दशहरा-दीपावली से पहले दुरुस्त व चकाचक होगा नगर निगम क्षेत्र में मेन रोड का लाइटिंग सिस्टम: महापौर

बेतिया : महापौर गरिमा देवी सिकारिया ने ईईएसएल की अनुसंगी कंपनी अंबुजा से गठित कार्यबल के साथ सोमवार को अपने कार्यालय कक्ष में बैठक की। जिसमें कहा कि दशहरा महापर्व को देखते हुए नगर निगम क्षेत्र के सभी मुख्य सड़क एवं मंदिरों के पहुंच पथ पर की खराब लाइटों त्वरित गति से दुरुस्त किया जाय। उन्होंने यह भी कहा कि दशहरा-दीपावली जैसे महत्वपूर्ण पर्व से पहले शहर की लाइटिंग सिस्टम को दुरुस्त व चकाचक बनाया जाय। 

उन्होंने बताया कि नगर निगम क्षेत्र में कुछ मेन रोड और अनेक चौक चौराहों का लाइटिंग अरसे से खराब है। भारत सरकार की कंपनी ईईएसएल की अनुसंगी कंपनी अंबुजा का नेतृत्व बेतिया में हिमांशु राय कर रहे हैं। उनके द्वारा तीन टीम लगाई जाएंगी जिसके प्रत्येक टीम में एक मिस्त्री और एक हेल्पर होगा। 

शहर के सभी मुख्य सड़कों का दशहरा महापर्व को देखते हुए लाइट की रिपेयरिंग का कार्य आज सोमवार से ही शुरुआत कर देने का निर्देश महापौर श्रीमती सिकारिया द्वारा दिया गया। 

महापौर ने बताया कि अधिष्ठापित स्ट्रीट लाइटों एवं हाई मास्ट लाइटों की मरम्मती के मद में भुगतान विभाग के स्तर से हो जाने के बावजूद मरम्मत का कार्य में विलंब पर महापौर ने नाराजगी जताई थी। 

महापौर श्रीमती सिकारिया ने यह भी निर्देश दिया कि नगर निगम के सघन शहरी क्षेत्र में करीब डेढ़ दर्जन बड़े बड़े पूजा पंडाल बनते हैं। पूजा के दौरान हजारों की भीड़ वाले इन पंडालों के आसपास उत्तम रौशनी प्रबंध करने का निर्देश महापौर के स्तर से दिया गया। वहीं जरूरत के अनुसार निगम की हाईड्रा आदि संसाधन को उपलब्ध कराने का निर्देश महापौर के द्वारा दिया गया। 

ईईएसएल से अधिकृत अंबुजा कंपनी के स्थानीय प्रबंधक हिमांशु राय ने बताया कि महापौर के निर्देश के आलोक में तीन टीम आज सोमवार से कार्य शुरू कर रहीं हैं। अगले दो दिन में ही पांच टीम कार्य करने लगेगी। 

मौके पर सशक्त स्थाई सदस्य मनोज कुमार, इंद्रजीत यादव, दीपक कुमार, प्रभारी नगर आयुक्त सह सिटी मैनेजर अरविंद कुमार, कनीय अभियंता सुजय सुमन, कार्यालय प्रधान सहायक रमन कुमार, संजीव कुमार, नाजिर साहब अली, लाइट रिपेयरिंग की तीनों टीमें उपस्थित रहीं।

पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वर्गीय रामविलास पासवान की पुण्यतिथि पर सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन द्वारा श्रद्धांजलि सभा का किया गया आयोजन

बेतिया - आज 8 अक्टूबर को सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन के सभागार में पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वर्गीय रामविलास पासवान की पुण्यतिथि पर सर्वधर्म प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया। जिसमें सभी धर्मों के लोगों ने भाग लिया।

इस अवसर पर अंतर्राष्ट्रीय पीस एंबेस्डर सह सचिव सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन डॉ एजाज अहमद अधिवक्ता ,डॉ सुरेश कुमार अग्रवाल चांसलर प्रज्ञान अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय झारखंड, डॉ शाहनवाज अली, डॉ अमित कुमार लोहिया ,वरिष्ठ पत्रकार सह संस्थापक मदर ताहिरा चैरिटेबल ट्रस्ट डॉ अमानुल हक, सामाजिक कार्यकर्ता नवीदूं चतुर्वेदी पश्चिम चंपारण कला मंच की संयोजक शाहीन परवीन ने संयुक्त रूप से श्रद्धांजलि अर्पित किया।

इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि स्वर्गीय रामविलास पासवान का सारा जीवन सामाजिक उत्थान के लिए समर्पित रहा। उन्होंने राजनीति में एक लंबा समय बिताया था। रामविलास पासवान स्वर्गीय वीपी सिंह, एचडी देवेगौड़ा, स्वर्गीय इंद्रकुमार गुजराल, स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी, मनमोहन सिंह एवं नरेंद्र मोदी इन सभी प्रधानमंत्रियों के ‘कैबिनेट’ में अपनी जगह बनाने वाले शायद एकमात्र व्यक्ति थे।

राजनीति की नब्ज पकड़ने वाले रामविलास पासवान पहली बार 1969 में एक आरक्षित निर्वाचन क्षेत्र से संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के सदस्य के रूप में बिहार विधानसभा पहुंचे थे। 1974 में राज नारायण एवं जेपी के प्रबल अनुयायी के रूप में लोकदल के महासचिव बने थे। वे व्यक्तिगत रूप से राज नारायण, कर्पूरी ठाकुर और सत्येंद्र नारायण सिन्हा जैसे आपातकाल के प्रमुख नेताओं के करीब रहे हैं।

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री ने लालू प्रसाद यादव ने रामविलास पासवान को ‘मौसम वैज्ञानिक’ का नाम दिया था। रामविलास पासवान हवा के रुख के साथ राजनीति के अपने फैसले बदलने में माहिर थे। इसमें वो कामयाब भी रहे। इसी का नतीजा रहा कि उन्होंने छह प्रधानमंत्रियों के साथ काम किया। वह बेहत सरल और मृदुभाषी थे।

एसएसबी 44वी वाहिनी द्वारा "मेरी माटी मेरा देश" अभियान के तहत विभिन्न गांवो से ली गई मिट्टी को एक भव्य कार्यक्रम आयोजित कर एक कलश में किया गया

 

नरकटियागंज - आज दिनांक- 08.10.2023 को 44 वाहिनी सशस्त्र सीमा बल एवं डाक घर नरकटियागंज द्वारा “आजादी का अमृत महोत्सव” कार्यक्रम के अंतर्गत "मेरी माटी मेरा देश" अभियान के तहत नरकटियागंज एवं मैनातांड ब्लॉक के विभिन्न गांवो से संग्रहित की गई माटी को ब्लॉक स्तर पर ‘’तारकेश्वर प्रसाद वर्मा महाविद्यालय नरकटियागंज’’ में एक कलश में मिश्रित कर भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया तथा उपस्थित सभी स्थानीय लोगों को “आज़ादी का अमृत महोत्सव” एवं माटी पर आधारित फिल्म भी दिखाई गई |

कार्यक्रम में मेरी माटी मेरा देश थीम, देश भक्ति गीत, स्लोगन, राष्ट्रीय तिरंगा, म्युजिकल सिस्टम, बच्चों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम मे देश भक्ति गीत इत्यादि द्वारा देश भक्ति के रंग में रंगते हुए कार्यक्रम को बहुत ही जोश व उत्साह से आयोजित किया गया| 

स्थानीय लोगों ने कार्यक्रम की सराहना करते हुए नरकटियागंज, मैंनाटांड ब्लॉक के गांवो से संग्रह की माटी को ब्लॉक स्तर पर एक कलश में मिश्रित कर उत्साहपूर्वक कार्यक्रम में भाग लिया| "मेरी माटी मेरा देश" अभियान के तहत 44 वाहिनी सशस्त्र सीमा बल ने पश्चिमी चंपारण जिले के सभी 18 ब्लॉक के गांव-गाँव जाकर प्रत्येक घरों से चुटकी भर माटी संग्रहित की है| 

यह माटी ब्लॉक स्तर पर एकत्र की जा रही है, तत्पश्चात यह अमृत कलश राजधानी पटना होते हुए देश की राजधानी नई दिल्ली में संग्रहित की जाएगी एवं देश भर से सभी ब्लॉकों से संग्रहित की गयी माटी से एक “अमृत वाटिका” का निर्माण किया जायेगा|

