पीवीयूएन लिमिटेड ने एपेक्स इंडिया का एचआर उत्कृष्टता पुरस्कार जीता


पीवीयूएन लिमिटेड ने उदयपुर में आयोजित कार्यक्रम में एपेक्स इंडिया का एचआर उत्कृष्टता पुरस्कार जीता। 

यह पुरस्कार माननीय संसद सदस्य (भारत सरकार) द्वारा प्रदान किया गया। मनोज तिवारी- प्रसिद्ध गायक और अभिनेता, डॉ. अवनीश सिंह, महानिदेशक (सेवानिवृत्त), डीजीएफएएसएलआई, श्रम और रोजगार मंत्रालय, (भारत सरकार) के साथ। 

यह पुरस्कार उदयपुर में सम्मेलन में परषोतम लाल, डीजीएम (एचआर) द्वारा प्राप्त किया गया।

हजारीबाग: सांसद जयंत सिन्हा ने प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत 35 करोड़ 59 लाख रुपए की लागत से किया विभिन्न सड़क परियोजनाओं का शिलान्यास

हज़ारीबाग: सांसद जयंत सिन्हा द्वारा हजारीबाग लोकसभा में विकास कार्यक्रम के अंतर्गत प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत बड़े उत्साह और उत्सव के साथ, कई महत्वपूर्ण सड़कों का शिलान्यास किया गया। इन परियोजनाओं के लिए 35 करोड़ 59 लाख रुपए का निवेश किया गया है, जिसके तहत 48.25 किमी की सड़कों का निर्माण किया जाएगा, जो क्षेत्र के विकास को नई गति प्रदान करेगा। यह परियोजनाएं जनसाधारण के जीवन को सुविधाजनक बनाने और क्षेत्र की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने का प्रयास करेंगी।

सांसद जयंत सिन्हा के अनुशंसा पर प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत बड़कागांव विधानसभा के पतरातू प्रखंड के विभिन्न महत्वपूर्ण सड़क, जिसमें रशियन हॉस्टल पतरातू से लेकर साही टॉड होते हुए मध्य विद्यालय टेरपा तक लम्बाई 5.70 किलोमीटर लागत 4 करोड़ 93 लाख दूसरा डुडगी से सांकी भाया महसमोहना कडरू बारीडीह पथ की लंबाई 9.50 किलोमीटर लागत 6 करोड़ 81 लाख तीसरा ग्राम लबगा से जयनगर होते हुए सौंदा बस्ती तक लम्बाई 7.80 किलोमीटर लागत 4 करोड़ 60 लाख तीन पथों के निर्माण होने से पतरातू प्रखंड में ग्रामीण जनता को पतरातू प्रखंड मुख्यालय एवं पतरातू में बन रहे एनटीपीसी का मेगा पावर प्लांट में काम कर रहे मजदूरों को आने-जाने में सुविधा होगी और 25 से 30 हजार आबादी को एक अच्छी और एक सुंदर सड़क का लाभ उठा पाएंगे।

इन सड़कों के अतिरिक्त सांसद जयंत सिन्हा ने क्षेत्रवासियों की सुविधा पर ध्यान केंद्रित करते हुए रामगढ़ विधानसभा के गोला में भी सड़कों का शिलान्यास किया, जिसमें 6 करोड़ 6 लाख की लागत से हुप्पू दशरथ चौक से बंदा तक 7.34 किमी की सड़क, जिससे क्षेत्र के व्यापारों को फायदा होगा। 4 करोड़ 12 लाख की लागत से कुसेटगढ़ा से सुतरी तक 5.33 किमी की सड़क, जिससे जनसाधारण को सड़क परिवहन की सुविधा मिलेगी। 5 करोड़ 51 लाख की लागत से जोभिया से खैराजारा, हेसापोड़ा होते हुए रजरप्पा मंदिर तक 7.21 किमी की सड़क, जिससे क्षेत्रवासियों को धार्मिक स्थलों तक आसान पहुंच मिलेगी एवं दुलमी प्रखंड में 3 करोड़ 56 लाख की लागत से एमआरएल-12 से बयांग तक 5.37 किमी की सड़क।

शिलान्यास कार्यक्रम के दौरान सांसद जयंत सिन्हा ने कहा कि जनता तक हम हर बुनियादी सुविधा पहुंचाएंगे। यह मोदी सरकार है जो पंक्ति के अंतिम व्यक्ति तक सुविधाएं पहुंचा रही है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना उन्हीं परियोजनाओं का ही एक अहम हिस्सा है।

