माइक्रो फाइनेंस कंपनी की 10 करोड़ की संपत्ति ईडी ने की सीज, 36 एकड़ संपत्ति की नीलामी स्थगित

रायपुर- ओडिशा की चिटफंड कंपनी माइक्रो फाइनेंस प्राइवेट लिमिटेड की 36 एकड़ संपत्ति की नीलामी स्थगित कर दी गई है। कंपनी की अभनपुर के खिलौरा गांव में यह जमीन है, जिसकी सोमवार यानी आज नीलामी की जानी थी, लेकिन इस भूमि को ईडी ने पहले ही सीज कर लिया है।

नौ अक्टूबर को जिला प्रशासन ने उक्त संपत्ति की नीलामी का आदेश जारी किया। वहीं मनी लांड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने चिटफंड फर्म माइक्रो फाइनेंस लिमिटेड के चीफ दुर्गा प्रसाद मिश्रा की तकरीबन 215 करोड़ की संपत्ति सीज कर दी है। इसमें अभनपुर के खिलौरा की जमीन अभनपुर खसरा नंबर 36 कुल रकबा 14.620 हेक्टेयर (36.13 एकड़) जमीन भी ईडी की सूची में शामिल है।

निवेशकों से 500 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का आरोप

ईडी की सूचना पर जिला प्रशासन द्वारा की जाने वाली नीलामी पर रोक लग गई। वहीं कंपनी के खिलाफ कई राज्यों में छह कंपनियां बनाकर निवेशकों से 500 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने के आरोप हैं। जिला प्रशासन से उक्त भूमि की कीमत का आकलन कर 10 करोड़ के बेस रेट से नीलामी का आदेश जारी कर दिया था।

छह माह पहले ही न्यायालय ने नीलामी का दिया था आदेश

दो प्रतिभागियों ने इसके लिए आवेदन भी कर दिया था। ऐन मौके पर जिला प्रशासन को जानकारी मिली कि पहले ही उक्त संपत्ति ईडी ने सीज कर रखी है। बता दें कि माइक्रो फाइनेंस कंपनी प्राइवेट लिमिटेड में रायपुर के 2,700 निवेशकों समेत प्रदेशभर के 35 हजार लोगों के 80 करोड़ रुपये से ज्यादा की ठगी की है और लगभग छह माह पहले ही न्यायालय ने जमीन की नीलामी आदेश दिया था

पहले भी रद हो चुकी थी नीलामी

इसी कंपनी की प्रापर्टी की नीलामी 14 जुलाई को करने के लिए तिथि निर्धारित की गई थी, लेकिन ऐन मौके पर वह भी रद कर दी गई थी। माइक्रो फायनेंस की अभनपुर में स्थित जमीन की नीलामी की जानी थी। प्रशासन ने इसकी सूचना पहले ही जारी कर दी थी, लेकिन बाद में यह नीलामी रद कर दी गई। तकनीकी कारणों की वजह से नीलामी रद की गई थी।

खिलौरा स्थित जमीन को ईडी ने किया सीज

माइक्रो फाइनेंस प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की अभनपुर के खिलौरा गांव स्थित जमीन को ईडी ने सीज कर लिया है। इसकी नीलामी की प्रक्रिया पूरी भी कर ली गई थी, लेकिन जानकारी मिलने के बाद फिलहाल इस नीलामी को स्थगित कर दिया गया है।

चुनावी तैयारी को लेकर आइजी व पुलिस कप्तान ने ली राजपत्रित अधिकारियों और थानेदारों की बैठक, अलर्ट रहकर काम करने निर्देश

रायपुर- विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर रायपुर पुलिस की रविवार को पहली बैठक हुई। रायपुर रेंज के आइजी रतनलाल डांगी और एसएसपी प्रशांत अग्रवाल ने सिविल लाइन स्थित सी-फोर सभाकक्ष में जिले के सभी राजपत्रित पुलिस अधिकारियों, थाना प्रभारियों की बैठक लेकर चुनावी रैलियों, वीआइपी के प्रवास, प्रदर्शन आदि के दौरान अलर्ट रहकर संयम पूर्वक कानून व्यवस्था बनाए रखने के निर्देश दिए।

