड़ा में पहली बार लड़ेंगे छविंद्र कर्मा

दंतेवाड़ा सीट से पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष छविंद्र कर्मा चुनाव लड़ेंगे। छविंद्र कांग्रेस के दबंग नेता रहे स्वर्गीय महेन्द्र कर्मा के पुत्र हैं। अभी उनकी मां देवती कर्मा यहां से विधायक हैं। 2018 के चुनाव में भी छविंद्र ने टिकट मांगा था, लेकिन तब पार्टी ने देवती कर्मा पर ही भरोसा जताया था। इस बार कर्मा परिवार में आम सहमति से छविंद्र के लिए टिकट की मांग की थी।छविंद्र का मुकाबला भाजपा के जिला अध्यक्ष चैतराम अरामी से है।

3: डोंगरगढ़ से पूर्व मंत्री की बेटी हर्षिता स्वामी बघेल

कांग्रेस ने विधायक भुवनेश्वर बघेल की टिकट काटकर जिला पंचायत सदस्य हर्षिता स्वामी बघेल को उम्मीदवार बनाया है। वह पहली बार विधानसभा चुनाव के मैदान में हैं। वे अविभाजित मध्य प्रदेश में मंत्री रहे स्वामी टुमन लाल की बेटी है। उनके पति छुईखदान सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बीएमओ हैं। भाजपा ने इस सीट से पूर्व विधायक विनोद खांडेकर को मैदान में उतारा है।

4. राजनांदगांव से पहली बार चुनावी मैदान में गिरीश

राजनांदगांव सीट से कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह के खिलाफ खनिज विकास निगम के अध्यक्ष गिरीश देवांगन को मैदान में उतारा है। वे बलौदाबाजार विधानसभा क्षेत्र के ग्राम खरोरा के मूल निवासी हैं। मुख्यमंत्री के सहपाठी रहे गिरीश देवांगन वर्तमान में प्रदेश कांग्रेस कमेटी में उपाध्यक्ष हैं। मोहन मरकाम के कार्यकाल में वे महामंत्री थे। इसके पहले भी संगठन के कई पदों पर रह चुके हैं। हालांकि वे पहली बार विधानसभा का चुनाव लड़ने जा रहे हैं।

5. पंडरिया से नीलकंठ चंद्रवंशी

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कबीरधाम जिले के अध्यक्ष नीलकंठ चंद्रवंशी को पंडरिया से टिकट मिली है। मंत्री मोहम्मद अकबर के करीबी नेताओं में से एक नीलकंठ चंद्रवंशी 2004 में जिला युवक कांग्रेस के महामंत्री रह चुके हैं। 2005 में कवर्धा जनपद के सदस्य रहे हैं। पंडरिया विधायक ममता चंद्राकर की टिकट काटकर पार्टी ने चंद्रवंशी पर भरोसा जताया है।

मां बम्लेश्वरी के दर्शन कर आज दिल्ली रवाना होंगे सीएम भूपेश बघेल

रायपुर-   राजधानी की चारों सीटों के साथ प्रदेश की शेष सीटों के लिए नाम तय करने सीएम भूपेश बघेल आज शाम दिल्ली जा रहे हैं। उनका दिल्ली में नाईट हाल्ट रहेगा। इससे पहले सीएम बघेल दोपहर डोंगरगढ़ जाकर मां बम्लेश्वरी के दर्शन कर आएंगे।

बीजेपी के बड़े नेता आज डोंगरगांव में

पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ रमन सिंह समेत जिले के चार प्रत्याशी आज केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में अपने पर्चे दाखिल करेंगे। डॉ सिंह के अलावा डोंगरगढ़ से विनोद खांडेकर, डोंगरगांव से भरतलाल वर्मा और खुज्जी से गीता घासी साहू मैदान में हैं। चारों ही प्रत्याशी एक साथ रोड शो करते हुए राजनांदगांव जिला कलेक्टर के आफिस पहुंचेंगे। बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह अहमदाबाद से सीधे रायपुर पहुंचेंगे। वहां से वे विशेष हेलीकाप्टर से राजनांदगांव पहुंचेंगे। यहां पर वे भाजपा प्रत्याशियों के समर्थन में नामांकन रैली में शामिल होंगे। इसके बाद वे हेलीकाप्टर से रायपुर लौटकर कोलकाता जाएंगे।

