राजगंज में टुंडी विधायक मथुरा प्रसाद महतो के मद से शेड कार्य का किया गया शिलान्यास

राजगंज : शेड कार्य का किया शिलान्यास प्रखंड बाघमारा के धावाचिता पंचायत के मधुगोड़ा ग्राम में विधायक मद के तहत एक शेड कार्य का शिलान्यास टुंडी के विधायक सह सत्तारूढ़ दल के सचेतक मथुरा प्रसाद महतो के अनुज बसंत महतो के द्वारा किया गया। 

इस मौके पर रविंद्र महतो गोविंद महतो नूनाराम महतो निवास तिवारी शनिचर टुडू मनोज निषाद शिवनाथ महतो राजेश महतो दीपक रजवार इंदर रजवार तुलसी रजवार एव अन्य ग्रामीण मौजूद थे।

उपायुक्त ने जिला प्रशासन की टीम के साथ देर रात पूजा पंडालों का किया निरीक्षण


धनबाद :- दुर्गा पूजा को लेकर उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी श्री वरुण रंजन द्वारा जिला प्रशासन की टीम के साथ आज रात झरिया,सिंदरी,भूली,कतरास के पूजा पंडालों का निरीक्षण किया और श्रद्धालुओं को किसी तरह की कोई परेशानी न हो इस पर पूजा कमेटियों के साथ बातचीत कर उसे दूर करने पर चर्चा की।

रविवार को उपायुक्त श्री वरुण रंजन ने एडीएम लॉ एंड आर्डर, एसडीएम, डीएसपी यातायात, बिजली विभाग के कार्यपालक अभियंता, पथ प्रमंडल के पदाधिकारी, भवन प्रमंडल के अभियंता, सिविल सर्जन, कार्यपालक दंडाधिकारी के साथ शहर के कई पूजा पंडालों का निरीक्षण किया और पूजा कमेटियों को जरूरी निर्देश दिया। 

उपायुक्त ने बताया कि दुर्गा पूजा में जिला प्रशासन की पहली प्राथमिकता श्रद्धालुओं को सुरक्षा प्रदान करना है।

उन्होंने बताया कि पंडाल के उद्घाटन से लेकर विसर्जन तक जिला प्रशासन एवं पूजा कमेटियां आपस में सामंजस्य स्थापित कर दुर्गोत्सव संपन्न कराए इसको लेकर लगातार मोनिटरिंग की जा रही है। 

पंडालों में सुरक्षा, महिलाओं की सुरक्षा, बिजली, सीसीटीवी और फायर सिस्टम को लेकर निर्देश दिए जा रहे हैं। 

साथ ही उन्होंने बताया कि सुरक्षा के साथ ट्रैफिक और पार्किंग पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जरूरत के हिसाब से हर जगह पुलिसकर्मियों की तैनाती की जा रही है। संवेदनशील इलाकों को चिन्हित किया जा रहा है। 

उन्होंने कहा कि अतिरिक्त पुलिस बल के साथ महिला सुरक्षा बलों की भी तैनाती की जा रही है। उन्होंने शहरवासियों से शांति पूर्वक पूजा संपन्न कराने की अपील की है।

नशेड़ी बेटा ने पिता को दारू के लिए पैसे नही मिलने पर लाठी से पीटकर मार डाला

दो दिन पहले मारपीट की डर से पत्नी और मां घर छोड़कर भागी थी

बोकारो : शराब के लिए पैसे नही मिलने के कारण कलयुगी बेटे ने अपने पिता को लाठी से पीट -पीट कर मार डाला, दो दिन इसी मारपीट जे कारण पत्नी और मां ने भी जान बचा कर घर से भागी थी।

मामला जरीडीह थाना क्षेत्र के अराजू गांव के चालमूंड़री टोला की है।  जानकारी के अनुसार अराजू के चालमुंड़री टोला निवासी अर्जुन सिंह उर्फ गोलक अपने पिता बुधन सिंह से शराब पीने के लिए पैसा मांग रहा था। इससे पहले से ही वह नशे में धुत्त था।

 पिता ने जब पैसे नहीं दिए तो बेटे ने लाठी उठाकर पिता को पीटना शुरू किया। ताबड़तोड़ लाठी के प्रहार से पिता बुधन सिंह की मौत मौके पर ही हो गयी। पिता की मौत के बाद भी वह लाठी से पीट ही रहा था, इसी बीच पड़ोसियों ने उससे लाठी छीन लिया। 

इधर घटना की सूचना के बाद ग्रामीणों की भीड़ जुट गई. स्थानीय प्रतिनिधियों ने घटना की सूचना जरीडीह थाना को दी. सूचना के बाद जरीडीह थाना प्रभारी अमित कुमार तुरंत घटनास्थल पहुंचकर आरोपी बेटे को गिरफ्तार लिए.

