चीन में इजरायली राजनयिक पर चाकू से हमला, कौन है इसके पीछे?

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चीन की राजधानी बीजिंग में एक इस्राइली राजनयिक पर जानलेवा हमला हुआ है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस्राइली राजनयिक पर चाकू से हमला हुआ और फिलहाल पीड़ित राजनयिक अस्पताल में भर्ती हैं, जहां उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है।इज़रायली विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को टाइम्स ऑफ इजरायल को दी जानकारी में इसकी पुष्टि की है। बताया कि चीन में इज़रायली राजनयिक को आतंकवादी हमले में चाकू मार दिया गया।इजराइल और हमास के बीच जारी जंग के बीच ये घटना सामने आई है।

इजरायली विदेश मंत्रालय ने कहा कि बीजिंग में इजरायली दूतावास के एक राजनयिक पर शुक्रवार को ये हमला किया गया। हालांकि, हमले की वजह सामने नहीं आई है।विदेश मंत्रालय की ओर से बताया गया कि राजनयिक का अस्पताल में इलाज चल रहा है और उनकी हालत स्थिर है।इससे पहले मिस्र में इजरायली पर्यटकों पर एक पुलिस अधिकारी ने फायरिंग कर दी थी।इस फायरिंग में दो इजरायली पर्यटक और एक मिस्र के नागरिक की मौत हो गई थी।

जहां एक तरफ इस्राइल और आतंकी संगठन हमास के बीच युद्ध छिड़ा हुआ है और इसके चलते पूरे मध्य पूर्व में हालात तनावपूर्ण हैं। वहीं ऐसे समय में बीजिंग में इस्राइली राजनयिक पर जानलेवा हमले को लेकर कई गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। 

बता दें कि फिलिस्तीन के हमास के आतंकवादियों ने 7 अक्टूबर को जमीन, हवा और समुद्र के जरिए गाजा पट्टी के पास के शहरों में घुसपैठ करते हुए रॉकेटों की बरसात शुरू कर दी थी। इजरायल पर 5,000 रॉकेट से हमलों का दावा किया गया। इस हमले में कई इजरायली नागरिक मारे गए जबकि कई नागरिकों को बंधक बना लिया गया। इजरायल पर हमले के बाद से सवाल ये उठने लगे कि कैसे आयरन डोम और मोसाद जैसी खुफिया एजेंसी वाले देश को इस आतंकी हमले की भनक तक नहीं लगी।

*आतंकवाद के खिलाफ होना ही होगा सख्त, यह किसी के हित में नहीं, पी-20 समिट में बोले पीएम मोदी*

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हाल ही में भारत में जी20 शिखर सम्मेलन का आयोजन किया गया। इसके बाद पी20 शिखर सम्मेलन का भी आयोजन किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को यशोभूमि अधिवेशन केंद्र में जी20 के सदस्य देशों की संसदों के पीठासीन सभापतियों (पी20) के नौवें सम्मेलन का उद्घाटन किया।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां अपना संबोधन दिया। पीएम ने कहा कि भारत लोकतंत्र की जननी है। समय के साथ भारत की संसदीय प्रक्रिया में सुधार हुआ है। भारत ने जी20 सम्मेलन का सफल आयोजन किया और अब पी20 की मेजबानी कर रहा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि आज के दौर में जंग किसी के हित में नहीं है। सबको साथ मिलकर चलना होगा। उन्होंने आतंकवाद को मौजूदा दौर की सबसे बड़ी चुनौती बताया । पीएम मोदी ने देश की संसद पर हमले का जिक्र किया और कहा, करीब 20 साल पहले आतंकवादियों ने हमारी संसद को निशाना बनाया था। उस समय संसद का सत्र चल रहा था और आतंकवादियों की मंशा सांसदों को बंधी और उनको खत्म करने की थी। दुनिया को भी एहसास हो रहा है कि आतंकवाद दुनिया के लिए कितनी बड़ी चुनौती है। पीएम मोदी ने कहा कि आतंकवाद चाहे कहीं भी होता हो, किसी भी कारण से, किसी भी रूप में होता है, लेकिन वो मानवता के विरुद्ध होता है। उन्होंने कहा कि यह शांति और भाईचारे का समय है, साथ मिलकर चलने का समय है, साथ आगे बढ़ने का समय है। यह सबके विकास और कल्याण का समय है।