कार्यक्रम के दौरान श्री माधुरी कान्त शुक्ल, सुपुत्र स्व. श्री योगेन्द्र शुक्ल, स्वतंत्रता सेनानी, श्री ओमप्रकाश तूफानी सुपुत्र स्व. श्री भोलाराम तूफानी,स्वतंत्रता सेनानी, श्री सूर्यप्रकाश गुप्ता, उप-प्रभागीय न्यायाधीश (SDM), श्री सतीश कुमार, प्रखंड विकास अधिकारी नरकटियागंज, श्री रतनेश कुमार पाण्डे, सहायक शाखा प्रबंधक(SBI) नरकटियागंज, श्री प्रभाकर सिंह, प्रभारी डाकघर नरकटियागंज, 44 वाहिनी के उप-कमान्डेंट श्री हरिमेंद्र कुमार दुबे, समवाय अधिकारी, अधीनस्थ अधिकारियों, जवानों, ग्रामीण महिलाएं, स्कूल के बच्चे, शिक्षक एवं बलकार्मिक सहित लगभग 160 लोग शामिल रहे |

नरकटियागंज और मैंनाटांड का यह अमृत कलश, अमृत वाटिका के निर्माण के लिए दिल्ली भेजें जाने हेतु S.D.M., B.D.O. नरकटियागंज एवं नेहरू युवा केंद्र के प्रतिनिधि को मुख्य अतिथि, उपरोक़्त गणमान्य व अन्य की उपस्थिति में ससम्मान सौपा गया l

पश्चिम करगहिया व हरदिया में 1.06 करोड़ से बनेंगे 50-50 बेड के दो वृद्धजन आश्रय स्थल : महापौर

बेतिया : महापौर गरिमा देवी सिकारिया ने कहा कि नगर निगम के वार्ड 2 के पश्चिम करगहिया और वार्ड - 39 के हरदिया के समीप बेतिया अरेराज मुख्य पथ पर विश्वकर्मा मंदिर के पास 1.06 करोड़ से 50-50 बेड के दो वृद्धजन आश्रय स्थल का निर्माण कराया जायेगा। रविवार को महापौर गरिमा देवी सिकारिया ने स्थानीय नगर पार्षद प्रतिनिधि ओमप्रकाश और अन्य के साथ स्थल निरीक्षण किया। 

इस मौके पर उन्होंने बताया कि सात निश्चय - 2 के तहत 'आत्म निर्भर बिहार'योजना के तहत नगर के बेसहारा वृद्धजनों के लिए निःशुल्क आवासन की सुविधा जरूरतमंद वृद्धजन के लिए उपलब्ध कराई जाएगी। जिला मुख्यालय में 50-50 बेड वाले दो आश्रय स्थलों का निर्माण कार्य वर्ष 2023 के नवंबर माह तक शुरू करा दिए जाने को लेकर जरूरी कार्रवाई का निर्देश उनके स्तर से जारी कर दिया गया है। 

महापौर श्रीमती सिकारिया ने यह भी बताया कि नगर विकास विभाग के स्तर से 'मुख्यमंत्री वृद्धजन आश्रय स्थल' योजना के तहत बनने वाले 50-50 बेड वाले इन बृद्धजन आश्रय स्थलों के संचालन की जिम्मेदारी नगर निगम को सौंपे जाने से नगर के निराश्रित बृद्धजनों को सुविधाजनक आवासन का सार्वजनिक आश्रय बन जायेगा। 

श्रीमती सिकारिया ने नगर विकास एवं आवास विभाग से जारी पत्र के हवाले से बताया कि कुल एक करोड़ छह लाख 35 हजार की इस योजना पर अमलीजामा पहनाने के लिए प्रथम किस्त के रूप में 53 लाख 17 हजार 500 रुपया का आवंटन भी विभाग स्तर से जारी कर दिया गया है। नगर निगम प्रशासन को बोर्ड से इस सर्वम्मत प्रस्ताव के आलोक में वार्ड 2 और 39 में आश्रय स्थल के संचालन के लिए जल्द शुरुआत कर देनी है। इन आश्रय स्थल के संचालन के लिए वार्षिक बजट 1 करोड़ 6 लाख 35000 रुपये रखा गया है। आवंटित राशि से इसे सभी बुनियादी सुविधाओं से संपन्न वृद्धजन आश्रय स्थल को स्थापित कर विकसित किया जाएगा। उक्त वृद्धजन आश्रय स्थल का संचालन बेतिया नगर निगम के स्तर से कराया जाएगा। 