शराब के लिए पैसे नही मिलने पर अक्सरहां करता था मारपीट

थाना प्रभारी अमित कुमार ने बताया कि अराजू में शराब के लिए पैसे मांग रहे बेटे ने नशे में धुत्त होकर पिता की हत्या का मामला सामने आया है। मामले की जांच की जा रही है। आरोपी पुत्र को हिरासत में लिया गया है।

 इधर ग्रामीणों ने बताया कि पिछले एक सप्ताह से अर्जुन सिंह अक्सर नशे में धुत्त होकर घर के सभी लोगों से मारपीट कर रहा था। दो दिन पूर्व आरोपी की पत्नी व मां उसकी डर से एक रिश्तेदार के घर चले गए थे। इधर घर में अकेले पिता को बेटे ने नशे में लाठी से पीट पीटकर मार डाला।

ब्रेकिंग्: कोल इंडिया को तत्काल हाइकोर्ट से मिला स्टे,इस मामले में अब अगली सुनवाई 17 अक्टूबर को होगी।


कोल इंडिया के वेतन को लेकर वेज निर्धारण मामले में आज तत्काल जबलपुर हाईकोर्ट ने कोल इंडिया को स्टे दे दिया है।इस कोर्ट विवाद के कारण तत्काल कोल कर्मियों के वेतन नही रुकेंगे।

 इस मामले में अब अगली सुनवाई 17 अक्टूबर को होगी। इससे करीब 2.20 लाख कोलकर्मियों के सितंबर माह के वेतन भुगतान का मार्ग प्रशस्त हो गया है।

 सूचना के मुताबिक कोल इंडिया की सहायक कंपनी बीसीसीएस, इसीएल व सीसीएल समेत अन्य सभी कोल कंपनियों में कार्यरत कर्मियों को 11 वें वेतन समझौता के मुताबिक एक-दो दिनों में वेतन का भुगतान कर दिया जायेगा। इस संबंध में जल्द ही कोल इंडिया की ओर से अधिसूचना जारी की जा सकती है।

धनबाद में लगातर भू-धंसान से बढ़ रहा है लोगो में आक्रोश,बीसीएल के खिलाफ हो रहे लोग गोलबंद


धनबादसिजुआ एरिया के कनकनी कोलियरी अन्तर्गत जोगता 11 नंबर हरिजन बस्ती में रविवार को हुए भू-धंसान गोफ का दायरा लगातार बढ़ रहा है. बावजूद इसके बीसीसीएल प्रबंधन की ओर से अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है, जिससे बस्ती के लोग दहशत के साये में जीने को मजबूर हैं. 

घटना के बाद 24 घंटे से अधिक का समय बीत गया है, मगर प्रभावितों को अब तक सर छिपाने के लिए कोई ठिकाना नहीं मिला है. नतीजतन खुले आसमान के नीचे सभी रहने पर विवश हैं. सोमवार को गैस का रिसाव में भी बढ़ोतरी हुई है.

 जिसकी चपेट में आकर लोग बीमार हो रहे हैं. इधर बीसीसीएल के उदासीन रवैया पर ग्रामीणों में आज खासा रोष देखा गया. ग्रामीणों ने सोमवार को सामूहिक बैठक कर इसके खिलाफ आर पार की लडाई लड़ने का ऐलान किया है. उन्होंने कहा बीसीसीएल या तो हमलोगों को सुरक्षित स्थान पर पुर्णवास कराये नहीं तो कंपनी का चक्का जाम होगा.