शत-प्रतिशत मतदान चाहते हैं तो छत्तीसगढ़ में चुनाव की तिथियों पर विचार करे आयोग:टीएस सिंहदेव

अंबिकापुर-   आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा है कि यदि शत-प्रतिशत मतदान चाहते हैं तो तीज- त्यौहार के समय मतदान की तिथि घोषित की गई है इस पर विचार करना चाहिए।

यदि निर्वाचन आयोग सारी कवायद शत-प्रतिशत मतदान के लिए कर रहा है तो इस पर भी विचार होना चाहिए कि छत्तीसगढ़ में सात नवंबर और 17 नवंबर को होने वाले दो चरणों के मतदान के समय कई तीज-त्यौहार पड़ रहे हैं। सबसे बड़ी बात यह की सूर्य उपासना का प्रवचन किसी एक तिथि को नहीं बल्कि चार दिन पहले से आरंभ हो जाता है और इसमें पूरा परिवार लगा होता है, ऐसे में मतदान प्रतिशत पर प्रभाव पड़ सकता है।

निर्वाचन आयोग को चुनाव की तिथियां को लेकर विचार करना चाहिए। उप मुख्यमंत्री सिंहदेव ने यह भी कहा है कि यह केवल हमारी बात नहीं है, सात नवंबर और 17 नवंबर का दिन किसी राजनीतिक दल के लिए नहीं बल्कि सबके लिए एक समान होने वाला है।लोकतंत्र के इस पर्व में हर किसी की भागीदारी हो, इसलिए चुनाव की तिथियां पर विचार तो करना जरूरी हो गया है।त्योहारों के कारण प्रत्याशियों को भी लोगों से मेल-मिलाप का काफी कम समय मिल रहा है। उपमुख्यमंत्री सिंहदेव ने कहा है कि सात नवंबर को पहले चरण का चुनाव होगा।इन 20 सीटों के लिए चुनाव आयोग ने बहुत कम समय दिया है।इस कम समय में कांग्रेस सभी तैयारियां करने, नामांकन दाखिल करने, दशहरा पर्व,समारोह और अन्य त्योहारों को देखने, लोगों से मिलने और चुनावों में बेहतर प्रदर्शन करने की गतिविधियों में शामिल होंगे। यदि इस चुनावी समय को देखें तो काफी कम समय है। यह न सिर्फ राजनीतिक दल के प्रत्याशियों के लिए बल्कि मतदाताओं के लिए भी परेशानी का समय हो सकता है। उन्होंने निर्वाचन आयोग को चुनाव की तिथियां को लेकर विचार करने का आग्रह किया है।

कार्यकर्ताओं की नाराजगी विधायकों पर पड़ी भारी, राजमन और अनूप समेत इन आठ विधायकों की टिकट कटी

रायपुर-   छत्तीसगढ़ कांग्रेस की पहली सूची में 30 मेंसे मौजूदा आठ विधायकों की टिकट कट गई है। इनकी टिकट कटने के पीछे की वजह क्षेत्र में कार्यकर्ताओं की नाराजगी को माना जा रहा है। जिनके नाम कटे में हैं उनमें बस्तर संभाग के 12 में से चार विधायक शामिल हैं। एक सीट जगदलपुर से अभी प्रत्याशी की घोषणा नहीं की गई है। आज-कल में इस सीट से भी प्रत्याशी तय हो जाएगा।