इसके साथ ही सांसद जयंत सिन्हा ने हजारीबाग लोकसभा में विभिन्न पंचायतों में जनसंवाद कर जनता की समस्याओं के निवारण के लिए अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि क्षेत्रवासियों को कोई असुविधा न हो, इसके लिए मैं सदैव प्रयासरत रहता हूं। जनता के सहयोग से हम क्षेत्र के बहुमुखी विकास के लिए निरंतर कार्यरत हैं।कार्यक्रम में सांसद प्रतिनिधि प्रकाश मिश्रा नारायण चंद्र भौमिक सुमन सिंह देवेंद्र सिंह आदि सैकड़ो कार्यकर्ता उपस्थित थे

रामगढ़ इंजीनियरिंग कॉलेज (आरईसी) के "इंस्टीट्यूट इनोवेशन काउंसिल" द्वारा "अमृत कलश यात्रा" का किया गया आयोजन


रामगढ़:- झारखंड सरकार द्वारा स्थापित और पीपीपी के तहत टेक्नो इंडिया द्वारा संचालित रामगढ़ इंजीनियरिंग कॉलेज (आरईसी) के "इंस्टीट्यूट इनोवेशन काउंसिल" द्वारा "अमृत कलश यात्रा" का  आयोजन किया गया।

 कार्यक्रम शाम 4 बजे एक सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ शुरू हुआ और शाम 6.30 बजे समाप्त हुआ। डॉ शरबानी रॉय, आरईसी की प्रिंसिपल, ने बताया कि केंद्र सरकार के अमृत महोत्सव कार्यक्रम के अनुरूप हमारे संस्थान के छात्रों ने अमृत कलश यात्रा में भाग लिया।डॉ नजमुल इस्लाम, आरईसी के वाइस प्रिंसिपल, ने कहा कि हमारे छात्रों की अमृत कलश यात्रा देशभक्ति, एकता और भक्ति का प्रतीक है। 

हम हमेशा यह सुनिश्चित करने का प्रयास करते हैं कि हमारे छात्र हमारे देश की प्रगति में योगदान दें उत्तम विश्वास, इस कार्यक्रम के समन्वयक ने कहा कि इस कार्यक्रम में लगभग 100 छात्रों ने भाग लिया और आसपास के गांवों में 2 से 3 किलोमीटर की अमृत कलश रैली का आयोजन किया गया। 

कमाल अहमद,प्रथम वर्ष के इंडक्शन प्रोग्राम के समन्वयक ने कहा कि हम यह सुनिश्चित करने का प्रयास करते हैं कि छात्र हमेशा राष्ट्र के संपर्क में रहें।

इस कार्यक्रम में उपस्थित संकाय सदस्य हैं, डॉ. आशीष नारायण, अभिषेक मुखर्जी, पल्लब दास, सप्तर्षि मुखर्जी, अरुणाभा दत्ता, श्री विशाल कुमार साव, आकाश कुमार, देव कुमार चटर्जी, शुभंकर सामंत, श्री नीलेश कुमार, आशिम कुमार महतो, डॉ बागेश बिहारी, श्रेयोशी भट्टाचार्य, कोमल कुमारी , रूपम कुमार पाल, डॉ. शिव कुमार, डॉ प्रशांतो सरकार, पिनाकी रंजन दास, राजीव रंजन, श्री सोरिफुल इस्लाम, डॉ चंदन राज, सुदेशना बेरा आदि थे।

किसानों को क्षतिग्रस्त फसल का मुआवजा अविलंब दे तथा प्रदूषण पर रोक लगाए भारतमाला परियोजन


 अन्यथा आजसू पार्टी आंदोलन को बाध्य होगी।

रामगढ़:- आजसू पार्टी दुलमी प्रखंड कमिटी की आवश्यक बैठक कुल्ही स्थित पार्टी कार्यालय में प्रखंड अध्यक्ष पंकज कुमार के अध्यक्षता में हुई। बैठक में बतौर मुख्य अतिथि पूर्व जिला परिषद अध्यक्ष ब्रह्मदेव महतो एवं विशिष्ट अतिथि जिला उपाध्यक्ष राजकिशोर महतो, मुखिया प्रतिनिधि रामकिशुन भोगता एवं पंचायत समिति सदस्य प्रतिनिधि अनिल तुरी उपस्थित रहे।