धनबाद: भारत कोकिंग कोल लिमिटेड द्वारा विशेष अभियान 3.0 स्पेशल कैंपेनिंग कर स्वच्छता जागरूकता अभियान चलाया गया


धनबाद :- भारत कोकिंग कोल लिमिटेड द्वारा विशेष अभियान 3.0 स्पेशल कैंपेनिंग कर स्वच्छता जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। इसी क्रम मे कोयला भवन परिसर के अंदर सी जी एम पी विद्युत शाह के नेतृत्व में सफाई अभियान चलाया गया ताकि लोगों तक यह संदेश पहुंचा जा सके की स्वछता हमारे जीवन के लिए कितना जरूरी है। 

जीएमपी विद्युत शाह ने कहा कि अभी मलेरिया डेंगू और इस तरह के कई बीमारियां बारिश में पनपते रहते है हमें चाहिए कि अपने आसपास के क्षेत्र को स्वच्छ और साफ रखें ताकि इन बीमारियों से बचाव हो सके जैसा कि देखा जा रहा है कि अभी डेंगू का प्रकोप काफी तेजी से बढ़ा है।

डायरेक्टर पर्सनल के नेतृत्व में पूरे बीसीसीएल में स्वच्छता अभियान चलाया जा रहा है। इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए निदेशक कार्मिक मुरली कृष्ण रमैया, चीफ जनरल मैनेजर विद्युत शाह, सीनियर पर्सनल मैनेजर एस.पी. राय, डॉयरेक्टर पर्सनल के पी. एस. दीपक कुमार सिंह, सरोज कुमार पांडे, नीरज कुमार मिश्रा, विनय रंजन टुडू, प्रमोद कुमार, अभिषेक कुमार, सुजाता कुमारी, ओ. पी. सिंह, शोभा जैतून कुजूर, कुश कुमार सिंह इन्मोसा के महामंत्री, आर. कनौजिया इत्यादि इस कार्यक्रम में शामिल हुए।

धनबाद के अग्नि प्रभावित सिजुआ क्षेत्र संख्यां 11 में जोरदार आवाज के साथ पांच घर जमींदोज,सभी बाल- बाल बचे,क्षेत्र में दहशत


(झा.डेस्क)

धनबाद के सिजुआ क्षेत्र में जोरदार आवाज के साथ पांच घर जमींदोज हो गयी है। धनबाद के बीसीसीएल सिजुआ क्षेत्र के अग्नि प्रभावित क्षेत्र जोगता 11 नंबर में आज रविवार को अहले सुबह जोरदार आवाज के साथ पांच घर जमींदोज हो गया. 

हालांकि इस घटना में सभी पांच परिवार के परिजन बाल-बाल बच गये. घटना के बाद यहां अफरा-तफरी का माहौल पैदा हो गया है.

धनबाद के सिजुआ बीसीसी एल सिजुआ क्षेत्र के अग्नि प्रभावित क्षेत्र जोगता 11 नंबर में रविवार को अहले सुबह जोरदार आवाज के साथ पांच घर जमींदोज हो गया. हालांकि इस घटना में सभी पांच परिवार के परिजन बाल-बाल बच गये. घटना के बाद यहां अफरा-तफरी का माहौल पैदा हो गया.

 लोग सुरक्षित स्थान की तलाश में इधर उधर -भटक रहे है. भू - धंसान इलाके से तेजी से गैस रिसाव हो रहा है. जिससे बस्ती के लोगों को काफी परेशान है. घटना के बाद स्थानीय लोगो के बीच बीसीसीएल प्रबंधन के खिलाफ रोष है. घटना की जानकारी मिलते ही जोगता थाना पुलिस घटना स्थल पर पहुंची.

लगातार हो रही बारिश से पुटकी में बना गोफ, लोगों में हड़कंप, ग्रामीणों में दहशत



 धनबाद : पुटकी थाना क्षेत्र के 17 नंबर बस्ती के समीप कई दिनों से लगातार हो रही बारिश से बीसीसीएल का बंद मुहाना तेज आवाज के साथ खुलकर बना गोफ. गोफ बनने से आसपास की बस्ती के लोगों में मचा हड़कंप.बस्ती के लोग जल्द से जल्द बीसीसीएल प्रबंधक से सुरक्षित स्थान पर पुनर्वास की मांग कर रहे है।