आइजी डांगी ने चुनावी आमसभाओं, चुनाव से संबंधित हर छोटी घटना को ध्यान में रखकर सख्ती से वैधानिक कार्रवाई करने को कहा। उन्होंने कहा कि शराब, नशीले पदार्थ और चुनाव से संबंधित सामान का अवैध परिवहन रोकने के लिए प्रभावी कार्रवाई करें।

पोस्टल बैलेट का उपयोग करने की जानकारी दी

चुनाव ड्यूटी में तैनात अधिकारी-कर्मचारियों को पोस्टल बैलेट के माध्यम से अनिवार्य रूप से मतदान करने की भी अपील की। वहीं, डेमो देकर समझाया गया कि प्रशासन द्वारा नियुक्त नोडल अधिकारी के जरिए पोस्टल बैलेट का उपयोग कैसे करें।

थाना क्षेत्रों में प्वाइंट बढ़ाने के निर्देश

एसएसपी ने गुंडे, निगरानी बदमाश, असामाजिक तत्वों के विरुद्ध अधिक से अधिक प्रतिबंधात्मक कार्रवाई करने को कहा ताकि कोई घटना न घटे। रात्रि गश्त पूरी मुस्तैदी के साथ करते हुए सभी थाना क्षेत्रों में प्वाइंट बढ़ाने के निर्देश दिए।

*दो दुकानों से एक लाख का नल और टोटी उड़ाने वाले दो गिरफ्तार

रायपुर- टिकरापारा इलाके की ग्रेनाइट व टाइल्स दुकान के शटर का ताला तोड़कर एक लाख कीमत के नल और टोटी चुराने वाले दो शातिर चोरों को पुलिस ने आखिरकार रविवार को दबोच लिया। चोरों के पास से चोरी का सारा सामान बरामद करने के साथ ही घटना में इस्तेमाल बाइक भी बरामद की है।

टिकरापारा पुलिस थाना प्रभारी दुर्गेश रावटे ने बताया कि कृष्णानगर निवासी हनुमान कुमावत की एचपी पेट्रोल पंप के पास देवपुरी पवित्रा ग्रेनाइट नाम से दुकान है। चार अक्टूबर की रात में अज्ञात चोरों ने दुकान के शटर का ताला तोड़कर भीतर प्रवेश करने के बाद वहां से वरमोरा कंपनी का 20 नग नल पार कर दिया था। इसी तरह कमल विहार निवासी अमित घोड़ासरा की धरम नगर स्थित आदर्श सेल्स टाइल्स दुकान में 29 सितंबर की रात में चोरों ने धावा बोलकर 41 नग फेबल कंपनी का नल पार कर दिया था।

दोनों वारदात की शिकायत पर पुलिस ने चोरी का केस दर्ज कर जांच शुरू की। एसएसपी प्रशांत अग्रवाल, एएसपी पश्चिम जय प्रकाश बढ़ई, सीएसपी पुरानी बस्ती राजेश चौधरी के निर्देश पर टिकरापारा थाना पुलिस ने घटनास्थल से मिले सीसीटीवी फुटेज के आधार पर चोरों की तलाश शुरू की।

आखिरकार चोरी में शामिल डीडीनगर इलाके के श्रीरामनगर, चंगोराभाठा में रह रहे मूलत: ग्राम मानिकपुरी, अभनपुर निवासी राहुल यादव (22) और मूल निवासी बलौदाबाजार के ग्राम रोहासी हाल करणनगर, डीडीनगर के लक्ष्मीनारायण साहू उर्फ लक्ष्मी (21) को गिरफ्तार कर लिया। चोरों के पास से बरामद बाइक भी कोतवाली इलाके से चोरी की गई थी।

दुबई से संचालित होती है महादेव सट्टा एप के सटोरियों की 60 वेबसाइट, अधिकारियों को हर महीने मिलते थे 55 से 75 लाख रुपये

रायपुर- छत्तीसगढ़ सहित कुछ अन्य राज्यों में महादेव ऑनलाइन सट्टा एप को लेकर प्रतिदिन नए-नए तथ्य सामने आ रहे हैं। अब पता चला है कि दुबई से महादेव एप के सटोरियों की 60 वेबसाइट संचालित हो रही है। यह वेबसाइट ग्रुप चैट रूम को मेंटेन करती हैं।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की अब तक की जांच में प्रदेश के कई पुलिस अधिकारियों, नौकरशाहों और नेताओं की एप के संचालक सौरभ चंद्राकर व रवि उप्पल के साथ साठगांठ का राजफाश हुआ है। सूत्रों की मानें तो रायपुर सेंट्रल जेल में बंद निलंबित एएसआइ चंद्रभूषण वर्मा के माध्यम से ही इन अधिकारियों और नेताओं को रिश्वत की मोटी रकम हर महीने पहुंचाई जाती थी।