जिन विधायकों को टिकट से हाथ धोना पड़ा है उनमें अंतागढ़ से अनूप नाग, कांकेर से शिशुपाल सोरी, चित्रकोट से राजमन बेंजाम शामिल हैं। दंतेवाड़ा विधायक देवती कर्मा ने स्वयं ही परिवार की सहमति के आधार पर इस बार इस बार अपने पुत्र छविन्द्र कर्मा के लिए टिकट की मांग की थी। पार्टी के अंदर कार्यकर्ताओं की नाराजगी, गुटबाजी और अति महत्वाकांक्षा इन विधायकों पर भारी पड़ गई।

इनकी टिकट कटने का अंदेशा पहले से ही जताया जा रहा था। ये तीनों की पहली बार विधायक बने थे लेकिन स्वयं को पार्टी और जनता की आशाओं के अनुसार स्थापित नहीं कर सके। 2018 में चित्रकोट सीट से दीपक बैज विधायक चुने गए थे, उनके सांसद निर्वाचित होने पर उपुचनाव में राजमन बेंजाम को विधायक बनने का अवसर मिला। बेंजाम और दीपक बैज के बीच क्षेत्र की राजनीति में वर्चस्व की लड़ाई रही है। बेंजाम को अनुमान नहीं था कि बैज पीसीसी अध्यक्ष बन जाएंगे।

बैज ने विधानसभा चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर की और उन्हें टिकट भी मिल गई। अधिकांश कार्यकर्ता भी उनके साथ बताए जाते हैं। इसका परिणाम यह हुआ बेंजाम को बाहर का रास्ता देखना पड़ गया। अनूप नाग विधायक बनने से पहले थानेदार और शिशुपाल सोरी भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी थे।

दोनाें कार्यकर्ताओं और पार्टी के अंदर अपना सामंजस्य ठीक से नहीं बिठा पाए। विधायक बन गए लेकिन स्वाभाव में एक अधिकारी का भाव और कार्यशैली से उबर नहीं पाए। राजमन बेंजाम को छोड़कर बाकी तीनों विधायकों की आयु 65 से 70 साल के मध्य है। ऐसी स्थिति में टिकट कटने से इनका राजनीतिक भविष्य अस्त होने जैसा माना जा रहा है।

दुर्ग संभाग से चार विधायक चुनावी मैदान से बाहर

दुर्ग संभाग से चार विधायक चुनावी मैदान से बाहर हो गए हैं। इनमं पंडरिया विधायक ममता चंद्राकर की टिकट कटने के पीछे कार्यकर्ताओं से दूरी मुख्य वजह मानी जा रही है। इसके अलावा जनता ने भी साथ नहीं दिया, पहली बार जब टिकट मिला तब वह जनता से मेल मिलकर बनाई थी। वहीं, खुज्जी विधानसभा की छन्नी साहू का भी टिकट कट गया है। वह जिला पंचायत की सदस्य रही है, विधायक बनने के बाद गुटबाजी में फंस गई। उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव की समर्थक मानी जाती हैं। मुख्यमंत्री के समर्थक नवाज खान से भी इनकी नहीं जम रही थी।

कार्यकर्ताओं में बंजारे को लेकर थी नाराजगी

नवागढ़ विधायक गुरुदयाल बंजारे वर्तमान सरकार में संसदीय सचिव स्वास्थ्य विभाग रहे थे। कार्यकर्ताओं की पूछपरक नहीं करने की वजह से उनमें नाराजगी थी। अपनी धरातल स्थिति मजबूत नहीं कर पाए और डोंगरगढ़ विधानसभा क्षेत्र से भुवनेश्वर बघेल की क्षेत्र में सक्रियता कम थी। जनता की समस्याओं को भी अनदेखा कर रहे थे। सर्वे रिपोर्ट में इनका नाम नहीं लिया गया। अंतिम छह महीने में अपनी सक्रियता दिखा रहे थे।