बस्ती से करीब 100 मीटर की दूरी पर यह गोफ हुआ है.ग्रामीणों के द्वारा बीसीसीएल प्रबंधन को गोफ बनने सूचना दी गई है.धनबाद में लगातार भारी बारिश से जन जीवन भी अस्त व्यस्त है।

आयुष्मान भारत योजना के तहत मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बावजूद 600 लोगों की आँखे नही हुई ठीक,राज्य के स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल


धनबाद : आयुष्मान भारत योजना के तहत मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बावजूद 600 लोगों के आंखों की रोशनी में सुधार नहीं हुआ. नेशनल हेल्थ अथॉरिटी के निर्देश पर बीमा कंपनी ने मेडिकल ऑडिट करने के बाद झारखंड स्टेट आरोग्य सोसाइटी को इसकी जानकारी दी है.

फर्जी पैथोलॉजी रिपोर्ट के आधार पर ऑपरेशन के अलावा स्टेट सोसाइटी द्वारा फॉलो अप के प्रावधान को बदल दिया जाना मुख्य कारण माना जा रहा है.

नेशनल हेल्थ अथॉरिटी के अनुसार, मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद मरीजों का मेडिकल ऑडिट करने का प्रावधान है. 

इस प्रावधान के आलोक में बीमा कंपनी पर मरीजों का मेडिकल ऑडिट करने की बाध्यता है. बीमा कंपनियों द्वारा मेडिकल ऑडिट के लिए अस्पतालों द्वारा उपलब्ध कराये गये मरीजों के ब्योरे का इस्तेमाल किया जाता है. मेडिकल ऑडिट के दौरान बीमा कंपनियां मरीजों को फोन कर यह जानना चाहती हैं कि ऑपरेशन के बाद आंख की रोशनी बढ़ी है या नहीं.

ऑपरेशन के बाद कोई समस्या पैदा हुई है या नहीं. बीमा कंपनी द्वारा किये गये ऑडिट में 600 से अधिक लोगों ने ऑपरेशन के बावजूद आंख की रोशनी में सुधार नहीं होने की शिकायत की. कुछ मरीजों ने ऑपरेशन के बाद पहले के मुकाबले रोशनी कम होने के अलावा आंख में जलन होने की शिकायत की.

झारखंड में आयुष्मान भारत योजना तहत फर्जी मरीजों का किया जा रहा इलाज, जांच में हुआ खुलासा

गिरिडीह में 107 लोगों ने की शिकायत :

मेडिकल ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार, ऑपरेशन के बाद इन मरीजों का इलाज रांची जिले के नयन सुख नेत्रालय, नयनदीप आइ हॉस्पिटल, एएसजी हॉस्पिटल प्राइवेट लिमिटेड, कौशल्या नेत्रालय, जेपी हास्पिटल एंड रिसर्च सेंटर, श्रेष्ठ नेत्रालय सहित कुई अन्य अस्पतालों में हुआ है. ऑपरेशन के बावजूद रोशनी में सुधार नहीं होने की शिकायत के मामले में गिरिडीह जिला दूसरे नंबर पर है. इस जिले के 107 मरीजों ने आंख की रोशनी में सुधार नहीं होने की शिकायत की है.

 इन मरीजों का ऑपरेशन देवकी हॉस्पिटल, नेत्र धाम आइ हॉस्पिटल, श्री विश्वनाथ नर्सिंग होम, नवदीप नर्सिंग होम सहित आयुष्मान में सूचीबद्ध अन्य अस्पतालों मे हुआ है.

राजधानी रांची मे भी 22 मरीजों ने रोशनी में सुधार नहीं होने की शिकायत की है. इनका ऑपरेशन विजन हाउस आइ फाउंडेशन, श्रेष्ठ नेत्र चिकित्सालय प्राइवेट लिमिटेड सहित अन्य अस्पतालों में हुआ है. आयुष्मान भारत योजना में अस्पतालों को भुगतान के लिए निर्धारित प्रक्रिया में ऑपरेशन के बाद फॉलोअप का प्रावधान किया गया है. इसके तहत अस्पताल को ऑपरेशन करने के बाद भुगतान का दावा करने से पहले फॉलोअप की बाध्यता है. 

