छत्‍तीसगढ़ में आचार संहिता लगने से 890 पदों की भर्तियां अटकी, नई सरकार में पूरी होगी प्रक्रिया

रायपुर- छत्तीसगढ़ व्यावसायिक परीक्षा मंडल की तरफ से अलग-अलग विभागों में 890 पदों पर आयोजित की जाने वाली भर्ती परीक्षा आचार संहिता लगने के कारण अटक गई है। व्यापमं ने पिछले 29 दिनों में 1,311 अलग-अलग पदों पर भर्ती निकाली है। इसमें 421 पदों के लिए भर्ती तारीख तय है। लेकिन अन्य पदों के लिए भर्ती तारीख तय नहीं है, अभी सिर्फ आवेदन करने की अंतिम तिथि और त्रुटि सुधार की तिथि निर्धारित की गई है।

व्यापमं ने पिछले दिनों कृषि, छत्तीसगढ़ स्टेट पावर ट्रांसमिशन कंपनी और मंडी बोर्ड के लिए भर्ती निकाली है।इसमें आवेदन करने की तिथि दी गई है, लेकिन परीक्षा की संभावित तिथि नहीं है।आचार संहित लगने के कारण जिन परीक्षाओं की तिथि निर्धारित नहीं है, वो सभी परीक्षाएं लगभग अटक गई हे।

ये सभी परीक्षाएं नई सरकार के गठन के बाद ही संभव है। जानकारों का मानना है कि सभी अधिकारी चुनाव में व्यस्त हो जाएंगे। जिसके कारण परीक्षा करवा पाना संभव नहीं है। परीक्षा आयोजित करवाने के लिए चुनाव आयोग से भी अनुमति लेनी पड़ती है, इसलिए व्यापमं ने भर्ती परीक्षाओं के लिए तिथि नहीं घोषित किया था।

एक महीने में इन विभागों के लिए निकाली भर्ती

व्यापमं ने एक महीने यानी छह सितंबर से चार अक्टूबर तक अपेक्स बैंक, कृषि विभाग, बिजली विभाग और मंडी बोर्ड के अलग-अलग पदों के लिए भर्ती निकली है।अपेक्स बैंक में सहायक प्रबंधक, समिति प्रबंधक, उप प्रबंधक, कनिष्ठ प्रबंधक समेत अन्य 398 पदों पर भर्ती होनी है।

इन पदों के लिए 15 अक्टूबर को परीक्षा होनी है।इसी तरह अपेक्स बैंक के लिए उप प्रबंधक सहित अन्य 23 पदों के लिए आवेदन प्रक्रिया चल रही है, जो पांच नवंबर तक चलेगी।इसके अलावा ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी, जूनियर इंजीनियर, कनिष्ठ प्रबंधक पदों में भर्ती के लिए आवेदन मंगवाए जा रहे हैं।

छह महीने में 15 हजार से ज्यादा पदों पर भर्ती

आरक्षण विवाद सुलझने के बाद से व्यापमं ने पिछले छह महीनों में 14 अलग-अलग विभागों के लिए 15 हजार से ज्यादा पदों पर भर्ती निकाली है। इसमें सबसे ज्यादा 12,489 पदों पर मई में शिक्षकों की भर्ती हुई है।इसके अलावा व्यापमं ने आइटीआइ प्रशिक्षण अधिकारी, पशु चिकित्सा क्षेत्राधिकारी, लेबर इंस्पेक्टर, छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज सहायक प्रबंधक, छात्रावास अधीक्षक, अधिक्षिका, पर्यवेक्षक, हैडपंप तकनीशियन, मंडी बोर्ड के लिए सहायक संचालक, वरिष्ठ और कनिष्ठ सचिव जैसे पदों पर भर्ती निकाली गई है।