मंत्री ताम्रध्वज साहू ने दिए और भी टिकट कटने के संकेत

टिकट कटने की वजहों पर मीडिया से चर्चा करते हुए गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि सर्वे के आधार पर टिकट काटी जाती है। गुण-दोष के आधार पर नए प्रत्याशी बनाए जाते हैं। चुनाव कमेटी के पास जो भी इनपुट रहते हैं उसके आधार पर टिकट तय होती है। आगे की सूची में भी टिकट काटी जा सकती है।

जिनकी भी टिकट कटी है, उनको भी पार्टी में कहीं ना कहीं दी जाएगी जिम्मेदारी : भूपेश बघेल

दुर्ग-   कांग्रेस की पहली सूची जारी होने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि जो लोग कहते थे कि मुख्यमंत्री दूसरी सीट खोज रहे हैं, उनका भी मुंह आज से बंद हो जाएगा. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जिनकी भी टिकट कटी है, उनको भी पार्टी में कहीं ना कहीं जिम्मेदारी दी जाएगी. सरकार बनेगी उनको भी मौका मिलेगा. चुनाव तो पार्टी लड़ती है, और मुझे पूरा विश्वास है कि सब लोग मिलकर लड़ेंगे और जीत हासिल करेंगे.

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पत्रकारों से चर्चा में कहा कि सभी जिताऊ प्रत्याशियों को टिकट दिया गया है, आगे आने वाली सूचियां में भी ऐसे ही प्रत्याशी शामिल होंगे. उन्होंने पार्टी के सात वर्तमान विधायकों का टिकट काटने और गिरीश देवांगन को पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ाए जाने पर कहा की पार्टी द्वारा कराए गए सर्वे और कार्यकर्ताओं की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए टिकट का वितरण किया गया है.

वहीं जहां तक गिरीश देवांगन का सवाल है, वे लगातार खैरागढ़ और राजनांदगांव क्षेत्र में सक्रिय रहे हैं. एक कार्यकर्ता और प्रदेश के महासचिव के रूप में उन्होंने अपने राजनीतिक शुरुआत की है. खनिज विकास निगम के अध्यक्ष भी रहे हैं, इसलिए सर्वे में सबसे अधिक नंबर उन्हें मिले, जिसके आधार पर उन्हें प्रत्याशी बनाया गया है. इस बार डॉ. रमन सिंह को सबसे कठिन चुनाव का सामना करना पड़ेगा.

वहीं पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह के नामांकन रैली में केंद्रीय मंत्री अमित शाह के शामिल होने पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि इससे पहले भी योगी आदित्यनाथ नामांकन रैली में आए थे, तब सरकार चली गई थी. इस बार अमित शाह आ रहे हैं. अब देखना होगा कि अमित शाह आते भी है या नहीं, क्योंकि हर बार उनका दौरा रद्द हो जाता है.

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मंत्री गुरु रुद्र कुमार की सीट बदले जाने को लेकर कहा कि गुरु गोसाई का असर पूरे प्रदेश भर में है. पहले वे आरंग और अहिवारा से चुनाव लड़े थे, जहां उन्होंने जीत हासिल की. अब वह नवागढ़ जा रहे हैं. उनका असर पूरे प्रदेश भर में है, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है.

रायपुर में मर्डर, पेट्रोल पंप के पास मारपीट में घायल युवक की हुई मौत

रायपुर-    छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के धूप्पड़ पेट्रोल पंप के पास देर 

रात युवक से मारपीट की गई। मारपीट के बाद आरोपी मौके पर से फरार हो गए। गंभीर रूप से घायल युवक ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। घटना आजाद चौक थाना इलाके का है।

मिली जानकारी के अनुसार, देर रात रायपुर के धूप्पड़ पेट्रोल पंप के पास कुछ युवकों और मृतक दीपक निषाद के बीच मामूली विवाद हो गया। इसके बाद युवकों ने दीपक की जमकर पिटाई कर दी और उसे पास ही के नाले में गिरा दिया। फिर सभी आरोपी मौके पर से फरार हो गए। अस्पताल में इलाज के दौरान दीपक की मौत हो गई। फिलहाल पुलिस मामला दर्ज कर कार्रवाई में जुट गई है।

