मोटा अनाज से बने बाजरे के लड्डू व रागी के इडली का किसानों ने चखा स्वाद
कुमारगंज अयोध्या कृषि विश्वविद्यालय में दो दिवसीय राज्यस्तरीय किसान मेला के पहले दिन मोटे अनाज व प्राकृतिक खेती के स्टालों पर किसानों की बंपर भीड़ दिखी। सामुदायिक विज्ञान महाविद्यालय द्वारा मोटे अनाज से बनाए गए बाजरे का लड्डू,सावा का लट्ठा, मिश्रित अनाजों का सेव, ज्वार का पेड़ा, रागी का इडली का स्वाद किसानों ने जमकर चखा और इसकी खरीदारी भी की।
जूट से ज्वेलरी व चूड़केस भी प्रदर्शनी में लगाए गए हैं। वहीं दूसरी तरफ इस महाविद्यालय द्वारा गाय के गोबर से पर्यावरण वस्तुओं को भी प्रदर्शनी में लगाया गया। गाय के गोबर से बने गणेश की मूर्ति, दीए, फूल पत्तियां तथा वॉल हैंगिंग लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।
कृषि विज्ञान केंद्र गोरखपुर द्वारा लगाए गए मोटे अनाजों के स्टाल पर किसानों की लंबी कतारें लगी रहीं। मोटे अनाज से होने वाले लाभ के बारे में किसानों की जिज्ञासा साफ झलक रहीं थीं। इसके बाद तैनात वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ एसके तोमर ने बताया कि मोटे अनाज से बने साबा की चकरी, रामदाने का लड्डू, |
बाजरे की मठरी, गडुआ के लड्डू बनाए गए हैं जो स्वास्थ्य के लिए बेहद ही लाभदायक है। इस स्टाइल पर मोटे अनाजों से संबंधित जो रामदाना, मक्का, मडवा, सावा, काकून, बाजरा, पले मिलेट आदि के बीज भी किसानों के लिए उपलब्ध है।
मोटा अनाज मनुष्य के स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभदायक है। सरकार भी इस वर्ष को मिलेट वर्ष के रूप में मना रही है। डॉ मनोज ने बताया कि पर्यावरण के बदलाव में भी मोटे अनाजों का उत्पादन अच्छा रहता है। मोटे अनाजों से बने उत्पादों एवं विजय की किसान लगातार खरीदारी कर रहे हैं।
मछली के कटलेट व आचार का स्वाद चखने को लगी भीड़
मत्सियकी महाविद्यालय द्वारा रोहू मछली से बने कटलेट व अचार किसानों के लिए चर्चा का विषय बना रहा। यही नहीं इसके खाने से स्वास्थ्य को भी अधिक फायदा हाता है।
महाविद्यालय के अधिष्ठाता डा. ए. के गंगवार ने बताया कि मछली के अचार खाने से हार्टअटैक का खतरा कम हो जाता है साथ ही आंखों की रौशनी भी अच्छी रहती है। इसके कांटे को निकालकर पहले कीमा बनाया जाता है उसके बाद खुशबूदार मसालों के साथ इसे तैयार किया जाता है।
Oct 10 2023, 18:17