पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वर्गीय रामविलास पासवान की पुण्यतिथि पर सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन द्वारा श्रद्धांजलि सभा का किया गया आयोजन
बेतिया - आज 8 अक्टूबर को सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन के सभागार में पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वर्गीय रामविलास पासवान की पुण्यतिथि पर सर्वधर्म प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया। जिसमें सभी धर्मों के लोगों ने भाग लिया।
इस अवसर पर अंतर्राष्ट्रीय पीस एंबेस्डर सह सचिव सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन डॉ एजाज अहमद अधिवक्ता ,डॉ सुरेश कुमार अग्रवाल चांसलर प्रज्ञान अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय झारखंड, डॉ शाहनवाज अली, डॉ अमित कुमार लोहिया ,वरिष्ठ पत्रकार सह संस्थापक मदर ताहिरा चैरिटेबल ट्रस्ट डॉ अमानुल हक, सामाजिक कार्यकर्ता नवीदूं चतुर्वेदी पश्चिम चंपारण कला मंच की संयोजक शाहीन परवीन ने संयुक्त रूप से श्रद्धांजलि अर्पित किया।
इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि स्वर्गीय रामविलास पासवान का सारा जीवन सामाजिक उत्थान के लिए समर्पित रहा। उन्होंने राजनीति में एक लंबा समय बिताया था। रामविलास पासवान स्वर्गीय वीपी सिंह, एचडी देवेगौड़ा, स्वर्गीय इंद्रकुमार गुजराल, स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी, मनमोहन सिंह एवं नरेंद्र मोदी इन सभी प्रधानमंत्रियों के ‘कैबिनेट’ में अपनी जगह बनाने वाले शायद एकमात्र व्यक्ति थे।
राजनीति की नब्ज पकड़ने वाले रामविलास पासवान पहली बार 1969 में एक आरक्षित निर्वाचन क्षेत्र से संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के सदस्य के रूप में बिहार विधानसभा पहुंचे थे। 1974 में राज नारायण एवं जेपी के प्रबल अनुयायी के रूप में लोकदल के महासचिव बने थे। वे व्यक्तिगत रूप से राज नारायण, कर्पूरी ठाकुर और सत्येंद्र नारायण सिन्हा जैसे आपातकाल के प्रमुख नेताओं के करीब रहे हैं।
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री ने लालू प्रसाद यादव ने रामविलास पासवान को ‘मौसम वैज्ञानिक’ का नाम दिया था। रामविलास पासवान हवा के रुख के साथ राजनीति के अपने फैसले बदलने में माहिर थे। इसमें वो कामयाब भी रहे। इसी का नतीजा रहा कि उन्होंने छह प्रधानमंत्रियों के साथ काम किया। वह बेहत सरल और मृदुभाषी थे।
Oct 09 2023, 17:57