भाजपा ने विधानसभा चुनाव घोषणापत्र के लिए मांगे सुझाव, कहा- भूपेश सरकार ने लोगों को ठगा

रायपुर-  भाजपा सांसद व घोषणा पत्र समिति के संयोजक विजय बघेल ने मीडिया संवाद कार्यक्रम में विधानसभा चुनाव घोषणापत्र के लिए पत्रकारों के सुझाव मांगे। भाजपा कार्यालय एकात्म परिसर में बघेल ने कहा कि भाजपा के घोषणा पत्र के लिए सुझाव देते समय समाज के हर वर्ग के लोगों के चेहरों पर खुशी और उत्साह है। यह देखकर हमें प्रेरणा मिली। इसके पीछे कारण प्रदेश की भूपेश सरकार का पिछले पौने पांच साल का कार्यकाल है, जिसमें प्रदेश की जनता को धोखाधड़ी, भ्रष्टाचार, घोटाले देखने को मिला है।

उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार ने जनता का शोषण कर, उनका हक छीना है। संवाद कार्यक्रम में उन्होंने सीधे पत्रकारों से वन-टू-वन कर सुझाव लिए, वहीं बड़ी संख्या में पत्रकारों ने लिखित में भी अपने सुझाव संयोजक बघेल को सौंपे। इस अवसर पर भाजपा चुनाव मीडिया प्रभारी विधायक सिद्धार्थ नाथ सिंह, पूर्व मंत्री चंद्रशेखर साहू, प्रदेश चुनाव मीडिया समिति संयोजक रसिक परमार, घोषणा पत्र समिति के सदस्य सचिव पंकज झा, प्रदेश मीडिया प्रभारी अमित चिमनानी, प्रदेश मीडिया सह प्रभारी अनुराग अग्रवाल उपस्थित रहे।

भाजपा का घोषणा पत्र जनता को ठगने का दस्तावेज: कांग्रेस

इधर, भाजपा के घोषणा पत्र के लिए पत्रकारों से सुझाव मांगने पर कांग्रेस ने प्रतिक्रिया व्यक्त की है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने आरोप लगाया कि भाजपा का घोषणा पत्र जनता को ठगने का दस्तावेज है। किस नैतिकता से भाजपा पत्रकार जैसी प्रबुद्ध बिरादरी से सुझाव मांग रही है। भाजपा के लिए घोषणा पत्र जनता को ठगने का दस्तावेज होता है।

उन्‍होंने कहा, भाजपा हर चुनाव के पहले घोषणा पत्र बनाती है, जिसको संकल्प पत्र नाम देती है, लेकिन कभी घोषणा पत्र के वादों को पूरा नहीं करती है। तीन बार 2003, 2008, 2013 के चुनाव में भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में जो वादे किया था। यह वह घोषणाएं है, जिसे उसने तीनों बार मुख्य पेज में छापा था। तीन चुनावों में 31 वादे किए, जिनमें 25 को पूरा नहीं किया। कांग्रेस और भाजपा में यही अंतर है। हमारे लिए घोषणा पत्र वादा निभाने का पवित्र दस्तावेज होता है, भाजपा के लिये यह एक चुनावी हथियार मात्र होता है।

रमन सिंह के मुकाबले पर बोले कांग्रेस प्रत्याशी गिरीश देवांगन- ‘मैं राजनांदगांव का भांजा हूं, नजदीक है दशहरा’