इस बात पर जताया दुख

प्रधानमंत्री ने कहा कि आतंकवाद का एक वैश्विक पक्ष और है, जिसकी तरफ मैं आपका ध्यान आकर्षित करना चाहता हूं। अभी तक आतंकवाद की परिभाषा को लेकर आम सहमति नहीं बन पाई है, यह बहुत दुखद है। आज भी यूनाइटेड नेशन में इंटरनेशनल कन्वेंशन ऑन कांबेटिंग टेररिज्म कंसेंसस का इंतजार किया जा रहा है।उन्होंने कहा कि दुनिया के इसी रवैया का फायदा मानवता के दुश्मन उठा रहे हैं। दुनिया भर की संसद के रिप्रेजेंटेटिव को सोचना होगा कि आतंकवाद के खिलाफ इस लड़ाई में हम कैसे मिलकर काम कर सकते हैं।

आम चुनाव सबसे बड़ा पर्व-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि भारत में आम चुनाव एक त्यौहार की तरह है। स्वतंत्रता के बाद से भारत में 17 आम चुनाव हो चुके हैं और 300 से ज्यादा विधानसभा चुनाव हुए हैं। भारत ना सिर्फ दुनिया का सबसे चुनाव कराता है बल्कि बड़ी संख्या में लोगों की भागीदारी भी देखी जाती है। 2014 का चुनाव मानव इतिहास में सबसे बड़ा चुनाव था और इस चुनाव में 60 करोड़ लोगों ने हिस्सा लिया। 2019 में वोटर टर्नआउट 70 फीसदी रहा और 600 से ज्याजा पार्टियों ने हिस्सा लिया।

इससे पहले लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने 9वें जी20 संसदीय अध्यक्ष शिखर सम्मेलन (पी20) में प्रतिनिधियों का स्वागत किया। इसके बाद उन्होंने सम्मेलन (पी20) को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि ये अत्यंत गौरव का विषय है कि भारत की अध्यक्षता में जी 20 लीडर समिट में नई दिल्ली डिक्लेरेशन को सर्वसम्मति से स्वीकार किया गया। ये भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रभावशाली नेतृत्व और वैश्विक दृष्टिकोण को दर्शाता है। ये वैश्विक चुनौतियों पर जी 20 देशों की एकजुटता और प्रतिबद्धता का भी प्रमाण है। पी 20 सम्मेलन लोकतांत्रिक मुल्यों अंतरराष्ट्रीय संयोग तथा वैश्विक महत्व के विषयों एंव समकालीन चुनौतियों के समाधान से साझा संसदीय प्रयासों के लिए हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

एक्स का बड़ा एक्शन, हमास से जुड़े सैंकड़ो सोशल मीडिया अकाउंट हटाए गए

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इजरायल पर आतंकी हमले के बाद इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म एक्स ने हमास के खिलाफ बड़ा एक्शन लिया है।एलन मस्क की कंपनी एक्स ने हमास से जुड़े सैंकड़ो अकाउंट को हमेशा के लिए बंद कर दिया है, साथ ही नफरती और भ्रामक कंटेंट पर भी एक्शन लेते हुए इसे प्लेटफॉर्म से डिलीट कर दिया है। एक्स की सीईओ लिंडा याकारिनो ने आपत्तिजनक कंटेंट पर नियंत्रण के लिए एक्स द्वारा किए गए प्रयासों की गुरुवार को जानकारी दी।

कंपनी की सीईओ लिंडा याकारिनो ने गुरुवार को कहा कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ने इज़राइल पर हमले के बाद से सैकड़ों "हमास-संबद्ध खातों" को हटा दिया है और भ्रामक सामग्री के हजारों टुकड़ों को हटाने या लेबल करने की कार्रवाई की गई है। यूरोपीय संघ के आयुक्त ब्रेटन को लिखे एक पत्र में उन्होंने कहा कि हम यूरोपीय संघ के सदस्य देशों सहित दुनिया भर से कानून प्रवर्तन अनुरोधों का तुरंत जवाब देना जारी रखते हैं।