महापौर गरिमा देवी सिकरिया द्वारा बताया गया कि बेतिया में वृद्ध आश्रम निर्माण को लेकर वह काफी उत्साहित है।

7.06 करोड़ की लागत से नगर की तीन जर्जर सड़कों का राज्य मद से निर्माण की कार्रवाई तेज: गरिमा

बेतिया: नगर निगम की महापौर गरिमा देवी सिकारिया ने बताया कि वर्षों से जर्जर पड़ी वार्ड 17 के जोड़ा शिवालय मंदिर से राज ड्योढी की सड़क के नव निर्माण योजना को नगर विकास एवम आवास निर्माण विभाग से हरी झंडी मिल गई है। 

विभाग के अपर मुख्य सचिव के स्तर मिले निर्देश के बाद लाल बाजार के ऐतिहासिक जोड़ा शिवालय मंदिर से राज ड्योढी के पूर्वी गेट से राज कचहरी कार्यालय तक और राज कचहरी से टेंपो स्टेंड तक की पीसीसी सड़क का निर्माण भी राज्य योजना मद से कराए जाने की स्वीकृति नगर निगम बोर्ड से मिलने के बाद विभाग को भेजे गए अनुरोध पत्र के आलोक में कुल 99 लाख 93 हजार 400 की लागत वाली इस योजना का प्राक्कलन अंतिम स्वीकृति के लिए विभाग को भेजने का निर्देश महापौर के स्तर से नगर आयुक्त को दिए गए हैं। 

इसके साथ ही महापौर श्रीमती सिकारिया ने बताया कि महापौर श्रीमती सिकारिया ने बताया कि इसके साथ ही सात करोड़ से भी अधिक की लागत वाली नगर निगम क्षेत्र की तीन सड़क निर्माण योजनाओं को नगर निगम बोर्ड द्वारा सर्व सहमति से राज्य योजना मद से बनवाने के लिए पारित दो अन्य योजनाओं की स्वीकृति विभागीय स्तर से दिलाने की दिशा में पहल की जा रही है।

 जिसमें एनएच 727 से जोड़ने वाली कालीबाग ओपी चौक से जमादार टोला होकर मनुआ पुल तक की सड़क और संत तेरेसा रोड में कमलनाथ नगर के खीरी पेड़ मोड़ से सुप्रिया रोड में एनएच 727 तक की वर्षों से जर्जर सड़क पर नाला सहित पीसीसी सड़क का निर्माण शामिल है। महापौर श्रीमती सिकारिया ने बताया कि वर्षों से खस्ताहाल उपरोक्त तीनों जर्जर सड़कों का नाला सहित पीसीसी सड़क के नव निर्माण पर कुल 7 करोड़ 06 लाख 11,300 की राशि खर्च के प्रक्कलन को नगर निगम बोर्ड द्वारा सर्व सहमति से स्वीकृति दे दी गई है। जिसमें मनुवा पुल मुख्य के पास एन एच 727 से जुड़ी जमादार टोला होते हुए कालीबाग ओपी चौक से नजदीक विकास प्रसाद के घर तक पीसीसी सड़क एवं नाला निर्माण पर कुल 4 करोड़ 52 लाख 34 हजार की लागत का प्राक्कलन बना है। वही संत तेरेसा जाने वाली सड़क में खीरी के पेड़ से कमलनाथ नगर चौक होते हुए एनएच 727 में रोड तक पीसीसी सड़क एवं नाला निर्माण पर कुल 1 करोड़ 53 लाख 83,900 की लागत का प्रस्ताव है। महापौर ने यह भी बताया कि कमलनाथ नगर के मुख्य नाले के नवनिर्माण हेतु स्ट्राम वॉटर ड्रेनेज योजना में भी स्वीकृति मिल चुकी है।

पिंजरा पोल गौशाला स्थापना की 106वी वर्षगांठ पर ऐतिहासिक पिंजरा गौशाला को विकसित करने की फिर उठी मांग

बेतिया: राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एवं स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा स्थापित ऐतिहासिक पिंजरा पोल गौशाला को विकसित करने की फिर उठी मांग ।