ईडी की जांच में एक एएसपी को हर महीने 55 लाख रुपये देने की बात सामने आई है। इसके अलावा ड्रग्स और इंटेलिजेंस विंग में तैनात कुछ आइपीएस अधिकारियों को 75 लाख रुपये हर महीने दिए जाते थे। जैसे ही कोई मामला सामने आता था, उसे दबाने के लिए रिश्वत की रकम बढ़ा दी जाती थी।

इसके साथ प्रदेश के कुछ प्रभावशाली नेताओं के ओएसडी पद पर तैनात अधिकारियों के भी सट्टेबाजी के खेल में शामिल होने के ठोस सुबूत ईडी को मिले हैं। जांच के घेरे में आए इन सभी अधिकारियों पर ईडी शिकंजा कसने की तैयारी कर रही है। बता दें कि महादेव आनलाइन सट्टा एप मामले में कई सेलिब्रिटीज भी संदेह के दायरे में आ गई हैं। ये सौरभ चंद्राकर की दुबई में हुई शादी में शामिल हुई थीं।

चैटिंग एप को मेंटेन करती हैं वेबसाइट

महादेव एप का संचालक सौरभ चंद्राकर जांच एजेंसी को चकमा देने के लिए शातिराना अंदाज में यूजर्स से न सिर्फ सट्टा लगवाता है, बल्कि पैसे भी अलग-अलग तरीके से उन तक पहुंचवाता है। महादेव आनलाइन सट्टा एप के साथ करीब 60 वेबसाइट के चैट रूम बनाए गए हैं, जो अलग-अलग चैट एप्लीकेशन को मेंटेन करते हैं। महादेव आनलाइन सट्टा एप व वेबसाइट पर एक नंबर शेयर किया जाता है, जिस पर सिर्फ वाट्सएप एप्लीकेशन के जरिए ही संपर्क होता है। सट्टा मुख्य रूप से एप से ही खेला जाता है।

पैसे के लिए दूसरे नंबर का इस्तेमाल

जब यूजर्स वेबसाइट पर शेयर किए गए नंबर से एक बार संपर्क करता है तो उसे दो अलग-अलग नंबर दिए जाते हैं। एक नंबर पर संपर्क करके पैसा लगाया जाता है और प्वाइंट आइडी इकट्ठा की जाती है, जो यूजर्स की ओर से वेबसाइट पर बनाई जाती है। दूसरे नंबर का उपयोग जीत की रकम को नगदी में तब्दील करने के लिए किया जाता है। इसके माध्यम से ही पैसे को लेकर सटोरियों के बीच बातचीत होती है।

दुबई में बैठकर ऑपरेट कर रहे हैं सौरभ, रवि

महादेव आनलाइन सट्टा एप से जुड़े लोगों की छत्तीसगढ़ पुलिस के साथ ही आंध्र प्रदेश पुलिस भी जांच कर रही है। आंध्र प्रदेश के भी अलग-अलग शहरों में महादेव एप के कई काल सेंटर चलाए जा रहे हैं। आंध्र प्रदेश पुलिस की जांच में सामने आया है कि सभी वेबसाइट को दुबई में बैठकर सौरभ चंद्राकर अपने साथियों रवि उप्पल, कपिल चेलानी और सतीश कुमार की मदद से आपरेट कर रहा है। जांच में यह भी तथ्य सामने आया है कि महादेव एप के जरिए अलग-अलग खेलों पर करोड़ों रुपये का सट्टा लगाया जाता है। इन खेलों में क्रिकेट के साथ-साथ कार्ड गेम्स, चांस गेम, बैडमिंटन, टेनिस, फुटबाल, तीन पत्ती, ड्रैगन टाइगर आदि शामिल हैं।

सीएम भूपेश ने कहा- पीएससी में चयनित एक भी अभ्यर्थी मंत्री-विधायक के रिश्तेदार नहीं, शिकायत मिलने पर होगी जांच