आचार संहिता के कारण ये भर्तियां

पदनाम पद संख्या

सहायक व जूनियर इंजीनियर(बिजली विभाग) 429

ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी 305

सचिव वरिष्ठ व कनिष्ठ(मंडी बोर्ड) 30

वरिष्ठ प्रबंधक (अपेक्स बैंक) 03

सहायक सांख्यिकी अधिकारी(कृषि) 17

प्रयोगशाला सहायक(कृषि) 10

सर्वेयर(कृषि) 78

अनुरेखक(कृषि) 08

छत्तीसगढ़ के 24 नेताओं को मिली एक्स श्रेणी की सुरक्षा

रायपुर- केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बस्तर क्षेत्र के 24 भाजपा नेताओं को एक्स (X ) श्रेणी की सुरक्षा देने का फैसला किया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने डीजीपी अशोक जुनेजा को निर्देशित किया है कि वह थ्रेट इनपुट को लेकर लाजिस्टिक मदद करें। सूत्रों के अनुसार संवेदनशील क्षेत्रों में काम कर रहे बस्तर संभाग के इन 24 नेताओं को यह सुरक्षा एक दो दिन के अंदर सशस्त्र जवान तैनात कर दिए जाएंगे। यह सुरक्षा 31 दिसंबर तक निर्धारित की गई है।

जिन बीजेपी नेताओं को सीआरपीएफ सुरक्षा प्रदान की गई है उसमें दंतेवाड़ा, बीजापुर और कोंडागांव क्षेत्र में कार्य कर रहे नेता शामिल हैं। जगदलपुर से बीजेपी विधानसभा प्रत्याशी किरण देव और वरिष्ठ भाजपा नेता तथा अधिवक्ता सुधीर पांडे को ये सुरक्षा प्रदान की गई है वहीं बीजापुर से बीजेपी जिलाध्यक्ष सहित 7 लोगों का नाम सुरक्षा प्रदान किए जाने वाली सूची में है।

भाजपा ने पूर्व सीएम समेत 16 पूर्व मंत्रियों को दिया टिकट, पिछले चुनाव में हारे सात मंत्रियों पर लगाया दांव

रायपुर-  छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 में सत्ता वापसी और हारी हुई सीटों को पाने के लिए भाजपा संगठन ने ताकत झोंक दी है। भाजपा ने विधानसभा चुनाव के लिए 90 विधानसभा में से अब तक 85 प्रत्याशी मैदान में उतारा है। इनमें पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह समेत उनके तीन कार्यकाल के कैबिनेट के 16 पूर्व मंत्रियों पर भी भरोसा जताया गया है। इनमें से आठ ऐसे हैं, जो पिछले विधानसभा चुनाव 2018 में चुनाव हार गए थे।

राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो भाजपा भले ही सीएम पद के लिए किसी चेहरे को सामने रखकर चुनाव नहीं लड़ेगी, लेकिन जिस तरह से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के कार्यक्रमों में रमन सिंह प्राथमिकता में रहे, पार्टी के हर कार्यक्रमों में, चुनावी सभाओं में, बैनर-पोस्टर आदि में रमन सिंह को महत्व मिल रहा है, उससे यह स्पष्ट है कि इस बार टिकट वितरण में भी रमन की चली है। रमन कैबिनेट के पूर्व मंत्रियों को चुनावी मैदान में उतारकर भाजपा ने चुनावी समीकरण साधने की कोशिश की है। इसके अलावा केंद्रीय राज्यमंत्री समेत चार सांसद व पूर्व केंद्रीय मंत्री विष्णुदेव साय को भी मैदान में उतारा गया है।

बस्तर संभाग के चार पूर्व मंत्री मैदान में

बस्तर संभाग में रमन कैबिनेट की पूर्व मंत्री लता उसेंडी को भाजपा ने उतारा है। लता संगठन में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष का दायित्व भी संभाल रही हैं। पिछले विधानसभा और लोकसभा चुनाव में बस्तर क्षेत्र में भाजपा के खराब प्रदर्शन को देखते हुए लता को आगे किया गया है। इसी के साथ पूर्व मंत्री केदार कश्यप, पूर्व मंत्री महेश गागड़ा और पूर्व मंत्री विक्रम उसेंडी को भी मैदान में उतारा गया है। बस्तर की 12 विधानसभा सीट कांग्रेस के पास है और बस्तर लोकसभा सीट पर भी कांग्रेस के सांसद हैं।