जाने-माने गांधीवादी चिंतक सह सचिव सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन डॉ0 एजाज अहमद (अधिवक्ता) डॉ सुरेश कुमार अग्रवाल चांसलर प्रज्ञान अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय झारखंड, डॉ अमानुल हक संस्थापक मदर ताहिरा चैरिटेबल ट्रस्ट,डॉ शाहनवाज अली ,डॉ अमित कुमार लोहिया ने संयुक्त रूप से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी द्वारा स्थापित ऐतिहासिक पिंजरा पोल गौशाला को और भी विकसित करने की मांग सरकार से करते हुए कहा कि आज से लगभग 106 वर्ष पूर्व 7 अक्टूबर 1917 को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने अपने चंपारण सत्याग्रह आगमन पर अपने 48 वे जन्मदिन के उपलक्ष में ऐतिहासिक पिंजरा पोल गौशाला की स्थापना स्वतंत्रता सेनानियों , बेतिया के बुद्धिजीवियों एवं विभिन्न सामाजिक संगठनों के सहयोग से स्वयं ही आधारशिला रखी थी। अपने 106 वर्षों के इतिहास में ऐतिहासिक पिंजरापोल गौशाला समिति योगदान सराहनीय रहा है ।

 चंपारण सत्याग्रह शताब्दी वर्ष 2017 पर सरकार द्वारा एक अनुदान राशि पिंजरापोल गौशाला को उपलब्ध कराई गई थी ।संसाधनों के अभाव में ऐतिहासिक पिंजर पोल गौशाला अपने उद्देश्यों की समुचित पूर्ति नहीं कर पा रहा है ।

 चंपारण की गांधीवादी विभिन्न सामाजिक संगठनों के पदाधिकारियों एवं स्वयं डॉ एजाज अहमद अधिवक्ता की इच्छा है कि सरकार इस ऐतिहासिक धरोहर को संरक्षण प्रदान करते हुए मूलभूत सुविधाओं को विकसित करें ताकि आने वाली नई पीढ़ी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एवं अपने पुरखों द्वारा स्थापित ऐतिहासिक पिंजरा पोल गौशाला को देखकर स्मरण कर सके यही होगी सरकार द्वारा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एवं स्वतंत्रता सेनानियों के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि।

मेरी माटी मेरा देश" अभियान के तहत विभिन्न गांवो से संग्रहित की गई माटी को ब्लॉक स्तर पर एक कलश में मिश्रित कर भव्य कार्यक्रम का आयोजन

बेतिया: 44 वाहिनी सशस्त्र सीमा बल नरकटियागंज एवं पोस्ट ऑफिस बेतिया द्वारा “आजादी का अमृत महोत्सव” कार्यक्रम के अंतर्गत "मेरी माटी मेरा देश" अभियान के तहत चनपटिया एवं बेतिया ब्लॉक के विभिन्न गांवो से संग्रहित की गई माटी को ब्लॉक स्तर पर एक कलश में मिश्रित कर भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया तथा उपस्थित सभी स्थानीय लोगों को “आज़ादी का अमृत महोत्सव” एवं माटी पर आधारित फिल्म भी दिखाई गई |

कार्यक्रम में मेरी माटी मेरा देश थीम, देश भक्ति गीत, स्लोगन, राष्ट्रीय तिरंगा, म्युजिकल सिस्टम, बच्चों द्वारा सांस्कृतिक/देश भक्ति कार्यक्रम इत्यादि द्वारा देश भक्ति के रंग में रंगते हुए कार्यक्रम को बहुत ही जोश व् उत्साह से आयोजित किया गया | स्थानीय लोगों ने कार्यक्रम की सराहना करते हुए बेतिया व चनपटिया ब्लॉक के गांवो से संग्रह की गई माटी को ब्लॉक स्तर पर एक कलश में मिश्रित कर उत्साहपूर्वक कार्यक्रम में भाग लिया |

   

  "मेरी माटी मेरा देश" अभियान के तहत 44 वाहिनी सशस्त्र सीमा बल ने नरकटियागंज ब्लॉक, लौरिया, चनपटिया, बेतिया, गौनाहा, और मैंनाटांण ब्लॉक के गांव-गाँव जाकर प्रत्येक घरों से चुटकी भर माटी संग्रहित की है | यह माटी ब्लॉक स्तर पर एकत्र की गई, तत्पश्चात यह अमृत कलश राजधानी पटना होते हुए देश की राजधानी नई दिल्ली में संग्रहित की जाएगी एवं देश भर के लगभग 7500 ब्लॉकों से संग्रहित की गयी माटी से एक “अमृत वाटिका” का निर्माण किया जायेगा |