रायपुर- मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रविवार को छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (सीजीपीएससी) की नियुक्ति में लगे धांधली के आरोपों पर पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह और भाजपा को जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि भाजपा राजनीति करने की जगह शिकायत दर्ज कराए, हम जांच कराएंगे।

भाजपा के लोग पीएससी के मामले में लगातार आरोप लगा रहे हैं कि सरकार के बैठे लोगों और अधिकारियों के रिश्तेदार का चयन हो रहा है। मैं दावे के साथ कहता हूं कि चयनित अभ्यर्थियों में एक भी मंत्री और विधायक के रिश्तेदार नहीं है। सरकार की इसमें कोई भूमिका नहीं है।अधिकारियों के मामले में कोर्ट में जवाब दे रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह पर निशाना साधते हुए बघेल ने कहा कि भाजपा के शासनकाल में सभी परीक्षाएं विवादित रहीं। हाईकोर्ट में उन परीक्षाओं के खिलाफ फैसले आए, मगर इसमें कोई कार्रवाई नहीं की गई। रमन सिंह अब किस आधार पर धांधली होने का बयान दे रहे हैं। उनके कार्यकाल में पीएससी की ऐसी कौन सी परीक्षा थी, जो विवादित नहीं रही।

पूर्व मुख्यमंत्री ने लिखी थी पीएम को चिट्ठी

पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने पीएससी भर्ती में भाई-भतीजावाद का आरोप लगाते हुए शनिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को चिट्ठी लिखी थी और मामले की सीबीआइ जांच की मांग की थी। रमन सिंह का आरोप था कि इसमें 18 ऐसे लोगों को नियुक्ति दी गई है जो कि सत्तारूढ़ पार्टी कांग्रेस के नेताओं और बड़े अधिकारियों के रिश्तेदार हैं। पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर ने हाई कोर्ट में इसे लेकर याचिका भी लगाई है।

छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव 7 एवं 17 नवंबर को, मतगणना 3 दिसंबर

रायपुर- भारत निर्वाचन आयोग ने आज पांच राज्यों छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना एवं मिजोरम में होने वाले विधानसभा चुनावों की तारीख की घोषणा कर दी। छत्तीसगढ़ में मतदान दो चरणों 7 नवंबर एवं 17 नवंबर को होंगे। मतगणना 3 दिसंबर को होगी।

मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने आज नई दिल्ली में प्रेस कांफ्रेंस लेकर पांच राज्यों के चुनावी कार्यक्रमों की घोषणा की। उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश में 17 नवंबर, राजस्थान में 23 नवंबर, तेलंगाना में 30 नवंबर तथा मिजोरम में 7 नवंंबर को मतदान होगा। वोटर लिस्ट का अंतिम प्रकाशन 17 अक्टूबर तक होगा, जिसमें संशोधन की गुंजाइश 23 अक्टूबर तक होगी। छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र में नये मतदान केन्द्र बनाए जा रहे हैं ताकि मतदाताओं को लंबी दूरी तय नहीं करनी पड़े।

प्रमुख बिन्दु

1. पिछले छह महीने से युद्ध स्तर पर चल रही थी पांच राज्यों के चुनाव की तैयारियां

2. भारत निर्वाचन आयोग की टीम ने सभी पांच राज्यों के दौरे किए और वहां राजनीतिक पार्टियों की राय जानी

3. 5 राज्यों में 16 करोड़ से ज्यादा वोटर मतदान करेंगे

4. पांच राज्यों में पुरुष मतदाताओं की संख्या 8.2 करोड़ तथा महिला मतदाताओं की संख्या 7.8 करोड़ है

5. 60 लाख से अधिक युवा पहली बार वोट देंगे

6. अपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों को 3 बार अपने बारे में समाचार पत्र में जानकारी प्रकाशित करवानी होगी

7. राजनीतिक पार्टियों को चुनावी चंदे का विवरण 31 अक्टूबर तक निर्वाचन आयोग को देना होगा

राजधानी के सड़कों पर बवाल : नशे में धुत सरेराह लड़के-लड़कियों ने की मारपीट, पुलिस ने 10 आरोपियों को किया गिरफ्तार