रायपुर-दुर्ग संभाग: रमन समेत छह पर दांव

दुर्ग संभाग में पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह राजनांदगांव से चुनावी मैदान में हैं। इसी संभाग से पूर्व मंत्री प्रेम प्रकाश पांडेय व दयालदास बघेल शामिल हैं। रायपुर संभाग की बात करें तो यहां पूर्व मंत्रियों में बृजमोहन अग्रवाल, राजेश मूणत, अजय चंद्राकर शामिल हैं। वर्तमान में रायपुर संभाग 20 विधानसभा सीट में से 14 कांग्रेस के पास, 05 भाजपा और 01 सीट छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस के पास है। वहीं दुर्ग संभाग की 20 सीट में से 18 सीट कांग्रेस और 02 सीट पर भाजपा है।

सरगुजा-बिलासपुर संभाग से छह पूर्व मंत्री मैदान में

सरगुजा संभाग रमन कैबिनेट की पूर्व मंत्री व वर्तमान में केंद्रीय राज्यमंत्री (सांसद) रेणुका सिंह मैदान में हैं। आदिवासी नेत्री होने के कारण इनकी क्षेत्र में बेहतर पकड़ है। इसके अलावा इसी संभाग से पूर्व मंत्री रामविचार नेताम भी चुनावी मैदान में हैं। सरगुजा संभाग की सभी 14 विधानसभा सीटें अभी कांग्रेस के पास है। बिलासपुर संभाग की बात करें यहां से पूर्व मंत्री ननकीराम कंवर, पुन्नूलाल मोहिले, अमर अग्रवाल और डा. कृष्णमूर्ति बांधी को भाजपा ने चुनावी रण में उतारा है। बिलासपुर संभाग की 24 में से 13 सीट कांग्रेस, 07 भाजपा, 02 बसपा और 02 छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस(जे) के पास है।

विधानसभा चुनाव 2008 में ये मंत्री हारे थे चुनाव

नाम विधानसभा क्षेत्र

राजेश मूणत रायपुर पश्चिम

प्रेमप्रकाश पांडेय भिलाई नगर

भैयालाल राजवाड़े बैकुंठपुर

रामसेवक पैकरा प्रतापपुर

अमर अग्रवाल बिलासपुर

दयालदास बघेल नवागढ़

केदार कश्यप नारायणपुर

महेश गागड़ा बीजापुर

छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के प्रत्याशियों के नामों पर देर रात तक चला मंथन, पहली सूची 15 अक्टूबर को

रायपुर-    छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी की चुनाव समिति और स्क्रीनिंग कमेटी की मैराथन बैठक में मंगलवार को देर रात तक प्रत्याशियों के नामों पर मंथन चलता रहा। चुनाव समिति की बैठक के बाद रात तक स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक हुई। पार्टी सूत्रों के अनुसार, 14 से 15 अक्टूबर के बीच पहली सूची जारी करने पर सहमति बन चुकी है। पहले चरण में जहां 20 सीटों पर मतदान होना है, वहां पर कांग्रेस 20 प्रत्याशियों के नाम पहले जारी करेगी।

रविवार को केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में कांग्रेस के बड़े पदाधिकारी शामिल हुए थे। यहां 64 सीटों की सूची पेश की गई थी। अब बाकी सीटों पर चुनाव समिति और स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में चर्चा के बाद यह प्रस्ताव पुन: केंद्रीय चुनाव समिति के समक्ष रखा जाएगा। मंगलवार को प्रदेश चुनाव समिति की बैठक में प्रदेश प्रभारी कुमार सैलजा, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, प्रदेशाध्यक्ष दीपक बैज, उप मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव सहित समिति के अन्य सदस्य शामिल हैं। इसी तरह स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक कमेटी के चेयरमेन अजय माकन की अध्यक्षता में हुई।

केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक 12 को

कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक 12 अक्टूबर को दिल्ली में होगी। कांग्रेस ने अब उन सीटों पर जोर दिया है, जहां पहले चरण में मतदान होना है। यहां भाजपा ने अपनी सूची जारी कर दी है। इससे पहले स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में कांग्रेस ने 64 नाम तय किया था, लेकिन बाकी 24 सीटों पर चर्चा के लिए बैठकें की जा रही है।