इससे पहले यूरोपीय संघ (ईयू) ने हमास हमले के बाद प्रसारित कंटेंट को लेकर एक्स के मालिक एलन मस्क को चेताया था। ईयू के कमिश्नर थिएरी ब्रेटन ने कहा था कि हमास के हमलों के बाद एक्स का इस्तेमाल ईयू में अवैध कंटेंट और दुष्प्रचार फैलाने के लिए किया जा रहा है।मस्क को संबोधित पत्र में ब्रेटन ने कहा था कि ईयू डिजिटल सेवा अधिनियम (डीएसए) कंटेंट माडरेशन के संबंध में दायित्व निर्धारित करता है। अल्टीमेटम देते हुए जानकारी मांगी गई थी कि यूरोपीय संघ के डिजिटल नियमों का एक्स कैसे अनुपालन कर रहा है।

बता दें कि इजरायल पर हमास के हमले के बाद एक्स पर कई ऐसे फोटो और वीडियो वायरल हुए, जो बेहद ही आपत्तिजनक थे। कई वीडियो तो ऐसे थे, जिनमें आतंकी लोगों का कत्ल करते हुए दिख रहे थे। इसको लेकर यूरोपीय यूनियन के इंडस्ट्री चीफ थियरी ब्रेटन ने मस्क ने तुरंत एक्शन लेने और 24 घंटे में इसपर जवाब देने को कहा था।

कनाडा में खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू के खिलाफ कार्रवाई की मांग, हिंदू फोरम ने ट्रूडो सरकार से की ये अपील

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हिंदू फोरम ऑफ कनाडा ने हमास का खुलेआम समर्थन करने वाले आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू पर तत्काल कार्यवाई की मांग की है।दरअसल, हाल ही में आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने कनाडा सहित G7 देशों में भारतीय वाणिज्य दूतावासों के खिलाफ धमकियां जारी की और इजरायल-हमास के बीच जारी जंग में हमास का समर्थन किया। पन्नू ने आतंकी संगठन हमास का समर्थन कर भारत पर भी ऐसे हमले की धमकी दी थी। अब इसे लेकर कनाडा में रहने वाले हिंदू समुदाय ने गहरी चिंता जाहिर की है और कनाडा सरकार से पन्नू के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। 

गुरुवार को कनाडा के सार्वजनिक सुरक्षा मंत्री डोमिनिक लेब्लांक को संबोधित एक ईमेल में, हिंदू फोरम ऑफ कनाडा (एचएफसी) ने पन्नू के खिलाफ तत्काल कार्रवाई का आह्वान किया था। हिंदू फोरम ऑफ कनाडा ने कहा कि ऐसे बयानों को बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए। हम कनाडा सरकार से तत्काल कार्रवाई करने का आग्रह करते हैं, क्योंकि हम अपने समुदाय की सुरक्षा को लेकर बहुत चिंतित हैं। इस तरह के घृणित वीडियो और भाषण नफरत और हिंसा को बढ़ा रहे हैं। इसके अलावा, कहा कि कनाडा में हिंदू समुदाय के भीतर डर पैदा हो गया है, इसलिए उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकारी हस्तक्षेप जरूरी है।

हिंदू फोरम कनाडा ने कहा है कि निर्दोष लोगों की जान के नुकसान के लिए जिम्मेदार हमास आतंकवादियों के कार्यों की निंदा करने में लगातार इजरायल के साथ एकजुटता से खड़ा रहा है। इसमें कहा गया है कि उनका रुख आतंकवादी हमलों की वैश्विक निंदा के अनुरूप है, जैसा कि कनाडा के प्रधान मंत्री सहित सरकार के सभी स्तरों पर कनाडाई राजनीतिक नेताओं ने दोहराया है।

कनाडा के हिंदू फोरम ने मंत्री लेब्लांक को अपनी अपील में अनुरोध किया है कि यदि गुरपतवंत सिंह पन्नून कनाडाई नागरिक नहीं हैं, तो उनके कनाडा में प्रवेश पर रोक लगा दी जाए। यदि वह वास्तव में एक कनाडाई नागरिक है, तो उन्होंने आग्रह किया है कि उसकी पूरी जांच की जाए और यदि आवश्यक हो, तो उसके बयानों और धमकियों की प्रकृति को देखते हुए, घृणा अपराधों के संबंध में आरोप लगाया जाए।