रायपुर।  राजधानी के तेलीबांधा इलाके में एक बार फिर शराब के नशे में कुछ युवकों-युवतियों ने जमकर हंगामा किया। दो दिनों के भीतर यह दूसरी घटना है। वाहन पास करने साईड लेने के नाम पर दो पक्षों में विवाद हुआ। इसके बाद इनके बीच जमकर मारपीट शुरू हो गई। इसका वीडियो भी सोशल मीडिया में प्रसारित हुआ है। तेलीबांधा थाने में एक पक्ष ने रिपोर्ट दर्ज करवाई है।

राजधानी में अब पुलिस का खौफ पूरी तरह खत्म हो गया है। आए दिन सड़कों पर शराब के नशे में मारपीट का मामला सामने आता रहता है। शुक्रवार को हुए युवतियों के हंगामे और मारपीट के बाद शनिवार रात भी तेलीबांधा थाना क्षेत्र में युवक–युवतियों के मारपीट का मामला सामने आया है।

इस पूरी घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया में वायरल हुआ। जोरा ओवर ब्रिज में वाहन पास करने साईड लेने के नाम पर दो पक्षों में मारपीट हुई है। सूचना मिलते ही थाना तेलीबांधा पुलिस मौके पर पहुंची और मामला शांत करवाया। पुलिस ने मामले में दोनो पक्षों के विरुद्ध अपराध दर्ज कर सभी 10 आरोपी सहित 3 चार पहिया वाहनों को भी अपने अधिपत्य में लिया है। एक पक्ष प्रार्थिया डिंपल ईसरानी की रिपोर्ट पर आरोपी 7 आरोपीयों को आकाश शर्मा, राहुल वैष्णव, गौतम सिंह राजपूत, रवरी भारती, आसिमा लाल, अपूर्व भट्टाचार्य, अजय महापात्र को गिरफ्तार किया है। तो वहीं दूसरे पक्ष प्रार्थिया रावरी भारती के साथ मारपीट तथा दांत से काट कर चोट पहुचाये जाने के रिपोर्ट पर 3 आरोपियों शैलेश इशरानी, डिंपल ईसरानी और आकाश सचदेव को गिरफ्तार किया गया है।

रविशंकर विश्वविद्यालय के छात्रों के लिए जरूरी खबर, अब ढाई महीने में करनी होगी वार्षिक परीक्षाओं की तैयारी

रायपुर-  पंंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय की तरफ से जारी वार्षिक शैक्षणिक कैलेंडर के मुताबिक एक मार्च से बीए, बीएससी, बीकाम, बीसीए जैसी कक्षाओं की वार्षिक परीक्षाएं शुरू होगी। पूरक परीक्षाओं में हुई देरी के वजह से अब छात्रों को वार्षिक परीक्षाओं की तैयारी महज ढाई महीने में ही करनी होगी। इन ढाई महीनों में लगभग 15 से 20 दिन का अवकाश होने की वजह से कालेज भी नहीं खुलेंगे। इस बार पूरक परीक्षा का नियम बदला गया है।

अब दो विषयों में फेल छात्रों को भी पूरक की पात्रता दी जाएगी। पूरक परीक्षा के नियम बदलने की वजह से पूरक परीक्षाओं में भी देरी हुई है। अभी दो विषयों में फेल छात्रों से पूरक परीक्षा के लिए फार्म भरवाए जा रहे हैं। विश्वविद्यालय प्रबंधन पूरक परीक्षाओं की तिथि घोषित कर दी है। घोषित तिथि के अनुसार पूरक परीक्षाएं 27 अक्टूबर से शुरू हो रही है। इसके लिए आवेदन प्रक्रिया भी शुरू हो गई है।

नए नियम लागू होने की वजह से पूरक छात्रों की संख्या भी बढ़ गई है। विश्वविद्यालय की बीए, बीएससी, बीकाम, बीसीए समेत अन्य कक्षाओं की वार्षिक परीक्षा लगभग सवा लाख छात्रों ने दी है। जिमसें 50 हजार छात्र पास और 50 हजार छात्र फेल घोषित हुए हैं। 25 हजार छात्र-छात्राएं पूरक है। जो छात्र फेल हुए है उनमें से करीब 25 हजार छात्र ऐसे हैं जो दो विषयों में फेल है। इस वजह से अब लगभग 50 हजार छात्र पूरक परीक्षा में शामिल होंगे।