2,000 से ज्यादा आवेदन

प्रदेश चुनाव समिति के समक्ष 90 सीटों के लिए 2,000 से अधिक प्रत्याशियों के नाम सामने आए हैं, जिसमें 300 लोगों की सूची बनाई गई। अब इस सूची में छंटनी कर 64 सीटों पर सिंगल नाम तय किया गया है। बाकी सीटें भी सिंगल नाम तय होने की स्थिति में पहुंच चुकी है। सीटों को लेकर प्रदेश चुनाव समिति की अब तक छह बार बैठकें हो चुकी है।

कांग्रेस की 16 सदस्यीय केंद्रीय चुनाव समिति में यह सदस्य

कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति में दिग्गज राजनेता व राष्ट्रीय स्तर के पदाधिकारियों को जगह दी गई हैं। इनमें मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी, राहुल गांधी, अंबिका सोनी, अधीर रंजन चौधरी, सलमान खुर्शीद, मधुसूदन मिस्त्री, एन. उत्तम कुमार रेड्डी, टीएस सिंहदेव, केजे जियोग्रे, प्रीतम सिंह, मो. जावेद, अमी याज्ञनिक, पीएल पुनिया, ओंकार मरकाम, केसी वेणुगोपाल शामिल हैं।

ट्रैफिक नियमों की उड़ी धज्जियां, एक ही बाइक पर छह लोग सवार होकर कर रहे हैं स्टंट

रायपुर-  राजधानी रायपुर में ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन के कारण सड़क दुर्घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही है। यहां आए दिन कई गंभर सड़क हादसे हो रहे हैं। इसके बावजूद वाहन चालकों की लापरवाही लगातार बढ़ती ही जा रही है। राजधानी रायपुर में ट्रैफिक पुलिस द्वारा ऐसे वाहन चालकों के खिलाफ कार्रवाई भी की जा रही है और भारी भरकम जुर्माना वसूला जा रहा है। फिर भी युवाओं द्वारा ट्रैफिक नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है। इन दिनों चलती बाइक पर स्टंट करने का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। लोग अपनी जान की परवाह किए बिना ही खतरनाक स्टंट करते नजर आते हैं। इसी बीच छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें एक बाइक पर एक नहीं, दो नहीं बल्कि छह लोग सवार हैं।

वायरल हो रहे इस वीडियो में आप देख सकते हैं की एक बाइक पर छह लोग सवार हैं और खतरनाक स्टंट कर रहे हैं। वकों का खतरनाक तरीके से बाइक चलाते वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। यह वीडियो आमानाका इलाके का बताया जा रहा है। हैरानी की बात तो ये है कि वीडियो वारल होने के बाद भी अभी तक सभी बाइक सवार पुलिस गिरफ्त से बाहर बताए जा रहे हैं। बाइक सवारों में एक शख्स भी पुलिस के हाथ नहीं लगा है। ऐसे में अब देखना ये होगा कि क्या इन पर कार्रवाई हो पाती है या नहीं।

गोवंश, गंगाजल के मुद्दे पर सीएम बघेल आक्रामक, भाजपाइयों को बताया नकली रामभक्त, रमन सिंह ने किया पलटवार

रायपुर-    मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गंगाजल पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगाए जाने पर केंद्र सरकार और भाजपा पर हमला बोला है। उन्होंने मंगलवार को इंटरनेट मीडिया एक्स (ट्विटर) पर पोस्ट कर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से गंगाजल से जीएसटी हटाने की मांग की है। बघेल ने पोस्ट में कांग्रेस के पांच वर्ष और भाजपा के 15 वर्ष के शासनकाल का अंतर भी बताया है।

मुख्यमंत्री बघेल ने पोस्ट में लिखा है, अब गंगाजल पर भी जीएसटी, क्या श्रद्धालु पूजा-पाठ न करें? क्योंकि केंद्र की भाजपा सरकार की मंशा तो ऐसी ही लग रही है। मोदी सरकार ने चार दिन पहले गंगाजल पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगाने का निर्णय किया है। इससे नकली रामभक्त, सनातन संस्कृति के महिमा मंडन का ढोंग करने वाले और गोमाता की रक्षा के नाम पर आतंक फैलाने वालों का चेहरा बेनकाब हो गया है।