कार्यक्रम के दौरान श्री संजीव कुमार राय, सुपुत्र स्वर्गीय झोटिल प्रसाद राय स्वतंत्रता सेनानी, सम्मानित अतिथि, श्री शैलेन्द्र कुमार सुमन, सम्मानित अतिथि, सम्मानित अतिथि, श्री राजेंद्र कुमार बैठा, ब्लॉक प्रमुख चनपटिया, श्रीमती गायत्री देवी, उप मुख्य पार्षद नगर परिषद बेतिया, श्री राजेश्वर प्रसाद यादव, प्रधानाचार्य, राम लखन सिंह यादव कॉलेज बेतिया, श्री राम विनय उरांव, इंस्पेक्टर पोस्ट ऑफिस बेतिया, 44 वाहिनी के उप-कमान्डेंट श्री हरिमेंद्र कुमार दुबे, समवाय अधिकारी, अधीनस्थ अधिकारी , जवान, ग्रामीण महिलाएं, स्कूल के बच्चे, शिक्षक, NCC के छात्र/छात्रा, बलकार्मिक सहित बेतिया एवं चनपटिया के नेहरू युवा केंद्र के प्रतिनिधि सहित 250 अन्य लोग

 शामिल रहे |

बेतिया व चनपटिया ब्लॉक का यह अमृत कलश, अमृत वाटिका के निर्माण के लिए दिल्ली भेजें जाने हेतु नेहरू युवा केंद्र के प्रतिनिधि किशन श्रीवास्तव,दीपू कुमार बेतिया ब्लॉक एवं रितु कुमारी व गुड्डू कुमार चनपटिया ब्लॉक को मुख्य अतिथि द्वारा उपरोक़्त गणमान्य व अन्य की उपस्थिति में सौपा गया l

भारतीय दंड संहिता 1862 पारित होने की 161 वीं वर्षगांठ पर सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन के सभागार सत्याग्रह भवन में एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया

 आज दिनांक 6 अक्टूबर 2023 को भारतीय दंड संहिता 1862 पारित होने की 161 वीं वर्षगांठ पर सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन के सभागार सत्याग्रह भवन में एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया

,जिसमें विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों, बुद्धिजीवियों एवं छात्र छात्राओं ने भाग लिया। इस अवसर पर अंतरराष्ट्रीय पीस एंबेस्डर सह सचिव सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन डॉ एजाज अहमद अधिवक्ता डॉ सुरेश कुमार अग्रवाल चांसलर प्रज्ञान अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय झारखंड डॉ शाहनवाज अली , डॉ अमित कुमार लोहिया, मदर ताहिरा चैरिटेबल ट्रस्ट के संस्थापक डॉ अमानुल हक, सामाजिक कार्यकर्ता नवीदूं चतुर्वेदी पश्चिम चंपारण कला मंच की संयोजक शाहीन परवीन डॉ महबूब उर रहमान ने संयुक्त रूप से कहा कि भारतीय दंड संहिता भारत गणराज्य का आधिकारिक आपराधिक कोड है। यह आपराधिक कानून के सभी पहलुओं को कवर करने के उद्देश्य से एक पूर्ण कोड है। 

यह 1862 में सभी ब्रिटिश प्रेसीडेंसी में लागू हुआ, हालांकि यह उन देशी रियासतों पर लागू नहीं हुआ, जिनकी अपनी अदालतें और कानूनी प्रणालियाँ थीं। आज ही के दिन 6 अक्टूबर 1862को इसे कानून के तोर पर पारित किया गया था।

भारतीय दंड संहिता का पहला मसौदा थॉमस बबिंगटन मैकाले की अध्यक्षता में प्रथम विधि आयोग द्वारा तैयार किया गया था। मसौदा इंग्लैंड के कानून के सरल संहिताकरण पर आधारित था, जबकि एक ही समय में नेपोलियन संहिता और 1825 के लुइसियाना नागरिक संहिता से तत्व लिए गए थे।संहिता का पहला मसौदा वर्ष 1837 में गवर्नर-जनरल के समक्ष परिषद में प्रस्तुत किया गया था, लेकिन बाद के संशोधनों में दो दशक लग गए। संहिता का पूर्ण प्रारूपण 1850 में तैयार किया गया था ।