22 नवंबर तक चलेंगी पूरक परीक्षाएं

विश्वविद्यालय की तरफ से जारी समय-सारणी के मुताबिक पूरक परीक्षाएं 27 अक्टूबर से शुरू होकर 22 नवंबर तक चलेंगी। पूरक परीक्षा में छात्रों की संख्या अधिक होने की वजह से परीक्षा परिणाम आने में भी 15 से 20 दिन का समय लगेगा।पूरक परीक्षाओं का परिणाम दिसंबर के दूसरे सप्ताह तक आएगा। पूरक परीक्षाओं में पास हुए छात्रों के पास वार्षिक परीक्षा की तैयारी के लिए लगभग ढाई महीने का समय रहेगा। उन्हें अभी से ही अपनी परीक्षाओं की तैयारी शुरू कर देनी चाहिए।

पूरक परीक्षाओं के लिए आवेदन शुरू

नए नियम के अनुसार कालेजों में पूरक परीक्षाओं के आवेदन शुरू हो गए हैं। दो विषयों में फेल छात्र-छात्राएं कालेज में जाकर आवेदन कर रहें हैं। पूरक परीक्षाओं के लिए 16 अक्टूबर तक छात्र आवेदन कर सकते हैं।दो विषयाें में फेल छात्रों को पूरक की पात्रता इसी सत्र के लिए मिली है। कोरोना के कारण तीन वर्ष तक छात्रों ने आनलाइन परीक्षा दी थी। इस वर्ष आफलाइन परीक्षा होने के कारण बड़ी संख्या में छात्र अनुत्तीर्ण हुए थे। छात्र संगठन और राजनीतिक संगठन के लोगों ने दो विषयों में फेल छात्रों को पूरक की पात्रता देने की मुख्यमंत्री से मांग की थी।

पीआरएसयू कुलसचिव डा. शैलेंद्र पटेल ने कहा, पूरक नियम बदलने की वजह से परीक्षाएं देरी से शुरू हो रही है। वार्षिक परीक्षाओं की समय-सारणी पहले से तय है। छात्रों को भी पता हो गया था दो विषय में फेल होने के बाद भी पूरक परीक्षाओं में मौका मिलेगा। छात्रों को अभी से वार्षिक परीक्षाओं की तैयारी शुरू कर देनी चाहिए। वार्षिक परीक्षाओं की तिथि पर किसी भी तरह का बदलाव नहीं किया जाएगा।

क्रिप्टों करेंसी में निवेश का झांसा देकर 30 लाख की ठगी, महासमुंद जिले के तीन आरोपितों पर धोखाधड़ी का केस दर्ज

रायपुर- राजधानी में क्रिप्टों करेंसी नेटवर्क मार्केटिंग प्रोजेक्ट में पैसा लगाने पर छह महीने में दोगुना रकम करने का झांसा देकर एक बीमा कंपनी की महिला कर्मी से तीन लोगों ने 30 लाख 25 हजार रूपये ठग लिए।ठगी की शिकार युवती की शिकायत पर तेलीबांधा थाना पुलिस ने महासमुंद जिले के तीन आरोपितों के खिलाफ चार सौ बीसी का केस दर्ज कर लिया है। फिलहाल आरोपितों की गिरफ्तारी नहीं हुई है।

पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार कोटक महिंद्रा लाइफ इंश्योरेंस में कार्यरत शांतिनगर,भारत माता चौक निवासी कुमारी ललिता सोना(34) का खुद का व्यापार है। एक सितंबर 2022 को उनके मोबाइल पर 9827262080 नंबर से सरायपाली,महासमुंद निवासी तेज कुमार पुरी ने काल कर खुद क्रिप्टो करेंसी से संबंधित किसी प्रोजेक्ट में काम करना और उसमें पैसा लगाने पर छह महीने में रकम दोगुना करने का आश्वासन दिया।

इसके बाद वह लगातार पैसा निवेश करने प्रेरित करता रहा। इस दौरान तेज कुमार ने छह सितंबर 2022 को वीआइपी चौक के पास स्थित ट्रिटोन होटल में उस प्रोजेक्ट के संबंध में साथियों द्वारा एक सेमिनार आयोजित करने की जानकारी देकर आमंत्रित किया। ललिता सेमिनार में शामिल हुई,जहां तेज कुमार पुरी के साथ पिथौरा निवासी समीर कुमार मिश्रा, सत्यवती दुबे, किशोर कुमार, प्रेमलाला प्रधान, बालेश्वर प्रधान, चैतन कुमार साहू, घासीदास मानिकपुरी, तेजराम देवांगन, अरखीत दास, राकेश गुप्ता आदि मौजूद थे।