बैठक में भारतमाला परियोजन बोकारो से राँची निर्माण कार्य में हो रहे प्रदूषण, दुर्घटना एवं ओवरलोडिंग फ्लाई ऐश ढुलाई के संबंध में विस्तृत चर्चा हुई। साथ ही अंचलाधिकारी दुलमी एवं भारतमाला परियोजना के पदाधिकारियों को ज्ञापन सौंपकर सभी विषयों से अवगत कराते हुए जल्द निराकरण करने का आग्रह किया।

ज्ञापन के माध्यम से बताया कि भारतमाला परियोजना (ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे) बोकारो से राँची भाया दुलमी प्रखण्ड (पोटमदगा, बेयांग, कूल्ही, पुत्रिडीह) के निर्माण कार्य में भारी लापरवाही बरती जा रही है। ओवर लोड हाइवा से फ्लाई ऐश (छाई) ढुलाई हो रहा है और बिना सुरक्षा मानकों को ध्यान में रखे दुलमी प्रखंड क्षेत्र में गिराया जा रहा है। जिससे बारिश होने के वजह से सारा छाई खेतों में बह के जाने से खेत प्रदूषित हो रहा है। साथ ही भारी संख्या में किसानों का फसल नष्ट होने के कगार पर है। 

ओवर लोड ढुलाई के वजह से आए दिन वायु प्रदूषण के साथ सड़क दुर्घटना में भी इजाफा हुई है। छाई उड़ने से वन्य जीवों पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। आस पास निवास कर रहे ग्रामीणों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है। इसे अविलंब रोका जाय और नुकसान हुए फसल का मुआवजा देने के पश्चात कार्य किया जाय। तथा फ्लाई ऐश पर भी रोक लगाया जाय जिससे आम जनमानस को कोई दिक्कत ना हो और पर्यावरण भी प्रदूषित नही हो। तथा स्थानीयों के रोजगार मुहैया कराया जाय अन्यथा आजसू पार्टी आंदोलन को बाध्य होगी।

 इस अवसर पर वरिष्ठ नेता प्रकाश महली, जिला उपाध्यक्ष दिलीप कुमार महतो, जिला सह सचिव बालकृष्ण ओहदार, किसान महासभा के प्रखण्ड अध्यक्ष गंगेश महतो, मीडिया प्रभारी सीडी महतो, देवधारी महतो, शिवचरण महतो, देवेंद्र महतो, मनोज महतो, रामबृक्ष महतो, राजेश महतो, अनुलाल गंझु,रवि रतन महतो, उमेश प्रजापति, आकाश कुमार, दीपक कुमार, छोटेलाल महतो, अविनाश कुमार, संतोष कुमार, जितेंद्र कुमार, विवेक कुमार, अभय कुमार, गुणी करमाली, सुधीर कुमार महतो सहित अन्य भारी संख्या में कार्यकर्ता मौजूद थे।

आवासीय जाति आय व अन्य ज़मीन संबंधित कार्य को लेकर बार बार अंचल का चक्कर लगाने वाले प्रथा को खत्म करें :-सुधीर मंगलेश


रामगढ़: दुलमी प्रखंड बीस सूत्री अध्यक्ष सुधीर मंगलेश के नेतृत्व में बीस सदस्यों ने नये दुलमी अंचल अधिकारी नन्हें पौंधा भेंट कर स्वागत किया।

दुलमी प्रखंड के नए अंचल अधिकारी मदन मोहन ने बीते दिनों अपना पद भार ग्रहण कर लिया। दुलमी प्रखंड बीस सूत्री अध्यक्ष सुधीर मंगलेश के नेतृत्व में बीस सूत्री सदस्यों ने पौंधा भेंट कर स्वागत किया। 

इस दौरान बीस सूत्री अध्यक्ष सुधीर मंगलेश ने कहा कि ने अंचल कार्यालय मे चल रही गड़बडियों से अवगत कराया। कि अंचल कार्यालय के कर्मियों की मनमानी रवैये के कारण आम जनता को मोटेसन, राशिद कटवाने, जाति, आवासीय, आय, जन्म प्रमाण पत्र बनवाने मे काफी परेशानी हो रही है। साथ ही आम जनों का काम पारदर्शिता के साथ हो व ओर कोई भी काम को लेकर आम लोगों को अंचल कार्यालय का चक्कर ना कटाए।