भूपेश बघेल ने बताए अपने काम

कांग्रेस सरकार के बड़े काम: स्वामी आत्मानंद स्कूल, सबको 35 किलो प्रतिमाह चावल, हाफ बिजली बिल, कालेज जाने के लिए निश्शुल्क बस।

गिनाईं रमन शासनकाल की गड़बड़ियां: आंखफोड़वा कांड, गर्भाशय कांड, नसबंदी कांड, पोरा बाई कांड आदि।

सीएम के पोस्ट पर पलटवार रमन सिंह का पलटवार

इधर, पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह ने मुख्यमंत्री के एक्स पर किए गए पोस्ट पर पलटवार किया है। उन्होंने लिखा है, झूठ का झुनझुना बजा लिया हो तो सच पढ़िए। उन्होंने कांग्रेस सरकार के पांच वर्ष के कार्यकाल में गोठान और कोयला घोटाला व बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाया। रमन ने आगे लिखा, ‘बाकी जानकारी के लिए आप जनता के बीच चले जाइए, जो अब पुराने डेढ़ दशक को याद कर रही है।

गिनाई भूपेश काल की गड़बड़ियां

डा. रमन ने लिखा, पांच साल में 15,000 करोड़ (कोयला, गोठान, महादेव एप आदि) की लूट, भाजपा की बनाई आदर्श पीडीएस नीति में घोटाला, अपराधियों को संरक्षण और नशे का कारोबार, 36 वादों के घोषणापत्र में लपेटकर बेचा गया चूरन, पीएससी भर्ती गड़बड़ी हुई।

भाजपा सरकार के ये काम गिनाए

आइआइटी, एम्स, एचएनएलयू समेत कई राष्ट्रीय शैक्षणिक संस्थान दिए। 58 लाख गरीब परिवारों के लिए एक रुपये किलो चावल और निश्शुल्क नमक, 60 हजार किलोमीटर से अधिक सड़कों और सैकड़ों पुल-पुलियाओं का निर्माण।

चुनाव से पहले आयकर विभाग अलर्ट, सभी संभागों में खोले जाएंगे कंट्रोल रूम, जीएसटी ने भी तीन टीमों का किया गठन

रायपुर-   प्रदेश में विधानसभा चुनाव की घोषणा होते ही अब पुलिस प्रशासन के साथ ही आयकर विभाग, जीएसटी विभाग आदि सभी सक्रिय हो गए हैं। बताया जा रहा है कि एक से दो दिनों में ही आयकर विभाग द्वारा प्रदेश के सभी पांचों संभागों में कंट्रोल रूम खोले जाएंगे। साथ ही किसी भी प्रकार की गड़बड़ी की सूचना देने के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी होंगे।

गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव के मद्देनजर निर्वाचन आयोग ने भी सभी विभागों को निर्देशित किया है कि चुनाव के दौरान विभिन्न गतिविधियों पर नजर बनाए रखें और कार्रवाई करें। बता दें कि विधानसभा चुनाव के दौरान हवाला कारोबार सहित उपभोक्ताओं को लुभाने के लिए उपहार बांटने वाली गतिविधियां बढ़ जाती हैं, इस पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी।

बताया जा रहा है कि आयकर विभाग के साथ ही जीएसटी विभाग भी पूरी तरह से तैयार है। जीएसटी विभाग ने तो तीन टीमों का गठन भी कर लिया गया है, जो बाहर से आ रहे उत्पादों और गोडाउनों में रखी जाने वाली सामग्री पर नजर बनाए रखेंगी। साथ ही उनकी जांच भी करेंगी। पिछले दिनों तो जीएसटी विभाग ने रावांभाठा और भनपुरी स्थित गोडाउन में कार्रवाई भी की थी और वहां से साइकिल, कपड़े, फ्लैश लाइट आदि जब्त भी किए थे। जीएसटी अधिकारियों का कहना है कि उनकी जाचं लगातार जारी है।