सभी से तेजकुमार ने ही परिचय कराया। इसके बाद 18 अक्टूबर को फिर से उसी होटल में बुलाकर तेज कुमार पुरी, समीर कुमार मिश्रा,सत्यवती दुबे ने नेटबैंकिंग के माध्यम से तेज कुमार पुरी के इंडियन बैंक के खाते में 4.50 लाख रूपये आरटीजीएस कराया। फिर आरोपितों ने मिलकर 27 दिसंबर 2022 तक किश्तों में नकद और अलग-अलग बैंक खातों में कुल 30 लाख 25 हजार रूपये जमा करा लिया।

दिसंबर में ही तेजकुमार ने निवेश किया गया पैसा दोगुना वापस लौटाने की गारंटी देते हुए आइडीबीआइ और एसबीआइ का चार-चार चेक दिए थे। छह महीने बीत जाने के बाद ललिता ने आरोपितों का काल किया तो सभी का मोबाइल स्वीच आफ हो चुका था। बाद में दिए गए चेक को बैंक में जमा करने पर वह भी बाउंस हो गया।

आचार संहिता का उल्लंघन रोकने सी-विजिल एप होगा कारगर

कोरबा-  भारत निर्वाचन आयोग द्वारा निर्वाचन में पारदर्शिता और विश्वसनीयता सुनिश्चित करने के लिए सी-विजिल मोबाइल एप्लीकेशन उपलब्ध कराया गया है। सी-विजिल का अर्थ सिटीजन विजिलेंस यानी नागरिकों की सतर्कता है। सी-विजिल के माध्यम से आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के मामलों की कुशलतापूर्वक त्वरित रिपोर्ट प्रस्तुत किया जा सकता है।

एप के माध्यम से आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन की गतिविधि को रोकने में मदद मिलती है और निर्वाचन प्रक्रिया पारदर्शी एवं जवाबदेही सुनिश्चित की जाती है। सी-विजिल मोबाइल एप्लीकेशन को गूगल प्ले स्टोर एवं एप्पल स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है।

यह एप्लीकेशन नागरिक जुड़ाव और प्रवर्तन प्रक्रिया में भागीदारी को बढ़ावा देता है। निर्वाचन को ठीक से संचालित करने के लिए विश्वास-आधारित साझेदारी की आवश्यकता है और यह मोबाइल एप्लीकेशन जागरूकता, विश्वास और आत्मविश्वास पैदा कर उस साझेदारी को सुगम बनाने में सहायक सिद्ध होता है। कलेक्टर ने जिले के सभी विधानसभाओं के लिए नियुक्त रिटर्निंग आफिसर सहित अन्य अधिकारियों को सी-विजिल मोबाइल एप्लीकेशन के व्यापक प्रचार-प्रसार की बात कही गई है।

सी-विजिल मोबाइल एप्लीकेशन निर्वाचन सीमा के भीतर प्रत्येक नागरिक को आवेदन में साइन-इन करके अपने मोबाइल फोन के माध्यम से फोटो, आडियो, वीडियो लेकर आदर्श आचार संहिता व व्यय उल्लंघन की रिपोर्ट करने की अनुमति देता है। ऐप नागरिकों को उनके व्यक्तिगत विवरण पहचान का खुलासा किए बिना गुमनाम रूप से शिकायत करने की भी अनुमति देता है।

जब उपयोगकर्ता उल्लंघन की रिपोर्ट करने के लिए सी-विजिल में अपने कैमरे को चालू करते हैं, तो ऐप स्वचालित रूप से एक जियो-टैगिंग सुविधा को सक्षम करता है, जिससे फिल्ड यूनिट की घटना के सटीक स्थान को जानने में मदद मिलती है। ऐप सभी आदर्श आचार संहिता उल्लंघन व शिकायतों तक पहुंच सकता है और रीयल-टाइम प्रगति की जांच कर सकता है। फील्ड यूनिट द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट के बाद निर्णयकर्ता व रिटर्निंग अधिकारी सी-विजिल मामलों पर ड्राप, डिसाइड और एस्केलेट जैसी कार्रवाई कर सकते हैं।