हम सभी आशा करते हैं कि आप के कार्यकाल में जनता की समस्या का समाधान तेजी से होंगी‌। इस पर अंचल अधिकारी ने भी भरोसा दिलवाया है कि जनता की समस्या का समाधान करना मेरी पहली प्राथमिकता होगी।

 जनता को किसी भी प्रकार की कोई भी समस्या हो तो वे हमसे संपर्क करें। मैं हर संभव समस्या का समाधान करने का प्रयास करूँगा। साथ अब जाती आवासीय आय प्रमाण पत्र व अन्य ज़मीन संबंधित कार्य को लेकर बार बार अंचल कार्यालय का चक्कर लगाने वाले प्रथा को खत्म करेंगे।

 मौके पर बीस सूत्री सदस्य दिलीप शर्मा परमानंद सिंह मदन नायक संतबिलास करमाली व युगल किशोर महतो ठाकुरदास महतो करमू महतो नौशाद अंसारी रमेश प्रजापति उतम कुमार बबलू कुमार शुभम कुमार आदि थे।

रामगढ़: जितिया परब मतलब जीव तिहा सुधीर मंगलेश

रामगढ़: दुलमी प्रखंड बीस सूत्री अध्यक्ष सुधीर मंगलेश ने कहा कि जितिआ परब भारत के कई राज्यों में मनाया जाता है लेकिन छोटनागपुर पठार मे बसे कुछ राज्यों जैसे झारखंड ,बंगाल एवं उड़ीसा में जितिआ परब की धूम कुछ अलग ही रहती हैं।

चाँद के अनुसार यह परब भाद्र माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। जितिआ नामकरण के पीछे एक युक्ति है जीति+आ अर्थात जीत कर आना। बिहा के पश्चात कन्या जब मायके में जाती है तो कन्या के मां बाप की मंशा होती है कि मेरी पुत्री ससुराल से कब जीतकर मेरी आंगन में आएगी।

कहने का तात्पर्य है की कन्या जब तक ससुराल में वंशवृद्धि अर्थात संतानोत्पत्ति नहीं कर पाती है, तब तक वह ससुराल में हारी हुई मानी जाती है, क्योंकि समाजिक नियमानुसार यदि कोई कन्या का संतानोत्पत्ति लंबे समय तक नहीं होती है, तो उसके विकल्प में उसके पति दूसरे को बिहा कर लाता है और ऐसी स्थिति में अधिकतर जगहों मैं उसके साथ सौतेला व्यवहार किया जाता है।

यहां तक की कभी-कभार उसे झगड़ा झंझट से बचने के लिए मायके में ही रहना पड़ता है। तब कन्या के माता पिता को काफी दुख होता है और वह बेटी से कहता है की आज तुम ससुराल में हार गई।

यहीं पर जो कन्या संतानोत्पत्ति कर मायके आती है तो उसे कहा जाता है तुम जीत कर आई है अब तुम जितिआ मां अर्थात जीव सृजनकारी प्रकृति महाशक्ति की तुम परब करो और अपनी संतानों की वंशवृद्धि यशवृद्धि कर्मवृद्धि व धनवृद्धि आदि की कामना करो।

इस परब में जो भी खर्च या लागत आएगी सारा मैं यानी कन्या के पिताजी वहन करेंगे यह कहकर जितिआ परब करने की प्रेरणा देते है।

परब के कुछ दिन पहले से ही घर की झाटाई पताई शुरू कि जाती है। इसके बाद संजोत के दिन आंगन की लीपापोती कर नाई से नाखुन काटवाति है फिर तालाब, नदी आदि के किनारे मिट्टी का घड़ा लेकर जाती है उसमें झिंगा पता,दतइन,हलदी, चना, कुरथी ,मूंग के बीजों के साथ खिरा आदि होता है।मुँह धोने के समय चालह सियार को दइतन पानी देकर नेहर करती है -

ले चालह सिआर दतइन पानि मुँह धआ ,स्नान करि संजअत करा

आर हामरा केउअ मुंँह धउआआ आर जितिआ परब कर संजअत कराउआ । इसके बाद घर आकर भूतपिढ़ा में धूप देती है और नियम पूर्वक भीतर घर में आँकुर चुका को रखती है।