बता दें कि पन्नू का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें वह कहता सुनाई दे रहा है कि '21 अक्तूबर से सिख फॉर जस्टिस संगठन जी7 देशों के वैंकुवर, वॉशिंगटन डीसी, लंदन, फ्रैंकफर्ट, मिलान से भारत के दूतावासों को बंद कराएंगे।' बता दें कि इससे पहले निज्जर की मौत के मामले में भी पन्नू ने भारत और भारतीयों के खिलाफ जहर उगला था। पन्नू ने कनाडा से हिंदू समुदाय के लोगों को चले जाने को कहा था।

विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' ने फेसबुक-गूगल को लिखी चिट्ठी, कहा-चुनाव में नफरत न फैले-निष्पक्ष रहें

#india_alliance_letter_to_google_facebook 

विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस’ यानी 'इंडिया' ने फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग और गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई को पत्र लिखा है। ‘इंडिया’ ने देश में “सांप्रदायिक नफरत को बढ़ावा देने” में उनके सोशल मीडिया मंचों की कथित भूमिका को लेकर विरोध दर्ज कराया है। उन्होंने यह मांग भी की है कि आगामी चुनावों में उनके सोशल मीडिया मंचों को तटस्थता सुनिश्चित करनी चाहिए।पत्र को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सोशल मीडिया पर साझा किया है। 

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने चिट्ठी शेयर करते हुए सोशल मीडिया साइट एक्स पर बताया कि भारत की पार्टियों ने फेसबुक पर समाज में नफरत फैलाने में योगदान देने और सांप्रदायिक नफरत भड़काने का आरोप लगाया है। साथ ही गठबंधन ने सोशल साइट्स को चुनावों के दरमियान निष्पक्ष रहने का अनुरोध किया है।विपक्ष ने जुकरबर्ग को लिखी चिट्ठी में इस बात पर जोर दिया कि इंडिया गठबंधन में 28 राजनीतिक दल शामिल हैं जो संयुक्त विपक्षी गठबंधन की अगुवाई करते हैं। इनमें शामिल पार्टियों की 11 राज्यों में सरकार है, जो कुल भारतीय मतदाताओं में आधे का प्रतिनिधित्व करते हैं।

विपक्षी गठबंधन ने साथ ही वाशिंगटन पोस्ट की एक रिपोर्ट भी अटैच की है।कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने वाशिंगटन पोस्ट की उस जांच का हवाला दिया, जिसमें बीजेपी सदस्यों और समर्थकों द्वारा सांप्रदायिक नफरत को बढ़ावा देने में व्हाट्सएप और फेसबुक की भूमिका का खुलासा किया गया था।उन्होंने “भारत के दबाव में, फेसबुक ने प्रचार और नफरत फैलाने वाले भाषण को पनपने दिया” शीर्षक से एक अन्य लेख का भी हवाला दिया, जिसमें कथित रूप से सत्तारूढ़ व्यवस्था और फेसबुक इंडिया के अधिकारियों के बीच सांठगांठ का खुलासा हुआ था। पार्टियों ने मेटा पर सत्ताधारी पार्टी की सामग्री को बढ़ावा देने के दौरान एल्गोरिथम मॉडरेशन और विपक्षी नेताओं के कंटेंट को दबाने का आरोप लगाया।

पत्र में कहा गया कि हमारे पास जानकारी है, जो आपके मंच पर विपक्षी नेताओं की सामग्री के एल्गोरिथम मॉडरेशन और दमन को साबित करता है और सत्तारूढ़ पार्टी की सामग्री को भी बढ़ावा देता है। पत्र में कहा गया कि एक निजी विदेशी कंपनी द्वारा इस तरह की पक्षपातपूर्ण कार्रवाई भारत के लोकतंत्र में हस्तक्षेप करने के समान है। चूंकि, 2024 में लोकसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में आपसे हमारी गंभीर और तत्काल अपील है कि आप इन तथ्यों पर गंभीरता से विचार करें और तुरंत सुनिश्चित करें कि भारत में मेटा का संचालन तटस्थ रहे।

दरअसल, अमेरिकी अखबार वाशिंगटन पोस्ट में हाल ही में एक रिपोर्ट पब्लिश की गई. इसमें कहा गया कि फेसबुक, व्हाट्सऐप और यूट्यूब जैसे प्लेटफॉर्म कथित तौर पर सत्तारूढ़ बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार की तरफ झुकाव रख रहे हैं। फेसबुक और व्हाट्सऐप का स्वामित्व मेटा के पास तथा यूट्यूब का स्वामित्व गूगल के पास है। इसके बाद ही इंडिया गठबंधन में शामिल पार्टियों ने दोनों सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के सीईओ को चिट्ठी लिखी है।