इस के बाद 1856 में विधान परिषद को प्रस्तुत किया गया था। प्रथम स्वतंत्रता संग्राम 1857 के कारण इसे ब्रिटिश भारत की क़ानून की किताब में रखने में देरी हुई।

कोड 1 जनवरी, 1860 को बार्न्स पीकॉक द्वारा कई संशोधनों के बाद लागू हुआ, जो कलकत्ता उच्च न्यायालय के पहले मुख्य न्यायाधीश के रूप में काम करने के लिए था।

 अंग्रेजों के आगमन से पहले, भारत में प्रचलित दंड कानून, अधिकांश भाग के लिए, मध्य कालीन भारती कानून थे। अपने प्रशासन के पहले कुछ वर्षों के लिए, ईस्ट इंडिया कंपनी ने देश के आपराधिक कानून में हस्तक्षेप नहीं किया ।1772 में, लार्ड वॉरेन हेस्टिंग्स के प्रशासन के दौरान, ईस्ट इंडिया कंपनी ने पहली बार हस्तक्षेप किया था, इस के बाद 1861 तक, समय-समय पर, ब्रिटिश सरकार द्वारा मध्यकालीन भारतीय कानून में बदलाव किया था, फिर भी 1862 तक, जब भारतीय दंड संहिता लागू हुई, तो मध्य कालीन कानून निस्संदेह प्रेसीडेंसी शहरों को छोड़कर आपराधिक कानून का आधार था

। इस अवसर पर डॉ एजाज अहमद अधिवक्ता डॉ मुकेश कुमार अधिवक्ता मिनहाज उल हक अधिवक्ता ने संयुक्त रूप से कहा कि भारतीय दंड संहिता विगत 161 वर्षों से भारत में न्याय का आधार साबित हो रहा है।

मंडल कारा बेतिया में कैदियों की हुई टीबी की जांच, महिला कैदियों को टीबी से बचाव को किया गया जागरूक

बेतिया - स्वास्थ्य विभाग के निर्देश के अनुसार कारागार में कैदियों के स्वास्थ्य सम्बंधित परेशानी को देखते हुए समय समय पर मेडिकल कैंप का आयोजन करने की सलाह दी गईं है। इसके आलोक में कैदियों की टीबी, एचआईवी, शुगर, बीपी व अन्य कई तरह की जाँच की जा रही है। साथ ही उन्हें बीमारियों की पहचान हेतु लक्षण व बचाव हेतु उपाय बताए जा रहे हैं। ताकि कैदी सुरक्षित रहें। गुरुवार को मंडल कारा बेतिया में कैदियों के बीच टीबी जांच शिविर का आयोजन कर 60 कैदियों की जांच हुई 13 कैदीयों का सैंपल कलेक्शन किया गया। 

इस दौरान जिला यक्ष्मा केंद्र के चिकित्सा पदाधिकारी डॉ चेतन जायसवाल ने बताया कि विभागीय निर्देश के आलोक में हर महीने की 5 तारीख़ को मंडल कारा में कैदियों के बीच टीबी बीमारी की जांच की जाती है। ताकि कैदियों के शरीर में संभावित एवं छिपे हुए टीबी का ससमय पता लगाकर स्क्रीनिंग कर उन्हें बेहतर उपचार प्रदान किया जा सके । 

महिला कैदियों को टीबी से बचाव को किया जागरूक 

केएचपीटी की जिला लीड मेनका सिंह ने महिला कैदियों को टीबी के बारे में विस्तृत जानकारी दी। बताया कि अगर किसी व्यक्ति को लगातार दो हफ्तों से ज्यादा खांसी, बुखार,बलग़म में खून आना,वजन में कमी,भूख न लगने की शिकायत हो तो उन्हें सरकारी अस्पताल में जाकर अपनी जाँच कराने की सलाह दी जाती है।मेनका ने बताया कि सामुदायिक जागरूकता से ही टीबी को समाज से पूरी तरह समाप्त कर सकते हैं। 

2025 तक टीबी उन्मूलन का है लक्ष्य

जिले के सिविल सर्जन डॉ श्रीकांत दुबे ने कहा कि टीबी एक गंभीर संचारी रोग है। जिसका समय पर इलाज न होने से एक दूसरे से संक्रमण बढ़ने की संभावना बनी रहती है। जिले को 2025 तक टीबी मुक्त बनाने के लिए शिक्षित वर्ग व समाजसेवी संस्थाओं को आगे आकर लोगों को जागरूक करना होगा। उन्होंने बताया कि जेल में बंद कैदियों की जांच इसी क्रम में एक अच्छी पहल है। इस पहल के जरिए जेल में बंद कैदियों की भी टीबी की जाँच व पहचान सुनिश्चित हो सकेगी।