अगले दिन आष्टमी में दिनभर उपवास कर शाम के समय झींगा पत्ता दतइन लेकर नदी या तलाब में जाती है फिर चालह सियार को सेंउरन कर झिंगा पता दतइन देती है और नहान कर एक खिरा बहाती है अर्थात मातृत्व शक्ति का वह गुण जो काम में नहीं आया है उसे वह आती है। फिर घर आकर नया कपड़ा पहनकर जितिया ससटि माँ के सेंउरन के लिए तैयार होती है। प्रायः हर गुस्टि में डाल गाड़ी जाती है जहां सभी महिलाएं एकत्रित होकर सेउरन करती हैं।

जितिया परब के सेंउरन में मुख्य रूप से 9 प्रकार के पेड़ पौधे/वस्तु का चयन किया गया है-

1) ईख (3या5)- यह मातृशक्ति का प्रतिक है। इसके हार गांठ में सृजनकारी क्षमता है। अतः इससे कामना की जाती है की मेरी पुत्री पुत्र का वंश वृद्धि में कभी भी कमी ना हो।

2) बड़ टहनी- इसमें मातृत्व शक्ति के साथ साथ पुत्र की दीर्घायु की कामना की जाती है।

3) भेलुआ टहनी- इसमें पुत्र पुत्री की अशुभ लक्षण नष्ट होने की कामना की जाती है।

4) बेलनदड़ि घास- इसके हर भाग में पोषक तत्व यानी दूध पाया जाता है इसलिए इससे पोषक तत्व की कमी ना हो कि कामना की जाती है।

5) पाकइड़/पिपल टहनी- शीतलता के प्रतीक के रूप में।

6) चिडचिटि- अपनी पहचान/गुण दूसरों को देने मे।

7) धान पौधा- वंश वृद्धि एवं पोषण में सहायता प्रदान करना।

8) आकंद टहनी-पोषक तत्व के प्रतीक गुण का समावेश ।

9)घर मुहनी- मूल तत्व के प्राप्ति की प्रतीक।

इन 9 चीजों को एक साथ मिलाकर गुस्टि के पुराना आंगन में तांबा, दूब घास, काटी, हरतकी आदि देकर गढ़्ढा में गाड़ा जाता है। इसके बाद सभी व्रती विधिपूर्वक सेउरन करती है और इनके सृजन कारी व सृजन में सहयोग करने वाले तत्व की सेंउरन कर उसे उसके गुणों की प्राप्ति की कामना अपने पुत्र पुत्रियों के लिए करती है। ताकि उसके वंश में किसी भी चीज का कमी ना हो।सेंउरन के पश्चात रात भर नाच गा कर जितिया डाल को जगाया जाता है, फिर सुबह विधि पूर्वक उसे उठाकर नदी या तलाब में ले जाकर फूल आदि को भाषाया जाता है और ईख को लाकर बच्चों के बीच भग के रुप में वितरण किया जाता है। व्रती सब नहा धो के परब का भोग बनाती है। फिर चालह सिआर को भग देने के पश्चात भोग का वितरण वैसे घर में करती है जहां यह परब नहीं चलता है इसके बाद पारण करती है।

परब के संजोत या उपवास के दिन कोई व्यक्ति उस गुस्टि का मर जाता है तो इस परब को रखने के लिए भेगना के यहां आँकुर देने की भी प्रचलन है। वह इस परब को रख देता है, फिर वह अगले वर्ष विधि पूर्वक वापस कर देता है। यदि अंकुर थकने से लेकर डालने तक कोई मर जाता है तो परब चला जाता है और फिर यदि उस गुष्टी में बच्चा, बछड़ा या बकरी का जन्म संजोत या उपवास के दिन होता है तो यह परब पुनःआ जाता है। इस पर्व में अमावस्या के पूर्व तक संगे संबंधियों के यहां आँकुर पीठा देने का भी विधान है।

रामगढ़: राधा गोविन्द विश्वविद्यालय के जंतु विज्ञान विभाग में राष्ट्रीय वन्य जीव सप्ताहिक कार्यक्रम मनाई गई

रामगढ़:-राधा गोविन्द विश्वविद्यालय के जंतु विज्ञान विभाग में राष्ट्रीय वन्य जीव सप्ताहिक कार्यक्रम मनाई गई।

इस अवसर पर कुलाधिपति बी.एन. साह ने जीवों की महत्ता बताते हुए कहा की जीव हमारे पर्यावरण को संतुलित बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है हमें पर्यावरण के बचाव में तत्पर रहना चाहिए।