इस्राइल में फंसे भारतीयों को लेकर पहला विमान पहुंचा दिल्ली, 212 लोगों की सुरक्षित घर वापसी

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इस्राइल में फंसे भारतीयों का पहला जत्था विशेष विमान से नई दिल्ली पहुंच गया है। इजरायल से भारत लौटे पहले जत्थे में महिलाओं, बुजुर्गों और बच्चों को मिलाकार कुल 212 लोग भारत पहुंचे हैं. इन लोगों ने दिल्ली पहुंचते ही भारत सरकार को धन्यवाद दिया। बता दें, हमास ने शनिवार सुबह इस्राइल पर हमला किया था, जिसके बाद से अब तक दोनों देशों के बीच युद्ध जारी है। हमले में दोनों पक्षों के करीब 2500 लोगों की मौत हो चुकी है। 

इजराइल और हमास के बीच भीषण जंग जारी है। इस जंग में कई देशों के नागरिकों की मौत भी हो चुकी है।इस बीच इस्राइल में फंसे भारतीयों को वापस भारत लाने के लिए भारत सरकार ने ऑपरेशन अजय शुरू किया है। इस कड़ी में इजराइल से 212 भारतीय नागरिकों का पहला जत्था आज सुबह फ्लाइट AI1140 से नई दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचा।इस दौरान इजराइल से अपने वतन वापस लौटे यात्रियों का स्वागत करने के लिए एयरपोर्ट पर केंद्रीय मंत्री राजीव चन्द्रशेखर मौजूद रहे। इजराइल के युद्ध के बीच देश छोड़ने के इच्छुक 212 भारतीयों को लेकर पहली चार्टर उड़ान गुरुवार को बेन गुरियन एयरपोर्ट से रवाना हुई थी।

इससे पहले इस्राइल में भारत के राजदूत संजीव सिंगला ने कहा कि इस्राइल में भारतीय दूतावास यहां फंसे भारतीयों की मदद कर रहा है। भारतीय यात्रियों का पहले जत्थे ने गुरुवार को तेल अवीव से भारत के लिए उड़ान भरी थी। पहले जत्थे में 212 लोग शामिल शामिल हैं। भारतीय दूतावास उन लोगों की मदद करेगा, जो भारत जाना चाहते हैं। इसके लिए गुरुवार से पंजीकरण शुरू हो गया है। भारतीय नागरिकों के लिए एक हेल्पलाइन स्थापित की गई है। संघर्ष को देखते हुए एक दिन पहले 24 घंटे का नियंत्रण कक्ष स्थापित किया था। 

हमास से जंग शुरू होने के बाद भारतीयों को निरंतर वहां से निकाला जा रहा है। जिसके तहत केंद्र सरकार ने ऑपरेशन अजय शुरू किया है। 7 अक्टूबर के बाद से भारत ने इजरायल के लिए अपनी सभी फ्लाइटों को बंद कर दिया था। जिसके कारण वे लोग फंस गए थे, जो भारत लौटना चाह रहे थे। अब ऑपरेशन चलाकर सरकार अपने लोगों को वहां से निकाल रही है। इन लोगों से कोई किराया भी वसूल नहीं किया जा रहा। भारत के इजरायल में लगभग 18 हजार लोग हैं।

इजराइल-हमास युद्ध को लेकर भारत ने साफ किया अपना रूख, विदेश मंत्रालय ने कहा-ये आतंकी हमला

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इजरायल-हमास के बीच जंग जारी है। इसी बीच, भारत ने इजरायल से भारतीयों की सुरक्षित वापसी के लिए ऑपरेशन लॉन्च कर दिया है।विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बताया कि एक फ्लाइट देर रात इजरायल के तेल अवीव से उड़ेगी और कल सुबह 230 यात्री वापस आएगी। बागची ने बताया कि हमारे सारे विकल्प है, भारतीय वायुसेना का इस्तेमाल हमने पहले भी किया है, लेकिन अभी चार्टेड फ्लाइट ही इस्तेमाल कर रहे है। भारतीय नागरिकों के एडवायजरी फॉलो करनी चाहिए, जो भारतीय दूतावास ने जारी की है।अगर कोई जरूरत हो तो वो दूतावास से संपर्क कर सकते है. हम हर हालात पर नजर रखे हुए हैं।