फॉलोअप में अस्पताल द्वारा मरीज की जांच कर यह देखा जाता है कि ऑपरेशन के बाद रौशनी में सुधार हुआ है या नहीं. या किसी तरह की दूसरी समस्या पैदा हुई है या नहीं.

 लेकिन झारखंड स्टेट आरोग्य सोसाइटी ने भुगतान के दावे के साथ अस्पताल द्वारा फॉलोअप करने से संबंधित रिपोर्ट की बाध्यता समाप्त कर दी है. इससे अब मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद मरीज फॉलोअप नहीं हो रहा है.

जिला अनुसार मरीज

धनबाद 118

गिरिडीह 107

पाकुड़ 71

दुमका 40

जामताड़ा 38

बोकारो 33

देवघर 32

गोड्डा 30

चतरा 24

रांची 22

साहिबगंज 11

रामगढ़ 11

पू सिंहभूम 08

हजारीबाग 05

पलामू 03

लोहरदगा 02

प सिहभूम 01

सरायकेला 01

खूंटी 01

धनबाद के कतरास पास स्थित कांको का शंकर मठ है अध्यात्म का केंद्र ,यहां गीता और वेद भी पढ़ाया जाता है बच्चों को


धनबाद : कतरास के पास बना कांको शंकर मठ कई राज्यों के लोगों के लिए आस्था का प्रतीक है। यह धनबाद ही नहीं, दूसरे जिलों तथा राज्यों के लोगों के लिए भी पूजनीय स्थल। यहां दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं।

पूजा करते हैं। मन्नत मांगते हैं। इस मठ की शाखा काशी, जबलपुर, दुर्गापुर और वीरभूम में है। मठ से देश-विदेश के हजारों लोग जुड़े हैं। इसके साथ ही कांको मठ शिक्षा का भी प्रमुख केंद्र है। यहां गुरुकुल परंपरा से संस्कृत की शिक्षा दी जाती है। रामायण, गीता, वेद-पुराण तथा अन्य पौराणिक ग्रंथें भी बच्चों को पढ़ाए जाते हैं। शिक्षा पूरी तरह निःशुल्क दी जाती है।

कांको शंकर मठ में झारखंड के अलावा बिहार, बंगाल, यूपी, एमपी समेत अन्य राज्यों के लोग आते हैं। श्रद्धालुओं का आना सालोभर लगा रहता है। मठ में शिव, राधा-कृष्ण सहित अन्य देवी-देवताओं की प्रतिमाएं स्थापित हैं। कांको मठ में आदि शंकराचार्य की मंदिर भी है। यह मंदिर भी लोगों के आस्था का केंद्र है।

1928 में हुई थी स्थापना :

37 एकड़ में फैले इस मठ की स्थापना 1928 में हुई थी। यह मठ राजगंज-कतरास फोर लेन पर स्थित है। मठ की स्थापना गुरु दंडी स्वामी जगन्नाथ ने की थी। वे लंबे समय तक मठ के प्रधान रहे। 1965 में उन्होंने समाधि ले ली। 1965 में स्वामी ऋषिकेश कांको मठ के प्रधान पद पर आसीन हुए। 48 वर्षों तक उन्होंने मठ की सेवा की। 2018 में उनके समाधि लेने के बाद दंडी स्वामी सुरेश्वर आश्रम कांको मठ के महंत बने। मठ के दोनों पूर्व महंतों को परिसर में ही समाधि दी गई है।

20 विद्यार्थी कर रहे पढ़ाई :

कांको मठ के महंत दंडी स्वामी सुरेश्वर जी महाराज ने बताया कि यहां हर वर्ग के लोग आते हैं। मठ में नि:शुल्क संस्कृत विद्यालय चल रहा है। जहां विशेष रूप वैदिक कर्मकांड का ज्ञान दिया जाता है। अन्य विषयों की जानकारी भी दी जाती है। इस विद्यालय में 20 विद्यार्थी हैं, जो यहां रहकर गुरु से शिक्षा ग्रहण करते हैं। इनके रहने-खाने और पढ़ने की निःशुल्क व्यवस्था मठ की ओर से की जाती है। श्रद्धालुओं द्वारा स्वेच्छा से दान किए गए पैसे से मठ को चलाया जाता है।