कांग्रेस की चुनावी बैठक में कैंंडी क्रश खेलते नजर आए सीएम बघेल, भाजपा ने कसा तंज, मुख्‍यमंत्री ने दिया जवाब

रायपुर- छत्‍तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के तारीखों की घोषणा होते ही राजनीतिक दलों में आरोप-प्रत्‍यारोप का दौर तेज हो गया है। सियासी दल एक-दूसरे को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं। इसी बीच भारतीय जनता पार्टी ने मुख्‍यमंत्री भूपेश बघेल की एक तस्‍वीर को इंटरनेट मीडिया (एक्‍स) पर पोस्‍ट कर तंज कसा है।

भाजपा ने एक्‍स हैंडल पर सीएम बघेल की तस्‍वीर पोस्‍ट कर कहा, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी निश्चिंत हैं, उन्हें पता है कि कितनी भी माथा-पच्ची कर लें सरकार तो आनी नहीं है। शायद इसीलिए कांग्रेस के प्रत्याशी चयन से संबंधित बैठक में ध्यान देने के बजाय उन्होंने CANDY CRUSH खेलना उचित समझा।

भूपेश जी भी निश्चिंत हैं, उन्हें पता है कितनी भी माथा पच्ची कर लें सरकार तो आनी नहीं है।

भाजपा के तंज पर मुख्‍यमंत्री बघेल ने किया पलटवार

मुख्‍यमंत्री बघेल ने भाजपा के इस तंज पर पलटवार करते हुए कहा है कि पहले भाजपा को ऐतराज़ था कि मैं गेड़ी क्यों चढ़ता हूं, भौंरा क्यों चलाता हूं, गिल्ली डंडा क्यों खेलता हूं, प्रदेश में छत्तीसगढ़िया ओलंपिक क्यों हो रहे हैं? कल एक बैठक से पहले फ़ोटो मिल गई जिसमें मैं कैंडी क्रश खेल रहा हूं। अब भाजपा को उस पर ऐतराज़ है।

दरअसल उनको मेरे होने पर ही ऐतराज़ है। पर यह तो छत्तीसगढ़ के लोग हैं जो तय करते हैं कि कौन रहेगा कौन नहीं रहेगा। मैं गेड़ी भी चढूंगा, गिल्ली डंडा भी खेलूंगा। कैंडी क्रश भी मेरा फेवरेट है। ठीक ठाक लेवल पार कर लिया हूँ, वो भी जारी रहेगा। बाकि छत्तीसगढ़ को पता है कि किसे आशीर्वाद देना है।

चुनाव प्रचार में 40 लाख रुपये खर्च कर सकेंगे प्रत्याशी, मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी की इन बातों का जरूर रखें ध्‍यान

रायपुर- विधानसभा चुनाव के मद्देनजर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को चुनाव आयोग के प्रविधानों की जानकारी दी। प्रतिनिधियों को बताया गया कि प्रत्येक विधानसभा में खर्च की अधिकतम सीमा 40 लाख रुपये है। खर्च का ब्यौरा भी निर्वाचन कार्यालय में प्रस्तुत करना होगा। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी रीना बाबासाहेब कंगाले ने बैठक में आदर्श आचार संहिता, निर्वाचन व्यय, नामांकन दाखिले की प्रक्रिया और चुनाव आयोग के दिशा-निर्देशों की जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि निर्वाचन अवधि के दौरान वाहनों व रैलियों के लिए अनुमति लेना आवश्यक होगा। उन्होंने कहा कि अभ्यर्थियों द्वारा नामांकन पत्र दाखिल करने के समय सावधानी बरतें। मतदान के दोनों चरणों में निर्वाचक नामावली में नाम जोड़े जाने की अंतिम तिथि पर भी दलों के सवालों का उन्होंने जवाब दिया। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय के अधिकारियों ने बताया कि इस बार कानून में किए गए संशोधन के अनुसार निर्वाचन ड्यूटी में तैनात कर्मचारियों को केवल सुविधा केंद्र पर ही मतदान करना अनिवार्य होगा।