वहीं, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, 'फिलिस्तीन को लेकर भारत की पॉलिसी लंबे समय से एक ही रही है। भारत हमेशा से बातचीत के माध्यम से आजाद और संप्रभु फिलिस्तीन बनाने की वकालत कर रहा है। भारत का स्टैंड अब भी यही है। अरिंदम बागची ने आगे कहा कि हमास द्वारा इजरायल पर किए गए हमले को भारत एक आतंकी हमले की तरह देख रहा है।'

भारत की ओर से हमास को आतंकी संगठन कहे जाने को लेकर विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह कानूनी मामला है। इसे कानूनी तौर पर देखना होगा, लेकिन मौजूदा स्थिति में हम बहुत स्पष्ट हैं कि यह एक आतंकवादी हमला है। हम युद्ध के कानूनों के अनुसार लड़ने को एक वैश्विक दायित्व के रूप में भी मानते हैं। अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का पालन करना एक सार्वभौमिक दायित्व है। आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों के खतरे से लड़ना भी एक वैश्विक जिम्मेदारी है।

उत्तराखंड में पीएम मोदी ने क‍िया 4200 करोड़ रुपए की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शि‍लान्‍यास, बोले- भारत की ताकत को देख रही दुनिया

 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज उत्तराखंड दौरे पर हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिथौरागढ़ के पार्वती कुंड में पूजा-अर्चना की। इसके बाद पीएम मोदी ने गुंजी में रं समाज के स्टाल में पारंपरिक वस्तुएं और उत्पाद देखे।

साथ ही पारंपरिक वाद्य यंत्र ढोल भी बजाया। लोगों का हाथ हिलाकर स्वीकार अभिवादन किया। पीएम पिथौरागढ़ में लगभग 4,200 करोड़ रुपये की कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया।

हमास के साथ जंग के बीच इजरायल ने सीरिया पर बोला हमला, दमिश्क में हवाई अड्डे पर बरसाए बम

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शनिवार को हमास के हमले के बाद इजरायली सेना गाजा में जबरदस्त जवाबी कार्रवाई कर रही है। इजरायल ने पिछले छह दिनों में गाजा में कम से कम 1000 जगहों पर हवाई हमले किए हैं। इन हमलों में गाजा में 1200 नागरिकों की मौत हुई है। इस बीच आज इजरायली सेना ने सीरिया की राजधानी दमिश्क में एयरपोर्ट को निशाना बनाया है। ऐसी रिपोर्ट्स थी कि ईरानी विदेश मंत्री सीरिया पहुंचने वाले हैं। इससे पहले ही इजरायल ने सीरिया की राजधानी में एयरपोर्ट को ही उड़ा दिया।

सीरिया के सरकारी टीवी चैनल ने बताया कि इजरायल-हमास जंग के बीच यह सीरिया पर पहला हमला है। जानकारी के मुताबिक, इजरायल ने दमिश्क और अलेप्पो एयरपोर्ट पर एयरस्ट्राइक की है। इजरायली हमलों के कारण बार-बार अलेप्पो और राजधानी दमिश्क के हवाई अड्डों पर उड़ानें रोकनी पड़ी हैं। दोनों युद्धग्रस्त सीरिया की सरकार द्वारा नियंत्रित हैं।

सीरिया के सरकारी टीवी चैनल ने सैन्य सूत्रों के हवाले से बताया कि गुरुवार दोपहर लगभग 1.50 बजे इजरायली सेना ने अलेप्पो और दमिश्क अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डों पर रॉकेट दागे। इससे हवआईअड्डों की हवाईपट्टी को नुकसान पहुंचा है।यह हमला गाजा में इजरायल के अपराध से दुनिया का ध्यान भटकाने का प्रयास है।

इजरायल की सेना ने मंगलवार को बताया कि सीरियाई क्षेत्र से इजरायल की ओर कई गोले दागे गए हैं। हालांकि, इन हमलों में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। इस बीच इजरायल ने गुरुवार को सीरिया की राजधानी दमिश्क में हवाई अड्डे पर हमला किया और रनवे को तबाह कर दिया। दावा किया जा रहा है कि ईरानी विदेश मंत्री सीरिया का दौरा करने वाले थे। इसके विरोध में इजरायल ने हमला कर हवाई अड्डे को बर्बाद किया है। हमास ने कहा है कि इजरायल पर उसके हमले में ईरान ने मदद की थी, हालांकि तेहरान ने इससे इनकार किया है।