रायपुर-   पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह के खिलाफ कांग्रेस ने गिरीश देवांगन को अपना प्रत्याशी बनाया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के करीबी माने जाने वाले गिरीश देवांगन राजनांदगांव से चुनाव लड़ेंगे। प्रत्याशी बनते ही गिरीश देवांगन ने एक बयान देते हुए खुद को भगवान राम की तरह बताया है। गिरीश देवांगन ने कहा कि- जैसे भगवान राम छत्तीसगढ़ के भांचा (भांजे) हैं, वैसे ही राजनांदगांव का भांचा राम मैं हूं.. दशहरा भी करीब है। यह कहकर गिरीश कुछ सेकंड रुके और फिर हंसने लगे। इसके बाद उन्होंने नवरात्र की बधाई देते हुए पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह को उनके जन्मदिन की भी बधाई दी । रविवार को ये बयान गिरीश देवांगन ने प्रदेश कांग्रेस कार्यालय राजीव भवन में प्रेस कांफ्रेंस के दौरान दिया।

गिरीश देवांगन ने खुद के प्रत्याशी बनाए जाने पर कहा- राजनांदगांव का चुनाव 15 साल के शोषण के खिलाफ है। डॉ रमन की सरकार ने अंखफोड़वा कांड, गर्भाशय कांड जैसे कांड किए हैं। मैं एक छोटा सा कार्यकर्ता हूं एक कार्यकर्ता होने के नाते मैंने नगर निगम के चुनाव हों, उपचुनाव हों या वार्डों के चुनाव हों पूरी ताकत के साथ हम साथियों के साथ खड़े रहे हैं।

देवांगन ने आगे कहा- मुझे विश्वास है कि मैंने यदि राजनांदगांव के साथियों के लिए काम किया है तो मुझे पूरा विश्वास है कि वहां के सभी साथी तन मन धन से रात दिन काम करेंगे। गिरीश देवांगन एक नाम हो सकता है, लेकिन सभी साथियों के लिए एक ही सिंबल है पंजा छाप हमारी पहचान है। पंजा छाप के झंडे के नीचे सभी एकजुट होकर काम करेंगे।

रमन सिंह को लेकर गिरीश ने कहा- जहां तक विकास की बातें हैं तो रमन सिंह जो प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे। वर्षों से मेरा राजनांदगांव आना-जाना रहा है। जो राजनांदगांव पहले दिखता था वही आज भी दिखता है। कोई विकास वहां मुख्यमंत्री रहते हुए डॉ रमन ने नहीं किया, राजनांदगांव में कोई विकास की गति दिखती नहीं है। हम विकास के लिए संघर्ष करेंगे।

गिरीश ने खुद को किसान बताते हुए कहा कि मुझ जैसों को जब सरकार से पैसा मिलता है तो हमारा बजट तय होता है कि क्या खरीदें। राजीव गांधी खेतिहर भूमि मजदूर न्याय योजना लाकर लोगों को पैसा देने का काम कांग्रेस की सरकार ने किया है। देश में इकलौता ऐसा प्रदेश है जहां खेतीहर मजदूर को पैसे दिए जाने की योजना है। मजदूर किसान और अब तक धान खरीदी को मिलाकर कुल 1 लाख 70 हजार करोड़ रुपए की राशि किसानों को मजदूरों को छत्तीसगढ़ की सरकार ने दिया है।

मीडिया से चर्चा में देवांगन ने कहा- आज अच्छी नीतियों की वजह से प्रदेश में किसानों की संख्या बढ़ रही है। किसानों की आर्थिक मजबूती के लिए कांग्रेस ने काम किया। भारतीय जनता पार्टी का चेहरा किसान विरोधी चेहरा है चाहे उनके प्रधानमंत्री हों चाहे उनके केंद्रीय मंत्री या फिर स्थानीय नेता। 2018 में जब कांग्रेस ने किसानों को बोनस देना चाहा तो डॉ रमन ने रुकावटें पैदा कीं।

देवांगन ने दावा किया कि कांग्रेस ही केवल छत्तीसगढ़ में किसानों के साथ खड़ी है किसानों के हित के लिए काम कर रही है। वहीं भाजपा किसानों को आत्महत्या की ओर धकेलना के लिए और छत्तीसगढ़ में खेती किसानी को समाप्त करने का काम कर रही है।