कुलपति प्रोफेसर (डॉ) शुक्ला महन्ती ने इस अवसर पर कहा कि जीव जंतुओं का संरक्षण करना हमारा नैतिक कर्तव्य है बिना जीव जंतुओं के हमारा पर्यावरण संतुलित नहीं रह सकता है।

इस मौके पर कुलसचिव डॉ. निर्मल कुमार मंडल ने अपना विचार व्यक्त करते हुए कहा की वन्य जीव का संरक्षण महत्वपूर्ण है क्योंकि यह हमारे प्राकृतिक संसाधनों का हिस्सा है। यह हमारे वातावारण का संतुलन बनाता है और प्राकृतिक जीवों के लिए एक आवास प्रदान करता है। वन्य जीवन सभी जीवों के जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा है और उनके संरक्षण भी जरूरी है।

विभागाध्यक्ष डॉ. सत्यप्रकाश ने अपने शब्दों को रखते हुए कहा की केवल वन्य जीवन के बारे में बात करने के लिए अब समय नहीं है। समय आ गया है कि वन्यजीवों के संरक्षण के लिए सार्थक कार्रवाई की जाए और हमारी बहुमूल्य प्राकृतिक विरासत की रक्षा की जाए।

विभाग के व्याख्याता श्याम महतो ने धन्यवाद ज्ञापन करते हुए कहा की वन्यजीवों का संरक्षण जैव विविधता को बढ़ावा देता है जो हमारे लिए फायदेमंद होती है। वन्यजीवों के बिना पूरे जीव संस्थान का संतुलन हिल सकता है, जिससे पर्यावरणीय समस्याओं का समाधान कठिन हो सकता है।

इस कार्यक्रम में राधा गोविन्द शिक्षा स्वास्थ्य ट्रस्ट की सचिव प्रियंका कुमारी वित एवं लेखापदाधिकारी डॉ. संजय कुमार, परीक्षा नियंत्रक डॉ. अशोक कुमार, सहायक परीक्षा नियंत्रक डॉ. रश्मि, समिति के सदस्त्य श्री अजय कुमार, विज्ञान विभाग के डीन डॉ. प्रतिभा गुप्ता एवं विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष, व्याख्यातागण एवं छात्र- छात्राएं उपस्थित थे।

CCL सिरका में कार्यरत क्लर्क को 30 हजार रुपये घूस लेते ACB की टीम ने पकड़ा

रामगढ़ थाना क्षेत्र के सीसीएल सिरका परियोजना में कार्यरत क्लर्क संदीप कुमार को एसीबी की टीम ने 30 हजार रुपये घूस लेते गिरफ्तार किया है.

 जानकारी के अनुसार सिरका कोलियरी परियोजना में कार्यरत डम्फर ऑपरेटर राजु मुण्डा की मौत के बाद उनकी पत्नी से अनुकम्पा के आधार पर नौकरी के लिए 30 हजार रुपये की मांग की गई थी.

इसको लेकर सीबीआई, एसीबी, कार्यालय में शिकायत की गई थी. शिकायत की जांच करने गई टीम ने कलर्क संदीप कुमार को 30,000 हजार रुपये घूस लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया. मामले की जांच सीबीआई भी कर रही है.

रामगढ़: जनता की बात सहजता से सुन कर तत्काल निदान करें ममता देवी


रामगढ़: दुलमी प्रखंड अंचल कार्यालय ग्रामीणों की समस्या को लेकर रामगढ़ के पुर्व विधायक ममता देवी व अंचल अधिकारी से मिलकर ग्रामीणो की समस्याओं निदान करने की बात कही।

 ममता देवी ने कहा कि 

अंचल कार्यालय मे चल रही गड़बडियों से अवगत कराया। कि अंचल कार्यालय के कर्मियों की मनमानी रवैये के कारण आम जनता को मोटेसन, राशिद कटवाने, जाति, आवासीय, आय, जन्म प्रमाण पत्र बनवाने मे काफी परेशानी हो रही है। साथ ही आम जनों का काम पारदर्शिता के साथ हो व ओर कोई भी काम को लेकर आम लोगों को अंचल कार्यालय का चक्कर ना कटाए।