विदेश मंत्री एस जयशंकर की सुरक्षा बढ़ाई गई, आईबी अलर्ट के बाद मिली Z कैटेगरी सिक्‍योरिटी

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विदेश मंत्री एस जयशंकर की सुरक्षा को लेकर केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। केंद्रीय गृहमंत्रालय ने विदेश मंत्री एस जयशंकर की सुरक्षा बढ़ा दी है और अब इस तरह विदेश मंत्री एस जयशंकर को वाई की जगह अब जेड कैटेगरी की सुरक्षा मिलेगी। बताया जा रहा है कि आईबी की थ्रेट रिपोर्ट के आधार पर केंद्रीय गृहमंत्रालय ने विदेश मंत्री जयशंकर की सुरक्षा बढ़ाई है।

सवाल ये है कि आखिर विदेश मंत्री की सुरक्षा बढ़ाने का फैसला क्‍यों लिया गया? दरअसल, गृह मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, विदेश मंत्री एस जयशंकर की जान को खतरा बढ़ा है। इंटेलिजेंस ब्‍यूरो की थ्रेट रिपोर्ट के बाद जयशंकर की सिक्‍योरिटी बढ़ाने का फैसला किया गया है। जयशंकर मोदी कैबिनेट के सबसे मुखर मंत्रियों में शुमार हैं। उन्‍हें अपनी बात को बेहद खरे तरीके से रखने के लिए जाना जाता है। उनके कार्यकाल में भारतीय विदेश नीति में आक्रामकता आई है।

Y से Z कैटेगरी में क्या अंतर है?

अब तक जयशंकर को Y श्रेणी की सुरक्षा मिली हुई थी। इस तरह की सिक्‍योरिटी में 11 सुरक्षाकर्मियों का कवर मिलता है। इसमें एक या दो कमांडो और दो पीएसओ शामिल होते हैं। जयशंकर की सिक्‍योरिटी Y से Z में अपग्रेड होने का मतलब यह है कि अब उन्‍हें 22 सुरक्षाकर्मियों का कवर मिलेगा। ये सुरक्षाकर्मी 24 घंटे उनकी सिक्‍योरिटी में तैनात होंगे। इनमें 4 से 6 एनएसजी कमांडो के साथ दिल्‍ली पुलिस और सीआरपीएफ के जवान भी होंगे।

क‍ितनी तरह की होती है स‍िक्‍योर‍िटी?

बता दें कि केंद्र सरकार ने सुरक्षा के लिए पांच कैटेगरी बना रखी है. इसमें X, Y, Y+, Z और Z+ शामिल है।खतरे के हिसाब से व्यक्ति को सुरक्षा दी जाती है। कैटेगरी बढ़ने के साथ-साथ खर्चा भी बढ़ता जाता है।हर कैटेगरी के बढ़ने के साथ खर्च भी बढ़ जाता है। X कैटेगरी में दो सुरक्षाकर्मी होते हैं। इनमें कोई कमांडो नहीं होता है। एक पर्सनल सिक्‍योरिटी ऑफिसर (पीएसओ) भी होता है। Y में 11 सुरक्षाकर्मियों का कवर होता है। इनमें एक या दो कमांडो और दो पीएसओ शामिल होते हैं। Y+ में 11 सिक्‍योरिटी पर्सन के अलावा एस्‍कॉर्ट वाहन होता है। एक गार्ड कमांडर और चार गार्ड आवास पर रहते हैं। Z श्रेणी में 22 सुरक्षाकर्मी रहते हैं। इनमें 4-6 कमांडो शामिल होते हैं। इसके अलावा दिल्‍ली पुलिस और सीआरपीएफ के जवान भी होते हैं। Z+ श्रेणी में 58 सुरक्षाकर्मी होते हैं। इनमें 10 से अधिक एनएसजी कमांडो होते हैं। सिक्‍योरिटी में एक बुलेटप्रूफ कार और 2 एस्‍कॉर्ट वाहन भी मिलते हैं। प्रधानमंत्री को इन सबसे अलग एसपीजी सुरक्षा मिलती है।