मौके पर एसटीएलएस राजीव कुमार, एसटीएस प्रभुनाथ राम,जिला यक्ष्मा केंद्र के डीईओ सूरज कुमार,अशोक कुमार आदि उपस्थित थे।

सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन की सभागार सत्याग्रह भवन में "प्रेस की स्वाधीनता एवं लोकतंत्र की मजबूती" विषय पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया ।

                

 आज दिनांक 6 अक्टूबर 2023 को सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन की सभागार सत्याग्रह भवन में "प्रेस की स्वाधीनता एवं लोकतंत्र की मजबूती" विषय पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया ।

इस अवसर पर अंतर्राष्ट्रीय पीस एम्बेसडर सह सचिव सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन डॉ एजाज अहमद अधिवक्ता, डॉ सुरेश कुमार अग्रवाल चांसलर प्रज्ञान अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय झारखंड ,डॉ शाहनवाज अली, डॉ अमित कुमार लोहिया, मदर ताहिरा चैरिटेबल ट्रस्ट के संस्थापक डॉ अमानुल हक, पश्चिम चंपारण कला मंच की संयोजक शाहीन परवीन ने संयुक्त रूप से कहा कि प्रेस की स्वाधीनता एवं लोकतंत्र की मजबूती को आगे आए नई पीढ़ी के पत्रकार एवं मीडिया कर्मी ।

इस अवसर पर डॉ एजाज अहमद अंतर्राष्ट्रीय पीस एम्बेसडर सह सचिव सत्याग्रह रिसर्च फाऊंडेशन ,रवि सिंघानिया एवं डॉ अमानुल उल हक वरिष्ठ पत्रकार सह संस्थापक मदर ताहिरा चैरिटेबल ट्रस्ट ने नई पीढ़ी के मीडिया कर्मियों एवं पत्रकारों से अपील करते हुए कहा कि विचारों का स्वतंत्र आदान-प्रदान एवं प्रेस लोगों को सामाजिक मानदंडों के साथ सोचने के लिए प्रेरित करता है।

 उन विचारों और विचारों के आदान-प्रदान के लिए एक मंच प्रदान करता है जो देश भर के लोगों द्वारा सुने जाने योग्य हैं।

व्यक्ति या निकाय को उनके कार्यों के लिए जिम्मेदार ठहराना है। 

अक्सर, लोग अपने कार्यों को छिपाने की कोशिश करते हैं एवं मीडिया को इसमें शामिल किए बिना मामले को निपटाने की कोशिश करते हैं। प्रेस ऐसी स्थितियों को प्रकाश में लाता है एवं यह सुनिश्चित करता है कि आम लोगों के समर्थन से सही ढंग से न्याय मिले। इस पर प्रवक्ताओं ने कहा कि

लोगों की आवाज़ बने नई पीढ़ी के पत्रकार एवं मीडिया कर्मी।

 प्रेस एक चैनल के रूप में कार्य करता है जो बहुसंख्यक एवं सही लोगों के विचारों को लिखता और बोलता है। यह उन मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करता है जो दबा दिए गए हैं और उन मुद्दों को सामने लाता है जिनके बारे में बात की जानी चाहिए। इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि लोकतंत्र का चौथा स्तंभ पत्रकारिता।

 चूंकि मीडिया एक स्वतंत्र संस्था है जो सरकार को देश हित में चुनौती देती है। इसलिए इसे सरकार की न्यायपालिका, विधायी एवं कार्यकारी निकायों के साथ-साथ लोकतंत्र का चौथा स्तंभ भी कहा जा सकता है।

हालाँकि उस समय से कुछ प्रगति हुई है जब 'मीडिया की स्वतंत्रता' का अनुमान लगाया जा सकता है, लेकिन आज स्थिति बहुत अच्छी नहीं है। हाल के वर्षों में घृणा अपराध, झूठे आरोप, गलत चित्रण के कारण मुकदमे, फर्जी समाचार आदि के बहुत सारे मामले सामने आए हैं।