शिकायतों के त्वरित निराकरण के लिए प्रशिक्षण कल

विधानसभा निर्वाचन-2023 के दौरान विभिन्न माध्यमों से प्राप्त होने वाली शिकायतों के साफ्टवेयर के माध्यम से त्वरित निराकरण करने के लिए गुरुवार को प्रशिक्षण दिया जाएगा। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय के सभागृह में यह प्रशिक्षण मिलेगा। शिकायतों के त्वरित निराकरण के लिए तकनीक ईजाद की गई है। सभी नोडल अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे इस प्रशिक्षण में अनिवार्य रूप से मौजूद रहे।

टीएस सिंहदेव बने बीजेपी के लिए सबसे बड़ी चुनौती

रायपुर-   बीजेपी ने सीएम भूपेश बघेल को घेरने के लिए उनके निर्वाचन क्षेत्र पाटन के हाट सीट के लिए सांसद और सीएम के भतीजे विजय बघेल को मैदान में उतारा है, वहीं एक और हाट सीट अंबिकापुर में उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव को टक्कर देने के लिए दमदार प्रत्याशी नहीं मिल पा रहा है।

भाजपा ने 2018 में अनुराग सिंहदेव को उतार कर देख लिया है। अनुराग सिंहदेव तीन बार टीएस सिंहदेव से भिड़ चुके है लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी।

एक चर्चा तो ये है कि बीजेपी आलाकमान अब अम्बिकापुर से डमी कैंडिडेट उतारने के मूड में नही है और टी एस सिंहदेव के सामने जिताऊ कंडीडेट बीजेपी के लिए बड़ी चुनौती है। अब अनुराग सिंहदेव के चुनाव लड़ने से इंकार करने के बाद बीजेपी यहां उलझ कर रह गई है।

बीजेपी के पास जो पैनल है उसमें तीन नाम है लेकिन पत्ता खोल नहीं पा रही है। अंबिकापुर का चुनावी किला बीजेपी के संभावित प्रत्याशी से बहुत ऊंचा होने के कारण भाजपा के पास जो नाम है वो सिंहदेव के कद मुकाबले बहुत छोटा है।

बीजेपी की दूसरी सूची मे दूसरी हाई प्रोफाइल सीट अम्बिकापुर से बीजेपी ने कोई भी नाम तय नहीं कर पाई है। अब अम्बिकापुर के बीजेपी नेता और राजनीति म दिलचस्पी रखने वाले नेताओं मे मंत्रणा का दौर चल रहा है। गौरतलब है कि अम्बिकापुर सीट से डिप्टी सीएम टी एस सिंहदेव कांग्रेस के तय उम्मीदवार माने जा रहे है। ऐसे में इसके पहले बीजेपी में जिन तीन नाम को यहाँ से प्रत्याशी के लिए भेजा था। उस पर अब तक मुहर ना लग पाने से तरह तरह की चर्चाएँ होने लगी है।

14 सीट पर कांग्रेस कब्जा

सरगुजा संभाग की 14 सीटों पर 2018 में हुए चुनाव में सभी सीटों पर बीजेपी का हार का मुँह देखना पडा था. और कांग्रेस ने सभी 14 सीट जीतकर सूबे में कांग्रेस सरकार बनाने में अहम भूमिका निभाई थी। इसके साथ ही प्रदेश में कांग्रेस का 15 साल का वनवास भी खत्म हुआया था।

2018 के चुनाव में ये चर्चा थी कि अगर कांग्रेस सरकार बनती है तो टी एस सिंहदेव सीएम बनेंगे. और सरगुजिहा सरकार के नारे का ऐसा असर हुआ कि संभाग से बीजेपी का सूपडा साफ हो गया था। पर इस बार परिस्थितियाँ 2018 जैसी नहीं है। ऐसा खुद टी एस सिंहदेव सार्वजनिक मंच में कह चुके है। बहरहाल देखना दिलचस्प होगा कि आखिर जिस अम्बिकापुर सीट को लेकर बीजेपी आलाकमान इतनी लंबी मंत्रणा कर रहा है।उसका परिणाम क्या निकलता है।