मौके पर दुलमी प्रखंड बीस सूत्री अध्यक्ष सुधीर मंगलेश पुर्व पार्षद राजू महतो खखु महतो सुमित महतो छोटन कुमार मुखलाल महतो विक्रम कुमार केशव प्रेमचंद महतो लखन महतो जगदीश महतो गौतम महतो तिलकधारी महतो तिलक महतो गुडिया महतो राजू कुमार कृष्ण कुमार युगेश महतो गणेश महतो मदेश मुंडा बासुदेव मुंडा आदि

हरित क्रान्ति के जनक स्वामीनाथन किए गए याद


रामगढ़: राधा गोविन्द विश्वविद्यालय के प्रबंधन विभाग, कम्प्यूटर साइन्स एंड टेक्नालजी एवं कृषि विभाग के द्वारा संयुक्त सहयोग से समसामयिक व्याख्यानमाला के तहत 21वीं सदी में कृषि लोग, भोजन और प्रकृति के लिए नए परिदृश्य विषय पर व्याख्यान आयोजन किया गया। व्याख्यान का आयोजन हरित क्रांति के जनक डाॅ. एम एस स्वामीनाथन को याद किया गया। जिसमें इन तीनों विभाग के छात्र एवं छात्रों ने अपने अपने परिदृश्य से विचार रखे।माननीय कुलाधिपति बी.एन साह ने हरित क्रांति के उपलक्ष्य में कहा कि हरित क्रांति 1960 के दशक में शुरु हुई एक अवधि थी, जिसके दौरान कृषि को आधुनिक औद्योगिक प्रणाली में परिवर्तित कर दिया गया था। कुलपति प्रोफेसर (डाॅ.) शुक्ला महन्ती ने कहा उच्च उपज वाली किस्म (HYV) के बीज, मशीनीकृत कृषि उपकरण, सिंचाई सुविधाओं, कीटनाशकों और उर्वरकों का उपयोग करके आधुनिक प्रणाली में परिवर्तित किया गया था।

इस मौके पर कुलसचिव डाॅ. निर्मल कुमार मण्डल ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा की मिट्टी ही पौधे का पेट है। जिसके तहत दूसरे विश्वयुद्ध के बाद जापान में कृषि एवं औद्योगिक क्षेत्र में हुई उल्लेखनीय खोजों जैसे सोलोमन नाम के एक जीव विज्ञानी, नोरीन एक्सपेरिमेन्ट स्टेशन में गोंजिरो इनाजुका द्वारा विकसित गेहूँ, जिसमें प्रति हेक्टयर 10 टन से ज्यादा पैदावार की क्षमता थी, इसी से प्रेरित होकर भारत सरकार ने 1967 में गेहूँ, धान, मक्का, बाजरा और ज्वार में उच्च उपज वाली किस्मों का कार्यक्रम शुरु किया। इसकी सफलता देख अक्टूबर, 1968 में अमेरिका के विलियम गुआड ने खाद्य फसलों की पैदावार में हमारी इस क्रांतिकारी प्रगति को हरित क्रांति का नाम दिया। 

अन्य वक्ताओं मेें कृषि विभाग के विभागाध्यक्ष बिरेन्द्र कुमार ने भारत सरकार द्वारा मिल्लेट फूड्स के 21वी सदी मे महत्ता, कम्प्युटर साइन्स एंड टेक्नोलजी के विभागाघ्यक्ष डाॅ. संजय में ड्रोन, जीआईएस एवंआर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित आधुनिक स्वचालित तकनीक पे अपने विचार रखे। प्रबंधन विभाग की और से व्याख्याता पिंकी कुमारी सिंह ने किसानों की उपज को फूड प्रोसेसिंग कर होने वाले व्यापार एवं फायदे व इसके मार्केटिंग पे अपनी विचार रखी। 

इस कार्यक्रम में राधा गोविन्द शिक्षा स्वास्थ्य ट्रस्ट की सचिव सुश्री प्रियंका कुमारी, परीक्षा नियंत्रक डाॅ. अशोक कुमार, वित एवं लेखापदाधिकारी डाॅ. संजय कुमार, समिति के सदस्य श्री अजय कुमार, सहायक परीक्षा नियंत्रक डाॅ. रश्मि एवं प्रबंधन विभाग के विभागाध्यक्ष डाॅ. राजू कुमार महतो, श्री अमित सौरभ, विपुल कुमार एवं विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष, व्याख्यातागण एवं छात्र - छात्राएँ उपस्थित थे।